Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Important Questions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक :
प्रश्न 1.
कोशिका संरचना को सर्वप्रथम देखने का श्रेय दिया जाता है?
(अ) एम. स्लीडन
(ब) टी. स्वान
(स) रॉबर्ट हुक
(द) रॉबर्ट ब्राउन
उत्तर:
(स) रॉबर्ट हुक
प्रश्न 2.
कोशिका सिद्धान्त प्रस्तुत करने वाले वैज्ञानिक समूह हैं?
(अ) पुरकिन्जे एवं स्ट्रासबर्गर
(ब) डी. ड्यवे एवं बेन्डा
(स) स्लीडन एवं स्वान
(द) रॉबर्ट हुक एवं रॉबर्ट ब्राउन
उत्तर:
(स) स्लीडन एवं स्वान
प्रश्न 3.
कोशिका के केन्द्रक की खोज करने वाले वैज्ञानिक हैं?
(अ) ल्यूवेनहक
(ब) रॉबर्ट हुक
(स) रॉबर्ट ब्राउन
(द) एम. स्लाइडेन
उत्तर:
(स) रॉबर्ट ब्राउन
प्रश्न 4.
जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है?
(अ) अंग
(ब) कोशिका
(स) ऊतक
(द) अंग तंत्र
उत्तर:
(ब) कोशिका
प्रश्न 5.
एक कोशीय जीव का उदाहरण है?
(अ) हाइड्रा
(ब) कवक
(स) अमीबा
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(स) अमीबा
प्रश्न 6.
कोशिका की सभी उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण करता है?
(अ) गॉल्जीकाय
(ब) केन्द्रक
(स) राइबोस
(द) माइटोकॉन्ड्रिया
उत्तर:
(ब) केन्द्रक
प्रश्न 7.
आत्मघाती थैली के नाम से जाने जाना वाला कोशिकांग है?
(अ) केन्द्रक
(ब) राइबोसोम
(स) लाइसोसोम
(द) माइटोकॉन्ड्रिया
उत्तर:
(स) लाइसोसोम
प्रश्न 8.
निम्न में से किस कोशिकांग में DNA नहीं पाया जाता है?
(अ) केन्द्रक
(ब) माइटोकॉन्ड्रिया
(स) प्लैस्टिड
(द) लाइसोसोम
उत्तर:
(द) लाइसोसोम
प्रश्न 9.
प्रोटीन संश्लेषण से सम्बन्धित कोशिकांग है?
(अ) हरित लवक
(ब) राइबोसोम
(स) प्लैस्टिड
(द) लाइसोसोम
उत्तर:
(ब) राइबोसोम
प्रश्न 10.
प्रोकेरियोटी कोशिका में क्रोमोसोम की संख्या है?
(अ) 1
(ब) 2
(स) 3
(द) 4
उत्तर:
(अ) 1
प्रश्न 11.
कोशिका का पावर हाउस है?
(अ) लाइसोसोम
(ब) प्लैस्टिड
(स) राइबोसोम
(द) माइटोकॉन्ड्रिया
उत्तर:
(द) माइटोकॉन्ड्रिया
प्रश्न 12.
लाइसोसोम का निर्माण होता है?
(अ) राइबोसोम में
(ब) माइटोकॉन्ड्रिया में
(स) रसधानियों में
(द) गॉल्जी उपकरण में
उत्तर:
(द) गॉल्जी उपकरण में
प्रश्न 13.
वसा तथा लिपिड अणुओं को बनाने में सहयोगी कोशिकांग है?
(अ) गॉल्जी उपकरण
(ब) राइबोसोम
(स) चिकनी अंतर्घद्रब्यी जालिका
(द) केन्द्रक
उत्तर:
(स) चिकनी अंतर्घद्रब्यी जालिका
प्रश्न 14.
यकृत की कोशिकाओं में विष तथा दवा को निराविषीकरण करने में सहायक है?
(अ) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका
(ब) खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका
(स) लाइसोसोम
(द) राइबोसोम
उत्तर:
(अ) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका
प्रश्न 15.
सामान्य शर्करा से जटिल शर्करा बनाने वाला कोशिकांग है?
(अ) लाइसोसोम
(ब) माइटोकॉन्डिया
(स) गॉल्जी उपकरण।
(द) राइबोसोम
उत्तर:
(स) गॉल्जी उपकरण।
प्रश्न 16.
निम्न में से किस कोशिकांग में ATP का निर्माण होता है?
(अ) राइबोसोम
(ब) लाइसोसोम
(स) रसधानी
(द) माइटोकॉन्डिया
उत्तर:
(द) माइटोकॉन्डिया
प्रश्न 17.
किस अंगक में स्टार्च, तेल तथा प्रोटीन जैसे पदार्थ संचित होते हैं?
(अ) क्लोरोप्लास्ट
(ब) क्रोमोप्लास्ट
(स) ल्यूकोप्लास्ट
(द) सभी में
उत्तर:
(स) ल्यूकोप्लास्ट
प्रश्न 18.
जनन कोशिकाओं में विभाजन होता है?
(अ) समसूत्री
(ब) अर्द्धसूत्री
(स) असूत्री
(द) अन्त:सूत्री
उत्तर:
(ब) अर्द्धसूत्री
प्रश्न 19.
कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र है?
(अ) राइबोसोम
(ब) गॉल्जी उपकरण
(स) लाइसोसोम
(द) प्लैस्टिड
उत्तर:
(स) लाइसोसोम
प्रश्न 20.
पादप कोशिका भित्ति मुख्यतः किसकी बनी होती है?
(अ) सेल्यूलोज
(ब) ग्लूकोज
(स) प्रोटीन
(द) वसा
उत्तर:
(अ) सेल्यूलोज
प्रश्न 21.
कोशिका को रंगने के लिए किस विलयन का उपयोग करते हैं?
(अ) आयोडीन
(ब) सैफ्रानिन
(स) मेथलीन ब्लू
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
रिक्त स्थान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
CO2 व O2 कोशिका झिल्ली के आर - पार ............ प्रक्रिया द्वारा आ - जा सकते हैं।
उत्तर:
विसरण
प्रश्न 2.
DNA के क्रियात्मक खण्ड को ............ कहते हैं।
उत्तर:
जीन
प्रश्न 3.
कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक दोनों को मिलाकर ............ कहते हैं।
उत्तर:
जीवद्रव्य
प्रश्न 4.
माइटोकॉन्ड्रिया की तरह ............ में भी अपना DNA तथा राइबोसोम
उत्तर:
प्लैस्टिड
प्रश्न 5.
शरीर नए रासायनिक यौगिकों को बनाने तथा यांत्रिक कार्य के लिए ............ में संचित ऊर्जा का उपयोग करता है।
उत्तर:
ATP।
सत्य / असत्य कथन वाले प्रश्न:
निम्नलिखित कथनों में सत्य तथा असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
जन्तु कोशिकाओं में रसधानियाँ बड़ी होती हैं जबकि पादप कोशिकाओं में रसधानियाँ बहत छोटी होती हैं।(सत्य / असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
लाइसोसोम कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र है।(सत्य / असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
RER सूक्ष्मदर्शी से देखने पर चिकनी दिखाई पड़ती है।(सत्य / असत्य)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
पौधों के मूल द्वारा जल का अवशोषण परासरण का एक उदाहरण है।(सत्य / असत्य)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 5.
केन्द्रक कोशिका का बिजलीघर है।(सत्य / असत्य)
उत्तर:
असत्य
मिलान वाले प्रश्न:
निम्नलिखित प्रश्नों में सही कूट (कोड) का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
कोशिकांग
कोशिकांग |
कार्य |
(a) RER |
(i) ऊर्जा उत्पादन |
(b) माइटोकॉन्ड्रिया |
(ii) पाचन |
(c) लाइसोसोम |
(iii) प्रकाश संश्लेषण |
(d) प्लैस्टिड |
(iv) प्रोटीन संश्लेषण |
उत्तर:
कोशिकांग |
कार्य |
(a) RER |
(iv) प्रोटीन संश्लेषण |
(b) माइटोकॉन्ड्रिया |
(i) ऊर्जा उत्पादन |
(c) लाइसोसोम |
(ii) पाचन |
(d) प्लैस्टिड |
(iii) प्रकाश संश्लेषण |
प्रश्न 2.
वैज्ञानिक
वैज्ञानिक |
खोज |
(a) रॉबर्ट हूक |
(i) गॉल्जीकाय |
(b) रॉबर्ट ब्राउन |
(ii) जीवद्रव्य |
(c) पुरोकंज |
(iii) केन्द्रक |
(d) कैमिलोगॉल्जी |
(iv) कोशिका |
उत्तर:
वैज्ञानिक |
खोज |
(a) रॉबर्ट हूक |
(iv) कोशिका |
(b) रॉबर्ट ब्राउन |
(iii) केन्द्रक |
(c) पुरोकंज |
(i) गॉल्जीकाय |
(d) कैमिलोगॉल्जी |
(ii) जीवद्रव्य |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
अमीबा के अतिरिक्त किन्हीं दो एककोशिक जन्तु के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
आकार परिवर्तन करने वाले एक कोशिक जीव का नाम लिखिए।
उत्तर:
अमीबा।
प्रश्न 3.
कोशिका झिल्ली की एक विशेषता लिखिए।
उत्तर:
कोशिका झिल्ली वर्णात्मक पारगम्य होती है।
प्रश्न 4.
कोशिका में CO2 व O2 का आवागमन किस क्रिया से होता है?
उत्तर:
विसरण की क्रिया से।
प्रश्न 5.
विसरण का क्या सिद्धान्त है?
उत्तर:
विसरण में पदार्थ उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर बहते हैं।
प्रश्न 6.
कोशिका में जल नियमन किस क्रिया द्वारा होता है?
उत्तर:
परासरण की क्रिया द्वारा।
प्रश्न 7.
कोशिका के तीन प्रमुख क्रियात्मक क्षेत्र कौन - कौन से हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
पौधों की मूल द्वारा जल का अवशोषण किस क्रिया द्वारा होता है?
उत्तर:
परासरण की क्रिया द्वारा।
प्रश्न 9.
पादप कोशिकाएँ परिवर्तनशील माध्यम को जन्तु कोशिका की तुलना में आसानी से किसकी उपस्थिति के कारण सह लेती हैं?
उत्तर:
कोशिका भित्ति के कारण।
प्रश्न 10.
क्रोमेटिन पदार्थ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
क्रोमेटिन पदार्थ धागे की तरह की रचनाओं के जाल का एक पिण्ड होता है।
प्रश्न 11.
प्लैस्टिड कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के:
प्रश्न 12.
क्लोरोप्लास्ट किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल वर्णक होता है, उसे क्लोरोप्लास्ट कहते हैं।
प्रश्न 13.
ल्यूकोप्लास्ट क्या है?
उत्तर:
यह प्राथमिक रूप से अंगक है, जिसमें स्टार्च, तेल तथा प्रोटीन जैसे पदार्थ संचित होते हैं।
प्रश्न 14.
सूखी किशमिश को जल में रखने पर वह फूल जाती है, तो जल को किस प्रकार का विलयन कहेंगे?
उत्तर:
अल्पपरासरण दाबी विलयन।
प्रश्न 15.
एक कवच रहित अण्डे को नमक के सान्द्रित विलयन में रखने पर क्या होता है?
उत्तर:
अण्डा सिकुड़ जाता है।
प्रश्न 16.
एक कोशिकीय जीवों द्वारा कोशिका झिल्ली से पदार्थ या भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
उत्तर:
एन्डोसाइटोसिस।।
प्रश्न 17.
प्लैज्मा झिल्ली किसकी बनी होती है?
उत्तर:
प्लैज्मा झिल्ली लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है।
प्रश्न 18.
यदि कोशिका को अतिपरासरण दाबी विलयन में रखा जाये तो क्या होता है?
उत्तर:
कोशिका सिकुड़ जाती है।
प्रश्न 19.
कोशिका को रंगने के लिए उपयोगी दो रसायनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 20.
केन्द्रक के चारों ओर पाये जाने वाला दोहरी परत का स्तर क्या कहलाता है?
उत्तर:
केन्द्रक झिल्ली।
प्रश्न 21.
क्रोमोसोम किसके बने होते हैं?
उत्तर:
क्रोमोसोम DNA तथा प्रोटीन के बने होते हैं।
प्रश्न 22.
प्रोकैरियोट की एक विशेषता तथा एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रोकैरियोट के केन्द्रक पर केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है।
उदाहरण:
प्रश्न 23.
अंतर्द्रव्यी जालिका कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक का नाम लिखिए।
उत्तर:
दो प्रकार की:
प्रश्न 24.
गॉल्जी उपकरण की खोज किस वैज्ञानिक ने की थी?
उत्तर:
कैमिलो गॉल्जी ने।
प्रश्न 25.
गॉल्जी उपकरण के दो कार्य लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 26.
लाइसोसोम में उपस्थित पाचक एन्जाइम का निर्माण किस कोशिकांग द्वारा होता है?
उत्तर:
खुरदरी अंतर्घद्रव्यी जालिका (RER) द्वारा।
प्रश्न 27.
ATP का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
एडिनोसिन ट्राइफास्फेट।
प्रश्न 28.
ऐसे दो कोशिकांगों के नाम लिखिए जिनके स्वयं के DNA होते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 29.
जीवद्रव्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक दोनों मिलकर जीवद्रव्य कहलाते हैं।
प्रश्न 30.
बहुकोशिक जीव किसे कहते हैं? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
एक से अधिक कोशिकाओं से निर्मित जीव बहुकोशिक जीव कहलाते हैं। जैसे - मानव, पेड़ - पौधे आदि।
प्रश्न 31.
कोशिका विभाजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
नई कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया को कोशिका विभाजन कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कोशिका की खोज के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
सन् 1665 में राबर्ट हुक ने कार्क (एक पदार्थ है जो वृक्ष की छाल से प्राप्त होता है) की पतली काट के अवलोकन पर पाया कि इनमें अनेक छोटे-छोटे प्रकोष्ठ हैं, जिनकी संरचना मधुमक्खी के छत्ते जैसी प्रतीत होती है। राबर्ट हुक ने इन प्रकोष्ठों को 'कोशिका' कहा। Cell (कोशिका) लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है 'छोटा कमरा'।
प्रश्न 2.
झिल्ली जीवात् जनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
चिकनी अन्तद्रव्यी जालिका द्वारा निर्मित वसा तथा कुछ प्रोटीन कोशिका झिल्ली को बनाने में सहायता करते हैं। यह क्रिया ही 'झिल्ली जीवात् जनन' कहलाती है।
प्रश्न 3.
कोशिका सिद्धान्त क्या है?
उत्तर:
कोशिका सिद्धान्त-दो जीव वैज्ञानिक एम. स्लीडन तथा टी. स्वान ने कोशिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया। इस सिद्धान्त के अनुसार
प्रश्न 4.
कोशिका क्या है? कोशिका की आकृति व आकार के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
कोशिका: कोशिका सभी जीवों की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई होती है। कोशिकाओं की आकृति तथा आकार उनके विशिष्ट कार्यों के अनुरूप होते हैं। सामान्यतया कोशिकाएँ गोल या अण्डाकार होती हैं। कुछ कोशिकाएँ अपना आकार बदलती रहती हैं जैसे एककोशिकीय जीव अमीबा। कुछ जीवों में कोशिका का आकार लगभग स्थिर रहता है तथा प्रत्येक प्रकार की कोशिका के लिए विशिष्ट होता है, जैसे तंत्रिका कोशिका।
प्रश्न 5.
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र बनाओ।
उत्तर:
मानव शरीर की विभिन्न कोशिकाओं के चित्र:
प्रश्न 6.
कोशिका में श्रम विभाजन की क्रिया किस प्रकार पाई जाती है? समझाइए।
उत्तर:
कोशिका में श्रम विभाजन:
कोशिका सजीवों की संरचना करती है तथा इसमें मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है, जो इसके सजीवता के गुण को प्रदर्शित करता है। यदि कोशिका मूलभूत कार्य करना बन्द कर दे तो वह मृत हो जाएगी। कोशिका में विभिन्न कार्यों को सम्पन्न करने के लिए विशिष्ट घटक होते हैं, जिन्हें कोशिकांग कहते हैं। प्रत्येक कोशिकांग एक विशिष्ट कार्य करता है, जैसे - कोशिका में नए पदार्थ का निर्माण, अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन आदि। इन कोशिकांग के कारण ही एक कोशिका जीवित रहती है और अपने सभी कार्य करती है। ये कोशिकांग मिलकर ही कोशिका को क्रियात्मक इकाई बनाते हैं।
प्रश्न 7.
प्लैज्मा झिल्ली अथवा कोशिका झिल्ली किसकी बनी होती है? इसके क्या कार्य हैं?
उत्तर:
प्लैज्मा झिल्ली या कोशिका झिल्ली कार्बनिक अणुओं, जैसे लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है। यह द्विस्तरीय होती है।
कार्य:
प्रश्न 8.
कोशिका भित्ति की रचना व कार्य लिखिए।
उत्तर:
कोशिका भित्ति - पादप कोशिका में प्लैज्मा झिल्ली के बाहर कोशिका भित्ति पाई जाती है, जो मुख्यतः सेल्यूलोज की बनी होती है।
कार्य:
प्रश्न 9.
विसरण एवं परासरण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विसरण तथा परासरण में अन्तर:
विसरण |
परासरण |
1. किसी पदार्थ का अधिक सान्द्रता से कम सान्द्रता की ओर गति करना, विसरण कहलाता है। |
1. जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो, तो वह परासरण कहलाता है। |
2. यह क्रिया गैस से गैस में सर्वाधिक होती है। |
2. यह द्रवव से द्रव में सर्वाधिक होती है। |
3. उदाहरण: कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में गैसों का आदान-प्रदान। |
3. उदाहरण: पौधों की मूल द्वारा जल का अवशोषण। |
प्रश्न 10.
परासरण दाब प्रवणता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
परासरण से उत्पन्न दाब, परासरण दाब कहलाता है तथा इसके कारण उत्पन्न प्रभाव 'परासरण दाब प्रवणता' कहलाता है। यह कोशिका में बाह्य व आन्तरिक दोनों ही प्रकार का हो सकता है। बाह्य परासरण दाब प्रवणता में पदार्थ बाहर की ओर, जबकि आन्तरिक परासरण दाब प्रवणता में अन्दर की ओर पदार्थ विसरित होकर दाब उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 11.
कोशिका में ऑक्सीजन गैस किस प्रकार पहुँचती है? समझाइए।
उत्तर:
सामान्यतया पदार्थ तथा गैसों का आदान: प्रदान विसरण प्रक्रिया द्वारा होता है। ऑक्सीजन (O2) श्वसन के लिए आवश्यक है। यह भी कोशिका में विसरण प्रक्रिया द्वारा ग्रहण की जाती है। जब कोशिका में उपस्थित ऑक्सीजन इस्तेमाल की जाती है, तब इसकी सान्द्रता कम हो जाती है। तब यह बाह्य पर्यावरण से कोशिका की ओर गति करती है। क्योंकि बाह्य पर्यावरण में इसकी सान्द्रता कोशिका की अपेक्षा अधिक होती है। इस प्रकार विसरण प्रक्रिया सजीवों में श्वसन प्रक्रिया को सतत बनाये रखती है।
प्रश्न 12.
वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से क्या आशय है? समझाइए।
उत्तर:
वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली: वह झिल्ली जो चयनित पदार्थों का आवागमन करती है, वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहलाती है। कोशिका में बाहरी आवरण इसी प्रकार की झिल्ली का होता है, जो विसरण व परासरण की क्रिया के माध्यम से कोशिका के लिए पदार्थों को चयनित कर कोशिका में आवागमन करती है। इस तरह के कायों के लिए हम अण्डे की पतली झिल्ली का उपयोग कर अवलोकन कर सकते हैं।
प्रश्न 13.
अल्पपरासरण दाबी विलयन क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
अल्पपरासरण दाबी विलयन: चूँकि कोशिका में जल व अन्य पदार्थों का आवागमन परासरण द्वारा होता है तथा जल के अणु कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आने - जाने के लिए स्वतन्त्र होते हैं। जब कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यम अर्थात् जल में शक्कर अथवा नमक की मात्रा कम और जल की मात्रा ज्यादा हो, में रखा गया है, तो जल परासरणी विधि द्वारा कोशिका के अन्दर चला जाता है, जिससे कोशिका फूलने लगती है। इस प्रकार का विलयन 'अल्पपरासरण दाबी विलयन' कहलाता है।
प्रश्न. 14.
अतिपरांसरण दाबी विलयन क्या है? समझाइए।
उत्तर:
अतिपरासरण दाबी विलयन: यदि कोशिका को ऐसे विलयन में रखा जाए जिसकी सान्द्रता कोशिका के विलयन की सान्द्रता से अधिक हो तो जल कोशिका से बाहर की ओर जाना प्रारम्भ हो जाएगा तथा कोशिका सिकुड़ जाएगी। अतः ऐसा विलयन जो कोशिका के जल को बाहर निकालने में सक्षम हो, अतिपरासरण दाबी विलयन कहलाता है।
प्रश्न 15.
जीवद्रव्य कुंचन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जीवद्रव्य - कुंचन (Plasmolysis): जब किसी पादप कोशिका में परासरण की क्रिया द्वारा पानी की हानि होती है, तब कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकुचित होने लगते हैं। यह घटना ही जीवद्रव्य कुंचन कहलाती है।
प्रश्न 16.
केन्द्रक के कोई चार कार्य लिखिए।
उत्तर:
केन्द्रक के कार्य निम्नलिखित हैं:
प्रश्न 17.
किसी प्ररूपी प्रोकैरियोटी कोशिका का आरेख खींचकर उसके किन्हीं दो भागों का नामांकन कीजिए।
उत्तर:
प्रोकैरियोटी कोशिका का चित्र:
प्रश्न 18.
वाइरस में कोशिका झिल्ली का अभाव होता है फिर भी उसमें जीवन के लक्षण उत्पन हो जाते हैं। क्यों?
उत्तर:
कोशिका में कोशिका झिल्ली नहीं होने पर कोशिकांग बाह्य वातावरण में क्रियाशील नहीं रह सकते परन्तु वाइरस इसका अपवाद है। वाइरस में सजीवता के गुण तब प्रकट होते हैं जब वह किसी सजीव के शरीर में प्रवेश करता है। वाइरस सजीव कोशिका का उपयोग कर स्वयं क्रियाशील हो जाता है तथा बहुगुणन की प्रक्रिया से अनेक वाइरस तैयार कर लेता है।
प्रश्न 19.
कोशिकाद्रव्य की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm): कोशिका में कोशिका कला तथा केन्द्रक कला के मध्य उपस्थित सम्पूर्ण तरल पदार्थ कोशिकाद्रव्य कहलाता है। इसमें बहुत से विशिष्ट कोशिका के घटक होते हैं, जो कोशिका अंगक कहलाते हैं। प्रत्येक अंगक कोशिका के लिए विशिष्ट कार्य करते हैं। कोशिकाद्रव्य का संरचनाविहीन तरल भाग जल में विभिन्न पदार्थों के विलेय होने के कारण बना होता है। उसमें वसा की बूंदें, ग्लाइकोजन कण, स्टार्च कण एवं अन्य पदार्थ उपस्थित रहते हैं। इसमें कुछ रिक्तिकाएँ भी पाई जाती हैं।
प्रश्न 20.
प्रमुख कोशिका अंगकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कोशिका में प्रमुख कोशिका अंगक निम्न हैं:
प्रश्न 21.
अंतर्द्रव्यी जालिका किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
अंतर्द्रव्यी जालिका (ER): कोशिका के अन्दर यह कोशिकांग झिल्लीयुक्त नलिकाओं तथा शीट का एक विशाल तंत्र होता है। ये लम्बी नलिका अथवा गोल या आयताकार थैलों (पुटिकाओं) की तरह दिखाई देती हैं। इनकी रचना भी प्लैज्मा झिल्ली की तरह होती है। अंतर्द्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है:
प्रश्न 22.
अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) के कार्य लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 23.
गॉल्जी उपकरण क्या है ? इसके क्या कार्य हैं ?
उत्तर:
गॉल्जी उपकरण: इसका विवरण सर्वप्रथम कैमिलो गॉल्जी ने दिया था। ये पतली झिल्ली युक्त चपटी पुटिकायें (Vesicles) हैं, जो एक - दूसरे के ऊपर समानान्तर सजी रहती हैं, जिन्हें कुंडिका कहते हैं। इन झिल्लियों का सम्पर्क हमेशा ER झिल्लियों से होता है।
कार्य: ER में संश्लेषित पदार्थ गॉल्जी उपकरण में पैक किए जाते हैं और कोशिका के बाहर तथा अन्दर विभिन्न क्षेत्रों में भेज दिया जाता है। इस कार्य में शामिल हैं - पुटिका में पदार्थ का संचयन, रूपान्तरण और बन्द करना (Packaging)। गॉल्जी उपकरण द्वारा लाइसोसोम को भी बनाया जाता है। कछ परिस्थिति में गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर भी बनती है।
प्रश्न 24.
राइबोसोम क्या है ? इनके क्या कार्य हैं?
उत्तर:
1. राइबोसोम: ये अतिसूक्ष्म कण अन्त: प्रद्रव्यी जालिका की बाह्य सतह तथा कोशिका द्रव्य में मुक्त रूप से वितरित पाये जाते हैं। प्रत्येक कण दो उप - इकाइयों से बने होते हैं, जिनको छोटी तथा बड़ी उप-इकाइयाँ कहते हैं। इनमें प्रोटीन तथा राइबोसोमल आर.एन.ए. पाये जाते हैं।
2. राइबोसोम के कार्य: राइबोसोम्स प्रोटीन संश्लेषण में सक्रिय रूप से भाग ले लिए इनको प्रोटीन कारखाने तथा कोशिका इञ्जन भी कहते हैं।
प्रश्न 25.
रसधानियाँ क्या हैं ? समझाइए।
उत्तर:
रसधानियाँ: ये कोशिका द्रव्य में थैली की तरह की संरचनायें होती हैं, जिनमें ठोस अथवा तरल पदार्थ भरे रहते हैं। जन्तु कोशिका में रसधानियाँ छोटी व पादप कोशिका में बहुत बड़ी होती हैं। पादप रसधानियों में कोशिका द्रव्य (Cell sap) भरा होता है। ये कोशिका को स्फीति (turgidity) व दृढ़ता (rigidity) प्रदान करती है। पादप रसधानी में पौधे के लिए आवश्यक पदार्थ; जैसे - शर्करा, अमीनो अम्ल, विभिन्न कार्बनिक अम्ल एवं कुछ प्रोटीन भरे होते हैं। एक कोशिक जीव जैसे अमीबा में कुछ रसधानियों में खाद्य पदार्थ भी भरे होते हैं। कुछ एककोशिक जीवों में विशिष्ट रसधानियाँ अतिरिक्त जल व अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती हैं।
प्रश्न 26.
समसत्री विभाजन एवं अर्द्धसत्री विभाजन में अन्तर कीजिए।
उत्तर:
समसूत्री विभाजन |
अर्द्धसूत्री विभाजन |
1. कायिक कोशिकाओं में होता है। |
1. जनन कोशिकाओं में होता है। |
2. दो संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है। |
2. चार संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है। |
3. संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान। |
3. संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका से आधी रह जाती है। युग्मक निर्माण में सहायक। |
4. जीवों में वृद्धि एवं ऊतकों के मरम्मत में सहायक। |
4. अर्द्धसूत्री विभाज |
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में गैसों के आदान - प्रदान में विसरण की क्या भूमिका है?
उत्तर:
CO2 जो एक कोशिकीय अपशिष्ट है और जिसका निष्कासन आवश्यक है, कोशिका में एकत्र हो । जाती है तो उसकी सान्द्रता बढ़ जाती है। कोशिका के बाह्य पर्यावरण में CO2 की सान्द्रता कोशिका में स्थित CO2 की सान्द्रता की अपेक्षा कम होती है। जैसे ही कोशिका के अंदर और बाहर CO2 की सान्द्रता में अंतर आता है उसी समय उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर विसरण द्वारा कोशिका से CO2 बाहर निकल जाती है। इसी प्रकार जब कोशिका में ऑक्सीजन की सान्द्रता कम हो जाती है तो O2 बाहर से कोशिका में विसरण द्वारा अंदर चली जाती है। अतः कोशिका तथा बाह्य पर्यावरण में गैसों के आदान-प्रदान में विसरण एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 2.
एक प्रयोग का वर्णन कीजिए जिससे यह प्रदर्शित हो कि सजीव कोशिका से बने होते हैं। संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का नामांकित चित्र भी बनायें।
उत्तर:
कोशिका सजीवों की संरचनात्मक इकाई है, इसे निम्न क्रियाकलाप द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं।
क्रियाकलाप:
प्याज का एक छोटा टुकड़ा लेकर चिमटी की सहायता से प्याज की अवतल सतह की ओर से बारीक झिल्ली उतार लेते हैं तथा इस झिल्ली को पानी वाले वाच ग्लास में रख लेते हैं। यह विशेष रूप से ध्यान रखते हैं कि झिल्ली सूखे नहीं। अब एक काँच की स्लाइड लेकर इस पर पानी या ग्लिसरीन की एक बूंद डालते हैं और इस पर वाच ग्लास में रखी पतली झिल्ली कसावधानीपूर्वक फैलाते हैं। इसके लिए बारीक ब्रश का उपयोग कर सकते हैं। इस पर एक बूंद आयोडीन विलयन की डालते हैं तथा इसे कवर स्लिप से सावधानीपूर्वक ढंक देते हैं। कवर स्लिप को सूई के सहारे सावधानी से रखते हैं, जिससे कोई वायु का बुलबुला न बनने पाये।
इस स्लाइड को सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखने पर इसमें निम्न संरचनाएँ दिखाई देती हैं।
परिणाम: उपर्युक्त क्रियाकलाप प्रदर्शित करता है कि सजीवों में कोशिका एक संरचनात्मक इकाई है, जो समाहित होकर विभिन्न कार्यों के करने हेतु विभिन्न अंगों का निर्माण करती है।
प्रश्न 3.
परासरण क्या है? कोशिका में परासरण की क्रिया कितने प्रकार की होती है? अण्डे में परासरण की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
1. परासरण: जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली के द्वारा होती है, तब उसे परासरण कहते हैं। जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली से जल की उच्च सान्द्रता से जल की निम्न सान्द्रता की ओर जाते हैं। यदि हम पादप या जन्तु कोशिका को शक्कर अथवा नमक के विलयन में रखें तो निम्न तीन घटनाओं में से एक के घटने की संभावना होगी
(i) अल्पपरासरण: जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली या अर्ध पारगम्य झिल्ली के अन्दर या बाहर आवागमन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। जब कोशिका को तनु विलयन वाले माध्यम अर्थात् जल में शक्कर अथवा नमक की मात्रा कम और जल की मात्रा ज्यादा है, में रखा जाता है तो जल परासरण विधि द्वारा कोशिका के अन्दर चला जाता है, जिससे कोशिका फूलने लगती है। इस प्रकार का विलयन 'अल्प परासरणदाबी विलयन' कहलाता है।
(ii) समपरासरण: जब कोशिका को ऐसे माध्यम विलयन में रखा जाता है, जिसमें बाह्य जल की सान्द्रता कोशिका में स्थित जल की सान्द्रता के ठीक बराबर होती है, तब कोशिका झिल्ली से जल में कोई शुद्ध गति नहीं होती है। ऐसा विलयन 'समपरासरी विलयन' कहलाता है। इस स्थिति में कोशिका के माप में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(iii) अतिपरासरण: जब कोशिका के बाहर वाला विलयन कोशिका के अन्दर के विलयन से अधिक सान्द्र होता है, तब जल परासरण द्वारा कोशिका से बाहर आ जाता है। चूँकि इस स्थिति में कोशिका से अधिक जल बाहर आता है और कम जल अन्दर जाता है, इसलिए कोशिका सिकुड़ जाती है। इस प्रकार का विलयन 'अतिपरासरण दाबी विलयन' कहलाता है।
2. अण्डे से परासरण: अण्डे को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डालकर उसका बाहरी कवच सावधानी से हटाते हैं। ध्यान रहे कि अण्डे के बाहर उपस्थित झिल्ली टूट न जाए। इस अण्डे को एक शुद्ध जल के पात्र में रखने पर हम देखते हैं कि कुछ समय पश्चात् अण्डे की आकृति में परिवर्तन आने लगता है अर्थात् वह फूल जाता है; क्योंकि जल अल्पपरासरी विलयन है, जिससे जल के अणु अण्डे की वर्णात्मक झिल्ली से अन्दर प्रवेश करते हैं।
अब अण्डे को निकालकर यदि नमक के विलयन में रख दें तो अण्डा कुछ समय पश्चात् सिकुड़ने लगता है; क्योंकि जल अणु अण्डे से निकलकर नमक के विलयन में आ जाते हैं; क्योंकि नमक का विलयन अतिपरासरणी विलयन है।
प्रश्न 4.
केन्द्रक की संरचना को समझाइए।
उत्तर:
केन्द्रक (Nucleus): रॉबर्ट ब्राउन ने 1831 में कोशिका में केन्द्रक की खोज की थी। यह कोशिका का 'नियंत्रण केन्द्र' होता है। केन्द्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक स्तर पाया जाता है, जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते हैं। केन्द्रक झिल्ली में छोटे - छोटे छिद्र होते हैं। इन छिद्रों के द्वारा केन्द्रक के अन्दर का कोशिकाद्रव्य केन्द्रक के बाहर जा पाता है।
केन्द्रक में क्रोमोसोम होते हैं, जो कोशिका विभाजन के समय छड़ाकार दिखाई पड़ते हैं। क्रोमोसोम में आनुवांशिक गुण होते हैं, जो माता - पिता से DNA (डिऑक्सीराइबो न्यूक्लीक अम्ल) अणु के रूप में अगली संतति में जाते हैं। क्रोमोसोम DNA तथा प्रोटीन के बने होते हैं। DNA अणु में कोशिका के निर्माण व संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएँ होती हैं।
जब कोशिका विभाजित नहीं हो रही होती है तब उसमें DNA, क्रोमैटिन पदार्थ के रूप में विद्यमान रहता है, परन्तु जब कभी भी कोशिका विभाजित होने वाली होती है, तब यह क्रोमोसोम में संगठित हो जाता है। कुछ जीवों में कोशिकीय जनन में केन्द्रक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रक्रिया में एक अकेली कोशिका विभाजित होकर दो नई कोशिकाएँ बनाती है। यह कोशिका के विकास व परिपक्वन को निर्धारित करता है तथा साथ ही सजीव कोशिका की रासायनिक क्रियाओं को भी निर्देशित करता है। बैक्टीरिया जैसे कुछ जीवों में कोशिका का केन्द्रकीय क्षेत्र अस्पष्ट होता है, क्योंकि इसमें केन्द्रक झिल्ली नहीं होती। ऐसे अस्पष्ट केन्द्रक क्षेत्र में केवल क्रोमैटिन पदार्थ होता है और ऐसे क्षेत्र को केन्द्रकाय' कहते हैं।
प्रश्न 5.
जन्तु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए। चार कोशिकांगों की रचना व कार्य लिखिए।
उत्तर:
1. माइटोकॉन्ड्रिया:
यह सभी पादप तथा जन्तु कोशिका में पाए जाते हैं और सूक्ष्म कणिकाओं या धागे के टुकड़ों जैसे दिखाई देते हैं। इनमें दोहरी झिल्ली होती है। बाहरी झिल्ली छिद्रित होती है। भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित होती है। ये वलय ATP बनाने वाली रासायनिक क्रियाओं के लिए एक बड़ा क्षेत्र बनाते हैं। इनका अपना DNA और राइबोसोम होते हैं। अत: माइटोकॉन्ड्रिया अपना कुछ प्रोटीन स्वयं बनाते हैं।
कार्य:
यह कोशिका का बिजलीघर होता है। जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं को करने के लिए यह ATP के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं। ATP कोशिका की ऊर्जा है। शरीर नए रासायनिक यौगिकों को बनाने तथा यांत्रिक कार्य के लिए ATP में संचित ऊर्जा का उपयोग करता है।
2. लाइसोसोम:
यह कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र होता है। इसमें झिल्ली से घिरी हुई संरचना होती है, जिनमें पाचक एन्जाइम होते हैं। RER इन एन्जाइमों को बनाते हैं।
कार्य:
यह बाहरी पदार्थों के कोशिका अंगकों के टूटे - फूटे भागों को पाचित करके कोशिका को साफ करते हैं। कोशिका के अन्दर आने वाले बाहरी पदार्थ जैसे-बैक्टीरिया अथवा भोजन तथा पुराने अंगक इसमें चले जाते हैं, जो इन्हें छोटे - छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है। इसमें बहुत शक्तिशाली पाचनकारी एन्जाइम होते हैं, जो सभी कार्बनिक पदार्थों को तोड़ सकने में सक्षम होते हैं।
3. गॉल्जी उपकरण:
ये झिल्लीयुक्त पुटिका हैं, जो एक-दूसरे के ऊपर समान्तर रूप से सजी रहती हैं। इन्हें कुंडिका कहते हैं। इन झिल्लियों का सम्पर्क अन्तर्द्रव्यी जालिका से होता है और इसलिए जटिल कोशिकीय झिल्ली तंत्र के दूसरे भाग को बनाती है।
कार्य:
4. अन्तर्द्रव्यी जालिका (ER):
यह झिल्लीयुक्त नलिकाओं का तंत्र है। इनकी रचना प्लैज्मा झिल्ली के समान है। ये आकार में लम्बी नलिका अथवा गोल या थैली की तरह होती है। अन्तद्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है। कणिकामय अन्तःप्रद्रव्यी जालिका की सतह पर कण के रूप में राइबोसोम पाए जाते हैं। इस कारण ये प्रोटीन - संश्लेषण करती हैं। चिकनी अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम नहीं पाए जाते। यह वसा अथवा लिपिड अणुओं को बनाने में सहायता करती है। कुछ प्रोटीन तथा वसा कोशिका झिल्ली को बनाने में सहायता करते हैं। इस प्रक्रिया को 'झिल्ली जीवात् जनन' कहा जाता है।
कार्य:
अन्तःप्रद्रव्यी जालिका कोशिका एवं बाह्य माध्यम से पदार्थों के परिवहन में मदद करती है। कोशिकांगों सजाव पास बुक्स का संश्लेषण इनसे होता है। प्रोटीन तथा स्टीरॉयड हारमोन्स संश्लेषण में भी इनकी भूमिका होती है। यह केन्द्रक झिल्ली एवं गॉल्जीकाय का निर्माण करती है।
प्रश्न 6.
पादप कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए। किन्हीं दो कोशिकांगों का वर्णन करो जो पादप कोशिका में पाये जाते हैं।
उत्तर:
पादप कोशिका का नामांकित चित्र:
(a). प्लैस्टिड: ये केवल पादप कोशिका में पाये जाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं)।
1. क्रोमोप्लास्ट: यह रंगीन वर्णक होते हैं। जिस प्लैस्टिड में क्लोरोफिल वर्णक होता है, वह क्लोरोप्लास्ट कहलाता है। पौधों में क्लोरोप्लास्ट प्रकाश-संश्लेषण के लिए बहुत आवश्यक होता है। क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल के अतिरिक्त विभिन्न पीले अथवा नारंगी रंग के वर्णक भी होते हैं।
2. ल्यूकोप्लास्ट: यह श्वेत तथा रंगहीन वर्णक होते हैं। यह प्राथमिक रूप से अंगक है, जिसमें स्टार्च, तेल तथा प्रोटीन जैसे पदार्थ संचित होते हैं। प्लैस्ट्रिड की भीतरी रचना में बहुत सी झिल्ली वाली परतें होती हैं. जो स्टोमा में स्थित होती हैं। प्लैस्टिड बाह्य रचना में माइटोकॉन्ड्रिया की तरह होते हैं और इनका भी अपना DNA तथा राइबोसोम होते हैं।
लवकों के कार्य:
(b) रसधानियाँ: ये ठोस अथवा तरल पदार्थों की संग्राहक थैलियाँ हैं। जन्तु कोशिका में ये या तो छोटी होती हैं या इनका अभाव होता है। पादप कोशिका में ये बड़ी होती हैं। कुछ में ये कोशिका के नाप की 50% से 90% के समान बड़ी होती हैं। पादप कोशिका की रसधानियों में कोशिका द्रव्य भरा रहता है और ये कोशिकाओं को स्फीति तथा कठोरता प्रदान करती हैं। पौधों के लिए आवश्यक बहुत से पदार्थ रसधानी में स्थित होते हैं। ये अमीनो अम्ल, शर्करा, विभिन्न कार्बनिक अम्ल तथा कुछ प्रोटीन हैं। एक कोशिकीय जीवों, जैसे अमीबा में भोजन इन्हीं रसधानियों में भरा रहता है।
कार्य:
प्रश्न 7.
कोशिका विभाजन किसे कहते हैं? इसके प्रकारों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मातृ कोशिका से नई कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया को कोशिका विभाजन कहते हैं। कोशिका विभाजन की प्रक्रिया दो प्रकार की होती है
1. समसूत्री विभाजन: वह विभाजन जिसमें संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान होती है, समसूत्री विभाजन कहलाता है। यह विभाजन जीवों में वृद्धि एवं ऊतकों की मरम्मत में सहायता करता है।
2. अर्द्धसूत्री विभाजन: वह विभाजन जिसमें संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मात कोशिका से आधी रह जाती है, अर्द्धसूत्री विभाजन कहलाता है। यह विभाजन जन्तुओं व पौधों के प्रजनन अंगों अथवा ऊतकों की विशेष कोशिकाओं में होता है जिससे युग्मक बनते हैं जो निषेचन के पश्चात् संतति का निर्माण करते हैं। इस विभाजन में एक मातृ कोशिका से चार संतति कोशिकाएँ बनती हैं।