Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Important Questions Chapter 9 बल तथा गति के नियम Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
4N एवं 3N के दो बल एक वस्तु पर विपरीत दिशा में कार्यरत हैं, कण पर बल का परिमाण होगा।
(अ) 5N
(ब) 7N
(स) 1N
(द) 1N एवं 7N के बीच
उत्तर:
(स) 1N
प्रश्न 2.
संवेग का मात्रक है।
(अ) न्यूटन मीटर
(द) किग्रा. मी / से.
उत्तर:
(द) किग्रा. मी / से.
प्रश्न 3.
वस्तु का संवेग निर्भर करता है।
(अ) वस्तु के द्रव्यमान पर
(ब) वस्तु के विस्थापन पर
(स) विस्थापन में लगे समय पर
(द) उपर्युक्त सभी पर
उत्तर:
(अ) वस्तु के द्रव्यमान पर
प्रश्न 4.
निम्न में से बल का मात्रक नहीं है।
(अ) पाउण्डल
(ब) डाइन
(स) जूल
(द) न्यूटन
उत्तर:
(स) जूल
प्रश्न 5.
वस्तु का संवेग निर्भर नहीं करता है।
(ब) वस्तु की गति के परिमाण पर
(अ) वस्तु के द्रव्यमान पर
(स) वस्तु के त्वरण पर
(द) वस्तु के वेग पर
उत्तर:
(स) वस्तु के त्वरण पर
प्रश्न 6.
एक 5 किग्रा. की वस्तु पर दो परस्पर लम्बवत् संगामी बल FL = 4 न्यूटन और F2 = 3 न्यूटन कार्यरत हैं। वस्तु का त्वरण होगा।
(अ) 2 मी./से.2
(ब) 3 मी./से. 2
(स) 1 मी./से.2
(द) 1.4 मी./से.2
उत्तर:
(स) 1 मी./से.2
प्रश्न 7.
एक चलती बस से सड़क पर कूदने वाला व्यक्ति आगे की ओर गिर पड़ता है, इसका कारण है।
(अ) स्थिर अवस्था के जड़त्व के कारण सड़क पीछे छूट जाती है और आदमी आगे बढ़ जाता है
(ब) गतिशील अवस्था के जड़त्व के कारण, व्यक्ति का ऊपरी हिस्सा गति में रहता है जबकि पाँव सड़क के
(स) व्यक्ति अपनी पुरानी आदत के कारण आगे झुक जाता है
(द) उपर्युक्त सभी प्रभावों के कारण
उत्तर:
(ब) गतिशील अवस्था के जड़त्व के कारण, व्यक्ति का ऊपरी हिस्सा गति में रहता है जबकि पाँव सड़क के
प्रश्न 8.
दो सतहों के मध्य गतिक घर्षण बल निम्न पर निर्भर नहीं करता।
(अ) सतहों के मध्य सापेक्ष वेग पर
(ब) सतहों की प्रकृति पर
(स) गतिशील वस्तु पर लग रहे अभिलम्ब प्रतिक्रिया बल पर
(द) उपर्युक्त सभी पर
उत्तर:
(अ) सतहों के मध्य सापेक्ष वेग पर
प्रश्न 9.
एक साइकिल सवार, पैडल मार कर साइकिल को गतिशील बनाये हुए है। तब पहियों पर लगने वाला घर्षण बल निम्न प्रकांर है।
(अ) दोनों पहियों पर पीछे की ओर
(ब) दोनों पहियों पर आगे की ओर
(स) आगे वाले पहिये पर पीछे की ओर तथा पीछे वाले पहिये पर आगे की ओर
(द) आगे वाले पहिये पर आगे की ओर तथा पीछे वाले पहिये पर पीछे की ओर
उत्तर:
(स) आगे वाले पहिये पर पीछे की ओर तथा पीछे वाले पहिये पर आगे की ओर
प्रश्न 10.
समान वेग से सरल रेखीय पथ पर गतिशील एक ट्रेन में एक बच्चे ने हाइड्रोजन गैस के गुब्बारे से बंधी हुई डोरी को हाथ में पकड़ रखा है। यदि ड्राइवर अचानक ब्रेक लगाता है तो गुब्बारा।
(अ) पीछे जायेगा
(ब) ऊर्ध्व ऊपर रहेगा
(स) आगे जायेगा
(द) ऊर्ध्व नीचे रहेगा
उत्तर:
(अ) पीछे जायेगा
प्रश्न 11.
सरकस में दौड़ते हुए घोड़े की पीठ पर बैठा घुड़सवार उछलकर पुन: घोड़े पर आ जाता है क्योंकि।
(अ) वृत्तीय पथ में गति है।
(ब) स्थिरता का जड़त्व है।
(स) गतिशीलता का जड़त्व है।
(द) यह असंभव है।
उत्तर:
(स) गतिशीलता का जड़त्व है।
प्रश्न 12.
एक गुटका एक टेबल पर रखा हुआ है। प्रतिक्रिया बल होगा।
(अ) नीचे की ओर टेबल द्वारा।
(ब) नीचे की ओर गुटके द्वारा।
(स) ऊपर की ओर गुटके द्वारा।
(द) ऊपर की ओर टेबल द्वारा।
उत्तर:
(द) ऊपर की ओर टेबल द्वारा।
प्रश्न 13.
घर्षणरहित फर्श पर किसी व्यक्ति को चलने के लिये निम्न नियम की सहायता लेनी होगी।
(अ) न्यूटन के प्रथम नियम की
(ब) न्यूटन के द्वितीय नियम की
(स) न्यूटन के तृतीय नियम की
(द) उपर्युक्त सभी नियमों की
उत्तर:
(स) न्यूटन के तृतीय नियम की
प्रश्न 14.
एक तोप दागे जाने पर प्रतिक्षेपित होती है।
(अ) ऊर्जा संरक्षण के कारण
(ब) संवेग संरक्षण के कारण
(स) उत्पन्न गैस की गतिज ऊर्जा के कारण
(द) न्यूटन की गति के तृतीय नियम के कारण
उत्तर:
(द) न्यूटन की गति के तृतीय नियम के कारण
प्रश्न 15.
संवेग में परिवर्तन की दर निम्न में से किसके बराबर होती है?
(अ) आवेग
(ब) कार्य
(स) बल
(द) त्वरण
उत्तर:
(स) बल
रिक्त स्थान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
बल लगाने पर स्प्रिंग ........................ है।
उत्तर:
फैलती
प्रश्न 2.
बल लगाने पर गोलाकार गेंद.........................हो जाती है।
उत्तर:
अण्डाकार
प्रश्न 3.
जब किसी वस्तु पर कार्यरत विभिन्न बलों का परिमाण शून्य हो तो उन्हें .......................... बल कहतें।
उत्तर:
सन्तुलित
प्रश्न 4.
जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना ही बल .................... में लगाती है।
उत्तर:
विपरीत दिशा
प्रश्न 5.
दो वस्तुओं का कुल संवेग टकराने की प्रक्रिया में ............... रहता है।
उत्तर:
संरक्षित
प्रश्न 6.
वस्तु का संवेग, उसके ............. का गुणनफल होता है।
उत्तर:
द्रव्यमान एवं वेग।
सत्य / असत्य कथन वाले प्रश्न:
निम्नलिखित कथनों में सत्य तथा असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
धकेलने पर ट्रॉली लगाये गये बल की दिशा में गति करती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
वस्तुओं द्वारा अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध करने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा पर एक समान गति की अवस्था में तब तक बनी रहती है, जब तक उस पर कोई संतुलित बल कार्य न करें।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
1 न्यूटन का बल किसी 1kg द्रव्यमान की वस्तु में 1 मीटर / सेकण्ड का त्वरण उत्पन्न नहीं कर पाता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
घर्षण बल सदैव वस्तु की गति का प्रतिरोध नहीं करता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 6.
संवेग का SI मात्रक किलोग्राम मीटर / सेकण्ड होता है।
उत्तर:
सत्य
मिलान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में कॉलम (I) का मिलान कॉलम (II) से करके सही कूट ( कोड ) का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम-I |
कॉलम-II |
(i) वेग |
(a) किग्रा-मी.-3 |
(ii) घनत्व |
(b) किग्रा-मी./से.2 |
(iii) बल |
(c) मीटर सेकण्ड 1 |
(iv) संवेग |
(d) न्यूटन-मी2 |
उत्तर:
कॉलम - I |
कॉलम - II |
(i) वेग |
(c) मीटर सेकण्ड 1 |
(ii) घनत्व |
(a) किग्रा-मी.-3 |
(iii) बल |
(b) किग्रा-मी./से.2 |
(iv) संवेग |
(d) न्यूटन-मी2 |
प्रश्न 2.
कॉलम-I |
कॉलम-II |
(i) बल F = |
(a) p2 –p1 |
(ii) संवेग में परिवर्तन \(\propto\) |
(b) ma |
(iii) त्वरण a = |
(c) \(m_{\mathrm{A}} \mathrm{V}_{\mathrm{A}}+m_{\mathrm{B}} \mathrm{V}_{\mathrm{B}}\) |
(iv) \(m_{\mathrm{A}} \mathrm{V}_{\mathrm{A}}+m_{\mathrm{B}} \mathrm{V}_{\mathrm{B}}\) |
(d) m v - m u |
(v) \(\mathrm{Ft}=\) |
(e) \(\frac{v-u}{t}\) |
उत्तर:
कॉलम-I |
कॉलम-II |
(i) बल F = |
(b) ma |
(ii) संवेग में परिवर्तन \(\propto\) |
(a) p2 –p1 |
(iii) त्वरण a = |
(c) \(m_{\mathrm{A}} \mathrm{V}_{\mathrm{A}}+m_{\mathrm{B}} \mathrm{V}_{\mathrm{B}}\) |
(iv) \(m_{\mathrm{A}} \mathrm{V}_{\mathrm{A}}+m_{\mathrm{B}} \mathrm{V}_{\mathrm{B}}\) |
(e)\(\frac{v-u}{t}\) |
(v) \(\mathrm{Ft}=\) |
(d) m v - m u |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
किसी वस्तु को गतिमान करने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:
वस्तु पर बाह्य बल आरोपित किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
बल एक अदिश राशि है या सदिश?
उत्तर:
बल एक सदिश राशि है।
प्रश्न 3.
बल का M.K.S. पद्धति में मात्रक लिखिए।
उत्तर:
बल का M.K.S. पद्धति में मात्रक न्यूटन होता है।
प्रश्न 4.
जब किसी वस्तु पर बल लगाते हैं तो वह गतिमान हो जाती है और कुछ समय बाद वह विराम अवस्था में आ जाती है। इस घटना से क्या निष्कर्ष निकलता है?
उत्तर:
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि विराम अवस्था किसी भी वस्तु की मौलिक या प्राकृतिक अवस्था है।
प्रश्न 5.
1 ग्राम भार को डाइन में लिखिए।
उत्तर:
1 ग्राम भार = 981 डाइन।
प्रश्न 6.
1 न्यूटन कितने डाइन के बराबर होता है?
उत्तर:
1 न्यूटन =105 डाइन।
प्रश्न 7.
बल क्या है?
उत्तर:
बल वह कारक है जो किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन करता है या परिवर्तन करने की कोशिश करता है।
प्रश्न 8.
एक नत समतल में वस्तुओं की गति का निरीक्षण करने के बाद गैलीलियो ने क्या प्रतिपादित किया?
उत्तर:
उन्होंने कहा कि असंतुलित बल की अनुपस्थिति में एक गतिमान वस्तु सदैव अत्वरित गति करती रहती है।
प्रश्न 9.
न्यूटन के प्रथम नियम को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
'जड़त्व के नियम' से जाना जाता है।
प्रश्न 10.
किसी वस्तु का जड़त्व किस भौतिक राशि पर निर्भर करता है?
उत्तर:
उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
प्रश्न 11.
एक गोला फेंक प्रतियोगिता में खिलाड़ी अक्सर निर्देशित रेखा को पार कर जाता है और वह असफल हो जाता है। वह ऐसा क्यों करता है?
उत्तर:
खिलाड़ी के पास गतिज जड़त्व होता है, जिसके कारण वह निर्देशित रेखा के पास रुकने की कोशिश करते समय उस रेखा को अक्सर पार कर जाता है।
प्रश्न 12.
जड़त्व के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
घर्षण बल किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
प्रश्न 14.
यदि एकसमान बल एक साइकिल एवं मोटरसाइकिल पर आरोपित किया जाये, तो किसमें वेग अधिक उत्पन्न होगा एवं क्यों ?
उत्तर:
साइकिल में उत्पन्न वेग का मान अधिक होगा, चूँकि साइकिल का द्रव्यमान कम है, इस कारण से उसका जड़त्व कम होगा।
प्रश्न 15.
किसी वस्तु में संवेग की दिशा कैसे तय की जाती है?
उत्तर:
संवेग की दिशा उसकी वेग की दिशा में होती है।
प्रश्न 16.
संवेग को परिभाषित करने वाले वैज्ञानिक का नाम लिखिए।
उत्तर:
सर आइजक न्यूटन।
प्रश्न 17.
वस्तु के संवेग में परिवर्तन किसके द्वारा किया जा सकता है?
उत्तर:
संवेग में परिवर्तन वस्तु पर बल लगाकर किया जा सकता है।
प्रश्न 18.
संवेग किसे कहते हैं ? इसका SI मात्रक लिखिए।
उत्तर:
किसी वस्तु के वेग और उसके द्रव्यमान के गुणनफल को संवेग कहते हैं। इसका SI मात्रक किलोग्राम मीटर प्रति सेकण्ड होता है।
प्रश्न 19.
संवेग किन - किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
संवेग वस्तु के द्रव्यमान एवं वस्तु के वेग की दिशा एवं मात्रा पर निर्भर करता है।
प्रश्न 20.
m द्रव्यमान एवं u वेग से गतिशील वस्तु दीवार से टकराने के पश्चात् पुन: u वेग से लौट जाती है।
वस्तु के संवेग में कितना परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
संवेग में परिवर्तन =m u - (-m u)
= m u + m u = 2 m u
प्रश्न 21.
सिक्के और पंख को वायु में स्वतन्त्रतापूर्वक गिराने पर पृथ्वी पर पहले कौन पहुँचेगा?
उत्तर:
सिक्का पहले पहुँचेगा, क्योंकि सिक्के पर वायुमण्डल का घर्षण बल कम लगेगा।
प्रश्न 22.
गैलीलियो गैलिली का जन्म कब और कहाँ पर हुआ था?
उत्तर:
गैलीलियो गैलिली का जन्म 15 फरवरी, सन् 1564 में इटली के पीसा शहर में हुआ था।
प्रश्न 23.
गैलीलियो गैलिली ने नतसमतल तथा लोलक सम्बन्धी कौन से नियम प्रतिपादित किये?
उत्तर:
उन्होंने नतसमतल तथा लोलक सम्बन्धी अपने अध्ययन द्वारा नियत त्वरण से गतिशील वस्तुओं से
प्रश्न 24.
गैलीलियो ने शान तथा शुक्र ग्रह के प्रक्षणा सं क्या तक दिया?
उत्तर:
उन्होंने यह तर्क दिया कि सभी ग्रह सूर्य के परित: ही कक्षीय गति करते हैं न कि पृथ्वी के परितः
प्रश्न 25.
75 ग्राम क्रिकेट की कोई गेंद 0.5 मीटर / सेकण्ड के वेग से गतिमान है। क्रिकेट का कोई खिलाड़ी इसे
0.5 सेकण्ड में रोक लेता है। खिलाड़ी द्वारा गेंद को रोकने के लिये कितना बल लगाया गया?
उत्तर:
बल = द्रव्यमान x त्वरण
\(=\frac{75}{1000} \times \frac{(0.5-0)}{0.5}=0.075\)
प्रश्न 26.
रॉकेट का सिद्धान्त न्यूटन के कौनसे नियम पर आधारित है?
उत्तर:
तीसरे नियम पर। (क्रिया-प्रतिक्रिया नियम पर)
प्रश्न 27.
एक गतिशील साइकिल पर घर्षण बल किस दिशा में होता है?
उत्तर:
साइकिल की गति के विपरीत दिशा में।
प्रश्न 28.
एक क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को पकड़ने के लिये अपना हाथ नीचे (पीछे) की ओर क्यों करता है ?
उत्तरं:
इस प्रकार करने से गेंद को रोकने में ज्यादा समय लगता है और वेग कम हो जाता है, जिसके कारण से खिलाड़ी के हाथों में चोट कम लगती है।
प्रश्न 29.
एक खिलाड़ी ऊँची कूद / लम्बी कूद में कूदने से पहले कुछ दूर क्यों भागता है?
उत्तर:
पर्याप्त संवेग प्राप्त करने के लिये।
प्रश्न 30.
चलती बस के अचानक रुकने पर उसमें खड़ा यात्री आगे की ओर क्यों गिर जाता है?
उत्तर:
गति अवस्था के जड़त्व के कारण से।
प्रश्न 31.
एक वस्तु नियत वेग से गतिशील है, तो उस पर परिणामी बल कितना होगा?
उत्तर:
शून्य। ( \(\because\) यहाँ पर त्वरण शून्य है।)
प्रश्न 32.
संतुलित बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब एक वस्तु पर आरोपित सभी बलों का परिणामी बल शून्य हो, तो वस्तु पर आरोपित कुल बलों को संतुलि ₹ बल कहते हैं।
लघूत्त रात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
जड़त्व का नियम लिखिए।
उत्तर:
जड़त्व का नियम - कोई वस्तु स्थिर हो या एकसमान गति से चल रही हो, तो वह उस समय तक स्थिर भथवा गति करती रहती है, जब तक कि उस पर कोई असंतुलित बल न लगाया जाये।
प्रश्न 2.
गैलीलियो गैलिली की प्रथम वैज्ञानिक पुस्तक का क्या नाम था और उसमें कौनसी विधि का वर्णन किया गया था?
उत्तर:
गैलीलियो गेलिली की प्रथम वैज्ञानिक पुस्तक 'द लिटिल बैलेंस' (ला वैलेंसिटा) थी। इसमें उन्होंने एक तुला द्वारा पदार्थों के आपेक्षिक घनत्व अथवा विशिष्ट गुरुत्व प्राप्त करने की आर्किमिडीज की विधि का वर्णन किया था।
प्रश्न 3.
'स्टारी मैसेंजर' पुस्तक में गैलीलियो ने क्या बताया है?
उत्तर:
'स्टारी मैसेंजर' में गैलीलियो ने चन्द्रमा पर पहाड़ों, छोटे - छोटे सितारों से मिलकर बनी आकाशगंगा तथा बृहस्प तं ग्रह के परित: चार छोटे पिण्डों को घूमते हुए देखने का दावा किया है।
प्रश्न 4.
संवेग संरक्षण का नियम लिखिए।
उत्तर:
संवेग संरक्षण नियम के अनुसार दो वस्तुओं के संवेग का योग टकराने के पहले और टकराने के बाद बराबर रहता है, जबकि उन पर कोई असंतुलित बल कार्य न कर रहा हो। अत: दो वस्तुओं का कुल संवेग टकराने की प्रक्रिय में अपरिवर्तनीय या संरक्षित रहता है।
प्रश्न 5.
किग्रा. द्रव्यमान की वस्तु पर 20N बल लगाने से उत्पन्न त्वरण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है।
द्रव्यमान m = 4 किग्रा.
बल F = 20N
त्वरण a = ?
\(\because\) F = ma
\(\therefore \) 20N = 4kg
या a = \(\frac{20}{4}\) = 5
अत: त्वरण a = 5 मीटर / सेकण्ड2
प्रश्न 6.
संतुलित तथा असंतुलित बलों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
संतुलित बल |
असंतुलित बल |
1. संतुलित बल, जब वस्तु पर एक साथ कार्य करते हैं, तो |
1.असंतुलित बल, जब वस्तु पर एक साथ कार्य करते हैं तो उनका परिणाम शून्य नहीं होता है। |
2. t ह बल गतिमान वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन नहीं कर सकता। |
2. यह बल गतिमान वस्तु की चाल तथा दिशा में परिवर्तन कर सकता है। |
3. ट दि वस्तुं विरामावस्था में हो, तो संतुलित बल उसे गति प्र दान नहीं कर सकता। |
3. यदि कोई वस्तु विरामावस्था में हो, तो असंतुलित बल उसे गति प्रदान कर सकता है। |
4. रह बल वस्तु के आकार में परिवर्तन ला सकता है। |
4.यह बल वस्तु के आकार में परिवर्तन नहीं ला सकता है। |
प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि किसी वस्तु का द्रव्यमान उसकी जड़त्व का माप होता है।
उत्तर:
किसी वस्तु का द्रव्यमान उसमें निहित पदार्थ की मात्रा होती है। द्रव्यमान वस्तु के जड़त्व का माप है। जिस वस्तु का द्रव्यमान जितना अधिक होगा, उसका जड़त्व भी उतना ही अधिक होता है। जब हम किसी गेंद को ठोकर मारते हैं, तो वह बहुत दूर चली जाती है। लेकिन यदि हम उसी आकार के किसी एक पत्थर को ठोकर मारते हैं, तो पत्थर अपने स्थान से दूर नहीं जाता और हमारे पाँव में चोट भी लगती है क्योंकि गेंद की अपेक्षा पत्थर में अपनी गति के परिवर्तन को रोकने की क्षमता अधिक होती है तथा पत्थर का जड़त्व भी अधिक होता है।
प्रश्न 8.
दैनिक जीवन में बल के पाँच उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के आधार पर समझाइये कि हम फर्श पर चलने में किस प्रकार समर्थ होते हैं?
उत्तर:
न्यूटन का गति का तीसरा नियम: इस नियम के अनुसार "प्रत्येक क्रिया के समान परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।" अत: फर्श पर चलते समय हम अपने पैरों से जमीन को पीछे की ओर धक्का देने का प्रयास करते हैं, और जमीन उतना ही बल प्रतिक्रिया के रूप में विपरीत दिशा में पैरों पर लगाती है, इसके फलस्वरूप हम आगे की तरफ चल पाने में समर्थ होते हैं।
प्रश्न 10.
सड़क पर चलते समय केले के छिलके पर पाँव पड़ जाने पर व्यक्ति क्यों फिसल जाता है?
उत्तर:
जमीन पर चलते समय हम अपने पैरों से जमीन को पीछे की ओर धक्का देने का प्रयास करते हैं तथा केले का छिलका चिकना होने से पैर व जमीन के मध्य बल का मान कम हो जाता है, इससे व्यक्ति फिसल जाता है।
प्रश्न 11.
जब कोई व्यक्ति चलती हुई रेलगाड़ी से कूदता है तब वह मुँह के बल आगे की ओर क्यों गिर जाता है ?
उत्तर:
जब कोई व्यक्ति चलती हुई रेलगाड़ी से कूदता है तब वह मुह के बल आगे की आर गंर जाता है क्योंक जब व्यक्ति गाड़ी में होता है, तब उसका पूरा शरीर भी गाड़ी के वेग के समान वेग से गतिमान होता है। परन्तु जब वह कूदता है तब उसके पैर जमीन को स्पर्श करते ही स्थिर हो जाते हैं, पर ऊपर का शरींर रेलगाड़ी के वेग से गतिमान रहता है। फलस्वरूप व्यक्ति मुँह के बल आगे की ओर गिर जाता है।
प्रश्न 12.
बन्दूक से गोली दागने पर कंधे को धक्का क्यों लगता है?
उत्तर:
जब बन्दूक से गोली दागी जाती है तब गोली पर बल आगे की ओर लगता है और उतना ही बल बन्दूक पर विपरीत दिशा में लगता है। परन्तु बन्दूक का द्रव्यमान गोली की तुलना में बहुत अधिक होने से बन्दूक पीछे की ओर बहुत कम चलती है जिस कांरण बन्दूक चलाने वाले के कंधे को झटका अनुभव होता है।
प्रश्न 13.
रॉकेट किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ? समझाइए।
रॉकेट पर बल (प्रतिक्रिया)
उत्तर:
राकेट क्रिया - प्रतिक्रिया के सिद्धान्त पर कार्य करता है।इसकी कार्यविधि में जब रॉकेट छोड़े जाते हैं, तब रॉकेट के पिछले भाग से गैस अत्यधिक तेज गति से निकलती है और प्रतिक्रिया के फलस्वरूप रॅकेट पर गैस निकलने की विपरीत दिशा में बल लगने के फलस्वरूप राकेट ऊपर उठता है।
प्रश्न 14.
फल से लदे पेड़ की शाखाओं को जोर-जोर से हिलाने पर फल नीचे गिरते हैं। कारण बताओ।
उत्तर:
फलदार पेड़ के तने को हम जिस दिशा में हिलाते हैं तब जिस डाली से फल लटक रहा है वह हल्की होने के कारण से हिलाने की दिशा में गति कर जाती है लेकिन फल का द्रव्यमान अधिक होने से वह अपनी स्थिति में ही बना रहता है जिस कारण फल डाली से अलग होकर गिर जाता है।
प्रश्न 15.
यदि कोई व्यक्ति नाव से किनारे पर कूदता है तो नाव विपरीत दिशा में चली जाती है। क्यों ? स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के विपरीत परन्तु समान प्रतिक्रिया होती है अत: जब कोई व्यक्ति नाव से किनारे पर कूदता है तब नादिक के पैर से नाव पर लगने वाला प्रतिक्रिया बल नाव को पीछे की ओर धकेलता है।
प्रश्न 16.
तीव्र वेग से फेंका गया कंकड़ जब काँच की खिड़की से टकराता है तो काँच टूट जाता है, क्यों?
उत्तर:
जब गति करता हुआ कंकड़ किसी खिड़की के काँच से टकराता है तब वह उस पर बल लगाता है, पर यह बल काँच को गति प्रदान नहीं कर पाता है, क्योंकि खिड़की में लगा काँच गति करने के लिये स्वतन्त्र नहीं होता है। बल लगने से काँच विकृत हो जाता है और भंगुर होने के कारण टुकड़ों में टूट जाता है। साथ ही वस्तु के संवेग में वृद्धि के कारण बल भी अधिक लगता है जो काँच को तोड़ने में सहायक होता है।
प्रश्न 17.
'किसी वस्तु पर सदा दो बल जोड़े से लगते हैं, उस पर एक बल संभव नहीं होता है' इस कथन पर टिप्पणी कीजिये।
उत्तर:
किसी मेज पर रखी वस्तु मेज पर अपने भार के बराबर बल नीचे की ओर लगाती है और स्थिर रहती है। यदि वस्तु का भार ही मेज पर लगने वाला बल होता तब वह वस्तु मेज की सतह को भेदती हुई उसके पार नीचे की ओर निकल जाती लेकिन ऐसा नहीं होता है। इससे सिद्ध होता है कि मेज वस्तु के भार के बराबर और भार की दिशा के विपरीत बल लगाती है। अत: स्पष्ट है कि बल जोड़ों में लगते हैं और सिर्फ एक बल लगना सम्भव नहीं होता है।
प्रश्न 18.
वाहनों के टायरों को खुरदरा और लहरदार क्यों बनाते हैं?
उत्तर:
सड़क की सतह तथा टायर के मध्य लगने वाले घर्षण बल को बढ़ाने के लिए वाहनों के टायरों की ऊपरी सतह को लहरदार और खुरदरा बनाया जाता है। इससे तीव्र गति होने पर वाहन अनियंत्रित होकर अथवा ब्रेक लगने पर फिसलते नहीं हैं।
प्रश्न 19.
साइकिल के पहिये में तेल क्यों देते हैं?
उत्तर:
साइकिल के पहिये एवं धुरी के बीच घर्षण बल कार्य करता है। इन दोनों के बीच खुरदरापन आने से घर्षण बल अधिक लगने लगता है, जिसके कारण साइकिल चलाते समय पहिये को घुमाने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। अतः घर्षण बल को कम करने के लिए साइकिल के पहिये में तेल दिया जाता है।
प्रश्न 20.
कुएं से पानी निकालते समय रस्सी के अचानक टूट जाने पर पानी खींचने वाला व्यक्ति पीछे की ओर क्यों गिर जाता है?
उत्तर:
जब कोई व्यक्ति रस्सी द्वारा पानी से भरी बाल्टी को कुएं से ऊपर खींचता है, तब बाल्टी भी उस बल से व्यक्ति को अपनी ओर खींचती है। यदि रस्सी अचानक टूट जाती है, तब बाल्टी द्वारा व्यक्ति पर लगाया गया बल समाप्त हो जाता है, जिस कारण व्यक्ति अपने द्वारा लगाए गए बल के कारण पीछे की ओर गिर जाता है।
प्रश्न 21.
क्रिकेट की गेंद को पकड़ते समय खिलाड़ी गेंद् की गति की दिशा में अपने हाथ पीछे क्यों खींचता है?
उत्तर:
क्रिकेट मैच के दौरान मैदान में क्षेत्ररक्षक तेज गति से आ रही गेंद को लपकते समय हाथ को पीछे की ओर खींचते हैं। इस प्रकार करने से क्षेत्ररक्षक गेंद के वेग को शून्य करने में अधिक समय लगाता है। इस प्रकार गेंद में सेवग परिर्क्तन की दर कम हो जाती है, जिस कारण तेज गति से आ रही गेंद का प्रभाव हाथ पर कम पड़ता है। अगर गेंद को अचनकक रोका जाता है, तो तीव्र गति से आ रही गेंद का वेग बहुत कम समय में शून्य होता है अर्थात् गेंद के संवेग में परिवर्तन की दर अधिक होगी, इसलिए कैच लपकने में अधिक बल लगाना पड़ेगा, जिससे खिलाड़ी की हथेली में चोट लग सकती है।
प्रश्न 22.
एक ट्रक और एक कार v वेग से गतिशील हैं, दोनों एक - दूसरे से आमने - सामने संघट्ट करते हैं तथा कुछ समय बाद दोनों रुक जाते हैं। अगर संघट्ट का समयांतराल 1s है, तो
(a) कौन - सी गाड़ी पर बल का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा?
(b) किस गाड़ी के संवेग में सबसे अधिक परिवर्तन होगा?
(c) किस गाड़ी का त्वरण सबसे अधिक होगा?
(d) ट्रक की अपेक्षा कार को अधिक नुकसान क्यों होगा?
उत्तर:
(a) कार पर बल का प्रभाव अधिक होगा क्योंकि उसका द्रव्यमान कम है।
(b) ट्रक के संवेग में अधिक परिवर्तन होगा।
(c) कार की गति में उत्पन्न त्वरण का मान अधिक होगा।
(d) कार में अधिक क्षति होगी, क्योंकि उसमें उत्पन्न त्वरण का मान अधिक होता है।
प्रश्न 23.
गति के तृतीय नियम पर आधारित कोई दो उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि न्यूटन का गति का पहला नियम दूसरे नियम का ही भाग है।
उत्तर:
न्यूटन के गति के दूसरे नियम से
यदि
F = ma
F = 0 हो तो
0 &= m a
m &= 0, a=0
∴ m=0, a=0
लेकिन m संहति शुन्य नहीं हो सकती है क्योंकि यह एक स्थिर राशि है इसलिए a त्वरण शून्य हो तो वेग में परिवर्तन भी शून्य होगा। इसलिए वस्तु की अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यदि वस्तु विरामावस्था में है, तो वह विरामावस्था में ही रहेगी और यदि समान गति की अवस्था में है, तो वह वस्तु गति में तब तक रहेगी, जब ₹क उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाये। यह न्यूटन के गति के पहले नियम की परिभाषा है इसलिए न्यूटन का 7 ति का पहला नियम दूसरे नियम का ही भाग है।
प्रश्न 2.
किसमें अधिक बल की आवश्यकता होगी -2 kg द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 5 m/s2 की दर से त्वरित करने में या 4kg द्रव्यमान वाली वस्तु को 2 m/s की दर से त्वरित करने में?
उत्तर:
हल - दिया गया है
\(\begin{aligned} &a=\frac{v_{2}-v_{1}}{t} \\ &\mathbf{F}=m \times a \end{aligned}\)
a इस प्रकार प्रथम स्थिति के लिए
\(\begin{aligned} &\mathbf{F}=m \times\left(\frac{v_{2}-v_{1}}{t}\right) \\ &\mathbf{F}=\frac{m v_{2}-m v_{1}}{t} \end{aligned}\)
यदि \(\mathrm{P}_{1}=m v_{1}\) तथा \(\mathrm{P}_{2}=m v_{2}\)
अतः वस्तु को दर से त्वरित करने में अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 3.
जड़त्व से क्या अभिप्राय है? दो उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर:
जड़त्व - वस्तुओं द्वारा अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध करने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं।
अत: किसी वस्तु के विरामावस्था में रहने या समान वेग से गतिशील रहने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं। किसी वस्तु का द्रव्यमान अधिक होने पर, उस वस्तु का जड़त्व भी अधिक होता है।
जड़त्व के उदाहरण:
(i) एक काँच के गिलास पर एक चिकना कार्ड रखते हैं और उस पर एक सिक्का रखते हैं। जब हम गिलास पर रखे कार्ड पर अंगुली से चोट करते हैं, तब कार्ड तो अंगुली से चोट लगने के कारण तुरंत गतिशील हो जाता है और आगे की ओर सरक जाता है, परन्तु सिक्का स्थिर जड़त्व के कारण अपने स्थान पर ही रह जाता है और अन्तत: नीचे गिलास में गिर जाता है।
(ii) समुद्री जहाजों से अनाज उतार कर मालगाड़ियों में भरने के लिये जड़त्व के सिद्धान्त का लाभ उठाया जाता है। जहाज पर से अनाज एक चौड़ी पेटी पर गिरता है, यह पेटी रोलरों के सहारे तेजी के साथ घूमती है। दूसरे छोर पर अनाज उसी धरातल में सामने की ओर तेजी के साथ फिसलता हुआ मालगाड़ी के डिब्बे में जा गिरता है।
प्रश्न 4.
घर्षण को कम करने के उपाय बताइये।
उत्तर:
घर्षण को कम करने के उपाय निम्न हैं:
प्रश्न 5.
एक कार एवं एक ट्रक के रेखीय संवेग बराबर हैं। दोनों में से किसकी चाल अधिक होगी?
उत्तर:
हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु का संवेग उसके द्रव्यमान व वेग का गुणनफल होता है। माना कार का द्रव्यमान व वेग क्रमशः m1 व v1 हैं।
∴ संवेग \(\left(p_{1}\right)=m_{1} v_{1}\)
इसी प्रकार से माना ट्रक का द्रव्यमान m2 व वेग v2 है।
∴ संवेग \(p_{2}=m_{2} v_{2}\)
लेकिन \(p_{1}=p_{2}\) दिया गया है।
∴ \(m_{1} v_{1}=m_{2} v_{2}\)
या \(\frac{m_{1}}{m_{2}}=\frac{v_{2}}{v_{1}}\)
यहाँ पर \(\frac{m_{1}}{m_{2}}<1\) होगा चूँकि ट्रक का द्रव्यमान कार के द्रव्यमान से अधिक होता है।
\( \frac{v_{2}}{v_{1}}<1 \\\)
या \(v_{2}<v_{1} \\\)
अतः ट्रक की चाल कार की चाल से कम होगी।
प्रश्न 6.
संतुलित व असंतुलित बल को परिभाषित कीजिये। आवश्यक चित्र बनाकर समझाइये कि असंतुलित बल ही वस्तु में गति उत्पन्न कर सकता है।
उत्तर:
(i) सन्तुलित बल (Balanced Forces): जब एक वस्तु पर अनेक बल कार्यरत हों और उनके परिणामी बल का मान शून्य है तो ऐसे बलों के समूह को सन्तुलित बल कहा जाता है।
सन्तुलित बल:
(ii) असन्तुलित बल (Unbalanced Forces): जब एक वस्तु पर अनेक बल कार्यरत हों और उनका परिणामी बल शून्य नहीं है तो ऐसे बलों को असन्तुलित बल कहते हैं।
वस्तु पर कार्यरत असन्तुलित बल:
असन्तुलित बल को ठीक से समझने के लिए एक उदाहरण:
जब एक खिलौने वाली कार को फर्श पर रखकर उसे धक्का देते हैं, तब वह कार गतिमान हो जाती है। इस स्थिति में कार पर चार बल कार्य करते हैं।
इस स्थिति में कार पर कार्यरत गुरुत्वीय बल नीचे की ओर है और फर्श द्वारा प्रदत्त प्रतिक्रिया का बल ऊपर की ओर है। चूँकि ये दोनों बल बराबर एवं विपरीत दिशा में कार्यरत होते हैं, इस कारण ये बल एक - दूसरे को सन्तुलित कर देते हैं। धक्के द्वारा लगाया बल, घर्षण बल से अधिक होने के फलस्वरूप, वे एक - दूसरे को सन्तुलित नहीं कर पाते हैं और कार पर कार्यरत परिणामी बल का मान शून्य नहीं होने से कार गतिमान हो जाती है। अतः उपर्युक्त प्रयोग के आधार पर हम कह सकते हैं कि असन्तुलित बल ही वस्तु में गति उत्पन्न कर सकता है।
प्रश्न 7.
न्यूटन के गति के नियमों को दैनिक जीवन के उदाहरण देते हुये समझाइये। द्वितीय नियम के आधार पर बल, द्रव्यमान एवं त्वरण में सम्बन्ध स्थापित कीजिये।
उत्तर:
न्यूटन के गति के नियम:
( 1 ) प्रथम नियम: इस नियम के अनुसार " यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है, तो वह विरामावस्था में ही बनी रहेगी और यदि वह एक सरल रेखा में एक समान वेग से चल रही है, तो वह उसी वेग से तब तक चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाह्य बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन न किया जाए।" इसे 'जड़त्व का नियम' भी कहते हैं।
गति के इस नियम को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं।
स्थिर अवस्था के जड़त्व के नियमों के उदाहरण:
गति अवस्था में जड़त्व के उदाहरण:
(2) द्वितीय नियम: इस नियम के अनुसार "किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल की दिशा के समानुपाती होती है।"
बल द्रव्यमान एवं त्वरण में सम्बन्ध: माना कि m द्रव्यमान की किसी वस्तु का वेग u है। वस्तु पर वेग की दिशा में F बल लगाने से t समय पश्चात् वेग u से परिवर्तित होकर v हो जाता है, तब।
प्रारम्भिक संवेग \(p_{1}=\mathrm{mu}\)
t समय पश्चात् संवेग \(p_{2}=\mathrm{mv}\)
समय t में संवेग परिवर्तन \( \Delta p=p_{2}-p_{1}=m(v-u)\)
अत: संवेग में परिवर्तन की दर \(=\frac{m(v-u)}{t}\)
हम जानते हैं कि संवेग में परिवर्तन की दर बल के समानुपाती होती है इसलिए
न्यूटन के दूसरे नियम से \(\mathrm{F} \propto \frac{m(v-u)}{t}\)
या \(\mathrm{F}=k \frac{m(v-u)}{t}\)
[यहाँ k नियतांक है ]
यहाँ \(\left(\frac{v-u}{t}\right)\) वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को बताता है, जो वस्तु में उत्पन्न त्वरण a है।
अतः
\(\mathrm{F} = k m a\)
नियतांक k का मान 1 होता है।
अतः
\(\mathrm{F}=m a\)
उदाहरण:
एक खिलाड़ी क्रिकेट की गेंद या किसी अन्य कठोर गेंद को रोकने के लिये गेंद सहित अपने हाथ को पीछे खींचता है। इससे गेंद के संवेग के शून्य होने का समय बढ़ जाता है। जिस कारण तेज गति से आ रही गेंद का प्रभाव हाथ पर कम पड़ता है।
( 3 ) तृतीय नियम: इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के लिये समान परन्तु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
उदाहरण: रॉकेट का चलना, प्रतिक्रिया टरबाइन, तोप का प्रतिक्षेप वेग आदि क्रिया और प्रतिक्रिया के सिद्धान्त पर आधारित हैं।
प्रश्न 8.
संवेग को परिभाषित कीजिये। दो गतिशील वस्तुओं की सीधी टक्कर में संवेग संरक्षित रहता है। चित्र बनाकर समझाइये।
उत्तर:
संवेग - किसी गतिमान वस्तु के द्रव्यमान m तथा वेग v के गुणनफल को संवेग कहंते हैं। यह एक सदिश राशि है।
अतः \(p=m v\)
इसका मात्रक M.K.S. पद्धति में किलोग्राम मी/से. होता है।
माना दो वस्तुएँ A व B जिनके द्रव्यमान m1 व m2 हैं, u1 व u2 वेग से एक ही दिशा में सीधी रेखा में गतिमान हैं। वस्तु A का वेग B से अधिक है। दोनों वस्तुएँ कुछ समय बाद प्रत्यास्थ टक्कर करती हैं, तो टक्कर के पश्चात् वस्तु का वेग v1 और v2 हो जाता है और माना टक्कर में लगा समय t है। यदि टक्कर के दौरान A वस्तु द्वारा B पर आरोपित बल F1 व B वस्तु द्वारा A पर आरोपित बल F2 हो तो न्यूटन के गति के द्वितीय नियम से
प्रथम वस्तु के लिए \(\mathrm{F}_{1} t=m_{1}\left(v_{1}-u_{1}\right)\) ....................(i)
द्वितीय वस्तु के लिए \(\mathrm{F}_{2} t=m_{2}\left(v_{2}-u_{2}\right)\) ....................(ii)
गति के तृतीय नियम से \(\mathrm{F}_{1}\) तथा \(\mathrm{F}_{2}\) बराबर होंगे परन्तु इनकी दिशा विपरीत होगी अत:
\(\mathrm{F}_{1}=-\mathrm{F}_{2}\)
समीकरण (i), (ii) व (iii) से
\(\begin{aligned} m_{1}\left(v_{1}-u_{1}\right) &=-m_{2}\left(v_{2}-u_{2}\right) \\ m_{1} v_{1}-m_{1} u_{1} &=-m_{2} v_{2}+m_{2} u_{2} \end{aligned}\)
या \(m_{1} v_{1}+m_{2} v_{2}=m_{1} u_{1}+m_{2} u_{2}\)
अर्थात् टक्कर से पूर्व संवेग = टक्कर के बाद संवेग
अत: टक्कर के पहले का कुल संवेग, टक्कर के पश्चात् के कुल संवेग के बराबर होता है। अर्थात् सीधी टक्कर में संवेग संरक्षित रहता है।
प्रश्न 9.
संवेग संरक्षण का सिद्धान्त क्या है? इसका न्यूटन के नियमों से सम्बन्ध स्थापित करिये। समझाइये कि न्यूटन के तृतीय नियम में यह सिद्धान्त निहित है।
उत्तर:
संवेग संरक्षण: माना किसी m द्रव्यमान के पिण्ड पर आरोपित बल F के कारण उसका प्रारम्भिक संवेग p1 समय t में बदलकर p2 हो जाता है तो न्यूटन के द्वितीय नियम से
\(\mathrm{F}=\frac{p_{2}-p_{1}}{t}\)
तब यदि
F = 0 है तो
P1 = P2
अर्थात् संवेग में परिवर्तन शून्य होगा या संवेग का मान सदा नियत बना रहेगा। इसे संवेग संरक्षण का नियम या सिद्धान्त कहते हैं।
"यदि किसी पिण्ड या निकाय पर बाह्य आरोपित बल शून्य है, तो उस निकाय के सम्पूर्ण संवेग का संरक्षण होता है, अर्थात् समय के साथ संवेग का मान नियत बना रहता है।" संवेग संरक्षण नियम से न्यूटन के तृतीय नियम की उत्पत्ति-दो पिण्ड आपस में टकराते समय एक - दूसरे पर बल आरोपित करते हैं। माना पहले पिण्ड पर बल F12 तथा दूसरे पर F21 है तथा इनका संवेग परिवर्तन \(\Delta p_{1}\) व \(\Delta p_{2}\) है।
यदि दोनों पिण्ड t समय तक एक - दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं तो।
आवेग = संवेग परिवर्तन
\(\therefore \quad \mathrm{F}_{12} \Delta t=\Delta p_{1}\)तथा \(\mathrm{F}_{21} \Delta \mathrm{t}=\Delta p_{2}\)
न्यूटन के द्वितीय नियम से:
\(\Delta p_{1}+\Delta p_{2}=0 \text { } \mathrm{F}_{12} \Delta t+\mathrm{F}_{21} \Delta t=0\)
या \(\Delta t\left(\mathrm{~F}_{12}+\mathrm{F}_{21}\right)=0\)
या \(\mathrm{F}_{12}+\mathrm{F}_{21}=0\)
या \(\mathrm{F}_{12}=-\mathrm{F}_{21}\)
अतः हम कह सकते हैं कि पहले पिण्ड पर लगाया गया बल दूसरे पिण्ड पर लगाये गये बल के बराबर व विपरीत दिशा में होता है। यह न्यूटन के तृतीय नियम की पुष्टि करता है।
प्रश्न 10.
गति के तीसरे नियम को प्रतिपादित कीजिए और इसके दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
न्यूटन का गति का तीसरा नियम: गति के इस नियम द्वारा न्यूटन ने बताया कि यदि दो वस्तुओं पर एक-साथ बल लगाया जाये तो इनमें पारस्परिक क्या सम्बन्ध है। इनके अध्ययन के अनुसार जब कोई बल किसी वस्तु पर कार्य करता है, तो उसे क्रिया कहते हैं। क्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न बल अन्य वस्तु पर विपरीत दिशा में कार्य करता है, उसे प्रतिक्रिया कहते हैं। इस प्रकार गति का तीसरा नियम क्रिया व प्रतिक्रिया के सम्बन्ध को दर्शाता है। इसके अनुसार "प्रत्येक क्रिया की समान एवं विपर प्रतिक्रिया होती है। क्रिया एवं प्रतिक्रिया परस्पर विपरीत दिशा में और भिन्न - भिन्न वस्तुओं पर होती हैं।" इस नियम को समझने के लिए निम्न प्रयोग करते हैं।
प्रयोग:
एक तेल की कुप्पी को आधा पानी से भर देते हैं। इसको चित्रानुसार छोटी नाव में कस देते हैं। कुप्पी को नीचे से लैम्प से गर्म करते हैं। भाप के तेजी से बाहर निकलने पर नाव पानी से पीछे की ओर धक्का अनुभव करती है जिससे यह भाप निकलने की विपरीत दिशा में गतिमान हो जाती है। इस प्रयोग से स्पष्ट होता है कि कुप्पी के जेट से भाप के निकलने के कारण बल (क्रिया) आगे की ओर लगता है और प्रतिक्रिया पीछे की ओर लगती है। इस प्रकार क्रिया तथा प्रतिक्रिया का बल दो भिन्र वस्तुओं पर कार्य करता है।
क्रिया और प्रतिक्रिया में सम्बन्ध दर्शाने के लिए एक ही नाप की दो कमानी तुला लेकर, एक को किसी दृढ़ आधार से तथा इसके हुक में दूसरी कमानी तुला का हुक फँसाकर इसे धीरे - धीरे खींचते हैं। हम देखते हैं कि दोनों तुलाओं में निश्चित स्थिति में समान पाठ्यांक आता है। स्पष्ट है कि पहली तुला दूसरी तुला पर जितना बल लगाती है उतना ही बल दूसरी तुला विपरीत दिशा में पहली तुला पर लगाती है, अर्थात् क्रिया-प्रतिक्रिया का बल विपरीत एवं बराबर होते हैं।
उदाहरण:
प्रश्न 11.
घर्षण बल से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइये कि घर्षण बल कहाँ उपयोगी है और कहाँ हानिकारक है? घर्षण को किस प्रकार कम किया जा सकता है?
उत्तर:
घर्षण बल: यदि किसी वस्तु को धक्का देकर छोड़ दें तो कुछ दूर जाकर वह ठहर जाती है। ऐसा जिस बल के कारण होता है उसे घर्षण बल कहते हैं। घर्षण बल हमेशा गति की विपरीत दिशा में होता है। इस प्रकार घर्षण बल सदैव वस्तु की गति का प्रतिरोध करता है। इसी घर्षण बल के कारण ही समतल धरातल पर भी किसी वस्तु का वेग एकसमान रखने के लिये बल लगाना पड़ता है। इसी घर्षण बल के कारण कोई घूमती हुई वस्तु जैसे स्टेण्ड पर खड़ी
साइकिल का पहिया कुछ देर घूमने के बाद स्थिर हो जाता है। अत: "जब दो धरातलों के बीच आपेक्षिक गति हो तो उनके बीच विपरीत दिशा में एक बल लगता है जिसे घर्षण बल कहते हैं।" यह बल किसी वस्तु की गति का विरोध करता है।
दैनिक जीवन में घर्षण बल का उपयोग:
घर्षण बल से हानियाँ:
(i) घर्षण बल पर नियन्त्रण पाने के लिये हमारी बहुत - सी शक्ति नष्ट हो जाती है।
(ii) घर्षण बलों के विरुद्ध किया गया कार्य ऊष्मा में परिणत होता है जिससे जहाँ एक ओर धरातल गर्म हो जाता है. वहाँ दसरी ओर निर्गत शक्ति निवेशी शक्ति सें कम होकर दक्षता को कम कर देती है। निरन्तर चलने वाले इंजनों है, वहाँ दूसरी ओर निर्गत शक्ति निवेशी शक्ति से कम होकर दक्षता को कम कर देती है। निरन्तर चलने वाले इंजनों के गतिशील भागों में घर्षण बलों के कारण अंधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे उनके कई हिस्से गलकर या मुलायम होकर ख़राब हो जाते हैं।
घर्षण बल को कम करना:
धरातल जितना अधिक चिकना होता है, घर्षण बल उतना ही कम होता है। धरातलों के बीच तेल आदि डालने पर घर्षण बल कम हो जाता है। दोनों धरातलों के बीच संपीडित हवा घर्षण बल बहुत कम कर देती है। निरन्तर चलने वाले इंजनों के गतिशील भागों में घर्षण बलों के कारण अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है जिससे उनके कई हिस्से गलकर या मुलायम होकर चिकने हो जाते हैं। अंत: उनमें स्नेहक तेल डालकर या ग्रीस आदि लगाकर घर्षण बल कम करने का प्रयास करते हैं तथा उनमें हवा, पानी आदि शीतलक पदार्थ घुमाकर ऊष्मा को कम किया जाता है। बाल बियरिंग के प्रयोग करने से भी घर्षण बल कम हो जाता है।
आंकिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक 5kg द्रव्यमान वाली वस्तु पर 2s के लिए एक नियत बल कार्यरत होता है। यह वस्तु के वेग को 3mS से बढ़ाकर 7ms कर देता है। लगाये गये बल की मात्रा ज्ञात करें। यदि इस बल को 5s के लिए आरोपित किया जाये, तो वस्तु का अन्तिम वेग क्या होगा?
उत्तर:
हल - दिया गया है।
द्रव्यमान \(\mathrm{m}=5 \mathrm{~kg}\)
समय \(\mathrm{t}=2 \mathrm{~s}\)
प्रारम्भिक वेग \(\mathrm{u}=3 \mathrm{~m} / \mathrm{s}\)
अन्तिम वेग \(\mathrm{v}=7 \mathrm{~m} / \mathrm{s}\)
बल F = ?
त्वरण की परिभाषा से
\(a=\frac{v-u}{t}\)
\(\mathrm{a}=\frac{7-3}{2}=\frac{4}{2}=2 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}\)
चूँकि बल F = द्रव्यमान(m) X त्वरण (a)
= 5kg2
F = 10kg2
या F = 10N
अत: वस्तु पर लगाया गया बल F = 10N
अब यह बल t = 5s तक लगाया जाता है। तब वस्तु का अन्तिम वेग
गति के प्रथम समीकरण से
\(v= u+a t \)
\(v=3+2\)
= 3 + 10 = 13m/s
∴ वस्तु का अन्तिम वेग = 13m/s
प्रश्न 2.
किसमें अधिक बल की आवश्यकता होगी 2kg द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 5m/s2 की दर से त्वरित करने में या 4kg द्रव्यमान वाली वस्तु को 2m/s2 की दर से त्वरित करने में?
उत्तर:
हल - दिया गया है
\(\begin{aligned} \mathrm{m}_{1} &=2 \mathrm{~kg} \\ \mathrm{a}_{1} &=5 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2} \\ \mathrm{~m}_{2} &=4 \mathrm{~kg} \\ \mathrm{a}_{2} &=2 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2} \end{aligned}\)
इस प्रकार प्रथम स्थिति के लिए:
\(\begin{aligned} \mathrm{F}_{1} &=\mathrm{m}_{1} \mathrm{a}_{1} \\ &=2 \times 5=10 \mathrm{~N} \\ \mathrm{~F}_{2} &=\mathrm{m}_{2} \mathrm{a}_{2} \\ &=4 \times 2=8 \mathrm{~N} \end{aligned}\)
यहाँ पर
\(\mathrm{F}_{1}>\mathrm{F}_{2}\)
अतः 2kg द्रव्यमान की वस्त को 5m/s2 की दर से त्वरित करने में अधिक बल की आवश्यकता होगी।
प्रश्न 3.
एक कार 108km/h की गति से चल रही है और ब्रेक लगाने के बाद यह रुकने में 4s का समय लेती है। कार पर ब्रेक लगाये जाने के बाद लगने वाले बल की गणना करें। कार का यात्रियों सहित कुल द्रव्यमान 1000kg है।
उत्तर:
हल - दिया गया है - कार का प्रारम्भिक वेग
u = 108 km/h
= 108 x \(\frac{5}{18}\) m/s
= 6 x 5 = 30 m/s
कार का अन्तिम वेग v = 0
ब्रेक लगाने के बाद रुकने का समय t = 4s
गति के प्रथम समीकरण से
v = u + at
या 0 = 30 + a x 4
या -30a = 4a
a = \(\frac{-30}{4}=\frac{-15}{2}\)m/s2
ऋणात्मक चिह्न यह बतलाता है कि मंदन हो रहा है।
ब्रेक लगाने के बाद बल की गणना करनी है, जिसमें कार का यात्रियों सहित द्रव्यमान m = 1000kg है।
∴ F = ma
मान रखने पर
\(F=1000 \times\left(\frac{-15}{2}\right)\)
= - 500 x 15 N
= -7500 N
ऋणात्मक चिह्न दर्शाता है कि ब्रेक के द्वारा लगाया गया बल गाड़ी की गति के विपरीत दिशा में आरोपित है।
प्रश्न 4.
5N का एक बल किसी द्रव्यमान mको 10 m/s का त्वरण देता है तथा द्रव्यमान m1 को 20 m/s2 का त्वरण देता है। अगर दोनों द्रव्यमानों को एक साथ मिला दिया जाये, तो इस बल के द्वारा क्या त्वरण उत्पन्न होगा?
उत्तर:
हल - दिया गया है।
बल F = 5 N
त्वरण a1 = 10 m/s2
द्रव्यमान m1 = ?
त्वरण a2 = 20 m/s
द्रव्यमान m2 = ?
पहली स्थिति के लिए \(m_{1}=\frac{F}{a_{1}}\)
या \(m_{1}=\frac{5}{10}\)
या \(\mathrm{m}_{1}=\frac{1}{2} \mathrm{~kg}\) .....(1)
दूसरी स्थिति के लिए
\(\begin{aligned} \mathrm{m}_{2} &=\frac{\mathrm{F}}{\mathrm{a}_{2}} \\ &=\frac{5}{20} \end{aligned}\)
\(\mathrm{m}_{2}=\frac{1}{4} \mathrm{~kg}\) .............(2)
यदि दोनों द्रव्यमानों को एक साथ मिला दिया जाये तब द्रव्यमान होगा
\(\begin{aligned} &=\frac{1}{2}+\frac{1}{4} \\ &=\frac{3}{4} \mathrm{~kg} \end{aligned}\)
अब पूरे द्रव्यमान m पर 5N बल द्वारा उत्पन्न किया गया त्वरण
\(\begin{aligned} a &=\frac{F}{m} \\ &=\frac{5}{3 / 4}=\frac{5 \times 4}{3} \\ a &=\frac{20}{3}=6.67 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2} \end{aligned}\)
प्रश्न 5.
एक लम्बी मेज पर सीधी रेखा में जा रही 20g द्रव्यमान की गेंद का वेग-समय ग्राफ चित्र में दिया गया है। गेंद को विरामावस्था में लाने के लिए मेज द्वारा कितना बल लगेगा?
उत्तर:
हल - दिया गया है।
गेंद का प्रारम्भिक वेग u = 20 cm/s
अन्तिम वेग v = 0 cm/s
गेंद का अन्तिम वेग 10 सेकण्ड में शून्य हो जाता है।
त्वरण की परिभाषा \(\mathbf{a}=\frac{\mathbf{v}-\mathbf{u}}{\mathbf{t}}\)
\(\begin{aligned} &a=\frac{0-20}{10}=\frac{-20}{10} \\ &a=-2 \mathrm{~cm} / \mathrm{s}^{2} \end{aligned}\)
या \(a=-0.02 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^{2}\)
गेंद पर लगा घर्षण बल
F = ma
\(=\frac{20}{1000} \times(-0.02)\)
F = - 0.0004 N
ऋणात्मक चिह्न यह बतलाता है कि गेंद की गति की दिशा के विपरीत मेज द्वारा घर्षण बल आरोपित किया जाता है।
प्रश्न 6.
यदि m एवं 2m द्रव्यमान के दो पिण्डों पर अलग-अलग समान बल आरोपित किये जाते हैं तो उनके त्वरण a1 एवं a2 का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल - माना दोनों पिण्डों पर समान बल F लगाया जाता है, जिसके कारण पिण्डों पर उत्पन्न त्वरण a1 तथा a2 है।
F = m x a1 .............(1)
F = 2m x a2 ...............(2)
समीकरण (1) तथा (2) को बराबर करने पर
ma1 = 2ma2
al = 2a2
∴ \(\frac{a_{1}}{a_{2}}=\frac{2}{1}\)
∵ \(a_{1}: a_{2}=2: 1\)
प्रश्न 7.
एक साइकिल चला रहे छात्र का साइकिल सहित संवेग 400 किग्रा. मीटर/सेकण्ड है। साइकिल 5 मीटर / सेकण्ड के वेग से गतिमान है। छात्र एवं साइकिल का द्रव्यमान ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
हल - दिया गया है।
संवेग p = 400 किग्रा. मीटर / सेकण्ड
वेग v = 5 मीटर / सेकण्ड
माना छात्र एवं साइकिल का द्रव्यमान m = ?
संवेग p = mv
या \(m=\frac{p}{v}\)
\(m=\frac{400}{5}\)
या m = 80 किलोग्राम अतः छात्र एवं साइकिल का द्रव्यमान = 80 किलोग्राम
प्रश्न 8.
दो वस्तुओं पर बारी - बारी से समान बल लगाने पर उनमें उत्पन्न त्वरण का अनुपात 2 : 5 है। वस्तुओं के द्रव्यमानों का अनुपात ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
हल
∴ F = ma
प्रथम वस्तु के लिए F1 = m1a1
उसी प्रकार दूसरी वस्तु के लिए F2 = m2a2
m1 a1 = m2 a2
\(\begin{aligned} \frac{a_{1}}{a_{2}} &=\frac{m_{2}}{m_{1}} \\ \frac{2}{5} &=\frac{m_{2}}{m_{1}} \end{aligned}\)
या \(\frac{m_{1}}{m_{2}}=\frac{5}{2}\)
अर्थात् m1 : m2 = 5 : 2 होगा।
अतः समान बल लगाने पर वस्तुओं में उत्पन्न त्वरण उनके द्रव्यमानों के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 9.
20 किलोग्राम द्रव्यमान वाली वस्तु को 2.5 मी. / सेकण्ड का त्वरण उत्पन्न करने के लिये कितने बल की आवश्यकता होगी? यदि बल को दोगुना कर दिया जाये तो त्वरण कितना हो जायेगा?
उत्तर:
हल - वस्तु का द्रव्यमान m = 20 किलोग्राम
वस्तु का उत्पन्न त्वरण a = 2.5 मी./से.2
F = ?
∵ F = ma
या F = 20 x 2.5
= 50 न्यूटन (N)
अतः आवश्यक बल का मान 50 न्यूटन होगा। बल को दुगुना करने पर, बल का मान 100 न्यूटन हो जायेगा अतः वस्तु में अब
त्व रण \(a=\frac{F}{m}\)
\(a=\frac{100 N}{20}\)
या a = 5 मीटर / सेकण्ड
प्रश्न 10.
दो घनाकार आकृति के पिण्ड जिनके द्रव्यमान क्रमशः m1 = 50 किग्रा. एवं m2 = 150 किग्रा हैं, घर्षण रहित तल पर चित्रानुसार रखे हुए हैं। दोनों पिण्ड एक अविस्तारित डोरी से जुड़े हैं, जब m1 को F बल द्वारा खींचते हैं तो दोनों पिण्डों में 5 मीटर / सेकण्ड2 का त्वरण उत्पन्न हो जाता है। F का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है।
द्रव्यमान m1 = 50 kg.
द्रव्यमान m2 = 150 kg.
त्वरण a = 5 m/s2
बल F = ?
हम जानते हैं
F = (m1 + m2)a
= (50 + 150) x 5
= 200 x 5 = 1000 न्यूटन
प्रश्न 11.
2kg के एक पिस्टल से 20g द्रव्यमान की एक गोली 150m/s के क्षैतिज वेग से छोड़ी जाती है। पिस्टल के पीछे हटने के वेग का परिकलन करें।
उत्तर:
हल - गोली का द्रव्यमान m1 = 20
g = \(=\frac{20}{1000}\)120kg
अतः m1 = 0.002Kg
पिस्टल का द्रव्यमान m2 = 2kg
गोली का प्रारम्भिक वेग u1 तथा पिस्टल का प्रारम्भिक वेग u2 क्रमशः शून्य है।
अर्थात्
u1 = u2 = 0
गोली का अन्तिम वेग
v1 = + 150 m/s
माना पिस्टल के पीछे हटने का वेग v है, जिसका मान ज्ञात करना है।
गोली छूटने से पहले कुल संवेग
\(m_{1} u_{1}+m_{2} u_{2}\)
⇒ \(0.02 \times 0+2 \times 0\)
⇒ \(0+0=0 \mathrm{~kg} \mathrm{~m} / \mathrm{s}\)
गोली छूटने के बाद कुल संवेग
\(\begin{aligned} &=\mathrm{m}_{1} \mathrm{v}_{1}+\mathrm{m}_{2} \mathrm{v}_{2} \\ &=0.02 \times 150+2 \times \mathrm{v} \\ &=3.00+2 \mathrm{v} \\ &=3+2 \mathrm{vg} \mathrm{m} / \mathrm{s} \end{aligned}\)
संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार गोली छूटने से पहले का संवेग = गोली छूटने के बाद का संवेग
0 = 3 + 2v
- 3 = 2v
\(\therefore v=\frac{-3}{2}\)
[v = - 1.5 m/s]
ऋणात्मक चिह्न यह बतलाता है कि पिस्टल गोली के विपरीत दिशा में अर्थात् दाईं से बाईं ओर प्रतिक्षेपित होगी।