RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

बहुविकल्पीय प्रश्न: 
 
प्रश्न 1. 
ग्रामीण बस्तियाँ सम्बन्धित होती हैं।
(क) प्राथमिक आर्थिक क्रियाओं से
(ख) द्वितीयक आर्थिक क्रियाओं से 
(ग) तृतीयक आर्थिक क्रियाओं से
(घ) चतुर्थक आर्थिक क्रियाओं से। 
उत्तर:
(क) प्राथमिक आर्थिक क्रियाओं से

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 

प्रश्न 2. 
आर्थिक वृद्धि के नोड के रूप में कार्य करते हैं? 
(क) गाँव 
(ख) संचार 
(ग) नगर
(घ) ये सभी। 
उत्तर:
(ख) संचार 

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(क) ग्रामीण बस्तियों के प्रमुख कार्य कृषि तथा अन्य प्राथमिक कार्यों से सम्बन्धित होते हैं। 
(ख) नगर अपने चारों ओर के क्षेत्र से प्रकार्यात्मक रूप से जुड़ा होता है। 
(ग) नगरीय बस्तियों में निवासित जनसंख्या के सामाजिक सम्बन्ध घनिष्ठ होते हैं।
(घ) भारत में नगरों का अभ्युदय प्रागैतिहासिक काल से हुआ है। 
उत्तर:
(ग) नगरीय बस्तियों में निवासित जनसंख्या के सामाजिक सम्बन्ध घनिष्ठ होते हैं।

प्रश्न 4. 
निम्न में से ग्रामीण बस्ती का प्रकार है।
(क) गुच्छित 
(ख) अर्द्धगुच्छित 
(ग) पल्लीकृत
(घ) ये भी। 
उत्तर:
(ग) पल्लीकृत

प्रश्न 5. 
उपजाऊ जलोढ़ मैदानों एवं उत्तरी-पूर्वी राज्यों में पाया जाने वाला ग्रामीण बस्ती का प्रकार है।
(क) गुच्छित बस्तियाँ 
(ख) विखंडित बस्तियाँ 
(ग) पल्लीकृत बस्तियाँ। 
(घ) एकाकी बस्तियाँ। 
उत्तर:
(घ) एकाकी बस्तियाँ। 

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प्रश्न 6. 
राजस्थान में गुच्छित बस्तियों की अवस्थिति हेतु सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है।
(क) जातिगत संरचना
(ख) जलीय संसाधनों की उपलब्धता 
(ग) जलवायु
(घ) भूभाग की प्रकृति।
उत्तर:
(ख) जलीय संसाधनों की उपलब्धता 

प्रश्न 7.
नंगला है।
(क) गुच्छित बस्तियों का स्थानीय नाम, 
(ख) पल्लीकृत बस्तियों का स्थानीय नाम 
(ग) एक पोशाक
(घ) स्थान का नाम। 
उत्तर:
(घ) स्थान का नाम। 

प्रश्न 8. 
बुन्देलखंड, नागालैण्ड, राजस्थान में मिलने वाली ग्रामीण बस्ती का प्रकार है। 
(क) गुच्छित बस्तियाँ 
(ख) एकाकी बस्तियाँ 
(ग) पल्ली बस्तियाँ 
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ग) पल्ली बस्तियाँ 

प्रश्न 9. 
ढाणी किस प्रकार की बस्तियाँ हैं? 
(क) संहत बस्ती 
(ख) अर्द्धगुच्छित बस्ती 
(ग) पल्लीकृत बस्ती 
(घ) प्रकीर्ण बस्ती। 
उत्तर:
(ख) अर्द्धगुच्छित बस्ती 

प्रश्न 10. 
निम्न में से प्राचीन नगर का उदाहरण है।
(क) प्रयाग 
(ख) हैदराबाद 
(ग) लखनऊ
(घ) शिमला। 
उत्तर:
(क) प्रयाग 

प्रश्न 11. 
भारत की जनगणना के अनुसार भारतीय नगरों के कितने वर्ग हैं? 
(क) 3 
(ख) 4 
(ग) 5
(घ) 6 
उत्तर:
(घ) 6 

प्रश्न 12. 
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत रहा।
(क) 26.87 
(ख) 31.16
(ग) 28.78
(घ) 29.87 
उत्तर:
(ख) 31.16

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प्रश्न 13. 
निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय नगर गैरीसन नगर की श्रेणी में नहीं है? 
(क) अजमेर 
(ख) अम्बाला
(ग) जालंधर
(घ) बबीना। 
उत्तर:
(क) अजमेर 

प्रश्न 14. 
निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय नगर शैक्षिक नगर नहीं है?
(क) रुड़की 
(ख) इलाहाबाद 
(ग) अहमदाबाद 
(घ) वाराणसी। 
उत्तर:
(ग) अहमदाबाद 

प्रश्न 15. 
निम्न में से पर्यटन नगर का उदाहरण है।
(क) मसूरी 
(ख) अलीगढ़ 
(ग) रुड़की
(घ) जालन्धर।
उत्तर:
(क) मसूरी 

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए:

प्रश्न 1.

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध) 

(i) अत्यधिक पास - पास मकानों वाली बस्ती

(अ) आधुनिक नगर 

(ii) पाटलीपुत्र

(ब) गैरीसन नगर 

(iii) कोलकाता

(स) 31.16% 

(iv) अंबाला

(द) प्राचीन नगर 

(v) भारत का नगरीकरण प्रतिशत

(य) गुच्छित

उत्तर:

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध) 

(i) अत्यधिक पास - पास मकानों वाली बस्ती

(य) गुच्छित

(ii) पाटलीपुत्र

(द) प्राचीन नगर 

(iii) कोलकाता

(अ) आधुनिक नगर 

(iv) अंबाला

(ब) गैरीसन नगर 

(v) भारत का नगरीकरण प्रतिशत

(स) 31.16% 


रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.
बस्तियाँ .............. व ............. में भिन्न होती है। 
उत्तर:
आकार, प्रकार

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प्रश्न 2.
नगर आर्थिक वृद्धि के ............... रूप में कार्य करते हैं। 
उत्तर:
नोड़

प्रश्न 3.
किसी विशाल गाँव का खंडीभवन प्रायः .............. एवं ............... कारकों द्वारा अभिप्रेरित होता है।
उत्तर:
सामाजिक, मानवजातीय

प्रश्न 4.
20वीं शताब्दी के दौरान नगरीय जनसंख्या ............... गुना बढ़ी है। 
उत्तर:
11

प्रश्न 5.
.............. सबसे बड़ा नगरीय संकुल है।
उत्तर:
वृहत मुम्बई 

सत्य - असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में से सत्य असत्य कथनों की पहचान कीजिए:

प्रश्न 1.
ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2.
अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ गंगा के मैदान में मिलती हैं।
उत्तर:
असत्य

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प्रश्न 3.
भारत में नगरों का अभ्युदय प्रागैतिहासिक काल से हुआ है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
भारत में जनगणना नगरों को छः वर्गों में वर्गीकृत करती हैं।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5.
डिग्बोई एक पत्तन नगर है।
उत्तर:
असत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
मानव बस्ती से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी भी प्रकार और आकार के घरों का समूह जिनमें मानव निवास करते हैं, मानव बस्ती कहलाती है। 

प्रश्न 2. 
गाँव क्या होते हैं?
उत्तर:
विरल रूप से बसी ऐसी छोटी बस्ती जो कृषि अथवा अन्य प्राथमिक कार्यों में विशिष्टता प्रदर्शित करती है, गाँव कहलाती हैं।

प्रश्न 3. 
ग्रामीण बस्तियों के लोग किस प्रकार के कार्य करते हैं? 
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के लोग प्राथमिक कार्य करते हैं। 

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प्रश्न 4. 
नगरीय बस्तियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे बड़े अधिवास जिनमें द्वितीयक तथा तृतीयक क्रिया - कलापों का विशिष्टीकरण मिलता है, नगरीय बस्तियाँ कही जाती हैं।

प्रश्न 5. 
भारत में ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियों में अंतर का एक बिन्दु लिखिए। 
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के निवासी कृषि तथा अन्य प्राथमिक कार्य करते हैं। जबकि नगरीय बस्तियों के निवासी द्वितीयक व तृतीयक कार्य करते हैं।

प्रश्न 6. 
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों में प्रकार्यात्मक सम्बन्धों का माध्यम क्या होता है? 
उत्तर:
परिवहन एवं संचार तंत्र। 

प्रश्न 7. 
ग्रामीण लोगों के सामाजिक सम्बन्ध घनिष्ठ क्यों होते हैं? 
उत्तर:
क्योंकि ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं। 

प्रश्न 8. 
ग्रामीण बस्तियों के प्रकार किसके आधार पर निर्धारित होते हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रकार निर्मित क्षेत्र के विस्तार एवं घरों के बीच की दूरी के आधार पर निर्धारित किये जाते जाते हैं।

प्रश्न 9. 
ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों के लिए उत्तरदायी भौतिक लक्षण कौन - कौन से हैं? 
उत्तर:

  1. उच्चावच 
  2. स्थलाकृति 
  3. जलवायु 
  4. जल की उपलब्धता। 

प्रश्न 10. 
ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों के लिए कौन - कौन से सांस्कृतिक एवं मानवजातीय कारक उत्तरदायी हैं? 
उत्तर:

  1. सामाजिक संरचना 
  2. जाति 
  3. धर्म।

प्रश्न 11. 
ग्रामीण बस्तियाँ कितने प्रकार की होती हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के चार प्रकार हैं।

  1. गुच्छित बस्तियाँ 
  2. अर्द्वगुच्छित बस्तियाँ 
  3. पल्लीकृत बस्तियाँ 
  4. एकाकी बस्तियाँ। 

प्रश्न 12. 
भारत में पायी जाने वाली संकेन्द्रित ग्रामीण बस्तियों की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
अथवा 
गुच्छित बस्तियों की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. इस प्रकार की बस्तियों में घर पास - पास होते हैं। 
  2. इसमें निवास क्षेत्र कृषि क्षेत्र से पृथक होता है। 

प्रश्न 13. 
गुच्छित अधिवास भारत के किस क्षेत्र में प्रमुखता से मिलते हैं?
उत्तर:
भारत में गुच्छित अधिवास विशेष रूप से देश के उत्तरी मैदानी भागों में प्रमुखता से मिलते हैं। 

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प्रश्न 14. 
भारत में अर्द्ध - गुच्छित बस्तियाँ किन क्षेत्रों में प्रमुखता से मिलती हैं? 
उत्तर:
भारत में अर्द्ध: गुच्छित बस्तियाँ प्रमुख रूप से गुजरात के मैदान तथा राजस्थान के कुछ भागों में मिलती हैं। 

प्रश्न 15. 
पल्लीकृत बस्तियाँ किन क्षेत्रों में पायी जाती हैं?
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियाँ मुख्य रूप से हिमालय की निचली घाटियों एवं निम्न गंगा के मैदान एवं छत्तीसगढ़ राज्य में पायी जाती हैं।

प्रश्न 16. 
भारत की किस प्रकार की ग्रामीण बस्ती में पान्ना, पण्डा, पाली, नंगला, ढाँणी आदि इकाइयाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियों में। 

प्रश्न 17. 
भारत में किन क्षेत्रों में परिक्षिप्त प्रकार की बस्तियाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
भारत के मेघालय, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश एवं केरल के अनेक भागों में परिक्षिप्त या एकाकी प्रकार की बस्तियाँ पायी जाती हैं।

प्रश्न 18. 
भारत में नगरों का अभ्युदय किस काल में हुआ? 
उत्तर:
भारत में नगरों का अभ्युदय प्रागैतिहासिक काल में हुआ। 

प्रश्न 19. 
विभिन्न युगों में उनके विकास के आधार पर नगरों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? 
उत्तर:

  1. प्राचीन नगर 
  2. मध्यकालीन नगर 
  3. आधुनिक नगर। 

प्रश्न 20. 
निम्नांकित तालिका में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए। 
उत्तर:
RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ 1

प्रश्न 21. 
बिहार के प्राचीन ऐतिहासिक नगरों के उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:
पाटलिपुत्र (पटना), कौशाम्बी एवं नालंदा। 

प्रश्न 22. प्राचीन नगर क्या है? इनके विकसित होने के कारण बताओ? भारत के प्राचीन नगरों के नाम बताओ?
उत्तर:
भारत में 2000 वर्षों से पूर्व स्थापित एवं ऐतिहासिक भूमिका वाले नगरों को प्राचीन नगर कहते हैं। इनका विकास धर्म व संस्कृति के आधार पर माना जाता है; यथा:

  1. वाराणसी 
  2. पाटलिपुत्र (पटना) 
  3. प्रयाग (इलाहबाद) 
  4. मदुरई।

प्रश्न 23. 
किला नगर से क्या आशय है?
उत्तर:
वे नगर जिनका निर्माण मध्यकाल में प्राचीन नगरों के खण्डहरों पर रजवाड़ों एवं राज्यों के मुख्यालयों के रूप में हुआ है।

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प्रश्न 24. 
भारत में आधुनिक नगरों का विकास किसने किया? किन्हीं आधुनिक नगरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंग्रेजों एवं अन्य यूरोपियों ने समूह में अनेक नगरों का विकास किया। उदाहरण-सूरत, चेन्नई (मद्रास), कोलकाता (कलकत्ता) एवं मुम्बई (बंबई)।

प्रश्न 25. 
दिल्ली के चारों ओर विकसित अनुषंगी नगरों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
दिल्ली के चारों ओर विकसित हुए अनुषंगी नगरों में गाजियाबाद, गुड़गाँव तथा फरीदाबाद जैसे नगर महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 26. 
1991 की भारतीय जनगणना के अनुसार नगरीय बस्ती के लिए वांछित न्यूनतम जनसंख्या घनत्व कितना है?
उत्तर:
400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर। 

प्रश्न 27. 
सन् 2001 - 2011 में भारत की नगरीय जनसंख्या में प्रतिशत वृद्धि कितनी रही? 
उत्तर:
सन् 2001 - 2011 में भारत की नगरीय जनसंख्या में 31.08 प्रतिशत की वृद्धि अनुभव की गई। 

प्रश्न 28. 
प्रथम वर्ग का नगर किसे कहा जाता है? 
उत्तर:
एक लाख से अधिक नगरीय जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर अथवा प्रथम वर्ग का नगर कहा जाता है। 

प्रश्न 29. 
भारत में प्रथम वर्ग के नगर का जनसंख्या आकार तथा उनकी संख्या लिखिए।
उत्तर:
भारत में प्रथम वर्ग के नगर का जनसंख्या आकार एक लाख से अधिक होता है। सन् 2011 में भारत में प्रथम वर्ग के नगरों की संख्या 468 थी।

प्रश्न 30. 
आन्ध्रप्रदेश के किन्हीं तीन महानगरीय शहरों के नाम बताइए। 
उत्तर:

  1. विजयवाड़ा 
  2. विशाखापट्टनम 
  3. हैदराबाद। 

प्रश्न 31. 
मेगा नगर क्या है? 
उत्तर:
50 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले नगरों को मेगा नगर कहा जाता है। 

प्रश्न 32. 
भारत के सबसे बड़े नगरीय संकुल का नाम है? 
उत्तर:
वृहत् मुम्बई। 

प्रश्न 33. 
मेगा नगर के कोई चार उदाहरण ६ जए। 
उत्तर:

  1. कोलकाता 
  2. चेन्नई 
  3. दिल्ली 
  4. हैदराबाद।

प्रश्न 34. 
प्रशासन नगर किसे कहते हैं? 
उत्तर:
उच्चतर क्रम के प्रशासनिक मुख्यालयों वाले शहरों को प्रशासन नगर कहते हैं। 

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प्रश्न 35. 
प्रशासन शहर के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. चंडीगढ़ 
  2. नई दिल्ली। 

प्रश्न 36. 
भारत के प्रमुख औद्योगिक नगरों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
मुम्बई, सलेम, कोयंबटूर, मोदी नगर, जमशेदपुर, हुगली तथा भिलाई भारत के प्रमुख औद्योगिक नगर हैं। 

प्रश्न 37. 
परिवहन नगर के कोई दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. कांडला 
  2. कटनी। 

प्रश्न 38. 
वाणिज्यिक नगर क्या हैं? दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
व्यापार एवं वाणिज्य में विशिष्टता प्राप्त शहरों एवं नगरों को वाणिज्यिक नगर कहा जाता है। उदाहरणकोलकाता व सतना।

प्रश्न 39. 
खनन नगर क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऐसे नगर जो खनिज समृद्ध क्षेत्रों में विकसित हुए हैं, खनन नगर कहलाते हैं; यथा:

  1. खेतड़ी 
  2. झरिया 
  3. हजारीबाग 
  4. रानीगंज 
  5. दुर्ग 
  6. सिंहभूमि। 

प्रश्न 40. 
भारत के प्रमुख खनन नगरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
रानीगंज, झरिया, डिगबोई, अंकलेश्वर तथा सिंगरौली प्रमुख खनन नगर हैं। 

प्रश्न 41. 
किन्हीं दो गैरीसन नगर के उदाहरण दीजिए।
अथवा 
किन दो नगरों का उदय छावनी नगर के रूप में हुआ? 
उत्तर:

  1. अंबाला 
  2.  महू। 

प्रश्न 42. 
धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरों के कोई चार उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. वाराणसी 
  2. मथुरा 
  3. अमृतसर 
  4. अजमेर। 

प्रश्न 43. 
शैक्षिक नगरों के कोई चार उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  1. रुड़की 
  2. अलीगढ़ 
  3. प्रयागराज 
  4. पिलानी। 

प्रश्न 44. 
राजस्थान के दो प्रमुख पर्यटन नगरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान के दो प्रमुख पर्यटन नगर हैं:

  1. जोधपुर 
  2. माउंट आबू। 

प्रश्न 45. 
पर्यटन नगर किसे कहते हैं? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
स्वास्थ्यप्रद जलवायु, सुंदर प्राकृतिक दृश्यावली आदि की सुविधा प्रदान करने, आमोद-प्रमोद अथवा मनोरंजन के साधन जुटाने वाले नगर को पर्यटन नगर कहते हैं। उदाहरण माउंट आबू, मसूरी, शिमला, नैनीताल आदि। 

लघु  उत्तरीय प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
मानव बस्ती का क्या अर्थ है? इसका क्या आधार है?
अथवा 
मानव बस्ती निर्माण का मुख्य आधार क्या है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मानव बस्ती का अर्थ है किसी भी प्रकार के आकार के घरों का समूह जहाँ मानव निवास करता है। इस उद्देश्य के लिए मनुष्य मकानों एवं अन्य इमारतों का निर्माण करते हैं तथा अपने आर्थिक पोषण आधार के लिए सीमित क्षेत्र पर अपना स्वामित्व रखते हैं। अतः बस्ती की प्रक्रिया में मूल रूप से लोगों के समूहन और उनके संसाधन आधार के रूप में क्षेत्र का आवंटन सम्मिलित होते हैं।

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प्रश्न 2. 
बस्तियाँ आकार और प्रकार में भिन्न होती हैं ? कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बस्तियाँ विभिन्न आकार और प्रकार की होती हैं। आकार के साथ-साथ बस्तियों की पारिस्थितिकी, प्रौद्योगिकी, आर्थिक अभिलक्षण एवं सामाजिक संरचना भी बदल जाती है। बस्तियाँ छोटी एवं विरल रूप से लेकर बड़ी और संकुलित हो सकती हैं। विरल रूप से अवस्थित छोटी बस्तियाँ जो कृषि अथवा अन्य प्राथमिक क्रिया-कलापों में विशिष्टता प्राप्त कर लेती हैं, गाँव कहलाती हैं। जबकि द्वितीय व तृतीय क्रिया-कलापों में विशेषीकृत बड़े अधिवास नगरीय बस्तियाँ कहलाते हैं। अत: बस्तियों का फैलाव एक पल्ली से लेकर महानगर तक हो सकता है।

प्रश्न 3. 
ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियाँ अपनी आधारभूत आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति कैसे करती हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियाँ अपने जीवन का पोषण अथवा आधारभूत आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि आधारित प्राथमिक आर्थिक क्रियाओं; जैसे-कृषि, मछली पकड़ना, वनोपज, खनन आदि से करती हैं। दूसरी ओर नगरीय बस्तियाँ एक ओर कच्चे माल के प्रक्रमण एवं तैयार माल के विनिर्माण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सेवाओं के माध्यम से अपनी आधारभूत आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती हैं।

प्रश्न 4. 
ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियों के मध्य अन्तर्सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
नगरीय बस्तियाँ आर्थिक वृद्धि के नोड (Node) के रूप में कार्यरत होती हैं। ये बस्तियाँ अपने निवासियों को भोजन व विभिन्न सेवाएँ तो उपलब्ध कराती ही हैं साथ ही अपने प्रभाव-क्षेत्र में बसी ग्रामीण बस्तियों को भी विभिन्न वस्तुएँ एवं सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं। बदले में ग्रामीण बस्तियाँ इन नगरीय बस्तियों को दूध, विभिन्न कृषि उत्पाद तथा श्रमिकों आदि की आपूर्ति करती हैं। इस प्रकार नगर तथा ग्रामों के मध्य एक प्रकार्यात्मक सम्बन्ध स्थापित हो जाता है।

प्रश्न 5. 
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों में सामाजिक सम्बन्धों के आधार पर अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण और नगरीय बस्तियाँ सामाजिक सम्बन्धों, अभिवृत्ति एवं दृष्टिकोण की दृष्टि से भी भिन्न होती हैं। ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं। अतः इनमें सामाजिक सम्बन्ध अधिक घनिष्ठ होते हैं। दूसरी ओर नगरीय बस्तियों में जीवन जटिल और तेज होता है तथा सामाजिक सम्बन्ध औपचारिक एवं दिखावटी होते हैं। 

प्रश्न 6. 
भारत में ग्रामीण एवं नगरीय बस्तियों में अंतर के मूल बिन्दु क्या हैं?
उत्तर:

  1. ग्रामीण बस्तियों के निवासी कृषि एवं अन्य प्राथमिक कार्य करते हैं जबकि नगरीय बस्तियों के निवासी द्वितीयक एवं तृतीयक कार्य करते हैं। जिनमें उद्योग, व्यापार, वाणिज्य, यातायात एवं सेवाएँ सम्मिलित हैं।
  2. ग्रामीण बस्तियों के लोग कम गतिशील होते हैं। अतः सामाजिक सम्बन्ध घनिष्ठ होते हैं जबकि नगरीय बस्तियों के लोगों का जीवन जटिल एवं तेज होता है तथा सामाजिक सम्बन्ध औपचारिक व दिखावटी होते हैं।
  3. ग्रामीण बस्तियाँ छोटी और दूर-दूर बसी होती हैं जबकि नगरीय बस्तियाँ बड़ी बसी होती हैं। 

प्रश्न 7. 
ग्रामीण और नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं? 
अथवा 
बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं? 
उत्तर:
बस्तियों को आकार तथा कार्य के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। जनसंख्या आकार-बस्तियों के वर्गीकरण में उनका आकार एक महत्त्वपूर्ण आधार होता है। भारत के जनगणना विभाग द्वारा नगरीय बस्ती की श्रेणी में आने के लिए बस्ती का आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक होना आवश्यक माना गया कार्य-ग्रामीण अधिवासों की 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि तथा अन्य प्राथमिक कार्यों में संलग्न मिलती है जबकि नगरीय अधिवासों में द्वितीयक तथा तृतीयक कार्यों (जैसे-उद्योग, व्यापार, परिवहन, विभिन्न सेवाएँ आदि) की विशिष्टता एवं प्रमुखता देखने को मिलती हैं। 

प्रश्न 8. 
ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों के लिए उत्तरदायी कारकों को बताइए।
अथवा 
ग्रामीण बस्तियों की स्थिति किन-किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
भारत के विभिन्न भागों में विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ देखने को मिलती हैं। भारत में ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों के लिए निम्नलिखित कारक प्रमुख रूप से उत्तरदायी होते हैं।

  1. भौतिक लक्षणों सम्बन्धी कारक: जैसे - स्थलाकृति, उच्चावच, जलवायु, मिट्टी तथा जल की उपलब्धता। 
  2. सांस्कृतिक तथा मानवजातीय कारक: जैसे - सामाजिक संरचना, जाति तथा धर्म। 
  3. सुरक्षा सम्बन्धी कारक: चोरी तथा डकैतियों से सुरक्षा। 

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प्रश्न 9. 
भारत की ग्रामीण बस्तियों के किन्हीं दो प्रकारों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। 
उत्तर:
भारत की ग्रामीण बस्तियों को निम्नलिखित चार प्रकारों में रखा जाता है:

  1. गुच्छित बस्तियाँ 
  2. अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ 
  3. पल्ली बस्तियाँ 
  4. परिक्षिप्त बस्तियाँ।

(i) गुच्छित बस्तियाँ: घरों का एक संहत तथा संकुचित रूप से निर्मित क्षेत्र गुच्छित बस्ती कहलाता है। मध्य भारत के बुन्देलखण्ड क्षेत्र, नागालैण्ड तथा राजस्थान में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुख रूप से मिलती हैं।

(ii) अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ ऐसी बस्ती किसी परिक्षिप्त (एकाकी) बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने के कारण निर्मित होती हैं। गुजरात के मैदान तथा राजस्थान के कुछ भागों में इस प्रकार की बस्तियाँ प्रमुखता से मिलती हैं। 

प्रश्न 10. 
गुच्छित बस्तियाँ क्या हैं? इनके लक्षण बताइए।
अथवा 
गुच्छित बस्तियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
घरों का एक संहत अथवा संकुलित रूप से निर्मित क्षेत्र गुच्छित बस्तियाँ कहलाती हैं। 
(1) गुच्छित बस्तियों की विशेषताएँ (लक्षण): गुच्छित बस्तियों की अग्रलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  1. ये बस्तियाँ घरों के एक संहत अथवा संकुचित रूप से निर्मित होती हैं।
  2. घरों का संकुचित निर्मित क्षेत्र तथा इनके मध्य में मिलने वाले रास्ते या गलियाँ आयताकार, अरीय तथा रैखिक प्रारूप या आकृति प्रस्तुत करते हैं।
  3. ऐसी बस्तियाँ प्रायः उपजाऊ जलोढ़ मैदानी भागों में मिलती हैं। 

प्रश्न 11. 
अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ क्या हैं? इनके लक्षण बताइए।
अथवा 
अर्द्धगुच्छित बस्तियों की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ: एकाकी बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति के फलस्वरूप निर्मित बस्तियों को अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ कहते हैं।
अर्द्ध-गुच्छित बस्तियों की विशेषताएँ (लक्षण): अर्द्धगुच्छित बस्तियों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं:

  1. ये बस्तियाँ किसी एकाकी बस्ती के किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम होती हैं। 
  2. सामान्यतया इस प्रकार की बस्ती किसी बड़े संहत गाँव के विखण्डन के कारण भी निर्मित हो सकती है। 

प्रश्न 12. 
पल्लीकृत बस्तियाँ क्या हैं? ये बस्तियाँ बहुतायत से कहाँ पायी जाती हैं?
अथवा 
पल्ली बस्तियाँ कहाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियाँ भौतिक रूप से एक-दूसरे से पृथक बस्तियों को पल्ली या पल्लीकृत बस्तियाँ कहा जाता है। इन बस्तियों को भारत के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पुरवे, पाड़ा, पाली, नंगला, ढाँणी आदि नामों से जाना जाता है। ये बस्तियाँ मध्य एवं निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ एवं हिमालय की निचली घाटियों में बहुतायत से पायी जाती हैं। 

प्रश्न 13. 
एकाकी बस्तियाँ क्या हैं? इनके विकास के दो कारण बताइए। 
अथवा 
परिक्षिप्त बस्तियाँ कहाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
परिक्षिप्त या एकाकी बस्तियाँ: बिखरी हुई बस्तियों को एकाकी या परिक्षिप्त बस्तियाँ कहते हैं। ये बस्तियाँ सुदूर वनों में एकाकी झोंपड़ी या कुछ झोंपड़ियों की पल्ली अथवा छोटी पहाड़ियों के ढालों पर खेतों में या चरागाहों में दिखाई देती हैं। उत्तराखण्ड, मेघालय, हिमाचल प्रदेश एवं केरल के अनेक भागों में इस प्रकार की बस्तियाँ पायी जाती हैं।
विकास के कारण:

  1. ये बस्तियाँ भूमि संसाधनों से नियंत्रित हैं। 
  2. उच्चावचीय दशाएँ इनके विकास हेतु उत्तरदायी होती हैं। 
  3. कटकीय स्थिति एवं ढालों के कारण इनका विकास होता है। 

प्रश्न 14. 
भारत में नगरीय बस्तियों की निर्धारक दशाओं को बताइये।
उत्तर:

  1. जनसंख्या का 5000 या इससे अधिक होना।
  2. जनसंख्या घनत्व का 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. मिलना। 
  3. कुल जनसंख्या में से 75% या अधिक जनसंख्या का गैर कृषि कार्यों में संलग्न मिलना।
  4. कोई नगर पालिका, नगर निगम, छावनी बोर्ड होना। 

प्रश्न 15. 
विभिन्न युगों में उनके विकास के आधार पर भारतीय नगरों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? किसी एक का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न युगों में उनके विकास के आधार पर भारतीय नगरों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है।

  1. प्राचीन नगर 
  2. मध्यकालीन नगर 
  3. आधुनिक नगर।।

प्राचीन नगर:
वाराणसी, प्रयाग (इलाहाबाद), पाटलिपुत्र (पटना) एवं मदुरई आदि भारत के प्रमुख प्राचीन नगर हैं। इनमें से अधिकांश नगरों का विकास आज से लगभग 2000 से अधिक वर्ष पूर्व धार्मिक अथवा सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में हुआ।

प्रश्न 16. 
मध्यकालीन नगरों के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
मध्यकाल में लगभग 100 नगरों का विकास हुआ। अधिकांश नगर रियासतों एवं राज्यों के मुख्यालयों या राजधानियों के रूप में विकसित हुए। इनमें से अधिकांश किला नगर हैं जिनका निर्माण प्राचीन नगरों के खंडहरों पर हुआ है। इस काल के प्रमुख नगर दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, नागपुर एवं आगरा आदि हैं। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 17. 
भारत की जनगणना नगरों को कितने वर्गों में वर्गीकृत करती है? किन्हीं तीन का विवरण दीजिए।
अथवा 
जनसंख्या आकार के आधार पर नगरों का वर्गीकरण कर किन्हीं तीन के बारे बताइए। 
उत्तर:
भारत की जनगणना नगरों को 6 वर्गों में वर्गीकृत करती है:

  1. नगर: एक लाख में अधिक नगरीय जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर या प्रथम वर्ग का नगर कहा जाता है। महानगर: 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहते हैं। 
  2. मेगानगर-50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों को मेगा नगर कहते हैं। 

प्रश्न 18. 
निम्नांकित तालिका का अध्ययन कीजिए तथा दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
भारत में वर्गानुसार शहरों और नगरों की संख्या एवं उनकी जनसंख्या, 2011 

जनसंख्या का आकार

शहरों की संख्या

कुल शहरी जनसंख्या (हज़ार में)

नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत

जनसंख्या का आकार
1,00,000 और अधिक
50,000 - 99,999
20,000 - 49,999
10,000 - 19,999
5,000 - 9.999
5,000 से कम

468
474
1,373
1,683
1,749
424
452

2,27, 899
41,328
58,174
31,866
15,883
1956
1652

60.45
10.96
15.43
8.45
4.21
0.51
1.45


स्रोत : भारत की जनगणना: 2011, भारत - 2017, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार 
1. नगरों के किस जनसंख्या आकार में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत सर्वाधिक है? 
2.  किस वर्ग में नगरों की संख्या सर्वाधिक है? 
3. सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या वाले वर्ग में जनसंख्या प्रतिशत कितना मिलता है? 
4. न्यूनतम नगर संख्या वाले वर्ग में कुल कितनी जनसंख्या निवास करती है? 
उत्तर:

  1. नगरों में 1,00,000 और अधिक' जनसंख्या आकार अथवा प्रथम वर्ग में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत सर्वाधिक है। 
  2. V वें वर्ग में नगरों की संख्या सर्वाधिक है। 
  3. सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या वाले वर्ग में जनसंख्या का प्रतिशत 60 - 45% मिलता है। 
  4. न्यूनतम नगर संख्या वाले वर्ग में 1956 हजार जनसंख्या निवास करती है। 

प्रश्न 19. 
नगरीय संकुल क्या हैं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
अधिकांश महानगर एवं मेगा नगर नगरीय संकुल हैं। एक नगरीय संकुल निम्नलिखित में से किसी एक प्रकार का हो सकता है।

  1. एक नगर एवं उसकी संलग्न नगरीय बाह्य वृद्धि।
  2. बाह्य वृद्धि के सहित अथवा बिना विस्तार के दो या दो से अधिक सटे हुए नगर।
  3. एक अथवा अधिक संलग्न नगरों की बाह्य वृद्धि; जैसे - पत्तन क्षेत्र, सैनिक छावनी, रेलवे कालोनियाँ, विश्वविद्यालय परिसर आदि से युक्त संस्पर्शी प्रकार वाले नगर का निर्माण, नगरीय संकुल के रूप में होगा।

प्रश्न 20. 
विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को मुख्य रूप से कितने भागों में बाँटा जा सकता है? नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रमुख अथवा विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को 9 भागों में बाँटा जा सकता है जो निम्नलिखित हैं:
1. प्रशासनिक नगर
2. औद्योगिक नगर
3. खनन नगर 
4. परिवहन नगर 
5. वाणिज्यिक नगर
6. छावनी नगर 
7. धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगर 
8. पर्यटन नगर
9. शैक्षिक नगर 

प्रश्न 21. 
प्रशासनिक शहर और नगर क्या हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रमुख प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित नगरों को प्रशासनिक शहर और नगर कहते हैं। इस दृष्टि से समस्त राज्यों की राजधानियाँ प्रशासनिक नगर हैं। फिर भी कुछ प्रशासनिक नगर अन्य नगरों की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं।
उदाहरण: नई दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, गांधीनगर, भोपाल, चेन्नई, गुवाहाटी, इंफाल व श्रीनगर आदि। 

प्रश्न 22. 
परिवहन नगर क्या हैं? संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
जो नगर मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों में संलग्नता के कारण पत्तन नगर के रूप में विकसित होते हैं। परिवहन नगर कहलाते हैं। मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, कांडला, कालीकट, विशाखापट्टनम आदि इसी प्रकार के उदाहरण हैं। कुछ नगर आंतरिक परिवहन के केन्द्र भी बन जाते हैं; जैसे-धूलिया, मुगलसराय, इटारसी आदि इसी प्रकार के नगर हैं।

प्रश्न 23. 
वाणिज्यिक नगर किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यापार और वाणिज्य में विशिष्टता प्राप्त करने वाले शहरों व नगरों को वाणिज्यिक या व्यापारिक नगर कहते हैं। वर्तमान समय में भारत में अनेक ऐसे छोटे-बड़े नगर हैं, जो व्यापारिक अर्थव्यवस्था पर आधारित हैं।
उदाहरण: कोलकाता, महाराष्ट्र, मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई, बैंगलुरु आदि। 

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प्रश्न 24. 
धार्मिक और सांस्कृतिक नगर के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
कुछ नगर अपनी सभ्यता: संस्कृति, धर्म एवं आध्यात्मिकता के लिए भी प्रसिद्ध होते हैं। प्राचीन काल से ही . नगर मंदिर, मस्जिद व चर्च आदि के आस-पास बसते रहे हैं। ऐसे नगर तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन जाते हैं। ऐसे नगर ही धार्मिक और सांस्कृतिक नगर के रूप में प्रसिद्ध हो जाते हैं। उदाहरण वाराणसी, मथुरा, अमृतसर, पुरी, मदुरै, पुष्कर, तिरुपति, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार, उज्जैन, अयोध्या व अजमेर आदि।

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2):

प्रश्न 1. 
ग्रामीण व नगरीय बस्तियों में आधारभूत अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण व नगरीय बस्तियों में आधारभूत अंतर निम्नलिखित हैं:

  1. ग्रामीण बस्तियाँ अपनी आधारभूत आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि आधारित प्राथमिक क्रियाओं से करती हैं। जबकि नगरीय बस्तियाँ एक ओर कच्चे माल के प्रक्रमण एवं तैयार माल के विनिर्माण तथा दूसरी ओर विभिन्न प्रकार की सेवाओं पर निर्भर करती हैं।
  2. ग्रामीण बस्तियाँ नगरीय बस्तियों को कच्चा माल एवं खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराती हैं। जबकि नगरीय बस्तियाँ वस्तुएँ तथा सेवाएँ न केवल अपने लिए उत्पन्न करती हैं बल्कि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रदान करती हैं।
  3. ग्रामीण और नगरीय बस्तियाँ सामाजिक संबंधों, अभिवृत्ति एवं दृष्टिकोण से भी भिन्नता रखती हैं। ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं अतः इनमें सामाजिक सम्बन्ध बहुत घनिष्ठ होते हैं। जबकि नगरीय क्षेत्रों में जीवन जटिल एवं तीव्र होता है अतः सामाजिक सम्बन्ध औपचारिक व दिखावटी होते हैं।
  4. ग्रामीण बस्तियाँ छोटे आकार की तथा विखण्डित होती हैं। जबकि नगरीय बस्तियाँ मुख्यतया गुच्छित तथा विशाल आकार की होती हैं।

प्रश्न 2. 
भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकार बताइए। भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन - कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकार:

  1. गुच्छित, (संकुलित अथवा संकेन्द्रित) बस्तियाँ। 
  2. अर्द्धगुच्छित अथवा विखण्डित बस्तियाँ। 
  3. पल्लीकृत बस्तियाँ।
  4. परिक्षिप्त अथवा एकाकी बस्तियाँ। भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक -ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों के लिए निम्न कारक उत्तरदायी होते हैं।

(i) भौतिक कारक: स्थलाकृति, उच्चावच, जलवायु एवं जल की उपलब्धता आदि कारक बस्तियों के प्रारूप के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जैसे शुष्क क्षेत्र में जल की उपलब्धता महत्त्वपूर्ण कारक है। ऐसे क्षेत्रों में मकान जल-स्रोत के चारों ओर बनाये जाते हैं। राजस्थान जैसे राज्य के शुष्क मरुस्थल में बस्तियों का संकुलित रूप मुख्य रूप से जल आपूर्ति से निर्धारित होता है।

(ii) सांस्कृतिक एवं मानव: जातीय कारक - इसके अन्तर्गत सामाजिक संरचना, जाति एवं धर्म आदि ग्रामीण बस्तियों के प्रारूप निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारे देश के अनेक गाँवों में उच्च जातियों के मकान बस्ती के मध्य में उनके केन्द्र के रूप में बसे होते हैं। इनके चारों ओर गाँव के समुदाय की सेवा करने वाली जातियों के मकान होते हैं।

(iii) सुरक्षा सम्बन्धी कारक: भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों के निर्धारण में सुरक्षा कारक भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चोरियों एवं डकैतियों से सुरक्षा मुख्य उद्देश्य होता है। जंगली जानवरों से भी अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए लोग गुच्छित बस्तियों में ही मकान बना लेते हैं। 

प्रश्न 3. 
गुच्छित एवं परिक्षिप्त बस्तियों में अंतर बताइए।
अथवा 
संकेन्द्रीय एवं एकाकी बस्तियों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए। 
उत्तर:

गुच्छित बस्तियाँ:

परिक्षिप्त बस्तियाँ:

(i) गुच्छित बस्तियाँ उपजाऊ जलोढ़ मैदानों में पायी जाती

(i) परिक्षिप्त बस्तियाँ पर्वतीय या उच्च भूमि तथा सुदूर जंगलों में पायी जाती हैं।

(ii) इन बस्तियों में मकान एक-दूसरे से सटे हुए तथा छोटे होते हैं।

(ii) इन बस्तियों में मकान एक-दूसरे से दूर तथा खुले होते

(iii) इन बस्तियों के चारों ओर खेत फैले होते हैं।

(iii) इन बस्तियों में पहाड़ी ढालों व जंगलों में मिलने वाले खेत छोटे होते हैं।

(iv) इन बस्तियों में लोग मिल-जलकर खेती व सरक्षा आदि कार्य करते हैं।

(iv) इन बस्तियों में लोग एकाकी जीवन व्यतीत करते हैं।

(v) इन बस्तियों में पानी के निकास की उचित व्यवस्था नहीं होती फलस्वरूप गलियों में गंदगी रहती है।

(v) इन बस्तियों में पानी के निकास की उचित व्यवस्था होती है फलस्वरूप बस्तियाँ साफ होती हैं।

(vi) ये बस्तियाँ मध्य भारत व उत्तरी-पूर्वी राज्यों में देखनेको मिलती हैं।

(vi) ये बस्तियाँ मेघालय, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश एवं केरल के अनेक भागों में देखने को मिलती हैं।


प्रश्न 4. 
भारत में पल्ली एवं परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों की किन्हीं तीन-तीन विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पल्लीकृत बस्तियों की विशेषता:

  1. इन बस्तियों को प्रादेशिक नामों के आधार पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नंगला, ढाँणी कहा जाता है।
  2. ये बस्तियाँ सामाजिक एवं मानवजात कारकों का खण्डीय स्वरूप होती हैं। 
  3. ये बस्तियाँ अनेक इकाइ-1 में बँटी होने पर भी एक ही नाम से जानी जाती हैं। 

परिक्षिप्त बस्तियों की विशेषता:

  1. ये बस्तियाँ सुदूर जंगलों में झोंपड़ियों के प्रारूप में मिलती हैं। 
  2. ये छोटी पहाड़ियों के ढालों एवं चरागाहों पर विकसित होती हैं। 
  3. ये बस्तियाँ एकाकी रूप में मिलती हैं। 

प्रश्न 5. 
भारत में नगरों के विकास के किन्हीं तीन बिन्दुओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

  1. भारतीय नगरों का विकास प्रागैतिहासिक काल से जारी है। प्राचीन कालीन नगरों की स्थिति सिंधु घाटी व हड़प्पा सभ्यता में भी मिलती है।
  2. नगरों के विकास की यह प्रक्रिया निरन्तर क्रियाशील है जिस पर यूरोपियन लोगों का प्रभाव भी पड़ा था। 
  3. विकास प्रक्रिया के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न भागों में बाँटा गया है:
  • (अ) प्राचीन नगर 
  • (ब) मध्यकालीन नगर 
  • (स) आधुनिक नगर। 

प्रश्न 6. 
भारत में आधुनिक नगरों के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक नगर-ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों तथा अन्य यूरोपियनों द्वारा अनेक नगरों का विकास किया गया। सर्वप्रथम उन्होंने भारत के तटीय भागों पर सूरत, दमन, गोवा तथा पांडिचेरी नामक व्यापारिक पत्तनों का विकास किया। बाद में तीन प्रमुख महानगरों-मुंबई, चेन्नई तथा कोलकाता का विकास अंग्रेजी शैली में किया। इसके साथ ही ब्रिटिश शासकों द्वारा प्रशासनिक केन्द्रों, ग्रीष्मकालीन स्थलों के रूप में पर्वतीय नगरों को स्थापित किया गया। 1850 ई. के बाद आधुनिक उद्योगों पर आधारित नगर जमशेदपुर की स्थापना भी की गई। स्वतंत्रता के पश्चात् भारत के विभिन्न भागों में अनेक नगर प्रशासनिक केन्द्रों के रूप में (जैसे-चण्डीगढ़, भुवनेश्वर, गांधीनगर तथा दिसपुर) तथा औद्योगिक केन्द्रों के रूप में (जैसे-भिलाई, दुर्गापुर, सिंदरी तथा बरौनी) विकसित हुए। पुराने महानगरों के चारों ओर अनेक अनुषंगी नगरों का तेजी से विकास हुआ वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते निवेश के साथ समस्त भारत में बड़ी संख्या में मध्यम व लघु आकार के नगरों का विकास हुआ। 

प्रश्न 7. 
बीसवीं शताब्दी में नगरीकरण की प्रवृत्तियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा 
भारत में नगरीकरण की प्रवृत्ति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण के स्तर का माप कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में किया जाता है। भारत में नगरीकरण का इतिहास बहुत प्राचीन है। सन् 1901 में भारत में नगरीय जनसंख्या केवल 2.5 करोड़ थी जो सन् 2011 में बढ़कर 37.70 करोड़ हो गयी। 20 वीं शताब्दी के दौरान देश में नगरीय जनसंख्या लगभग 14 गुनी हो गयी। कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के अनुपात में नगरीय जनसंख्या भी सन् 1901 में 10-84 प्रतिशत से बढ़कर सन् 2011 में 31.16 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि में नगरों की संख्या भी 1827 से बढ़कर 6171 अर्थात् लगभग 3.5 गुनी हो गई। नगरीय केन्द्रों के विस्तार एवं नए नगरों के उदय ने देश में नगरीय जनसंख्या की वृद्धि एवं नगरीकरण में सार्थक भूमिका निभायी है।
तालिका : भारत - नगरीकरण की प्रवृत्तियाँ 1901 - 2011:

वृद्धि

नगरों/नगरीय      

संकुलों की संख्या  

नगरीय जनसंख्या

(हजारों मे)     

कुल नगरीय  

जनसंख्या का 

दशकीय

वृद्धि  

1901

1911

1921

1931

1941

1951

1961

1971

1981

1991

2001

2011

1,827

1,815

1,949

2,072

2,250

2,843

2,365

2,590

3,378

4,689

5,161

6,171

25,851.9

25,941.6

28,086.2

33,456.0

44,153.3

62,443.7

78,936.6

1,09,114

1,59,463

2,17,611

2,85,355

3,77,000

10.84

10.29

11.18

1.99

13.86

17.29

17.97

19.91

23.34

25.71

27.78

31.16

-

0.35

8.27

19.12

31.97

41.42

26.41

38.23

46.14

36.47

31.13

31.08


RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 8. 
विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? किसी एक का विवरण दीजिए।
अथवा 
नगरों के प्रकार्यात्मक वर्गीकरण के अनुसार किन्हीं दो प्रकार के नगरों के मुख्य लक्षणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न भागों में बाँटा जा सकता है:

  1. प्रशासनिक नगर 
  2. परिवहन नगर 
  3. औद्योगिक नगर 
  4. वाणिज्यिक नगर 
  5. खनन नगर 
  6. गैरिसन (छावनी) नगर 
  7. धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगर 
  8. शैक्षिक नगर 
  9. पर्यटन नगर।

(i) परिवहन नगर: ऐसे नगर जो मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, पत्तन नगर के रूप में विकसित हो जाते हैं, परिवहन नगर कहलाते हैं। कांडला, कोच्चि, विशाखापट्टनम आदि प्रमुख पत्तन नगर हैं। इसके अतिरिक्त कुछ परिवहन नगर आन्तरिक परिवहन केन्द्र के रूप में विकसित होते हैं; जैसे - धुलिया, मुगलसराय, इटारसी, कटनी आदि।

(ii) प्रशासनिक नगर: प्रमुख प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित नगरों को प्रशासनिक नगर कहते हैं। इस दृष्टि से समस्त राज्यों की राजधानियाँ प्रशासनिक नगर हैं। लेकिन कुछ प्रशासनिक नगर अन्य नगरों की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण हैं। उदाहरण के रूप में नई दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, भोपाल, शिलांग, गुवाहाटी, इंफाल, श्रीनगर, गांधीनगर 

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
भारत की ग्रामीण बस्तियों को कितने प्रकारों में रखा जा सकता है? विस्तार से वर्णन कीजिए।
अथवा 
भारत में पायी जाने वाली ग्रामीण बस्तियों के प्रकारों एवं उनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
भारत की ग्रामीण बस्तियों को चार प्रकारों में रखा जा सकता है जो निम्नलिखित हैं:
1. गुच्छित बस्तियाँ इस प्रकार की ग्रामीण बस्तियों को संकुलित एवं आकेन्द्रित के नाम से भी जाना जाता है। इन बस्तियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. इस प्रकार की बस्तियों में संहत खण्ड पाये जाते हैं।
  2. इन बस्तियों में सामान्य आवासीय क्षेत्र स्पष्ट रूप से चारों ओर फैले हुए खेतों, खलिहानों एवं चारागाहों से अलग होता है।
  3. मकानों की दो कतारों को सँकरी, तंग एवं टेढ़ी-मेढ़ी गलियाँ पृथक् करती हैं। 
  4. सामान्यतया आकृति रैखिक, अरीय अथवा कभी-कभी आकृतिहीन होती हैं।
  5. इस प्रकार बस्तियाँ अत्यन्त उपजाऊ जलोढ़ मैदानों तथा उत्तरी-पूर्वी राज्यों में पायी जाती हैं।
  6. कई बार लोग सुरक्षा के कारणों से संहत गाँवों में रहते हैं। ऐसे गाँव मध्य भारत में बुंदेलखण्ड क्षेत्र एवं नागालैंड में पाये जाते हैं।
  7. राजस्थान में जल की कमी ने उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए संहत बस्तियों को अनिवार्य बना दिया है।

2. अर्द्धगुच्छित बस्तियाँ इस प्रकार की बस्तियों को विखण्डित बस्तियों के नाम से भी जाना जाता है। इन बस्तियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. इस प्रकार की बस्तियाँ एकाकी बस्ती में किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम हैं। 
  2. प्रायः किसी बड़े संहत गाँव के पृथक्करण या विखण्डन के परिणामस्वरूप ही ऐसे प्रतिरूप उभरते हैं।
  3. इन बस्तियों में ग्रामीण समाज का एक या एक से अधिक वर्ग स्वेच्छा या मजबूरी से मुख्य गुच्छित बस्ती अथवा गाँव से कुछ दूरी पर अलग बस्ती बनाकर रहने लगते हैं।
  4. इन बस्तियों में सामान्यतः भूस्वामी और समाज के प्रभावशाली लोग गाँव के केन्द्रीय भाग में रहते हैं। जबकि समाज के गरीब वर्ग के लोग गाँव के बाहरी भाग में रहते हैं।
  5. इस प्रकार की बस्तियाँ गुजरात के मैदान एवं राजस्थान के कुछ भू-भागों में मुख्य रूप से पायी जाती हैं। 

3. पल्लीकृत बस्तियाँ इस प्रकार की बस्तियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

  1. इन बस्तियों को पुरवा, पान्ना, पाड़ा, पाली, नंगला व ढाँणी आदि नामों से देश के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर .. पर जाना जाता है।
  2. इस प्रकार की बस्तियों का निर्माण जातीय व्यवस्था के कारण उत्पन्न सामाजिक अलगाव से होता है। यह अलगाव कभी-कभी सम्बन्धित गुच्छित बस्तियों को विखण्डित कर देता है।
  3. इस प्रकार की बस्तियों में एक से अधिक जातियों के लोग रहते हैं।
  4. इस प्रकार की बस्तियाँ मुख्य रूप से मध्य और निम्न गंगा के मैदान, छत्तीसगढ़ एवं हिमालय की निचली घाटियों में पायी जाती हैं।

4. परिक्षिप्त बस्तियाँ: इन बस्तियों को एकाकी बस्तियों के नाम से भी जाना जाता है। इन बस्तियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. इस प्रकार की बस्ती में छोटे-छोटे नंगला एक बड़े क्षेत्र पर दूर-दर बिखरे हए होते हैं। 
  2. ये बस्तियाँ प्रारूप विहीन होती हैं क्योंकि इन बस्तियों में केवल कुछ ही घर होते हैं। 
  3. सामान्यत: ये बस्तियाँ सुदूर वनों में एक झोंपड़ी या कुछ झोंपड़ियों के समूह के रूप में पायी जाती हैं। 
  4. ऐसी बस्तियाँ छोटी पहाड़ियों पर भी होती हैं, जिनके आस-पास के ढालों पर खेत या चारागाह होते हैं।
  5. इन बस्तियों का चरम विस्तार बसने योग्य क्षेत्रों में जीविका निर्वाह के भूमि संसाधनों के अत्यधिक बिखरे होने के कारण होता है।
  6. इस प्रकार की बस्तियाँ मुख्य रूप से मेघालय, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर आदि क्षेत्रों में पायी जाती हैं।

प्रश्न 2. 
भारत में नगरों के विकास की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में नगरों का विकास प्रागैतिहासिक काल से प्रारम्भ हो गया था। यहाँ तक कि सिन्धु घाटी सभ्यता काल में हमारे देश में मोहनजोदड़ो व हड़प्पा जैसे नगरों के अस्तित्व के प्रमाण भी हैं। विभिन्न युगों में उनके विकास के आधार पर भारतीय नगरों को निम्न तीन वर्गों में रखा जाता है:
(क) प्राचीन नगर-वाराणसी, प्रयाग (इलाहाबाद), पाटलिपुत्र (पटना) तथा मदुरई भारत के प्रमुख प्राचीन नगर हैं। इनमें से अधिकांश नगरों का विकास आज से 2000 से अधिक वर्ष पूर्व धार्मिक अथवा सांस्कृतिक केन्द्रों के रूप में हुआ। ये नगर अपनी सभ्यता, संस्कृति, धर्म व आध्यात्मिकता के लिए विख्यात हो गये।

(ख) मध्यकालीन नगर-वर्तमान में भारत के लगभग 100 नगरों का विकास मध्यकालीन युग में प्रमुख रूप से रजवाड़ों तथा राज्यों के मुख्यालयों के रूप में हुआ। इनमें से अधिकांश किला नगर हैं जिनका निर्माण प्राचीन खंडहरों पर हुआ है। ऐसे नगरों में दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, आगरा तथा नागपुर आदि महत्वपूर्ण हैं।

(ग) आधुनिक नगर-ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों तथा अन्य यूरोपियनों ने भारत में अनेक नगरों का विकास किया। सर्वप्रथम उन्होंने भारत के तटीय भागों पर सूरत, दमन, गोवा तथा पांडिचेरी (पुड्डुचेरी) नामक व्यापारिक पत्तनों का विकास किया। बाद में तीन प्रमुख महानगरों-मुंबई, चेन्नई तथा कोलकाता का विकास अंग्रेजी शैली में किया। इसके साथ ही ब्रिटिश शासकों द्वारा प्रशासनिक केन्द्रों, ग्रीष्मकालीन स्थलों के रूप में पर्वतीय नगरों को स्थापित किया तथा पहले से मौजूद नगरों में सिविल, प्रशासनिक एवं सैन्य क्षेत्र जोड़ दिए गए। 

ब्रिटिश शासकों द्वारा पर्वतीय नगरों के विकास के पीछे मुख्य कारण ग्रीष्म काल में मैदानी क्षेत्रों में पड़ने वाली गर्मी से बचाव करना था। ब्रिटिश शासकों को पर्वतीय क्षेत्रों की जलवायु अपने देश जैसी महसूस होती थी। सन् 1850 के बाद आधुनिक उद्योगों पर आधारित नगर जमशेदपुर की स्थापना भी की गई। आजादी के बाद भारत के विभिन्न भागों में अनेक नगर प्रशासनिक केन्द्रों के रूप में (जैसे-चण्डीगढ़, भुवनेश्वर, गांधीनगर तथा दिसपुर) तथा औद्योगिक केन्द्रों के रूप में (जैसे-भिलाई, दुर्गापुर, सिंदरी तथा बरौनी) विकसित हुए। पुराने महानगरों के चारों ओर अनेक अनुषंगी नगरों का तेजी से विकास हुआ वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते निवेश के साथ समस्त भारत में बड़ी संख्या में मध्यम व लघु आकार के नगरों का विकास हुआ।

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प्रश्न 3. 
नगरीकरण से क्या अभिप्राय है? जनसंख्या के आधार पर नगरों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
नगरीकरण से आशय: लोगों का छोटे ग्रामीण अथवा कृषि समुदायों अथवा गाँवों से बड़े शहरों में सरकारी क्षेत्र, व्यापार, परिवहन एवं विनिर्माण जैसे विभिन्न क्रियाकलापों में रोजगार प्राप्त करने के लिए सामान्य गमनागमन नगरीकरण कहलाता है। नगरीकरण के स्तर की माप कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में किया जाता है। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में नगरीकरण का स्तर 31.16 प्रतिशत रहा। 20वीं शताब्दी के दौरान भारत की नगरीय जनसंख्या में लगभग 14 गुनी वृद्धि हुई।

जनसंख्या आकार के आधार पर भारत के नगरों का वर्गीकरण - जनसंख्या आकार के अनुसार भारतीय नगरों को निम्नलिखित छः भागों में विभक्त किया जाता है।

नगर

जनसंख्या आकार 1 लाख से अधिक

(क) प्रथम वर्ग

50 हजार से 99,999

(ख) द्वितीय वर्ग

20 हजार से 49,999

(ग) तृतीय वर्ग

10 हजार से 19,999

(घ) चतुर्थ वर्ग

5 हजार से 9,999

(ङ) पंचम वर्ग

5 हजार से कम

(च) षष्टम वर्ग

जनसंख्या आकार 1 लाख से अधिक

5 हजार से कम आगे दी गई तालिका में भारत में वर्गानुसार नगरों की संख्या तथा उनकी जनसंख्या तथा प्रतिशत वृद्धि को प्रदर्शित किया गया है।

तालिका: भारत - वर्गानुसार शहरों और नगरों की संख्या एवं उनकी जनसंख्या, 2011

जनसंख्या का आकार

शहरों की संख्या

कुल शहरी जनसंख्या (हज़ार में)

नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत

जनसंख्या का आकार
1,00,000 और अधिक
50,000 - 99,999
20,000 - 49,999
10,000 - 19,999
5,000 - 9.999
5,000 से कम

468
474
1,373
1,683
1,749
424
452

2,27, 899
41,328
58,174
31,866
15,883
1956
1652

60.45
10.96
15.43
8.45
4.21
0.51
1.45



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तालिका से स्पष्ट है कि प्रथम वर्ग के नगरों में भारत की कुल नगरीय जनसंख्या का 60.45 प्रतिशत भाग निवास करता है। जबकि सबसे कम प्रतिशत पंचम व षष्टम् वर्ग के नगरों में (क्रमशः 4.21% तथा 0.51%) निवास करता है। सन् 2011 में भारत में प्रथम वर्ग के कुल 468 नगर थे जिनमें से 53 नगर/नगरीय संकुल महानगर के रूप में मिलते हैं जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या दस लाख से अधिक है। भारत के 53 महानगरों में से छह महानगर मेगा नगर के रूप में मिलते हैं जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या 50 लाख से अधिक है। मुम्बई, भारत में नगरीय केन्द्रों के आकार कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर तथा हैदराबाद नामक देश के छह मेगा नगर वर्ग के अनुसार नगरीय जनसंख्या का है।

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प्रश्न 4. 
नगरीय बस्तियों को आकार, कार्यों एवं उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर विभाजित कीजिए तथा प्रत्येक की एक महत्वपूर्ण विशेषता भी बताइए।
उत्तर:
इन सभी तथ्यों को आधार मानकर नगरों को निम्न भागों में बाँटा गया है। 

  1. नगर 
  2.  शहर 
  3.  सन्नगर 
  4. विश्वनगर 
  5. मिलियन सिटी। 

1 नगर:

  1.  नगरों में निर्माण, थोक एवं खुदरा व्यापार तथा व्यावसायिक क्रियाएँ सम्पन्न होती हैं। 
  2.  नगर एवं ग्राम दोनों में अत्यधिक अन्तर होता है। 
  3.  कभी - कभी नगर एवं ग्रामों के कार्य समान भी दृष्टिगत होते हैं। 
  4. इसमें जनसंख्या 50 हजार से अधिक होनी चाहिए। 

2. शहर:

  1. शहर नगरों से बड़े होते हैं। 
  2. इनमें मुख्यतः वित्तीय संस्थान, यातायात के केन्द्र एवं प्रशासनिक कार्यालय पाये जाते हैं। 
  3. ये अत्यधिक जटिल एवं उच्च जीवन का स्वरूप दर्शाते हैं। 

3. सन्नगर:

  1. इनका विकास दो या दो से अधिक नगरों या शहरों के मिलने से होता है। 
  2. इनका क्षेत्रफल शहरों की तुलना में बड़ा होता है। 
  3. ये नगरों की उपान्त पेटियों का मिश्रण दर्शाते हैं। 

4. विश्वनगर:

  1. अत्यधिक विशाल नगर को विश्वनगर कहा जाता है। 
  2. यह साधारणतः सन्नगरों का समूह होता है। 
  3. इसमें परिवहन एवं व्यापारिक प्रक्रियाएँ लम्बी दूरी तक क्रियाशील मिलती हैं। 

5. मिलियन सिटी:

  1. जिस शहर की जनसंख्या 10 लाख से अधिक होती है। उसे मिलियन सिटी कहते हैं। 
  2. यह नगरों से प्रवासित लोगों का विशाल समूह होता है। 
  3. साधारणतः ये क्षेत्र राज्यों की राजधानियाँ होते हैं। 

प्रश्न 5. 
भारतीय नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए। 
उत्तर:
यद्यपि प्रत्येक नगर अनेक केन्द्रीय कार्यों को सम्पादित करता है। केन्द्रीय कार्यों को सम्पादित करने के अलावा भारत के अनेक नगर कुंछ विशिष्ट प्रकार के कार्यों के कारण जाने जाते हैं। उन्हीं विशिष्ट कार्यों की प्रधानता के कारण भारत के नगरों को नौ वर्गों में रखा गया है।

(1) प्रशासनिक नगर: उच्च क्रम के प्रशासनिक मुख्यालय जिनमें प्रशासनिक कार्यों की प्रधानता मिलती है, प्रशासनिक नगर की श्रेणी में आते हैं। इनमें राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों की राजधानियाँ प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं। उदाहरण के लिए चण्डीगढ़, लखनऊ, नई दिल्ली, श्रीनगर, भोपाल, जयपुर, पटना, गाँधीनगर तथा चेन्नई आदि।

(2) औद्योगिक नगर: ऐसे नगर जिनमें उद्योग प्रमुख संचालित बल के रूप में कार्य करते हैं, औद्योगिक नगरों की श्रेणी में आते हैं। उनमें से कुछ औद्योगिक नगर ऐसे भी होते हैं जिनमें किसी एक विशेष प्रकार के उद्योग का विकास देखने को मिलता है। मुम्बई, कानपुर, अहमदाबाद, सलेम, कोयम्बटूर, मोदीनगर, जमशेदपुर, हुगली; भिलाई तथा राउरकेला इस श्रेणी के प्रमुख नगर हैं।

(3) व्यापारिक नगर: ऐसे नगर जिनके द्वारा किये जाने वाले केन्द्रीय कार्यों में व्यापार तथा वाणिज्य की प्रधानता होती है, व्यापारिक नगर की श्रेणी में आते हैं। कोलकाता, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, हाथरस तथा सतना इस श्रेणी के प्रमुख भारतीय नगर हैं।

(4) परिवहन नगर: ऐसे नगर जिनमें परिवहन सेवाएँ सर्वप्रमुख केन्द्रीय कार्य होते हैं, वे परिवहन नगर की श्रेणी में आते हैं। इनमें देश के सभी बन्दरगाह नगर (मुम्बई, मार्मागाओ, काण्डला, कोच्चि तथा कोझीकोड आदि) तथा आन्तरिक परिवहन के केन्द्र (जैसे-भुसावल, मुगलसराय, टूण्डला, इटारसी, कटनी तथा सिलीगुड़ी आदि) सम्मिलित हैं।

(5) खनन नगर: इस श्रेणी के नगर खनिज सम्पन्न क्षेत्रों में विकसित होते हैं तथा इन नगरों के केन्द्रीय कार्यों में खनन कार्य सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं। भारत में अंकलेश्वर, सिंगरौली, झरिया, रानीगंज, गिरडीह तथा डिगबोई प्रमुख खनन नगर हैं।

(6) गैरीसन (छावनी) नगर: इस प्रकार के नगरों का विकास सैनिक छावनियों के रूप में हुआ है। अम्बाला, नीमच, जालन्धर, महू, बबीना तथा उधमपुर इस श्रेणी के प्रमुख शहर हैं।

(7) पर्यटन नगर: इस श्रेणी के नगरों द्वारा किए जाने वाले केन्द्रीय कार्यों में पर्यटन कार्य सर्वाधिक प्रभावी होते हैं। नैनीताल, शिमला, मसूरी, पंचमढ़ी, दार्जिलिंग, माउण्ट आबू, जोधपुर, जैसलमेर तथा ऊटी देश के महत्वपूर्ण पर्यटन नगर हैं।

(8) शैक्षणिक नगर: ऐसे नगर जिनमें शिक्षण कार्य सर्वप्रमुख केन्द्रीय कार्य होता है, शैक्षणिक नगर की श्रेणी में आते हैं। रुड़की, ग्रेटर नोएडा, वाराणसी, पिलानी तथा इलाहाबाद देश के प्रमुख शैक्षणिक नगर हैं।

(9) धार्मिक तथा सांस्कृतिक नगर: इस श्रेणी में धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्व रखने वाले नगर आते हैं। उदाहरण के लिए मथुरा, वृन्दावन, वाराणसी, हरिद्वार, इलाहाबाद, बौद्ध गया, पुरी, अजमेर, अमृतसर, तिरुपति, कुरुक्षेत्र तथा उज्जैन। कोई भी नगर अपने द्वारा सम्पादित किए जाने वाले कार्यों की दृष्टि से स्थैतिक नहीं होता। कुछ विशेषीकृत कार्यों के आधार पर विकसित हुए नगर कुछ समय बाद विविध केन्द्रीय कार्य सम्पन्न करने लगते हैं। उन नगरों में केन्द्रीय कार्य इतने अधिक हो जाते हैं कि इनको किसी विशिष्ट कार्यात्मक वर्ग में रखना सम्भव नहीं हो पाता। वर्तमान में भारत में अधिकांश नगर विविध कार्य करने वाले नगरों के रूप में मिलते हैं।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस अध्याय से पूछे गये प्रश्न:

प्रश्न 1. 
भारत की जनगणना के अनुसार किसी क्षेत्र को शहरी क्षेत्र कहलाने के लिए निम्न में से कौन से गुण होने अपेक्षित।
(A) कोई भी स्थान जिसके पास नगरपालिका, निगम, छावनी व अधिसूचित कस्बा क्षेत्र हो। 
(B) कम से कम 75% श्रमजीवी जनसंख्या गैर - कृषि कार्यकलापों में संलग्न हो। 
(C), न्यूनतम जनसंख्या 5000 हो। 
(D) प्रति वर्ग किमी जनसंख्या घनत्व 100 व्यक्ति हो। 
कूट:
(अ) A व B 
(ब) A, B व C 
(स) A व C
(द) A, B, C व D 
उत्तर:
(ब) A, B व C. 

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प्रश्न 2. 
निम्न में से किस शहर में सिटी इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट स्थापित किया गया था? 
(अ) बंबई 
(ब) कलकत्ता
(स) हैदराबाद
(द) लखनऊ। 
उत्तर:
(ब) बंबई। 

प्रश्न 3. 
2011 की जनगणना के अनुसार निम्न महानगरों में से किसमें सबसे अधिक जनसंख्या दर्ज की गई?
(अ) चेन्नई 
(ब) दिल्ली
(स) कोलकाता 
(द) मुम्बई। 
उत्तर:
(ब) दिल्ली। 

प्रश्न 4. 
2001 में भारत में दस लाख जनसंख्या वाले नगरों की संख्या थी।
(अ) 35 
(ब) 38
(स) 40
(द) 42 
उत्तर:
(अ) 35. 

प्रश्न 5. 
निम्नलिखित में से कौन - सा एक भारत का प्राचीन नगर नहीं है।
(अ) वाराणसी 
(ब) उज्जैन
(स) काँचीपुरम 
(द) हैदराबाद। 
उत्तर:
(द) हैदराबाद। 

प्रश्न 6. 
भारत के महानगरीय केन्द्रों की तीव्र वृद्धि का कौन-सा कारक प्रमुख है?
(अ) प्राकृतिक वृद्धि 
(ब) आव्रजन
(स) राजनीतिक संरक्षण 
(द) बहुलकार्य। 
उत्तर:
(ब) आव्रजन। 

प्रश्न 7. 
इनमें से कौन - सा ग्रामीण अधिवासों का प्रकार नहीं है?
(अ) सघन 
(ब) प्रकीर्ण
(स) अपखण्डित 
(द) मॉल। 
उत्तर:
(द) मॉल। 

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प्रश्न 8. 
भारत के दसलाखी नगरों में देश की कुल नगरीय जनसंख्या का कितना भाग निवास करता है?
(अ) 32.54% 
(ब) 36.41%
(स) 37.80%
(द) 32.40% 
उत्तर:
(स) 37.80%. 

प्रश्न 9. 
भारत के ग्रामीण अधिवासों में निम्न ज्यामितीय प्रतिरूपों में से कौन अधिक सामान्य है?
(अ) चक्रीय 
(ब) वृत्तीय
(स) समानान्तर
(द) आयतीय। 
उत्तर:
(अ) चक्रीय। 

प्रश्न 10. 
निम्न नगरों पर विचार कीजिए।
(1) आगरा 
(2) इन्दौर
(3) नासिक
(4) वडोदरा। दस लाख से अधिक जनसंख्या (2001) किन - किन नगरों में मिलती है? 
कूट:
(अ) 1 एवं 4 में 
(ब) 1,2 एवं 3 में 
(स) 2,3 एवं 4 में 
(द) 1,2,3 एवं 4 में।
उत्तर:
(द) 1,2,3 एवं 4 में। 

प्रश्न 11. 
भारतीय जनगणना के अनुसार एक नगरीय अधिवास को सिटी (शहर) की श्रेणी में तभी वर्गीकृत किया जा सकता है जब उसकी न्यूनतम जनसंख्या हो।
(अ) 1 लाख 
(ब) 3 लाख
(स) 5 लाख
(द) 10 लाख। 
उत्तर:
(अ) 1 लाख। 

प्रश्न 12. 
भारत में सबसे छोटा दस लाखी नगर है? 
(अ) इलाहबाद 
(ब) अमृतसर
(स) फरीदाबाद 
(द) राजकोट। 
उत्तर:
(द) राजकोट।

Prasanna
Last Updated on Jan. 2, 2024, 9:18 a.m.
Published Jan. 1, 2024