RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 9 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 9 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 9 राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन : 1870 के दशक से 1947 तक

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया गया-
(अ) 1870 में 
(ब) 1878 में 
(स) 1883 में 
(द) 1885 में। 
उत्तर:
(ब) 1878 में

प्रश्न 2. 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। 
(अ) 1885 में 
(ब) 1890 में 
(स) 1895 में 
(द) 1905 में। 
उत्तर:
(अ) 1885 में 

प्रश्न 3. 
1905 में बंगाल विभाजन करने वाला वायसराय था-
(अ) माउन्टबेटन 
(ब) लॉर्ड इरविन 
(स) लॉर्ड कर्जन 
(द) लॉर्ड एटली।
उत्तर:
(स) लॉर्ड कर्जन 

प्रश्न 4. 
"स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।" नारा दिया था-
(अ) तिलक 
(ब) बिपिनचन्द्र पाल 
(स) लाला लाजपत राय 
(द) गोखले।
उत्तर:
(अ) तिलक 

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प्रश्न 5. 
चौरी-चौरा घटना हुई थी-
(अ) अप्रेल, 1919 में 
(ब) दिसम्बर, 1920 में 
(स) फरवरी, 1921 में 
(द) फरवरी, 1922 में। 
उत्तर:
(द) फरवरी, 1922 में। 

प्रश्न 6. 
1930 में शुरू हुए आन्दोलन का नाम है-
(अ) असहयोग आन्दोलन 
(ब) भारत छोड़ो आन्दोलन 
(स) सविनय अवज्ञा आन्दोलन 
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) सविनय अवज्ञा आन्दोलन 

प्रश्न 7. 
बंगाल विभाजन के विरोध में किया गया आन्दोलन किस नाम से जाना जाता है? 
(अ) नमक आन्दोलन 
(ब) सत्याग्रह आन्दोलन 
(स) बंगाल एकीकरण आन्दोलन 
(द) स्वदेशी आन्दोलन 
उत्तर:
(द) स्वदेशी आन्दोलन 

प्रश्न 8. 
खिलाफत आन्दोलन का नेता था। 
(अ) सैयद अहमद खाँ
(ब) मोहम्मद अली और शौकत अली
(स) महात्मा गाँधी तथा नेहरू 
(द) खान अब्दुल गफ्फार खाँ 
उत्तर:
(ब) मोहम्मद अली और शौकत अली

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प्रश्न 9. 
जलियांवाला हत्याकाण्ड के विरोध में किसने अपनी 'नाइटहुड' की उपाधि लौटा दी थी? 
(अ) रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 
(ब) महात्मा गाँधी ने 
(स) गोखले ने
(द) जवाहरलाल नेहरू ने
उत्तर:
(अ) रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. 26 जनवरी, 1930 को पूरे देश में ............... मनाया गया। 
2. मध्यमार्गी धड़ा ................. की राजनीति के विरुद्ध था। 
3. 1935 के गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया एक्ट में ................ का प्रावधान किया गया। 
4. मुस्लिम लीग ने ............... 'को 'प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस' मनाने का आह्वान किया। 
5. ............... में वायसराय कर्जन ने बंगाल का विभाजन कर दिया। 
6. 1921-22 के दौरान ................ आन्दोलन को और गति मिली। 
उत्तर:
1. स्वतन्त्रता दिवस, 
2. बहिष्कार, 
3. प्रान्तीय स्वायत्तता, 
4. 16 अगस्त, 1946 
5. 1905 
6. असहयोग। 

सही या गलत बताइए- 

1. 1870 और 1880 के दशकों में बने ज्यादातर राजनीतिक संगठनों की बागडोर भारत के सामान्य नागरिकों के हाथों में थी। 
2. लाला लाजपतराय ने नारा दिया-'स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।' 
3. 1942 में गाँधीजी ने नमक कानून तोड़ने को दांडी मार्च किया। 
4. खान अब्दुल गफ्फार खान 'खुदाई खिदमतगार संगठन' के संस्थापक थे। 
उत्तर:
1. गलत 
2. गलत 
3. गलत 
4. सही

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सही मिलान कीजिए-

(अ)

(ब)

कांग्रेस के प्रारम्भिक नेता

वायसराय कर्जन 

बंगाल का विभाजन

1922 

जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड

1930 

चौरी-चौरा काण्ड

जनरल डायर 

सविनय अवज्ञा आन्दोलन

फिरोजशाह मेहता 

उत्तर:

(अ)

(ब)

कांग्रेस के प्रारम्भिक नेता

फिरोजशाह मेहता

बंगाल का विभाजन

वायसराय कर्जन

जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड

जनरल डायर

चौरी-चौरा काण्ड

1922

सविनय अवज्ञा आन्दोलन

1930 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कब तक अपने उद्देश्यों एवं तरीकों में मध्यमार्गी पार्टी थी? 
उत्तर:
कांग्रेस प्रारम्भिक 20 वर्षों तक अपने उद्देश्यों एवं तरीकों में 'मध्यमार्गी' पार्टी थी। 

प्रश्न 2. 
मध्यमार्गी नेताओं का प्रमुख उद्देश्य क्या था? 
उत्तर:
मध्यमार्गी नेताओं का प्रमुख उद्देश्य सरकार को अपनी माँगें बताना और उन्हें भारतीयों की भावना से अवगत कराना था। 

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प्रश्न 3. 
आमूल परिवर्तनवादी विचारधारा के मुख्य नेता कौन थे? 
उत्तर:

  • बिपिन चन्द्र पाल, 
  • बाल गंगाधर तिलक, 
  • लाला लाजपत राय। 

प्रश्न 4. 
बंगाल का विभाजन कब हुआ? 
उत्तर:
बंगाल का विभाजन 1905 में हुआ। 

प्रश्न 5. 
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 'नाइटहुड' की उपाधि क्यों वापस लौटा दी? 
उत्तर:
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में अपनी 'नाइटहुड' की उपाधि वापस लौटा दी। 

प्रश्न 6. 
आजाद हिन्द फौज (इण्डियन नेशनल आर्मी) का गठन किसने किया? 
उत्तर:
आजाद हिन्द फौज का गठन सुभाषचन्द्र बोस ने किया था। 

प्रश्न 7. 
तिलक ने किस समाचार पत्र का सम्पादन किया था? 
उत्तर:
तिलक ने मराठी अखबार 'केसरी' का सम्पादन किया था। 

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प्रश्न 8. 
मुस्लिम लीग की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
मुस्लिम लीग की स्थापना सन् 1906 में हुई। 

प्रश्न 9. 
1920 के दशक के मध्य की दो महत्त्वपूर्ण घटनाएँ कौनसी थीं? 
उत्तर:

  • भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की स्थापना।
  • हिन्दुओं के संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना।

प्रश्न 10. 
इल्बर्ट बिल में क्या प्रावधान था? 
उत्तर:
इल्बर्ट बिल में प्रावधान था कि भारतीय न्यायाधीश भी ब्रिटिश या यूरोपीय व्यक्तियों पर मुकदमे चला सकते है।

प्रश्न 11. 
वंदेमातरम् आन्दोलन क्या था? 
उत्तर:
स्वदेशी आन्दोलन को आंध्र के डेल्टा इलाकों में वंदेमातरम् आन्दोलन के नाम से जाना जाता था। 

प्रश्न 12. 
ऑल इण्डिया मुस्लिम लीग का गठन कब और कहाँ किया गया? 
उत्तर:
ऑल इण्डिया मुस्लिम लीग का गठन ढाका में वर्ष | 1906 में किया गया। 

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प्रश्न 13. 
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कब व कहाँ हुआ? 
उत्तर:
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड 13 अप्रेल, 1919 को अमृतसर में हुआ। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारत का मतलब है यहाँ की जनता-इस विचार के आने से भारतीयों के मन में कौनसी जागरूकता पैदा हुई?
उत्तर:
इस विचार के साथ यह एहसास भी सामने आया कि अंग्रेज भारत के संसाधनों व यहाँ के लोगों की जिन्दगी पर कब्जा जमाए हुए हैं और जब तक यह नियन्त्रण खत्म नहीं होता, भारत यहाँ के लोगों का, भारतीयों का नहीं हो सकता। 

प्रश्न 2. 
1870 और 1880 के दशकों में बने प्रमुख राजनीतिक संगठनों के नाम दीजिए। 
उत्तर:
1870 और 1880 के दशकों में बने प्रमुख राजनीतिक संगठन थे-

  • पूना सार्वजनिक सभा, 
  • इण्डियन एसोसिएशन, 
  • मद्रास महाजन सभा, 
  • बॉम्बे रेजीडेंसी एसोसिएशन, 
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आदि। 

प्रश्न 3. 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारम्भिक नेताओं के नाम बताइए। 
उत्तर:

  • दादाभाई नौरोजी, 
  • फिरोजशाह मेहता, 
  • बदरुद्दीन तैयबजी, 
  • सुरेन्द्र नाथ बैनर्जी, 
  • डब्ल्यू.सी. बैनर्जी, 
  • रोमेश चन्द्र दत्त, 
  • एस. सुब्रह्मण्यम् अय्यर। 

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प्रश्न 4. 
स्वदेशी आन्दोलन क्या था? इसके कौन-कौनसे उद्देश्य थे? 
उत्तर:
(1) वह आन्दोलन जो बंगाल विभाजन के बाद शुरू हुआ, उसे स्वदेशी आन्दोलन कहा जाने लगा।

(2) इस आन्दोलन के मुख्य उद्देश्य थे-ब्रिटिश शासन का विरोध करना और स्वदेशी उद्यम, राष्ट्रीय शिक्षा, भारतीय भाषाओं के प्रयोग एवं स्वयं-सहायता के विचारों को प्रोत्साहन देना। स्वराज के लिए संघर्ष हेतु आमूल परिवर्तनवादियों ने जनता को लामबंद करने और ब्रिटिश संस्थाओं एवं वस्तुओं के बहिष्कार पर जोर दिया। 

प्रश्न 5. 
लखनऊ समझौते से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:
1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने ऐतिहासिक लखनऊ समझौते पर हस्ताक्षर किए एवं देश में प्रतिनिधिक सरकार के गठन के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया। 

प्रश्न 6. 
गाँधीजी ने दक्षिण अफ्रीका से आने के बाद देश में अपने शुरुआती वर्ष किस तरह बिताये? 
उत्तर:
महात्मा गाँधी ने पहले साल पूरे भारत का दौरा किया। इस दौरान वे यहाँ के लोगों, उनकी जरूरतों और हालात को समझने में लगे रहे। शुरुआती वर्षों में उनके प्रयास चम्पारण, खेड़ा और अहमदाबाद के स्थानीय आन्दोलनों के रूप में सामने आये। 

प्रश्न 7. 
रौलट अधिनियम या कानून क्या था? 
उत्तर:
रौलट कानून ब्रिटिश सरकार द्वारा 1919 में पास किया गया वह कानून था जो अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता जैसे मूलभूत अधिकारों पर अंकुश और पुलिस को और ज्यादा अधिकार देता था। 

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प्रश्न 8. 
खिलाफत आन्दोलन का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
खिलाफत आन्दोलन ऑटोमन साम्राज्य पर 1920 में थोपी गई एक बहुत ही सख्त सन्धि के विरुद्ध आन्दोलन था। ऑटोमन साम्राज्य का खलीफा मुस्लिम समाज का धार्मिक प्रधान था। भारतीय मुसलमान चाहते थे कि पुराने ऑटोमन साम्राज्य में स्थित पवित्र मुस्लिम स्थानों पर खलीफा का नियन्त्रण बना रहना चाहिए। 

प्रश्न 9. 
गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन को समाप्त करने का आह्वान कब और क्यों किया? 
उत्तर:
जब किसानों की एक भीड़ ने फरवरी, 1922 में चौरी-चौरा में एक पुलिस थाने पर हमला कर उसमें आग लगा दी तो गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन समाप्त करने का आह्वान किया। 

प्रश्न 10.
दांडी मार्च से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
गाँधीजी और उनके अनुयायी साबरमती से 240 किलोमीटर दूर स्थित दांडी तक पैदल चलकर गए और वहाँ उन्होंने 6 अप्रैल, 1930 को समुद्र तट पर बिखरा नमक इकट्ठा करते हुए नमक कानून का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन किया। उन्होंने पानी उबालकर भी नमक बनाया। इस घटना को ही दांडी मार्च कहते हैं।

प्रश्न 11. 
क्या 1870 एवं 1880 के दशक के राजनीतिक संगठनों के लक्ष्य प्रदेश आधारित थे? उनका क्या मत था? 
उत्तर:

  • यद्यपि इनमें से कई संगठन देश के विशिष्ट भागों में ही काम करते थे, परन्तु वे अपने लक्ष्य को भारत के सभी लोगों का लक्ष्य बताते थे। 
  • वे मानते थे कि लोगों को सम्प्रभु होना चाहिए अर्थात् भारत के लोगों को अपने मामले में निर्णय लेने की आजादी होनी चाहिए। 

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प्रश्न 12. 
प्रथम विश्व युद्ध के बाद सिपाहियों में औपनिवेशिक शासन के विरोध की भावना कैसे उत्पन्न हुई?  
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध के समय बहुत सारे भारतीय सिपाहियों को दूसरे देशों में युद्ध के मोर्चों पर भेज दिया गया। इनमें से बहुत सारे सिपाही युद्ध के बाद यह समझदारी लेकर लौटे कि साम्राज्यवादी शक्तियाँ एशिया और अफ्रीका के लोगों का किस तरह शोषण कर रही हैं। फलस्वरूप ये लोग भी भारत में औपनिवेशिक शासन का विरोध करने लगे।

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के लिए उत्तरदायी परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के लिए. निम्न परिस्थितियाँ उत्तरदायी थीं-

  • 1870 और 1880 के दशकों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष और ज्यादा गहरा हो गया था। 
  • 1878 में आर्स एक्ट पारित किया गया जिसके जरिए भारतीयों द्वारा अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया। 
  • 1878 में ही वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट भी पारित किया गया जिससे सरकार की आलोचना करने वालों को चुप कराया जा सके। इस कानून के अनुसार किसी अखबार में कोई आपत्तिजनक सामग्री छापने पर सरकार उस प्रिंटिंग प्रेस सहित उसकी सारी सम्पत्ति को जब्त कर सकती थी। 
  • सरकार ने अंग्रेजों के विरोध की वजह से इल्बर्ट बिल भी वापस ले लिया।
  • वैसे तो पढ़े-लिखे भारतीयों द्वारा एक अखिल भारतीय संगठन की जरूरत 1880 से ही महसूस की जा रही थी परन्तु इल्बर्ट बिल ने इस चाह को और गहरा कर दिया। 
  • दिसम्बर, 1885 में देश भर के 72 प्रतिनिधियों ने बम्बई में सभा करके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना का फैसला लिया। एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अफसर, ए.ओ. ह्यूम इसके प्रथम अध्यक्ष बनाए गए। 

प्रश्न 2. 
अपने पहले बीस सालों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुख्य माँगें क्या थीं? 
उत्तर:
अपने पहले बीस सालों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुख्य माँगें निम्न थीं-

  • कांग्रेस चाहती थी कि सरकार में भारतीयों को भी ऊँचे पद दिए जाएँ क्योंकि तब तक ज्यादातर महत्त्वपूर्ण नौकरियों पर गोरे अफसरों का ही कब्जा था। इसने माँग की कि सिविल सेवा के लिए लंदन के साथ-साथ भारत में भी परीक्षा आयोजित की जाए। 
  • इसने मांग की कि न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग किया जाए। 
  • आर्स एक्ट को निरस्त करने की भी मांग की। 
  • इसने अभिव्यक्ति और बोलने की स्वतन्त्रता की भी माँग की। 
  • चूँकि बढ़ते लगान के कारण काश्तकार और जमींदार विपन्न हो गए थे, इसलिए कांग्रेस ने माँग की थी कि लगान कम किया जाए। 
  • इसके अतिरिक्त इसने सैनिक व्यय में कटौती एवं सिंचाई पर अधिक व्यय की मांग की। 
  • इसने नमक कर, विदेशों में भारतीय मजदूरों तथा वनवासियों के हितों से सम्बन्धित माँगें भी की। 

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प्रश्न 3. 
बंगाल विभाजन पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
बंगाल विभाजन-सन् 1905 में तत्कालीन वायसराय लॉर्ड कर्जन ने बंगाल का विभाजन कर दिया। उस वक्त बंगाल ब्रिटिश भारत का सबसे बड़ा प्रान्त था। बिहार और उड़ीसा के कुछ भाग भी उस समय बंगाल का हिस्सा थे। उद्देश्य-अंग्रेजों के अनुसार बंगाल विभाजन का उद्देश्य प्रशासकीय सुविधा था। परन्तु इस 'प्रशासकीय सुविधा' से केवल अंग्रेज अफसरों और व्यापारियों को ही फायदा होना था। इस विभाजन द्वारा सरकार ने गैर-बंगाली इलाकों को अलग करने की बजाय उसके पूर्वी भागों को अलग करके असम में मिला दिया। इसके पीछे अंग्रेजों का मुख्य उद्देश्य बंगाली राजनेताओं के प्रभाव पर अंकुश लगाना और बंगाली जनता को बाँटना था। 

प्रतिरोध-बंगाल के विभाजन से देश भर में गुस्से की लहर फैल गई। मध्यमार्गी और आमूल परिवर्तनवादी, कांग्रेस के सभी धड़ों ने इसका विरोध किया। विशाल जनसभाओं का आयोजन किया गया और जुलूस निकाले गए। जनप्रतिरोध के नए-नए रास्ते ढूँढ़े गए। इससे जो संघर्ष उपजा उसे स्वदेशी आन्दोलन के नाम से जाना जाता है।

अंग्रेजी कपडे, शक्कर तथा अन्य विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर जगह-जगह विदेशी कपड़ों की होलियाँ जलाई गईं। अपने देश में ही बनी वस्तुओं के लिए जनजागरण किया गया। यह आन्दोलन बंगाल में सबसे ताकतवर था परन्तु अन्य इलाकों में भी इसकी भारी अनुगूंज सुनाई दी। | 

प्रश्न 4. 
मुस्लिम लीग का उदय बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशक की महत्वपूर्ण घटना थी। समझाइये।
उत्तर:
मुस्लिम लीग का उदय बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भिक दशक की एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। इसका वर्णन निम्न प्रकार है-

  • मुसलमान जमींदारों और नवाबों के एक समूह ने ढाका में सन् 1906 में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग का गठन किया।
  • मुस्लिम लीग ने बंगाल विभाजन का समर्थन किया। लीग ने माँग की कि मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचिका की व्यवस्था की जाए। 1909 में सरकार ने यह माँग मान ली।
  • अब परिषदों में कुछ सीटें मुसलमान उम्मीदवारों के लिए आरक्षित कर दी गईं जिन्हें मुस्लिम मतदाताओं द्वारा ही चुनकर भेजा जाना था। इससे राजनेताओं में अपने धार्मिक समुदाय के लोगों को अपना राजनीतिक समर्थक बनाने का लालच पैदा हो गया। 

प्रश्न 5. 
रौलट सत्याग्रह पर एक लेख लिखिए। 
उत्तर:
रौलट एक्ट-1919 में औपनिवेशिक सरकार ने रौलट कानून को पारित कर दिया। यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता जैसे मूलभूत अधिकारों पर अंकुश लगाने और पुलिस को और ज्यादा अधिकार देने के लिए लागू किया गया था। 

रौलट सत्याग्रह-इस कानून से भारतीयों में तीव्र आक्रोश उत्पन्न हुआ। महात्मा गाँधी, मोहम्मद अली जिन्ना तथा अन्य नेताओं का मानना था कि सरकार के पास लोगों की बुनियादी स्वतन्त्रताओं पर अंकुश लगाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने इस कानून को 'शैतान की करतूत' और निरंकुशवादी बताया। गाँधीजी ने रौलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि इस कानून का विरोध करने के लिए 6 अप्रैल, 1919 को अहिंसक विरोध दिवस के रूप में, 'अपमान व याचना' दिवस के रूप में मनाया जाए और हड़तालें की जाएँ। आन्दोलन शुरू करने के लिए सत्याग्रह सभाओं का गठन किया गया। 

रौलट सत्याग्रह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पहला अखिल भारतीय संघर्ष था हालांकि यह मोटे तौर पर शहरों तक ही सीमित था। अप्रैल, 1919 में पूरे देश में जगह-जगह जुलूस निकाले गए और हड़तालों का आयोजन किया गया। आन्दोलन का दमन-सरकार ने इन आन्दोलनों को कुचलने के लिए दमनकारी रास्ता अपनाया। सरकार द्वारा अनेक स्थानों पर आन्दोलनकारियों पर लाठियाँ, गोलियाँ चलाई गईं। अनेक लोगों को गिरफ्तार किया गया। 

13 अप्रैल बैसाखी के दिन अमृतसर में जनरल डायर द्वारा जलियाँवाला बाग में किया गया हत्याकांड इसी दमन का हिस्सा था। इस जनसंहार पर रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी पीड़ा और गुस्सा जताते हुए नाइटहुड की उपाधि वापस लौटा दी। 

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प्रश्न 6. 
गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन क्यों चलाया? इस आन्दोलन के दौरान क्या कार्य किये गये? 
उत्तर:
असहयोग आन्दोलन-पंजाब में हुए. अत्याचारों (जलियाँवाला हत्याकाण्ड) तथा खिलाफत के मामले में हुए अत्याचारों के विरुद्ध मिल कर अभियान चलाने तथा स्वराज की माँग हेतु महात्मा गाँधी ने 1920 में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आन्दोलन शुरू करने का निश्चय किया। यह आन्दोलन 'असहयोग आन्दोलन' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

आन्दोलन के दौरान की गतिविधियाँ-

  • शीघ्र ही असहयोग आन्दोलन पूरे देश में शुरू हो गया। 
  • 1921-22 के दौरान असहयोग आन्दोलन को और गति मिली। हजारों विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल-कॉलेज छोड़ दिए। 
  • मोतीलाल नेहरू, सी.आर. दास, सी. राज-गोपालाचारी और आसफ अली जैसे बहुत सारे वकीलों ने वकालत छोड़ दी। 
  • अंग्रेजों द्वारा दी गई उपाधियों को वापस लौटा दिया गया और विधान मण्डलों का बहिष्कार किया गया। 
  • जगह-जगह लोगों ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई। 1920 से 1922 के बीच विदेशी कपड़ों के आयात में भारी गिरावट आ गई। 
  • स्वदेशी का व्यापक प्रचार हुआ। चरखे का काफी प्रचार हुआ और यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया। 

आन्दोलन को स्थगित करना-जब यह आन्दोलन अपने चरम पर था तभी फरवरी, 1922 में चौरी-चौरा पुलिस थाने पर हुए हिंसक हमले की घटना से व्यथित होकर गाँधीजी ने अचानक असहयोग आन्दोलन वापस ले लिया।

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Last Updated on June 1, 2022, 2:51 p.m.
Published May 31, 2022