These comprehensive RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 10 परिवहन तथा संचार will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Geography Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Geography Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 नोट्स and get deep explanations provided by our experts.
→ वस्तुओं को उत्पादन स्थल से बाजार तक पहुंचाने का कार्य परिवहन के साधनों के माध्यम से होता है, जबकि संचार के विभिन्न साधनों द्वारा विचार, दर्शन तथा संदेशों का आदान-प्रदान एक स्थान से दूसरे स्थान तक अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक किया जाता है।
→ परिवहन के प्रारूपों में स्थल परिवहन, जल परिवहन तथा वायु परिवहन को सम्मिलित किया जाता है।
→ स्थल परिवहन
स्थल परिवहन के दो सर्वप्रमुख प्रारूपों में सड़क परिवहन तथा रेल परिवहन सम्मिलित हैं।
→ सड़क परिवहन
भारत का सड़क जाल विश्व का दूसरा विशालतम सड़क जाल है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 56 लाख किमी. है।
निर्माण व रखरखाव के उद्देश्य से भारत की सड़कों को निम्नलिखित 4 वर्गों में रखा जाता है
→ राष्ट्रीय महामार्ग:
इनका निर्माण एवं रखरखाव केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है तथा ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं। भारत की कुल सड़कों की लम्बाई में इन महामार्गों का योगदान मात्र 2 प्रतिशत का है लेकिन यह देश के कुल सड़क परिवहन का 40 प्रतिशत भाग वहन करते हैं।
→ राज्य महामार्ग:
→ ग्रामीण सड़कें
→ रेल परिवहन
→ जल परिवहन
→ तेल एवं गैस पाइपलाइन
भारत में एशिया महाद्वीप की सबसे पहली तेल पाइप लाइन का निर्माण असम के नाहर कटिया तेल क्षेत्र से बरौनी तेलशोधक कारखाने तक किया गया, जिसे 1996 में कानपुर तक विस्तारित किया गया। अंकलेश्वर-कोयली, मुम्बई हाई-कोयली-हजीरा-जगदीशपुर, सलाया-मथुरा तथा नुमालीगढ़-सिलीगुड़ी देश की अन्य महत्त्वपूर्ण पाइपलाइनें हैं।
→ संचार जाल
→ परिवहन (Transport):
एक स्थान से माल या सवारियों के दूसरे स्थान की ओर परिवहित होने की प्रक्रिया।
→ संचार (Communication):
विचार, दर्शन तथा संदेशों का एक स्थान से दूसरे स्थान को या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आदान-प्रदान संचार कहलाता है।
→ रज्जु मार्ग (Rope Ways):
परिवहन का यह साधन प्रायः तीव्र ढाल वाले पर्वतों पर एवं खानों में पाया जाता है जहाँ सड़क निर्माण संभव नहीं होता है। इन मार्गों पर तार गाड़ियां चलती हैं।
→ राष्ट्रीय महामार्ग (National High ways):
केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित व अनुरक्षित ऐसे महामार्ग जो राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं।
→ राज्य महामार्ग (State Highways):
राज्य सरकारों द्वारा निर्मित व अनुरक्षित ऐसे महामार्ग जो राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण नगरों को जोड़ते हैं।
→ सीमांत सड़कें (Border Roads):
देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनाई गई सामरिक महत्व की सड़कें।
→ अन्तर्राष्ट्रीय महामार्ग (International Highways):
दो देशों को जोड़ने वाली सड़कें। इन महामार्गों का उद्देश्य .पड़ोसी देशों के मध्य भारत के साथ प्रभावी सम्पर्कों को उपलब्ध कराते हुए सद्भावपूर्ण सम्बन्धों को बढ़ावा देना है।
→ सड़क घनत्व (Density of Roads):
प्रति 100 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में सड़कों की कुल लम्बाई।
→ अन्तःस्थलीय जलमार्ग या आन्तरिक जलमार्ग(Inland water Ways):
देश में स्थित वे नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा सँकरी खाड़ियाँ जिनका उपयोग जल परिवहन के रूप में किया जाता है।
→ पश्च जल (Back water-Kadal):
जल को उसके मार्ग में बाँध बनाकर अवरुद्ध किया जाना। बाँध के पीछे के एकत्रित जलं को पश्च जल कहते हैं। इसे केरल में कडल कहा जाता है।
→ उपग्रह (Satellite):
दूरसंवेद के ऐसे प्लेटफार्म जहाँ से वायुमण्डलीय दशाओं एवं भू-संसाधनों का ग्लोबीय स्तर पर लगातार प्रेक्षण एवं मॉनीटरिंग की जाती है।