RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
निम्न में से वह कौन - सा खनिज है, जिसकी भारत में पर्याप्त उपलब्धता है? 
(क) ताँबा 
(ख) सीसा 
(ग) जस्ता
(घ) लौह - अयस्क। 
उत्तर:
(घ) लौह - अयस्क। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 

प्रश्न 2. 
लौह - अयस्क के प्रगलन के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। 
(क) मैंगनीज 
(ख) ताँबा
(ग) चूना पत्थर 
(घ) डोलोमाइट। 
उत्तर:
(क) मैंगनीज 

प्रश्न 3. 
निम्न में से कौनसा खनिज धारवाड़ क्रम की चट्टानों से सम्बन्धित है। 
(क) बॉक्साइट 
(ख) अभ्रक 
(ग) मैंगनीज 
(घ) कोयला। 
उत्तर:
(ग) मैंगनीज 

प्रश्न 4. 
बॉक्साइट प्रयुक्त होता है। 
(क) एल्यूमिनियम उद्योग में
(ख) स्टील उद्योग में 
(ग) वनस्पति घी उद्योग में
(घ) सूती-वस्त्र उद्योग में। 
उत्तर:
(क) एल्यूमिनियम उद्योग में

प्रश्न 5. 
बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। 
(क) उड़ीसा 
(ख) राजस्थान
(ग) गुजरात
(घ) छत्तीसगढ़। 
उत्तर:
(क) उड़ीसा 

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प्रश्न 6. 
निम्न में से अधात्विक खनिज नहीं है। 
(क) चूना पत्थर 
(ख) डोलोमाइट 
(ग) अभ्रक
(घ) लौह अयस्क। 
उत्तर:
(घ) लौह अयस्क। 

प्रश्न 7. 
निम्न में से किस खनिज का उपयोग मुख्यतः विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में किया जाता है? 
(क) अभ्रक 
(ख) चूना पत्थर 
(ग) लौह - अयस्क 
(घ) मैंगनीज। 
उत्तर:
(क) अभ्रक 

प्रश्न 8. 
निम्न में से ऊर्जा का परम्परागत स्रोत नहीं है।
(क) कोयला 
(ख) पेट्रोलियम 
(ग) प्राकृतिक गैस 
(घ) सौर ऊर्जा। 
उत्तर:
(घ) सौर ऊर्जा। 

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प्रश्न 9. 
भारत में खनन किया जाने वाला कोयला निम्न में से किस किस्म का है?
(क) एन्थ्रेसाइट 
(ख) बिटूमिनस 
(ग) लिग्नाइट 
(घ) पीट। 
उत्तर:
(ख) बिटूमिनस 

प्रश्न 10. 
भारत के दो - तिहाई से अधिक कोयला भण्डार पाए जाते हैं। 
(क) गोदावरी घाटी में 
(ख) दामोदर घाटी में 
(ग) ब्रह्मपुत्र घाटी में 
(घ) महानदी घाटी में। 
उत्तर:
(घ) महानदी घाटी में। 

प्रश्न 11. 
निम्न में से किसमें भारत के अधिकतम पेट्रोलियम भण्डार हैं? 
(क) मुम्बई हाई
(ख) खम्भात की खाड़ी 
(ग) ब्रह्मपुत्र की घाटी
(घ) अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह। 
उत्तर:
(क) मुम्बई हाई

प्रश्न 12. 
भारत में अधिकांश तेलशोधक कारखाने समुद्री बन्दरगाहों के निकट स्थित हैं, क्योंकि
(क) अधिकतर कच्चा तेल अन्य देशों को निर्यात किया जाता है। 
(ख) कच्चे तेल के शोधन हेतु सागरीय जल की आवश्यकता पड़ती है।  
(ग) भारत को कच्चे तेल की अधिक आवश्यकता पड़ती है जो अधिकांशतया आयात किया जाता है।  
(घ) खनिज तेल अधिकतर समुद्री बन्दरगाहों के निकट ही मिलता है।
उत्तर:
(ग) भारत को कच्चे तेल की अधिक आवश्यकता पड़ती है जो अधिकांशतया आयात किया जाता है।  

प्रश्न 13. 
निम्न में से नवीकरण योग्य ऊर्जा स्रोत है। 
(क) कोयला 
(ख) पेट्रोलियम
(ग) सौर ऊर्जा 
(घ) प्राकृतिक गैस। 
उत्तर:
(ग) सौर ऊर्जा 

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प्रश्न 14. 
भारत में भूतापीय ऊर्जा संयन्त्र कार्यरत है। 
(क) मनीकरण में 
(ख) कच्छ में 
(ग) जैसलमेर में 
(घ) लाम्बा में।
उत्तर:
(क ) मनीकरण में

समेलन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में स्तम्भ अको स्तम्भ ब से समेलित कीजिए:

प्रश्न 1. 

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) लौहा

(अ) अधानिक खनिज

(ii) अभ्रक

(ब) अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत

(iii) भूतापीय ऊर्जा

(स) जैव 

(iv) परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना

(द) धात्विक खनिज

(v) कूड़ा-कचरा जनित ऊर्जा

(य) 1948

उत्तर:

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) लौहा

(द) धात्विक खनिज

(ii) अभ्रक

(य) 1948

(iii) भूतापीय ऊर्जा

(अ) अधानिक खनिज

(iv) परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना

(ब) अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत

(v) कूड़ा-कचरा जनित ऊर्जा

(स) जैव 


रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.
धातु के स्रोत .............. खनिज हैं। 
उत्तर:
धात्विक

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प्रश्न 2.
................. खनिज कार्बनिक उत्त्पति के होते हैं। 
उत्तर:
अधात्विक

प्रश्न 3.
लौह अयस्क के प्रगलन के लिए ............... ईंधन अनिवार्य है। 
उत्तर:
मैंगनीज,
 
प्रश्न 4.
ऊर्जा उत्पादन के लिए ................ ईंधन अनिवार्य है। 
उत्तर:
खनिज,

प्रश्न 5.
महासागरीय धाराएँ ................ का अपरिमित भंडार गृह है।
उत्तर:
ऊर्जा। 

सत्य - असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में से सत्य - असत्य कथनों की पहचान कीजिए:

प्रश्न 1.
लौह अयस्क, ताँबा व सोना आदि धातु से उपलब्ध होते हैं।
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 2.
भारत में खनिज की मुख्यतः पाँच पेटियाँ हैं।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
बॉक्साइट एक अयस्क है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
अपरिष्कृत पेट्रोलियम आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होता है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 5.
फोटोवोल्टाइक सेलों से विपाशित सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है।
उत्तर:
सत्य 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
खनिज से क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
एक निश्चित रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के साथ कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति के प्राकृतिक पदार्थ खनिज कहलाते हैं।

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प्रश्न 2. 
खनिज संसाधनों के वर्गीकरण का क्या आधार है? 
उत्तर:
रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्म। 

प्रश्न 3. 
रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों को किन भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:

  1. धात्विक खनिज 
  2. अधात्विक खनिज। 

प्रश्न 4. 
धात्विक खनिज क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे खनिज जिनमें धातु प्राप्त होती है, धात्विक खनिज कहलाते हैं। उदाहरण लौह-अयस्क, ताँबा, सोना, मैंगनीज आदि।

प्रश्न 5. 
अधात्विक खनिज क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे खनिज जिनमें धातु नहीं होती है, अधात्विक खनिज कहलाते हैं। उदाहरण: चूना पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक आदि।

प्रश्न 6. 
धात्विक खनिजों का वर्गीकरण कीजिए। 
उत्तर:

  1. लौह खनिज 
  2. अलौह खनिज। 

प्रश्न 7. 
लौह धात्विक खनिज क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे समस्त प्रकार के धात्विक खनिज जिनमें लौह अंश होता है, लौह धात्विक खनिज कहलाते हैं। उदाहरण लौह अयस्क आदि।

प्रश्न 8. 
अलौह धात्विक खनिज क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे समस्त प्रकार के धात्विक खनिज जिनमें लौह अंश नहीं होता है, अलौह अधात्विक खनिज कहलाते हैं। उदाहरण: ताँबा, बॉक्साइट आदि।

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प्रश्न 9. 
धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में एक अंतर लिखिए। 
उत्तर:
धात्विक खनिजों में धातु का अंश मिलता है जबकि अधात्विक खनिजों में धातु का अंश नहीं पाया जाता है। 

प्रश्न 10. 
खनिज की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। 
उत्तर:

  1. खनिज की गुणवत्ता व मात्रा के मध्य विपरीत सम्बन्ध पाया जाता है। 
  2. सभी खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं। 

प्रश्न 11. 
भारत की प्रमुख खनिज पट्टियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में खनिज मुख्यतः तीन विस्तृत पट्टियों में संकेन्द्रित हैं। 

  1. उत्तरी - पूर्वी पठारी प्रदेश 
  2. दक्षिण - पश्चिमी पठारी प्रदेश 
  3. उत्तर - पश्चिमी प्रदेश।

प्रश्न 12. 
भारत के उत्तरी-पूर्वी पठारी प्रदेश में देश के प्रमुख लौह इस्पात उद्योग क्यों अवस्थित हैं?
उत्तर:
क्योंकि उत्तरी: पूर्वी पठारी प्रदेश में लौह इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक प्रमुख कच्चे माल; यथा - लौह अयस्क, कोयला एवं मैंगनीज स्थानीय रूप से पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

प्रश्न 13. 
धारवाड़ क्रम की शैलों से सम्बद्ध खनिज पेटी का नाम लिखिए। 
उत्तर:
उत्तर - पश्चिमी प्रदेश। 

प्रश्न 14. 
सीमेंट उद्योग के लिए आवश्यक किन्हीं दो कच्चे मालों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. डोलोमाइट 
  2. चूना पत्थर। 

प्रश्न 15. 
भारत में लौह अयस्क के कौन - कौन से प्रकार मिलते हैं? 
उत्तर:

  1. हेमेटाइट 
  2. मैगनेटाइट।

प्रश्न 16. 
भारत में मिलने वाले लौह अयस्क की सम्पूर्ण विश्व में माँग क्यों है?
उत्तर:
भारत में हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट नामक लौह अयस्क का खनन किया जाता है। इन अयस्कों की सर्वोत्तम गुणवत्ता होने के कारण इनकी सम्पूर्ण विश्व में भारी माँग रहती है।

प्रश्न 17. 
भारत में लौह अयस्क की खानें कहाँ स्थित हैं? 
उत्तर:
भारत में लौह अयस्क की खानें देश के उत्तर - पूर्वी पठारी प्रदेश में कोयला क्षेत्रों के निकट स्थित हैं। 

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प्रश्न 18. 
भारत में लौह अयस्क के निक्षेप किन - किन राज्यों में हैं?
उत्तर:
भारत में लौह अयस्क के निक्षेप उड़ीसा, झारखंण्ड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोआ, आन्ध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु राज्यों में हैं।

प्रश्न 19. 
झारखण्ड राज्य के पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम जिलों में लौह अयस्क की दो महत्वपूर्ण खदानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
झारखण्ड राज्य के पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम जिलों में नोआमण्डी तथा गुआ नामक दो महत्वपूर्ण लौह - अयस्क की खदानें हैं। 

प्रश्न 20. 
भारत का कौन-सा राज्य मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक है?
अथवा 
मैंगनीज का अग्रणी उत्पादक राज्य कौन-सा है? 
उत्तर:
उड़ीसा। 

प्रश्न 21. 
उड़ीसा के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
बोनाई, केन्दुझर, सुंदरगढ़, गंगपुर, कोरापुट, कालाहांडी एवं बोलनगीर उड़ीसा के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक क्षेत्र

प्रश्न 22. 
उड़ीसा के प्रमुख बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. कालाहांडी 
  2. संभलपुर 
  3. बोलनगीर 
  4. कोरापुट। 

प्रश्न 23. 
ताँबे का मुख्य उपयोग बताइये।
उत्तर:

  1. ताँबे का मुख्य उपयोग विद्युत उपकरणों के निर्माण के लिए किया जाता है। 
  2. ताँबा आभूषणों को मजबूती प्रदान करने के कारण सोने के साथ मिलाया जाता है। 

प्रश्न 24. 
ताँबे के मुख्य उत्पादक राज्य बताइये।
उत्तर:

  1. झारखण्ड 
  2. राजस्थान 
  3. आन्ध्र प्रदेश 
  4. कर्नाटक 
  5. तमिलनाडु। 

प्रश्न 25. 
अभ्रक का क्या उपयोग है? 
उत्तर:
अभ्रक का उपयोग विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है। 

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प्रश्न 26. 
भारत में अभ्रक के मुख्य उत्पादक राज्यों के नाम बताइये। 
उत्तर:
झारखण्ड, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान भारत के मुख्य अभ्रक उत्पादक राज्य हैं। 

प्रश्न 27. 
जीवाश्म ईंधन क्या होता है?
उत्तर:
जीवाश्म ईंधन को खनिज ईंधन के नाम से भी जाना जाता है। यह पृथ्वी के आन्तरिक भाग में लाखों वर्षों से दबे प्राणियों तथा पादप जीवों के अवशेषों से प्राप्त होता है; जैसे - कोयला तथा पेट्रोलियम।

प्रश्न 28. 
भारत के दो मुख्य ऊर्जा खनिजों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. कोयला 
  2. पेट्रोलियम। 

प्रश्न 29. 
कोयले का उपयोग बताइये। 
उत्तर:
कोयले का मुख्य उपयोग ताप विद्युत उत्पादन एवं लौह - अयस्क के प्रगलन में किया जाता है। 

प्रश्न 30. 
भारत में कौन - सी किस्म का कोयला प्रमुख रूप से मिलता है? 
उत्तर:
बिटुमिनियस कोयला। 

प्रश्न 31. 
भारत में कोयला कौन - कौन से भूगर्भिक कालों की शैल क्रमों में पाया जाता है? 
उत्तर:

  1. गोंडवाना निक्षेप 
  2. टर्शियरी निक्षेप।

प्रश्न 32. 
भारत में गोंडवाना कोयला क्षेत्र कौन - कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में गोंडवाना कोयला मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं आन्ध्र प्रदेश राज्यों में पाया जाता है।

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प्रश्न 33. 
टर्शियरी कोयला भारत के किन - किन राज्यों में प्रमुख रूप से खनन किया जाता है?
उत्तर:
टर्शियरी कोयला प्रमुख रूप से भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों - असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय एवं नागालैण्ड में खनन किया जाता है।

प्रश्न 34. 
भारत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण गोंडवाना कोयला क्षेत्र किस नदी घाटी में स्थित है? 
उत्तर:
दामोदर घाटी में। 

प्रश्न 35. 
भूरा कोयला भारत में किन - किन क्षेत्रों में पाया जाता है? 
अथवा 
लिग्नाइट कोयला क्षेत्र कौन - कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में भूरा कोयला (लिग्नाइट कोयला) तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, गुजरात एवं जम्मू - कश्मीर में पाया जाता है। 

प्रश्न 36. 
पेट्रोलियम कौन - सी चट्टानों में पाया जाता है? 
उत्तर:
पेट्रोलियम टर्शियरी युग की अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। 

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प्रश्न 37. 
तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना कब हुई? 
उत्तर:
सन् 1956 में। 

प्रश्न 38. 
तरल सोना किसे कहते हैं? 
उत्तर:
पेट्रोलियम को तरल सोना कहा जाता है। 

प्रश्न 39. 
पेट्रोलियम को तरल सोना क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:
अपनी दुर्लभता एवं विविध उपयोगों के कारण पेट्रोलियम को तरल सोना कहा जाता है। 

प्रश्न 40. 
असम के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
असम के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र: डिग्बोई, नाहरकटिया, मोरान। 

प्रश्न 41. 
गुजरात के प्रमुख तेल उत्पादक (पेट्रोलियम) क्षेत्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
गुजरात के प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र अंकलेश्वर, कलोल, मेहसाना, नवागाम, कोसांवा एवं लुनेज आदि हैं। 

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प्रश्न 42. 
मुम्बई हाई किसके लिए विख्यात है? 
उत्तर:
मुम्बई हाई पेट्रोलियम के उत्पादन के लिए विख्यात है। 

प्रश्न 43. 
भारत में कितने तेल शोधन कारखाने हैं? 
उत्तर:
वर्तमान में भारत में 23 तेल शोधन कारखाने हैं। 

प्रश्न 44. 
भारत के किन्हीं दो तेल शोधन कारखानों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. मथुरा 
  2. चेन्नई। 

प्रश्न 45. 
भारत के किस क्षेत्र में विशाल गैस भण्डारों के संकेत मिले हैं? 
उत्तर:
तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम् जिले में प्राकृतिक गैस के विशाल संचित भण्डारों के संकेत मिले हैं। 

प्रश्न 46. 
गेल (GAIL) क्या है? 
उत्तर:
गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड या गेल एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जिसकी स्थापना प्राकृतिक गैस के परिवहन व विपणन के लिए की गई थी। 

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प्रश्न 47. 
किन्हीं चार नव्यकरणीय ऊर्जा संसाधनों के नाम बताइये।
अथवा 
किन्हीं चार अपरम्परागत ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. सौर ऊर्जा 
  2. पवन ऊर्जा 
  3. भूतापीय ऊर्जा 
  4. जैव ऊर्जा। 

प्रश्न 48. 
नाभिकीय ऊर्जा किन दो खनिजों से प्राप्त की जाती है? 
उत्तर:

  1. यूरेनियम 
  2. थोरियम।

 प्रश्न 49. 
भारत की महत्त्वपूर्ण नाभिकीय ऊर्जा परियोजनाओं के नाम लिखिए।
अथवा 
भारत के परमाणु ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. तारापुर (महाराष्ट्र) 
  2. रावतभाटा (राजस्थान) 
  3. कलपक्कम (तमिलनाडु) 
  4. नरोरा (उत्तर प्रदेश) 
  5. कैगा (कर्नाटक) 
  6. काकरापारा (गुजरात)।

प्रश्न 50. 
भारत के किन - किन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक सम्भावनाएँ हैं? 
उत्तर:
भारत के पश्चिमी भागों-गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक सम्भावनाएँ हैं। 

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प्रश्न 51. 
प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का एक स्रोत बताइये। 
उत्तर:
पवन ऊर्जा। 

प्रश्न 52. 
पवन ऊर्जा के लिए भारत के किन - किन राज्यों में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं?
उत्तर:
पवन ऊर्जा के लिए भारत के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक राज्यों में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं।

प्रश्न 53. 
भूमिगत ताप के उपयोग का प्रथम सफल प्रयास कब व कहाँ हुआ? 
उत्तर:
सन् 1890 में बोयजे शहर, इडाहो (संयुक्त राज्य अमेरिका) में। 

प्रश्न 54. 
जैव ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह ऊर्जा जो जैविक उत्पादों जैसे कृषि अवशेषों, नगरपालिका व औद्योगिक अपशिष्ट आदि से प्राप्त होती है, जैव ऊर्जा कहलाती है।

प्रश्न 55. 
नगरपालिका कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली परियोजना कहाँ संचालित है?
उत्तर:
ओखला (नई दिल्ली) में। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में निम्नलिखित अन्तर हैं। 

धात्विक खनिज

अधात्विक खनिज

(i) वे खनिज जिनमें धातु प्राप्त होती है, धात्विक खनिज कहलाते हैं।

(i) वे खनिज जिनमें धातु नहीं होती है, अधात्विक खनिज कहलाते हैं।

(ii) यह खनिज प्रायः आग्नेय चट्टानों में पाए जाते हैं।

(ii) यह खनिज प्रायः अवसादी चट्टानों में पाये जाते हैं।

(iii) इन खनिजों को गलाकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है।

(iii) इन खनिजों को एक ही बार प्रयोग में लाया जा सकता

(iv) उदाहरण: लौह अयस्क, मैंगनीज, सोना, चाँदी, ताँबा आदि।

(iv) उदाहरण: चूना पत्थर, ग्रेफाइट, अभ्रक, कोयला, पेट्रोलियम आदि।


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प्रश्न 2. 
लौह खनिज एवं अलौह खनिजों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
लौह धात्विक खनिज व अलौह धात्विक खनिज में अंतर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
लौह खनिज एवं अलौह खनिजों में निम्नलिखित अंतर हैं। 
लौह खनिज

लौह खनिज

अलौह खनिज

(i) जिन खनिजों में लौह धातु का अंश होता है, लौह खनिज कहलाते हैं।

(i) जिन खनिजों में लौह धातु का अभाव होता है, अलौह खनिज कहलाते हैं।

(ii) इन खनिजों का मुख्य उपयोग लौह इस्पात उद्योग में होता है।

(ii) इन खनिजों का उपयोग कई उद्योगों में होता है।

(iii) उदाहरण: लौह - अयस्क, मैंगनीज आदि।

(iii) उदाहरण ताँबा, सोना, बॉक्साइट आदि।


प्रश्न 3. 
खनिजों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
खनिजों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  1. धरातल पर इनका असमान वितरण मिलता है।
  2. अधिक गुणवत्ता वाले खनिज भूगर्भ में अपेक्षाकृत कम मात्रा में मिलते हैं, जबकि निम्न गुणवत्ता वाले खनिजों की प्रचुर मात्रा भूगर्भ में उपलब्ध है।
  3. खनिज समाप्त होने वाले व अनवीकरणीय संसाधन होते हैं तथा समय के साथ इनकी उपलब्धता में कमी आती जाती है। 
  4. भूगर्भ में खनिजों का निर्माण एक अति दीर्घकालीन प्रक्रिया के माध्यम से होता है।

प्रश्न 4. 
भारत की तीन प्रमुख खनिज पेटियों के नाम बताइये तथा प्रत्येक पेटी का एक महत्त्वपूर्ण लक्षण लिखिए।
उत्तर:
भारत की तीन प्रमुख खनिज पेटियाँ व उनके लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. उत्तर - पूर्वी पठारी प्रदेश: इस खनिज पेटी में लौह-अयस्क, कोयला, मैंगनीज, बॉक्साइट व अभ्रक आदि खनिज मिलते हैं। इस क्षेत्र में प्रमुख लौह इस्पात उद्योग भी अवस्थित हैं।
  2. उत्तर - पश्चिम प्रदेश: इस खनिज पेटी के खनिज धारवाड़ की शैलों से सम्बद्ध हैं तथा ताँबा, जस्ता आदि प्रमुख खनिज हैं। 
  3. दक्षिणी - पश्चिमी पठारी प्रदेश: इस पेटी में उच्च कोटि का लौह-अयस्क, मैंगनीज एवं चूना-पत्थर मिलता

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प्रश्न 5. 
भारत में अभ्रक खनिज के उत्पादक क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत में अभ्रक के संचित भण्डार प्रमुख रूप से झारखण्ड, आन्ध्र प्रदेश व राजस्थान राज्यों में मिलते हैं। झारखण्ड राज्य में उच्च गुणवत्ता वाला अभ्रक निचले हजारीबाग पठार की 150 किमी. लम्बी व 22 किमी. चौड़ी पट्टी में मिलता है। आन्ध्र प्रदेश राज्य के नेल्लोर जिले में सर्वोत्तम प्रकार का अभ्रक खनन किया जाता है। जबकि राजस्थान राज्य में अभ्रक पेटी लगभग 320 किमी. लम्बाई में जयपुर से भीलवाड़ा तथा उदयपुर के समीप विस्तारित मिलती है। कर्नाटक में मैसूर व हासन जिले, तमिलनाडु में कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली, मदुरई तथा कन्याकुमारी जिले, महाराष्ट्र में रत्नागिरी तथा पश्चिम बंगाल में पुरलिया व बाँकुरा जिलों में भी अभ्रक के जमाव मिलते हैं। 

प्रश्न 6. 
भारत के विभिन्न तेल शोधन कारखानों के नाम लिखिए।
अथवा 
भारत की कार्यरत एवं निर्माणाधीन तेल शोधन शालाएँ कौन कौन - सी हैं? नाम लिखिए। 
उत्तर:
भारत की कार्यरत एवं निर्माणाधीन तेल शोधन शालाएँ निम्नलिखित हैं:

  1. पानीपत (हरियाणा)
  2. मथुरा (उत्तर प्रदेश) 
  3. बरौनी (बिहार) 
  4. बोगाईगाँव गुवाहाटी, नुमालीगढ़ व डिगबोई (असम) 
  5. जामनगर व कोयली (गुजरात) 
  6. मुम्बई व ट्राम्बे (महाराष्ट्र) 
  7. हल्दिया (प. बंगाल) 
  8. विशाखापट्टनम व तातीपाका (आन्ध्र प्रदेश) 
  9. मंगलौर (कर्नाटक) 
  10. चेन्नई व नागापट्टिनम (तमिलनाडु) 
  11. कोच्चि (केरल) 
  12. भटिंडा (पंजाब) 
  13. बीना (मध्यप्रदेश) 
  14. पारादीप (उड़ीसा) - वार्डिनर (गुजरात)।

प्रश्न 7. 
भारत में प्राकृतिक गैस के खनन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में प्राकृतिक गैस के परिवहन व विपणन के लिए सन् 1984 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में गैस अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (GAIL) की स्थापना की गई। सामान्यतया प्राकृतिक गैस को पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों से पेट्रोलियम के साथ प्राप्त किया जाता है। लेकिन प्राकृतिक गैस के प्रकृतिनिष्ठ संचित भण्डार तमिलनाडु के पूर्वी तट, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, गुजरात तथा महाराष्ट्र के अपतटीय कुंओं में मिलते हैं। तेल व प्राकृतिक गैस आयोग ने तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में प्राकृतिक गैस के विशाल भण्डार होने के संकेत सन् 2006 में दिए।

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प्रश्न 8. 
भारत में नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त खनिजों के निक्षेपों को संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
भारत में नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन में प्रयुक्त होने वाले खनिजों में यूरेनियम तथा थोरियम सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। यूरेनियम अयस्क के निक्षेप प्रमुख रूप से धारवाड़ क्रम की चट्टानों में मिलते हैं। ये अयस्क झारखण्ड राज्य की सिंहभूम ताँबा पेटी के साथ अनेक स्थानों पर मिलते हैं। राजस्थान राज्य के उदयपुर, झुंझुनूं तथा अलवर जिलों में तथा महाराष्ट्र के भण्डारा जिले में तथा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में यूरेनियम अयस्क के महत्त्वपूर्ण निक्षेप मिलते हैं। थोरियम अयस्क केरल के तटीय क्षेत्रों की बालू में उपस्थित मोनाजाइट एवं इल्मेनाइट खनिजों से प्राप्त किया जाता है। केरल राज्य के पालाक्काड़ व कोलाम जिलों में, आन्ध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम तथा उड़ीसा राज्य में महानदी के डेल्टाई भागों में विश्व के सर्वाधिक समृद्ध मोनाजाइट निक्षेप पाए जाते हैं। 

प्रश्न 9. 
पवन ऊर्जा के लाभ बताते हुए इसके प्रमुख क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. यह प्रदूषण मुक्त ऊर्जा का स्रोत है। 
  2. यह गैर परम्परागत एवं असमाप्य ऊर्जा का स्रोत है। 
  3. पवन से ऊर्जा निर्मित करना सरल प्रक्रिया है। 

प्रमुख अनुकूल क्षेत्र:

  1. राजस्थान, 
  2. गुजरात, 
  3. महाराष्ट्र, 
  4. कर्नाटक 

प्रश्न 10. 
भारत में ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
समुद्री ज्वार व तरंगों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को ज्वारीय व तरंग ऊर्जा कहते हैं। भारत के पश्चिमी तट पर उठने वाली वृहद् ज्वारीय तरंगें इस ऊर्जा के उत्पादन के लिए अनुकूल दशायें प्रदान करती हैं। भारत में ज्वारीय ऊर्जा उत्पादन की अनुमानित सम्भाव्यता 10 हजार मेगावाट है जिसमें 7 हजार मेगावाट उत्पादन सम्भाव्यता अकेले खम्भात की खाड़ी में है।

प्रश्न 11. 
भारत में भूतापीय ऊर्जा के विकास का विवरण दीजिए।
उत्तर:
भूगर्भ से मैग्मा के निष्कासित होते समय अत्यधिक ऊर्जा विमुक्त होती है जिसे भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। दूसरों शब्दों में, पृथ्वी के उच्च भूगर्भीय ताप से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को.भूतापीय ऊर्जा कहते हैं। इसके अलावा गीजर कूपों से निकलते गर्म पानी से भी तापीय ऊर्जा प्राप्त होती है। इस तापीय ऊर्जा को आसानी से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। वर्तमान में भूतापीय ऊर्जा, सस्ता, पर्यावरण अनुकूल तथा न समाप्त होने वाला अति महत्त्वपूर्ण वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के निकट मनीकरण नामक स्थान पर भूतापीय ऊर्जा संयन्त्र कार्यरत है। 

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प्रश्न 12. 
जैविक ऊर्जा क्या होती है? भारत में इस ऊर्जा का उत्पादन कहाँ हो रहा है? काँदो रहा है?
अथवा 
भारत में जैव ऊर्जा की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जैविक पदार्थों जैसे कृषि अवशेष, नगरपालिकाओं द्वारा एकत्र अपशिष्ट, औद्योगिक व अन्य अपशिष्टों से प्राप्त ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। इस जैविक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा, ताप ऊर्जा तथा खाना पकाने वाली गैस के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस ऊर्जा के उत्पादन से एक ओर अपशिष्ट व कूड़ा-करकट का सुचारु निपटान होता है तो दूसरी ओर उससे उपयोगी ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है। जैविक ऊर्जा ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में सहयोगी तो होती ही है साथ ही पर्यावरण प्रदूषण घटाने तथा जलावन लकड़ी की बचत करने में इसका महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है। वर्तमान में नई - दिल्ली के ओखला क्षेत्र में नगरपालिका कचरे को जैविक ऊर्जा में बदलने का एक संयन्त्र कार्यरत है।

प्रश्न 13. 
गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के अधिकाधिक प्रयोग हेतु उत्तरदायी सामाजिक - आर्थिक कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:

  1. गैर परम्परागत स्रोत असमाप्य होते हैं। 
  2. ये ऊर्जा स्रोत प्रदूषण मुक्त होते है। 
  3. पर्यावरण हितैषी होते हैं। 
  4. सतत् पोषणीयता को आधार प्रदान करते हैं। 
  5. मानवीय मितव्ययता में सहायक है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2):

प्रश्न 1. 
रासायनिक एवं भौतिक विशेषताओं के आधार पर खनिजों को वर्गीकृत कीजिए। 
उत्तर:
रासायनिक एवं भौतिक विशेषताओं के आधार पर खनिजों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभक्त किया गया है
(i) धात्विक खनिज-इन खनिजों में धातु होती है, लौह अयस्क, ताँबा, मैंगनीज, सोना, बॉक्साइट आदि धात्विक खनिजों के प्रमुख उदाहरण हैं। धात्विक खनिजों को पुनः निम्नलिखित दो वर्गों में बाँटा जाता है

सापकहा:
(अ) लौह धात्विक खनिज-जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, वे लौह धात्विक खनिज कहलाते हैं। लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल आदि लौह धात्विक खनिजों के प्रमुख उदाहरण हैं।
(ब) अलौह धात्विक खनिज-जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता है, उन्हें अलौह धात्विक खनिज कहते हैं। सोना, चाँदी, ताँबा, बॉक्साइट, सीसा, टिन आदि अलौह धात्विक खनिजों के प्रमुख उदाहरण हैं।

(ii) अधात्विक खनिज-इन खनिजों में धातु नहीं होती। चूना-पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम, ग्रेफाइट आदि अधात्विक खनिजों के प्रमुख उदाहरण हैं।

अधात्विक खनिजों को पुनः दो भागों में बाँटा जा सकता है:
(अ) कार्बनिक खनिज इन खनिजों में जीवाश्म होते हैं। ये जीवाश्म ईंधन, जिन्हें खनिज ईंधन के नाम से जानते हैं जो पृथ्वी में दबे प्राणी एवं पादपों से प्राप्त होते हैं, जैसे-कोयला, पेट्रोलियम आदि ।

(ब) अकार्बनिक खनिज इन खनिजों में जीवाश्म नहीं होते हैं। अभ्रक, चूना पत्थर, ग्रेफाइट आदि इसके मुख्य उदाहरण हैं।
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प्रश्न 2. 
भारत की प्रमुख खनिज पट्टियों का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
भारत के प्रमुख खनिज मंगलोर (कर्नाटक राज्य) से कानपुर (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने वाली काल्पनिक रेखा के पूर्वी भाग में मिलते हैं। भारत के अधिकांश खनिज निम्नलिखित तीन पट्टियों में प्रमुख रूप से पाए जाते हैं

  1. उत्तरी - पूर्वी पठारी प्रदेश 
  2. दक्षिणी - पश्चिमी पठारी प्रदेश 
  3. उत्तरी - पश्चिमी प्रदेश। 

(i) उत्तरी - पूर्वी पठार: इस खनिज पेटी के अन्तर्गत छोटा नागपुर का पठार (झारखण्ड), उड़ीसा के पठारी भाग के अलावा पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ भाग सम्मिलित हैं। इस पेटी में मिलने वाले खनिजों में लौह - अयस्क, कोयला, मैंगनीज, बॉक्साइट व अभ्रक उल्लेखनीय हैं।

(ii) दक्षिणी: पश्चिमी पठारी प्रदेश भारत की यह खनिज पट्टी प्रायद्वीपीय भारत के कर्नाटक, केरल, गोआ तथा संस्पर्शी तमिलनाडु की उच्च भूमि पर विस्तृत मिलती है। इस खनिज पट्टी में उच्च कोटि का लौह-अयस्क, मैंगनीज तथा चूना - पत्थर मिलता है। इसके अलावा केरल में मोनाजाइट व थोरियम तथा बॉक्साइट के जमाव मिलते हैं।

(iii) उत्तरी - पश्चिमी प्रदेश: भारत की यह खनिज पट्टी राजस्थान राज्य में अरावली पर्वत श्रेणी तथा गुजरात के कुछ भाग पर विस्तृत है। यहाँ धारवाड़ क्रम की चट्टानों में खनिज मिलते हैं। राजस्थान राज्य में बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, चूना-पत्थर, डोलामाइट, जिप्सम व मुल्तानी मिट्टी के विशाल जमाव मिलते हैं, जबकि गुजरात को पेट्रोलियम के संचित भण्डारों के लिए जाना जाता है। नमक के महत्त्वपूर्ण भण्डार गुजरात तथा राजस्थान राज्यों में मिलते हैं। उक्त तीनों खनिज पट्टियों के अलावा हिमालय खनिज पेटी एक अन्य खनिज पेटी है जिसमें ताँबा, सीसा, जस्ता, कोबाल्ट तथा रंगरत्न मिलते हैं।

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प्रश्न 3. 
भारत में लौह अयस्क के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
लौह अयस्क: लौह अयस्क संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से भारत विश्व का एक सम्पन्न देश है। हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट नामक लौह के दो प्रमुख अयस्कों का हमारे देश में प्रमुख रूप से खनन किया जाता है। उच्च गुणवत्ता के कारण इन दोनों अयस्कों की सम्पूर्ण विश्व में पर्याप्त माँग रहती है।

संचित भण्डार: एशिया महाद्वीप के विशालतम लौह अयस्क के संचित भण्डार हमारे देश में हैं। देश के लौह अयस्क के कुल संचित भण्डारों का 95 प्रतिशत भाग उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में मिलता है।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भारत में लौह अयस्क के निम्नलिखित उत्पादक क्षेत्र उल्लेखनीय हैं:

  1. उड़ीसा - उड़ीसा राज्य में सुन्दरगढ़, मयूरभंज तथा झार जिलों में स्थित पहाड़ी श्रृंखलाओं में लौह अयस्क के महत्त्वपूर्ण जमाव हैं। मयूरभंज जिले में गुरुमहिसानी, सुलाएपत तथा बादामपहाड़, सुन्दरगढ़ जिले में बोनाई तथा केन्दूझार जिले के किरुबुरू में लौह अयस्क की महत्वपूर्ण खदानें हैं।
  2. झारखण्ड: इस राज्य के पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में नोआमंडी तथा गुआ खदानें।
  3. छत्तीसगढ़ इस राज्य में दुर्ग, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों में उच्च किस्म के लौह अयस्क का खनन किया जाता है। बस्तर जिले में बेलाडीला-रावघाट श्रेणी तथा डल्ली व दुर्ग जिले में राजहरा श्रेणी की खदानें देश की महत्त्वपूर्ण लंब अयस्क खदानें हैं।
  4. अन्य उत्पादक क्षेत्र: इनके अतिरिक्त लौह अयस्क का उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में चन्द्रपुर, भण्डारा व रत्नागिरि जिले, आन्ध्र प्रदेश राज्य में करीमनगर, वारंगल, कुखतूल, कडप्पा व अनन्तपुर जिले, तमिलनाडु राज्य के सेलम व नीलगिरि जिले तथा गोआ राज्य में होता है। 

प्रश्न 4. 
मैंगनीज़ के उपयोग एतं वितरण का विवरण दीजिए।
अथवा 
भारत में मैंगनीज के उत्पादन एवं वितरण का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मैंगनीज का उपयोग: लौह - अयस्क के प्रगलन में मैंगनीज का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह मुख्य रूप से आकर्षक और जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहे और मैंगनीज की मिश्र धातु बनाने के उपयोग में आता है। इसके अतिरिक्त मैंगनीज का प्रयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक दवाइयों, पेंट व बैटरियों आदि के निर्माण के लिए भी किया जाता है। उत्पादन एवं वितरण भारत में मैंगनीज के निक्षेप मुख्य रूप से धारवाड़ क्रम की चट्टानों में मिलते हैं। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुसार भारत में 16.7 करोड़ टन मैंगनीज के सुरक्षित भंडार हैं। जिसमें लगभग एक - चौथाई उत्तम किस्म का मैंगनीज है।

भारत में मैंगनीज उत्पादन की दृष्टि से निम्नलिखित क्षेत्र उल्लेखनीय हैं:

  1. उड़ीसा राज्य में बोनाई, केन्दुझर, सुन्दरगढ़, गंगपुर, कोरापुट, कालाहांडी तथा बोलनगीर जिले। 
  2. कर्नाटक राज्य में धारवाड़, बेल्लारी, बेलगाम, उत्तरी कनारा, चिकमंगलूर, शिमोगा, चित्रदुर्ग तथा तुमकुर जिले। 
  3. महाराष्ट्र राज्य में नागपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरी जिले। 
  4. मध्य प्रदेश राज्य में बालाघाट, छिंदवाड़ा, निमाड़, मांडला, व झाबुआ जिले। 

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प्रश्न 5. 
भारत में बॉक्साइट के उत्पादक क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
बॉक्साइट: बॉक्साइट एक अलौह धात्विक खनिज़ है। इसका उपयोग एल्यूमिनियम बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। बॉक्साइट मुख्यतः टर्शियरी निक्षेपों में पाया जाता है तथा लैटराइट चट्टानों से सम्बद्ध है। यह विस्तृत रूप से प्रायद्वीपीय भारत के पठारी क्षेत्रों तथा पर्वत श्रेणियों के साथ-साथ देश के तटीय भागों में भी पाया जाता है। भारत में बॉक्साइट के उत्तम किस्म के संचित भण्डार हैं।
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: भारत में बॉक्साइट के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं: 

  1. उड़ीसा: यह भारत में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। कालाहांडी, संभलपुर, बोलनगीर एवं कोरापुट जिले प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।
  2. झारखण्ड: इस राज्य में लोहारडागा जिले के पेटलैंडस में बॉक्साइट के पर्याप्त निक्षेप मिलते हैं। 
  3. गुजरात: इस राज्य के भावनगर व जामनगर में बॉक्साइट के निक्षेप मिलते हैं। 
  4. महाराष्ट्र: इस राज्य में कोलाबा, रत्नागिरि, सतारा, पुणे एवं कोल्हापुर जिले से बॉक्साइट की प्राप्ति होती हैं। 
  5. छत्तीसगढ़ इस राज्य में बॉक्साइट के निक्षेप अमरकंटक के पठार पर पाये जाते हैं। 
  6. मध्य प्रदेश-इस राज्य में बॉक्साइट के निक्षेप कटनी, जबलपुर व बालाघाट जिले में देखने को मिलते हैं। 
  7. अन्य उत्पादक भारत में बॉक्साइट के अन्य उत्पादक राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु एवं गोआ आदि हैं। 

प्रश्न 6. 
भारत में ताँबे के उपयोग एवं उत्पादन क्षेत्रों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ताँबे का उपयोग-ताँबा एक बहुउपयोगी अलौह धात्विक खनिज है। यह बिजली का उत्तम संचालक है जिसके कारण इसका उपयोग सबसे अधिक बिजली की मोटरें, ट्रांसफार्मर व जनरेटर्स आदि बनाने में होता है। आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने में इसे स्वर्ण धातु के साथ मिलाया जाता है। इससे बर्तन व सिक्के भी बनाये जाते हैं।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: भारत में ताँबे का लगभग अभाव है। यहाँ ताँबे के बहुत कम भण्डार हैं। भारत में ताँबे के अल्प मात्रा में निक्षेप मुख्य रूप से झारखण्ड के सिंहभूम जिले में मिलते हैं। इसके अतिरिक्त ताँबे के भण्डार मध्य प्रदेश के बालाघाट, राजस्थान के झुंझनूं व अलवर जिले में मुख्य रूप से मिलते हैं। ताँबे के गौण उत्पादक राज्य आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का अग्निगुंडाला, कर्नाटक का चित्रदुर्ग व हासन जिले तथा तमिलनाडु का दक्षिण अकार्ट जिला आदि हैं।

प्रश्न 7. 
भारत में कोयले के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
कोयला शक्ति और ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्रोत है। कोयला मुख्य रूप से दो भूगर्भिक कालों-गोंडवाना व टर्शियरी के क्षेत्र क्रमों में पाया जाता है। प्रमुख कोयला उत्पादन के क्षेत्र - भारत में गोंडवाना कोयला क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण जमाव दामोदर नदी घाटी क्षेत्र में मिलते हैं। यह कोयला क्षेत्र झारखण्ड, बंगाल कोयला पेटी में स्थित है। झारखण्ड राज्य के कोयला क्षेत्रों में झरिया, बोकारो, गिरीडीह तथा करनपुरा एवं पश्चिम बंगाल में रानीगंज सर्वप्रमुख है।

झरिया देश का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है, जबकि रानीगंज भारत का दूसरा सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है। मध्य प्रदेश राज्य में सिंगरौली जिसका कुछ भाग उत्तर प्रदेश राज्य में भी है, सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है। छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा, उड़ीसा राज्य में तलचर व रामपुर, महाराष्ट्र राज्य में चाँदा - वर्धा, काम्पटी व बान्देर तथा आन्ध्रप्रदेश राज्य में सिंगरेनी व पांडुर भारत के अन्य महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं। टर्शियरी कोयला उत्पादन भारत के निम्नवत् राज्यों के निम्नलिखित क्षेत्रों से प्राप्त होता हैमेघालय - दरानगिरी, चेरापूँजी, मेवलांग तथा लैंग्रिन। असम माकुम व जयपुर। अरुणाचल प्रदेश नजीरा, नामचिक-नाम्फुक। जम्मू-कश्मीर-कालाकोट। तमिलनाडु - तटीय क्षेत्र। 

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प्रश्न 8. 
भारत में पेट्रोलियम का उपयोग एवं उत्पादक क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
अथवा 
भारत के तेल उत्पादक क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का उपयोग आधुनिक युग में पेट्रोलियम का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। इसे मुख्यतः शक्ति के साधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह मोटर वाहनों, रेलवे तथा वायुयानों के अंतर्दहन ईंधन के लिए शक्ति का एक अनिवार्य स्रोत है। इसके अनेक सह उत्पाद पेट्रो रसायन उद्योगों; जैसे-उर्वरक, कृत्रिम रबर, कृत्रिम रेशे, दवाइयाँ, वेसलीन, स्नेहकों, मोम, साबुन व अन्य सौन्दर्यवर्धक सामग्री निर्माण में प्रयुक्त होते हैं। 

उत्पादक क्षेत्र: भारत में पेट्रोलियम टर्शियरी युग की अवसादी शैलों में पाया जाता है। भारत में व्यवस्थित ढंग से तेल की खोज एवं उत्पादन कार्य सन् 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना के पश्चात् प्रारम्भ हुआ।
 
प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र निम्नलिखित हैं:

  1. उत्तरी - पूर्वी क्षेत्र: यह भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक क्षेत्र है। इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण उत्पादक डिगबोई, नाहरकटिया, मोरान, रुद्रसागर आदि हैं।
  2. गुजरात क्षेत्र: गुजरात के प्रमुख तेल क्षेत्र अंकलेश्वर, कलोल, मेहसाणा, नवागाम, कोसांवा तथा लुनेज आदि
  3. मुम्बई हाई: यह तेल क्षेत्र मुंबई तट के निकट मुंबई नगर से 160 किमी. दूर अपतटीय क्षेत्र में पड़ता है। यह तेल क्षेत्र सन् 1973 में खोजा गया था और यहाँ सन् 1976 से उत्पादन प्रारम्भ हो गया।
  4. पूर्वी तट प्रदेश: यह तेल क्षेत्र कृष्णा गोदावरी तथा कावेरी जिलों के बेसिनों में विस्तृत है। इस तेल क्षेत्र की . खोज तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने की।

प्रश्न 9. 
सौर - ऊर्जा पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सूर्य से प्राप्त ऊर्जा असीमित होती है। फोटोवोल्टाइक सेलों पर आपतित सूर्य की किरणों को जब ऊर्जा में बदल दिया जाता है तो उसे सौर-ऊर्जा कहा जाता है। फोटोवोल्टाइक तथा सौर तापीय प्रौद्योगिकी सौर-ऊर्जा को काम में लाने वाले दो महत्त्वपूर्ण एवं प्रभावी प्रक्रम हैं। कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जैसे अनवीनीकरण योग्य ऊर्जा स्रोतों की तुलना में सौर तापीय प्रौद्योगिकी अधिक लाभप्रद है साथ ही यह कम लागत में प्राप्त होने वाली, पर्यावरण मित्र तथा निर्माण में सरल है।

सौर-ऊर्जा कोयला अथवा तेल आधारित संयन्त्रों की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक तथा नाभिकीय ऊर्जा से 10 प्रतिशत अधिक प्रभावी होती है। सौर-ऊर्जा का सामान्यतया उपयोग हीटरों, सौर कुकर्स, फसल शुष्ककों (Crop Dryers) जैसे उपकरणों में अधिकाधिक हो रहा है। भारत के थार मरुस्थलीय भागों की भू-सतह औसतन 200 वाट प्रति वर्ग मीटर प्रति घंटा की दर से ऊर्जा ग्रहण करती है। अतः भारत के इस भू-भाग में सौर-ऊर्जा उत्पादन की अपार सम्भावनाएँ निहित हैं तथा इसे भारत के सबसे बड़े सौर ऊर्जा गृह के रूप में जाना जा सकता है। गुजरात का काठियावाड़ कच्छ क्षेत्र भी सौर-ऊर्जा के विकास की पर्याप्त सम्भावनाएँ रखता है।

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 10. 
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पवन ऊर्जा एक नवीनीकरण योग्य, स्वच्छ व सुरक्षित ऊर्जा स्रोत है। भारत में वायु ऊर्जा की तकनीक में हुए आधुनिकीकरण के कारण देश में वायुफार्मों की स्थापना तथा वायु ऊर्जा उत्पादन की पर्याप्त सम्भावनाएँ हैं। गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत मन्त्रालय भारत के तेल आयात बिल के भार को कम करने के लिए पवन ऊर्जा को विकसित करने हेतु प्रयत्नशील है।

हमारे देश में पवन ऊर्जा उत्पादन की संभावित क्षमता 50 हजार मेगावाट है जिसमें से लगभग एक-चौथाई पवन ऊर्जा को आसानी से विकसित कर काम में लाया जा सकता है। पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में अनुकूल दशाएँ मिलती हैं। गुजरात राज्य के कच्छ क्षेत्र के लाम्बा नामक स्थान पर स्थापित पवन ऊर्जा संयन्त्र एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा पवन-ऊर्जा उत्पादक संयन्त्र है। पवन ऊर्जा का एक अन्य संयन्त्र तमिलनाडु राज्य के तूतीकोरन क्षेत्र में स्थित है।

प्रश्न 11. 
खनिज संसाधनों के संरक्षण के महत्व तथा उपायों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान में संसाधन उपयोग के परम्परागत तरीकों के परिणामस्वरूप समस्त विश्व को बड़ी मात्रा में अपशिष्ट के साथ-साथ अनेक गम्भीर पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खनिज समाप्त होने वाले संसाधन हैं। एक बार निकाले जाने पर खनिजों का पुनः निर्माण नहीं होता। सतत् पोषणीय विकास ने मानव समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों के लिए संसाधनों का संरक्षण अनिवार्य कर दिया है। खनिज संसाधनों के संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपायों को क्रियान्वित करना आवश्यक है।

  1. ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों (सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा) का अधिकाधिक विकास किया जाना चाहिए। 
  2. छाजन धातुओं का पर्याप्त उपयोग करना चाहिए। 
  3. अति अल्प उपलब्ध धातुओं के स्थान पर उनके प्रतिस्थापनों का उपयोग करना चाहिए। 
  4. सामरिक महत्व के खनिजों तथा अति अल्प उपलब्ध खनिजों के निर्यात को सीमित कर देना चाहिए। 

प्रश्न 12. 
भारत में खनिज और ऊर्जा संसाधनों के असमान वितरण का वर्णन उपयुक्त उदाहरण देकर कीजिए।
उत्तर:
भारत में पाये जाने वाले खनिज एवं ऊर्जा संसाधन प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाते हैं; यथा

  1. नागपुर के पठारी क्षेत्र में सर्वाधिक खनिज मिलते हैं जबकि पश्चिमी एवं उत्तरी भारत खनिजों के दृष्टिकोण से - विरल क्षेत्र है।
  2. दामोदर घाटी के क्षेत्र में सर्वाधिक कोयला निक्षेपित मिलता है जबकि उत्तरी राज्यों में कोयले का लगभग अभाव मिलता है।
  3. पेट्रोल के भंडार, असम, गुजरात एवं मुम्बई के पास मिलते हैं जबकि अन्य राज्यों में इसका लगभग अभाव मिलता है।
  4. धात्विक खनिज प्रायद्वीपीय पठार में बाहुल्यता से मिलते हैं। 
  5. ज्वारीय ऊर्जा के दृष्टिकोण से दक्षिणी भारतीय राज्य अच्छी स्थिति रखते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
भारत के लौह खनिज संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
भारत के लौह खनिज संसाधनों में लौह अयस्क तथा मैंगनीज नामक लौह खनिज प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।
लौह अयस्क लौह अयस्क औद्योगिक विकास का आधार हैं। इन्हें आधुनिक सभ्यता की रीढ़ कहा जा सकता है। यह एक बहुउपयोगी खनिज है। लोहा खानों से शुद्ध धातु के रूप में नहीं निकलता, यह लौह अयस्क के रूप में पाया जाता है। लौह अयस्क संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से भारत विश्व का एक सम्पन्न देश है। हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट नामक लौह के दो प्रमुख अयस्कों का हमारे देश में प्रमुख रूप से खनन किया जाता है। उच्च गुणवत्ता के कारण इन दोनों अयस्कों की विश्वभर में पर्याप्त माँग रहती है।

संचित भण्डार: एशिया महाद्वीप के विशालतम लौह अयस्क के संचित भण्डार हमारे देश में हैं। देश के लौह अयस्क के कुल संचित भण्डारों का 95 प्रतिशत भाग उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में मिलता है।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: भारत में लौह अयस्क के निम्नलिखित उत्पादक क्षेत्र उल्लेखनीय हैं।
(i) उड़ीसा: उड़ीसा राज्य में सुन्दरगढ़, मयूरभंज तथा झार जिलों में स्थित पहाड़ी श्रृंखलाओं में लौह अयस्क के महत्वपूर्ण जमाव हैं। मयूरभंज जिले में गुरुमहिसानी, सुलाएपत तथा बादामपहाड़, सुन्दरगढ़ जिले में बोनाई तथा केन्दूझर जिले में किरुबुरू लौह अयस्क की महत्वपूर्ण खदानें हैं।
RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 3
(ii) झारखण्ड राज्य के पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में नोआमंडी तथा गुआ खदानें।

(iii) छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों में उच्च किस्म का लौह अयस्क खनन किया जाता है। बस्तर जिले में बेलाडीला-रावघाट श्रेणी तथा डल्ली व दुर्ग जिले में राजहरा श्रेणी की खदानें देश की महत्त्वपूर्ण लौह अयस्क खदानें हैं।

(iv) कर्नाटक राज्य में बेलारी जिले के संदूर-हास्पेट क्षेत्र तथा चिकमंगलूर जिले की कुद्रेमुख व बाबाबूदन पहाड़ियों की खदानों के अलावा शिमोगा, चित्रदुर्ग व तुमकुर जिलों के कुछ हिस्सों में अवस्थित खदानें।

(v) महाराष्ट्र राज्य में चन्द्रपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरि जिले
 
(vi) आन्ध्र प्रदेश राज्य में करीमनगर, वारांगल, कुरूनूल, कुडप्पा तथा अनन्तपुर जिले। 

(vii) तमिलनाडु राज्य के सलेम व नीलगिरी जिले। 

(viii) गोआ राज्य में पाले-ओनड़ा, पाले-पिकना क्षेत्र।

मैंगनीज मैंगनीज भारत में खनन किया जाने वाला लौह अयस्क के बाद दूसरा महत्त्वपूर्ण लौह खनिज है। मैंगनीज के निक्षेप प्रमुख रूप से धारवाड़ क्रम की चट्टानों में मिलते हैं। यह मुख्य रूप से अपकर्षण एवं जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहे व मैंगनीज की मिश्र धातु बनाने के उपयोग में आता है। इसके अतिरिक्त मैंगनीज का उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक दवाइयों, पेंट व बैटरियों के निर्माण में किया जाता है। 

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भारत में मैंगनीज उत्पादन की दृष्टि से निम्नलिखित क्षेत्र उल्लेखनीय हैं:

  1. उड़ीसा राज्य में बोनाई, केन्दुझर, सुन्दरगढ़, गंगपुर, कोरापुट, कालाहाँडी तथा बोलनगीर जिले। 
  2. कर्नाटक राज्य में धारवाड़, बेल्लारी, बेलगाम, उत्तरी कनारा, चिकमंगलूर, शिमोगा, चित्रदुर्ग तथा तुमकुर जिले। 
  3. महाराष्ट्र राज्य में नागपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरी जिले। 
  4. मध्य प्रदेश राज्य में बालाघाट, छिंदवाड़ा, निमाड़, मांडला व झाबुआ जिले। 

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प्रश्न 2. 
भारत में बॉक्साइट तथा ताँबा उत्पादक क्षेत्रों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एल्यूमिनियम धातु के निर्माण में प्रयुक्त किया जाने वाला बॉक्साइट एक अयस्क है। भारत में बॉक्साइट के उच्च किस्म के संचित भण्डार हैं तथा बॉक्साइट के प्रमाणित संचित भण्डारों की दृष्टि से भारत का विश्व में पाँचवाँ स्थान
प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भारत में बॉक्साइट विस्तृत रूप से प्रायद्वीपीय भारत के पठारी क्षेत्रों व पर्वत श्रेणियों के साथ-साथ देश के तटीय भागों में भी पाया जाता है।
भारत में बॉक्साइट अयस्क के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र निम्नवत् हैं।

  1. उड़ीसा राज्य में कालाहांडी, संभलपुर, बोलनगीर तथा कोरापुट जिले। यह राज्य भारत में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
  2. झारखण्ड राज्य में लोहारडागा जिले की पैटलैण्ड्स। 
  3. गुजरात राज्य में भावनगर व जामनगर जिले। 
  4. महाराष्ट्र राज्य में कोलाबा, थाणे, रत्नागिरी, सतारा, पुणे तथा कोल्हापुर जिले। 
  5. छत्तीसगढ़ राज्य में अमरकंटक पठारी क्षेत्र। 
  6. मध्य प्रदेश राज्य में कटनी, जबलपुर तथा बालाघाट जिले।


ताँबा ताँबा एक उपयोगी अलौह धात्विक खनिज है। यह विद्युत मोटरें, विद्युत तार, बर्तन, ट्रांसफार्मर, जनरेटर्स तथा विद्युत उद्योग के लिए एक अपरिहार्य धातु है। आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए इसे स्वर्ण के साथ मिश्रित किया जाता है।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भारत में ताँबा अत्यन्त अल्प मात्रा में पाया जाता है। भारत में ताँबे के निम्नलिखित उत्पादक क्षेत्र हैं:

  1. झारखण्ड राज्य का सिंहभूम जिला। 
  2. मध्य प्रदेश राज्य में बालाघाट जिले का मलाजखण्ड ताँबा क्षेत्र। 
  3. राजस्थान राज्य में झुंझुनू एवं अलवर जिले।
  4. अन्य उत्पादक क्षेत्र: आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का अग्निगुंडाला क्षेत्र, कर्नाटक राज्य में चित्रदुर्ग व हासन जिले तथा तमिलनाडु राज्य का दक्षिणी अकार्ट जिला भारत के अन्य ताम्र अयस्क उत्पादन करने वाले क्षेत्र हैं। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 2

प्रश्न 3. 
भारत के कोयला संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
अथवा 
भारत में कोयले के उत्पादक क्षेत्रों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोयला भारत का एक महत्त्वपूर्ण खनिज है जिसका उपयोग प्रमुख रूप से तापीय विद्युत उत्पादन तथा लौह अयस्क के प्रगलन हेतु किया जाता है। भारत में कोयला निक्षेप गोंडवाना व टरशियरी क्रम की चट्टानों में मुख्य रूप से मिलते हैं। कोयला निक्षेप भारत में मिलने वाले कोयले का लगभग 80 प्रतिशत भाग बिटुमिनियस प्रकार का है तथा गैर-कोककारी श्रेणी से सम्बन्धित होता है। गोंडवाना कोयले के निक्षेप प्रमुख रूप से पश्चिमी बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा आन्ध्र प्रदेश में मिलते हैं, जबकि टरशियरी कोयला निक्षेप प्रमुख रूप से देश के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में निहित हैं।
RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 1
प्रमुख कोयला उत्पादन के क्षेत्र भारत में गोंडवाना कोयला क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण जमाव दामोदर नदी घाटी क्षेत्र में मिलते हैं। यह कोयला क्षेत्र झारखण्ड बंगाल कोयला पेटी में स्थित है। झारखण्ड राज्य के कोयला क्षेत्रों में झरिया, बोकारो, गिरीडीह तथा करनपुरा तथा पश्चिम बंगाल में रानीगंज सर्वप्रमुख हैं। झरिया देश का सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है, जबकि रानीगंज भारत का दूसरा सबसे बड़ा कोयला क्षेत्र है। मध्य प्रदेश राज्य में सिंगरौली जिसका कुछ भाग उत्तर प्रदेश राज्य में भी है, सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र है।

छत्तीसगढ़ राज्य में कोरबा, उड़ीसा राज्य में तलचर व रामपुर महाराष्ट्र राज्य में चाँदा-वर्धा, काम्पटी व बान्देर तथा आन्ध्रप्रदेश राज्य में सिंगरेनी व पांडुर भारत के अन्य महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं। टर्शियरी कोयला उत्पादन भारत के निम्नवत् राज्यों के निम्नलिखित क्षेत्रों से किया जाता है मेघालय-दरानगिरी, चेरापूँजी, मेवलांग तथा लैंग्रिन। असम-माकुम व जयपुर। . अरुणाचल प्रदेश-नजीरा, नामचिक-नाम्फुक। जम्मू - कश्मीर कालाकोट। तमिलनाडु-तटीय क्षेत्र।

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प्रश्न 4. 
अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत क्या हैं? इनके किन्हीं तीन प्रकारों का वर्णन कीजिए।
अथवा 
किन्हीं चार अपरम्परागत ऊर्जा संसाधनों की आवश्यकता व महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा 
ऊर्जा के किन्हीं चार नवीकरण योग्य स्रोतों को विस्तार से समझाइए। 
अथवा 
अपरम्परागत स्रोत अधिक टिकाऊ व उपयोगी है? स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत: ऊर्जा के ऐसे स्रोत जिन्हें मनुष्य ने आधुनिक युग में ही काम में लेना प्रारंभ किया है, अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं। इन्हें उपयोग में लाने के लिए विशेष तकनीक की आवश्यकता होती है। अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत अधिक आरम्भिक लागत के बावजूद अधिक टिकाऊ, पारिस्थितिक अनुकूल एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं।

अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत के प्रकार: अपरम्परागत ऊर्जा स्रोतों के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. सौर ऊर्जा 
  2. पवन ऊर्जा 
  3. ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा 
  4. भूतापीय ऊर्जा 
  5. जैव ऊर्जा 
  6. नाभिकीय ऊर्जा।

(i) सौर ऊर्जा: सूर्य से ऊष्मा और प्रकाश के रूप में प्राप्त ऊर्जा सौर ऊर्जा कहलाती है। सौर ऊर्जा का उपयोग दो विधियों से किया जाता है:
(अ) फोटो वोल्टिक विधि
(ब) सौर तापीय प्रौद्योगिकी। 

फोटो वोल्टिक विधि में फोटो वोल्टिक सैल द्वारा सौर ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित किया जाता है। जिसका उपयोग मुख्य रूप से गृह विद्युतीकरण, स्ट्रीट विद्युतीकरण, पम्प द्वारा पानी खींचने आदि में किया जाता है। इसके विपरीत सौर तापीय विधि में सूर्य से सीधे ऊर्जा प्राप्त कर सोलर वाटर हीटरों, सोलर कुकर, फसल शुष्ककों, होटल, अस्पताल आदि को गरम करने में उपयोग किया जाता है। भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में सौर ऊर्जा के विकास की बहुत अधिक सम्भावनाएँ हैं।

(ii) पवन ऊर्जा: पवन की गति से उत्पन्न ऊर्जा पवन ऊर्जा कहलाती है। पवन ऊर्जा पूर्णरूपेण प्रदूषण मुक्त एवं ऊर्जा का असमाप्य स्रोत है। पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। पवन ऊर्जा का प्रमुख उपयोग कुओं से पानी निकालने, जल सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन में किया जाता है।

ऊर्जा मंत्रालय के एक अनुमान के अनुसार भारत पवन ऊर्जा से 3,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन कर सकता है। गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत मंत्रालय भारत के तेल के आयात बिल के भार को कम करने के लिए पवन ऊर्जा को विकसित कर रहा है। पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्य में अनुकूल परिस्थितियाँ विद्यमान हैं। गुजरात के कच्छ में लाम्बा का पवन ऊर्जा संयंत्र एशिया का सबसे बड़ा संयंत्र है। पवन ऊर्जा का एक संयंत्र तमिलनाडु के तूतीकोरन में भी स्थापित किया गया है।

(iii) भूतापीय ऊर्जा: पृथ्वी का आंतरिक भाग अत्यधिक गर्म है। जब पृथ्वी के आंतरिक भाग से मैग्मा निकलता है तो . अत्यधिक ऊर्जा निर्मुक्त होती है। इस ताप ऊर्जा को सफलतापूर्वक काम में लिया जा सकता है तथा इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। कभी-कभी पृथ्वी के भीतर से कई स्थानों पर एक सूखी भाप या गर्म पानी के स्रोत के रूप में ऊर्जा बाहर निकलती रहती है। इससे भी ताप ऊर्जा पैदा की जा सकती है। इस ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहा जाता है। भूमिगत ताप के उपयोग का पहला सफल प्रयास सन् 1890 में बोयजे शहर इडाहो (संयुक्त राज्य अमेरिका) में हुआ था। भारत में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र हिमाचल प्रदेश के मनीकरण में स्थापित किया गया है।

(iv) जैव ऊर्जा: जैविक पदार्थों जैसे कृषि अवशेष, नगरपालिका - कचरा, औद्योगिक व अन्याअपशिष्टों से प्राप्त ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। इस जैविक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा, ताप ऊर्जा तथा खाना पकाने वाली गैस के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस ऊर्जा के उत्पादन से एक ओर अपशिष्ट व कूड़ा-करकट का सुचारु निपटान होता है तो दूसरी ओर इससे उपयोगी ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है। जैविक ऊर्जा ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने में सहयोगी तो होती ही है साथ ही पर्यावरण प्रदूषण घटाने तथा जलावन लकड़ी की बचत करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। वर्तमान में नई-दिल्ली के ओखला क्षेत्र में नगरपालिका कचरे को जैविक ऊर्जा में बदलने का एक संयन्त्र कार्यरत है।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस अध्याय से पूछे गये प्रश्न:

प्रश्न 1. 
निम्नांकित में से कौन - सा एकल संसाधन है।
(अ) क्रायोलाइट 
(ब) यूरेनियम
(स) मृदा
(द) ऑक्सीजन। 
उत्तर:
(अ) क्रायोलाइट। 

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प्रश्न 2. 
कायड मोहकमपुरा तथा सिदेसर कलां पूर्व में विपुल भंडार है।
(अ) चूना पत्थर का 
(ब) टंगस्टन का 
(स) सीसा - जस्ता का 
(द) डोलोमाइट का। 
उत्तर:
(स) सीसा - जस्ता का। 

प्रश्न 3. 
नाथरा की पाल स्थित है।
(अ) जयपुर में 
(ब) उदयपुर में 
(स) अलवर में
(द) खेतड़ी में। 
उत्तर:
(ब) उदयपुर में। 

प्रश्न 4. 
कालागुमान खान क्षेत्र प्रसिद्ध है।
(अ) तामड़ा के लिए 
(ब) पन्ना के लिए 
(स) क्वार्ट्ज के लिए 
(द) चाइना क्ले के लिए। 
उत्तर:
(ब) पन्ना के लिए। 

प्रश्न 5. 
निम्नांकित कोयला क्षेत्रों में से कौन-सा एक महानदी घाटी में स्थित है।
(अ) तलचर 
(ब) झरिया
(स) रानीगंज
(द) बोकारो। 
उत्तर:
(अ) तलचर। 

प्रश्न 6. 
अभ्रक उत्पादन केन्द्र कोडरमा स्थित है।
(अ) राजस्थान में 
(ब) ओडिशा में 
(स) झारखंड में 
(द) आन्ध्र प्रदेश में। 
उत्तर:
(स) झारखंड में। 

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प्रश्न 7. 
मलंजखण्ड जाना जाता है।
(अ) ताँबा खनन के लिए
(ब) लौह अयस्क खनन हेतु। 
(स) स्वर्ण खनन हेतु
(द) अभ्रक खनन हेतु। 
उत्तर:
(अ) ताँबा खनन के लिए। 

प्रश्न 8. 
सूची - I को सूची -II से सुमेलित करें (थ दिए गए कूट का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करें।

सूची-I

सूची -II

A. लिमोनाइट

(i) चाँदी

B. स्टेफेनाइट

(ii) अभ्रक

C. मस्कोवाइट

(iii) लौह अयस्क

D. लिग्नाइट

(iv) कोयला कूट

A B C D
(अ) (iii) (ii) (i) (iv)
(ब) (iii) (i) (ii) (iv)
(स) (ii) (iii) (i) (iv)
(द) (i) (ii) (iii) (iv)
उत्तर:
(ब) (iii) (i) (ii) (iv)

प्रश्न 9. 
आन्ध्र प्रदेश के गंतुर जिले में निम्न में से किस खनिज अयस्क के भण्डार हैं।
(अ) बॉक्साइड
(ब) ऐन्थेसाइट 
(स) मैगनेटाइट
(द) मस्कोवाइट। 
उत्तर:
(स) मैगनेटाइट। 

प्रश्न 10. 
कोयला भंडार के मामले में भारत के निम्न में से किस राज्य समूह के बाद झारखण्ड का तीसरा स्थान।
(अ) पश्चिम बंगाल व छत्तीसगढ़
(ब) ओडिशा व छत्तीसगढ़ 
(स) ओडिशा व पश्चिम बंगाल
(द) छत्तीसगढ़ व कर्नाटक। 
उत्तर:
(ब) ओडिशा व छत्तीसगढ़। 

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प्रश्न 11. 
निम्न में से कौन-सा क्षेत्र दामोदर घाटी क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।
(अ) पश्चिम बंगाल का डेल्टा मैदान
(ब) पदमा नदी का डेल्टा मैदान 
(स) छोटा नागपुर का पठार
(द) पलामू का पठार। 
उत्तर:
(ब) पदमा नदी का डेल्टा मैदान। 

प्रश्न 12. 
निम्न में से कौन-सा राज्य समूह भारत का लगभग 98% वार्षिक कोयला उत्पादित करता हैं।
(अ) मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल 
(ब) ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु 
(स) झारखंड, ओडिशा व मध्य प्रदेश
(द) झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल। 
उत्तर:
(द) झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल। 

प्रश्न 13. 
भारत के लगभग सभी संचलनीय तेल निक्षेप निम्न में से किस शैल में अवस्थित है।
(अ) प्राचीन ग्रेनाइट जमाव क्षेत्र
(ब) प्राचीन अवसादित जमाव क्षेत्र 
(स) कायान्तरित जमाव क्षेत्र
(द) तृतीयक अवसादित क्षेत्र। 
उत्तर:
(द) तृतीयक अवसादित क्षेत्र। 

प्रश्न 14. 
भारत में अधिकांश प्राकृतिक गैस का उत्पादन निम्न में से कहाँ से किया जाता है?
(अ) आन्ध्र प्रदेश तट से 
(ब) गुजरात तट से 
(स) बम्बई हाई तट से 
(द) तमिलनाडु तट से। 
उत्तर:
(स) बम्बई हाई तट से। 

प्रश्न 15. 
निम्न में से कौन सा क्षेत्र ज्वारीय ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र हैं? 
(अ) बंगाल की खाड़ी 
(ब) मन्नार की खाड़ी 
(स) खम्भात की खाड़ी 
(द) कच्छ की खाड़ी। 
उत्तर:
(स) खम्भात की खाड़ी। 

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प्रश्न 16. 
किस राज्य में लिग्नाइट कोयले के विशालतम भंडार हैं?
(अ) गुजरात 
(ब) केरल
(स) राजस्थान
(द) तमिलनाडु। 
उत्तर:
(द) तमिलनाडु।

प्रश्न 17. 
भारत में सर्वाधिक कोयले के जमाव का क्षेत्र कौन - सा है? 
(अ) दामोदर नदी घाटी 
(ब) महानदी घाटी 
(स) गोदावरी नदी घाटी 
(द) सोन नदी घाटी। 
उत्तर:
(अ) दामोदर नदी घाटी। 

प्रश्न 18. 
निम्न में से कौन-सा राज्य भारत में मैंगनीज का सर्वाधिक उत्पादन करता है?
(अ) गुजरात 
(ब) ओडिशा
(स) मध्य प्रदेश
(द) केरल। 
उत्तर:
(ब) ओडिशा।

Prasanna
Last Updated on Jan. 2, 2024, 9:22 a.m.
Published Jan. 1, 2024