प्रश्न 4.
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर:
हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च - दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता देते हैं, इसके निम्न कारण हैं
- यह सदैव वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब बनाता है। यद्यपि वह छोटा होता है।
- इनका दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक होता है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। इसलिए ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।
पृष्ठ 188.
प्रश्न 1.
उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिये जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 cm है।
उत्तर:
उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 32 cm.
अतः फोकस दूरी \(f=\frac{R}{2}=\frac{32}{2}=16 \mathrm{~cm}\)
अंतः उत्तल दर्पण की फोकस दूरी = 16 सेमी. है।
प्रश्न 2.
कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है?
उत्तर:
गोलीय दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन (m)
\(\frac{h^{\prime}}{h}\) =
\(-\frac{v}{u}\)
दिया हुआ है बिंब का तीन गुणा आवर्धित वास्तविक प्रतिबिंब बनता है
अतः h' = -3h (वास्तविक प्रतिबिम्ब के लिए ऋणात्मक चिह्न)
मान रखने पर
\(\frac{3 h}{h}=\frac{-V}{u} \quad \therefore \frac{v}{u}=3\)
बिंब की दूरी (u) = 10 cm
अतः \(\frac{v}{-10}\) = 3
v = 3 x (-10)
= -30 cm
अतः प्रतिबिम्ब दर्पण से 30 cm की दूरी पर उसके सामने बनेगा।
पृष्ठ 194.
प्रश्न 1.
वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण जल में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?
उत्तर:
प्रकाश की किरण अभिलम्ब की तरफ झुकेगी क्योंकि जल, वायु की तुलना में सघन है। इसलिए जब प्रकाश की किरण वायु से (विरल माध्यम से) पानी में (सघन माध्यम) प्रवेश करती है तब प्रकाश की गति कम हो जाती है और वह अभिलम्ब की तरफ झुक जाती है।
प्रश्न 2.
प्रकाश वायु से 1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल 3 x 108 m/s है।
उत्तर:
दिया गया है
काँच का अपवर्तनांक (nm) = 1.50
निर्वात में प्रकाश की चाल (c) = 3 x108 m/s
\(\because\) nm = \(\frac{\boldsymbol{c}}{v}\) होता है
\(\therefore\) \(v=\frac{c}{n_{m}}\)
अतः काँच में प्रकाश की चाल \(v=\frac{3 \times 10^{8}}{1.50}\) = 2 x 108
अतः 2 x 108 m/s
प्रश्न 3.
सारणी 10.3 (पाठ्यपुस्तक में देखें) से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
अंधिकतम प्रकाशिक घनत्व का माध्यम हीरा है, चूँकि हीरे का निरपेक्ष अपवर्तनांक का मान अधिकतम है।
प्रश्न 4.
आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 (पाठ्यपुस्तक में देखें) में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर:
जल का अपवर्तनांक 1.33, मिट्टी के तेल का अपवर्तनांक 1.44 तथा तारपीन तेल का अपवर्तनांक 1.47 होता है। स्पष्ट है कि पानी का अपवर्तनांक सबसे कम है। अतः पानी में प्रकाश का वेग मिट्टी के तेल तथा तारपीन के तेल से अधिक होगा।
प्रश्न 5.
हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इसका अभिप्राय यह है कि हीरे में प्रकाश की चाल, निर्वात में प्रकाश की चाल की imm गुनी होगी।
पृष्ठ 203.
प्रश्न 1.
किसी लैंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
1 डाइऑप्टर उस लैंस की क्षमता है, जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो (1D = 1m
-1)। अतः
प्रश्न 2.
कोई उत्तल लैंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब उस लैंस से 50 cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लैंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिम्ब उसी साइज का बन रहा है जिस साइज का बिंब है। लैंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है
v = + 50 cm.
तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाई = वस्तु की लम्बाई
(h) (h)
\(\therefore\) आवर्धन m = \(\frac{h^{\prime}}{h}\) = -1 ( \(\because\) प्रतिबिम्ब वास्तविक व उल्टा है।)
परन्तु लैंस के लिए \(m=\frac{v}{u}\) ( \(\frac{v}{u} = -1\))
अतः \(u=-v=-50 \mathrm{~cm} .\)
अतः सुई उत्तल लैंस के सामने उससे 50 cm. दूरी पर रखी है।
लैंस के सूत्र से \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
अत: \(\frac{1}{f}=\frac{1}{50}-\frac{1}{-50}\)
\(\frac{1}{f}=\frac{1}{50}+\frac{1}{50}=\frac{2}{50}=\frac{1}{25}\)
\(\therefore\) f = 25 cm 0.25 cm
\(\therefore\) लैंस की क्षमता p = imm
\(P=\frac{1}{0.25}=+4 D\)
RBSE Class 10 Science Chapter 10 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा पदार्थ लैंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर:
(d) मिट्टी।
प्रश्न 2.
किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(a) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र के बीच
(b) वक्रता केंद्र पर
(c) वक्रता केंद्र से परे
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:
(d) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच।
प्रश्न 3.
किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लैंस के सामने कहाँ रखें?
(a) लैंस के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(c) अनंत पर
(d) लैंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:
(b) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर।
प्रश्न 4.
किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लैंस दोनों की फोकस दूरियाँ - 15 cm हैं। दर्पण तथा लैंस संभवतः हैं
(a) दोनों अवतल।
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लैंस उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लैंस अवतल
उत्तर:
(a) दोनों अवतल।
प्रश्न 5.
किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवत: दर्पण है
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर:
(d) या तो समतल अथवा उत्तल।
प्रश्न 6.
किसी शब्दकोश (Dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लैंस पसंद करेंगे?
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस
(b) 50 cm फोकस दूरी का एक अवतल लैंस
(c) 5 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस
(d) 5 cm फोकस दूरी का एक अवतल लैंस
उत्तर:
(a) 50 cm फोकस दूरी का एक उत्तल लैंस।
प्रश्न 7.
15 cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर:
- यदि वस्तु को अवतल दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के मध्य स्थिर किया जाये तब वस्तु का सीधा प्रतिबिम्ब बनता है। अतः वस्तु की अवतल दर्पण के ध्रुव से दूरी 15 cm. से कुछ कम हो सकती है।
- प्राप्त प्रतिबिम्ब कल्पित एवं सीधा होगा।
- प्रतिबिम्ब का आकार बिम्ब से बड़ा होगा।
- नीचे चित्र में किरण आरेख को प्रदर्शित किया गया है
प्रश्न 8.
निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए
(a) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(b) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(c) सौर भट्टी अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
(a) कार की हैडलाइटों में अवतल दर्पण प्रयुक्त होता है। बल्ब दर्पण के मुख्य फोकस पर स्थित होता है तथा बल्ब से निकलने वाली किरणें परावर्तन के पश्चात् दर्पण से समानान्तर होकर सड़क पर पड़ती हैं, जिससे वाहन के सामने का पथ प्रकाशित हो जाता है।
(b) उत्तल दर्पण; क्योंकि उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है। इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है, जिससे चालक को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र का प्रतिबिम्ब प्राप्त होता रहता है।
(c) सौर भट्टी में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। इसमें गर्म किए जाने वाले बर्तन को दर्पण के फोकस पर रखते हैं। अवतल दर्पण सूर्य की समान्तर किरणों के रूप में आती ऊर्जा को दर्पण से परावर्तन के उपरान्त फोकस पर रखे बर्तन पर केन्द्रित कर देता है। अतः सौर भट्टियों में सूर्य के प्रकाश को केन्द्रित करने के लिए अवतल दर्पणों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 9.
किसी उत्तल लैंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लैंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यह लैंस वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बनायेगा, जैसा नीचे चित्र में दिखाया गया है
प्रायोगिक सत्यापन:
सर्वप्रथम एक प्रकाशित बैंच के स्टैण्ड पर उत्तल लैंस लगाते हैं, लैंस की फोकस दूरी से कुछ अधिक दूरी पर, स्टैण्ड में एक जलती मोमबत्ती लगाकर दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। अब लैंस के आधे भाग को काले कागज से ढककर लैंस के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं।
व्याख्या:
लैंस आधा काला कर देने पर भी उस बिन्दु पर किरणें आती हैं तथा मोमबत्ती का पूरा प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है परन्तु किरणों की संख्या कम होने के कारण प्रतिबिम्ब की तीव्रता घट जाती है।
प्रश्न 10.
5 cm लंबा कोई बिंब 10 cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लैंस से 25 cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार दिया गया है
बिंब की दूरी u = -25 cm
फोकस दूरी f = + 10 cm
बिम्ब की ऊँचाई h = 5 cm
तो प्रतिबिम्ब की दूरी v = ?
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई h' = ?
लैंस सूत्र से \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}+\frac{1}{u}\)
मान रखने पर \(\begin{aligned} \frac{1}{v} &=\frac{1}{10}+\frac{1}{-25}=\frac{1}{10}-\frac{1}{25} \\ &=\frac{5-2}{50} \end{aligned}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{3}{50} \therefore v=\frac{50}{3}=16.66 \mathrm{~cm}\)
अतः प्रतिबिम्ब लैंस के दूसरी ओर16.66 cm दूरी पर बनेगा।
पुन: बिम्ब की लम्बाई h = 5 cm
माना प्रतिबिम्ब की लम्बाई h है, तो
आवर्धन \(m=\frac{v}{u}=\frac{h^{\prime}}{h}\)
प्रतिबिम्ब की लम्बाई
\(\begin{aligned} h^{\prime} &=h\left(\frac{v}{u}\right) \\ &=5\left(\frac{50 / 3}{-25}\right) \end{aligned}\)
या \(h^{\prime}=\frac{5 \times 50}{-25 \times 3}\)
\(\therefore\) \(h^{\prime}=-\frac{10}{3}=-3.3 \mathrm{~cm}\)
अतः प्रतिबिम्ब की स्थिति 16.66 cm दूर, प्रतिबिम्ब का साइज -3.3 cm तथा प्रकृति वास्तविक होगी।
प्रश्न 11.
15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लैंस किसी बिंब का प्रतिबिम्ब लैंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लैंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
लैंस सूत्र से \(\frac{1}{v}-\frac{1}{u}=\frac{1}{f}\) से
\(\frac{1}{u}=\frac{1}{v}-\frac{1}{f}\)
मान रखने पर:
\(\begin{aligned} &\frac{1}{u}=-\frac{1}{10}-\left(-\frac{1}{15}\right) \\ &\frac{1}{u}=-\frac{1}{10}+\frac{1}{15}=\frac{-3+2}{30} \\ &\frac{1}{u}=-\frac{1}{30} \end{aligned}\)
u = -30 cm
प्रश्न 12.
15 cm फोकस दूरी का कोई अवतल लैंस किसी बिंब का प्रतिबिम्ब लैंस से 10 cm दूरी पर बनाता है। बिंब लैंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार दिया गया है
\(\begin{aligned} &u=-10 \mathrm{~cm}, f=+15 \mathrm{~cm} \\ &v=? \end{aligned}\)
दर्पण सूत्र से \(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\)
मान रखने पर:
\(\begin{aligned} &\frac{1}{v}=\frac{1}{15}-\left(-\frac{1}{10}\right)=\frac{1}{15}+\frac{1}{10} \\ &\frac{1}{v}=\frac{2+3}{30}=\frac{5}{30}=\frac{1}{6} \end{aligned}\)
\(\therefore\) v = 6 cm
प्रश्न 13.
15 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार दिया गया है
\(\therefore\) \(m=\frac{h^{\prime}}{h}=1\)
या \(h^{\prime}=h\)
प्रश्न 14.
5.0 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार दिया गया है
वस्तु की दर्पण से दूरी u = -20 cm
दर्पण की वक्रता त्रिज्या R = 30 cm
वस्तु की लम्बाई h = 5.0 cm
तब दर्पण की फोकस दूरी:
\(\therefore\) \(\begin{aligned} &f=\frac{\mathrm{R}}{2}=\frac{30}{2}=15 \mathrm{~cm} \\ &v=? \end{aligned}\)
दर्पण् सूत्र से:
(i)
मान रखने पर \(\begin{aligned} \frac{1}{u}+\frac{1}{v} &=\frac{1}{f} \\ \frac{1}{v} &=\frac{1}{f}-\frac{1}{u} \\ \frac{1}{v} &=\frac{1}{15}-\left(-\frac{1}{20}\right) \\ \frac{1}{v} &=\frac{1}{15}+\frac{1}{20}=\frac{4+3}{60}=\frac{7}{60} \end{aligned}\)
\(\therefore\) \(v=\frac{60}{7}=8.57 \mathrm{~cm}\)
अतः प्रतिबिम्ब की स्थिति दर्पण के पीछे 8.57 की दूरी पर है।
(ii) यदि प्रतिबिम्ब की ऊँचाई h' हो, तब
\(\begin{aligned} m &=-\frac{v}{u}=\frac{h^{\prime}}{h} \text { स } \\ h^{\prime} &=-h\left(\frac{y}{u}\right)=-5 \times \frac{(60 / 7)}{-20} \\ &=\frac{5 \times 60}{7 \times 20}=\frac{5 \times 3}{7} \\ h^{\prime} &=\frac{15}{7} \mathrm{~cm} \text { } 2.14 \mathrm{~cm} \end{aligned}\)
अतः वस्तु का प्रतिबिम्ब 2.14 ऊँचा, सीधा तथा आभासी होगा तथा दर्पण से 8.57 की दूरी पर बनेगा।
प्रश्न 15.
7.0 cm साइज का कोई बिंब 18 cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके? प्रतिबिंब का साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार
बिम्ब का आकार h = +7.0 cm
दर्पण की बिम्ब से दूरी u = -27 cm
फोकस दूरी f = -18 cm
प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी v = ?
(i) दर्पण सूत्र से
\(\frac{1}{u}+\frac{1}{v}=\frac{1}{f}\)
या \(\frac{1}{v}=\frac{1}{f}-\frac{1}{u}\)
मान रखने पर
या \(\begin{aligned} &\frac{1}{v}=-\frac{1}{18}-\left(-\frac{1}{27}\right)=\frac{-1}{18}+\frac{1}{27} \\ &\frac{1}{v}=\frac{-3+2}{54}=\frac{-1}{54} \end{aligned}\)
\(\therefore \quad v=-54 \mathrm{~cm}\)
अतः पर्दा अवतल दर्पण के सम्मुख उससे 54 की दूरी पर रखना चाहिये।
(ii) आवर्धन
\(m=-\frac{v}{u}=-\frac{h^{\prime}}{h}\)
या \(h^{\prime}=-\frac{v}{u} \times h\)
मान रखने पर
\(\begin{aligned} &h^{\prime}=-\left(\frac{-54}{-27}\right) \times 7 \\ &h^{\prime}=-14 \mathrm{~cm} \end{aligned}\)
चूँकि 'यहाँ पर h का मान ऋणात्मक है अतः प्रतिबिम्ब वास्तविक एवं उल्टा होगा तथा प्रतिबिम्ब की साइज 14cm होगी।
प्रश्न 16.
उस लैंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता - 2.0 D है। यह किस प्रकार का लैंस है?
उत्तर:
लैंस की क्षमता P =
\(\therefore\) \(f=\frac{1}{P}=\frac{1}{-2}=-0.5 \mathrm{~m}\)
\(=-0.5 \times 100=-50 \mathrm{~cm}\)
चूँकि फोकस दूरी ऋणात्मक है अतः यह अवतल लैंस (concave lens) है।
प्रश्न 17.
कोई डॉक्टर + 1.5D क्षमता का संशोधक लैंस निर्धारित करता है। लैंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धारित लैंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर:
लैंस की क्षमता P = + 1.5D
लैंस की क्षमता P = \(\frac{1}{f}\)से
फोकस दूरी है
\(\begin{aligned} f &=\frac{1}{P} \\ &=\frac{1}{1.5}=0.67 \mathrm{~m}=+67 \mathrm{~cm} \end{aligned}\)
चूँकि यहाँ पर फोकस दूरी धनात्मक है अतः लैंस अभिसारी है।