Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vyakaran मुहावरे और कहावतें Textbook Exercise Questions and Answers.
प्रश्न 1.
मुहावरे की परिभाषा लिखिए।
उत्तर-
ऐसा वाक्यांश जो सामान्य से भिन्न किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये और शाब्दिक से भिन्न किसी अन्य अर्थ में रूढ़ हो जाये, उसे मुहावरा कहते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
उत्तर-
1. आँख खुलना-सचेत होना।
चोट लगने पर ही मनुष्य की आँख खुलती है।
2. आँखें लाल होना-गुस्से से देखना।
सीमा पर शत्रुओं को देखते ही भारतीय सैनिकों की आंखें लाल हो गई।
3. उँगली उठाना-दोष निकालना।
हर किसी के ऊपर उँगली उठाना अच्छा नहीं।
4. उल्टी माला फेरना-अहित या हानि चाहना।
किसी के लिए उल्टी माला फेरना अच्छा नहीं होता है।
5. उल्लू बनाना-मूर्ख बनाना।
स्वार्थी लोग सदा ही दूसरों को उल्लू बनाते रहते हैं।
6. कान खड़े करना-सचेत होना, चौकन्ना होना।
शिक्षक के कक्षा में आते ही सब छात्रों ने कान खड़े कर दिये।
7. खेत की मूली होना-ज्यादा समझदार या ताकतवर न होना।
रामू किस खेत की मूली है जो इतना अकड़ता है।
8. घी के दीये जलाना-हर्ष मनाना, प्रसन्न होना।
वनवास से राम-सीता और लक्ष्मण के घर लौट आने पर -अयोध्यावासियों ने घर-घर घी के दीये जलाये।
9. घुड़की देना-धमकाना।
मुहल्ले में कुछ गुण्डे हर किसी को घुड़की देते फिरते हैं।
10. चेहरे का रंग उड़ना-पीला पड़ जाना।
सच्चाई सामने आते ही श्यामा के चेहरे का रंग उड़ने लगा।
11. छाती पीटना-रोना, विलाप करना।
राम के वन जाते ही राजा दशरथ छाती पीटने लगे।
12. जान निकलना-बहुत अधिक परेशान होना।
परिवार के लोगों के लगातार बीमार रहने से बाबूलाल की जान निकलने लगी।
13. ताड़ लेना-पहले से अनुमान कर लेना।
चोर को देखते ही पुलिस आसानी से ताड़ लेती है।
14. तिल का ताड़ बनाना-छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
अरे रमेश, तुम क्यों तिल का ताड़ बनाकर लोगों से झगड़ते रहते हो?
15. तूती बोलना-आतंक होना या दबदबा होना।
चुनाव आने पर नेताजी की तूती बोलने लगी।
16. दाल न गलना-रौब न चलना।
यहाँ आपकी दाल नहीं गलेगी, अत: आप चुपचाप चले जाइये।
17. नाक में दम होना-परेशान रहना।
खाँसी-जुकाम,के कारण मेरी नाक में दम है।
18. बाल बाँका न होना-कुछ हानि न होना।
जाको राखे साइयाँ मार सके न कोय। बाल न बाँका कर सके जो जग बैरी होय।
19. भीगी बिल्ली बनना-डर के मारे चुप रहना।
कमजोर लोग चोर-लुटेरों के सामने भीगी बिल्ली बन जाते हैं।
20. मुंह काला होना-कलंक लगना या बदनामी होना।
बुरी संगति में पड़ने से राजू का मुंह काला हुआ।
21. मुँह में पानी आना-लालच करना।
स्वादिष्ट भोजन एवं मिठाइयाँ देखकर मुँह में पानी आ ही जाता है।
22. रोंगटे खड़े होना-डर से रोमांचित होना।
ताड़का राक्षसी के उत्पात से सभी ऋषि-मुनियों के रोंगटे खड़े हो गये।
23. लकीर का फकीर होना-अन्धविश्वास होना, पुरानी प्रथा पर चलना।
वैज्ञानिक प्रगति के इस युग में भी लोग लकीर के फकीर हो रहे हैं।
24. लोहा मानना-अधीनता स्वीकार करना।
बांग्लादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारतीयों का लोहा मानना पड़ा।
25. शहद लगाकर चाटना-तुच्छ वस्तु को महत्त्व देना।
स्वार्थी दुष्ट लोग अपना काम निकालने के लिए हर समय शहद लगाकर चाटने में लगे रहते हैं।
26. सत्यानाश करना-सब कुछ नष्ट करना।
केशव ने चिड़िया के अण्डे फोड़कर सत्यानाश कर दिया।
27. हाथ-पैर फूल जाना-भय या शोक से घबरा जाना।
हथियारबन्द डाकुओं को देखकर सेठजी के हाथ-पैर फूल गये।
28. हाथ साफ करना-गायब करना, चोरी करना।
बस में किसी ने कन्हैया की जेब पर हाथ साफ कर दिया।
29. हाथ को हाथ न सूझना-कुछ भी न दिखाई देना।
घुप अंधेरी रात में हाथ को हाथ नहीं सूझता है।
30. हाथ लगना-कुछ मिल जाना।
जीवन में परिश्रम करने पर सफलता हाथ लगती है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखिए
उत्तर-
1. अंगारे उगलना-क्रोध में कठोर शब्द बोलना।
2. अक्ल पर पत्थर पड़ना-कुछ समझ में न आना।
3. आँखों में आँसू भरना-बहुत दु:खी होना।
4. आँसू पोंछना-ढांढस बंधाना।
5. आग में घी डालना-क्रोध को और खदाना।
6. आड़े हाथों लेना-कठोरता से पेश आना।
7. उल्टे पाँव दौड़ना-डटकर भाग जाना।।
8. उँगली पर नचाना-वश में करना।
9. एक-से-एक मिलना-संगठित होना।
10. एड़ी-चोटी का जोर लगाना-शक्ति भर कार्य करना।
11. कमर कसना-किसी कार्य को करने के लिए तत्पर होना।
12. काम आना-युद्ध में मारा जाना।
13. काम-तमाम कर देना-मार देना।
14. कीचड़ उछालना-कलंक लगाना, नीचता दिखाना
15. गला भर आना-रुआँसा हो जाना।
16. घड़ों पानी पड़ना-अत्यन्त लज्जित होना।
17. चाँदी का जूता देना-रिश्वत देना।
18. टोपी उछालना-अपमान करना।
19. डींग हाँकना-झूठी बड़ाई करना।
20. तलवार खींच लेना-युद्ध के लिए तैयार होना।
21. धुन सवार होना-एक ही बात के पीछे पड़ जाना।
22. पानी भरना-चाकरी करना।
23. पेट में दाढ़ी होना-आयु से अधिक ज्ञान होना।
24. बल्लियों उछलना-अत्यधिक प्रसन्न होना।
25. भूत सवार होना-हठ करना।
26. मुँह उतर जाना-उदास हो जाना।
27. राई का पर्वत बनाना-छोटी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
28. लोहे के चने चबाना-कठिन काम करना।
29. सिर पर कफन बाँधना-मरने को प्रस्तुत होना।
30. हाथ बंटाना-सहयोग करना।
प्रश्न 4.
(i) 'आँख का तारा' मुहावरे का अर्थ है
(क) आँख में चमकने वाला
(ख) बहुत प्यारा
(ग) आँख की पुतली
(घ) दूर की वस्तु
उत्तर-
(ख) बहुत प्यारा
(ii) 'दाँतों तले अंगुली दबाना' मुहावरे का अर्थ है
(क) लज्जित होना
(ख) चालाक होना
(ग) परेशान होना
(घ) अचम्भे में पड़ना
उत्तर-
(घ) अचम्भे में पड़ना
(iii) 'फूंक-फूंक कर पैर रखना' मुहावरे का अर्थ है
(क) रास्ते को साफ रखना
(ख) धीरे-धीरे चलना
(ग) परेशानियों से बचना
(घ) सोच-समझकर काम करना
उत्तर-
(घ) सोच-समझकर काम करना
(iv) 'कान भरना' मुहावरे का अर्थ है
(क) कान पकड़ना
(ख) चालाकी दिखाना
(ग) बहकाना
(घ) डींग मारना
उत्तर-
(ग) बहकाना
(v) 'कलई खुलना' मुहावरे का अर्थ है
(क) भेद खुलना
(ख) काम बिगड़ जाना
(ग) पछताना
(घ) तसल्ली देना।
उत्तर-
(क) भेद खुलना
प्रश्न 5.
कहावत या लोकोक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर-
लोक या समाज में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति (कहावत) कहते हैं। यह अपने में पूर्ण वाक्य होता है। जैसे-ऊँची दुकान फीका पकवान।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित कहावतों का अर्थ लिखकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
1. अधजल गगरी छलकत जाए-थोड़ा-सा ज्ञान होने पर बहुत अभिमान होना।
प्रयोग-देवेश के पास एक लाख रुपये क्या हुए, वह करोड़पति जैसी डींग मारता है। किसी ने ठीक ही कहा है-अधजल गगरी छलकत जाए।
2. अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग-सबके अलग-अलग विचार।
प्रयोग-इन दिनों देश की राजनीतिक पार्टियाँ अपनीअपनी ढपली अपना-अपना राग अलाप रही हैं।
3. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता-कठिन काम को एक आदमी नहीं कर सकता, अकेला व्यक्ति शक्तिहीन होता
प्रयोग-देश में गरीबी हटाना अकेले किसी भी नेता के बस की आत नहीं, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
4. अन्थों में काना राजा-मूर्यों में थोड़ा-सा ज्ञान रखने वाला भी आदर पाता है।
प्रयोग-हमारे गाँव में सूरज नेतागीरी करने लगा, तो सारे लोग उसकी प्रशंसा करने लगे। तब वह अन्धों में काना राजा जैसा बन गया।
5. आम के आम गुठलियों के दाम-दोहरा लाभ।
प्रयोग-रतनलाल खाती लकड़ियों से फर्नीचर बनाकर बेच देता है और साथ ही बची हुई लकड़ियों को बेचकर आम के आम गुठलियों के दाम कर लेता है।
6. एक और एक ग्यारह होते हैं-संगठन में बड़ी शक्ति होती है।
प्रयोग-स्वतंत्रता आन्दोलन में भारतीयों ने मजबूत ब्रिटिश साम्राज्य को पस्त कर दिया था। सच है कि एक और एक ग्यारह होते हैं।
7. काला अक्षर भैस बराबर-अनपढ़ होना।
प्रयोग-सिया की माँ ने कहा कि यह पत्र पढ़ना, मेरे लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
8. खोदा पहाड़ निकली चुहिया-बहुत परिश्रम लाभ कम।
प्रयोग-लता ने रात-दिन लगकर परीक्षा की तैयारी की; किन्तु तृतीय श्रेणी ही प्राप्त कर सकी। यह तो वही बात हुई खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
9. दूर के ढोल सुहावने-दूर से चीज अच्छी लगती है।
प्रयोग-व्यापारी लोग जितने चमकीले-भड़कीले विज्ञापन देते हैं, वे उतने अच्छे नहीं होते हैं क्योंकि दूर के ढोल सुहावने लगते हैं।
10. शबरी के बेर-प्रेममयी भेंट।
प्रयोग-एक सम्पन्न मित्र अपने गरीब मित्र से जो सहायता पाता है, वह शबरी के बेर जैसी होती है।
11. साँच को आँच नहीं-सच्चा आदमी नहीं डरता।
प्रयोग-ईमानदार व्यक्ति को पुलिस से जरा भी डर नहीं रहता; क्योंकि साँच को आँच नहीं लगती।
12. हथेली पर दही नहीं जमता-कार्य पूरा करने में समय लगता है।
प्रयोग-ऊंची-ऊँची इमारतें इतनी आसानी से नहीं बन जाती हैं; क्योंकि हथेली पर दही नहीं जमता है।
प्रश्न 7.
निम्नलिखित लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए
उत्तर-
1. आ बैल मुझे मार-जानबूझकर मुसीबत में फंसना ।
2. आप भला तो जग भला-अपने अच्छे व्यवहार को आदर मिलता है।
3. आगे कुऔं पीछे खाई-सब ओर से विपत्ति में फंसना।
4. ऊँट के मुँह में जीरा-अधिक खाने वाले को स्वल्पाहार।
5. ऊँची दुकान फीके पकवान-प्रदर्शन और कोरा दिखावा।
6. एक अनार सौ बीमार-एक स्थान के लिए अनेक प्रत्याशी।
7. एक पंथ दो काज-एक ही साधन से दो काम।
8. कोयले की दलाली में मुँह काला-दुष्टों की संगति से कलंक लगना। ङ्के
9 करेगा और नाम मा परे से भी अधिक प्रा होगा।
10. घर का भेदी लंका ढावे-घरवालों की फूट सर्वनाश का कारण बनती है।
11. चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात-थोड़े समय का सुख।
12. छोटे मुँह बड़ी बात-हैसियत से अधिक बात करना।
13. ढाक के तीन पात-सदा एक ही हालत में रहना।
14. न रहे बाँस न बजे बाँसुरी-सर्वथा नष्ट कर देना।
15. नाच न जाने आँगन टेढ़ा-अपनी विफलता के लिए साधनों को दोष देना।
16. पाँचों उंगलियाँ घी में-लाभ ही लाभ होना।
17. बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा-अनायास लाभ होना।
18. मुँह में राम बगल में छुरी-ऊपर से मित्रता, अन्दर से शत्रुता।
19. सावन सूखा न भादों हरा-हमेशा एक जैसी हालत।
20. हाथ कंगन को आरसी क्या-प्रत्यक्ष के लिए प्रमाण की आवश्यकता नहीं।
21. हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और-कहे कुछ और करे कुछ।
प्रश्न 8.
(i) ऊँट के मुंह में जीरा' कहावत का अर्थ है
(क) बहुत बड़ा होना
(ख) कम दान देना
(ग) दुष्टता करना
(घ) ज्यादा खाने वाले को कम देना।
उत्तर-
(घ) ज्यादा खाने वाले को कम देना।
(ii) 'कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली' कहावत का अर्थ है
(क) विरोधी होना
(ख) कंजूस होना
(ग) बहुत अन्तर होना
(घ) अपराध करना।
उत्तर-
(ग) बहुत अन्तर होना
(iii) आनन्द के अवसर पर बाधा आ जाना' अर्थ किस कहावत का है?
(क) थोथा चना बाजे घना
(ख) चलती का नाम गाड़ी
(ग) रंग में भंग
(घ) कंगाली में आटा गीला।
उत्तर-
(ग) रंग में भंग
(iv) 'सदा एक हालत में रहना' किस कहावत का अर्थ है?
(क) ढोल की पोल
(ख) दूर के ढोल सुहावने
(ग) अन्धी पीसे कुत्ता खाये
(घ) ढाक के तीन पात।
उत्तर-
(घ) ढाक के तीन पात।
(v) 'दाल में काला' कहावत का अर्थ है
(क) काली चीज होना
(ख) बुरा काम करना
(ग) भेद या शंका की बात होना
(घ) षड्यन्त्र रचना।
उत्तर-
(ग) भेद या शंका की बात होना