RBSE Class 8 Social Science Notes History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना

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RBSE Class 8 Social Science Notes History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना

→ उन्नीसवीं सदी तक देश के विभिन्न भागों में आदिवासी विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय थे।

→ कुछ जनजातीय समुदाय झूम (घुमंत) खेती करते थे, कुछ आदिवासी समूह शिकारी तथा संग्राहक थे तो कुछ पशुपालक थे। कुछ जनजातीय कबीले ऐसे भी थे जो एक जगह टिक कर खेती करते थे।

→ औपनिवेशिक शासन से आदिवासियों के समक्ष अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं। उनकी जीवन पद्धति में अनेक बदलाव आये।

RBSE Class 8 Social Science Notes History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना

→ अंग्रेजों के आने से आदिवासियों के मुखियाओं की शक्ति कम हो गई। 

→ घुमंतू अथवा झूम काश्तकारों को स्थायी रूप से बसाने की कोशिश की गई। यद्यपि इसमें अंग्रेज पूरी तरह सफल नहीं हुए।

→ आदिवासियों का जीवन जंगलों से जुड़ा हुआ था किन्तु अंग्रेजों ने सारे जंगलों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर. लिया था। इससे आदिवासियों के समक्ष अनेक समस्याएँ उत्पन्न हुईं।

→ उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी में आदिवासियों ने अपने शोषण के विरुद्ध अनेक बगावतें कीं।

→ छोटा नागपुर में बिरसा मुंडा ने मुंडा जनजाति के विद्रोह का नेतृत्व किया।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 4:30 p.m.
Published June 6, 2022