Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
निम्न में से कौनसां खनिज धात्विक खनिज है-
(क) लौह-अयस्क
(ख) बॉक्साइट
(ग) मैंगनीज
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौनसा खनिज अधात्विक खनिजों की श्रेणी में आता है-
(क) चूना-पत्थर
(ख) अभ्रक
(ग) जिप्सम
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 3.
जब खनिजों को बाहर निकालने के लिए गहन कूपों की खुदाई की जाती है तो इसे कहा जाता है-
(क) विवृत खनन
(ख) प्रवेधन
(ग) कूपकी खनन
(घ) आखनन।
उत्तर:
(ख) प्रवेधन
प्रश्न 4.
हीरा, सोना तथा प्लेटिनम का सबसे बड़ा उत्पादक है-
(क) भारत
(ख) अफ्रीका
(ग) यूरोप
(घ) आस्ट्रेलिया।
उत्तर:
(ख) अफ्रीका
प्रश्न 5.
पश्चिम आस्ट्रेलिया के कालगूर्ली तथा कूलगार्डी क्षेत्रों में किस खनिज का निक्षेप होता है-
(क) कोयला
(ख) पैट्रोल
(ग) सोना
(घ) लौह-अयस्क।
उत्तर:
(ग) सोना
प्रश्न 6.
अधिक गहराई पर गहन वेधन करके खनिजों को बाहर निकालना कहलाता है-
(क) कूपकी खनन
(ख) विवृत खनन
(ग) प्रवेधन
(घ) आखनन।
उत्तर:
(क) कूपकी खनन
प्रश्न 7.
ऐलुमिनियम का उपयोग किया जाता है-
(क) ऑटोमोबाइल एवं हवाई जहाज में
(ख) बोतलबंदी उद्योग में
(ग) रसोई के बर्तन बनाने में
(घ) उपर्युक्त सभी में।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी में।
प्रश्न 8.
ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में शामिल है-
(क) खनिज तेल
(ख) प्राकृतिक गैस
(ग) कोयला
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 9.
निम्न में से कौनसा ऊर्जा का गैर-परम्परागत स्रोत है-
(क) पवन ऊर्जा
(ख) सौर ऊर्जा
(ग) ज्वारीय ऊर्जा
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संघटन हो, वह एक ............... है।
2. लौह-अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट आदि .............. खनिज हैं।
3. चूना-पत्थर, अभ्रक, जिप्सम आदि ................. खनिजों के उदाहरण हैं।
4. पृथ्वी की सतह के अन्दर दबी शैलों से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया .............. कहलाती है।
5. सतह के निकट स्थित खनिजों को जिस प्रक्रिया द्वारा आसानी से खोदकर निकाला जाता है, उसे .............. कहते हैं।
6. कोयले से प्राप्त विद्युत को ................. ऊर्जा कहा जाता है।
उत्तर:
1. खनिज
2. लौह
3. अलौह
4. खनन
5. आखनन
6. तापीय।
सही या गलत बताइए-
1. स्विट्जरलैण्ड में कोई ज्ञात खनिज निक्षेप नहीं है।
2. अधात्विक खनिज चमकदार होते हैं।
3. हमारे भोजन में शामिल नमक भी एक खनिज है।
4. परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा का एक गैर-परम्परागत स्रोत है।
5. विश्व की प्राचीनतम शैलें पश्चिमी अमेरिका में पाई जाती हैं।
उत्तर:
1. सही
2. गलत
3. सही
4. सही
5. गलत
सही मिलान कीजिए-
(अ) |
(ब) |
विश्व का प्रथम जल विद्युत उत्पादक |
यू.एस.ए. |
विश्व का प्रथम सौर और पवन चालित बस अड्डा |
भारत |
परमाणु ऊर्जा केन्द्र कलपक्कम |
स्कॉटलैंड |
विश्व का प्रथम ज्वारीय ऊर्जा स्टेशन |
फ्रांस |
विश्व का सबसे बड़ा भूतापीय ऊर्जा संयंत्र |
नार्वे |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
विश्व का प्रथम जल विद्युत उत्पादक |
नॉर्वे |
विश्व का प्रथम सौर और पवन चालित बस अड्डा |
स्कॉटलैंड |
परमाणु ऊर्जा केन्द्र कलपक्कम |
भारत |
विश्व का प्रथम ज्वारीय ऊर्जा स्टेशन |
फ्रांस |
विश्व का सबसे बड़ा भूतापीय ऊर्जा संयंत्र |
यू.एस.ए. |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
खनिज किसे कहा जाता है?
उत्तर:
प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला ऐसा पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संघटन हो, खनिज कहलाता है।
प्रश्न 2.
किन्हीं दो-दो धात्विक एवं अधात्विक खनिजों के नाम बताइए।
उत्तर:
धात्विक खनिज-लौह-अयस्क, ताँबा। अधात्विक खनिज-कोयला, चूना-पत्थर।
प्रश्न 3.
खनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह के अन्दर दबी शैलों से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया खनन कहलाती है।
प्रश्न 4.
अवसादी शैलों में मुख्य रूप से किस प्रकार के खनिज पाए जाते हैं?
उत्तर:
अवसादी शैलों में मुख्य रूप से अधात्विक खनिज पाए जाते हैं।
प्रश्न 5.
एशिया में मुख्य रूप से कौनसे खनिज पाए जाते हैं?
उत्तर:
एशिया में मुख्य रूप से लौह-अयस्क, टिन, सीसा, टंग्स्टन, मैंगनीज, बॉक्साइट, निकल, जस्ता, ताँबा आदि खनिज पाए जाते हैं।
प्रश्न 6.
उच्चकोटि के लौह-अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है?
उत्तर:
उच्चकोटि के लौह-अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक देश ब्राजील है।
प्रश्न 7.
विश्व में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन है?
उत्तर:
विश्व में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक आस्ट्रेलिया है।
प्रश्न 8.
शैल से क्या आशय है?
उत्तर:
शैल खनिज अवयवों के अनिश्चित संघटन वाले एक या एक से अधिक खनिजों का एक समूहन है।
प्रश्न 9.
प्राकृतिक गैस के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 10.
ऊर्जा के कोई दो परम्परागत स्रोतों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 11.
जल विद्युत के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 12.
भारत में प्राकृतिक गैस के भण्डार कहाँ हैं?
उत्तर:
भारत में प्राकृतिक गैस के भण्डार जैसलमेर, कृष्णागोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा तथा मुम्बई के कुछ अपतटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 13.
ऊर्जा के स्रोत के रूप में पवन ऊर्जा की कोई दो हानियाँ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 14.
ऊर्जा के कोई दो गैर-परम्परागत स्रोतों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
बायो गैस के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
सौर ऊर्जा के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सौर ऊर्जा का उपयोग सौर तापक, सौर कुकर, सोलर ड्रायर के साथ-साथ समुदाय को रोशनी देने और यातायात संकेतकों में भी होता है।
प्रश्न 17.
भूतापीय ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
ताप ऊर्जा जो पृथ्वी से प्राप्त की जाती है, भूतापीय ऊर्जा कहलाती है।
प्रश्न 18.
सौर ऊर्जा के कोई दो लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 19.
विश्व में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक राष्ट्र कौनसा है?
उत्त:
विश्व में अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक राष्ट्र भारत है।
प्रश्न 20.
आखनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
सतह के निकट स्थित खनिजों को जिस प्रक्रिया द्वारा आसानी से खोदकर निकाला जाता है, उसे आखनन कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
खनिज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संघटन होता है, खनिज कहलाता है। खनिज विभिन्न प्रकार की शैलों में पाया जाता है जिनका वितरण विश्व में काफी असमान है। खनिज बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं। ये अपने भौतिक गुणों जैसे-रंग, घनत्व, कठोरता और रासायनिक गुणों के आधार पर पहचाने जाते हैं। खनिजों को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा जाता है-धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज।
प्रश्न 2.
खनिजों के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिजों के दो मुख्य प्रकार हैं-
(1) धात्विक खनिज-धात्विक खनिजों में धातु कच्चे रूप में पाई जाती है। ये मुख्य रूप से आग्नेय तथा कायान्तरित शैलों में पाए जाते हैं। लौह-अयस्क, ताँबा, चाँदी, मैंगनीज, बॉक्साइट इसके कुछ उदाहरण हैं। धात्विक खनिज दो प्रकार के हैं-लौह खनिज तथा अलौह खनिज।
(2) अधात्विक खनिज-अधात्विक खनिजों में कोई धातु नहीं पाई जाती है; जैसे-चूना-पत्थर, अभ्रक, जिप्सम, कोयला आंदि। ये खनिज मुख्य रूप से अवसादी शैलों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 3.
खनिजों को निकालने की विभिन्न विधियों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिज निम्न खनन विधियों द्वारा निकाले जाते हैं-
प्रश्न 4.
खनिजों के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिजों का उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, खनिज कई उद्योगों हेतु कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं। रत्न, सोना, चाँदी आदि खनिजों का उपयोग आभूषण निर्माण में किया जाता है। ताँबे का उपयोग सिक्कों के निर्माण से पाइप तक प्रत्येक वस्तु में किया जाता है। क्वार्ट्स का उपयोग कम्प्यूटर में किया जाता है। ऐलुमिनियम का उपयोग ऑटोमोबाइल, हवाई जहाज, बोतलबन्दी उद्योग, भवन निर्माण, बर्तनों आदि में किया जाता है। कोयला, पेट्रोलियम आदि का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। लौह-अयस्क का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।
प्रश्न 5.
खनिजों के संरक्षण की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
खनिज अत्यन्त मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन हैं जिनके निर्माण में हजारों वर्ष लगते हैं। अतः खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं। इन खनिजों के निर्माण की दर बहुत कम है, जबकि मानव द्वारा इन खनिजों के उपयोग की दर काफी तीव्र है। अतः इन खनिजों के भण्डारों में निरन्तर कमी आ रही है तथा मानव के अति उपयोग के कारण इन खनिजों के समाप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। यदि ये खनिज समाप्त हो जाएँगे तो भावी पीढ़ी के सम्मुख एक बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा। अतः इन खनिजों का संरक्षण अति आवश्यक है।
प्रश्न 6.
ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत वे हैं जिनका उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। ईंधन तथा जीवाश्मी ईंधन परम्परागत ऊर्जा के दो मुख्य स्रोत हैं। ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में मुख्य रूप से खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, ईंधन, कोयला, जल विद्युत आदि को शामिल किया जाता है। ऊर्जा के अधिकांश परम्परागत स्रोत अनवीकरणीय हैं जिनके निर्माण में हजारों वर्ष लगते हैं। परम्परागत ऊर्जा के स्त्रोतों के अत्यधिक उपयोग से इनके समाप्त होने का खतरा है।
प्रश्न 7.
ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों का उपयोग पिछले कुछ वर्षों से किया जाने लगा है तथा इनके उपयोग में निरन्तर वृद्धि हो रही है। ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोतों में पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, बायो गैस, भू-तापीय ऊर्जा आदि को शामिल किया जाता है। ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्रोत नवीकरणीय होते हैं तथा इन स्रोतों से पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है। इन स्रोतों के उपयोग से परम्परागत स्रोतों के समाप्त होने का खतरा भी कम हो जाएगा।
प्रश्न 8.
ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत खनिज तेल के लाभहानि बताइए।
उत्तर:
खनिज तेल ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। इसके लाभ-हानि निम्न प्रकार हैं-
खनिज तेल के लाभ-
खनिज तेल से हानि-
प्रश्न 9.
ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत पवन ऊर्जा के लाभ-हानि बताइए।
उत्तर:
पवन ऊर्जा के लाभ-
पवन ऊर्जा से हानि-
प्रश्न 10.
जल विद्युत पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जल विद्युत हेतु बाँधों में वर्षा जल अथवा नदी जल ऊँचाई से गिराने के लिए संग्रहित किया जाता है। बाँध के अन्दर से पाइप के द्वारा बहता जल बाँध के नीचे स्थित टरबाइन के ऊपर गिरता है। घूमते हुए ब्लेड जेनरेटर को विद्युत के लिए घुमाते हैं, यह जल विद्युत कहलाती है। विश्व की ऊर्जा का एक-चौथाई हिस्सा जल विद्युत से उत्पन्न होता है। विश्व में जल विद्युत के अग्रणी उत्पादक देश पराग्वे, नार्वे, ब्राजील और चीन हैं। भारत में कुछ महत्त्वपूर्ण जल विद्युत केन्द्र भाखड़ा नांगल, गांधी सागर, नागार्जुन सागर और दामोदर नदी घाटी परियोजनाएँ हैं।
प्रश्न 11.
एशिया तथा यूरोप में पाए जाने वाले प्रमुख खनिजों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एशिया-एशिया में अनेक खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। यहाँ विश्व के आधे से अधिक टिन का उत्पादन होता है। चीन, मलेशिया और इंडोनेशिया विश्व के अग्रणी टिन उत्पादकों में हैं। चीन और भारत में लौह-अयस्क के विशाल भण्डार हैं। चीन में सीसा, एन्टीमनी तथा टंग्स्टन का उत्पादन होता है। एशिया में मैंगनीज, बॉक्साइट, निकल, जस्ता तथा ताँबे के भण्डार भी पाए जाते हैं। यूरोप-यूरोप विश्व में लौह-अयस्क का अग्रणी उत्पादक है। रूस, यूक्रेन, स्वीडन और फ्रांस लौह-अयस्क के विशाल भण्डार वाले देश हैं। ताँबा, सीसा, जस्ता, मैंगनीज और निकल खनिजों के भण्डार पूर्वी यूरोप और यूरोपीय रूस में पाए जाते हैं।
प्रश्न 12.
पवन ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
पवन ऊर्जा एक गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत है। पवन, ऊर्जा का एक असमाप्य स्रोत है। पवन चक्कियों में तीव्र गति से चलती हवाएँ पवन चक्की को घुमाती हैं जो विद्युत उत्पादन के लिए जेनरेटर से जुड़ी होती हैं। पवन चक्कियों के समूह से युक्त पवन फार्म तटीय क्षेत्रों और पर्वत घाटियों में जहाँ प्रबल और लगातार हवाएँ चलती हैं, वहाँ स्थित हैं। पवन फार्म नीदरलैण्ड, जर्मनी, डेनमार्क, यू.के., यू.एस.ए. तथा स्पेन में पाए जाते हैं जो पवन ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 13.
भूतापीय ऊर्जा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भूतापीय ऊर्जा-वह ताप ऊर्जा जो पृथ्वी से प्राप्त की जाती है, भूतापीय ऊर्जा कहलाती है। पृथ्वी के अन्दर गहराई के साथ-साथ तापमान में वृद्धि होती जाती है। कभी-कभी यह तापमान ऊर्जा भू-सतह पर गर्म जल के झरनों के रूप में प्रकट हो सकती है। यह ताप ऊर्जा शक्ति उत्पादन करने में प्रयुक्त की जा सकती है। वर्षों से गर्म जल के स्रोतों के रूप में भूतापीय ऊर्जा खाना बनाने, ऊष्मा प्राप्त करने और नहाने के प्रयोग में लाई जाती है। यू.एस.ए. विश्व का सबसे बड़ा भूतापीय ऊर्जा का संयन्त्र है। भारत में भूतापीय ऊर्जा के संयन्त्र हिमाचल प्रदेश में मणिकरण और लद्दाख में पूगाघाटी में स्थित हैं।
प्रश्न 14.
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत कोयले पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कोयला ऊर्जा का एक महत्त्वपूर्ण परम्परागत स्रोत है। यह बहुतायत में पाया जाने वाला जीवाश्मी ईंधन है। इसका उपयोग घरेलू ईंधन, उद्योगों जैसे लोहा और इस्पात, वाष्प इंजनों और विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है। कोयले से प्राप्त विद्युत को तापीय ऊर्जा कहा जाता है। विश्व के अग्रणी कोयला उत्पादक देशों में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, रूस, दक्षिण अफ्रीका और फ्रांस हैं। भारत के कोयला उत्पादक क्षेत्र रानीगंज, पश्चिमी बंगाल में| तथा झरिया, धनबाद और बोकारो झारखण्ड में हैं।
प्रश्न 15.
प्राकृतिक गैस पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम निक्षेपों के साथ पायी जाती है और तब निर्मुक्त होती है जब अपरिष्कृत तेल को धरातल पर लाया जाता है। इसका प्रयोग घरेलू और वाणिज्यिक ईंधनों के रूप में किया जा सकता है। रूस, नार्वे, यू.के. और नीदरलैण्ड प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक हैं। भारत में जैसलमेर, कृष्णा-गोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा और मुम्बई के कुछ अपतटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस संसाधन हैं।
प्रश्न 16.
बायोगैस संयंत्र का चित्र बनाइये।
उत्तर:
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
विश्व के विभिन्न देशों में खनिजों के वितरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व के विभिन्न देशों में खनिजों का वितरण निम्न प्रकार है-
1. एशिया-चीन और भारत में लोहे के विशाल भण्डार हैं। चीन, मलेशिया और इंडोनेशिया विश्व के अग्रणी टिन उत्पादकों में हैं। चीन सीसा, एन्टीमनी और टंग्स्टन के उत्पादन में भी अग्रणी है। एशिया में मैंगनीज, बॉक्साइट, निकल, जस्ता, ताँबा तथा टिन के भी भण्डार पाए जाते हैं।
2. यूरोप-यूरोप के रूस, यूक्रेन, स्वीडन और फ्रांस में लौह के विशाल भण्डार पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ ताँबा, सीसा, जस्ता, मैंगनीज और निकल खनिजों के भण्डार पूर्वी यूरोप और यूरोपियन रूस में पाए जाते हैं।
3. उत्तर अमेरिका-उत्तर अमेरिका में लौह-अयस्क, निकल, सोना, यूरेनियम और ताँबा का खनन कनाडियन शील्ड प्रदेश में और कोयले का अप्लेशियन प्रदेश में होता है। पश्चिमी कार्डीलेरा में ताँबा, सीसा, जस्ता, सोना और चाँदी के विशाल भण्डार हैं।
4. दक्षिण अमेरिका-यहाँ ब्राजील उच्चकोटि के लौहअयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक है। चिली तथा पेरु ताँबे के अग्रणी उत्पादक हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ सोने, चाँदी, जस्ता, क्रोमियम, मैंगनीज, बॉक्साइट, अभ्रक, प्लेटिनम, एसबेस्टस, हीरे, खनिज तेल के विशाल भण्डार हैं।
5. अफ्रीका-अफ्रीका में अनेक प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। यह हीरा, सोना और प्लेटिनम का विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका में ताँबा, लौह-अयस्क, क्रोमियम, यूरेनियम, कोबाल्ट, बॉक्साइट तथा खनिज तेल के भण्डार पाए जाते हैं।
6. आस्ट्रेलिया-आस्ट्रेलिया विश्व में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह सोना, हीरा, लौह-अयस्क, टिन और निकल का अग्रणी उत्पादक है। यह ताँबा, सीसा, जस्ता और मैंगनीज में भी सम्पन्न है।
7. अंटार्कटिका-अंटार्कटिका के ट्रांस अंटार्कटिक पर्वत में कोयले और पूर्वी अंटार्कटिका के प्रिंस चार्ल्स पर्वत के निकट लोहे के विशाल भण्डार होने का पूर्वानुमान किया गया है।
प्रश्न 2.
ऊर्जा अथवा शक्ति संसाधनों के परम्परागत स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत ऊर्जा अथवा शक्ति संसाधनों के परम्परागत स्रोतों में वे स्रोत शामिल हैं, जो प्राचीन समय से प्रयोग में लाए जा रहे हैं। ऊर्जा के प्रमुख परम्परागत स्रोत निम्न प्रकार हैं-
(1) ईंधन-ईंधन का उपयोग खाना पकाने तथा ऊष्मा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा ईंधन से ही प्राप्त होती है। इससे वायु प्रदूषण होता है किन्तु फिर भी यह ऊर्जा का मुख्य आधार है।
(2) कोयला-कोयला, बहुतायत में पाया जाने वाला जीवाश्मी ईंधन है। इसका उपयोग घरेलू ईंधन, उद्योगों, वाष्प इंजनों तथा विद्युत उत्पन्न करने में किया जाता है। विश्व में कोयला उत्पादक देशों में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, रूस, दक्षिण अफ्रीका और फ्रांस शामिल हैं। भारत में कोयला उत्पादक क्षेत्र रानीगंज पश्चिमी बंगाल में तथा झरिया, धनबाद, बोकारो झारखण्ड में हैं।
(3) पेट्रोलियम-पेट्रोलियम एक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। पेट्रोलियम के प्रक्रमण से हमें विभिन्न तरह के उत्पाद जैसे-डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक प्राप्त होते हैं। पेट्रोलियम के मुख्य उत्पादक देश ईरान, इराक, सऊदी अरब और कतर हैं। भारत में मुख्य उत्पादक क्षेत्र असम में डिग्बोई, मुम्बई में बाम्बे हाई तथा कृष्णा और गोदावरी नदियों के डेल्टा हैं।
(4) प्राकृतिक गैस-प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम निक्षेपों के साथ पाई जाती है। इसका प्रयोग घरेलू और वाणिज्यिक ईंधनों के रूप में किया जाता है। रूस, नार्वे, यू.के. और नीदरलैण्ड प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक हैं। भारत में जैसलमेर, कृष्णा-गोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा और मुम्बई के कुछ अपतटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस के भण्डार हैं।
(5) जल विद्युत-बाँधों से जल को ऊँचाई से गिराकर जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है। विश्व की ऊर्जा का एक-चौथाई हिस्सा जल विद्युत से उत्पन्न होता है। विश्व में जलविद्युत के अग्रणी उत्पादक देश पराग्वे, नार्वे, ब्राजील और चीन हैं। भारत में कुछ महत्त्वपूर्ण जलविद्युत केन्द्र भाखड़ा नांगल, गाँधीसागर, नागार्जुन सागर और दामोदर नदी घाटी परियोजनाएँ हैं।
प्रश्न 3.
ऊर्जा अथवा शक्ति के गैर-परम्परागत स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों के भण्डार सीमित हैं अतः विगत वर्षों में गैर-परम्परागत स्रोतों का उपयोग तीव्र गति से बढ़ा है। ऊर्जा अथवा शक्ति के गैर-परम्परागत स्रोत निम्न प्रकार हैं-
(1) सौर ऊर्जा-सौर ऊर्जा एक महत्त्वपूर्ण गैर-परम्परागत स्रोत है। सूर्य से प्राप्त सौर ऊर्जा, सौर सेलों में विद्युत उत्पन्न करने के लिए प्रयोग की जा सकती है। धूप की प्रचुरता वाले उष्णकटिबन्धीय देशों के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग की प्रौद्योगिकी बहुत लाभदायक है। मुख्य रूप से सौर ऊर्जा का उपयोग सौर तापक, सौर कुकर, सोलर ड्रायर के साथ-साथ समुदाय को रोशनी देने और यातायात संकेतकों में किया जाता है।
(2) पवन ऊर्जा-पवन, ऊर्जा का एक असीमित स्रोत अथवा संसाधन है। इसमें पवन चक्कियों में तीव्र गति से चलती हवाएँ पवन चक्की को घुमाती हैं जो विद्युत उत्पादन के लिए जेनरेटर से जुड़ी होती हैं। पवन चक्कियों के समूह से युक्त पवन फार्म तटीय क्षेत्रों और पर्वत घाटियों में जहाँ प्रबल और लगातार हवाएं चलती हैं वहाँ स्थित हैं। मुख्य रूप से पवन फार्म नीदरलैण्ड, जर्मनी, डेनमार्क, यू.के., यू.एस.ए. तथा स्पेन में पाए जाते हैं।
(3) परमाणु ऊर्जा-परमाणु ऊर्जा प्राकृतिक तौर से प्राप्त रेडियो सक्रिय पदार्थ जैसे यरेनियम और थोरियम के परमाणुओं के केन्द्रक में संग्रहित ऊर्जा से प्राप्त की जाती है। ये पदार्थ नाभिकीय रिएक्टरों में नाभिकीय विखण्डन से गुजरते हैं जिससे उत्सर्जन से ऊर्जा की प्राप्ति होती है। परमाणु ऊर्जा के सबसे बड़े उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप हैं। भारत में परमाणु ऊर्जा के केन्द्र तमिलनाडु में कलपक्कम, महाराष्ट्र में तारापुर, राजस्थान में कोटा के निकट राणाप्रताप सागर, उत्तर प्रदेश में नरोरा और कर्नाटक में कैगा में हैं।
(4) भतापीय ऊर्जा-ताप ऊर्जा जो पृथ्वी से प्राप्त की जाती है, भूतापीय ऊर्जा कहलाती है। पृथ्वी से प्राप्त ताप ऊर्जा का उपयोग खाना बनाने तथा ऊष्मा प्राप्त करने और नहाने के लिए किया जाता है। यू.एस.ए. विश्व का सबसे बड़ा भूतापीय ऊर्जा का संयन्त्र है, इसके बाद न्यूजीलैण्ड, आइसलैण्ड, फिलीपींस और मध्य अमेरिका है। भारत मेंभूतापीय ऊर्जा के संयन्त्र हिमाचल प्रदेश में मणिकरण और लद्दाख में पूगाघाटी में स्थित हैं।
(5) ज्वारीय ऊर्जा-ज्वार से उत्पन्न ऊर्जा को ज्वारीय ऊर्जा कहते हैं। इस ऊर्जा का विदोहन समुद्र के सँकरे मुहाने में बाँध के निर्माण से किया जाता है। रूस, फ्रांस तथा भारत में कच्छ की खाड़ी में विशाल ज्वारीय ऊर्जा क्षेत्र हैं।
(6) बायोगैस-जैविक अपशिष्ट जैसे मृत पौधे एवं पशुओं के अवशेष, गोबर, अवशिष्ट भोजन को जब गैसीय ईंधन में बदला जाता है तो उसे बायो गैस कहते हैं। बायोगैस खाना पकाने तथा विद्युत उत्पादन का सर्वोत्तम ईंधन है और इससे प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में जैव खाद का उत्पादन होता है।