RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 10 परिवहन तथा संचार

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RBSE Class 12 Geography Chapter 10 Notes परिवहन तथा संचार

→ वस्तुओं को उत्पादन स्थल से बाजार तक पहुंचाने का कार्य परिवहन के साधनों के माध्यम से होता है, जबकि संचार के विभिन्न साधनों द्वारा विचार, दर्शन तथा संदेशों का आदान-प्रदान एक स्थान से दूसरे स्थान तक अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक किया जाता है। 

→ परिवहन के प्रारूपों में स्थल परिवहन, जल परिवहन तथा वायु परिवहन को सम्मिलित किया जाता है।

→ स्थल परिवहन
स्थल परिवहन के दो सर्वप्रमुख प्रारूपों में सड़क परिवहन तथा रेल परिवहन सम्मिलित हैं।

→ सड़क परिवहन
भारत का सड़क जाल विश्व का दूसरा विशालतम सड़क जाल है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 56 लाख किमी. है।
निर्माण व रखरखाव के उद्देश्य से भारत की सड़कों को निम्नलिखित 4 वर्गों में रखा जाता है 

  • राष्ट्रीय महामार्ग
  • राज्य महामार्ग
  • जिला सड़कें
  • ग्रामीण सड़कें।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 10 परिवहन तथा संचार 

→ राष्ट्रीय महामार्ग:
इनका निर्माण एवं रखरखाव केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है तथा ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं। भारत की कुल सड़कों की लम्बाई में इन महामार्गों का योगदान मात्र 2 प्रतिशत का है लेकिन यह देश के कुल सड़क परिवहन का 40 प्रतिशत भाग वहन करते हैं। 

→ राज्य महामार्ग:

  • इनका निर्माण व रखरखाव राज्य सरकारों के अधीन होता है तथा ये महामार्ग जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण नगरों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं। भारत की कुल सड़कों की लम्बाई का 4 प्रतिशत भाग राज्य महामार्गों के अन्तर्गत आता है। 
  • जिला सड़कें जिला मुख्यालय तथा जिले की अन्य महत्त्वपूर्ण बस्तियों के मध्य जिला सड़कें सम्पर्क स्थापित करती हैं। देश की कुल सड़क लम्बाई में जिला सड़कों का योगदान 14 प्रतिशत है। 

→ ग्रामीण सड़कें 

  • भारत की ग्रामीण बस्तियों को परस्पर जोड़ती हैं तथा देश की कुल सड़क लम्बाई में ग्रामीण सड़कों का योगदान लगभग 80 प्रतिशत का है।
  • इसके अलावा भारत का सीमा सड़क संगठन (बी. आर. ओ.) देश की उत्तरी एवं उत्तरी-पूर्वी सीमा से सटी सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सड़कों का निर्माण एवं उनका अनुरक्षण करता है। 
  • भारत के अधिकांश उत्तरी राज्यों तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में सड़कों का उच्च घनत्व मिलता है, जबकि हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों, उत्तरी-पूर्वी क्षेत्रों, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में सड़कों का घनत्व निम्न है।

→ रेल परिवहन 

  • भारतीय रेल'जाल विश्व के सर्वाधिक लम्बे रेल जालों में से एक है।
  • भारतीय रेल की स्थापना 1853 ई. में हुई जब मुम्बई व थाणे के मध्य 34 किमी. की दूरी तक रेल चलायी गयी।
  • भारतीय रेल के अति विशाल आकार के कारण इसे 16 मण्डलों में विभक्त किया गया है।
  • रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बड़ी लाइन (बीच की दूरी 1-616 मीटर), मीटर लाइन (बीच की दूरी 1.0 मीटर) तथा छोटी लाइन (बीच की दूरी 0-762 मीटर) हैं। 
  • दिल्ली तथा कोलकाता में मेट्रो रेल परिवहन के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में उभर रही है। कोंकण रेल मार्ग के निर्माण द्वारा मुम्बई व मंगलौर के मध्य सीधा सम्पर्क स्थापित हो गया है।

→ जल परिवहन 

  • जल परिवहन के निम्नलिखित दो वर्ग हैं।
    • अन्तःस्थलीय जलमार्ग
    • महासागरीय जलमार्ग।
  • अन्तःस्थलीय जलमागों के अन्तर्गत नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा संकरी खाड़ियाँ आदि सम्मिलित हैं।
  • वर्तमान में देश में 14,500 किमी. लम्बाई के अन्तःस्थलीय जलमार्ग हैं, जो देश के परिवहन में मात्र 1 प्रतिशत का योगदान देते हैं। 
  • भारत की अर्थव्यवस्था में महासागरीय मार्गों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। भारत के कुल विदेशी व्यापार (मूल्य के आधार - पर) का 70 प्रतिशत भाग महासागरीय मार्गों द्वारा सम्पन्न होता है। वायु परिवहन रवहन, परिवहन का सबसे तीव्र एवं सबसे महँगा साधन है। 
  • भारत जैसे विशाल एवं विषम जलवायुवीय दशाओं तथा अधिक दूरियों वाले देश के लिए वायु परिवहन अति आवश्यक है।
  • वर्तमान में भारत में भारतीय वायुयान प्राधिकरण, भारतीय वायु क्षेत्र में सुरक्षित, सक्षम, वायु यातायात एवं वैज्ञानिकी संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है।
  • भारत में वायु परिवहन की शुरुआत सन् 1911 ई. में इलाहाबाद (प्रयागराज) से नैनी के मध्य की गई थी।
  • भारत में वायु परिवहन का प्रबन्धन एयर इण्डिया द्वारा किया जाता है। इसके अलावा पवन हंस नामक हैलीकॉप्टर सेवा भी देश के पर्वतीय एवं उत्तरी-पूर्वी सेक्टर में कार्यरत है।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 10 परिवहन तथा संचार

→ तेल एवं गैस पाइपलाइन 
भारत में एशिया महाद्वीप की सबसे पहली तेल पाइप लाइन का निर्माण असम के नाहर कटिया तेल क्षेत्र से बरौनी तेलशोधक कारखाने तक किया गया, जिसे 1996 में कानपुर तक विस्तारित किया गया। अंकलेश्वर-कोयली, मुम्बई हाई-कोयली-हजीरा-जगदीशपुर, सलाया-मथुरा तथा नुमालीगढ़-सिलीगुड़ी देश की अन्य महत्त्वपूर्ण पाइपलाइनें हैं।

→ संचार जाल

  • मापदण्ड एवं गुणवत्ता के आधार पर संचार साधनों की निम्न दो श्रेणियाँ हैं
    • वैयक्तिक संचार तन्त्र
    • जन संचार तन्त्र। 
  • वैयक्तिक संचार तन्त्र में इन्टरनेट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण एवं नवीन साधन है।
  • इस तंत्र के द्वारा इंटरनेट एवं ई मेल के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व से अपेक्षाकृत कम लागत पर सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं।
  • जनसंचार तन्त्र में रेडियो, टेलीविजन तथा उपग्रह संचार महत्वपूर्ण साधन हैं।
  • इनके द्वारा जनसाधारण तक संदेश तथा सूचनाएँ पहुँचायी जाती हैं।
  • भारत में रेडियो का प्रसारण सन् 1923 में रेडियो क्लब ऑफ बाम्बे द्वारा प्रारम्भ किया गया था।
  • वर्तमान में ऑल इंडिया रेडियो द्वारा सूचना, शिक्षा एवं मनोरंजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है।
  • उपग्रह, संचार की एक नवीन विधि है। भारत में उपग्रह प्रणाली को समाकृति एवं उद्देश्यों के आधार पर दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है 
    • इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्टम (INSAT) 
    • इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट सिस्टम (IRS) 
  • आई. आर. एस. उपग्रह प्रणाली मार्च 1988 में रूस के वैकानूर से आई आर एस. वन ए के प्रक्षेपण से आरंभ हो गयी थी।

→ परिवहन (Transport):
एक स्थान से माल या सवारियों के दूसरे स्थान की ओर परिवहित होने की प्रक्रिया।

→ संचार (Communication):
विचार, दर्शन तथा संदेशों का एक स्थान से दूसरे स्थान को या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आदान-प्रदान संचार कहलाता है।

→ रज्जु मार्ग (Rope Ways):
परिवहन का यह साधन प्रायः तीव्र ढाल वाले पर्वतों पर एवं खानों में पाया जाता है जहाँ सड़क निर्माण संभव नहीं होता है। इन मार्गों पर तार गाड़ियां चलती हैं।

→ राष्ट्रीय महामार्ग (National High ways):
केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित व अनुरक्षित ऐसे महामार्ग जो राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं।

→ राज्य महामार्ग (State Highways):
राज्य सरकारों द्वारा निर्मित व अनुरक्षित ऐसे महामार्ग जो राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण नगरों को जोड़ते हैं।

→ सीमांत सड़कें (Border Roads):
देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनाई गई सामरिक महत्व की सड़कें।

→ अन्तर्राष्ट्रीय महामार्ग (International Highways):
दो देशों को जोड़ने वाली सड़कें। इन महामार्गों का उद्देश्य .पड़ोसी देशों के मध्य भारत के साथ प्रभावी सम्पर्कों को उपलब्ध कराते हुए सद्भावपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा देना है।

→ सड़क घनत्व (Density of Roads):
प्रति 100 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में सड़कों की कुल लम्बाई।

→ अन्तःस्थलीय जलमार्ग या आन्तरिक जलमार्ग(Inland water Ways):
देश में स्थित वे नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा सँकरी खाड़ियाँ जिनका उपयोग जल परिवहन के रूप में किया जाता है।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 10 परिवहन तथा संचार

→ पश्च जल (Back water-Kadal):
जल को उसके मार्ग में बाँध बनाकर अवरुद्ध किया जाना। बाँध के पीछे के एकत्रित जलं को पश्च जल कहते हैं। इसे केरल में कडल कहा जाता है।

→ उपग्रह (Satellite):
दूरसंवेद के ऐसे प्लेटफार्म जहाँ से वायुमण्डलीय दशाओं एवं भू-संसाधनों का ग्लोबीय स्तर पर लगातार प्रेक्षण एवं मॉनीटरिंग की जाती है।

Prasanna
Last Updated on Jan. 4, 2024, 9:19 a.m.
Published Jan. 3, 2024