RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
"संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन मानवता को स्वर्ग पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि उसे नरक से बचाने के लिए हुआ है।" यह कथन किसका है? 
(अ) ट्राइग्व ली
(ब) कोफी अन्नान 
(स) बान की मून
(द) डेग हैमरशोल्ड।
उत्तर:
(स) बान की मून

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन 

प्रश्न 2. 
संयुक्त राज्य संघ की स्थापना हुई? 
(अ) 19 अगस्त, 1947 को
(ब) 24 अक्टूबर, 1945 को 
(स) 30 अक्टूबर, 1945 को
(द) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(द) इनमें से कोई नहीं। 

प्रश्न 3. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग हैं।
(अ) 2
(ब) 3 
(स) 6
(द) 8. 
उत्तर:
(ब) 3 

प्रश्न 4. 
1 नवम्बर, 1994 से संयुक्त राष्ट्र संघ का कौन-सा अंग स्थगित है।
(अ) सुरक्षा परिषद्
(ब) न्यासिता परिषद् 
(स) आर्थिक और सामाजिक परिषद्
(द) आम सभा। 
उत्तर:
(स) आर्थिक और सामाजिक परिषद्

प्रश्न 5. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय का प्रधान कहलाता है।
(अ) सचिव
(ब) महासचिव 
(स) अध्यक्ष
(द) मन्त्री। 
उत्तर:
(ब) महासचिव 

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प्रश्न 6. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रथम महासचिव थे।
(अ) ट्राइग्व ली
(ब) यू थांट 
(स) बुतरस-बुतरस घाली
(द) कोफी ए. अन्नान। 
उत्तर:
(अ) ट्राइग्व ली

प्रश्न 7. 
अन्तर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेन्सी (आईएईए) का स्थापना वर्ष है।
(अ) सन् 1957
(ब) सन् 1960 
(स) सन् 1991
(द) सन् 1995. 
उत्तर:
(अ) सन् 1957

अतिलघु उत्तरात्मक प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
अन्तर्राष्ट्रीय संगठन होने के किसी एक लाभ को उजागर कीजिए।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय संगठन युद्ध और शान्ति के मामलों में मदद करते हैं। 

प्रश्न 2. 
प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र दिवस कब मनाया जाता है? 
उत्तर:'
24 अक्टूबर को। 

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प्रश्न 3. 
किस अन्तर्राष्ट्रीय संस्था के उत्तराधिकारी के रूप में, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई?  
उत्तर:
लीग ऑफ नेशंस। 

प्रश्न 4. 
'यू. एन.' किस संगठन का संक्षिप्त नाम है? 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ का। 

प्रश्न 5. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. आमसभा, 
  2. सुरक्षा परिषद्, 
  3. अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय, 
  4. सचिवालय, 
  5. आर्थिक और सामाजिक परिषद्,
  6. न्यासितो परिषद्।

प्रश्न 6. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के समय कुल कितने सदस्य थे? 
उत्तर:
51 सदस्य। 

प्रश्न 7. 
संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा स्थापित करना।

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प्रश्न 8. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के कुल कितने सदस्य हैं? 
उत्तर:
193 सदस्य। (2011 के अनुसार) 

प्रश्न 9. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में मत देने का अधिकार किसको है? 
उत्तर:
इसके प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को। 

प्रश्न 10. 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की संख्या कितनी है? 
उत्तर:
पाँच। 

प्रश्न 11. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य कौन-कौन से हैं ?
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र के किन्हीं चार प्रमुख सदस्यों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, 
  2. फ्रांस, 
  3. चीन, 
  4. ब्रिटेन। 

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प्रश्न 12. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की किन्हीं दो एजेंसियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, 
  2. विश्व स्वास्थ्य संगठन 

प्रश्न 13. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के वार्षिक बजट में सर्वाधिक योगदान करने वाला देश कौन - सा है? 
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका।

प्रश्न 14. 
विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश कौन - सा है? 
उत्तर:
भारत।

प्रश्न 15. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता हेतु भारत की दावेदारी के पक्ष में कोई दो तर्क दीजिए।
उत्तर:

  1. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है। 
  2. भारत तीव्र गति से अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।

प्रश्न 16. 
भारत की सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता का विरोध करने वाले देशों के द्वारा दिये गये किन्हीं दो तर्कों को लिखिए।
उत्तर:

  1. आलोचक देश भारत के परमाणु हथियारों को लेकर चिंतित हैं। 
  2.  कुछ आलोचक देशों का मत है कि पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों में कठिनाई के कारण भारत स्थायी सदस्य के रूप में। अप्रभावी रहेगा। 

प्रश्न 17. 
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष वैश्विक स्तर की अर्थव्यवस्था की देख - रेख करते हुए माँगे जाने पर अपने सदस्य देशों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है।

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प्रश्न 18. 
विश्व बैंक की औपचारिक स्थापना कब हुई ? इसकी गतिविधियाँ मुख्यतया किन देशों से सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् सन् 1944 में विश्व बैंक की औपचारिक स्थापना हुई। इसकी गतिविधियाँ मुख्यतया विकासशील देशों से सम्बन्धित हैं।

प्रश्न 19. 
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
1 जनवरी, 1995 को। 

प्रश्न 20. 
विश्व व्यापार संगठन का क्या कार्य है? 
उत्तर:
वैश्विक व्यापार के नियमों का निर्धारण करना। 

प्रश्न 21. 
अन्तर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
सन् 1957 में। 

प्रश्न 22. 
एमनेस्टी इण्टरनेशनल क्या है? 
उत्तर:
एमनेस्टी इण्टरनेशल एक स्वयंसेवी संगठन है जो सम्पूर्ण विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाता है।

प्रश्न 23. 
संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे बड़े अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन का नाम लिखिए।
उत्तर:
ह्यूमन राइट वॉच। 

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
“संयुक्त राष्ट्र की स्थापना मानवता को स्वर्ग में पहुँचाने के लिए नहीं अपितु उसे नरक से बचाने के लिए हुई. है।" डेग हैमरशोल्ड के इस कथन का संक्षेप में तात्पर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र के द्वितीय महासचिव डेग हैमरशोल्ड के उक्त कथन का तात्पर्य है कि संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्था का प्रमुख उद्देश्य दुनिया के समस्त लोगों को खराब स्थिति से बचाने हेतु है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की मान्यता है कि इसके माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की दीर्घ समयावधि से चली आ रही समस्याएँ तथा विवाद, युद्ध लड़े बिना वार्ता के द्वारा हल किए जा सकते हैं। इसी तरह यह संगठन भयंकर जानलेवा बीमारियों, जैसे-एड्स तथा बर्ड फ्लू इत्यादि से कारगर तरीके से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग देगा। 

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प्रश्न 2. 
हमें संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
हमें संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि वर्तमान विश्व एक विशाल गाँव अथवा बाजार में परिवर्तित हो गया है और विश्व का प्रत्येक हिस्सा परस्पर आपस में जुड़ा हुआ है। विश्व के समक्ष सुरक्षा, शान्ति, आतंकवाद, तीव्र गति से विकास, पर्यावरण संरक्षण तथा मानवाधिकारों का संरक्षण जैसी विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ वैश्वीकरण एवं उदारीकरण को भी सफल बनाने की चुनौती है। 

प्रश्न 3. 
वैश्विक तापवृद्धि से क्या आशय है?
अथवा 
ग्लोबल वार्मिंग क्या है?
उत्तर:
वैश्विक तापवृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) से आशय कई कारणों से विश्व के तापमान के बढ़ने से है। वैश्विक तापवृद्धि क्लोरो - फ्लोरो - कार्बन कहलाने वाली कुछ गैसों के फैलाव के कारण हो रही है। वैश्विक तापवृद्धि से समुद्र तल की ऊँचाई बढ़ने लगी है जिससे समुद्र तटीय देशों के डूबने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्रश्न 4. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब और क्यों की गयी? वर्तमान में इसके कितने सदस्य हैं?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध (1939 - 45) की भयानक तबाही को देखकर विश्व के सभी भागों में प्रत्येक व्यक्ति यह सोचने लगा कि यदि ऐसा एक और युद्ध हुआ तो सम्पूर्ण विश्व और मानव जाति का सर्वनाश हो जायेगा। अतः अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति स्थापित किये जाने की दिशा में प्रयास किये जाने प्रारम्भ हुए। इसके लिए एक ऐसे संगठन की स्थापना जरूरी थी जिसको विश्व के सभी देश महत्त्व दें। अत: 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी। आरम्भ में इसके 51 राष्ट्र सदस्य थे। 2011 में इसके 193 राष्ट्र सदस्य थे। सन् 2011 में दक्षिणी सूडान 193वाँ सदस्य बना। 

प्रश्न 5. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख उद्देश्यों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य कौन - कौन से हैं? 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकना एवं शान्ति स्थापित करना। 
  2. राष्ट्रों के मध्य सहयोग स्थापित करना। 
  3. समस्त विश्व में सामाजिक - आर्थिक विकास की समानताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों को एक साथ लाना। 
  4. किसी कारणवश विभिन्न देशों के मध्य युद्ध छिड़ने पर शत्रुता के दायरे को सीमित करना। 

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प्रश्न 6. 
संयुक्त राष्ट्र संघ एक अनिवार्य संगठन है। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर की पुष्टि में कोई दो तर्क दीजिए।
उत्तर:
हाँ, हम इस कथन से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ एक अनिवार्य संगठन है। संयुक्त राष्ट्र संघ अग्र कारणों से एक अनिवार्य संगठन है।

  1. संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व में शान्ति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनिवार्य है। सम्पूर्ण विश्व में बढ़ते आतंकवाद एवं भय को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संगठनों की ही आवश्यकता है।
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व के देशों को एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जहाँ अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार - विमर्श होता है।

प्रश्न 7. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से निबटने के लिए कौन - कौन - सी एजेंसियाँ हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ की सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से निबटने के लिए निम्नलिखित एजेंसियाँ हैं।

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), 
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम (UNDP), 
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार आयोग (UNHRC), 
  4. संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी आयोग (UNHCR), 
  5. संयुक्त राष्ट्र संघ बाल आयोग (UNICEF), 
  6. संयुक्त राष्ट्र संघ शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)। 

प्रश्न 8. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा के संगठन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र की महासभा के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
आमसभा (महासभा) संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे बड़ा अंग है। यह एक प्रकार से विश्व की संसद है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देश इसके सदस्य होते हैं। सभी सदस्यों को एक समान मत का अधिकार होता है। आमसभा में लिए जाने वाले प्रमुख निर्णयों के लिए दो - तिहाई एवं अन्य निर्णयों के लिए सामान्य बहुमत की आवश्यकता होती है। इसके निर्णय सभी सदस्यों पर बाध्यकारी नहीं होते। 2011 में इसके सदस्यों की संख्या 193 थी। इसका अन्तिम सदस्य दक्षिणी सूडान है।

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प्रश्न 9. 
संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सचिवालय की स्थापना संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख अंग के रूप में की गयी है। इसमें महासचिव एवं संघ की आवश्यकतानुसार विभिन्न देशों के कर्मचारी होते हैं। सचिवालय का मुखिया महासचिव होता है जिसकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद् की सलाह पर आमसभा द्वारा पाँच वर्षों के लिए की जाती है।

प्रश्न 10. 
संयुक्त राष्ट्र के किन्हीं दो क्षेत्राधिकारों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए। 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र के दो क्षेत्राधिकार निम्नवत् हैं।

  1. अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा को कायम रखना। दो अथवा अधिक देशों के मध्य उत्पन्न सीमा विवाद जो संघर्ष अथवा युद्ध इत्यादि का कारण बने पर विचार - विमर्श करके सम्बन्धित देशों को दिशा निर्देश देना और आवश्यकता पड़ने पर जरूरी कार्यवाही करना।
  2. मानवाधिकारों की गारन्टी देने, उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उनके संरक्षण हेतु सदस्य देशों पर पैनी दृष्टि रखना अथवा अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों के माध्यम से आवश्यकतानुसार जरूरी कदम उठाना। 

प्रश्न 11. 
शीतयुद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र में हुए तीन सुधारों का संक्षिप्त उल्लेख करें। 
उत्तर:
शीतयुद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र में निम्न सुधार लाए गए हैं।

  1. इसके सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ी है। आण्विक ऊर्जा एजेन्सी, साधारण सभा तथा सुरक्षा परिषद् को उत्तरदायी बनाया गया है।
  2. विशिष्ट कार्यों हेतु विशेष आयोग गठित किए गए हैं। उदाहरणार्थ - मानवाधिकार, मादक द्रव्य, टिकाऊ विकास तथा महिलाओं की स्थिति सम्बन्धी आयोग।
  3. विश्वव्यापी आतंकवाद के खिलाफ अनेक प्रस्ताव पारित किए गए हैं। 

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प्रश्न 12. 
1991 के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ के काम - काज में क्या बदलाव आये? बताइए। 
उत्तर:
1991 के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ में निम्न बदलाव आये।

  1. सोवियत संघ बिखर गया। 
  2. रूस और अमेरिका के बीच अब सम्बन्ध कहीं ज्यादा सहयोगात्मक हैं। 
  3. चीन बड़ी तेजी से महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, भारत भी इस दिशा में अग्रसर है। 
  4. एशिया की अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित दर से तरक्की कर रही है। 
  5. अनेक नये देश संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुए। 
  6. विश्व के सामने चुनौतियों की एक नई कड़ी मौजूद है।

प्रश्न 13. 
सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में स्वीकृत प्रस्ताव में कौन - कौन सी शिकायतों का जिक्र था?
अथवा 
सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ था। वह प्रस्ताव क्या था? 
उत्तर:
सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में स्वीकृत प्रस्ताव में निम्नलिखित तीन शिकायतों का जिक्र था।

  1. सुरक्षा परिषद् अब राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
  2. सुरक्षा परिषद् के फैसले पर पश्चिमी मूल्यों और हितों की छाप होती है और इन फैसलों पर कुछ ही देशों का वर्चस्व होता है।
  3. सुरक्षा परिषद् में विभिन्न देशों को बराबरी का प्रतिनिधित्व प्राप्त नहीं है।

प्रश्न 14. 
सुरक्षा परिषद् की स्थायी एवं अस्थायी सदस्यता के लिए कौन-कौन से मानदण्ड सुझाये गये हैं? किन्हीं चार का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा 
सुरक्षा परिषद् के लिए चार आवश्यक मानदण्ड बताइए जो उसकी सदस्यता के लिए आवश्यक हैं।
अथवा 
सुरक्षा परिषद के स्थायी व अस्थायी सदस्यों के लिए सझाये गये कोई चार मानदण्ड बताइए।
अथवा
गत वर्षों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए स्थायी और अस्थायी सदस्यों के लिए प्रस्तावित किन्हीं चार मापदण्डों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक नये सदस्य देश के लिए सुरक्षा परिषद् की स्थायी एवं अस्थायी सदस्यता हेतु निम्नलिखित मानदण्ड सुझाये गये।

  1. एक नये सदस्य को बड़ी आर्थिक शक्ति होना चाहिए। 
  2. बड़ी सैन्य शक्ति होना चाहिए। 
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में ऐसे देश का योगदान अधिक होना चाहिए। 
  4. जनसंख्या की दृष्टि से एक बड़ा राष्ट्र होना चाहिए। 

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प्रश्न 15. 
सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थायी सदस्यों को ही वीटो का अधिकार क्यों दिया गया है?
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार इसलिए दिया गया कि जिस समय संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई तब ये देश द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता थे और इस मामले में इनकी सहमति सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण थी। संयुक्त राष्ट्र के शिल्पियों के मन-मस्तिष्क में यह डर समाया हुआ था कि यदि इन देशों को कुछ विशेषाधिकार प्रदत्त नहीं किए जायेंगे तो ये विश्व की समस्याओं में अधिक रुचि नहीं लेंगे। 

प्रश्न 16. 
सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों को प्राप्त निषेधाधिकार शक्ति से क्या अभिप्राय है?
अथवा 
वीटो पावर क्या है ? संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
निषेधाधिकार या वीटो पावर सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्यों संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस को प्राप्त महत्त्वपूर्ण शक्ति है। निषेधाधिकार का अर्थ है कि यदि पाँच सदस्यों में से कोई भी एक सदस्य संयुक्त राष्ट संघ की सुरक्षा परिषद् में रखे गये प्रस्ताव के विरोध में वोट डाल दे तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होगा। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद् का यदि कोई स्थायी सदस्य अनुपस्थित रहता है तो उसे निषेधाधिकार का प्रयोग नहीं माना जायेगा।

प्रश्न 17. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन एवं प्रक्रिया में सुधार हेतु कोई दो सुझाव दीजिए। 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन एवं प्रक्रिया में सुधार हेतु दो सुझाव निम्नलिखित हैं।

  1. निषेधाधिकार (वीटो पावर) को समाप्त अथवा सीमित करना: संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित एवं लोकतान्त्रिक बनाने के लिए निषेधाधिकार (वीटो पावर) की शक्ति को समाप्त कर देना चाहिए अथवा उसे सीमित कर देना चाहिए।
  2. समान सदस्यता प्रदान करना: सुरक्षा परिषद् में अस्थायी सदस्यों के निर्वाचन पर रोक लगाकर सभी सदस्य देशों को समान स्तर की सदस्यता प्रदान की जानी चाहिए।

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प्रश्न 18. 
शीतयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यायाधिकार में आने वाले मुद्दों पर क्या मतभेद हैं?
उत्त:
शीतयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यायाधिकार में आने वाले मुद्दों पर कुछ देश और विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह संगठन शान्ति और सुरक्षा से जुड़े मिशनों में अधिक प्रभावकारी भूमिका निभाए जबकि अन्य की इच्छा है कि यह संगठन अपने को विकास एवं मानवीय भलाई के कार्यों; जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, जनसंख्या की वृद्धि, लिंगगत न्याय, सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार तक सीमित रखे।

प्रश्न 19. 
भारत, सुरक्षा परिषद् के अस्थायी एवं स्थायी दोनों ही तरह के सदस्यों की संख्या में वृद्धि का समर्थक क्यों है?
उत्तर:
भारत, सुरक्षा परिषद् के अस्थायी एवं स्थायी दोनों ही तरह के सदस्यों की संख्या में वृद्धि का निम्न कारणों से समर्थक।

  1. पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा परिषद् की गतिविधियों का दायरा बढ़ा है।
  2. सुरक्षा परिषद् की कार्यप्रणाली की सफलता विश्व समुदाय के समर्थन पर निर्भर करती है। इस कारण
  3. सुरक्षपरिषद् के पुनर्गठन की कोई योजना व्यापक धरातल पर निर्मित होनी चाहिए। उदाहरण के लिए सुरक्षा परिषद् में वर्तमान की अपेक्षा अधिक विकासशील देश सम्मिलित किये जाने चाहिए।

प्रश्न 20. 
भारत के सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के दावे के समर्थन में कोई दो तर्क दीजिए। 
उत्तर:
भारत के सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता के दावे के समर्थन में दो तर्क निम्नलिखित हैं।

  1. भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का 1/5वाँ भाग निवास करता है।
  2. भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के शान्ति स्थापित करने के प्रयासों में एक लम्बे समय से प्रभावशाली भूमिका निभाता आ रहा है। 

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प्रश्न 21. 
संयुक्त राष्ट्र परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रश्न पर कई देशों को ऐतराज क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रश्न पर कई देशों को निम्नलिखित मतों के कारण ऐतराज

  1. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध समस्या युक्त हैं। 
  2. भारत के पास परमाणु हथियार हैं। 
  3. पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों में कठिनाई के कारण भारत स्थायी सदस्य के रूप में प्रभावी नहीं होगा।
  4. ब्राजील, जर्मनी, जापान तथा संभवतः दक्षिण अफ्रीका जैसी उभरती हुई ताकतों को भी शामिल करना पड़ेगा जिसका ये देश विरोध करते हैं।
  5. यदि सुरक्षा परिषद् में किसी तरह का विस्तार होता है तो अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका को अवश्य प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए क्योंकि इन महादेशों की मौजूदा सुरक्षा परिषद् में नुमाइंदगी नहीं है।

प्रश्न 22. 
अन्तर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी क्या है?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी की स्थापना सन् 1957 में हुई। यह संगठन परमाण्विक ऊर्जा के शान्तिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने एवं सैन्य उद्देश्यों में इसके उपयोग को रोकने के प्रयास करता है। इस संगठन के अधिकारी नियमित रूप से विश्व की परमाण्विक सुविधाओं की जाँच करते हैं ताकि नागरिक परमाणु संयन्त्रों का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए न हो।

प्रश्न 23. 
एमनेस्टी इण्टरनेशनल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
एमनेस्टी इण्टरनेशनल एक स्वयंसेवी संगठन है जो सम्पूर्ण विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाता है। यह संगठन मानवाधिकारों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित करता है। ये रिपोर्ट मानवाधिकारों से सम्बन्धित अनुसन्धानों में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती है।

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प्रश्न 24. 
ह्यूमन राइट वॉच के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
ह्यूमन राइट वॉच मानवाधिकारों की वकालत एवं उनसे सम्बन्धित अनुसन्धान करने वाला एक अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे बड़ा अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है। यह समस्त विश्व की मीडिया का ध्यान मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर खींचता है। 

लघु कतरात्मक प्रश्न (SA2): 

प्रश्न 1. 
हमें अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता क्यों है?
अथवा 
अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
हमें निम्नलिखित कारणों से अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता पड़ती है।
(i) अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के शान्तिपूर्ण समाधान के लिए: दो या दो से अधिक देशों के मध्य उपजे हुए विवाद का शान्तिपूर्ण समाधान बातचीत द्वारा ही हो सकता है। बातचीत के माध्यम से ऐसे विवादों को बिना युद्ध के हल करने की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। ऐसे संगठनों, समस्याओं के शान्तिपूर्ण समाधान में सदस्य देशों की सहायता करते हैं।

(ii) चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान में विभिन्न देशों को मिलकर कार्य करने में सहायता करना: अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ऐसी चुनौतीपूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक होते हैं जिनसे निपटने के लिए विभिन्न देशों को मिलकर सहयोग करना आवश्यक होता है।

(iii) सहयोग करने के उपाय एवं सूचनाएँ जुटाने में सहायता करना: एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन नियमों एवं नौकरशाही की एक रूपरेखा दे सकता है ताकि सदस्यों को यह विश्वास हो कि आने वाली लागत में सभी की समुचित साझेदारी होगी, लाभ का बँटवारा न्यायोचित होगा और कोई सदस्य उस समझौते में सम्मिलित हो जाता है तो वह इस समझौते के नियम एवं शर्तों का पालन करेगा। 

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प्रश्न 2. 
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा 
विश्व की अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भूमिका को संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
शीतयुद्ध के पश्चात् विश्व की अर्थव्यवस्था के सन्दर्भ में कुछ संगठनों ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया जिनमें एक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना ब्रेटनवुड्स समझौते के तहत सन् 1945 में हुई थी। इसका पूरा नाम अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण व विकास बैंक है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है।

यह संगठन वैश्विक स्तर की वित्त व्यवस्था की देखरेख करता है तथा माँगे जाने पर वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराता है। वैश्विक स्तर की वित्त व्यवस्था का आशय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली वित्तीय संस्थाओं व लागू होने वाले नियमों से है। 2016 में अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के 189 देश सदस्य थे। लेकिन इसके प्रत्येक सदस्य देश की राय का समान मत नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, चीन, भारत व रूस (10 देश) के पास इसके लगभग 55 प्रतिशत मत हैं। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 16.52 प्रतिशत मत हैं।

प्रश्न 3. 
शीतयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ की बनावट व प्रक्रियाओं में सुधार के अन्तर्गत बहस के सबसे बड़े बिन्दु के बारे में बताइए।
उत्तर:
शीतयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ की बनावट व प्रक्रियाओं में सुधार के अन्तर्गत बहस का सबसे बड़ा बिन्दु सुरक्षा परिषद् के कामकाज को लेकर है। इससे जुड़ी हुई माँग यह है कि सुरक्षा परिषद् में स्थायी एवं अस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए ताकि समकालीन विश्व राजनीति की वास्तविकताओं का इस संगठन में अच्छा प्रतिनिधित्व हो सके। विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के अधिकांश देशों को सुरक्षा परिषद् में सदस्यता देने की बात उठ रही है। इसके अतिरिक्त संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ पश्चिमी देश संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट से जुड़ी प्रक्रियाओं और इसके प्रशासन में सुधार चाहते हैं। 

प्रश्न 4. 
सन् 1991 के पश्चात् वैश्विक व्यवस्था में कौन - कौन से प्रमुख परिवर्तन आये हैं?
अथवा 
सन् 1991 के पश्चात् विश्व की राजनीति और आर्थिक स्थितियों में क्या परिवर्तन आये हैं? 
उत्तर:
सन् 1991 के पश्चात् वैश्विक राजनीति और आर्थिक स्थितियों में अग्रलिखित परिवर्तन आये हैं।

  1. 25 दिसम्बर, 1991 को शीतयुद्ध के काल की दो महाशक्तियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सोवियत संघ में से एक महाशक्ति सोवियत संघ का विघटन हो गया।
  2. सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् विश्व एक - ध्रुवीय हो गया है जिसमें सबसे ताकतवर देश संयुक्त राज्य अमेरिका है।
  3. वर्तमान में सोवियत संघ का उत्तराधिकारी राज्य रूस एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य कहीं अधिक सहयोगात्मक सम्बन्ध हैं।
  4. चीन बड़ी तीव्र गति से एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। 
  5. भारत भी तीव्र गति से एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। 
  6. एशिया की अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित दर से उन्नति कर रही है। 
  7. पूर्वी सोवियत संघ के विघटन से नये बने राष्ट्र एवं पूर्वी यूरोप के पूर्व साम्यवादी देश संयुक्त राष्ट्र संघ में सम्मिलित हो गये हैं। 
  8. वर्तमान विश्व के समक्ष अनेक चुनौतियाँ विद्यमान हैं जिनमें जनसंहार, गृहयुद्ध, जातीय संघर्ष, आतंकवाद, परमाण्विक प्रसार, महामारी, जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण की हानि आदि प्रमुख हैं।

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प्रश्न 5. 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों के नाम बताइये तथा उनकी कार्य - प्रणाली की कमियाँ बताइए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य:

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका 
  2. फ्रांस, 
  3. ब्रिटेन 
  4. रूस 
  5. चीन।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली की कमियाँ-सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में एक प्रस्ताव स्वीकृत कर निम्नलिखित कमियाँ बतायी गयीं।

  1.  वर्तमान समय में सुरक्षा परिषद राजनीतिक वास्तविकताओं की नुमाइंदगी नहीं करती। 
  2. सुरक्षा परिषद के फैसलों पर पश्चिमी मूल्यों एवं हितों की छाप होती है। इसमें कुछ देशों के दबाव में रहकर फैसले लिए जाते हैं।
  3. सुरक्षा परिषद में बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं है। केवल पाँच देशों को ही वीटो का अधिकार दे रखा है। शेष विश्व के देशों की बातों को सुरक्षा परिषद में कोई महत्व नहीं दिया गया है। समस्त फैसलों पर केवल पाँच देशों का ही प्रभाव रहता है।

प्रश्न 6. 
सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्यों के विशेषाधिकार को क्यों समाप्त नहीं किया जा सकता है?
उत्तर:
विश्व में स्थिरता बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणापत्र के अनुरूप उसके पाँचों स्थायी सदस्यों को विशेषाधिकार अर्थात् वीटो शक्ति प्रदत्त करना उनकी सदस्यता को स्थायी बनाए रखने के लिए परमावश्यक है। दुनिया में ये देश परमाणु हथियारों से सम्पन्न बड़ी शक्तियाँ हैं। हालांकि शीतयुद्ध का अन्त हो चुका है, लेकिन अभी भी समाजवादी विचारधारा अथवा साम्यवाद समाप्त नहीं हुआ है। यह तथ्य भी विश्वशान्ति, उदारवाद, वैश्वीकरण, व्यक्तिगत राजनीतिक स्वतन्त्रताओं तथा सम्पत्ति के अधिकार इत्यादि हेतु भयंकर खतरा बन सकता है। दुनिया अभी भी इतने विशाल स्तर पर परिवर्तनों के लिए तैयार नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी 193 सदस्यों को समानता का स्तर प्रदान कर दिया जाए।

इस तथ्य को भी नजर अन्दाज नहीं किया जा सकता कि वीटो पॉवर को समाप्त किए जाने की परिस्थिति में इन शक्तिशाली देशों की रुचि संयुक्त राष्ट्र संघ में नहीं रहेगी। संयुक्त राष्ट्र से अलग होकर ये राष्ट्र अपनी इच्छानुसार कार्य करेंगे तथा इनके जुड़ाव अथवा समर्थन के अभाव में यह संगठन प्रभावहीन हो जाएगा। ऐसी परिस्थिति में विश्व सुरक्षा एवं अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति तथा विकास को अपार क्षति उठानी पड़ेगी। 

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प्रश्न 7. 
विश्व बैंक के प्रमुख कार्यों को संक्षेप में बताइए।
अथवा 
विश्व बैंक की स्थापना एवं कार्यों के बारे में बताइए। 
उत्तर:
विश्व बैंक की स्थापना-द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् सन् 1944 में विश्व बैंक की औपचारिक स्थापना हुई। विश्व बैंक के कार्य-विश्व बैंक की गतिविधियाँ मुख्य रूप से विकासशील देशों से सम्बन्धित हैं, जो निम्नलिखित हैं

  1. विश्व बैंक मानवीय विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य), कृषि एवं ग्रामीण विकास (सिंचाई, ग्रामीण सेवाएँ), आधारभूत ढाँचा (सड़क, विद्युत, शहरी विकास), पर्यावरण सुरक्षा (प्रदूषण में कमी, नियमों का निर्माण व उन्हें लागू करना) एवं सुशासन (कदाचार का विरोध, विधिक संस्थाओं का विकास) के लिए कार्य करता है।
  2. यह अपने सदस्य देशों को आसान शर्तों पर ऋण देता है। 
  3. यह अपने सदस्य देशों को अनुदान प्रदान करता है, अधिक निर्धन देशों को यह अनुदान वापस नहीं चुकाना पड़ता है।

इस प्रकार विश्व बैंक समकालीन वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। यह निर्धन देशों के विकास में अनुदान व ऋण आदि के माध्यम से पर्याप्त सहायता प्रदान कर रहा है। 

प्रश्न 8. 
संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए हाल ही में क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर:
सन् 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ की 70वीं वर्षगाँठ पर इसको अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं।

  1. शान्ति संस्थापक आयोग के गठन पर संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देशों ने सहमति व्यक्त की।
  2. यदि कोई राष्ट्र अपने नागरिकों को अत्याचारों से बचाने में असफल रहता है तो विश्व समुदाय उसका उत्तरदायित्व ग्रहण करेगा।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य राष्ट्रों ने सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स) को प्राप्त करने पर सहमति प्रदान की।
  4. मानवाधिकार सम्बन्धी दशाओं में और सुधार करने पर बल दिया गया।
  5. सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा प्रत्येक प्रकार के आतंकवाद की निन्दा की एवं इसकी समाप्ति हेतु कठोर कदम उठाये जाने पर . बल दिया।
  6. एक लोकतन्त्र कोष का गठन करने का भी निर्णय किया गया। 

प्रश्न 9. 
संयुक्त राष्ट्र संघ को सशक्त बनाने हेतु क्या कदम उठाए जाने चाहिए ? सुझाव दीजिए।
अथवा 
बदलते हुए परिवेश में संयुक्त राष्ट्र को अधिक प्रासंगिक बनाने हेतु सुझाव दीजिए। 
उत्तर:
बदलते हुए परिवेश में संयुक्त राष्ट्र को अधिक प्रासंगिक तथा सशक्त बनाने हेतु उसमें सुधारों की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए निम्न सुधारात्मक कदम उठाए जाने जरूरी हैं।

  1. विश्व के जो देश अभी तक संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं, उन्हें सदस्यता हेतु सहमत किया जाना चाहिए। 
  2. समस्त सदस्यों को एक मत देने की शक्ति होनी चाहिए तथा वह व्यक्तिगत रूप से गुप्त मतदान के रूप में प्रयुक्त किया जाना चाहिए। सभी निर्णय अर्थात् फैसले महासभा द्वारा बहुमतं के आधार पर लिए जाने चाहिए।
  3. सुरक्षा परिषद् में पाँच के स्थान पर पन्द्रह स्थायी सदस्य हों तथा वीटो का अधिकार समाप्त कर दिया जाए।
  4. परिवर्तित विश्व में भारत, जापान, जर्मनी, कनाडा, ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका को स्थायी सदस्यता प्रदान की जानी चाहिए।
  5. पर्यावरण, जनसंख्या तथा आतंकवाद जैसी समस्याओं और परमाणु हथियारों को नष्ट करने में भी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को पूर्ण सहयोग करना चाहिए।
  6. सुरक्षा परिषद् में अस्थायी सदस्यों की संख्या में भी वृद्धि की जानी चाहिए। 
  7. संयुक्त राष्ट्र संघ के कोष में अभिवृद्धि की जानी चाहिए जिससे वह विकास एवं वृद्धि के और अधिकाधिक कार्यक्रमों को संचालित कर सके। 

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प्रश्न 10. 
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई? इसके बारे में संक्षेप में बताइए।
अथवा 
विश्व व्यापार संगठन के विषय में आप क्या जानते हैं?
अथवा 
डब्ल्यूटीओ (WTO) का विस्तृत रूप क्या है? इसकी स्थापना कब हुई थी? यह किस प्रकार अपना कार्य करता।
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना-विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू. टी. ओ.WTO) की स्थापना जेनरल एग्रीमेण्ट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ के उत्तराधिकारी के रूप में 1 जनवरी, 1995 को हुई थी। कार्य - विश्व व्यापार संगठन एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का संगठन है। यह वैश्विक व्यापार के नियमों को निश्चित करने का कार्य करता है।

इस संगठन के सदस्य देशों की संख्या 164 (29 जुलाई, 2016 की स्थिति) है। इसके अन्तर्गत होने वाले फैसले समस्त सदस्यों की आपसी सहमति से लिए जाते हैं। लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ व जापान जैसी बड़ी आर्थिक शक्तियों ने विश्व व्यापार संगठन के नियमों को इस तरह बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है जिससे इनके हित सधते हों। इस संगठन के अधिकांश विकासशील देशों को यह शिकायत रहती है कि इस संगठन की कार्यविधि पारदर्शी नहीं है और बड़ी आर्थिक शक्तियों को अधिक महत्व प्रदान किया जाता है अर्थात् यह संगठन बड़ी शक्तियों के प्रभाव में कार्य करता है। 

प्रश्न 11. 
एकध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
एकधुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की क्या भूमिका है? व्याख्या कीजिए। 
उत्तर:
सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् विश्व एकध्रुवीय हो गया। इस एकध्रुवीय विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका ही सबसे ताकतवर देश है। इस स्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है:

  1. संयुक्त राष्ट्र संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं शेष विश्व के मध्य विभिन्न मुद्दों पर बातचीत कायम कर सकता है। कई बार यह संगठन इस कार्य को कर भी चुका है।
  2. झगड़ों एवं सामाजिक - आर्थिक विकास के मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से इसके सदस्य राष्ट्रों को एक साथ किया जा सकता है।
  3. शेष विश्व संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका के रवैये एवं नीतियों पर सीमित मात्रा में अंकुश लगा सकता है।
  4. वर्तमान विश्व में विभिन्न समाजों एवं मुद्दों के मध्य आपसी तार जुड़ते जा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में पारस्परिक निर्भरता बढ़ेगी। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ का महत्व भी निरन्तर बढ़ेगा।

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प्रश्न 12. 
संयुक्त राष्ट्र संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका की मनमानी पर आसानी से अंकुश क्यों नहीं लगा सकता है। स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
"अमेरिका की ताकत पर आसानी से अंकुश नहीं लगाया जा सकता है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी प्रभुत्व के विरुद्ध सन्तुलन बनाए रखने में असफल क्यों है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका की मनमानी पर निम्नलिखित कारणों से अंकुश नहीं लगा सकता है।

  1. सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् वर्तमान विश्व एकध्रुवीय हो गया है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका ही एकमात्र विश्वशक्ति रह गयी है। यह अपनी सैन्य व आर्थिक शक्ति के बल पर संयुक्त राष्ट्र संघ की अनदेखी कर सकता है।
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिका का बहुत अधिक प्रभाव है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सबसे अधिक योगदान देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका अकेले ही संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में 22 प्रतिशत का योगदान देता है।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी भू-क्षेत्र में स्थित है। संयुक्त राष्ट्र संघ के कई नौकरशाह इसके नागरिक हैं।
  4. संयुक्त राज्य अमेरिका के पास निषेधाधिकार (वीटो पॉवर) की शक्ति है। यदि अमेरिका को यह लगता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्तुत कोई प्रस्ताव उसके अथवा उसके मित्र राष्ट्रों के हितों के अनुकूल नहीं है अथवा उसे कोई प्रस्ताव ठीक नहीं लगे तो वह उसे अपने वीटो पॉवर से रोक सकता है।
  5. अपनी शक्ति एवं निषेधाधिकार के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के चयन में संयुक्त राज्य अमेरिका की बात को बहुत महत्व दिया जाता है।
  6. संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी शक्ति के बल पर शेष विश्व में फूट डालने की क्षमता रखता है। इसने अपनी वैश्विक नीतियों का विरोध कम करने के लिए राष्ट्रों के मध्य फूट डालने का कार्य कई बार किया है।
     

निबन्धात्मक प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
संयुक्त राष्ट्र का विकास क्रम, स्थापना तथा उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा
द्वितीय विश्वयुद्ध काल में संयुक्त राष्ट्र संघ के विकास क्रम का विस्तार से वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ का विकास क्रम एवं स्थापना।
1. राष्ट्र संघ की असफलता: प्रथम विश्व युद्ध ने सम्पूर्ण विश्व को इस बात के लिए सचेत किया कि अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों के समाधान के लिए एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के निर्माण का प्रयास आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्र संघ (लीग ऑफ नेशंस) का जन्म हुआ, लेकिन प्रारम्भिक सफलताओं के बावजूद यह संगठन द्वितीय विश्वयुद्ध को रोकने में सफल नहीं हो पाया। प्रथम विश्वयुद्ध की तुलना में द्वितीय विश्वयुद्ध में जन-धन की बहुत हानि हुई।

2. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के प्रयास:
(i) अटलांटिक चार्टर (अगस्त 1941): द्वितीय विश्वयुद्ध काल के दौरान वैश्विक शान्ति की स्थापना हेतु एक नयी विश्व संस्था की स्थापना की दिशा में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट एवं ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री चर्चिल ने विश्वशान्ति के आधारभूत सिद्धान्तों की व्यवस्था की। इस पर दोनों देशों के नेताओं ने अगस्त 1941 में हस्ताक्षर किये जिसे अटलांटिक चार्टर के नाम से जाना जाता है।

(ii) संयुक्त राष्ट्र घोषणा-पत्र (जनवरी 1942): धुरी शक्तियों के विरुद्ध लड़ रहे 26 मित्र राष्ट्र अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट एवं ब्रितानी प्रधानमन्त्री चर्चिल द्वारा हस्ताक्षरित किए गए। ये नेता अटलांटिक चार्टर के समर्थन में जनवरी 1942 में वाशिंगटन (संयुक्त राज्य - अमेरिका) में मिले और दिसम्बर, 1943 में संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा पर हस्ताक्षर किये।

(iii) याल्टा सम्मेलन (फरवरी 1945): विश्व के तीन बड़े नेताओं-अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट, ब्रितानी प्रधानमन्त्री चर्चिल एवं सोवियत राष्ट्रपति स्टालिन ने फरवरी 1945 में याल्टा सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन, प्रकृति व उसकी सदस्यता पर चर्चा की गयी। इस सम्मेलन में ही प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में विचार करने के लिए एक सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया।

(iv) सेन फ्रांसिस्को सम्मेलन (अप्रैल - मई 1945): अप्रैल - मई 1945 के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र संघ का अन्तर्राष्ट्रीय संगठन बनाने के मुद्दे पर केन्द्रित सम्मेलन हुआ। यह सम्मेलन दो महीने तक चला। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर तैयार किया गया।

(v) संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर पर हस्ताक्षर (जून 1945): सेन फ्रांसिस्को सम्मेलन के दौरान तैयार किए गए संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर पर 26 जून, 1945 को 50 देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए। पोलैण्ड ने इस चार्टर पर 15 अक्टूबर, 1945 को हस्ताक्षर किए। इस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ के 51 मूल संस्थापक सदस्य हैं।

3. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना: 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी। तभी से प्रतिवर्ष 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना के पश्चात् राष्ट्र संघ के अस्तित्व को समाप्त कर दिया गया। भारत 30 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ में सम्मिलित हो गया। 2011 में इसकी सदस्य संख्या 193 थी। इसका अन्तिम सदस्य - दक्षिणी सूडान है जो 2011 में सदस्य बना था।

संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य: संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकना एवं शान्ति स्थापित करना। 
  2. राष्ट्रों के मध्य सहयोग स्थापित करना। 
  3. समस्त विश्व में सामाजिक-आर्थिक विकास की सम्भावनाओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों को एक साथ लाना।
  4. किसी कारणवश विभिन्न देशों के मध्य युद्ध छिड़ने की स्थिति में शत्रुता के दायरे को सीमित करना।

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प्रश्न 2. 
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंगों का उल्लेख करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय योगदान को विस्तारपूर्वक लिखिए।
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों का उल्लेख कीजिए और उनमें से किन्हीं दो के कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
संयुक्त राष्ट्र के किन्हीं चार अंगों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंग संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंग निम्नवत् हैं:
(1) आमसभा: यह संयुक्त राष्ट्र संघ की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रत्येक राष्ट्र सदस्य होता है। प्रतिवर्ष इसका एक अधिवेशन होता है। आवश्यक होने पर विशेष अधिवेशन भी हो सकते हैं। नए सदस्यों को सदस्यता देना, सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्यों का चयन, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की नियुक्ति तथा बजट पारित करना इत्यादि इसके प्रमुख कार्य हैं। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों की संख्या 193 है।

(2) सुरक्षा परिषद्इ: से संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यकारिणी कहा जा सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैण्ड), फ्रांस, रूस तथा चीन इसके स्थायी सदस्य हैं। इसके अलावा इसमें 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जिनका निर्वाचन मंहासभा प्रति दो वर्ष बाद करती है, इसका प्रमुख कार्य विश्व में शान्ति की स्थापना करके उसे बनाए रखना है।

(3) आर्थिक और सामाजिक परिषद्इ: सका गठन महासभा द्वारा निर्वाचित सदस्यों से होता है। यह विश्व में सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण के कार्य करती है।

(4) न्यासिता परिषद्य: ह परिषद् उन देशों के प्रबन्धन की देखभाल के लिए गठित की गई थी, जिन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् औपनिवेशिक देशों से मुक्ति मिली थी, लेकिन जो स्वयं अपना शासन चलाने में सक्षम नहीं थे।

(5) अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय: संयुक्त राष्ट्र संघ का यह अंग विश्व के देशों के बीच के विवादों का निर्णय अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार करता है। इसके न्यायाधीशों की नियुक्ति महासभा द्वारा की जाती है। इसका मुख्यालय हेग में है।

(6) सचिवालय: सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ के विविध अंगों तथा उसके स्वयं के कार्यालय के रूप में कार्य करता है। महासचिव कार्यालय का सर्वोच्च पदाधिकारी होता है तथा उसका चयन सुरक्षा परिषद् की अनुशंसा पर आमसभा द्वारा किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का योगदान

भारत संयुक्त राष्ट्र का प्रबल समर्थक है, अतः वह उसमें पूर्ण आस्था रखता है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के योगदान अथवा भूमिका को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है:
(1) संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेशों का परिपालन: भारत 30 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना था। उसने प्रारम्भ से ही संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेशों का परिपालन किया है। उदाहरणार्थ - 1948, 1965 तथा 1971 में संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेश पर भारत ने युद्ध विराम किया था।

(2) अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान तथा विश्व शान्ति की स्थापना में सहायता: भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर अनेक अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में निर्णायक भूमिका का निर्वहन किया है। उदाहरणार्थ-कोरिया, हिन्द-चीन, कांगो तथा मिस्र इत्यादि देशों की समस्या को हल करने में भारत का योगदान दुनिया से छिपा हुआ नहीं है।

(3) संयुक्त राष्ट्र संघ के संगठन में सहयोग: भारत ने शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यप्रणाली तथा उसके संगठन में सहभागिता की है।

(4) संयुक्त राष्ट्र संघ को विश्वव्यापी संगठन बनाने का प्रयास: भारत ने सदैव यह प्रयास किये हैं कि विश्व के सभी देश संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य बनें। भारत चाहता है कि यह संगठन विश्वव्यापी बने जिससे यह दुनिया में शान्ति स्थापित करने में प्रभावी भूमिका का निर्वहन कर सके। एक समय था जब संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत रूस अन्य देशों को संघ का सदस्य बनने में रुकावट पैदा कर रहे थे।

लेकिन भारत में दोनों देशों को सहमत करके 18 नए देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता दिलाई जिसमें जनवादी चीन भी सम्मिलित था। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्य संख्या 193 हो गई है तथा इसमें भारत का निश्चित रूप से महत्वपूर्ण योगदान है।

(5) साम्राज्यवाद एवं उपनिवेशवाद का विरोध: भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में उपनिवेशवाद तथा साम्राज्यवाद का तीव्र विरोध किया है। जिन राष्ट्रों ने अपने आपको साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने हेतु संघर्ष किया, उनका भारत ने पुरजोर समर्थन किया है।

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प्रश्न 3. 
शीतयुद्ध की समाप्ति के पश्चात् संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने किस तरह के बुनियादी सुधारों का मुद्दा है? विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नए स्थायी और अस्थायी सदस्यों के लिए मानदण्ड के रूप में प्रस्तावित छः सुधारों का परीक्षण कीजिए।
अथवा 
1992 में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में स्वीकृत प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से सम्बन्धित कौन-सी तीन शिकायतों का जिक्र किया गया था? सुरक्षा परिषद् की नई स्थायी सदस्यता के लिए प्रस्तावित किन्हीं तीन मानदण्डों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बदलते परिवेश में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी भी संगठन में सुधार और विकास किया जाना जरूरी होता है। संयुक्त राष्ट्र संघ भी इसका अपवाद नहीं है। पिछले कुछ वर्षों से संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधारों की माँग उठी है, लेकिन सदस्य राष्ट्रों के मध्य सुधारों की प्रकृति के बारे में कोई स्पष्ट राय और सहमति नहीं बन पायी है। संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने दो तरह के बुनियादी सुधारों का मुद्दा है।

  1. संगठन की बनावट व प्रक्रियाओं में सुधार, 
  2. न्यायाधिकार में आने वाले मुद्दों की समीक्षा सम्बन्धी सुधार 

1. संगठन की बनावट व प्रक्रियाओं में सुधार-संयुक्त राष्ट्र संघ की बनावट और प्रक्रियाओं में सुधार के अन्तर्गत सबसे बड़ी बहस सुरक्षा परिषद् के क्रियाकलाप को लेकर है। इससे जुड़ी हुई एक माँग यह है कि
(i) सुरक्षा परिषद् में स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ायी जाए ताकि समकालीन विश्व राजनीति की वास्तविकताओं का इस संगठन में उचित प्रतिनिधित्व हो सके। इस संगठन में एशिया, अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका के अधिक देशों को सदस्यता दिये जाने की माँग लगातार उठ रही है।

सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें तीन मुख्य शिकायतों का जिक्र था।

  1. सुरक्षा परिषद् अब राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती। 
  2. इसके फैसलों पर पश्चिमी मूल्यों एवं हितों की छाप होती है। 
  3. सुरक्षा परिषद् में सदस्य राष्ट्रों को समान प्रतिनिधित्व प्राप्त नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे में बदलाव की इन बढ़ती हुई माँगों के कारण जनवरी, 1997 में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्कालीन महासचिव कोफी ए. अन्नान ने जाँच करवायी कि सुधार कैसे कराए जाएँ। इसके पश्चात् के वर्षों में सुरक्षा परिषद् में सदस्यों की संख्या बढ़ाने एवं नये सदस्यों को चुने जाने के लिए स्थायी और अस्थायी सदस्यता के लिए निम्नलिखित मानदण्ड सुझाए गए।

  1. वह देश बड़ी आर्थिक शक्ति हो। 
  2. वह देश बड़ी सैन्य ताकत हो। 
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में ऐसे देश का योगदान सर्वाधिक हो। 
  4.  जनसंख्या की दृष्टि से विशाल राष्ट्र हो। 
  5. लोकतन्त्र तथा मानवाधिकारों का सम्मान करता हो। 
  6. अपने भूगोल, अर्थव्यवस्था और संस्कृति की दृष्टि से विश्व की विविधता का प्रतिनिधित्व करता हो।

सदस्यता की प्रकृति को बदलने का भी मुद्दा उठाया गया है कि पाँच स्थायी सदस्यों-संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस को दिया गया निषेधाधिकार (वीटो पॉवर) समाप्त किया जाना चाहिए या नहीं। इस सम्बन्ध में भी एक राय नहीं बन पायी है।

2. न्यायाधिकार में आने वाले मुद्दों की समीक्षा सम्बन्धी सुधार-जहाँ तक संयुक्त राष्ट्र संघ में किन्हीं मुद्दों को अधिक प्राथमिकता देने अथवा उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ के न्यायाधिकार में लाने के सम्बन्ध में कुछ देश चाहते हैं कि यह संगठन शान्ति एवं सुरक्षा से जुड़े मिशनों में अधिक प्रभावकारी भूमिका निभाए, जबकि कुछ देश व विशेषज्ञ चाहते हैं कि यह संगठन अपने को विकास
 
एवं मानवीय भलाई के कार्यों (स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, जनसंख्या नियन्त्रण, मानवाधिकार, लिंगगत न्याय व सामाजिक न्याय) तक सीमित रखे। सन् 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ की 70वीं वर्षगाँठ के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने का फैसला किया गया।

  1. शान्ति संस्थापक आयोग का गठन। 
  2. यदि कोई राष्ट्र अपने नागरिकों को अत्याचारों से बचाने में असफल हो जाए तो विश्व समुदाय इसका उत्तरदायित्व ग्रहण
  3. करे।
  4. सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को प्राप्त करने पर सहमति। 
  5. प्रत्येक प्रकार के आतंकवाद की आलोचना। 
  6. एक लोकतन्त्र कोष का गठन। लेकिन ये मुद्दे भी संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए बड़े पेंचदार हैं।

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प्रश्न 4. 
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे में बदलाव के मसले को किन-किन आधारों पर समर्थन दिया है? विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के ढाँचे में बदलाव के मसले को कई आधारों पर समर्थन दिया है, जो निम्नलिखित हैं।
(i) परिवर्तित विश्व में भूमिका: भारत का मत है कि परिवर्तित होते विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की मजबूती एवं दृढ़ता अति आवश्यक है।

(ii) सहयोग एवं विकास: भारत ने इस बात का समर्थन किया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विभिन्न देशों के मध्य सहयोग बढ़ाने एवं विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करे। भारत का विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के एजेंडे में विकास का मामला प्रमुख होना चाहिए क्योंकि अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए यह एक आवश्यक शर्त है।

(ii) सुरक्षा परिषद् की संरचना: भारत की एक बड़ी चिन्ता सुरक्षा परिषद् की संरचना को लेकर है। सुरक्षा परिषद् की सदस्य संख्या स्थिर रही है, जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में सदस्यों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई है। भारत का मत है कि इससे सुरक्षा परिषद् के प्रतिनिधित्वमूलक चरित्र की हानि हुई है। अतः सुरक्षा परिषद् का विस्तार करने पर वह ज्यादा प्रतिनिधिमूलक होगी और विश्व समुदाय का भी अधिक समर्थन मिलेगा।

(iv) विकासशील देशों का महत्व: भारत का मत है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की आमसभा में अधिकांश विकासशील सदस्य देश हैं। इस कारण सुरक्षा परिषद् के फैसले में उनको भी महत्व प्रदान किया जाना चाहिए क्योंकि इन फैसलों का उन पर भी प्रभाव पड़ता है।

(v) सुरक्षा परिषद् में सदस्यों की संख्या: भारत सुरक्षा परिषद् के अस्थायी एवं स्थायी दोनों ही तरह के सदस्यों की संख्या में वृद्धि का समर्थक है। भारत का तर्क है कि पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा परिषद् के क्रियाकलापों के दायरे में वृद्धि हुई है। सुरक्षा परिषद् के क्रियाकलापों की सफलता विश्व समुदाय के समर्थन पर निर्भर है। इस कारण सुरक्षा परिषद् के पुनर्गठन की कोई योजना व्यापक स्तर पर बननी चाहिए। भारत स्वयं भी पुनर्गठित सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य बनना चाहता है। 

सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता हेतु भारत सभी मानदण्डों को पूरा करता है। समस्त विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का 1/5वाँ हिस्सा निवास करता है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की समस्त गतिविधियों में भाग लिया है। 

प्रश्न 5. 
एकधुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ क्या अमेरिका को अपनी मनमानी करने से रोक सकता है? यदि नहीं तो क्यों? एकधुवीय विश्व व्यवस्था में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को बताइए।
उत्तर:
सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् विश्व एकध्रुवीय हो गया है। इस एकध्रुवीय विश्व की एकमात्र महाशक्ति. संयुक्त राज्य अमेरिका है। वर्तमान में इसका कोई प्रतिद्वन्द्वी देश नहीं है। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिका को अपनी मनमानी करने से नहीं रोक सकता। एकध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट संघ अमेरिका को अपनी मनमानी करने से नहीं रोक सकता - एकध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ निम्नलिखित कारणों से संयुक्त राज्य अमेरिका को अपनी मनमानी करने से नहीं रोक सकता।

(i) एकमात्र मजबूत सैन्य व आर्थिक शक्ति: सोवियत संघ की अनुपस्थिति में अब संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व की एकमात्र महाशक्ति है। अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति के बल पर संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त राष्ट्र संघ अथवा किसी अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की अनदेखी कर सकता है।

(ii) संयुक्त राष्ट्र संघ पर अमेरिकी प्रभाव की अधिकता: संयुक्त राष्ट्र संघ में संयुक्त राज्य अमेरिका का अत्यधिक प्रभाव है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सबसे अधिक योगदान करने वाला देश है। अमेरिका की वित्तीय ताकत बेजोड़ है। संयुक्त राष्ट्र संघ अमेरिकी भू-क्षेत्र में स्थित है और इस कारण भी अमेरिका का प्रभाव इसमें बढ़ जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के कई नौकरशाह इसके नागरिक हैं।

(iii) संयुक्त राज्य अमेरिका के पास निषेधाधिकार की शक्ति होना: संयुक्त राज्य अमेरिका के पास निषेधाधिकार (वीटो पॉवर) की शक्ति है। यदि अमेरिका को कभी यह लगे कि कोई प्रस्ताव उसके अथवा उसके साथी राष्ट्रों के हितों के अनुकूल नहीं है अथवा अमेरिका को यह प्रस्ताव ठीक न लगे तो अपनी निषेधाधिकार शक्ति से उसे रोक सकता है।

(iv) संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के चयन में अमेरिकी प्रभाव: संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी ताकत और निषेधाधिकार शक्ति के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के चयन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसकी बात को महत्व प्रदान किया जाता है।

(v) विश्व समुदाय में फूट डालने में सक्षम: संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सैन्य एवं आर्थिक ताकत के बल पर विश्व समुदाय में फूट डाल सकता है और डालता भी है ताकि उसकी नीतियों का विरोध संयुक्त राष्ट्र संघ में कमजोर हो जाए। इससे स्पष्ट होता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ संयुक्त राज्य अमेरिका की मनमानी पर अंकुश लगाने में विशेष सक्षम नहीं है।

एकधुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता-यद्यपि संयुक्त राष्ट्र संघ इस एकध्रुवीय विश्व में अमेरिका को अपनी मनमानी करने से नहीं रोक सकता, लेकिन इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को नकारा नहीं जा सकता।

इस एकध्रुवीय विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता को निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है।
(i) वार्तालाप के मंच के रूप में उपयोगिता: संयुक्त राष्ट्र संघ संयुक्त राज्य अमेरिका एवं शेष विश्व के मध्य विभिन्न मुद्दों पर बातचीत स्थापित कर सकता है। आवश्यकता पड़ने पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने ऐसा कई बार किया भी है।

(ii) अमेरिकी दृष्टि से उपयोगिता: अमेरिकी नेता संयुक्त राष्ट्र संघ की आलोचना करते दिखाई देते हैं, लेकिन वे इस बात को भी समझते हैं कि झगड़ों एवं सामाजिक - आर्थिक विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से 193 देशों को एक साथ किया जा सकता है।

(iii) शेष विश्व के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता: शेष विश्व के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ एक ऐसा मंच है जहाँ अमेरिकी रवैये एवं नीतियों पर कुछ अंकुश लगाया जा सकता है। यह बात ठीक है कि अमेरिका के विरुद्ध शेष विश्व शायद ही कभी एकजुट हो पाता है और अमेरिका की ताकत पर अंकुश लगाना एक सीमा तक असम्भव है, लेकिन इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ ही

वह स्थान है जहाँ अमेरिका के किसी विशेष रवैये एवं नीति की आलोचना की सुनवाई हो सकती है और कोई मध्य का रास्तानिकालने एवं रियायत देने की बात कही जा सकती है। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था होने के बावजूद वर्तमान विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता बनी हुई है।

स्रोत पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए अवतरण का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
संयुक्त राष्ट्र संघ में थोड़ी कमियाँ हैं लेकिन इसके बिना दुनिया और बदहाल होगी। आज विभिन्न समाजों और मसलों के बीच आपसी तार जुड़ते जा रहे हैं। इसे 'पारस्परिक निर्भरता' का नाम दिया जाता है। इसे देखते हुए यह कल्पना करना कठिन है कि संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे संगठन के बिना विश्व के सात अरब से भी ज्यादा लोग कैसे रहेंगे। प्रौद्योगिकी यह सिद्ध कर रही है कि आने वाले दिनों में विश्व में पारस्परिक निर्भरता बढ़ती जाएगी। इसलिए, संयुक्त राष्ट्र संघ का महत्त्व भी निरन्तर बढ़ेगा। लोगों को और सरकारों को संयुक्त राष्ट्र संघ तथा दूसरे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के समर्थन और उपयोग के तरीके तलाशने होंगे - ऐसे तरीके जो उनके हितों और विश्व बिरादरी के हितों से व्यापक धरातल पर मेल खाते हों।
(i) संयुक्त राष्ट्र की ऐसी दो कमियों की पहचान कीजिए जिनके कारण इसे अपूर्ण कहा जाता है। 
(ii) यदि संयुक्त राष्ट्र न हो तो दुनिया और अधिक बदहाल कैसे हो जाएगी? स्पष्ट कीजिए। 
(iii) विश्व में पारस्परिक निर्भरता का कोई एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(i) संयुक्त राष्ट्र की दो कमियाँ निम्नवत् हैं।

  1. आम सभा मूल रूप से किसी विषय पर प्रस्ताव पारित करने के अलावा कुछ नहीं कर सकती। इसके संकल्प गैर - बाध्यकारी हैं।
  2. सुरक्षा परिषद् कार्रवाई कर सकने वाला संयुक्त राष्ट्र का एकमात्र अंग है। इनमें सैन्य कार्रवाई या आर्थिक प्रतिबन्ध लगाना शामिल है। हालांकि सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में से कोई भी कार्रवाई को वीटो कर सकता है।

(ii) संयुक्त राष्ट्र न हो तो दुनिया और अधिक बदहाल हो जाएगी क्योंकि

  1. बढ़ते अंतर्संबन्धों तथा परस्पर निर्भरता के साथ यह कल्पना करना मुश्किल है कि लोग संयुक्त राष्ट्र के बिना एक साथ कैसे रहेंगे।
  2. प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ, परस्पर निर्भरता भी बढ़ जाती है। इससे संयुक्त राष्ट्र की अभेद्यता में वृद्धि होगी। 

(iii) प्रौद्योगिकी एवं तकनीक का विकास तथा उसका उपयोग विश्व में पारस्परिक निर्भरता का एक उदाहरण है।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये इस अध्याय से सम्बन्धित प्रश्न:

प्रश्न 1. 
विश्व व्यापार संगठन के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन-से दो अभिकथन सही हैं? 
(a) यह एकमात्र अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जो राष्ट्रों के बीच विश्व व्यापार नियमों से सम्बन्धित है। 
(b) इसकी स्थापना 1996 में की गई थी। 
(c) इसका मुख्यालय जेनेवा में हैं। 
(d) इसमें लगभग 680 स्टाफ नियुक्त है। 
(अ) (a) और (b)
(ब) (a) और (c) 
(स) (c) और (d)
(द) (a) और (d)
उत्तर:
(ब) (a) और (c) 

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प्रश्न 2. 
अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन किस वर्ष में संयुक्त राष्ट्र संघ की विशिष्ट एजेन्सी बना था? 
(अ) सन् 1945
(ब) सन् 1946 
(स) सन् 1947
(द) सन् 1948. 
उत्तर:
(ब) सन् 1946 

प्रश्न 3. 
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना कब हुई?
(अ) सन् 1948
(ब) सन् 1945 
(स) सन् 1946
(द) सन् 1947. 
उत्तर:
(द) सन् 1947. 

प्रश्न 4. 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की संख्या है।
(अ) 5
(ब) 11 
(स) 15
(द) 7 : 5. 
उत्तर:
(द) 7 : 5. 

प्रश्न 5.
नीचे दो कथन दिये गये हैं, एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) कहा गया है। नीचे दिये गये कूट का
प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएअभिकथन (A): भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य बनना चाहता है। तर्क (R): भारत एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है। कूट :
(अ) (A) और (R) दोनों सत्य हैं, और (R), (A) का संही स्पष्टीकरण है। 
(ब) (A) और (R) दोनों सत्य हैं, लेकिन (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है। 
(स) (A) सत्य है, परन्तु (R) असत्य है।
(द) (A) असत्य है, परन्तु (R) सत्य है। 
उत्तर:
(ब) (A) और (R) दोनों सत्य हैं, लेकिन (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है। 

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प्रश्न 6. 
निम्नलिखित में से कौन संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेन्सी नहीं है?
(अ) डब्ल्यू एच ओ
(ब) आई एम एफ 
(स) एफ ए ओ
(द) ओपेक।
उत्तर:
(अ) डब्ल्यू एच ओ

प्रश्न 7. 
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने निम्नलिखित में से किस वर्ष में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेन्शन अंगीकृत किया था ?
(अ) सन् 2006
(ब) सन् 2007 
(स) सन् 2008
(द) सन् 2009. 
उत्तर:
(स) सन् 2008

प्रश्न 8. 
संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुच्छेद-25 के अनुसार।
(अ) स्व - रक्षा के लिए बल प्रयोग की अनुमति दी गई है। 
(ब) केवल शान्ति प्रेमी राज्य (राष्ट्र) संयुक्त राष्ट्र के सदस्य बन सकते हैं। 
(स) संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य सुरक्षा परिषद् के निर्णयों को अंगीकार करने और उन्हें लागू करने पर सहमत होते हैं।
(द) चार्टर के अन्तर्गत सुरक्षा परिषद् का अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति एवं सुरक्षा बनाए रखने का प्राथमिक उत्तरदायित्व है। 
उत्तर:
(स) संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य सुरक्षा परिषद् के निर्णयों को अंगीकार करने और उन्हें लागू करने पर सहमत होते हैं।

प्रश्न 9. 
निम्नलिखित में से कौन विश्व व्यापार संगठन के सम्बन्ध में सही नहीं है।
(अ) यह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) के व्यापार समझौतों का संचालन करता है। 
(ब) यह व्यापार वार्ताओं के लिए एक मंच का कार्य करता है। 
(स) यह राष्ट्रीय व्यापार नीतियों की निगरानी करता है।
(द) यह विकासशील तथा विकसित देशों के लिए तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण की पूर्ति करता है। 
उत्तर:
(द) यह विकासशील तथा विकसित देशों के लिए तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण की पूर्ति करता है। 

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प्रश्न 10. 
संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय है।
(अ) न्यूयॉर्क
(ब) वाशिंगटन डी.सी. 
(स) जेनेवा
(द) द हेग। 
उत्तर:
(द) द हेग। 

प्रश्न 11. 
मूलतः संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की कुल सदस्य संख्या कितनी थी? 
(अ) 9
(ब) 10 
(स) 11
(द) 15. 
उत्तर:
(ब) 10 

प्रश्न 12. 
वर्तमान में सुंयक्त राष्ट्र संघ के कितने सदस्य हैं?
(अ) 190
(ब) 191 
(स) 192
(द) 193. 
उत्तर:
(अ) 190

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प्रश्न 13. 
निम्नलिखित में से किसने इसका प्रयोग किया था-संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता पर बल देने के लिए 'एकजुटता के नाम पर सहभागी का कार्य कर रहा है?
(अ) विंस्टन चर्चिल
(ब) डेग'हैमरशोल्ड। 
(स) ट्राइग्व ली
(द) वूड्रो विल्सन। 
उत्तर:
(ब) डेग'हैमरशोल्ड। 

प्रश्न 14. 
यू. एन. सुरक्षा परिषद् किस अध्याय और अनुच्छेद के अन्तर्गत, अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति के लिए खतरा देखने पर, वाद-विवाद का शर्तों के अन्तर्गत शान्तिपूर्वक निपटारा करने के लिए सर्वप्रथम तरीकों की खोज करती है?
(अ) अध्याय VI, अनुच्छेद 36
(ब) अध्याय VI, अनुच्छेद 33 
(स) अध्याय VII, अनुच्छेद 47
(द) अध्याय VII, अनुच्छेद 42। 
उत्तर:
(द) अध्याय VII, अनुच्छेद 42। 

प्रश्न 15. 
कितने राष्ट्रों ने 1945 में संयुक्त राष्ट्र के मूल चार्टर हस्ताक्षर किये?
(अ) 45
(ब) 60 
(स) 51
(द) 56. 
उत्तर:
(स) 51

प्रश्न 16. 
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) के अन्दर पारस्परिकता का सिद्धान्त किसका विचार करता है? 
(अ) राष्ट्र द्वारा व्यापार अवरोधों को कम करना और बदले में दूसरे राष्ट्र के द्वारा भी उतने ही कम हो। 
(ब) एकसमान आधार पर व्यापार अवरोधों का सृजन। 
(स) बौद्धिक सम्पत्ति अधिकारों का संरक्षण। 
(द) व्यापार पर राष्ट्र अवरोधों के लिए भूमिका में वृद्धि।
उत्तर:
(अ) राष्ट्र द्वारा व्यापार अवरोधों को कम करना और बदले में दूसरे राष्ट्र के द्वारा भी उतने ही कम हो। 

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प्रश्न 17. 
विश्व विकास रिपोर्ट किसका वार्षिक प्रकाशन है?
(अ) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
(ब) विश्व बैंक 
(स) विश्व व्यापार संगठन (WTO)
(द) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)। 
उत्तर:
(ब) विश्व बैंक 

प्रश्न 18. 
यूनीसेफ का मुख्यालय स्थित है। 
(अ) जेनेवा 
(ब) न्यूयार्क अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
(स) द हेग
(द) वाशिंगटन। 
उत्तर:
(ब) न्यूयार्क अन्तर्राष्ट्रीय संगठन

प्रश्न 19. 
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई। 
(अ) 20 अक्टूबर, 1945
(ब) 10 अगस्त, 1942 
(स) 24 अक्टूबर, 1945
(द) 24 सितम्बर, 1946. 
उत्तर:
(स) 24 अक्टूबर, 1945

प्रश्न 20. 
यूनाइटेड नेशन चार्टर मुख्यतः
(अ) पूर्णतः व्यक्तिगत मानव अधिकारों से सम्बन्धित है। 
(ब) राज्यों के बीच सम्बन्ध से सम्बद्ध है। 
(स) शान्ति, न्याय, स्वतन्त्रता और आर्थिक तथा सामाजिक अधिकारों जैसे व्यापक विषयों के लिए है। 
(द) बड़ी, मध्यम और छोटी शक्तियों के अधिकार और कर्तव्यों के लिए है। 
उत्तर:
(स) शान्ति, न्याय, स्वतन्त्रता और आर्थिक तथा सामाजिक अधिकारों जैसे व्यापक विषयों के लिए है।  

Prasanna
Last Updated on Jan. 16, 2024, 9:21 a.m.
Published Jan. 15, 2024