RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 6 अधिगम

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RBSE Class 11 Psychology Chapter 6 Notes अधिगम

→ अधिगम का तात्पर्य अनुभव और अभ्यास के द्वारा व्यवहार में अथवा व्यहवार की क्षमता में उत्पन्न होने वाले अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन से है।

→ पावलव नामक मनोवैज्ञानिक ने सर्वप्रथम प्राचीन अनुबंधन की जाँच की थी।

→ संप्रत्यय का अर्थ एक श्रेणी से है। इसमें विशेषताओं का एक समूह अंतनिर्हित है जो एक नियम या अनुदेश से जुड़ा होता है। संप्रत्यय कृत्रिम या स्वाभाविक हो सकते हैं। कृत्रिम संप्रत्यय सुपरिभाषित होते हैं जबकि स्वाभाविक संप्रत्यय प्रायः कुपरिभाषित। सुपरिभाषित संप्रत्यययों के प्रायोगिक अध्ययन चयन अथवा ग्रहण की क्रियाविधियों से किए गए हैं। स्वाभाविक संप्रत्ययों की परिभाषा अथवा सीमाएँ धुंधली होती हैं।

→ कौशल का अर्थ जटिल कार्यों को दक्षतापूर्वक निर्बाध रूप से करने की योग्यता से है। कौशलों का अर्जन अनुभव और अभ्यास द्वारा होता है। किसी कौशलपूर्ण निष्पादन का तात्पर्य उद्दीपक-अनुक्रिया शृंखला का बड़े अनुक्रिया प्रतिरूपों में संगठन से है। इसके तीन चरण होते हैं : संज्ञानात्मक, साहचर्यात्मक तथा स्वायत्त।

→ नए अधिगम पर पूर्व अधिगम के प्रभाव को अधिगम अंतरण कहा जाता है। यह विशिष्ट अथवा अविशिष्ट हो सकता है। यह दोनों अधिगम कार्यों में उद्दीपक-अनुक्रिया साहचर्यों की समानता पर निर्भर करता है।

→ अधिगम को सुगम बनाने वाले कारकों में अभिप्रेरणा तथा प्राणी की तत्परता प्रमुख हैं।

RBSE Class 11 Psychology Notes Chapter 6 अधिगम 

→ अधिगम शैली का तात्पर्य उस शैली से है जिसमें प्रत्येक अधिगमकर्ता ध्यान केंद्रित करना प्रारंभ करता है और नयी एवं जटिल सूचनाओं का प्रकमण कर उन्हें याद रखता है।

→ अधिगम अशक्तता व्यक्तियों द्वारा सीखने (जैसे- पढ़ना, लिखना) में बाधक होती है। सीखने में अक्षम व्यक्तियों में अतिक्रियाशीलता, कालबोध का अभाव तथा नेत्र-हस्त समन्वय की कमी होती है। अधिगम के सिद्धांतों का अनुप्रयोग संगठन, कुसमायोजित प्रतिक्रियाओं के उपचार, बच्चों का पालन-पोषण, तथा विद्यालय अधिगम के लिए किया जाता है।

Prasanna
Last Updated on Sept. 23, 2022, 2:34 p.m.
Published Sept. 23, 2022