RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र

Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र

वस्तुनिष्ठ प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
मार्च 1957 में अपनी स्थापना के समय यूरोपीय संघ का नाम था। 
(अ) आर्थिक समुदाय
(ब) यूरोपीय आर्थिक समुदाय 
(स) यूरोपीय संघ
(द) यूरोप का इस्पात एवं कोयला समुदाय। 
उत्तर:
(ब) यूरोपीय आर्थिक समुदाय 

RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र 

प्रश्न 2. 
यूरोपीय संघ के गठन के लिए मास्ट्रिस्ट सन्धि पर कब हस्ताक्षर हुए?
अ) 6 नवम्बर, 1976
(ब) 1 जुलाई, 1999 
(स) फरवरी, 1992
(द) मई, 2004. 
उत्तर:
(द) मई, 2004. 

प्रश्न 3. 
यूरोपीय संघ के झण्डे में सितारों की संख्या है। 
(अ) 1
(ब) 2 
(स) 12
(द) 26. 
उत्तर:
(स) 12

प्रश्न 4. 
यूरोपीय संघ की मुद्रा है।  
(अ) डॉलर
(ब) दीनार 
(स) यूरो
(द) पौंड। 
उत्तर:
(स) यूरो

प्रश्न 5. 
दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन कहलाता है। 
(अ) आसियान
(ब) सार्क
(स) नाटो
(द) सेन्टो। 
उत्तर:
(अ) आसियान

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प्रश्न 6. 
निम्नलिखित में से कौन-सा देश आसियान' का सदस्य देश है? 
(अ) फ्रांस
(ब) भारत 
(स) इंग्लैंड
(द) इंडोनेशिया। 
उत्तर:
(ब) भारत 

प्रश्न 7. 
निम्न में से किस देश ने सर्वप्रथम 'खुले द्वार' की नीति अपनायी? 
(अ) जापान
(ब) अमेरिका 
(स) दक्षिण कोरिया
(द) चीन। 
उत्तर:
(द) चीन। 

अतिलय उत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
यूरोपीय देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था की बर्बादी कब तक झेली? 
उत्तर:
सन् 1945 तक। 

प्रश्न 2. 
मार्शल योजना क्या है?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए जबर्दस्त सहायता की। इसे मार्शल - योजना के नाम से जाना जाता है। 

प्रश्न 3. 
किस योजना के तहत सन् 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गयी ?
अथवा 
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने किस योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहयोग दिया ?
उत्तर:
मार्शल योजना के तहत। 

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प्रश्न 4. 
यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब की गई? 
उत्तर:
सन् 1948 में। 

प्रश्न 5. 
यूरोपियन इकॉनोमिक कम्युनिटी का गठन कब हुआ? 
उत्तर:
सन् 1957 में। 

प्रश्न 6. 
सन् 1992 में किस क्षेत्रीय संगठन का गठन हुआ? 
उत्तर:
यूरोपीय संघ। 

प्रश्न 7. 
किस क्षेत्रीय संगठन के झण्डे में सोने के रंग के सितारों का घेरा है? इसमें कितने सितारे हैं?
उत्तर:
यूरोपीय संघ, 12 सितारे। 

प्रश्न 8. 
यूरोपीय संघ के दो सदस्य देशों के नाम लिखिए जो संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य
उत्तर:

  1. ग्रेट ब्रिटेन, 
  2. फ्रांस।

प्रश्न 9. 
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमन्त्री मार्गरेट थैचर ने ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार से अलग रखा। इस निर्णय के पीछे क्या कारण था?
उत्तर:
यूरोप के कुछ हिस्सों में यूरो को लागू करने के कार्यक्रम को लेकर काफी नाराजगी होना। 

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प्रश्न 10. 
'आसियान' का विस्तृत रूप लिखिए।
उत्तर:
आसियान - दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन। 

प्रश्न 11. 
आसियान की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
सन् 1967 में आसियान की स्थापना हुई।

प्रश्न 12. 
सन् 1967 में किन-किन देशों ने बैंकाक घोषणा - पत्र पर हस्ताक्षर करके 'आसियान' की स्थापना की?
अथवा 
आसियान के दो संस्थापक सदस्य राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. इण्डोनेशिया, 
  2. मलेशिया, 
  3. फिलीपींस, 
  4. सिंगापुर, 
  5. थाईलैण्ड। 

प्रश्न 13. 
आसियान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?
अथवा
आसियान (ए.एस.ई.ए.एन) की स्थापना क्यों की गई?
उत्तर:
आसियान की स्थापना का उद्देश्य मुख्य रूप से आर्थिक विकास को तेज करना तथा उसके माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना था।

प्रश्न 14. 
आसियान शैली किसे कहा जाता है?
अथवा
आसियान शैली' का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आसियान देशों की अनौपचारिक टकराव रहित एवं सहयोगात्मक मेल-मिलाप की नीति को आसियान शैली कहा जाता है।

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प्रश्न 15. 
भारत ने 'पूरब की ओर चलो' की नीति कब अपनायी? 
उत्तर:
सन् 1991 में। 

प्रश्न 16. 
चीन में साम्यवादी क्रान्ति कब व किसके नेतृत्व में हुई? 
उत्तर:
चीन में साम्यवादी क्रान्ति सन् 1949 में माओ के नेतृत्व में हुई। 

प्रश्न 17. 
चीनी जनवादी गणराज्य की स्थापना के समय चीन की अर्थव्यवस्था किस मॉडल पर आधारित थी? 
उत्तर:
सोवियत मॉडल पर। 

प्रश्न 18. 
चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका से कब सम्बन्ध स्थापित करना प्रारम्भ किया? 
उत्तर:
सन् 1972 में। 

प्रश्न 19. 
चीन में आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति की घोषणा कब की गयी? 
उत्तर:
सन् 1978 में। 

प्रश्न 20. 
किस चीनी नेता ने चीन में खुले द्वार की नीति की घोषणा की? 
उत्तर:
देंग श्याओपेंग ने। 

प्रश्न 21. 
चीन में उद्योगों का निजीकरण कब किया गया? 
उत्तर:
सन् 1998 में। 

प्रश्न 22. 
विश्व स्तर पर हुए किस महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम के पश्चात् भारत - चीन सम्बन्धों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया? 
उत्तर:
शीतयुद्ध की समाप्ति के पश्चात्।

प्रश्न 23. 
शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद भारत-चीन सम्बन्धों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया। ऐसे किसी एक बदलाव की पहचान कीजिए।
उत्तर:
दोनों देशों द्वारा 1981 में सीमा विवादों को दूर करने के लिए वार्ताओं की श्रृंखलाओं का शुरू किया जाना। 

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प्रश्न 24. 
भारत और चीन के बीच सबसे बड़ा मुद्दा क्या रहा है?
उत्तर:
वैचारिक मुद्दों की जगह व्यावहारिक मुद्दे प्रमुख होते गए हैं। 

ला जागत्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
मार्शल योजना क्या थी? इसने यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन के गठन का रास्ता कैसे बनाया ?
उत्तर:
अमेरिकी विदेश मन्त्री मे नाम से प्रसिद्ध मार्शल: योजना संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा द्वित्तीय विश्वयुद्ध के पश्चात् बनायी गयी थी ताकि यूरोपीय देशों को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान खराब हुई अर्थव्यवस्था को पुनर्गठित किया जा सके। मार्शल-योजना के अन्तर्गत ही सन् 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गयी; जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।

प्रश्न 2. 
यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन क्या है?
अथवा
यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना कब व किन उद्देश्यों को लेकर की गयी? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना सन् 1948 ई. में अमेरिकी विदेश मन्त्री मार्शल के द्वारा प्रस्तुत योजना के आधार पर की गयी थी। इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य पश्चिमी यूरोप के देशों की आर्थिक मदद करना था। इस संगठन ने एक ऐसा मंच प्रस्तुत किया; जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार और आर्थिक मामलों में एक-दूसरे की सहायता की। 

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प्रश्न 3. 
यूरोप संघ के निर्माण के कारणों को संक्षेप में बताइए।
अथवा यूरोपीय संघ क्या है? इसके गठन का क्या कारण था?
उत्तर:
यूरोपीय संघ यूरोप के देशों का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसकी स्थापना फरवरी, 1992 में हुई थी। इसका राजनैतिक, आर्थिक, सैनिक एवं कूटनीतिक रूप से विश्व राजनीति में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
यूरोपीय संघ के निर्माण (गठन) के कारण:

  1. यूरोप के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए। 
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका की आर्थिक शक्ति से मुकाबला करने के लिए। 

प्रश्न 4. 
यूरोपीय संघ पश्चिमी देशों के मध्य आर्थिक मामलों में एक मंच कैसे बना? 
उत्तर:
यूरोपीय संघ यूरोप के देशों का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसकी स्थापना सन् 1992 में की गई। यूरोपीय संघ ने सम्पूर्ण यूरोप में समान विदेश नीति, आन्तरिक मामलों एवं न्याय से जुड़े मुद्दों पर सहयोग तथा एकसमान मुद्रा के चलन पर जोर दिया। इसकी मुद्रा यूरो अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकती है। 

प्रश्न 5. 
यूरोपीय संघ के झण्डे की बनावट कैसी है? यह किस चीज का प्रतीक है?
अथवा 
यूरोपीय संघ के झण्डे के बीच में सुनहरे सितारों का क्या मतलब है?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के झण्डे की बनावट आयताकार है, जो एक ही रंग (नीले) का है। इसके बीच में सुनहरी सितारों का घेरा (वृत्त) है जो यूरोप के लोगों की एकता एवं मेल-मिलाप का प्रतीक है। इसमें 12 सितारें हैं क्योंकि यह संख्या वहाँ पारस्परिक दृष्टि से पूर्णता, समग्रता एवं एकता का प्रतीक मानी जाती है। 

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प्रश्न 6. 
यूरोपीय संघ की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
अथवा 
यूरोपीय संघ की कोई चार साझी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  1. यूरोपीय संघ की साझी मुद्रा, स्थापना-दिवस, गान एवं झण्डा है। 
  2. यूरोपीय संघ आर्थिक, राजनैतिक एवं सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है। 
  3. यूरोपीय संघ के दो सदस्य ब्रिटेन व फ्रांस सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। 
  4. यूरोपीय संघ का आर्थिक, राजनैतिक, कूटनीतिक एवं सैनिक प्रभाव बहुत अधिक है। 

प्रश्न 7. 
यूरोपीय संघ के देशों के मध्य पाये जाने वाले मतभेदों को बताइए। 
उत्तर:
यूरोपीय संघ के देशों के मध्य निम्नलिखित मतभेद पाये जाते हैं।

  1. यूरोपीय देशों की विदेश एवं रक्षा नीति में परस्पर मतभेद पाया जाता है।
  2. जिए।
  3. इराक युद्ध का ब्रिटेन ने समर्थन किया, लेकिन फ्रांस व जर्मनी ने विरोध किया। 
  4. यूरोप के कुछ देशों में यूरो मुद्रा को लागू करने के सम्बन्ध में मतभेद है। 
  5. डेनमार्क तथा स्वीडन ने मास्ट्रिस्ट सन्धि और साझी यूरोपीय मुद्रा 'यूरो' को मानने का प्रतिरोध किया। 

प्रश्न 8. 
आसियान क्या है? इसका प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
आसियान (Association of South East ASIAN Nations) दक्षिणी: पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का एक संगठन है; जिसकी स्थापना सन् 1967 में बैंकाक योजना के तहत इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर एवं थाईलैण्ड ने की। आसियान का प्रमुख उद्देश्य इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को तीव्र करना एवं उसके माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक विकास हासिल करना था। 
प्रश्न 9. 
आसियान के झण्डे के विषय में आप क्या जानते हैं?
अथवा 
आसियान के झण्डे का प्रतीक चिह्न (लोगो) क्या दर्शाता है?
उत्तर:
दक्षिण: पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के झण्डे (प्रतीक चिह्न) में धान की दस बालियों को दर्शाया गया है। ये दस बालियाँ दक्षिण-पूर्व एशिया के दस देशों को दर्शाती हैं जो आपस में परस्पर मित्रता व एकता के धागे से बँधे हुए हैं। झण्डे में दिया गया वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।

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प्रश्न 10. 
आसियान सुरक्षा समुदाय की प्रमुख उपलब्धियों को बताइए।
उत्तर:
आसियान सुरक्षा समुदाय क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक ले जाने की सहमति पर आधारित है। आसियान के सदस्य देशों ने आसियान सुरक्षा समुदाय के अन्तर्गत कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करके शान्ति, सहयोग, निष्पक्षता एवं अहस्तक्षेप की नीति को बढ़ावा दिया। इसके अतिरिक्त आसियान के देशों की सुरक्षा एवं विदेश नीतियों में तालमेल बनाने के लिए सन् 1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गयी।

प्रश्न 11. 
भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के सम्बन्धों को संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
भारत और आसियान के सम्बन्धों को निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है:

  1. भारत और आसियान परस्पर मुक्त व्यापार सन्धि के प्रयास में है। 
  2. भारत ने दो आसियान सदस्यों-मलेशिया, सिंगापुर व थाईलैण्ड-से मुक्त व्यापार सन्धि कर ली है। 
  3. भारतीय विदेश नीति में आसियान देशों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। 
  4. भारत आसियान की मौजूदा आर्थिक शक्ति के प्रति आकर्षित हुआ है। 

प्रश्न 12. 
चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में कौन-कौन से बड़े नीतिगत निर्णय लिए? 
उत्तर:
चीनी नेतृत्व ने 1970 के दशक में निम्नलिखित बड़े नीतिगत निर्णय लिए। 

  1. चीन ने सन् 1972 में संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बन्ध स्थापित कर अपने राजनीतिक एवं आर्थिक एकान्तवास को समाप्त किया।
  2. सन् 1973 में चीनी प्रधानमन्त्री चाऊ एन लाई ने कृषि, उद्योग, सेना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।
  3. सन् 1978 में चीन के तत्कालीन नेता देंग श्याओपेंग ने चीन में आर्थिक सुधार एवं खुले द्वार की नीति अपनाने की घोषणा की।
  4. चीन ने शॉक थेरेपी को न अपनाकर चरणबद्ध ढंग से अपनी अर्थव्यवस्था को खोला। 

प्रश्न 13. 
चीन ने 'खुले द्वार की नीति' कब और क्यों अपनायी?
उत्तर:
सन् 1978 में चीन के तत्कालीन नेता देंग श्याओपेंग ने चीन में आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति की घोषणा की। चीन ने विदेशी पूँजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतरं उत्पादकता प्राप्त करने के लिए तथा बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए यह नीति अपनायी।

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प्रश्न 14. 
1978 से पूर्व एवं बाद की चीन की आर्थिक नीतियों में कोई दो अन्तर बताइए।
उत्तर:

  1. सन् 1978 से पूर्व चीन ने राजनैतिक तथा आर्थिक क्षेत्र में एकान्तवास की नीति अपना रखी थी जबकि 1978 के पश्चात् चीन ने आर्थिक क्षेत्र में खुले द्वार की नीति अपनायी।
  2. सन् 1978 से पूर्व चीन में कृषि का निजीकरण नहीं हुआ था परन्तु सन् 1978 के पश्चात् चीन में कृषि का निजीकरण कर दिया गया है। 

प्रश्न 15. 
बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन ने कौन-कौन से तरीके अपनाये?
अथवा 
"चीन ने शॉक थेरेपी पर अमल करने के बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चीन ने शॉक थेरेपी पर अमल करने के बजाय बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला, यथा। 

  1. सन् 1978 में चीन ने आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति अपनाने की घोषणा की एवं विदेशी पूँजी व प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता प्राप्त करने पर बल दिया गया।
  2. सन् 1982 में खेती का निजीकरण किया गया। 
  3. सन् 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया गया। 
  4. व्यापार के नये कानूनों तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण किया। 

प्रश्न 16. 
अपनी आर्थिक व्यवस्था सुधारने के लिए चीन द्वारा उठाये गये कदमों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
अथवा 
चीन की अर्थव्यवस्था के उत्थान के दो कारण बताइए।
उत्तर:
चीन ने अपनी आर्थिक व्यवस्था सुधारने हेतु निम्न कदम उठाये हैं।

  1. चीन ने आयात के स्थान पर घरेलू उत्पाद को अपनाया। 
  2. समस्त नागरिकों के लिए रोजगार तथा सामाजिक कल्याण सुनिश्चित किया गया। 
  3. चीन ने अमेरिका के साथ सम्बन्ध स्थापित किए। 
  4. चीन ने खुले द्वार की नीति का अनुसरण किया। 

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प्रश्न 17. 
चीन द्वारा अपनायी गयी आर्थिक नीतियों से कौन-कौन से सकारात्मक प्रभाव पड़े?
अथवा 
चीन द्वारा अपनायी गयी नवीन आर्थिक नीतियों के कौन-कौन से लाभकारी परिणाम निकले? 
अथवा 
चीन की नई आर्थिक नीति ने किन चार तरीकों से चीन की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुँचाया? 
उत्तर:

  1. चीन द्वारा अपनायी गयी नीतियों से गतिहीन हो चुकी अर्थव्यवस्था में सुधार आया। 
  2. कृषि का निजी करने से कृषि उत्पादों एवं ग्रामीण आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 
  3. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी बचत की मात्रा में वृद्धि हुई। 
  4. कृषि और उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तेज रही। 

प्रश्न 18. 
चीन की नई आर्थिक नीति की कोई चार असफलताएँ बताइए। 
उत्तर:

  1. चीन में हुए आर्थिक सुधारों का लाभ सभी वर्गों को समान रूप से प्राप्त नहीं हुआ है। 
  2. चीन में बेरोजगारी बढ़ी है। 
  3. चीन में अर्थव्यवस्था में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है तथा पर्यावरण खराब हुआ है।
  4. चीन द्वारा अपनायी गयी अर्थव्यवस्था से ग्रामीण व शहर, तटीय व मुख्यभूमि पर रहने वाले लोगों में आर्थिक असमानता बढ़ी है।

प्रश्न 19. 
हिन्दी - चीनी भाई - भाई का नारा 1950 से 1962 के मध्य कैसे समाप्त हो गया?
उत्तर:
भारत की आजादी के बाद कुछ समय के लिए 'हिन्दी: चीनी भाई - भाई' का नारा काफी लोकप्रिय हुआ था। लेकिन सीमा विवाद पर चले संघर्ष ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया। आजादी के बाद 1950 में चीन द्वारा तिब्बत को कब्जाने और भारत - चीन सीमा पर बस्तियाँ बनाने के निर्णय से दोनों देशों के सम्बन्ध कटुतापूर्ण हो गय। भारत-चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों तथा लद्दाख के अक्साईचीन क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धी दावों के चलते 1962 में परस्पर लड़ पड़े।

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प्रश्न 20. 
भारत - चीन के सम्बन्धों में तनाव के बावजूद दोनों विश्व की राजनीति में अपने आपको महत्त्वपूर्ण नायक क्यों समझते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए उन घटनाओं का संक्षिप्त उल्लेख करें जिन्होंने दोनों देशों के बीच सम्बन्धों में सौहार्द्र स्थापित किया है?
अथवा 
शीतयुद्ध के पश्चात् भारत-चीन सम्बन्धों में हुए किन्हीं चार महत्त्वपूर्ण बदलावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत - चीन के बीच सौहार्द्र की प्रमुख घटनाएँ निम्नवत् हैं:

  1. दिसम्बर 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी की चीन यात्रा से दोनों देशों के सम्बन्धों में सुधार का सूत्रपात हुआ। 
  2. वैश्विक स्तर पर भारत तथा चीन की लगभग एक-सी नीतियाँ हैं। 
  3. भारत - चीन व्यापार में परस्पर बढ़ोत्तरी होती चली जा रही है। 
  4. सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के समझौते हस्ताक्षरित किये गये हैं।

प्रश्न 21. 
भारतीय प्रधानमन्त्री को चीन दौरे पर जाना है, उनके लिए सीमा विवाद तथा आर्थिक सहयोग पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
भारत और चीन के आर्थिक सम्बन्धों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
सीमा विवाद: भारत तथा चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत तथा सैन्य स्तर पर सहयोग का कार्यक्रम लगातार जारी है। आर्थिक सहयोग - शीतयुद्ध की समाप्ति के पश्चात् भारत और चीन के सम्बन्धों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है। अब इनके सम्बनधों का रणनीतिक दवाब ही नहीं, आर्थिक पहलू भी है। दोनों ही स्वयं को विश्व राजनीति की उभरती हुई शक्ति मानते हैं। भारत - चीन के मध्य व्यापार 30% वार्षिक की दर से बढ़ रहा है। चीन एवं भारत के मध्य सन् 1992 में 33 करोड़ 80 लाख डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था जो सन् 2017 में बढ़कर 84 अरब डॉलर का हो चुका है। भारत एवं चीन ने विश्व व्यापार संगठन के सम्बन्ध में एक समान नीतियों का अनुसरण किया है।

प्रश्न 22. 
भारत व चीन के मध्य अच्छे सम्बन्ध बनाने हेतु दो सझाव दीजिए।
उत्तर:
भारत व चीन के मध्य अच्छे सम्बन्ध बनाने हेतु दो सुझाव निम्नलिखित हैं। 

  1. विवादित मामलों पर आपस में सहयोग स्थापित किया जाना चाहिए। 
  2. दोनों देशों के प्रमुख नेताओं का एक दूसरे के देश में आना-जाना रहना चाहिए ताकि वे अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें। 

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प्रश्न 23. 
निम्न को सुमेलित कीजिए। 

स्तम्भ'अ'

स्तम्भ 'ब'

(i) आसियान की स्थापना

(a) 1948

(ii) भारत - चीन युद्ध

(b) 1950

(iii) चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा

(c) 1967

(iv) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना

(d) 1962

उत्तर:

स्तम्भ'अ'

स्तम्भ 'ब'

(i) आसियान की स्थापना

(c) 1967

(ii) भारत - चीन युद्ध

(d) 1962

(iii) चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा

(a) 1948

(iv) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना

(b) 1950


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प्रश्न 24. 
सुमेलित कीजिए। 

स्तम्भ'अ'

स्तम्भ 'ब'

(i) आसियान की स्थापना

(a) सन् 1948

(ii) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन

(b) सन् 1992

(iii) यूरोपीय परिषद की स्थापना

(C) सन् 1967

(iv) यूरोपीय संघ की स्थापना

(d) सन् 1949

उत्तर:

स्तम्भ'अ'

स्तम्भ 'ब'

(i) आसियान की स्थापना

(C) सन् 1967

(ii) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन

(d) सन् 1949

(iii) यूरोपीय परिषद की स्थापना

(a) सन् 1948

(iv) यूरोपीय संघ की स्थापना

(b) सन् 1992


लघु उत्तरात्मक प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
सत्ता के उभरते हुए वैकल्पिक केन्द्रों द्वारा विभिन्न देशों में समृद्धशाली अर्थव्यवस्थाओं को रूप देने में निभायी गयी भूमिका की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
1990 के दशक के प्रारम्भ में विश्व राजनीति में द्वि: ध्रुवीय व्यवस्था के टूटने के पश्चात् यह स्पष्ट हो गया कि राजनीति तथा आर्थिक सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र कुछ सीमा तक संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभुत्व को सीमित करेंगे। यूरोप में यूरोपीय संघ तथा एशिया में दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन अर्थात् आसियान का प्रादुर्भाव एक दमदार शक्ति के रूप में हुआ। यूरोपीय संघ तथा आसियान दोनों ने ही अपने - अपने क्षेत्रों में चलने वाली ऐतिहासिक दुश्मनियों तथा कमजोरियों का क्षेत्रीय स्तर पर समाधान तलाश किया। इसके लिए ही उन्होंने अपने - अपने क्षेत्रों में अधिक शान्तिपूर्ण एवं सहकारी क्षेत्रीय व्यवस्था विकसित करने और इस क्षेत्र के देशों की अर्थव्यवस्था का समूह बनाने की दिशा में भी कार्य किया। चीन के आर्थिक उभार ने विश्व राजनीति पर काफी नाटकीय प्रभाव डाला।

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प्रश्न 2. 
यूरो, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा कैसे बन सकता है? 
उत्तर:
यूरो, अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकता है। इस तथ्य को हम निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट कर सकते

  1. यूरोपीय संघ के सदस्यों की संयुक्त मुद्रा यूरो का प्रचलन दिन - प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है। जैसे-जैसे इसके सदस्यों में वृद्धि होगी, यूरो, डॉलर को चुनौती देता हुआ नजर आयेगा। विश्व व्यापार में यूरोपीय संघ की सहभागिता अमेरिका से तिगुनी है और इसी के चलते वह अमेरिका तथा चीन से व्यापारिक विवादों में पूरी धौंस के साथ वार्ता करता है।
  2. यूरोपीय संघ आर्थिक प्रभुत्व रखने के साथ - साथ राजनीतिक, कूटनीतिक तथा सैनिक रूप से भी अधिक प्रभावशाली है। उसे अमेरिका धमका नहीं सकता है।
  3. यूरोपीय संघ की आर्थिक शक्ति का प्रभाव उसके पड़ोसी देशों पर ही नहीं अपितु एशिया तथा अफ्रीका के दूर - दराज के राष्ट्रों पर भी है। इससे भी अमेरिका तथा उसकी अर्थव्यवस्था को चुनौती मिल सकती है।
  4. यूरोपीय संघ 2016 में विश्व की दूसरी सबसे विशाल अर्थव्यवस्था थी। इसका सकल घरेलू उत्पादन 17,000 अरब डॉलर से भी ज्यादा था, जो अमेरिका के ही लगभग है।

प्रश्न 3. 
यूरोपीय संघ ने अपना राजनीतिक तथा कूटनीतिक प्रभाव किस प्रकार क्रियान्वित किया है? 
उत्तर:
यूरोपीय संघ के राजनीतिक एवं कूटनीतिक प्रभाव को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
(i) यूरोपीय संघ 2016 में विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। विश्व व्यापार में इसकी सहभागिता अमेरिका से तीन गुनी अधिक है। इस कारण यह अमेरिका तथा चीन से व्यापारिक विवादों में पूर्णरूपेण दादागिरी के साथ बात करता है।

(ii) चूँकि यूरोपीय संघ के दो सदस्य देश ग्रेट ब्रिटेन व फ्रांस सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य और कई देश सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यों में सम्मिलित हैं। इस वजह से यूरोपीय संघ संयुक्त राज्य अमेरिका सहित सभी देशों की नीतियों को प्रभावित करता है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम से सम्बन्धित अमेरिकी नीतियों को हाल के दिनों में प्रभावित करना इसका एक श्रेष्ठ उदाहरण है।

(iii) सैन्य शक्ति के दृष्टिकोण से यूरोपीय संघ के पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। इसका कुल रक्षा बजट संयुक्त राज्य अमेरिका के पश्चात् सबसे अधिक है। अन्तरिक्ष विज्ञान तथा संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी इसका दुनिया में दूसरा स्थान है।

(iv) हालांकि अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में यूरोपीय संघ राजनीतिक तथा सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है; परन्तु अनेक मामलों में इसके सदस्य देशों की अपनी - अपनी विदेश तथा रक्षा नीतियाँ हैं, जो अनेक अवसरों पर परस्पर एक - दूसरे के खिलाफ भी हो सकती हैं। उदाहरणार्थ; इराक पर अमेरिकी हमले में ब्रिटिश प्रधानमन्त्री तो उसके साथ थे, लेकिन जर्मन तथा फ्रांस इस हमले के विरुद्ध थे। 

प्रश्न 4. 
यूरोपीय संघ के राजनैतिक स्वरूप का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
अथवा 
एक लम्बे समय में बना यूरोपीय संघ किस प्रकार आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था से बदलकर ज्यादा - से - ज्यादा राजनैतिक रूप लेता गया? स्पष्ट कीजिए। 
अथवा
यूरोपीय संघ एक लम्बे समय में आर्थिक संगठन से बदलकर अधिक-से-अधिक राजनैतिक रूप कैसे लेता गया?
उत्तर:
एक लम्बे समय में बना यूरोपीय संघ आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था से बदलकर अधिक से अधिक राजनैतिक रूप लेता गया, जो कि निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट है।

  1. अब यूरोपीय संघ स्वयं काफी हद तक एक विशाल राष्ट्र राज्य की तरह ही काम करने लगा है।
  2. यद्यपि यूरोपीय संघ का एक संविधान बनाने की कोशिश तो असफल हो गई, लेकिन इसका अपना झण्डा, गान, स्थापना दिवस एवं अपनी मुद्रा 'यूरो' है।
  3. अन्य देशों से सम्बन्धों के मामलों में यूरोपीय संघ ने काफी हद तक साझी विदेश एवं सुरक्षा नीति भी निर्मित कर ली है।
  4. नये सदस्यों को सम्मिलित करते हुए यूरोपीय संघ ने सहयोग के दायरे में विस्तार करने की कोशिश की। यूरोपीय संघ के नये सदस्य मुख्य रूप से भूतपूर्व सोवियत खेमे के थे।
  5. यह विश्व व्यापार संगठन जैसे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार संगठनों के अन्दर एक महत्त्वपूर्ण समूह के रूप में कार्य कर
  6. सैन्य शक्ति की दृष्टि से यूरोपीय संघ के पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। 

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प्रश्न 5. 
दक्षिण - पूर्वी एशियाई राष्टों ने आसियान के निर्माण की पहल क्यों की?
उत्तर:
दक्षिण - पूर्वी एशियाई राष्ट्रों ने निम्नलिखित कारणों से आसियान के निर्माण की पहल की

  1. द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले एवं उसके दौरान दक्षिण-पूर्व एशियाई देश बार - बार यूरोपीय एवं जापानी उपनिवेशवाद का शिकार हुए एवं उन्होंने इसकी भारी राजनीतिक एवं आर्थिक कीमत चुकाई है। .
  2. द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् इस क्षेत्र को राष्ट्र निर्माण, आर्थिक पिछड़ेपन एवं निर्धनता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
  3. दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के देशों को शीतयुद्ध के दौर में किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबावों को भी झेलना पड़ा।
  4. टकरावों एवं भागमभाग की ऐसी स्थिति को दक्षिण - पूर्व एशिया सँभालने की स्थिति में नहीं था।
  5. गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के माध्यम से एशिया और तीसरी दुनिया के देशों में सहयोग एवं मेल-जोल कराने के प्रयास अनौपचारिक स्तर पर सफल नहीं हो पा रहे थे।

उक्त समस्त कारणों के चलते दक्षिण: पूर्व एशियाई देशों ने दक्षिण-पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) बनाकर एक वैकल्पिक पहल की। 

प्रश्न 6. 
आसियान के सदस्य देशों के नाम तथा इसके प्रमुख उद्देश्यों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
अथवा 
आसियान आर्थिक समुदाय के चार मुख्य उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
सन् 1967 में स्थापित दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के सदस्य देश 10 हैं:

  1. इण्डोनेशिया,
  2. मलेशिया,
  3. फिलीपीन्स,
  4. सिंगापुर,
  5. थाईलैण्ड,
  6. ब्रुनेई दारुस्सलेम,
  7. वियतनाम,
  8. लाओस,
  9. कम्बोडिया,
  10. म्यांमार।


आसियान के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  1. क्षेत्रीय शान्ति तथा सुरक्षा स्थापित करना।
  2. आर्थिक, सांस्कृतिक तथा सामाजिक विकास को प्रोत्साहन देना।
  3. दक्षिण-पूर्वी एशियाई अध्ययन को बढ़ावा देना।
  4. एकसमान उद्देश्यों तथा लक्ष्यों वाले दूसरे क्षेत्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ लाभप्रद और निकटतम सहयोग बनाये रखना।
  5. कृषि, व्यापार तथा उद्योगों के विकास में हरसम्भव सहयोग देना।
  6. प्रशिक्षण तथा शोध इत्यादि सुविधाएँ देने में परस्पर सहयोग तथा सहायता देना।
  7. आसियान देशों का साझा बाजार एवं उत्पादन आधार तैयार करना।
  8. आसियान क्षेत्र में आर्थिक विकास को तीव्र करना। 

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प्रश्न 7. 
आसियान विजन 2020 के तत्त्वों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
आसियान विजन 2020 के तत्त्वों को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है। 

  1. अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में अपनी विशिष्ट क्षेत्रीय पहचान कायम करना।
  2. संयुक्त राष्ट्र संघ के एक वैकल्पिक शक्ति केन्द्र के रूप में सुरक्षा समुदाय, आर्थिक समुदाय तथा सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय नामक अभिकरणों के माध्यम से क्षेत्रीय हितों की रक्षा करना।
  3. आर्थिक शक्ति के दृष्टिकोण से यूरोपीय संघ से कहीं अधिक आगे बढ़ना।
  4. आसियान शैली से दक्षिण-पूर्व एशिया के समस्त देशों के परस्पर विवादों का सर्वमान्य समाधान करना, आर्थिक सहायता देना, निवेश, श्रम तथा सेवाओं के मामले में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाते हुए क्षेत्रीय देशों में अमेरिकी वर्चस्व के प्रभाव पर प्रभावी रूप से नियन्त्रण लगाना। 

प्रश्न 8. 
आसियान के महत्त्व को संक्षेप में बताइए।
अथवा 
दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की प्रासंगिकता को बताइए।
अथवा 
"आसियान" तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसके पक्ष में आप दो तर्क दीजिए।
उत्तर:
आसियान तीव्र गति से बढ़ता हुआ एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है। इसके विजन दस्तावेज 2020 में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता प्रदान की गयी है। दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की प्रासंगिकता अथवा महत्त्व निम्नलिखित हैं। 

  1. आसियान टकराव के स्थान पर बातचीत को बढ़ावा देने की नीति पर बल देता है। इसी तरीके से आसियान ने कंबोडिया के टकराव को समाप्त किया एवं पूर्वी तिमोर के संकट को भी सँभाला। इसने पूर्व एशियाई सहयोग पर बातचीत के लिए सन् 1999 से नियमित रूप से वार्षिक बैठकें आयोजित की हैं।
  2. आसियान की वर्तमान आर्थिक शक्ति ने चीन व भारत के साथ व्यापार और निवेश के मामले में अपनी प्रासंगिकता को स्पष्ट किया है।
  3. आसियान एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है; जो एशियाई देशों एवं विश्व शक्तियों को राजनैतिक एवं सुरक्षा मामलों पर चर्चा हेतु राजनैतिक मंच उपलब्ध कराता है।

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प्रश्न 9. 
आर्थिक शक्ति के रूप में चीनी गणराज्य के उदय को किस तरह से देखा जा रहा है?
उत्तर:
सन् 1978 के पश्चात् से जारी चीनी गणराज्य की आर्थिक सफलता को एक महाशक्ति के रूप में उभरते हुए देखा जा रहा है। यह अग्रलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है। 

  1. आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने के पश्चात् से ही चीन सबसे अधिक तीव्र गति से विकास कर रहा है और यह माना । जा रहा है कि विकास की इसी गति से चलते हुए सन् 2040 तक चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकल जायेगा।
  2. आर्थिक स्तर पर अपने पड़ोसी देशों से जुड़ाव के चलते चीन पूर्वी एशिया के विकास का इंजन जैसा बन गया है और इस कारण क्षेत्रीय मामलों में इसका प्रभाव बहुत अधिक बढ़ गया है।
  3. चीन की विशाल जनसंख्या, बड़ा भू-भाग, प्राकृतिक संसाधनों की पर्याप्तता, क्षेत्रीय अवस्थिति, राजनैतिक प्रभाव एवं बढ़ती सैन्य शक्ति आदि तीव्र आर्थिक वृद्धि के साथ मिलकर इसके प्रभाव को कई गुना बढ़ा रहे हैं।

प्रश्न 10. 
चीन द्वारा सोवियत मॉडल पर आधारित अर्थव्यवस्था अपनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या था? चीन को इससे कौन-से दो लाभ हुए? 
उत्तर:
चीन द्वारा सोवियत मॉडल पर आधारित अर्थव्यवस्था अपनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य खेती से पूँजी निकालकर सरकारी नियन्त्रण में बड़े उद्योग खड़े करना था। उसके पास विदेशी बाजारों से तकनीक तथा सामानों की खरीद के लिए विदेशी मुद्रा की कमी थी। इस कारण उसने आयातित सामानों को धीरे-धीरे घरेलू स्तर पर ही तैयार कराना शुरू किया।

सोवियत मॉडल में चीन ने अभूतपूर्व स्तर पर औद्योगिक अर्थव्यवस्था खड़ा करने का आधार बनाने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग किया। इस मॉडल से चीन को निम्नलिखित दो लाभ हुए।

  1. चीन ने सभी नागरिकों को रोजगार तथा सामाजिक कल्याण योनाओं का लाभ देने के दायरे में शामिल किया।
  2. चीन अपने नागरिकों को शिक्षित करने तथा उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के मामले में सबसे विकसित देशों से आगे निकल गया। 

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प्रश्न 11. 
नई आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में कौन-कौन से परिवर्तन आये?
अथवा 
"नई आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को अपनी जड़ता से उबरने में सहायता प्राप्त हुई।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
चीन की नयी आर्थिक नीतियों ने चीन की अर्थव्यवस्था को किन चार तरीकों से लाभ पहुँचाया? 
उत्तर:
नई आर्थिक नीतियों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था को अपनी जड़ता से उबरने में सहायता प्राप्त हुई; यह निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट है। 

  1. कृषि के निजीकरण के कारण चीन में कृषि उत्पादों एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आमदनी में तीव्र गति से वृद्धि हुई। 
  2. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में व्यक्तिगत बचत की मात्रा में वृद्धि हुई है एवं इससे ग्रामीण उद्योगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई।
  3. कृषि एवं उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तीव्र रही है। 
  4.  चीन में व्यापार के नये कानूनों एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के निर्माण से विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है।
  5.  चीन सम्पूर्ण विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे आकर्षक देश बनकर उभरा है। 
  6.  चीन के पास विदेशी मुद्रा का विशाल भण्डार हो गया है और इसके बल पर वह दूसरे देशों में निवेश कर रहा है।
  7.  सन् 2001 में विश्व व्यापार संगठन में सम्मिलित होकर चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को दूसरे देशों के लिए भी खोल दिया है। 

प्रश्न 12. 
परिवर्तित चीनी आर्थिक व्यवस्था में व्याप्त किन्हीं चार कमियों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
अथवा 
चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के बावजूद, चीन के लोगों पर पड़े इसके किन्हीं चार दुष्प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
अथवा 
चीन में अपनायी गयी नयी आर्थिक नीतियों के कौन-कौन से दुष्परिणाम निकले?
अथवा चीन की अर्थव्यवस्था के सुधार के बावजूद, चीन की जनता पर पड़े किन्हीं चार नकारात्मक प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
परिवर्तित चीनी आर्थिक व्यवस्था में व्याप्त कमियाँ निम्नवत् हैं। 

  1. प्रत्येक चीनी नागरिक को नवीन आर्थिक सुधारों का लाभ नहीं मिला। देश में बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी हुई है। आँकड़ों के अनुसार वहाँ दस करोड़ से भी अधिक लोग काम की खोज में लगे हैं।
  2. चीन में करोड़ों लोग पाश्चात्य देशों अथवा जापान की तुलना में निम्नस्तरीय जीवन-यापन कर रहे हैं। वहाँ की उपभोग संस्कृति रूस, अमेरिका, यूरोप, जापान इत्यादि का मुकाबला नहीं कर सकती।
  3. चीन में परिवर्तित आर्थिक व्यवस्थाएँ पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचा रही हैं। देश के जंगल, वन सम्पदा तथा वन्य प्राणियों को अपार हानि पहुँच रही है। चीन में जल, वायु तथा ध्वनि प्रदूषण लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। 
  4. चीन में भ्रष्टाचार के बढ़ने के निन्दनीय दुष्परिणाम भी नई आर्थिक व्यवस्था के कारण आ रहे हैं। जैसे-जैसे चीनी सरकार उदारीकरण तथा वैश्वीकरण की गति तेज करेगी, आर्थिक दोष अर्थात् भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

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प्रश्न 13. 
"क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चीन एक ज़बरदस्त आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए। 
अथवा 
क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर चीन के आर्थिक प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर चीन एक ज़बरदस्त आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है और सभी उसका लोहा मानने लगे हैं। यह निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट है। 

  1. चीन की अर्थव्यवस्था का बाह्य विश्व से जुड़ाव एवं पारस्परिक निर्भरता ने अब यह स्थिति निर्मित कर दी है कि अपने व्यावसायिक साझीदारों पर चीन का बहुत अधिक प्रभाव निर्मित हो चुका है। यही कारण है कि आसियान देश, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका व रूस आदि समस्त देश चीन से व्यापार करने के लिए उससे अपने मतभेदों को भुला चुके हैं।
  2.  सन् 1997 के वित्तीय संकट के पश्चात् आसियान देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में चीन के आर्थिक उभार ने बहुत अधिक सहायता प्रदान की है।
  3. लैटिन अमेरिका एवं अफ्रीका में निवेश एवं सहायता हेतु बनायी गयी चीन की नीतियाँ यह बताती हैं कि विकासशील देशों के मामले में चीन एक नई विश्व शक्ति के रूप में उभरता जा रहा है। 

प्रश्न 14. 
भारत - चीन सम्बन्धों के रास्ते में कौन-कौन से अवरोध हैं?
अथवा 
भारत - चीन के बीच मुख्य संघर्ष के मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
अथवा 
भारत और चीन के बीच संघर्ष के किन्हीं दो कारणों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
भारत - चीन सम्बन्धों में अवरोध (संघर्ष) के प्रमुख आधार निम्नवत् हैं। 

  1. सीमा विवाद-चीन लद्दाख के पूर्वी भाग (अक्साई चिन) तथा अरुणाचल प्रदेश के बड़े भाग (तवांग) को अपने प्रादेशिक क्षेत्र में सम्मिलित मानता है। चीन सन् 1914 की मैकमोहन रेखा को भी नहीं मानता।
  2. पाक की परमाणु सहायता-चीन गोपनीय तरीके से पाकिस्तान को परमाणु ऊर्जा एवं तकनीकी प्रदान करता रहता है। उसने कहूटा में परमाणु रिएक्टर बनाया है।
  3. हिन्द महासागर में पैठ-चीन हिन्द महासागर में अपनी पैठ जमाना चाहता है। बंगाल की खाड़ी में अपना दबदबा बनाने के लिए उसने म्यांमार से कोको द्वीप लिया है। इसी तरह अरब सागर में अपने पैर फैलाने हेतु वह पाकिस्तान में कराँची के पास ग्वादर का बन्दरगाह बना रहा है।
  4. तिब्बत का मामला-हालांकि भारत की मान्यता है कि तिब्बत चीन का हिस्सा है तथा वहाँ की समस्या चीन का घरेलू मामला है; जिसमें भारत किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। लेकिन हमारे देश में दलाईलामा का अतिथि रूप में रहना चीनी आपत्ति का कारण बना हुआ है।
  5. चीन का विरोधी रवैया-चीन भारत की परमाणु नीति की आलोचना करता है और सुरक्षा परिषद् में भारत के स्थायी स्थान का विरोधी है। 

प्रश्न 15. 
चीन के साथ भारत के सम्बन्धों को बेहतर बनाने के लिए आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:
चीन के साथ भारत के सम्बन्धों को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं। 
(i) सांस्कृतिक सम्बन्धों का निर्माण: चीन और भारत दोनों के बीच सांस्कृतिक सम्बन्ध सुदृढ़ हों। भाषा और साहित्य का आदान-प्रदान हो। एक-दूसरे के देश में लोग भाषा और साहित्य का अध्ययन करें।

(ii) नेताओं का आवागमन: दोनों ही देशों के प्रमुख नेताओं का एक-दूसरे के देश में आना-जाना रहना चाहिए ताकि वे अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकें जिससे कि सद्भाव और सहयोग की भावना पैदा हो।

(iii) व्यापारिक सम्बन्ध: दोनों ही देशों में तकनीक सम्बन्धी सामान व व्यक्तियों का आवागमन हो, कम्प्यूटर आदि के आदान-प्रदान से भारत और चीन दोनों देशों में आन्तरिक व्यापार को बढ़ावा दिया जा सकता है।

(iv) आतंकवाद पर संयुक्त दबाव-भारत और चीन आतंकवाद को समाप्त करने में एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं और ऐसे देशों पर दबाव डाल सकते हैं, जो आतंकवादियों को शरण देते हैं। यह तभी हो सकता है कि जब दोनों ही देश संयुक्त रूप से दबाव डालें।

(v) पर्यावरण सुरक्षा समस्या का समाधान-दोनों ही देश पर्यावरण सुरक्षा की समस्या का संयुक्त रूप से समाधान कर सकते हैं और एक-दूसरे देश में प्रदूषण फैलाने वाली समस्या को दूर करने में सहयोग कर सकते हैं।

(vi) विभिन्न क्षेत्रों में मैत्रीपूर्ण वातावरण तैयार करना-चीन और भारत तिब्बत शरणार्थियों और तिब्बत से जुड़ी समस्याओं, ताईवान की समस्या के समाधान और भारतीय सहयोग एवं नैतिक समर्थन बढ़ाकर, निवेश को बढ़ाकर, मुक्त व्यापार नीति, वैश्वीकरण और उदारीकरण, संचार-साधनों में सहयोग करके एक मैत्रीपूर्ण वातावरण बना सकते हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में यूरोपीय संघ की भूमिका की व्याख्या कीजिए।
अथवा 
यूरोपीय संघ एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में कैसे उभरा? इसकी सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के दौरान अनेक यूरोपीय नेता यूरोप के प्रश्नों को लेकर दुविधा में पड़े हुए थे। क्या यूरोप को अपनी पुरानी शत्रुता को पुनः प्रारम्भ कर देना चाहिए अथवा अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में सकारात्मक योगदान करने वाले सिद्धान्तों तथा संस्थाओं के आधार पर उसे अपने सम्बन्धों को नये आयाम देने चाहिए। द्वितीय महायुद्ध ने उन अनेक मान्यताओं तथा व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया; जिसके आधार पर यूरोप के देशों के परस्पर आपसी सम्बन्ध विकसित हुए थे। 

सन् 1945 तक यूरोपीय राष्ट्रों ने अपनी अर्थव्यवस्था की बर्बादी को अति निकट से देखा था। उन्होंने उन मान्यताओं तथा व्यवस्थाओं को भी टूटते हुए देखा था; जिस पर यूरोप खड़ा हुआ था। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् यूरोपीय देशों द्वारा समस्याओं का समाधान। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोपीय देशों ने निम्नांकित ऐतिहासिक कदम उठाकर अपनी समस्याएँ सुलझाई थीं।

(i) अमेरिकी सहयोग तथा यूरोपीय आर्थिक संगठन की स्थापना: सन् 1945 के पश्चात् यूरोप के देशों में परस्पर मेल-मिलाप से शीतयुद्ध में भी सहायता मिली। अमेरिका ने यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन के लिए भरपूर सहायता प्रदान की थी। इसे मार्शल - योजना के नाम से जाना जाता है। अमेरिका ने 'नाटो' के अन्तर्गत एक सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था को जन्म दिया। मार्शल योजना के अन्तर्गत ही सन् 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना की गयी; जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों को आर्थिक सहायता दी गयी। यह एक ऐसा मंच बन गया; जिसके माध्यम से पश्चिमी यूरोप के देशों ने व्यापार तथा आर्थिक मामलों में एक - दूसरे की सहायता प्रारम्भ की।

(ii) यूरोपीय परिषद् तथा आर्थिक समुदाय का गठन: सन् 1949 में गठित यूरोपीय परिषद् राजनीतिक सहयोग के मामले में एक मील का पत्थर सिद्ध हुई। यूरोप के पूँजीवादी देशों में अर्थव्यवस्था के परस्पर आपसी एकीकरण की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ी और इसके फलस्वरूप सन् 1957 में यूरोपीय इकोनोमिक कम्युनिटी का गठन हुआ।

(iii) यूरोपीय पार्लियामेण्ट का गठन: यूरोपीय संसद के गठन के पश्चात् परस्पर जुड़ाव की इस प्रक्रिया ने राजनीतिक स्वरूप हासिल कर लिया। सोवियत खेमे के पतन के पश्चात् इस प्रक्रिया में तेजी आई और सन् 1992 में दूसरी परिणति यूरोपीय संघ की स्थापना के रूप में हुई। यूरोपीय संघ के रूप में समान विदेश तथा सुरक्षा नीति, आन्तरिक मामलों एवं न्याय से जुड़े मुद्दों पर सहयोग और एकसमान मुद्रा के चलन हेतु रास्ता तैयार हो गया।

(iv) यूरोपीय संघ का गठन-एक लम्बी समयावधि में निर्मित यूरोपीय संघ आर्थिक सहयोग वाली व्यवस्था से परिवर्तित होकर अधिकाधिक राजनीतिक स्वरूप धारण करता चला गया। अब यूरोपीय संघ स्वयं काफी सीमा तक एक विशाल राष्ट्र राज्य की तरह ही कार्य करने लगा। हालांकि यूरोपीय संघ का एक अलग संविधान निर्मित किये जाने की असफल कोशिश की जा चुकी है परन्तु इसका अपना झण्डा, गान, स्थापना दिवस और अपनी मुद्रा है। अन्य देशों से सम्बन्धों के मामले में इसने काफी सीमा तक संयुक्त विदेश तथा सुरक्षा नीति भी बना ली है। नये सदस्यों को सम्मिलित करते हुए यूरोपीय संघ ने सहयोग के दायरे में रहते हुए विस्तार का प्रयास किया। मुख्यतया नये सदस्य पूर्व सोवियत गुट से थे। 

यूरोपीय संघ की सीमाएँ - एक अधिराष्ट्रीय संगठन के रूप में यूरोपीय संघ, आर्थिक, राजनीतिक तथा सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है, परन्तु अनेक मामलों में इसके सदस्य देशों की अपनी विदेश तथा रक्षा नीति हैं जो विभिन्न मुद्दों पर परस्पर एक-दूसरे के विरुद्ध भी होती हैं। उदाहरणार्थ; इराक पर अमेरिकी हमले में ब्रिटिश प्रधानमन्त्री तो उसके साथ थे, लेकिन जर्मन तथा फ्रांस इस आक्रमण के विरुद्ध थे। इसी तरह यूरोप के कुछ भागों में यूरो को लागू किये जाने के कार्यक्रम को लेकर भी काफी मतभेद रहे थे। पूर्व ब्रिटिश प्रधानमन्त्री मार्गरेट थैचर ने ग्रेट ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार से अलग रखा। डेनमार्क तथा स्वीडन ने मास्ट्रिस्ट सन्धि तथा संयुक्त यूरोपीय मुद्रा यूरो को मानने का प्रतिरोध किया। उक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि विदेशी तथा रक्षा मामलों में कार्य करने की यूरोपीय संघ की क्षमता सीमित है। 

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प्रश्न 2. 
आसियान के संगठन एवं उसके विजन दस्तावेज 2020 का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा 
"आसियान तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है।" इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
अथवा
दक्षिण - पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के विजन 2020 को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
एक आर्थिक समुदाय के रूप में आसियान की भूमिका का आकलन कीजिए।
अथवा 
एक आर्थिक संघ के रूप में आसियान (ए.एस.ई.ए.एन.) की भूमिका का आकलन कीजिए। 
उत्तर:
आसियान का संगठन आसियान की स्थापना - दक्षिण: पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) की स्थापना सन् 1967 में बैंकाक में की गयी। इस संगठन के प्रारम्भिक सदस्यों में इण्डोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैण्ड थे। बाद में ब्रुनेई, दारुसलाम, वियतनाम, लाओस, म्यांमार एवं कम्बोडिया भी आसियान में सम्मिलित हो गये। वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 10 है। इसका मुख्यालय जकार्ता (इंडोनेशिया) में है।

आसियान की प्रमुख विशेषताएँ: आसियान की प्रमुख संस्थाओं में आसियान सुरक्षा समुदाय, आर्थिक आसियान समुदाय एवं आसियान सामाजिक - सांस्कृतिक समुदाय आदि हैं; जिनका विवरण निम्नलिखित है।
(i) आसियान सुरक्षा समुदाय: आसियान सुरक्षा समुदाय क्षेत्रीय विवादों को सैनिक टकराव तक ले जाने की सहमति पर आधारित है। सन् 2003 तक आसियान के सदस्य देशों ने कई समझौते किये; जिनके माध्यम से प्रत्येक देश ने शान्ति, सहयोग निष्पक्षता व अहस्तक्षेप को बढ़ावा देने, राष्ट्रों के आपसी अन्तर एवं सम्प्रभुता के अधिकारों का सम्मान करने पर अपनी वचनबद्धता प्रकट की। सन् 1994 में आसियान देशों की सुरक्षा एवं विदेश नीतियों में तालमेल बनाने के लिए आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गयी।

(ii) आसियान आर्थिक समुदाय: आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार एवं उत्पादन आधार तैयार करना है तथा इस क्षेत्र के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सहायता प्रदान करना है। यह संगठन इस क्षेत्र के देशों के आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए निर्मित वर्तमान व्यवस्था में भी सुधार करना चाहता है। आसियान ने निवेश, श्रम एवं सेवाओं
के सम्बन्ध में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने पर भी ध्यान दिया है। इस प्रस्ताव पर आसियान के साथ बातचीत करने की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका व चीन ने कर दी है।

  1. आसियान सामाजिक: सांस्कृतिक समुदाय - आसियान का यह समुदाय सम्बन्धित देशों में शैक्षिक विकास, समाज कल्याण, जनसंख्या नियन्त्रण, संचार एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है।
  2. आसियान का विज़न दस्तावेज 2020 - दक्षिण: पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के विज़न दस्तावेज 2020 की व्याख्या इस प्रकार से है।
  3. आसियान के विजन दस्तावेज 2020 में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका को प्रमुखता दी गयी
  4. अथवा
  5. टकराव के स्थान पर बातचीत को बढ़ावा देने की बात की गयी है।
  6. आसियान के विजन दस्तावेज 2020 के अन्तर्गत एक आसियान सुरक्षा समुदाय, एक आसियान आर्थिक समुदाय एवं आसियान सामाजिक - सांस्कृतिक समुदाय बनाने की संकल्पना की गयी है।
  7. विज़न दस्तावेज 2020 के अन्तर्गत क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण, वित्तीय सहयोग एवं व्यापार उदारीकरण के विभिन्न उपायों पर बल दिया गया है।

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प्रश्न 3. 
माओ युग के पश्चात् चीन द्वारा कौन-कौन सी नई आर्थिक नीतियाँ अपनायी गयीं? इन नीतियों को अपनाये जाने के कारणों एवं लाभकारी परिणामों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा 
चीन के नेतृत्व में 1970 के दशक में जो महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए गये वे क्या थे? 
अथवा 
चीन द्वारा उठाए गए ऐसे किन्हीं चार कदमों की व्याख्या कीजिए जिनके कारण उसकी अर्थव्यवस्था का उत्थान हुआ?
चीन के आधुनिकीकरण के लिए चीनी नेतृत्व द्वारा 1970 के बाद लिए गए किन्हीं चार बड़े नीतिगत निर्णयों को उजागर कीजिए।
उत्तर:
माओ युग के पश्चात् चीन द्वारा अपनायी गयी नयी आर्थिक नीतियाँ: चीनी नेतृत्व ने सन् 1970 के दशक में आर्थिक संकट से उबरने के लिए कुछ बड़े नीतिगत निर्णय लिए; जिनका विवरण निम्नलिखित है।
(i) संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बन्ध स्थापित करना: चीन ने अपने राजनीतिक एवं आर्थिक एकान्तवास को समाप्त करने के लिए सन् 1972 में संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बन्ध स्थापित किये।।

(ii) आधुनिकीकरण: सन् 1973 में तत्कालीन चीनी प्रधानमन्त्री चाऊ एन लाई ने कृषि, उद्योग, सेना, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।

(iii) आर्थिक सुधारों एवं खुले द्वार की नीति: सन् 1978 में तत्कालीन चीनी नेता देंग श्याओपेंग ने चीन में आर्थिक सुधारों एवं 'खुले द्वार की नीति' की घोषणा की। अब नीति यह हो गयी है कि विदेशी पूँजी एवं प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाए। चीन सन् 2001 में विश्व व्यापार संगठन में भी सम्मिलित हो गया।

(iv) बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाना: चीन ने अपने देश का आर्थिक विकास करने के लिए बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाया। चीन ने बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए शॉक थेरेपी पर अमल करने के बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से खोला। इस सम्बन्ध में सर्वप्रथम सन् 1982 में खेती का निजीकरण किया गया, तत्पश्चात् सन् 1998 में उद्योगों का निजीकरण किया गया तथा व्यापार सम्बन्धी अवरोधों को मात्र विशेष आर्थिक क्षेत्रों के लिए ही हटाया गया, जहाँ विदेशी निवेशक अपने उद्यम स्थापित कर सकते हैं। माओ के पश्चात् नयी आर्थिक नीतियाँ अपनाने के कारण

सन् 1949 में माओ के नेतृत्व में हुई साम्यवादी क्रान्ति के पश्चात् से चीन पर्याप्त आर्थिक विकास नहीं कर पा रहा था जिसके निम्न कारण थे।

  1. चीनी अर्थव्यवस्था की विकास दर 5 से 6 प्रतिशत के मध्य थी, लेकिन जनसंख्या में 2 से 3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि इस विकास दर की प्रभावशीलता को कम कर रही थी तथा बढ़ती जनसंख्या विकास से वंचित होती जा रही थी।
  2. चीन की राज्य नियन्त्रित अर्थव्यवस्था के कारण खेती की पैदावार उद्योगों को आवश्यकतानुसार अधिशेष नहीं दे पाती थी। 
  3. औद्योगिक उत्पादन तेजी से नहीं बढ़ रहा था। 
  4. विदेशी व्यापार बहुत कम था। 
  5. चीन के निवासियों की प्रति व्यक्ति आय बहुत कम थी।

नयी आर्थिक नीतियों के लाभकारी परिणाम: चीन में सन् 1970 के दशक के पश्चात् अपनायी गयी; नयी आर्थिक नीतियों के कारण चीनी अर्थव्यवस्था को अपनी गतिहीनता से उबरने में सहायता मिली। नई आर्थिक नीतियों के लाभकारी परिणाम निम्नलिखित हैं।

  1.  कृषि उत्पादों एवं ग्रामीण आय में वृद्धि: चीन में सन् 1982 में कृषि के निजीकरण के पश्चात् कृषि उत्पादों एवं ग्रामीण आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बचतों की मात्रा में वृद्धि हुई; जिससे ग्रामीण उद्योगों की मात्रा में तीव्र गति से वृद्धि हुई। 
  2. अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि दर: नई आर्थिक नीतियों के कारण उद्योग एवं कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तीव्र रही।
  3. विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि: चीन में व्यापार के नये कानूनों एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण से विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
  4. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: नई आर्थिक नीतियों के कारण चीन सम्पूर्ण विश्व में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सबसे अधिक आकर्षक देश बनकर उभरा है।
  5. विदेशी मुद्रा का विशाल भण्डार: वर्तमान में चीन के पास विदेशी मुद्रा का विशाल भण्डार उपलब्ध है और इसी ताकत के आधार पर चीन दूसरे देशों में भी निवेश कर रहा है।

स्रोत पर आधारित प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए चित्र का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
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(i) दिया हुआ चित्र, 1991 से भारत की किस नीति से सम्बन्धित है?
(ii) ऊपर दिए गए चित्र में दर्शाई गई नीति के महत्त्व की व्याख्या कीजिए। 
(iii) आसियान (ए.एस.ई.ए.एन.) में भारत की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए। 
उत्तर:
(i) दिया हुआ चित्र 1991 से भारत की 'पूर्व की ओर देखो नीति' से सम्बन्धित है।

(ii) पूर्व की ओर देखो नीति' शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद उभरे नए वैश्विक तथा क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्यों, शक्ति सन्तुलन तथा भारत की नई आर्थिक नीतियों के साथ विदेश नीति के समन्वय की अवधारणा का परिणाम है। इस नीति के मूल रूपरेखाकार के रूप में मनमोहन सिंह जी को देखा जाता है।
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(iii) आसियान में भारत की भूमिका को निम्नलिखित बिन्दुओं से समझा जा सकता है। 

  1. भारत का आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौता। 
  2. भारत की पूर्व की ओर देखो नीति को दक्षिण - पूर्व एशियाई देशों के लिए आर्थिक नीति माना जाता है। 
  3. अधिनियम पूर्व नीति (आर्थिक और सुरक्षा समझौता)। 

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प्रश्न 2. 
दिए गए कार्टून का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(i) इस कार्टून में दर्शाया गया कौन-सा भाग चीन से सम्बन्धित है? 
(ii) कार्टून के आधार पर चीन की शक्ति का आंकलन कीजिए। 
(iii) “चीन विश्व की अगली महाशक्ति हो सकता है।" इस कथन को दो तर्क देकर न्यायोचित ठहराइए। 
उत्तर:

  1.  इस कार्टून में दर्शाया गया बीजिंग चीन से सम्बन्धित है। 
  2. चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था तथा विस्तारवादी नीति चीन की शक्ति को दर्शाती है। 
  3. चीन विश्व की अगली महाशक्ति हो सकता है इसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं।
  4. सैनिक शक्ति, 
  5. बढ़ती अर्थव्यवस्था, 
  6. प्रौद्योगिकी विकास तथा 
  7. बढ़ती सकल घरेलू उत्पाद।

प्रश्न 3. 
अगले पृष्ठ पर दिए गए कार्टून का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) यह कार्टून किस देश से सम्बन्धित है?
(ii) इस देश की आर्थिक नीतियों में तब' से 'अब' तक आए किन्हीं दो परिवर्तनों का मूल्यांकन कीजिए।
RBSE Class 12 Political Science Important Questions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केंद्र 3
(iii) इस देश में हुए नवीनतम परिवर्तनों के किन्हीं दो परिणामों का आकलन कीजिए। 
उत्तर:
(i) दिया गया कार्टून चीन से सम्बन्धित है।

(ii) (1) चीन की नीति अब विदेशी पूँजी तथा प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता प्राप्त करने की हो गई है। 
(2) चीन ने बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाया है।

(iii) (1) नये व्यापारिक कानून तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण से विदेशी व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। 
(2) विशाल विदेशी मुद्रा भण्डार के कारण चीन दूसरे देशों में निवेश कर रहा है। 

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प्रश्न 4.
नीचे दिए गए कार्टून का ध्यानपूर्वक अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 
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(i) चीन जैसे विशाल देश में साइकिलों का क्या महत्त्व है? 
(ii) साइकिल के दोनों पहियों में दिखाए गए चिन्हों द्वारा दिए जा रहे संदेश को उजागर कीजिए।
(iii) किन्हीं दो उदाहरणों की सहायता से दर्शाइए कि चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को दूसरे देशों के लिए कैसे खोला?
उत्तर:
(i) चीन के लोगों द्वारा साइकिल का उपयोग वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा। 
(ii) साइकिल के दोनों पहियों में दिखाए गए.चिन्ह चीन के आर्थिक प्रगति के पथ पर आगे की ओर बढ़ने का सन्देश देते

(iii)  (1) विदेशी व्यापार तथा निवेश को खोलना तथा 
(2) मुक्त बाजार सुधारों को लागू करना।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये इस अध्याय से सम्बन्धित प्रश्न:

प्रश्न 1. 
ब्रेग्जिट के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(अ) ब्रेग्जिट का तात्पर्य है यू. के. का यूरोपियन यूनियन को छोड़ना। 
(ब) यूरोपियन यूनियन से सम्बन्ध ने यू. के. में भारी आर्थिक भार व बेरोजगारी को जन्म दिया है। 
(स) ब्रेग्जिट वाद-विषय ने पी.एम. डेविड कैमरून को त्यागपत्र के लिए बाध्य किया।
(द) ब्रेग्जिट के पक्ष में मुख्यतया युवा मतदाता ने अपना वोट दिया। 
उत्तर:
(स) ब्रेग्जिट वाद-विषय ने पी.एम. डेविड कैमरून को त्यागपत्र के लिए बाध्य किया।

प्रश्न 2. 
भारत की पश्चिम दृश्य (LookWest) नीति भारत के सम्बन्धों की किसके साथ व्यापकता व विस्तार का पक्ष-पोषण करती है?
(अ) पश्चिमी देश
(ब) यूरोपियन यूनियन 
(स) पश्चिमी एशियाई देश
(द) अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका। 
उत्तर:
(द) अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका। 

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प्रश्न 3. 
भारत और आसियान के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
(1) भारत 1992 में आसियान का क्षेत्रीय भागीदार बना। 
(2) दिल्ली वार्ता आसियान और भारत के बीच राजनीतिक आर्थिक मुद्दों के सम्बन्ध में है। 
(3) भारत 1996 में आसियान का वार्ता भागीदार बन गया। 
(4) भारत 2000 में आसियान का शिखर सम्मेलन स्तर का भागीदार बन गया। नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए
(अ) (1) और (4)
(ब) (1) और (3) 
(स) (2) और (4)
(द) (1) और (2)। 
उत्तर:
(अ) (1) और (4)

प्रश्न 4. 
विश्व व्यापार संगठन अस्तित्व में आया
(अ) 1990 में 
(b) 1995 में 
(स) 1998 में
(द) 2000 में। 
उत्तर:
(द) 2000 में। 

प्रश्न 5. 
निम्नलिखित में से किस सन्धि पर हस्ताक्षर किए जाने के परिणामस्वरूप यूरोपीय समुदाय (ई.सी.) का नाम बदलकर उसे नया नाम यूरोपीय संघ दिया गया?
(अ) मास्ट्रिस्ट की सन्धि
(ब) रोम की सन्धि 
(स) लिस्बन की सन्धि
(द) नाइस की सन्धि। 
उत्तर:
(अ) मास्ट्रिस्ट की सन्धि

प्रश्न 6. 
चीन की मुक्ति के समय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का अध्यक्ष कौन था?
(अ) झाऊ एनलाइ
(ब) डेंग जिआओपिंग 
(स) माओ जिडांग
(द) लिऊ शावकी। 
उत्तर:
(स) माओ जिडांग

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प्रश्न 7. 
'दक्षिण पूर्व एशियाई सहयोग संगठन (आसियान) का मुख्यालय स्थित है
(अ) काठमाण्डू में
(ब) सिंगापुर में 
(स) बैंकाक में
(द) जकार्ता में। 
उत्तर:
(द) जकार्ता में। 

प्रश्न 8. 
निम्नलिखित देशों में से कौन-सा देश आसियान (ASEAN) का सदस्य नहीं है?  
(अ) लाओस
(ब) कम्बोडिया 
(स) वियतनाम
(द) उत्तरी कोरिया।
उत्तर:
(अ) लाओस

प्रश्न 9. 
आसियान की राजनीतिक एवं रक्षा व्यवस्था से सम्बन्धित आसियान क्षेत्रीय फोरम की सदस्यता पाने में भारत को कब सफलता मिली?
(अ) सन् 1993 में
(ब) सन् 1995 
(स) सन् 1996 में
(द) सन् 1997 में। 
उत्तर:
(द) सन् 1997 में। 

प्रश्न 10. 
क्षेत्रीय समूह को इंगित कीजिए, जिसमें भारत एक पूर्ण सदस्य के रूप में सम्बद्ध नहीं है
(अ) बेसिक
(ब) जी-4 
(स) ब्रिक्स
(द) शंघाई सहयोग संगठन। 
उत्तर:
(द) शंघाई सहयोग संगठन।

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प्रश्न 11. 
निम्नांकित में से किस देश ने जुलाई, 2013 में यूरोपीय संघ की सदस्यता ली है? 
(अ) क्रोएशिया
(ब) डेनमार्क 
(स) बेल्जियम
(द) पोलैण्ड। 
उत्तर:
(अ) क्रोएशिया

प्रश्न 12.
'माओ जिडांग' किस देश के साम्यवादी आन्दोलन का नेता था?
(अ) बर्मा
(ब) मलेशिया 
(स) चीन
(द) मंगोलिया। 
उत्तर:
(द) मंगोलिया। 

प्रश्न 13. 
मार्शल योजना किसके लिए थी?
(अ) तृतीय विश्व की अर्थव्यवस्थाएँ निर्मित करना 
(ब) पश्चिमी यूरोपियन अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्निर्मित करना 
(स) उत्तर - अमेरिकन देशों की अर्थव्यवस्थाओं का पुनः निर्माण करना 
(द) अफ्रीकी देशों की अर्थव्यवस्था का निर्माण। 
उत्तर:
(स) उत्तर - अमेरिकन देशों की अर्थव्यवस्थाओं का पुनः निर्माण करना 

Prasanna
Last Updated on Jan. 16, 2024, 9:21 a.m.
Published Jan. 15, 2024