RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 5 जब जनता बगावत करती है (1857 और उसके बाद)

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 5 जब जनता बगावत करती है (1857 और उसके बाद) Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 5 जब जनता बगावत करती है (1857 और उसके बाद)

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
अवध पर सहायक सन्धि थोपी गई थी-
(अ) 1791 में 
(ब) 1801 में 
(स) 1818 में
(द) 1856 में। 
उत्तर:
(ब) 1801 में 

प्रश्न 2. 
आखिरी मुगल बादशाह थे-
(अ) औरंगजेब 
(ब) अकबर 
(स) बहादुर शाह जफर 
(द) मुहम्मद शाह। 
उत्तर:
(स) बहादुर शाह जफर 

प्रश्न 3. 
1857 में सबसे पहले विद्रोह कहाँ प्रारम्भ हुआ? 
(अ) मेरठ
(ब) दिल्ली 
(स) कानपुर
(द) लखनऊ।
उत्तर:
(अ) मेरठ

प्रश्न 4. 
बैरकपुर में अंग्रेज अफसरों पर हमला करने वाला क्रान्तिकारी था-
(अ) कुँवरसिंह 
(ब) बख्तसिंह 
(स) तात्या टोपे 
(द) मंगल पाण्डे।
उत्तर:
(द) मंगल पाण्डे।

RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 5 जब जनता बगावत करती है (1857 और उसके बाद)

प्रश्न 5. 
कानपुर में क्रान्तिकारियों का नेता था-
(अ) बहादुरशाह जफर 
(ब) नाना साहेब 
(स) हजरत महल 
(द) बख्तसिंह। 
उत्तर:
(ब) नाना साहेब 

प्रश्न 6. 
मध्य भारत के जंगलों में रहते हुए अंग्रेजों के साथ छापामार युद्ध किया-
(अ) तांत्या टोपे 
(ब) लक्ष्मीबाई 
(स) कुँवरसिंह 
(द) नाना साहेब।
उत्तर:
(अ) तांत्या टोपे 

प्रश्न 7. 
बिहार में विद्रोही सिपाहियों का साथ किसने दिया? 
(अ) बख्त खान 
(ब) तांत्या टोपे 
(स) कुंवर सिंह 
(द) लक्ष्मी बाई 
उत्तर:
(स) कुंवर सिंह 

प्रश्न 8. 
बहादुरशाह की पत्नी का क्या नाम था?
(अ) बेगम मुमताज महल 
(ब) बेगम जीनत महल 
(स) बेगम नुसरत जहाँ 
(द) बेगम हजरत महल
उत्तर:
(ब) बेगम जीनत महल 

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प्रश्न 9. 
बहादुरशाह जफर की मृत्यु कहाँ हुई? 
(अ) रंगून 
(ब) दिल्ली 
(स) आगरा 
(द) अहमदनगर 
उत्तर:
(अ) रंगून 

प्रश्न 10. 
मध्यप्रदेश के मांडला क्षेत्र में विद्रोह का नेतृत्व किसने किया? 
(अ) रानी अवन्ति बाई लोधी 
(ब) बेगम हजरत महल 
(स) नाना साहेब 
(द) बख्त खान
उत्तर:
(अ) रानी अवन्ति बाई लोधी

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. ................. की रियासत अंग्रेजों के कब्जे में जाने वाली आखिरी रियासतों में से थी। 
2. बिहार के एक पुराने जमींदार...ने विद्रोही सिपाहियों का साथ दिया। 
3. सितम्बर, 1857 में ......... दोबारा अंग्रेजों के कब्जे में आ गई। 
4. ............... के बाद इतिहास का एक नया चरण शुरू हुआ। 
5. रंगून जेल में नवम्बर, 1862 में ............ ने अन्तिम सांस ली। 
6. मार्च, 1858 में .............. अंग्रेजों के कब्जे में चला गया। 
उत्तर:
1. अवध, 
2. कुँवरसिंह, 
3. दिल्ली, 
4. 1857 
5. बहादुरशाह जफर 
6. लखनऊ। 

RBSE Class 8 Social Science Important Questions History Chapter 5 जब जनता बगावत करती है (1857 और उसके बाद)

सही या गलत बताइए-

1. अठारहवीं सदी के मध्य से ही राजाओं और नवाबों की ताकत छिनने लगी थी। 
2. अंग्रेजों ने 1850 में एक नया कानून बनाया जिससे ईसाई धर्म अपनाना कठिन हो गया। 
3. अंग्रेजों को लगता था कारतूसों के मुद्दे पर पैदा हुई उथलपुथल कुछ समय में शान्त हो जायेगी। 
4. जून 1858 में तात्या टोपे को मार दिया गया। 
5. अंग्रेजों ने वफादार भू-स्वामियों के लिए ईनामों का ऐलान कर दिया। 
उत्तर:
1. सही 
2. गलत 
3. सही 
4. गलत 
5. सही। 

सही मिलान कीजिए-

(अ)

(ब) 

1857 के विद्रोह का शुभारम्भ

लखनऊ 

बिरजिस कद्र

रंगून जेल 

रानी अवन्ति बाई लोधी

मेरठ

कुँवर सिंह

रामगढ़

बहादुरशाह जफर

बिहार

उत्तर:

(अ)

(ब) 

1857 के विद्रोह का शुभारम्भ

मेरठ

बिरजिस कद्र

लखनऊ

रानी अवन्ति बाई लोधी

रामगढ़

कुँवर सिंह

बिहार

बहादुरशाह जफर

रंगून जेल

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
अंग्रेजी साम्राज्य में अवध का विलय कब हुआ? 
उत्तर:
1856 में। 

प्रश्न 2. 
किस आधार पर अवध का विलय अंग्रेजी साम्राज्य में किया गया? 
उत्तर:
गवर्नर जनरल डलहौजी ने कहा कि नवाब ने यहाँ कुशासन फैला रखा है तथा समुचित प्रशासन के लिए यहाँ ब्रिटिश शासन का होना जरूरी है। 

प्रश्न 3. 
सिपाही समुद्र पार जाने से क्यों कतराते थे? 
उत्तर:
क्योंकि उन दिनों लोगों का ऐसा मानना था कि यदि वे समुद्र पार जाएँगे तो उनका धर्म तथा जाति भ्रष्ट हो जायेगी। 

प्रश्न 4. 
यह नया कानून कब बनाया गया कि आवश्यकता पड़ने पर सिपाहियों को समुद्र पार भी जाना पड़ सकता है? 
उत्तर:
सन् 1856 में। 

प्रश्न 5. 
ब्रिटिश भू-नीति का सिपाहियों पर क्या प्रभाव पड़ा? 
उत्तर:
सिपाही नाराज थे क्योंकि उनमें से अधिकतर किसान थे तथा गाँवों में उनका परिवार था। 

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प्रश्न 6. 
सिपाही विद्रोह कब शुरू हुआ? 
उत्तर:
मई, 1857 में।

प्रश्न 7. 
सिपाही विद्रोह की शुरुआत कहाँ से हुई? 
उत्तर:
मेरठ से। 

प्रश्न 8. 
नाना साहेब कौन था? 
उत्तर:
नाना साहेब स्वर्गीय पेशवा बाजीराव का दत्तक पुत्र था। 

प्रश्न 9. 
नाना साहेब का सेनापति कौन था? 
उत्तर:
नाना साहेब का सेनापति तात्या टोपे था। 

प्रश्न 10. 
1857 के विद्रोह के चार प्रमुख केन्द्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • मेरठ,
  • दिल्ली,
  • लखनऊ,
  • कानपुर। 

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प्रश्न 11. 
1857 के विद्रोह के चार प्रमुख नेताओं के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • बहादुरशाह जफर, 
  • नाना साहेब, 
  • तांत्या टोपे, 
  • कुँवरसिंह। 

प्रश्न 12. 
फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्ला शाह ने क्या भविष्यवाणी की? 
उत्तर:
उसने भविष्यवाणी की कि अंग्रेजों का शासन जल्दी ही खत्म हो जायेगा।

प्रश्न 13. 
राज-शक्ति कम्पनी के हाथ से ब्रिटिश ताज को कब स्थानान्तरित की गई? 
उत्तर:
सन् 1858 में। 

प्रश्न 14. 
1858 से गवर्नर जनरल को क्या कहा जाने लगा? 
उत्तर:
वायसराय। 

प्रश्न 15. 
1857 के विद्रोह के बाद भारतीय प्रशासन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन क्या था? 
उत्तर:
1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत पर शासन की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी ले ली थी। 

प्रश्न 16. 
1857 के बाद से अंग्रेजों द्वारा मुसलमानों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार क्यों किया जाने लगा? 
उत्तर:
क्योंकि अंग्रेज मानने लगे थे कि मुस्लिम लोग ही विद्रोह के लिए उत्तरदायी थे। 

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लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने हितों की रक्षा हेतु कम्पनी से क्या बातचीत की? 
उत्तर:
झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने हितों की रक्षा हेतु कम्पनी से मांग की कि कम्पनी उनके पति की मृत्यु के बाद उनके गोद लिए हुए बेटे को राजा मान ले। कम्पनी ने उनकी माँग ठुकरा दी। 

प्रश्न 2. 
नाना साहेब की किस माँग को अंग्रेजों ने ठुकरा दिया था? 
उत्तर:
नाना साहेब ने कम्पनी से आग्रह किया था कि उनके पिता को जो पेंशन मिलती थी वह उनकी मृत्यु के बाद उन्हें मिलने लगे। लेकिन अंग्रेजों ने उनकी इस मांग को ठुकरा दिया था। 

प्रश्न 3. 
देश में मुगल सत्ता को पूरी तरह खत्म करने के लिए अंग्रेजों ने क्या योजना बनाई? 
उत्तर:

  • 1849 में गवर्नर लार्ड डलहौजी ने घोषणा की कि बहादुरशाह जफर की मौत के बाद बादशाह के परिवार को लाल किले से निकालकर उसे दिल्ली में कहीं और बसाया जाएगा। 
  • 1856 में लार्ड कैनिंग ने यह फैसला लिया कि बहादुरशाह जफर अन्तिम मुगल सम्राट होगा। उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके किसी भी वंशज को सम्राट् स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्हें केवल राजकुमारों के रूप में मान्यता दी जायेगी। 

प्रश्न 4. 
कम्पनी की सेना में काम कर रहे सिपाहियों के असन्तोष के कारण बताइये। 
उत्तर:

  • अधिकतर सिपाही किसान परिवार से आते थे। अत्यधिक लगान तथा कर-वसुली के सख्त तरीकों के कारण क्रिमानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा था।
  • वे अपने पद, वेतन-भत्तों तथा सेवा-शों से भी नाखुश थे। 
  • अंग्रेजों द्वारा बनाए कुछ नए नियमों के कारण भी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी। 

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित ने 1857 के विद्रोह के दौरान क्या प्रतिक्रिया दिखलाई-नाना साहेब, बेगम हजरत महल। 
उत्तर:

  • नाना साहेब-उन्होंने अपनी हथियारबंद सेना जुटाई तथा अंग्रेजों को कानपुर से निकाल बाहर किया। उन्होंने स्वयं को पेशवा घोषित कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि वे मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर के एक गवर्नर हैं।
  • बेगम हजरत महल-बेगम हजरत महल लखनऊ के पदच्युत नवाब वाजिद अली शाह की विधवा थी। उन्होंने लखनऊ में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह को संगठित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

प्रश्न 6. 
मंगल पाण्डे कौन था? वह क्यों प्रसिद्ध है? 
उत्तर:

  • मंगल पाण्डे बैरकपुर में कम्पनी की सेना में सिपाही था। 
  • उसने 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर में अपने अफसरों पर हमला किया था जिसके लिए उसे फाँसी पर लटका दिया गया था। 

प्रश्न 7. 
1857 की क्रान्ति के प्रमुख नायकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • मंगल पाण्डे, 
  • बहादुरशाह जफर, 
  • नाना साहेब, 
  • तात्या टोपे, 
  • रानी लक्ष्मीबाई,
  • बेगम हजरत महल, 
  • मौलवी अहमदुल्ला शाह,
  • बख्त खान, 
  • कुँवरसिंह, 
  • बिरजिस कद्र,
  • रानी अवन्तिबाई लोधी आदि।

प्रश्न 8. 
1857 का सैनिक विद्रोह जन विद्रोह बन गया। समझाइए।
उत्तर:
भारत में सन् 1857 में एक सैनिक विद्रोह हुआ जिसने शीघ्र ही जन विद्रोह का रूप धारण कर लिया। समाज के विभिन्न तबकों को अंग्रेजी शासन से परेशानियाँ थीं तथा वे सब मानते थे कि उनका शत्रु एक ही है। मई, 1857 में शुरू हुए इस विद्रोह ने भारत में कम्पनी का अस्तित्व ही खतरे में डाल दिया था। मेरठ से शुरू होकर शीघ्र ही यह उत्तर भारत के विभिन्न भागों में फैल गया। समाज के विभिन्न तबकों के असंख्य लोग इस विद्रोह से जुड़ गये और इसने एक जन-विद्रोह का रूप धारण कर लिया। 

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प्रश्न 9. 
सन् 1857 के विद्रोह के मुख्य केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सन् 1857 के विद्रोह के मुख्य केन्द्र थे-

  • मेरठ, 
  • दिल्ली, 
  • लखनऊ, 
  • कानपुर, 
  • फैजाबाद, 
  • बरेली, 
  • झाँसी। 

प्रश्न 10. 
ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत के शासन की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी लेने के तहत क्या कार्य किये गये? 
उत्तर:

  • ब्रिटिश संसद ने 1858 में एक नया कानून पारित किया जिसके द्वारा ईस्ट इण्डिया के सभी अधिकार ब्रिटिश साम्राज्य के पास आ गये। 
  • ब्रिटिश मन्त्रिमण्डल के एक सदस्य को भारत मन्त्री के रूप में भारत के शासन से सम्बन्धित मामलों को संभालने का जिम्मा दिया गया। 
  • उसे सलाह देने हेतु इण्डिया काउन्सिल नामक परिषद् का गठन किया। 
  • भारत के गवर्नर जनरल को वायसराय का ओहदा देकर उसे इंग्लैण्ड के राजा/रानी का निजी प्रतिनिधि घोषित कर दिया गया। 

प्रश्न 11. 
माना कि आप विद्रोह के दौरान अवध में तैनात ब्रिटिश अधिकारी हैं। विद्रोहियों से लड़ाई की अपनी योजनाओं को गुप्त रखने के लिए आप क्या करेंगे? अपनी योजनाओं को गुप्त रखने के लिये हम-
उत्तर:

  • योजनाओं को केवल विश्वस्त यूरोपीय अधिकारियों से ही साझा करेंगे। 
  • हम कुछ गुप्तचर भी रखेंगे जो हमें हमारी सेना में फैले विरोधियों के बारे में हमें सूचना देंगे। 
  • भारतीय सिपाहियों को योजना की जानकारी नहीं होने देंगे।
  • विद्रोही नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजेंगे। 
  • योजना की कार्यान्वति पर नजर रखेंगे। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
1857 के विद्रोह के प्रमुख कारण बतलाइये। 
उत्तर:
1. राजाओं, नवाबों की छिनती सत्ता-भारत में अब भी शासन मुगल बादशाह के नाम पर चलता था। इस नामधारी मुगल सम्राट का सम्मान देश की एकता का प्रतीक था। लेकिन कम्पनी ने मुगलों के शासन को खत्म करने की भी पूरी योजना बना ली थी। कम्पनी द्वारा जारी सिक्कों पर से मुगल बादशाह का नाम हटा दिया गया। 1849 में यह घोषणा कर दी कि बहादुरशाह की मृत्यु के बाद लाल किला खाली करा लिया जायेगा और शाहजादे को इस पदवी के प्रयोग पर रोक लगा दी जायेगी। इससे जनता में असन्तोष भड़क गया। दूसरी तरफ, डलहौजी की विलय नीति के कारण सतारा, झाँसी, नागपुर और दूसरे राज्यों को अंग्रेजों ने हथिया लिया। पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र नाना साहब की पेंशन बन्द करा दी जिससे नाना साहब और अन्य राज्य अंग्रेजों के शत्रु हो गए।

2. किसान और सिपाही में गुस्सा-गाँवों में किसान औ जमींदार भारी भरकम लगान और कर वसूली के सख तौर-तरीकों से परेशान थे। बहुत सारे लोग महाजनों के लिया गया कर्ज नहीं लौटा पा रहे थे जिससे उनकी पीढ़िय पुरानी जमीनें उनके हाथ से निकलती जा रही थी। अकाल और गरीबी के कारण भी किसानों में असन्तोष था। ऊपर र जबरन लगान वसूली भी समस्या बन गयी। 

कम्पनी के तहत काम करने वाले भारतीय सिपाही अप वेतन, भत्तों और सेवा शर्तों के कारण परेशान थे। कई न नियम उनकी धार्मिक भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचा थे। सिपाही गाँवों के हालात से भी परेशान थे। सेना र हटाये गये सैनिक बेरोजगारी के कारण अंग्रेजों के शत्रु है गये। भारतीयों को उच्च पद पर नियुक्त नहीं किया गय तथा उन्हें अंग्रेज कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन दिर जा रहा था। 

3. सामाजिक और धार्मिक कारण-अंग्रेज भारतीयों के घृणा से देखते थे। भारतीय परम्परावादी लोग शिक्षा के प्रसार से अपना प्रभाव कम होने की शंका करने लगे। हिन और मुसलमानों के रीति-रिवाजों की खुली निन्दा की जा लगी। भारतीयों को यकीन हो गया था कि अंग्रेज उनक धर्म, उनके सामाजिक रीति-रिवाज तथा परम्परागत जीवनशैल को नष्ट कर रहे थे। उक्त सभी कारणों से देश में 1857 का विद्रोह फैल गया। 

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प्रश्न 2. 
अंग्रेजों द्वारा भारतीय समाज में किस तरह के सुधार किए गए? भारतीयों ने इसके प्रति क्या प्रतिक्रिय व्यक्त की? 
उत्तर:
1. भारतीय समाज में अंग्रेजों द्वारा किये ग सुधार-

  • सती प्रथा को समाप्त करने के लिए कानू बनाये गए। विधवा पुनर्विवाह को भी अंग्रेजों द्वारा प्रोत्साहित किया गया तथा इस सम्बन्ध में भी कानून पारित किए गए
  • शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी भाषा को प्रोत्साहि |किया गया। 
  • कम्पनी ने ईसाई मिशनरियों को अपने क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक कार्य करने की स्वीकृति दी। इन्हें जमी तथा सम्पत्ति खरीदने की भी छूट दी गई।
  • ईसाई बनने के लिए कानून बनाकर धर्म-परिवर्तन के आसान कर दिया गया। अब जो लोग ईसाई धर्म ग्रहप करते थे उन्हें उनकी पारिवारिक सम्पत्ति में अधिकार प्रदा किया गया।

2. भारतीयों की प्रतिक्रिया-

  • कई भारतीयों ने य माना कि अंग्रेज इस प्रकार उनका धर्म भ्रष्ट कर रहे थे। इ कार्यों से वे उनके सामाजिक रीति-रिवाजों तथा जीवन के पारम्परिक स्वरूप को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
  • दूसरी तरफ ऐसे भारतीय भी थे जो मौजूदा सामाजिक व्यवस्था में बदलाव चाहते थे। 

प्रश्न 3. 
मेरठ में 1857 के विद्रोह के प्रारम्भ होने की घटना का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
(1) 29 मार्च, 1857 को मंगल पाण्डे नामक सिपाही ने बैरकपुर छावनी में अपने अफसरों पर हमला कर दिया। इस आरोप में उसे फाँसी पर लटका दिया गया। चंद दिन बाद मेरठ में तैनात कुछ सिपाहियों ने नए कारतूसों के साथ फौजी अभ्यास करने से इनकार कर दिया। सिपाहियों को लगता था कि उन कारतूसों पर गाय और सूअर की चर्बी का लेप चढ़ाया गया था। 85 सिपाहियों को नौकरी से निकाल दिया गया। उन्हें अपने अफसरों का आदेश न मानने के आरोप में 10-10 साल की सजा दी गई। यह 9 मई, 1857 की बात है। 

(2) मेरठ में तैनात दूसरे भारतीय सिपाहियों की प्रतिक्रिया बहुत जबरदस्त रही। 10 मई को सिपाहियों ने मेरठ की जेल पर धावा बोलकर वहाँ बन्द सिपाहियों को आजाद करा लिया। उन्होंने अंग्रेज अफसरों पर हमला करके उन्हें मार गिराया। उन्होंने बन्दूक और हथियार कब्जे में ले लिए और अंग्रेजों की इमारतों व सम्पत्तियों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने फिरंगियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। इस प्रकार मेरठ में विद्रोह का शुभारम्भ हुआ। 

प्रश्न 4. 
मेरठ से दिल्ली तक 1857 के विद्रोह की अग्नि कैसे फैली? दिल्ली से सम्बन्धित कुछ घटनाओं का ब्यौरा दीजिए। 
उत्तर:
(1) मेरठ के विद्रोही सिपाही यह सोच रहे थे कि अंग्रेजों के जाने के बाद देश का शासन कौन चलाएगा। उन्होंने मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर को देश का शासक बनाने का फैसला किया। 

(2) मेरठ के कुछ सिपाहियों की एक टोली 10 मई की रात को घोड़ों पर सवार होकर सुबह जल्दी ही दिल्ली पहुँच गई। जैसे ही उनके आने की खबर फैली, दिल्ली में तैनात टुकड़ियों ने भी बगावत कर दी। यहाँ भी अंग्रेज अफसर मारे गए। 

(3) देशी सिपाहियों ने हथियार व गोला-बारूद कब्जे में ले लिया और इमारतों को आग लगा दी। विजयी सिपाही लाल किले की दीवारों के आसपास जमा हो गए। वे बादशाह से मिलना चाहते थे। बादशाह अंग्रेजों की भारी ताकत से दो-दो हाथ करने को तैयार नहीं थे लेकिन सिपाही भी अड़े रहे। आखिरकार वे जबरन महल में घुस गए और उन्होंने बहादुरशाह जफर को अपना नेता घोषित कर दिया।

प्रश्न 5. 
1857 की बगावत देश के विभिन्न भागों में किस प्रकार फैली? चर्चा कीजिए। 
उत्तर:

  • 1857 के विद्रोह का शुभारम्भ मेरठ से हुआ। यहाँ से यह दिल्ली तक पहुँचा। दिल्ली में अनेक अंग्रेज अफसर मारे गये। दिल्ली पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया। 
  • खबर फैलने के साथ ही विद्रोहों का सिलसिला शुरू हो गया। एक के बाद एक हर रेजिमेंट में सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया और वे दिल्ली, कानपुर व लखनऊ जैसे मुख्य बिन्दुओं पर दूसरी टुकड़ियों का साथ देने को निकल पड़े। 
  • उनकी देखा-देखी कस्बों और गांवों के लोग भी बगावत के रास्ते पर चलने लगे। वे स्थानीय नेताओं, जमींदारों और मुखियाओं के पीछे संगठित हो गये। 
  • स्वर्गीय पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र नाना साहेब कानपुर के पास रहते थे। उन्होंने सेना इकट्ठा की और ब्रिटिश सैनिकों को शहर से खदेड़ दिया। उन्होंने खुद को पेशवा घोषित कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि वह बादशाह बहादुरशाह जफर के तहत गवर्नर हैं। 
  • लखनऊ में बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोहों को बढ़ावा देने में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। झाँसी में रानी लक्ष्मीबाई भी विद्रोही सिपाहियों के साथ जा मिलीं। उन्होंने नाना साहेब के सेनापति तात्या टोपे के साथ मिलकर अंग्रेजों को भारी चुनौती दी। 
  • मध्यप्रदेश के मांडला क्षेत्र में, राजगढ़ की रानी अवन्ति बाई लोधी ने 4000 सैनिकों की फौज तैयार की और अंग्रेजों के खिलाफ उसका नेतृत्व किया। 
  • विद्रोही टुकड़ियों के सामने अंग्रेजों की संख्या बहुत कम थी। बहुत सारे मोर्चे पर उनकी जबरदस्त हार हुई। इससे लोगों को यकीन हो गया कि अब अंग्रेजों का शासन खत्म हो चुका है। अब लोगों को विद्रोहों में कूद पड़ने का गहरा आत्मविश्वास मिल गया था। खास तौर से अवध के इलाके में चौतरफा बगावत की स्थिति थी।
  • फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्ला शाह ने भविष्यवाणी |की कि अंग्रेजों का शासन जल्दी ही खत्म हो जाएगा। वे अपने समर्थकों की एक विशाल संख्या के साथ अंग्रेजों से लड़ने लखनऊ जा पहुँचे। 
  • बरेली के सिपाही बख्त खान ने लड़ाकों की एक विशाल टुकड़ी के साथ दिल्ली की ओर कूच कर दिया। वह इस बगावत में एक मुख्य व्यक्ति साबित हुए।
  • बिहार के एक पुराने जमींदार कुंवर सिंह ने भी विद्रोही सिपाहियों का साथ दिया और महीनों तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।

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प्रश्न 6. 
अंग्रेजों ने 1857 के विप्लव पर किस प्रकार काबू पाया? 
उत्तर:
अंग्रेजों ने 1857 के विप्लव पर दमनात्मक नीति अपनाकर काबू पाया। इसे निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

  • कम्पनी ने अपनी पूरी ताकत लगाकर विद्रोह को कुचलने हेतु इंग्लैण्ड से और फौजी मँगवाए, विद्रोहियों को जल्दी सजा देने के लिए नए कानून बनाए और विद्रोह के मुख्य केन्द्रों पर धावा बोल दिया। 
  • सितम्बर, 1857 में दिल्ली दोबारा अंग्रेजों के कब्जे में आ गई। अन्तिम मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गई। उनके बेटों को उनकी आँखों के सामने गोली मार दी गई। बहादुरशाह और उनकी पत्नी बेगम जीनत महल को अक्तूबर, 1858 में रंगून जेल में भेज दिया गया जहाँ नवम्बर, 1862 में बहादुरशाह जफर की मृत्यु हो गई। 
  • मार्च, 1858 में अंग्रेजों का लखनऊ पर भी अधिकार हो गया। जून, 1858 में रानी लक्ष्मीबाई की शिकस्त हुई और उन्हें मार दिया गया। दुर्भाग्यवश ऐसा ही रानी अवन्ति बाई लोधी के साथ हुआ। खेड़ी की शुरुआती विजय के बाद उन्होंने अपने आपको अंग्रेजी फौज से घिरा पाया और वे शहीद हो गई। 
  • ताँत्या टोपे मध्य भारत के जंगलों में रहते हुए आदिवासियों और किसानों की सहायता से छापामार युद्ध चलाते रहे। 
  • विद्रोही ताकतों की हार से लोगों की हिम्मत टूटने लगी। बहुत सारे लोगों ने विद्रोहियों का साथ छोड़ दिया। 
  • अंग्रेजों ने कूटनीति से काम लेते हुए वफादार भूस्वामियों के लिए इनामों की घोषणा की तथा विद्रोह में भाग लेने वालों को समर्पण करने पर कुछ शर्तों के साथ माफ करने की घोषणा की।
  • इस सबके बावजूद अंग्रेजों ने सैकड़ों सिपाहियों, विद्रोहियों, नवाबों तथा राजाओं पर मुकदमे चलाये तथा उन्हें फाँसी पर लटका दिया। इस प्रकार 1859 के आखिर तक अंग्रेजों ने देश पर दोबारा नियन्त्रण स्थापित कर लिया।
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Last Updated on May 31, 2022, 8:20 p.m.
Published May 30, 2022