RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया Important Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Political Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Political Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Political Science Notes to understand and remember the concepts easily. The satta ke vaikalpik kendra notes in hindi are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

वस्तुनिष्ठ प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
निम्नांकित में किस दक्षिण एशियाई देश में सैनिक शासन सर्वप्रथम स्थापित हुआ? 
(अ) नेपाल
(ब) भूटान 
(स) श्रीलंका
(द) पाकिस्तान। 
उत्तर:
(स) श्रीलंका

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया 

प्रश्न 2. 
दक्षेस का प्रथम सम्मेलन निम्न में से किस देश में हुआ था? 
(अ) भारत
(ब) नेपाल 
(स) पाकिस्तान
(द) बांग्लादेश। 
उत्तर:
(स) पाकिस्तान

प्रश्न 3. 
निम्न में से किस वर्ष बांग्लादेश आजाद हुआ? 
(अ) सन् 1961
(ब) सन् 1971 
(स) सन् 1989
(द) सन् 1947. 
उत्तर:
(द) सन् 1947. 

प्रश्न 4. 
श्रीलंका में जातीय संघर्ष के बारे में निम्नलिखित में से कौन - सा एक कथन असत्य है?
(अ) श्रीलंका में राजनीति खुले तौर पर सिंहली लोगों की पक्षधर थी। 
(ब) तमिल के हितों की अनदेखी की जाती थी। 
(स) तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स को सार्क देशों का समर्थन प्राप्त था।
(द) श्रीलंका में राजनीतिक समानता नहीं थी। 
उत्तर:
(स) तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स को सार्क देशों का समर्थन प्राप्त था।

प्रश्न 5. 
भारत का सिन्धु नदी जल बंटवारे को लेकर किस देश के साथ विवाद रहा है? 
(अ) श्रीलंका
(ब) बांग्लादेश 
(स) पाकिस्तान
(द) भूटान। 
उत्तर:
(अ) श्रीलंका

प्रश्न 6. 
सार्क का स्थापना वर्ष है। 
(अ) सन् 1985
(ब) सन् 1999 
(स) सन् 2006
(द) सन् 2011
उत्तर:
(स) सन् 2006

प्रश्न 7. 
निम्न में से किस वर्ष दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते (साफ्टा) पर हस्ताक्षर हुए थे। 
(अ) सन् 1947
(ब) सन् 1994 
(स) सन् 2002
(द) सन् 2006. 
उत्तर:
(स) सन् 2002

अतिलय उत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
दक्षिण एशिया पद का व्यवहार किन - किन देशों के लिए किया जाता है?
अथवा 
दक्षिण एशिया के किन्हीं 4 देशों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. भारत, 
  2. पाकिस्तान, 
  3. श्रीलंका, 
  4. नेपाल, 
  5. भूटान, 
  6. बांग्लादेश, 
  7. मालदीव।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2. 
स्वतन्त्रता के पश्चात् दक्षिण एशिया के किन दो देशों में आज तक लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक कायम है?
उत्तर:

  1. भारत, 
  2. श्रीलंका। 

प्रश्न 3. 
दक्षिण एशिया के दो सबसे छोटे देशों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. मालदीव, 
  2. भूटान। 

प्रश्न 4. 
दक्षिण एशिया के किस देश में सन् 1968 तक सल्तनत शासन रहा है? 
उत्तर:
मालदीव।

प्रश्न 5. 
मालदीव गणतन्त्र कब बना और शासन की कौन-सी प्रणाली अपनाई गई?
अथवा 
मालदीव में 1968 के बाद कौन-सी शासन प्रणाली अपनायी गयी?
उत्तर:
1968 में, अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली। 

प्रश्न 6. 
दक्षिण एशियाई देशों की जनता किस प्रकार के शासन को वरीयता देती है? 
उत्तर:
लोकतन्त्र को। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 7. 
भारत ने किस देश के साथ 1971 में एक 20 वर्षीय सन्धि पर हस्ताक्षर किए?
उत्तर:
सोवियत संघ। 

प्रश्न 8. 
ताशकन्द समझौता किन दो देशों के बीच हुआ था
अथवा 
1966 में ताशकन्द समझौता किन दो राष्ट्रों के मध्य हुआ?
उत्तर:
भारत और पाकिस्ताम। 

प्रश्न 9. 
किसके नेतृत्व में पाकिस्तान में निर्वाचित सरकार बनी और कब तक रही? 
उत्तर:
जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में 1971 से 1977 तक। 

प्रश्न 10. 
भारत और पाकिस्तान के मध्य शिमला समझौता कब हुआ? 
उत्तर:
जुलाई, 1972 में।

प्रश्न 11. 
भारत ने सर्वप्रथम परमाणु परीक्षण कब किया? 
उत्तर:
मई, 1974 में। 

प्रश्न 12. 
'बांग्लादेश' का निर्माण कब हुआ?
उत्तर:
दिसम्बर, 1971 में। 

प्रश्न 13. 
दक्षिण एशिया का कौन - सा देश अतीत में एक हिन्दू राष्ट्र रहा है? 
उत्तर:
नेपाल। 

प्रश्न 14. 
नेपाल में देशव्यापी लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन कब हुए? 
उत्तर:
अप्रैल, 2006 में। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 15. 
श्रीलंका को स्वतन्त्रता कब प्राप्त हुई? 
उत्तर:
सन् 1948 में। 

प्रश्न 16. 
सिलोन के नाम से किस देश को जाना जाता था? 
उत्तर:
श्रीलंका को। 

प्रश्न 17. 
श्रीलंका की राजनीति पर किस समुदाय का दबदबा है? 
उत्तर:
सिंहली समुदाय का। 

प्रश्न 18. 
किस वर्ष भारत सरकार श्रीलंका के तमिल मसले में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हुई? 
उत्तर:
सन् 1987 में। 

प्रश्न 19. 
भारत द्वारा शान्ति सेना किस देश में भेजी गयी? 
उत्तर:
श्रीलंका में। 

प्रश्न 20. 
सियाचिन की समस्या किन - किन देशों के बीच मतभेद का प्रमुख कारण है? 
उत्तर:
भारत और पाकिस्तान।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 21. 
भारत और पाकिस्तान के मध्य किन्हीं दो समस्याओं के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. कश्मीर समस्या, 
  2. सिन्धु नदी जल बँटवारा विवाद। 

प्रश्न 22. 
कौन - सा देश भारत की 'पूरब चलो' नीति का हिस्सा है? 
उत्तर:
बांग्लादेश। 

प्रश्न 23. 
दक्षेस (साक) का पूरा नाम बताइए।
अथवा 
'सार्क' का विस्तृत रूप क्या है?
अथवा SAARC व SAFTA का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
सार्क (SAARC): दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन साफ्टा (SAFTA - South Asia Free Trade Agreement) (South Asian Association for Regional Co-operation)

प्रश्न 24. 
दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता कब से प्रभावी हुआ? 
उत्तर:
1 जनवरी, 2006 से। 

प्रश्न 25. 
शीतयुद्ध के पश्चात् दक्षिण एशिया में किस देश का प्रभाव बढ़ा है?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका का।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA1): 

प्रश्न 1. 
दक्षिण एशिया क्या है?
अथवा 
दक्षिण एशिया के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
सामान्यतया भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव एवं श्रीलंका को इंगित करने के लिए 'दक्षिण एशिया' शब्द का प्रयोग किया जाता है। यह एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित हैं। इसके उत्तर में हिमालय पर्वत श्रेणी, दक्षिण में हिन्द महासागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी एवं पश्चिम में अरब सागर स्थित है। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2. 
"क्या दक्षिण एशिया में लोकतन्त्र लोकप्रिय है?" इसके पक्ष में तर्क दीजिए। 
उत्तर:
दक्षिण एशिया में लोकप्रिय है। इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिये जा सकते हैं। 

  1. दक्षिण एशिया में कराये गये सर्वेक्षणों से पता चलता है कि लोकतन्त्र को यहाँ पर भरपूर जनसमर्थन प्राप्त है। 
  2. दक्षिण एशिया में सभी जाति, धर्म एवं वर्ग के लोगों को लोकतन्त्र अच्छा लगता है। 
  3. दक्षिण एशिया के लोग शासन की अन्य प्रणाली की अपेक्षा लोकतन्त्र को वरीयता देते हैं। 

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित को समेलित कीजिए। 
1. भारत - चीन युद्ध - 1966
2. ताशकंद समझौता - 1962
3. शिमला समझौता - 1954
4. पंचशील की घोषणा - 1972
उत्तर:

  1. भारत-चीन युद्ध - 1962
  2. ताशकंद समझौता - 1966
  3. शिमला समझौता - 1972
  4. पंचशील की घोषणा - 1954 

प्रश्न 4. 
पाकिस्तान में लोकतन्त्र के स्थायी न बन पाने के क्या कारण हैं? संक्षेप में बताइए।
अथवा 
पाकिस्तान में लोकतन्त्र की अस्थिरता के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:
पाकिस्तान में लोकतन्त्र के स्थायी न बन पाने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं।

  1. पाकिस्तान में सेना, धर्मगुरू एवं भू-स्वामी अभिजनों का सामाजिक दबदबा अधिक है। 
  2. भारत के साथ लगातार तनानती रहने के कारण सेना समर्थक समूह अधिक मजबूत है। 
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी देशों ने अपने हितों की पूर्ति हेतु सैनिक शासन को बढ़ावा दिया है। 

प्रश्न 5. 
बांग्लादेश एक स्वतन्त्र राष्ट्र किस प्रकार बना?
अथवा 
स्वतन्त्र राष्ट्र बांग्लादेश के उदय के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
सन् 1971 से पहले बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान के रूप में पाकिस्तान का ही एक भाग था। पाकिस्तानी शासकों के तानाशाही रवैये के विरुद्ध बांग्लादेश के लोगों ने आन्दोलन किया; जिसे पाकिस्तान सरकार ने दबाने का भरपूर प्रयास किया। पूर्वी पाकिस्तान के लोग भारत पलायन कर गये। भारत ने शरणार्थियों को सँभालने की समस्या से परेशान होकर पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आजादी का समर्थन किया। अन्ततः दिसम्बर, 1971 में भारत-पाकिस्तान के मध्य हुए युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई और बांग्लादेश के रूप में एक नये राष्ट्र का उदय हुआ।

प्रश्न 6. 
जातीय संघर्ष होने के बावजूद श्रीलंका ने कौन-कौन सी सफलताएँ प्राप्त की हैं? 
उत्तर:
जातीय संघर्ष होने के बावजूद श्रीलंका ने निम्नलिखित सफलताएँ प्राप्त की हैं।

  1. अच्छी आर्थिक वृद्धि एवं विकास के उच्च स्तर को हासिल किया है। 
  2. जनसंख्या की वृद्धि दर पर सफलतापूर्वक नियन्त्रण स्थापित किया है। 
  3. दक्षिण एशियाई देशों में सबसे पहले श्रीलंका ने ही आर्थिक उदारीकरण किया है। 
  4. अन्दरूनी संघर्षों के बावजूद श्रीलंका में लोकतान्त्रिक राज व्यवस्था कायम रही है। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 7. 
भारत और पाकिस्तान के मध्य तनावपूर्ण सम्बन्धों के प्रमुख मुद्दे कौन - कौन से हैं? नाम लिखिए। 
उत्तर:
भारत और पाकिस्तान के मध्य तनावपूर्ण सम्बन्धों के प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं।

  1. कश्मीर का मुद्दा, 
  2. सियाचिन ग्लेशियर पर नियन्त्रण का मुद्दा, 
  3. हथियारों की होड़ का मुद्दा, 
  4. सिन्धु नदी जल बँटवारे पर विवाद, 
  5. एक-दूसरे पर सन्देह तथा आरोप-प्रत्यारोप, 
  6. सरक्रिक की समस्या।

प्रश्न 8. 
भारत और नेपाल के सम्बन्धों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत और नेपाल के मध्य मधुर सम्बन्ध हैं। दोनों देशों के मध्य एक सन्धि हुई है। इस सन्धि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक - दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट (पारपत्र) और वीजा के आ-जा सकते हैं तथा काम कर सकते हैं। दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे प्राकृतिक संसाधन, बिजली उत्पादन एवं जल प्रबन्धन ग्रिड के मामले पर एक साथ हैं। 

प्रश्न 9. 
भारत और भूटान के सम्बन्धों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत और भूटान के मध्य सम्बन्ध बहुत ही अच्छे हैं। भूटान ने अपनी जमीन से भारत के खिलाफ पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी गतिविधियों का संचालन कर रहे उग्रवादियों व गुरिल्लों को भगाया है। भारत भूटान में पन - बिजली की बड़ी परियोजनाओं में हाथ बँटा रहा है। भूटान को अपने विकास कार्यों हेतु सर्वाधिक अनुदान भारत से मिलता है।

प्रश्न 10. 
भारत के मालदीव के साथ सम्बन्ध कैसे हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत के मालदीव के साथ सम्बन्ध सौहार्द्रपूर्ण हैं। सन् 1988 में श्रीलंका से आये कुछ भाड़े के तमिल सैनिकों ने मालदीव पर हमला किया। इस पर मालदीव ने भारत से मदद माँगी तो भारतीय नौ-सेना व वायुसेना ने तुरन्त कार्यवाही कर भाड़े के तमिल सैनिकों को भगाया। भारत में मालदीव के आर्थिक विकास, पर्यटन एवं मत्स्य उद्योग में भी सहायता प्रदान की है। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 11. 
दक्षेस (साक) से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) दक्षिण एशिया के आठ देशों का एक सहयोगी संगठन है। इस संगठन की स्थापना सन् 1985 ढाका (बांग्लादेश) में की गयी। दक्षेस (सार्क) में; भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका व अफगानिस्तान आदि सम्मिलित हैं। इस संगठन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सदस्य देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

प्रश्न 12. 
साफ्टा क्या है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
साफ्टा का पूरा नाम है-दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asia Free Trade Agreement)। दक्षेस के सदस्य देशों ने फरवरी 2004 में साफ्टा समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता 1 जनवरी, 2006 से प्रभावी हो गया है। इस समझौते के तहत दक्षेस देशों के बीच आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क को कम करने का लक्ष्य था।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA2): 

प्रश्न 1. 
दक्षिण एशिया क्षेत्र की विशेषताओं का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
दक्षिण एशिया क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. दक्षिण एशिया एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ सद्भाव और शत्रुता, आशा और निराशा एवं पारस्परिक शंका व विश्वास साथ-साथ बसते हैं।
  2. सामान्यतया भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव एवं श्रीलंका को इंगित करने के लिए 'दक्षिण एशिया' पद का व्यवहार किया जाता है। इस क्षेत्र में कभी - कभी अफगानिस्तान एवं म्यांमार को भी सम्मिलित किया जाता है।
  3. उत्तर में विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखला, दक्षिण में हिन्द महासागर, पश्चिम में अरब सागर एवं पूरब में बंगाल की खाड़ी से दक्षिण एशिया एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है।
  4. दक्षिण एशिया विविधताओं से भरा - पूरा क्षेत्र है फिर भी भू-राजनैतिक धरातल पर यह एक क्षेत्र है।
  5. दक्षिण एशिया क्षेत्र की भौगोलिक विशिष्टता ही इस उपमहाद्वीपीय क्षेत्र के भाषायी, सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनूठेपन के लिए जिम्मेदार है। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2. 
"दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक ही राजनैतिक प्रणाली नहीं है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
दक्षिण एशियाई देशों में पायी जाने वाली शासन प्रणालियों की व्याख्या करें।
अथवा 
दक्षिण एशिया में लोकतान्त्रिक अनुभव के मिले-जुले रिकॉर्ड के बावजूद उन देशों की जनता आज की लोकतन्त्र की आकांक्षाओं में सहभागी क्यों है? उदाहरणों की सहायता से व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक: सी राजनैतिक प्रणाली नहीं है, यह निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है।

  1. दक्षिण एशिया के दो देशों भारत और श्रीलंका में ब्रिटेन से आजाद होने के पश्चात् से ही लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक स्थापित है।
  2. पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकतान्त्रिक एवं सैनिक दोनों प्रकार की शासन व्यवस्थाएँ परिवर्तित होती रही हैं। वर्तमान समय में दोनों देशों में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था स्थापित है।
  3. नेपाल में सन् 2006 तक संवैधानिक राज्यतन्त्र था। अप्रैल, 2006 में एक सफल जन-विद्रोह के जरिए सन् 2008 में यहाँ लोकतन्त्र की स्थापना हुई है। 
  4. भूटान में वर्तमान में राजतन्त्र स्थापित है, लेकिन यहाँ के राजा ने भूटान में बहुदलीय लोकतन्त्र स्थापित करने की योजना की शुरुआत कर दी है।
  5. मालदीव में सन् 1968 तक सल्तनत शासन था। सन् 1968 में यह देश एक गणतन्त्र बना तथा यहाँ अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अपनायी गयी।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 3. 
"दक्षिण एशियाई देशों की जनता लोकतन्त्र की आकांक्षाओं में सहभागी है।" उक्त कथन की व्याख्या कीजिए। 
अथवा 
"लोकतन्त्र दक्षिण एशिया के लोगों की पहली पसन्द बनता जा रहा है।" इस कथन को न्यायोचित ठहराइए।
उत्तर:
क्षिण एशिया में लोकतन्त्र का मिला-जुला रिकॉर्ड रहा है। इसके बावजूद इस क्षेत्र के देशों की जनता लोकतन्त्र की आकांक्षाओं में सहभागी है। इस क्षेत्र के पाँच बड़े देशों- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका में हाल में ही किये सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट हुई है कि इन पाँच देशों में लोकतन्त्र को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है। इन देशों में प्रत्येक वर्ग एवं धर्म के आम नागरिक लोकतन्त्र को अच्छा मानते हैं तथा प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र की संस्थाओं का समर्थन करते हैं। इन देशों के लोग शासन संचालन की किसी और प्रणाली की अपेक्षा लोकतन्त्र को वरीयता देते हैं और यह मानते हैं कि उनके देश के लिए लोकतन्त्र ही सर्वश्रेष्ठ शासन प्रणाली हो सकती है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि दक्षिण एशिया की जनता लोकतन्त्र को अन्य शासन प्रणालियों से अच्छा समझती है। 

प्रश्न 4. 
बांग्लादेश का निर्माण कब और कैसे हुआ?
अथवा 
बांग्लादेश युद्ध 1971 पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।'
अथवा 
पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान के विरूद्ध हुए जन-आन्दोलन के किन्हीं दो कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सन् 1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का एक अंग था। अंग्रेजी शासन के समय के बंगाल और असम के विभाजित हिस्सों से पूर्वी पाकिस्तान का यह क्षेत्र बना था। इस क्षेत्र के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे एवं अपने ऊपर उर्दू भाषा को लादने के विरूद्ध थे। इस क्षेत्र की जनता ने प्रशासन में न्यायोचित प्रतिनिधित्व एवं राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की मांग भी उठायी।
पश्चिमी पाकिस्तान के विरूद्ध जनसम्पर्क का नेतृत्व शेख मुजीबुर्रहमान ने किया। 

उन्होंने सन् 1971 में पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वायत्तता की मांग की। पाकिस्तान के सैनिक शासक जनरल याहिया खान ने बंगाली जनता के आन्दोलन को कुचलने की कोशिश की। इस संघर्ष में हजारों लोग पाकिस्तान की सेना के हाथों मारे गये। इस कारण पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत पलायन कर गये। फलस्वरूप भारत के समक्ष इन शरणार्थियों को सँभालने की समस्या उत्पन्न हो गयी। भारत ने पूर्वी पाकिस्तान की आजादी का समर्थन किया एवं उसे वित्तीय व सैन्य सहायता प्रदान की। इससे भारत और पाकिस्तान के मध्य दिसम्बर 1971 में युद्ध छिड़ गया जिससे पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। परिणामस्वरूप बांग्लादेश के रूप में एक नये राष्ट्र का निर्माण हुआ।

प्रश्न 5. 
सन् 1975 में बांग्लादेश में सेना ने शेख मुजीबुर्रहमान के खिलाफ बगावत क्यों की ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
सन् 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के परिणामस्वरूप.बांग्लादेश के रूप में एक नये राष्ट्र का जन्म हुआ। स्वतन्त्रता के पश्चात् बांग्लादेश ने अपना संविधान बनाकर उसमें अपने देश को एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक एवं समाजवादी देश घोषित किया, लेकिन सन् 1975 में शेख मुजीबुर्रहमान ने संविधान में संशोधन कराया तथा शासन की संसदीय प्रणाली के स्थान पर अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को मान्यता प्रदान की गयी। शेख मुजीबुर्रहमान ने अपनी पार्टी अवामी लीग को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों को समाप्त कर दिया। इससे तनाव और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गयी। अगस्त, 1975 में सेना ने शेख मुजीबुर्रहमान ने शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया और इस नाटकीय व त्रासद घटनाक्रम में शेख मुजीबुर्रहमान सेना के हाथों मारे गये। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 6. 
श्रीलंका के जातीय संघर्ष का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। 
अथवा 
श्रीलंका में जातीय संघर्ष के कोई चार कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उसर - श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल प्रमुख भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। उनके संगठन लिट्टे की हिंसात्मक कार्यवाहियों तथा आन्दोलन की वजह से श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ा। लिट्टे की प्रमुख माँग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र बनाया जाए। श्रीलंकाई राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय का वर्चस्व रहा है और तमिल सरकार एवं राजनेताओं पर उनके हितों की अनदेखी किये जाने का दोषारोपण किया गया। सिंहली राष्ट्रवादियों की मान्यता है कि श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियायत नहीं की जानी चाहिए क्योंकि श्रीलंका केवल सिंहली लोगों का है।

तमिलों के प्रति उपेक्षित व्यवहार से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलन्द हुई। सन् 1983 के पश्चात् उग्र तमिल संगठन 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (लिट्टे) देश की सेना के साथ सशस्त्र संघर्षरत है। इसने तमिल ईलम अर्थात् श्रीलंकाई तमिलों हेतु एक पृथक् देश की माँग कर डाली। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सन् 2009 में श्रीलंकाई सरकार द्वारा लिट्टे का सफाया कर दिये जाने के बाद उक्त स्थिति में बदलाव आ गया है।

प्रश्न 7. 
भारत सरकार श्रीलंका के तमिल मुद्दे पर प्रत्यक्ष रूप से कब व किस रूप में सम्मिलित हुई ? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
श्रीलंका में सिंहली समुदाय एवं भारत को छोड़कर श्रीलंका जा बसे तमिलों के मध्य जातीय संघर्ष के कारण भारत की तमिल जनता का भारत सरकार पर भारी दबाव था कि वह श्रीलंका में निवास कर रहे तमिलों के हितों की रक्षा करे। भारत सरकार ने समय - समय पर तमिलों के मुद्दे पर श्रीलंकाई सरकार से बातचीत की कोशिश की, लेकिन सन् 1989 ई. में भारत सरकार श्रीलंका के तमिल मुद्दे पर प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हुई।

सन् 1987 में भारत और श्रीलंका में एक समझौता हुआ; जिसके तहत भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार व तमिलों के मध्य रिश्ते सामान्य करने के लिए भारतीय शान्ति सेना को श्रीलंका भेजा। लेकिन शान्ति सेना लिट्टे के साथ संघर्ष में फँस गयी। भारतीय सेना की उपस्थिति को श्रीलंका की जनता ने भी कुछ विशेष पसन्द नहीं किया। यहाँ की जनता ने समझा कि भारत श्रीलंका के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। परिणामस्वरूप सन् 1989 में भारत ने अपनी शान्ति सेना को अपना लक्ष्य प्राप्त किये बिना वापस बुला लिया।

प्रश्न 8. 
कश्मीर समस्या पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत और पाकिस्तान के मध्य की प्रमुख समस्या कश्मीर समस्या है। सन् 1947 में विभाजन के पश्चात् भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के मध्य कश्मीर के मुद्दे पर विवाद बना रहा। पाकिस्तान की सरकार का दावा था कि कश्मीर पाकिस्तान का है। सन् 1948 में दोनों देशों के मध्य कश्मीर को लेकर युद्ध हुआ। 1948 ई. के युद्ध के फलस्वरूप कश्मीर के दो हिस्से हो गये। एक हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहलाया तथा दूसरा हिस्सा भारत का जम्मू-कश्मीर राज्य बना। 

दोनों हिस्सों के मध्य एक नियन्त्रण सीमा रेखा भी है। दोनों देशों के मध्य प्रमुख समस्या यह है कि पाकिस्तान का कहना है कि मुस्लिम जनसंख्या की अधिकता के कारण कश्मीर पाकिस्तान का भाग है, जबकि भारत का कहना है कि कश्मीर का विलय भारत में नियमानुसार हुआ है; अतः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का ही एक भाग है। दोनों पक्ष अपनी - अपनी बात पर अड़े हुए हैं। दोनों देशों के मध्य सन् 1965 व सन् 1971 के युद्धों के पश्चात् भी इस समस्या का समाध नहीं हो पाया। कश्मीर समस्या के समाधान हेतु दोनों देशों के मध्य लगातार बातचीतें होती रही हैं लेकिन यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया 

प्रश्न 9. 
भारत सरकार किन कारणों से बांग्लादेश से अप्रसन्न रहती है? 
अथवा 
भारत और बांग्लादेश के बीच पारस्परिक सम्बन्धों में मतभेदों का विश्लेषण कीजिए। 
उत्तर:
भारत सरकार निम्नलिखित कारणों से बांग्लादेश से अप्रसन्न रहती है।

  1. भारत में अवैध रूप से लाखों बांग्लादेशी निवास कर रहे हैं; जिस पर बांग्लादेश की सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसके विपरीत वह अधिक आप्रवास का खण्डन करती है।
  2.  बांग्लादेश में भारत विरोधी कट्टरपंथी संगठनों को वहाँ की सरकार द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
  3. बांग्लादेश की सरकार द्वारा भारतीय सेना को पूर्वोत्तर भारत में जाने के लिए अपने क्षेत्र से रास्ता देने से मना करने पर भारत नाराज है।
  4. बांग्लादेश की सरकार द्वारा भारत को प्राकृतिक गैस निर्यात न करने का फैसला करना।
  5.  म्यांमार को बांग्लादेशी क्षेत्र से होकर भारत को प्राकृतिक गैस का निर्यात न करने देने का बांग्लादेशी सरकार का फैसला। इस फैसले से भारत और म्यांमार सरकार के मध्य प्राकृतिक गैस समझौता पूरा नहीं हो पाया। 

प्रश्न 10. 
भारत और बांग्लादेश के मध्य सहयोग के विभिन्न मुद्दों की चर्चा कीजिए।
अथवा 
विभेदों के बावजूद भारत और बांग्लादेश किन-किन मसलों पर आपस में सहयोग करते हैं? 
उत्तर:
भारत और बांग्लादेश अनलिखित मुद्दों पर आपस में सहयोग करते हैं।

  1. पिछले बीस वर्षों के दौरान भारत और बांग्लादेश के मध्य आर्थिक सम्बन्धों में सुधार हुआ है।
  2. बांग्लादेश भारत की 'लुक ईस्ट' तथा 2014 से 'एक्ट ईस्ट' की नीति का हिस्सा है। इस नीति के तहत म्यांमार के माध्यम से दक्षिण - पूर्व एशिया से सम्पर्क साधने की बात है।
  3. आपदा प्रबन्धन एवं पर्यावरण से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर भी दोनों देशों ने आपस में मिलकर निरन्तर सहयोग किया है।
  4. इस बात के भी प्रयास किये जा रहे हैं कि साझे खतरों की पहचान कर एवं एक - दूसरे की जरूरत के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता बरतकर सहयोग के दायरे को बढ़ाया जाये।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 11. 
भारत एवं नेपाल के मध्य कौन - कौन से मन - मुटाव के मुद्दे हैं? संक्षेप में वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
भारत और नेपाल के मध्य निम्नलिखित मन-मुटाव के मुद्दे हैं।

  1. नेपाल की चीन के साथ मित्रता को लेकर भारत ने समय - समय पर अपनी अप्रसन्नता प्रकट की है।
  2. नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्वों के विरुद्ध आवश्यक कदम नहीं उठाती है। इससे भी भारत अप्रसन्न है। 
  3. भारत की सुरक्षा एजेन्सियाँ नेपाल में चल रहे माओवादी आन्दोलन को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा समझती हैं क्योंकि भारत में बिहार से लेकर आन्ध्र प्रदेश तक विभिन्न राज्यों में नक्सलवादी समूह का उदय हुआ है।
  4. नेपाल के लोगों का यह सोचना है कि भारत की सरकार नेपाल के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और उसके नदी जल एवं पनबिजली पर आँख गड़ाये हुए है।
  5. चारों तरफ स्थल भाग से घिरे हुए नेपाल को यह लगता है कि भारत उसको अपने भू-क्षेत्रों से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है।

प्रश्न 12. 
शीतयुद्ध के पश्चात् दक्षिण एशिया में अमेरिकी भूमिका को संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
शीतयुद्ध के पश्चात् दक्षिण एशिया में अमेरिकी प्रभाव में तीव्र गति से वृद्धि हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने शीतयुद्ध के पश्चात् भारत और पाकिस्तान दोनों से अपने सम्बन्धों में सुधार किया है। वह भारत और पाकिस्तान के मध्य लगातार मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है। दोनों देशों में आर्थिक सुधार हुए हैं एवं उदार नीतियाँ अपनायी गयी हैं। इससे दक्षिण एशिया में अमेरिकी भागीदारी अधिक गहरी हुई है। संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण एशियाई मूल के लोगों की पर्याप्त संख्या निवास करती है तथा दक्षिण एशिया की जनसंख्या एवं बाजार का आकार भी बहुत बड़ा है। इस कारण इस क्षेत्र की सुरक्षा एवं शान्ति के भविष्य से संयुक्त राज्य अमेरिका के हित भी बंधे हुए हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
दक्षिण एशिया के बारे में आप क्या जानते हैं? शीतयुद्ध के पश्चात् के समय में दक्षिण एशिया के देशों में राजनीतिक प्रणाली की मुख्य प्रवृत्तियों को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
दक्षिण एशिया से अभिप्राय - प्रायः भारत, नेपाल, मालदीव, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका को इंगित करने के लिए दक्षिण एशिया शब्द का उपयोग किया जाता है। इस क्षेत्र की चर्चा में जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी सम्मिलित किया जाता है। चीन इस क्षेत्र का एक प्रमुख देश है, लेकिन चीन को दक्षिण एशिया का अंग नहीं माना जाता है। दक्षिण एशिया के देशों की राजनीतिक प्रणाली-दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में एक जैसी राजनीतिक प्रणाली नहीं है। लेकिन शीतयुद्ध के पश्चात् के समय में इस क्षेत्र के देशों में एवं यहाँ के लोगों में मुख्य प्रवृत्ति लोकतान्त्रिक राजनीतिक प्रणाली को अपनाने की रही है। यथा

(i) भारत व श्रीलंका: भारत व श्रीलंका के स्वतन्त्र होने के पश्चात् से आज तक लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफलतापूर्वक कार्य . कर रही है। एक राष्ट्र के रूप में भारत हमेशा लोकतान्त्रिक रहा है और यही बात श्रीलंका पर भी लागू होती है। 

(ii) पाकिस्तान और बांग्लादेश: पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकतान्त्रिक एवं सैनिक दोनों प्रकार का शासन रहा है। शीतयुद्ध के पश्चात् के समय में बांग्लादेश में लोकतन्त्र कायम रहा। पाकिस्तान में शीतयुद्ध के पश्चात् के समय में लगातार दो लोकतान्त्रिक सरकारों का गठन हुआ। पहली सरकार बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में तथा दूसरी सरकार नवाज शरीफ के नेतृत्व में बनी। लेकिन इसके पश्चात् सन् 1999 में पाकिस्तान में सैनिक तख्तापलट हुआ और सैनिक शासन की स्थापना हुई। वर्तमान में पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली विद्यमान है।

 (iii) नेपाल: नेपाल में अप्रैल 2006 तक संवैधानिक राजतन्त्र था, लेकिन इस बात का खतरा बराबर बना हुआ था कि राजा अपने हाथ में कार्यपालिका की समस्त शक्तियाँ ले लेगा। लेकिन अप्रैल 2006 में एक सफल जनविद्रोह हुआ तथा सन् 2008 में राजतन्त्र के खात्मे के साथ लोकतन्त्र की बहाली हुई। तब से लेकर आज तक नेपाल में लोकतान्त्रिक तरीके से शासन संचालित हो रहा है।

(iv) भूटान: भूटान भारत का एक पड़ोसी देश है। भूटान में राजतन्त्र व्यवस्था से शासन संचालित हो रहा था, लेकिन यहाँ के राजा ने भूटान में बहुदलीय लोकतन्त्र स्थापित करने की शुरुआत कर दी। मार्च 2008 में भूटान में निष्पक्ष चुनाव हुए और राजशाही का अन्त हो गया। वर्तमान में भूटान में लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार कार्य कर रही है।

(v) मालदीव: मालदीव में सन् 1968 तक राजतन्त्रात्मक व्यवस्था कायम रही। सन् 1968 में ही मालदीव एक गणतन्त्रात्मक देश बना तथा यहाँ अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली अपनायी गयी। जून 2005 में मालदीव की संसद ने बहुदलीय प्रणाली को अपनाने के पक्ष में मतदान किया। मालदीविपन डेमोक्रेटिक पार्टी (एम.डी.पी.) का मालदीव के राजनीतिक मामलों में दबदबा कायम है। सन् 2018 के चुनावों में एम.डी.पी. ने जीत हासिल की।

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि शीतयुद्ध के पश्चात् के समय में दक्षिण एशिया के देशों में लोकतन्त्र को अपनाने की मुख्य प्रवृत्ति रही है। यही कारण है कि वर्तमान में इस क्षेत्र के सात देशों में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल एवं मालदीव में लोकतान्त्रिक ढंग से शासन संचालित हो रहा है।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2.
“पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक एवं सैनिक दोनों प्रकार के नेताओं का शासन रहा है।" इस कथन की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए।
अथवा 
पाकिस्तान में लोकतन्त्रीकरण एवं उसके उलटाव का वर्णन कीजिए।
अथवा
पाकिस्तान में लोकतन्त्र की कार्यप्रणाली का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
पाकिस्तान दक्षिण एशिया का एक महत्वपूर्ण देश है। यहाँ लोकतन्त्र एवं सैनिकतन्त्र दोनों प्रकार की शासन व्यवस्था रही है, जिसे निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता हैपाकिस्तान में लोकतन्त्र एवं उसका उलटाव
1. पाकिस्तान में लोकतन्त्र: सन् 1947 में ब्रिटिश शासन की समाप्ति के पश्चात् भारत और पाकिस्तान का एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में उदय हुआ। पाकिस्तान अपनी स्थापना के समय दो खण्डों में विभाजित राष्ट्र था। इसके एक भाग को पश्चिमी पाकिस्तान एवं दूसरे भाग को पूर्वी पाकिस्तान कहा गया। दोनों के मध्य में भारत राष्ट्र स्थित था। सन् 1947 में पाकिस्तान के निर्माण के समय लोकतान्त्रिक पद्धति में विश्वास जताया गया। मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मुहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का प्रथम गवर्नर जनरल बनाया गया।

2. सैनिक शासन की स्थापना: पाकिस्तान के पहले संविधान के निर्माण के पश्चात् देश के शासन की बागडोर जनरल अयूब खान ने अपने हाथों में लेकर सैनिक तानाशाही लागू कर दी। शीघ्र ही अयूब खान ने अपना निर्वाचन भी करा लिया। उनके शासन के विरुद्ध जनता ने आन्दोलन कर दिया। फलस्वरूप उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। जनरल याहिया खान ने सैनिक शासन की बागडोर संभाली। इनके शासन के दौरान पाकिस्तान को बांग्लादेश संकट का सामना करना पड़ा। सन् 1971 में भारत - पाकिस्तान के मध्य युद्ध हुआ; जिसके परिणामस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान टूटकर एक स्वतन्त्र राष्ट्र बांग्लादेश बना।

3. निर्वाचित सरकार का गठन: सन् 1971 में पाकिस्तान में जुल्फिकार अली भुट्टो के नेतृत्व में एक निर्वाचित सरकार का गठन हुआ। यह सरकार सन् 1977 तक लगभग 6 वर्षों तक पाकिस्तान में स्थापित रही।

4. पुनः सैनिक शासन की स्थापना: सन् 1977 में जनरल जिया उल हक ने पाकिस्तान की लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी गयी जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार को अपदस्थ कर सैनिक शासन की स्थापना की। जनरल जिया उल हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने। सन् 1982 से जनरल जिया उल हक को पाकिस्तान में अनेक लोकतन्त्र समर्थक आन्दोलनों का सामना करना पड़ा। .

5. लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना: सन् 1988 में एक बार पुनः जुल्फिकार अली भुट्टो की पुत्री बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में लोकतान्त्रिक सरकार का गठन हुआ। इसके पश्चात् पाकिस्तान की राजनीति बेनजीर भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी एवं मुस्लिम लीग के आपसी होड़ के इर्द-गिर्द घूमती रही। पाकिस्तान में निर्वाचित लोकतन्त्र की यह अवस्था सन् 1999 तक कायम रही।

6.पुनः सैनिक शासन की स्थापना: सन् 1999 में पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ को हटाकर सैनिक शासन की स्थापना की। सन् 2001 में परवेज मुशर्रफ ने अपना निर्वाचन राष्ट्रपति के रूप में करा लिया, लेकिन व्यवहार में पाकिस्तान में सैनिक शासन कायम रहा।।

7. पाकिस्तान में पुनः लोकतन्त्र की स्थापना: पाकिस्तान में बढ़ते लोकतन्त्र समर्थक जन आन्दोलन एवं विश्व जनमत के बढ़ते दबाव को देखते हुए राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने फरवरी 2008 में पाकिस्तान में आम चुनाव कराये गये; जिसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को बहुमत प्राप्त हुआ। यूसुफ रजा गिलानी को प्रधानमन्त्री बनाया गया। सितम्बर 2008 में परवेज मुशर्रफ के स्थान पर आसिफ अली जरदारी को पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनाया गया। वर्तमान में पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार कार्यरत है।

प्रश्न 3. 
बांग्लादेश का निर्माण क्यों एवं कैसे हुआ? बांग्लादेश में लोकतन्त्रीय शासन की स्थापना की प्रक्रिया को विस्तार से बताइए।
अथवा
बांग्लादेश में लोकतन्त्र की स्थापना की चर्चा कीजिए।
अथवा 
बांग्लादेश में लोकतन्त्र के समक्ष चुनौतियों की व्याख्या कीजिए। (कोई चार) 
उत्तर:
बांग्लादेश का निर्माण क्यों एवं कैसे-सन् 1947 से सन् 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का एक अंग था; जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। ब्रिटिश शासन काल के दौरान बंगाल और असम के विभाजित हिस्सों से पूर्वी पाकिस्तान का यह क्षेत्र बना था, लेकिन अनेक कारणों से पूर्वी पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान की सरकार से नाराज थे। बांग्लादेश निर्माण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
(i) पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर उर्दू भाषा को लादना: पूर्वी पाकिस्तान के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे एवं अपने ऊपर उर्दू भाषा को थोपने के खिलाफ थे। 

(ii) बंगाली संस्कृति एवं भाषा के साथ दुर्व्यवहार: पाकिस्तान के निर्माण के तुरन्त बाद से ही पूर्वी पाकिस्तान के लोग पाकिस्तानी सरकार के बंगाली संस्कृति एवं भाषा के साथ किये जा रहे दुर्व्यवहार से नाराज थे। फलस्वरूप उन्होंने इसका विरोध करना प्रारम्भ कर दिया।

(ii) प्रशासन एवं राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की माँग: पूर्वी पाकिस्तान की जनता ने पाकिस्तान के प्रशासन में अपने क्षेत्र के न्यायोचित प्रतिनिधित्व एवं राजनीतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की मांग उठायी। पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभुत्व के विरुद्ध जन संघर्ष का नेतृत्व शेख मुजीबुर्रहमान ने किया। उन्होंने पूर्वी क्षेत्र के लिए स्वायत्तता की मांग की।

(iv) सन् 1970 के आम चुनावों में शेख मुजीबुर्रहमान की अवामी लीग पार्टी को बहुमत मिलना: सन् 1970 के आम चुनाव में शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी को पाकिस्तान की समस्त सीटों पर विजय प्राप्त हुई। अवामी लीग को सम्पूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा में बहुमत प्राप्त हो गया। लेकिन पाकिस्तान सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था; फलस्वरूप सरकार ने इस सभा को आहूत करने से इंकार कर दिया। शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया। जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पाकिस्तानी सेना ने बंगाली जनता के आन्दोलन को कुचलने की कोशिश की।

(v) भारत में शरणार्थियों की समस्या एवं भारत - पाक युद्ध सन् 1971: याहिया खान की सैनिक सरकार द्वारा बंगालियों के विद्रोह को कुचलने के प्रयास में हजारों लोग पाकिस्तानी सेना के हाथों मारे गये तथा अनेक लोग पूर्वी पाकिस्तान से भारत पलायन कर गये। भारत के समक्ष इन शरणार्थियों की देखभाल की समस्या खड़ी हो गयी। भारत सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान की जनता की आजादी की माँग का समर्थन किया तथा उन्हें वित्तीय एवं सैनिक सहायता प्रदान की। इसके परिणामस्वरूप सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई।

(vi) बांग्लादेश का निर्माण: भारत - पाकिस्तान के इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में आत्म - समर्पण कर दिया। इस प्रकार अप्रैल 1971 में एक स्वतन्त्र राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ। बांग्लादेश में लोकतन्त्र की स्थापना की प्रक्रिया
(i) संसदीय लोकतन्त्र की स्थापना-स्वतन्त्रता के तुरन्त पश्चात् स्वतन्त्र बांग्लादेश की सरकार का गठन हुआ। बांग्लादेश ने अपना एक संविधान बनाया जिसमें इसे धर्मनिरपेक्ष, लोकतान्त्रिक एवं समाजवादी देश घोषित किया गया।

(ii) संसदीय लोकतन्त्र के स्थान पर अध्यक्षीय लोकतन्त्र: सन् 1975 में शेख मुजीबुर्रहमान ने बांग्लादेश के संविधान में संशोधन कराया, जिसमें संसदीय शासन के स्थान पर अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को मान्यता दी गयी। शेख मुजीब ने अपनी पार्टी अवामी लीग को छोड़कर अन्य समस्त पार्टियों को समाप्त कर दिया, जिससे बांग्लादेश में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी। इस स्थिति में अगस्त 1975 में बांग्लादेशी सेना ने शेख मुजीब के विरुद्ध बगावत कर दी। सेना द्वारा शेख मुजीब की हत्या कर दी गयी।

(ii) सैनिक शासन की स्थापना: शेख मुजीब की हत्या के पश्चात् नये सैनिक शासक जियाउर्रहमान ने अपनी बांग्लादेश नेशनल पार्टी का निर्माण किया और सन् 1977 ई. के चुनाव में एच. एम. इरशाद के नेतृत्व में एक और सैनिक सरकार का गठन किया गया।

(iv) लोकतन्त्र स्थापना की माँग: सैनिक शासन की स्थापना के बावजूद बांग्लादेश में लोकतन्त्र की स्थापना की माँग निरन्तर उठती रही। लोकतन्त्र की स्थापना से सम्बन्धित आन्दोलन में छात्रों ने बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। लगातार विरोध को देखते हुए जनरल इरशाद ने बाध्य होकर राजनीतिक गतिविधियों की छूट दे दी। इसके स्थान पर जनरल इरशाद आगामी 5 वर्षों के लिए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। सन् 1990 ई. में जनता के व्यापक विरोध के आगे झुकते हुए लेफ्टिनेंट जनरल इरशाद को राष्ट्रपति के पद से त्यागपत्र देना पड़ा।

(v) पुनः लोकतन्त्र की स्थापना: सन् 1991 में बांग्लादेश में चुनाव हुए। इसके पश्चात् बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र आज तक स्थापित है। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 4. 
नेपाल में लोकतन्त्रीकरण की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक बताइए।
अथवा 
नेपाल में राजतन्त्र से लोकतन्त्र तक आने की यात्रा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
नेपाल भारत के उत्तर में बसा हुआ एक देश है। नेपाल अतीत में एक हिन्दू राष्ट्र था।
(i) नेपाल में संवैधानिक राजतन्त्र नेपाल में बहुत लम्बे समय तक संवैधानिक राजतन्त्र रहा है। संवैधानिक राजतन्त्र के दौर में नेपाल के राजनीतिक दलों एवं आम जनता ने उत्तरदायी शासन की माँग की, लेकिन राजा ने सेना की सहायता से शासन पर पूर्ण नियन्त्रण स्थापित कर लिया। इस तरह नेपाल में लोकतन्त्र की राह अवरुद्ध हो गयी।

(ii) लोकतन्त्र समर्थक आन्दोलन एवं संवैधानिक लोकतन्त्र की स्थापना: नेपाल में लोकतन्त्र की स्थापना हेतु आन्दोलन जारी रहा। मजबूत होकर राजा ने सन् 1990 ई. में लोकतान्त्रिक संविधान की माँग मान ली। इस प्रकार नेपाल में सन् 1905 में लोकतान्त्रिक सरकार का गठन हुआ। नेपाल में लोकतान्त्रिक सरकारों का कार्यक्रम बहुत छोटा व समस्याओं से भरा रही।

(ii) माओवादियों का शासन के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष: सन् 1990 ई. के दशक में नेपाल के माओवादियों ने नेपाल के अनेक हिस्सों में अपना नियन्त्रण स्थापित कर लिया। माओवादी राजा और सत्ताधारी अभियान के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह करना चाहते थे। इस कारण राजा की सेना एवं माओवादी गुरिल्लों के मध्य हिंसक लड़ाई छिड़ गई।

(iv) संवैधानिक लोकतन्त्र की समाप्ति: नेपाल में राजा की सेना, लोकतन्त्र समर्थकों एवं माओवादियों के बीच त्रिकोण पीय संघर्ष हुआ फलस्वरूप सन् 2002 में राजा ने संसद को भंग कर दिया और सरकार को गिरा दिया। इस प्रकार नेपाल में राजा ने लोकतन्त्र को पूर्णतः समाप्त कर दिया।

(v) लोकतन्त्र की बहाली: अप्रैल 2006 में नेपाल में देशव्यापी लोकतन्त्र समर्थक प्रदर्शन हुए। संघर्षरत लोकतन्त्र समर्थकों ने अपनी प्रथम बड़ी जीत तब हासिल की जब राजा ज्ञानेन्द्र ने संसद को बहाल कर दिया। इस संसद को अप्रैल 2002 में भंग कर दिया गया था।

इस आन्दोलन का नेतृत्व सात दलों के गठबन्धन (सेवेन पार्टी अलायन्स), माओवादी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया। नेपाल में लोकतन्त्र की आमद अब लगभग मुकम्मल हुई है। नेपाल का संविधान लिखने के लिए वहाँ संविधान-सभा का गठन किया गया। सन् 2008 में राजतन्त्र को खत्म कर नेपाल लोकतान्त्रिक गणराज्य बना तथा सन् 2015 में वहाँ नया संविधान अपनाया गया।

प्रश्न 5.
"श्रीलंका में जातिगत संघर्ष होते हुए भी लोकतान्त्रिक व्यवस्था कायम कर रखी है एवं अच्छी आर्थिक वृद्धि तथा मानव विकास के अच्छे स्तर को हासिल किया है।" व्याख्या कीजिए।
अथवा 
"स्वतन्त्रता के पश्चात् से जातीय संघर्ष होते हुए भी श्रीलंका ने आर्थिक वृद्धि तथा मानवीय विकास का उच्च स्तर प्राप्त किया है।" इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
श्रीलंका में जातीय संघर्ष तथा लोकतन्त्र सन् 1948 में इंग्लैण्ड की दासता से मुक्ति से लेकर अभी तक श्रीलंका में लोकतान्त्रिक व्यवस्था कायम है। परन्तु श्रीलंका को एक बड़ी चुनौती से सामना करने को बाध्य होना पड़ा। यह चुनौती सेना अथवा राजतन्त्र की न होकर जातीय संघर्ष की थी। जातीय संघर्ष करने वालों की माँग श्रीलंका के एक हिस्से को पृथक् राष्ट्र बनाये जाने की थी।
स्वतन्त्रता के बाद से ही देश की राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय के हितों का प्रतिनिधित्व करने का दबाव रहा।

ये लोग भारत से पलायन करके श्रीलंका में आकर रहने वाली एक बड़ी तमिल जनसंख्या के विरुद्ध है। सिंहली राष्ट्रवादियों की स्पष्ट मान्यता थी कि श्रीलंका में तमिलों के साथ किसी प्रकार की कोई रियायत (छूट) नहीं की जानी चाहिए क्योंकि श्रीलंका केवल सिंहली समुदाय का है। तमिलों के प्रति उपेक्षित व्यवहार की वजह से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज मुखर हुई।

सन् 1983 के पश्चात् उग्र तमिल संगठन 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' अर्थात् लिट्टे ने श्रीलंकाई सैन्य बलों के साथ सशस्त्र संघर्ष का बिगुल बजाया। इसने 'तमिल ईलम' अर्थात् श्रीलंकाई तमिलों हेतु एक पृथक् देश की माँग की। श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी हिस्से पर लिट्टे ने अपना नियन्त्रण जमा लिया। श्रीलंकाई समस्या भारतवंशी लोगों से सम्बद्ध थी। अतः भारत की तमिल जनता का केन्द्र सरकार पर भारी दबाव था कि वह श्रीलंकाई तमिलों के हितों की सुरक्षा करे। भारत सरकार ने समय - समय पर तमिलों के प्रश्न पर श्रीलंकाई सरकार से वार्ताओं का प्रत्येक सम्भव प्रयास किया।

सन् 1987 में भारत सरकार श्रीलंकाई तमिल मसले में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हुई। देश की केन्द्रीय सरकार ने श्रीलंका से एक समझौता किया और श्रीलंकाई सरकार एवं तमिलों के मध्य सम्बन्धों को सामान्य करने के लिए भारतीय सैन्य बलों को उनके यहाँ भेजा। अन्ततः भारत की सैन्य टुकड़ी लिट्टे के साथ संघर्ष में फंस गई। भारतीय सैन्य बलों की उपस्थिति को श्रीलंका के जनसामान्य ने भी कुछ विशेष पसन्द नहीं किया। श्रीलंकाई लोगों ने समझा कि भारत उसके आन्तरिक मामलों में बिना मतलब के हस्तक्षेप कर रहा है। सन् 1989 में भारत ने अपनी शान्ति सेना लक्ष्य हासिल किये बिना ही वापस बुला ली।

इस श्रीलंकाई संकट का हिंसक चरित्र निरन्तर जारी है। हालांकि अन्तर्राष्ट्रीय मध्यस्थ के रूप में नार्वे तथा आइसलैण्ड जैसे स्केंडिनेवियाई देश युद्धरत दोनों पक्षों को पुनः परस्पर वार्ता हेतु सहमत कर रहे हैं। श्रीलंका का भविष्य इन्हीं वार्ताओं पर निर्भर करेगा। यहाँ परं यह तथ्य स्मरणीय है कि सन् 2009 में लिट्टे का सफाया कर दिया गया है और अब श्रीलंका में पूर्ण शान्ति का दौर प्रारम्भ हो चुका है।

आर्थिक वृद्धि एवं मानव विकास की स्थिति लगातार लम्बी समयावधि तक संघर्षों की चपेट में होने के बावजूद श्रीलंका ने श्रेष्ठ आर्थिक वृद्धि तथा विकास के उच्च स्तर को हासिल किया। जनसंख्या वृद्धि दर पर सफलतापूर्वक अंकुश लगाने वाले विकासशील देशों में श्रीलंका पहले स्थान पर है। 

दक्षिण एशिया के देशों में सबसे पहली बार श्रीलंका ने ही अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया। गृहयुद्ध की आग से गुजरने के बावजूद अनेक वर्षों से श्रीलंका का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण एशिया में सर्वाधिक रहा। यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि आन्तरिक संघर्ष के तूफानों का सामना करके भी श्रीलंका ने देश में लोकतान्त्रिक व्यवस्था निरन्तर बनाये रखी है।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 6. 
श्रीलंका के जातीय संघर्ष का वर्णन करते हुए बताइए कि श्रीलंका के जातीय संघर्ष में किसकी भूमिका प्रमुख थी? 
अथवा 
श्रीलंका के जातीय संघर्ष का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा 
श्रीलंका के जातीय संघर्ष की व्याख्या कीजिए। इस संघर्ष का समाधान निकालने में भारत ने श्रीलंका की सहायतार्थ क्या योगदान दिया?
उत्तर:
श्रीलंका में जातीय संघर्ष-श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल प्रमुख भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। उनके संगठन लिट्टे की हिंसात्मक कार्यवाहियों तथा आन्दोलन की वजह से श्रीलंका को जातीय संघर्ष का सामना करना पड़ा। लिट्टे की प्रमुख माँग है कि श्रीलंका के एक क्षेत्र को अलग राष्ट्र को अलग राष्ट्र बनाया जाए। श्रीलंकाई राजनीति पर बहुसंख्यक सिंहली समुदाय का वर्चस्व रहा है और तमिल सरकार एवं राजनेताओं पर उनके हितों को अनदेखी किया जाने का दोषारोपण किया गया। सिंहली राष्ट्रवादियों की मान्यता है कि श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियासत नहीं की जानी चाहिए क्योंकि श्रीलंका केवल सिंहली लोगों का है।

तमिलों के प्रति उपेक्षित व्यवहार से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलन्द हुई। सन् 1983 के पश्चात् उग्र तमिल संगठन 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (लिट्टे) देश की सेना के साथ सशस्त्र संघर्षरत है। इसने तमिल ईलम अर्थात् श्रीलंकाई तमिलों हेतु एक पृथक् देश की माँग कर डाली। सन् 2009 में श्रीलंकाई सरकार द्वारा लिट्टे का सफाया करने के साथ ही सशस्त्र संघर्ष समाप्त हो गया।

श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भूमिका - भारतीय मूल के तमिल निवासियों को ब्रिटिश सरकार मजदूरों के रूप में तमिलनाडु से श्रीलंका ले गयी। ये तमिल श्रीलंका में रहने वाले तमिलों से भिन्न हैं। तमिलों ने श्रीलंका में नागरिकता की माँग रखी। सन् 1948 में नागरिकता कानून पास किया गया। इस कानून के तहत कुछ ही तमिल नागरिकता प्राप्त कर सके।

श्रीलंका के जातीय संघर्ष में भारतीय मूल के तमिल प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। सन् 1976 में तमिल यूनाइटेड लिबरेशन फ्रण्ट की स्थापना की गयी; जिसने तमिल राज्य ईलम की माँग की। तत्पश्चात् सरकार ने इन्हें कुछ सुविधाएँ दीं, दुष्परिणामस्वरूप सन् 1972 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) का निर्माण हो गया। लिट्टे ने श्रीलंका में हिंसात्मक गतिविधियाँ अपनायीं। इसने श्रीलंका में कुछ सीमा तक सफलता भी प्राप्त की।

सन् 1987 में भारतीय सरकार श्रीलंका में तमिल मसले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुई। भारतीय सेना लिट्टे के साथ संघर्ष में फंस गयी। भारतीय सेना की उपस्थिति को श्रीलंका की जनता ने भी कुछ खास पसन्द नहीं किया। सन् 1989 में भारत ने अपनी 'शान्ति सेना' लक्ष्य हासिल किये बिना वापस बुला ली। 23 फरवरी, 2002 को श्रीलंका की सरकार और लिट्टे के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ। लिट्टे की सफलता का भारत पर काफी प्रभाव पड़ा। 

प्रश्न 7. 
भारत के नेपाल व श्रीलंका के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए। 
उत्तर:
भारत - नेपाल सम्बन्ध:

भारत और नेपाल इतने निकट और घनिष्ठ पड़ोसी देश हैं कि कई बार लोग नेपाल को विदेश मानने को तैयार नहीं होते। नेपाल ऐसा अकेला विदेशी राष्ट्र है; जिसके नागरिक भारतीय सेना में भर्ती किये जा सकते हैं। नेपाल भारत के उत्तर में बसा है। भारत के साथ इसके सांस्कृतिक, धार्मिक व भौगोलिक दृष्टिकोण से निकट के सम्बन्ध हैं। सन् 1960 में नेपाल में महाराजा ने वहाँ की संसद को भंग कर सभी नेताओं को जेलों में बन्द कर दिया। नेहरू जी ने कहा कि नेपाल में लोकतन्त्र समाप्त हो गया। इस वातावरण से भारत - नेपाल सम्बन्धों में कटुता पैदा हो गई। सन् 1975 में नेपाल नरेश के भारत आगमन पर दोनों देशों के बीच सम्बन्धों में सुधार हुआ।

सन् 1983 के गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में नेपाल नरेश ने भारत की विदेश नीति का समर्थन किया। सन् 1991 में भारत और नेपाल के मध्य पाँच समझौते हुए। सन् 1996 में महाकाली बेसिन विकास परियोजना निर्माण सम्बन्धी समझौता हुआ। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भारत और नेपाल के बीच मधुर सम्बन्ध हैं और दोनों देशों के बीच एक सन्धि हुई है। इस सन्धि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक - दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट और वीजा के आ-जा सकते हैं और काम कर सकते हैं। अतीत में व्यापार से सम्बन्धित मनमुटाव भी पैदा हुए हैं। नेपाल-चीन के सम्बन्धों से भी भारत अप्रसन्न रहता है। 

साथ ही नेपाल सरकार भारत विरोधी तत्त्वों का विरोध नहीं करती। नेपाल में बहुत से लोग यह सोचते हैं कि भारत की सरकार नेपाल के अन्दरूनी मामलों में दखल दे रही है और उसके नदी जल तथा पनबिजली पर आँख गढ़ाए हुए है। नेपाल को लगता है कि भारत उसे अपने भू-क्षेत्र से होकर समुद्र तक पहुँचने से रोकता है। बहरहाल, भारत - नेपाल के सम्बन्ध एकदम मजबूत एवं शान्तिपूर्ण हैं। विभेदों के बावजूद दोनों देश व्यापार, वैज्ञानिक सहयोग, साझे संसाधन, बिजली उत्पादन और जल प्रबन्धन ग्रिड के मसले पर एक साथ हैं। नेपाल में लोकतन्त्र की बहाली से दोनों देशों के बीच सम्बन्धों के और मजबूत एवं मधुर होने की आशा बँधी है।

भारत व श्रीलंका के सम्बन्ध: श्रीलंका भारत के दक्षिण में स्थित एक पड़ोसी देश है। भारत और श्रीलंका की सरकारों के सम्बन्धों में तनाव इस द्वीप में जारी जातीय संघर्ष को लेकर रहा, तथापि सन् 1987 में सैन्य हस्तक्षेप के पश्चात् से भारतीय सरकार श्रीलंका के अंदरूनी मामलों में असंलग्नता की नीति अपनाए हुए है। भारत, सरकार ने श्रीलंका के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

इससे दोनों देशों के मध्य सम्बन्धों में मजबूती आयी है। भारत व श्रीलंका ने दक्षिणी एशिया की राजनीति में एक-दूसरे का महत्त्व पहचाना है और उसी के अनुसार अपने सम्बन्धों में सुधार किया है। आज श्रीलंका व भारत दोनों के मध्य मधुर सम्बन्ध हैं। इन्हीं सम्बन्धों में प्रगाढ़ता लाते हुए भारत श्रीलंका के सुख-दुख में सम्मिलित हुआ है। श्रीलंका में सुनामी से हुई तबाही के बाद के पुनर्निर्माण कार्यों में भारत ने यथासम्भव मदद प्रदान की है, जिससे दोनों देश एक - दूसरे के नजदीक आये हैं। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 8. 
दक्षेस (साक) क्या है? दक्षिण एशिया की शान्ति व सहयोग में इसका क्या योगदान है?
उत्तर:
दक्षेस (साक) दक्षेस से आशय है: दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (साउथ एशियन एसोशियन फॉर रिजनल कोऑपरेशन)। यह दक्षिण एशिया के आठ देशों (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव, श्रीलंका एवं अफगानिस्तान) का एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना इन देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से की है। सार्क की स्थापना दिसम्बर 1985 में की गयी। सार्क की स्थापना में बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर्रहमान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

प्रारम्भ में सार्क में सात देश सम्मिलित थे। सन् 2007 में अफगानिस्तान भी सार्क के आठवें सदस्य के रूप में सम्मिलित हो गया। सार्क का स्थायी मुख्यालय काठमांडू (नेपाल) में है। दक्षेस, दक्षिण एशियाई देशों द्वारा बहुस्तरीय साधनों से आपस में सहयोग करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। सार्क की स्थापना के साथ ही दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई एवं सदस्य राष्ट्रों ने आपसी सहयोग का संकल्प लिया। 

दक्षिण एशिया की शान्ति व सहयोग में सार्क का योगदान:
(i) सार्क ने अपने आठों सदस्य देशों को एक - दूसरे के नजदीक लाने का कार्य किया है, जिससे उनमें दिखाई देने वाला तनाव कम हुआ है। दक्षेस के सहयोग से भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव में कमी आयी है और दोनों देश युद्ध के जोखिम कम करने के लिए विश्वास बहाली के उपाय करने पर सहमत हो गये हैं।

(ii) दक्षेस के कारण इस क्षेत्र के देशों की थोड़े - थोड़े अन्तराल पर आपसी बैठकें होती रहती हैं, जिससे उनके छोटे-मोटे मतभेद अपने आप आसानी से सुलझ रहे हैं एवं इन देशों में अपनापन विकसित हुआ है।

(iii) दक्षेस के माध्यम से इस क्षेत्र के देशों ने अपने आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सामूहिक आत्मनिर्भरता पर बल दिया है। जिससे विदेशी शक्तियों का इस क्षेत्र में प्रभाव कम हुआ है। ये देश अब अपने को अधिक स्वतन्त्र महसूस करने लगे हैं। 

(iv) द्रक्षेस ने एक संरक्षित अन्न भण्डार की स्थापना की है जो इस क्षेत्र के देशों की आत्मनिर्भरता की भावना के प्रबल होने का सूचक है।

(v) दक्षेस के सदस्य देशों ने सन् 2004 में दक्षिणी एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते (SAFTA) पर हस्ताक्षर किये हैं। इस समझौते में सम्पूर्ण दक्षिणी एशिया के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का वायदा है। यदि दक्षिण एशिया के सभी देश अपनी सीमा - रेखा के आर - पार मुक्त व्यापार पर सहमत हो जाएँ तो इस क्षेत्र में शान्ति और सहयोग के एक नये अध्याय की शुरुआत हो सकती है। यह समझौता 1 जनवरी, 2006 से प्रभावी हो गया। इस समझौते के अन्तर्गत दक्षेस देशों के मध्य आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क को सन् 2007 तक 20 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा गया था।

(vi) दक्षेस के सहयोग से 1 जनवरी, 2006 से प्रभावी दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) से भारत सहित समस्त दक्षिण एशियाई देशों को लाभ हुआ है और क्षेत्र में मुक्त व्यापार बढ़ने से राजनीतिक मामलों पर सहयोग में वृद्धि हुई है।

स्रोत पर आधारित प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए अवतरण का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए तथा उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
दक्षिण एशिया में लोकतन्त्र का रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है। इसके बावजूद दक्षिण एशियाई देशों की जनता लोकतन्त्र की आकांक्षाओं में सहभागी है। इस क्षेत्र के पाँच बड़े देशों में हाल में ही एक सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण से यह बात ज़ाहिर हुई कि इन पाँच बड़े देशों में लोकतन्त्र को व्यापक जन - समर्थन हासिल है। इन देशों में हर वर्ग और धर्म के आम नागरिक-लोकतन्त्र को अच्छा मानते हैं और प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र की संस्थाओं का समर्थन करते हैं। इन देशों के लोग शासन की किसी और प्रणाली की अपेक्षा लोकतन्त्र को वरीयता देते हैं और मानते हैं कि उनके देश के लिए लोकतन्त्र ही ठीक है। ये निष्कर्ष बड़े महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि पहले से माना जाता रहा है कि लोकतन्त्र सिर्फ विश्व के धनी देशों में फल-फूल सकता है। इस लिहाज से देखें तो दक्षिण एशिया के लोकतन्त्र के अनुभवों से लोकतन्त्र की वैश्विक कल्पना का दायरा बढ़ा है।
(i) प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र की लोकप्रियता का आकलन कीजिए। 
(ii) दक्षिण एशिया के पाँच बड़े देशों में लोकतन्त्र को व्यापक समर्थन मिलने के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
(ii) आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं कि लोकतन्त्र विश्व के धनी देशों में फल-फूल सकता है ?
उत्तर:
(i) दक्षिण एशियाई देशों में लोकतन्त्र की लोकप्रियता की पुष्टि इस क्षेत्र के पाँच बड़े देशों में किए गए एक सर्वेक्षण से होती है। इस सर्वेक्षण में इन पाँचों देशों की जनता ने लोकतन्त्र के लिए व्यापक जन समर्थन प्रदान किया है।

(ii) दक्षिण एशिया के पाँच बड़े देशों में किए गए एक सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि इन देशों में लोकतन्त्र को व्यापक समर्थन मिलता है। इन देशों के लोग शासन की किसी अन्य प्रणाली की अपेक्षा लोकतन्त्र को वरीयता देते हैं। उनका मत है कि उनके देश के लिए लोकतन्त्र ही सही है।

(iii) मैं पूरी तरह इस बात से असहमत हूँ कि लोकतन्त्र केवल विश्व के धनी देशों में ही फल-फूल सकता है। इस बात की पुष्टि दक्षिण एशिया के देशों में हुए सर्वेक्षण से भी होती है। दक्षिण एशिया के देश विश्व में धनी देश नहीं माने जाते हैं। इसके बाद भी यहाँ जनता के बीच लोकतन्त्र की लोकप्रियता व्यापक है। देशों की जनता अपने ऊपर शासन के लिए प्रतिनिधिमूलक लोकतन्त्र को अच्छा मानती है, तो इस तर्क से उपरोक्त कथन पूर्णतः गलत साबित होता है।

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित ऊद्धरण का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए तथा उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए पाकिस्तान में लोकतान्त्रिक शासन चले-इसके लिए कोई खास अंतर्राष्ट्रीय समर्थन नहीं मिलता। इस वजह से भी सेना को अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए बढ़ावा मिला है। अमरीका तथा अन्य पश्चिमी देशों ने अपने-अपने स्वार्थों से गुज़रे वक्त में पाकिस्तान में सैनिक शासन को बढ़ावा दिया। इन देशों को उस आतंकवाद से डर लगता है जिसे ये देश 'विश्वव्यापी इस्लामी आतंकवाद' कहते हैं। इन देशों को यह भी डर सताता है कि पाकिस्तान के परमाण्विक हथियार कहीं इन आतंकवादी समूहों के हाथ न लग जाएँ। इन बातों के मद्देनजर पाकिस्तान को ये देश पश्चिम तथा दक्षिण एशिया में पश्चिमी हितों का रखवाला मानते हैं।
(i) विश्वव्यापी इस्लामी आतंकवाद' से क्या अभिप्राय है? 
(ii) पाकिस्तान को लोकतान्त्रिक शासन के लिए उचित अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन क्यों नहीं मिला?
(iii) पाकिस्तान के सैनिक शासन को पश्चिम तथा दक्षिण एशिया में, पश्चिमी देशों के हितों का रखवाला क्यों समझा जाता था?
उत्तर:
(i) समस्त विश्व में इस्लाम की रक्षा या स्थापना के नाम पर संगठित आतंकवादी घटनाओं तथा संगठन के विश्वव्यापी प्रसार को 'विश्वव्यापी इस्लामी आतंकवाद' कहते हैं। 

(ii) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ताकतवर अमेरिका तथा अन्य पश्चिमी देशों के अपने - अपने निजी स्वार्थों के कारण पाकिस्तान को लोकतान्त्रिक शासन के लिए उचित अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल पाया।

(iii) पाकिस्तान के सैनिक शासन को 'पश्चिम' तथा दक्षिण एशिया में, पश्चिमी देशों के हितों का रखवाला इसलिए समझा जाता था क्योंकि वह इन देशों के लिए अच्छी तरह इस्तेमाल होने के लिए तैयार रहता है। साथ ही इन देशों को डर रहता है कि कहीं पाकिस्तान के परमाण्विक हथियार आतंकवादी समूहों के हाथ न लग जाएँ। 

प्रश्न 3.
नीचे दिए गए कार्टून का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए तथा उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया 2

(i) इस कार्टून से सम्बन्धित दर्शाए गए देश को पहचानिए।
(ii) इस देश में चल रही शासन प्रणाली का मूल्यांकन कीजिए।
(iii) भारत की शासन व्यवस्था कार्टून से सम्बन्धित देश की शासन व्यवस्था से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर:

  1. पाकिस्तान
  2. सैनिक एवं लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली
  3. पाकिस्तान लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था  - सैनिक एवं लोकतान्त्रिक व्यवस्था
  4. संघात्मक संसदीय गणराज्य -संघात्मक संसदीय गणराज्य
  5. अंग्रेजी मॉडल के आधार पर आम - इस्लामी कानून के प्रभाव के साथ आम
  6. कानून प्रणाली, न्यायिक पुनरावलोकन - कानून प्रणाली 


मानचित्र पर आधारित प्रश्न:

प्रश्न 1.
RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया 1
ऊपर दिए गए दक्षिण एशिया के रेखा - मानचित्र में, पाँच देशों को A, B, C, D तथा E द्वारा दर्शाया गया है। नीचे दी गई जानकारी के आधार पर इनकी पहचान कीजिए और उत्तर पुस्तिका में उनके सही नामों के साथ, प्रयोग की गई जानकारी की क्रम संख्या तथा सम्बन्धित अक्षर भी नीचे दी गई तालिका के रूप में लिखिए।

प्रयोग की गई सूचना का क्रमांक

सम्बनित अध्र

देश का नाम

(i) एक महत्त्वपूर्ण देश परन्तु उसे दक्षिण एशिया का भाग नहीं समझा जाता।

 

 

(ii) इस देश में लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफल रही है।

 

 

(iii) इस देश में सैनिक तथा असैनिक दोनों प्रकार के शासक रहे हैं।

 

 

(iv) वह देश जहाँ संवैधानिक राजतन्त्र रहा है।

 

 

उत्तर:

प्रयोग की गई सूचना का क्रमांक

सम्बनित अध्र

देश का नाम

(i) एक महत्त्वपूर्ण देश परन्तु उसे दक्षिण एशिया का भाग नहीं समझा जाता।

 B

चीन

(ii) इस देश में लोकतान्त्रिक व्यवस्था सफल रही है।

 D

श्रीलंका

(iii) इस देश में सैनिक तथा असैनिक दोनों प्रकार के शासक रहे हैं।

 C

पाकिस्तान

(iv) वह देश जहाँ संवैधानिक राजतन्त्र रहा है।

 E

नेपाल


विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये इस अध्याय से सम्बन्धित प्रश्न:

प्रश्न 1. 
पाकिस्तान के साथ 'सिन्धु जल समझौते' के अन्तर्गत भारत का किन नदियों पर अनन्य अधिकार है?
(अ) चेनाब, रावी, व्यास।
(ब) रावी, व्यास, सतलज 
(स) व्यास, सतलज, झेलम
(द) रावी, चेनाव, झेलम। 
उत्तर:
(द) रावी, चेनाव, झेलम। 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 2. 
नीचे दो अभिकथन दिए गए हैं जिसमें से एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को तर्क (R) कहा गया है
अभिकथन (A): भारत व पाकिस्तान ने शिमला समझौते पर 1972 में हस्ताक्षर किए थे। 
तर्क (R) : इस समझौते में कहा गया है कि दोनों देश अपने विवादों को अन्य देशों की मध्यस्थता से सुलझाएंगें सही विकल्प चुनें
(अ) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। 
(ब) (A) और (R) दोनों सही हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है। 
(स) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(द) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है। 
उत्तर:
(ब) (A) और (R) दोनों सही हैं लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है। 

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित में से कौन - से दो कथन कश्मीर को लेकर भारत-पाक सम्बन्धों के बारे में सही हैं?
(1) सुरक्षा परिषद् ने वर्ष 1948 में पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की थी। 
(2) ए. बी. वाजपेयी और परवेज मुशर्रफ के बीच वर्ष 2004 में इस्लामाबाद में एक शिखर सम्मेलन हुआ था। 
(3) युद्धविराम रेखा के आर-पार एक बस सेवा का शुभारम्भ वर्ष 2006 में हुआ था। 
(4) वर्ष 2007 में समझौता एक्सप्रेस पर आतंकवादी हमला हुआ था। सही विकल्प का चयन कीजिए
(अ) (1) और (2)
(ब) (1) और (3) 
(स) (1) और (4)
(द) (3) और (4)। 
उत्तर:
(द) (3) और (4)। 

प्रश्न 4. 
सार्क (वक्षेस) का गठन कब हुआ? 
(अ) दिसम्बर, 1985
(ब) दिसम्बर, 1980 
(स) जुलाई, 1987
(द) सितम्बर, 1998
उत्तर:
(ब) दिसम्बर, 1980 

प्रश्न 5. 
सार्क (दक्षेस) सचिवालय कहाँ स्थित है?
(अ) नई दिल्ली
(ब) काठमांडू 
(स) ढाका
(द) इस्लामाबाद। 
उत्तर:
(द) इस्लामाबाद। 

प्रश्न 6. 
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का परिणाम हुआ
(अ) भारत - पाकिस्तान गतिरोध 
(ब) बांग्लादेश का उदय 
(स) शरणार्थियों की वापसी
(द) भारत - अफगानिस्तान व्यापार का खुलना। 
उत्तर:
(ब) बांग्लादेश का उदय 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 7. 
दक्षेस की स्थापना का विचार किसने प्रस्तावित किया?
(अ) बांग्लादेश के राष्ट्रपति जिला-उल रहमान 
(ब) प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी 
(स) पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक
(द) नेपाल नरेश महेन्द्र। 
उत्तर:
(स) पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक

प्रश्न 8. 
दक्षेस का इन देशों में से कौन सदस्य नहीं है?
(अ) नेपाल
(ब) मॉरीशस 
(स) बांग्लादेश
(द) भूटान। 
उत्तर:
(स) बांग्लादेश

प्रश्न 9. 
निम्नलिखित में से कौन - सा देश 'सार्क' का सदस्य नहीं है?
(अ) मालदीव
(ब) म्यांमार 
(स) नेपाल
(द) अफगानिस्तान। 
उत्तर:
(द) अफगानिस्तान। 

प्रश्न 10. 
'ताशकन्द समझौते' का सम्बन्ध जिससे है, वह है
(अ) भारत - पाकिस्तान युद्ध, 1965
(ब) भारत पाकिस्तान युद्ध, 1971 
(स) भारत - चीन युद्ध, 1962
(द) भारत - बांग्लादेश समझौता। 
उत्तर:
(अ) भारत - पाकिस्तान युद्ध, 1965

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 5 समकालीन दक्षिण एशिया

प्रश्न 11. 
सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र जिनके बीच तनाव का कारण है, वे हैं
(अ) भारत और श्रीलंका
(ब) भारत और बांग्लादेश 
(स) भारत और नेपाल
(द) भारत और पाकिस्तान। 
उत्तर:
(द) भारत और पाकिस्तान। 

प्रश्न 12. 
निम्नलिखित में से कौन - सा एक भारत - पाकिस्तान विवाद नहीं है?
(अ) सियाचिन विवाद
(ब) सरक्रीक विवाद 
(स) क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद
(द) दाहाग्राम विवाद। 
उत्तर:
(अ) सियाचिन विवाद

प्रश्न 13. 
भारत और नेपाल ने संशोधित दोहरा करारोपण परिहार समझौता कब हस्ताक्षरित किया था?
(अ) 2011
(ब) 2012 
(स) 2010
(द) 2009. 
उत्तर:
(ब) 2012 

प्रश्न 14. 
भारत - श्रीलंका समझौते का मुख्य प्रयोजन था
(अ) तमिलों के विरुद्ध भारत का युद्ध 
(ब) श्रीलंका का विभाजन करने का भारत का इरादा 
(स) सिंहली और तमिलों के बीच सजाति विषयक संघर्ष समाप्त करना
(द) तमिल मिलिटेन्ट ग्रुपों का वैधीकरण करना। 
उत्तर:
(स) सिंहली और तमिलों के बीच सजाति विषयक संघर्ष समाप्त करना

प्रश्न 15. 
सरक्रीक विवाद किन दो देशों के मध्य है?
(अ) भारत - पाकिस्तान
(ब) अफगानिस्तान - पाकिस्तान 
(स) चीन - भारत
(द) भारत - बांग्लादेश। 
उत्तर:
(स) चीन - भारत

Prasanna
Last Updated on Jan. 16, 2024, 9:21 a.m.
Published Jan. 15, 2024