Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Vyakaran लोकोक्तियाँ Questions and Answers, Notes Pdf.
लोकोक्ति - वे कथन जो किसी विशेष घटना अथवा जीवन के व्यावहारिक अनुभवों पर आधारित होते हैं, लोकोक्तियाँ या कहावतें कहलाती हैं। लोकोक्ति प्रायः किसी प्रसंग या घटना-विशेष पर
लोकोक्तियाँ -
अकेला चना क्या भाड़ फोड़े
अपनी-अपनी ढपली अपना-अपना राग
अक्ल बड़ी या भैंस
अन्त भला तो सब भला
आगे कुआँ, पीछे खाई
आम के आम गुठलियों के दाम
आम खाना या पेड़ गिनना
आसमान से गिरा खजूर में अटका
इस हाथ लेना उस हाथ देना
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे
ऊँची दुकान फीके पकवान
एक ही थैली के चट्टे-बट्टे
एक पंथ दो काज
एक अनार सौ बीमार
एक चुप सौ को हराए
करेला और नीम चढ़ा
कहाँ राज भोज, कहाँ गंगू तेली
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
खोदा पहाड़ निकली चुहिया
गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज
घर का भेदी लंका ढाए
घाट-घाट का पानी पीना
चमडी जाये पर दमड़ी न जाए
चोर की दाढ़ी में तिनका
जल में रहकर मगर से बैर
जिस हाँडी में खाना उसी में छेद करना
जिसकी लाठी उसकी भैंस
आधारित कथन होती है। लोकोक्ति या कहावत एक पूरा वाक्य होती है। जैसे- 'छोटा मुँह बड़ी बात' एक लोकोक्ति है, इसका अर्थ है - 'योग्यता से बढ़कर बातें करना।' यहाँ कुछ लोकोक्तियाँ उनके अर्थ सहित दी जा रही हैं। इन्हें पढ़िए और याद कीजिए:
अर्थ -
उत्तर :
अकेला व्यक्ति बड़ा काम नहीं कर सकता है।
एकजुट या एकमत न होना।
शारीरिक बल से बुद्धि-बल श्रेष्ठ है।
अच्छा परिणाम ही कार्य के अच्छे होने का सूचक है।
दोनों ओर से परेशानी होना।
एक वस्तु से दोगुना लाभ होना।
बेकार की बातों में रुचि न लेना।
एक परेशानी से निकलकर दूसरी में पड़ना।
लेन-देन में देरी न करना।
अपना अपराध न मानकर पूछने वाले को ही डाँटना।
केवल बाहरी दिखावा करना।
सब एक जैसे ही होना।
एक प्रयत्न से दो कार्य पूरे होना।
एक वस्तु के अनेक चाहने वाले होना।
मौन रहना अति उत्तम है।
दुष्ट को खराब संगति मिलना।
दो असमान व्यक्तियों की तुलना।
संगति का प्रभाव अवश्य पड़ता है।
बहुत प्रयत्न करने पर कम लाभ होना।
व्यर्थ के नखरे दिखाना।
आपसी फूट घर को नष्ट कर देती है।
सब तरह का अनुभव होना।
बहुत अधिक कंजूस होना।
अपराधी स्वयं की गलती से ही पकड़ा जाता है।
बलवान से शत्रुता रखना।
विश्वासघात करना।
शक्तिशाली की ही विजय होती है।
जैसा देश वैसा वेश
अवसर के अनुसार बदल जाना।
जैसी करनी वैसी भरनी
कार्य के अनुसार ही फल मिलता है।
टके का सारा खेल
धन की महिमा सब जगह है।
तेते पाँव पसारिए जेती लाँबी सौर
शक्ति के अनुसार खर्च करना चाहिए।
दूर के ढोल सुहावने
दूर की वस्तुएँ अच्छी लगना।
नाच न जाने आँगन टेढा
अपनी कमी दूसरों पर थोपना।
बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा
कार्य में संयोगवश मिली सफलता।
मान न मान मैं तेरा मेहमान
जबरदस्ती गले पड़ना।
लेना एक न देना दो
कोई मतलब न होना।
सावन सूखे न भादों हरे
सदा एक दशा में रहना।
साँच को आँच नहीं
सच्चे को डरने की आवश्यकता नहीं।
हाथ कंगन को आरसी क्या
प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं।
हाथी के दाँत खाने के और
कपटपूर्ण व्यवहार।
दिखाने के और
प्रश्न 1.
नीचे दी गई लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए :
(i) एक अनार सौ बीमार
उत्तर :
एक ही वस्तु को अनेक चाहने वाले।
(ii) एक पंथ दो काज एक प्रयत्न से दो कार्य पूरे होना।
(iii) जैसी करनी वैसी भरनी
कार्य के अनुसार ही फल मिलता है।
(iv) जैसा देश वैसा वेश अवसर के अनुसार बदल जाना।
(v) साँच को आँच नहीं सत्य को डरने की आवश्यकता नहीं
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अर्थों को व्यक्त करने वाली लोकोक्तियाँ लिखिए :
(i) शारीरिक बल से बुद्धिबल श्रेष्ठ है उत्तरअक्ल बड़ी या भैंस।
(ii) लेन-देन में देरी न करना इस हाथ लेना उस हाथ देना।
(iii) मौन रहना अति उत्तम है एक चुप सौ को हराए।
(iv) दुष्ट को खराब संगति मिलना करेला और नीम चढ़ा।
(v) बहुत प्रयत्न करने पर कम लाभ होना खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
प्रश्न 3.
'ऊँची दुकान फीके पकवान' लोकोक्ति का अर्थ है:
(क) ऊँचा व्यापार
(ख) पकवान सेकना
(ग) सामान बनाना
(घ) कोरा बाहरी दिखावा
उत्तर :
(घ) कोरा बाहरी दिखावा
प्रश्न 4.
'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता' कहावत का अर्थ है :
(क) अकेला
(ख) भड़भूजे का व्यवसाय
(ग) कर्मठता
(घ) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता
उत्तर :
(घ) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता
प्रश्न 5.
'अक्ल बड़ी या भैंस' लोकोक्ति का अर्थ है:
(क) बेअक्ली
(ख) अधिक अक्लमंदी
(ग) मूर्खता
(घ) शारीरिक बल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है
उत्तर :
(घ) शारीरिक बल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है