These comprehensive RBSE Class 11 History Notes Chapter 10 मूल निवासियों का विस्थापन will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 11 History Chapter 10 Notes मूल निवासियों का विस्थापन
→ परिचय
- 18वीं शताब्दी से दक्षिणी अमरीका के मध्य तथा अन्य भाग, उत्तरी अमरीका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड के क्षेत्रों में यूरोप से आये हुए आप्रवासियों ने बसना प्रारम्भ कर दिया।
- इन क्षेत्रों में यूरोपीय आप्रवासियों की बसने की प्रक्रिया से यहाँ के बहुत से मूल निवासियों को दूसरे क्षेत्रों में जाने पर मजबूर होना पड़ा।
- यूरोपीय लोगों की ऐसी बस्तियों को 'कॉलोनी' (उपनिवेश) कहा जाता था।
- जब यूरोप से आये इन उपनिवेशों के निवासी यूरोपीय 'मातृदेश' से स्वतंत्र हो गये, तो उन्हें 'राज्य' या 'देश' कहा जाने लगा।
- 19वीं और 20वीं शताब्दी में एशियाई देशों के लोग भी इनमें से कुछ देशों में जाकर बस गये। आज ये यूरोपीय और एशियाई लोग इन देशों में बहुसंख्यक हैं और वहाँ के मूल निवासियों की संख्या बहुत कम रह गई है।
- 1840 के दशक से ही अमरीका के मानव विज्ञानियों ने अमरीकी मूल निवासियों पर अध्ययन आरम्भ कर दिया था।
- बहुत बाद में, 1960 के दशक में, इन मूल निवासियों को अपने इतिहास को लिखने के लिए प्रेरित किया गया।
→ यूरोपीय साम्राज्यवाद
- सत्रहवीं शताब्दी के पश्चात स्पेन और पुर्तगाल के अमरीकी साम्राज्य का विस्तार नहीं हुआ।
- इसी बीच फ्रांस, हॉलैण्ड और इंग्लैण्ड जैसे अन्य यूरोपीय देशों ने अन्य देशों में अपनी व्यापारिक गतिविधियाँ तेज कर दी थीं तथा अमरीका, अफ्रीका और एशिया में अपने उपनिवेश बसाना प्रारम्भ कर दिया।
- यूरोप में स्थित आयरलैंड भी इंग्लैण्ड का उपनिवेश माना जाता था, क्योंकि वहाँ बसे हुए भू-स्वामी अधिकतर अंग्रेज ही थे।
- अठारहवीं सदी में यह बिल्कुल स्पष्ट होने लगा कि हालांकि लाभ की संभावना ने ही लोगों को यहाँ उपनिवेश बसाने के लिए प्रेरित किया था।
- लेकिन जो नियंत्रण स्थापित किया गया, उसकी 'प्रकृति' में महत्वपूर्ण विविधताएँ थीं।
- दक्षिण एशिया में यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों ने अपने को राजनीतिक सत्ता का रूप दिया। उन्होंने स्थानीय शासकों को पराजित कर अपने क्षेत्र का विस्तार किया। इन कंपनियों ने पुराने सुविकसित प्रशासकीय व्यवस्था को बनाये रखा और भू-स्वामियों से कर वसूलते रहे।
- दक्षिण अफ़्रीका को छोड़कर शेष सम्पूर्ण अफ्रीका में यूरोपीय लोग समुद्र तटों पर ही व्यापार करते रहे थे। 19वीं सदी के अन्तिम चरण में ही वे आन्तरिक क्षेत्रों में जाने का साहस कर सके थे।
- इसके पश्चात् कुछ यूरोपीय देशों के बीच अपने उपनिवेशों के रूप में अफ्रीका का बँटवारा करने का समझौता हुआ।
- सेटलर (Settler - आबादकार) शब्द दक्षिण अफ्रीका में डचों के लिए, आयरलैण्ड, न्यूजीलैण्ड और आस्ट्रेलिया में ब्रिटिशों के लिए और अमरीका में यूरोपीय लोगों के लिए प्रयोग होता है।
→ उत्तरी अमरीका
- उत्तरी अमरीका महाद्वीप उत्तरध्रुवीय वृत्त से लेकर कर्क रेखा तक तथा प्रशान्त महासागर से अटलांटिक महासागर तक फैला हुआ है।
- कनाडा का 40 प्रतिशत भाग जंगलों से ढंका हुआ है। यहाँ कई क्षेत्रों में तेल, गैस और खनिज संसाधन पाये जाते हैं, जिसके कारण संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में अनेक बड़े-बड़े उद्योग हैं। आजकल कनाडा में गेहूँ, मक्का और फल बड़े पैमाने पर उत्पादित होते हैं। मत्स्य-उद्योग वहाँ का एक महत्वपूर्ण उद्योग है।
- खनन, उद्योग और बड़े पैमाने की खेती का विकास पिछले 200 वर्षों में ही यूरोप, अफ्रीका और चीन के आप्रवासियों के हाथों हुआ है, लेकिन यूरोपवासियों की जानकारी में आने से पहले हजारों वर्षों से उत्तरी अमरीका में लोग रह रहे थे।
→ मूल निवासी
- उत्तरी अमरीका के सबसे प्रथम निवासी 30,000 वर्ष पहले बेरिंग स्ट्रेट्स (जलडमरूमध्य) के आर-पार फैले भूमि-सेतु के रास्ते एशिया से आये थे और लगभग 10,000 वर्ष पहले अन्तिम हिमयुग के दौरान वे दक्षिण की ओर बढ़े थे।
- अमरीका में मिलने वाली सबसे पुरानी मानव कृति 'एक तीर की नोंक' है, जो 11,000 वर्ष पुरानी है।
- उत्तरी अमरीका के मूल निवासी नदी घाटी के साथ-साथ बने गाँवों में समूह के रूप में रहते थे। वे मछली और माँस खाते थे और सब्जियाँ व मकई उगाते थे। वे सामान्यतया माँस की तलाश में लंबी यात्राओं पर जाते थे। मुख्य रूप से उन्हें 'बाइसन' अर्थात् जंगली भैंसों की तलाश रहती थी।
- उत्तरी अमरीका के मूल निवासियों ने बड़े पैमाने पर खेती करने की कोशिश नहीं की क्योंकि वे अपनी आवश्यकताओं से अधिक उत्पादन नहीं करते थे। इसीलिए उन्होंने केन्द्रीय तथा दक्षिणी अमरीका की तरह राजशाही और साम्राज्य का विस्तार नहीं किया।
- वे जमीन पर अपनी 'मिल्कियत' की कोई जरूरत महसूस किए बिना उससे मिलने वाले भोजन और आश्रय से संतुष्ट थे।
- अमरीका के मूल निवासियों की परंपरा की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी, औपचारिक संबंध तथा मित्रता स्थापित करना एवं उपहारों का आदान-प्रदान करना।
- उत्तरी अमरीका में अनेक भाषाएँ बोली जाती थीं। यद्यपि वे लिखी नहीं जाती थी अर्थात् उनकी लिपि नहीं थी।
- वे लोग कुशल कारीगर थे और सुन्दर कपड़े बुनते थे।
- मूल अमरीकी लोग शिक्षित लोगों की तरह जलवायु एवं विभिन्न प्राकृतिक भूदृश्यों के बारे में जानकारी रखते थे।
→ यूरोपियनों से मुकाबला
- 17वीं शताब्दी में दो महीने के कठिन समुद्री अभियान के पश्चात् यूरोपीय व्यापारी उत्तरी अमरीका के उत्तरी तट पर पहुँचे।
- यूरोपीय लोग मछली व रोंएदार खाल के व्यापार के लिए उत्तरी अमरीका आये थे। वे यूरोप में इन्हें बेचकर लाभ प्राप्त करना चाहते थे, जबकि दक्षिण अमरीका गये स्पेनी नागरिक सोने जैसी धातु के लिए वहाँ गये थे।
- फ्रांसीसियों ने पाया कि उत्तर अमरीका के देशी लोग नियमित रूप से मिसीसिपी नदी के किनारे-किनारे एकत्रित होते थे। उनका उद्देश्य था, ऐसे हस्तशिल्पों का आदान-प्रदान करना जो किसी विशेष कबीले में ही बनते थे या ऐसे खाद्य पदार्थों का आदान-प्रदान जो अन्य क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं थे।
- स्थानीय उत्पादों के बदले में यूरोपीय लोग, उत्तरी अमरीका के मूल निवासियों को कंबल, लोहे के बर्तन, बंदूकें और शराब आदि देते थे।
- उत्तरी अमरीका के मूल निवासी पहले शराब से परिचित नहीं थे। वे जल्दी ही इसकी आदत के शिकार हो गये।
- यूरोपीय लोगों ने वहाँ के मूल निवासियों से तम्बाकू की आदत ग्रहण की।
→ पारस्परिक धारणाएँ
- 18वीं शताब्दी में पश्चिमी यूरोप के लोग 'सभ्य' मनुष्य की पहचान साक्षरता, संगीत, धर्म और शहरीपन के आधार पर करते थे और इस आधार पर उन्हें उत्तरी अमरीका के मूल निवासी 'असभ्य' प्रतीत हुए।
- फ्रांसीसी दर्शनशास्त्री ज्यां जैक रूसो के लिए ऐसे लोग प्रशंसा के हकदार थे क्योंकि वे 'सभ्यता' की विकृतियों से
- अछूते थे। उसने उन्हें 'उदात्त उत्तम जंगली' कहा।
- अमरीका के मूल निवासी यूरोपीय लोगों के साथ जिन वस्तुओं का आदान-प्रदान करते थे, वे उनके लिए मित्रता के रूप में दिए गए उपहार थे।
- व्यापारी के रूप में आने वाले यूरोपीय लोगों के पीछे-पीछे अमरीका में स्थायी रूप से बसने के लिए भी यूरोप के विभिन्न देशों से लोग आए। इनमें से कुछ लोग धार्मिक उत्पीड़न के शिकार थे। उनमें से बहुतों ने यूरोप छोड़ दिया और एक नयी जिंदगी शुरू करने के लिये अमरीका चले गये।
- संयुक्त राज्य अमरीका के तृतीय राष्ट्रपति थॉमस जैफर्सन अमरीका को यूरोपीय लोगों से बसा हुआ छोटे-छोटे खेतों वाला एक देश बनाना चाहते थे। वहाँ के मूल निवासी उनके इस दृष्टिकोण को समझने में असमर्थ रहे। मूल निवासी अपनी जरूरतों के लिए फसलें उगाते थे, न कि बिक्री और लाभ के लिए। साथ ही ये लोग जमीन का 'मालिक' बनने को गलत मानते थे।
- कनाडा और संयुक्त राज्य अमरीका 18वीं शताब्दी के अन्त में अस्तित्व में आए थे। उस समय उनके पास वर्तमान क्षेत्रफल का एक छोटा-सा ही भाग था।
- संयुक्त राज्य अमरीका ने फ्रांस से लूइसियाना क्षेत्र तथा रूस से अलास्का क्षेत्र खरीदकर अपने क्षेत्रफल का विस्तार किया।
- संयुक्त राज्य अमरीका ने दक्षिण में युद्ध द्वारा मैक्सिको से जमीन जीतकर अपना विस्तार किया।
- संयुक्त राज्य अमरीका में किसी प्रकार के क्षेत्रफल विस्तार में वहाँ के मूल निवासियों से कोई सहमति नहीं ली गयी।
- उन्नीसवीं शताब्दी में अमरीका के भूदृश्यों में बहुत अधिक बदलाव आया। वन क्षेत्रों को काटकर भूमि को साफ किया गया तथा वहाँ के मूल निवासियों को खदेड़ दिया गया।
- ब्रिटेन और फ्रांस से आये कुछ प्रवासी ऐसे थे, जो छोटा पुत्र होने के कारण पिता की सम्पत्ति के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे और इसी कारण से अमरीका में जमीन के स्वामी बनना चाहते थे। बाद में जर्मनी, स्वीडन और इटली जैसे देशों से ऐसे आप्रवासी उमड़ पड़े, जिनकी जमीन बड़े किसानों के कब्जे में चली गयी थीं। इसीलिए वे जमीनों के लालच में अमरीका आ गये।
- पोलैण्ड से आये लोगों को प्रेयरी चरागाह (अमरीका में) का क्षेत्र यूरोप के स्टेपीज़ घास के मैदानों की तरह लगते थे। यहाँ बहुत कम कीमत पर बड़ी संपत्तियाँ खरीद पाना उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था।
- इस प्रकार यूरोपीय आप्रवासियों ने उत्तरी अमरीका में जमीनें कब्जा करके उनकी सफाई की और खेती का विकास किया। उन्होंने ऐसी फसलें (धान और कपास) उगाईं जो यूरोप में नहीं उगाई जा सकती थीं। इन फसलों को अपने देश में भेजकर बहुत अधिक लाभ कमाया।
- अमरीका के दक्षिणी प्रदेश की गर्म जलवायु को यूरोपीय लोग सहन नहीं कर सके अतः वहाँ यूरोपीय बागान मालिकों ने अफ्रीका से दास खरीद कर खेतों में कार्य करवाना प्रारम्भ कर दिया। दास प्रथा विरोधी समूहों के विरोध के कारण दासों के व्यापार पर रोक तो लग गई, किन्तु जो अफ्रीकी संयुक्त राज्य अमरीका में थे, वे तथा उनके बच्चे दास ही बने रहे।
- संयुक्त राज्य अमरीका के उत्तरी राज्यों ने, जहाँ अर्थतन्त्र बागानों पर टिका हुआ, था, दास प्रथा को समाप्त करने के पक्ष में तर्क दिए तथा उसे एक अमानवीय प्रथा बताया।
- 1861-65 में दास प्रथा को जारी रखने वाले और उसको समाप्त करने के पक्षधर राज्यों के बीच युद्ध हुआ। इसमें दासता विरोधियों की जीत हुई और दास प्रथा समाप्त कर दी गई लेकिन अफ्रीकी मूल के अमरीकियों को नागरिक स्वतन्त्रताओं के लिए अपने संघर्ष में सफलता 20वीं सदी में आकर ही मिली।
- 1763 ई. में ब्रिटिश लोगों ने फ्रांस के साथ हुए युद्ध में कनाडा को जीता था। वहाँ फ्रांस के बसे हुए लोग स्वायत्त राजनीतिक दर्जे की माँग कर रहे थे। परिणामस्वरूप 1867 में कनाडा को 'स्वायत्त राज्यों के एक महासंघ' के रूप में संगठित किया गया।
→ अपनी ज़मीन से मूल वाशिंदों की बेदखली
- जैसे-जैसे संयुक्त राज्य अमरीका ने अपनी बस्तियों का विस्तार करना प्रारम्भ किया वैसे-वैसे जमीन की बिक्री के समझौते पर हस्ताक्षर कराने के बाद मूल निवासियों को वहाँ से हटने लिए बाध्य किया गया।
- मूल निवासियों को अपने मूल निवास से हटने के लिए कम कीमत दी गई अथवा वादाखिलाफ़ी करके कीमत नहीं दी।
- अमरीका में यूरोपीय उच्च अधिकारी भी मूल निवासियों की बेदखली को गलत नहीं मानते थे।
- मूल निवासियों में से चिरोकी कबीले के लोग ही ऐसे थे, जिन्होंने अंग्रेजी सीखने और अमरीकी जीवन-शैली को समझने की सबसे अधिक कोशिश की थी, फिर भी उन्हें नागरिक अधिकार नहीं दिये गये।
- 1832 में संयुक्त राज्य अमरीका के मुख्य न्यायाधीश जॉन मार्शल ने एक महत्त्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि "चिरोकी कबीला एक विशिष्ट समुदाय है और उसके स्वत्वाधिकार वाले क्षेत्रों में जार्जिया का कानून लागू नहीं होता और उन्हें कुछ मामलों में सम्प्रभुता प्राप्त है।" इस फैसले के बाद भी अमरीकी राष्ट्रपति जैक्सन ने चिरोकियों को अपनी जमीन से अमरीकी मरुभूमि की ओर सेना भेजकर खदेड़ दिया। इसे 'आँसुओं की राह' का सफर कहते हैं। इस भागदौड़ में 15,000 लोगों में से लगभग एक-चौथाई लोग मर गए।
- इस बीच मूल निवासियों को पश्चिम की ओर ढकेल दिया गया था। उन्हें 'स्थाई तौर पर अपनी' ज़मीन दे दी गयी थी। लेकिन यदि उनकी जमीन के नीचे सीसा, सोना, तेल एवं अन्य खनिज पदार्थ निकलने की संभावना होती तो उन्हें उनकी जमीन से बेदखल कर दिया जाता था।
- वास्तव में मूल निवासी छोटे क्षेत्रों में कैद कर दिए गए थे, जिन्हें 'रिज़र्वेशन्स' (आरक्षण) कहा जाता था।
- 'रिज़र्वेशन्स' प्रायः ऐसी जमीन होती थी, जिसके साथ उनका पहले से कोई संबंध नहीं होता था।
- ऐसा नहीं है कि मूल निवासियों ने अपनी जमीनें बिना लड़े छोड़ दी हों, उन्होंने जमीन के लिए विद्रोह किया और कई लड़ाइयाँ लड़ीं लेकिन सफल नहीं हुए।
- संयुक्त राज्य अमरीका की सेना ने 1865 से 1890 के बीच विद्रोहों की एक पूरी श्रृंखला का दमन किया था।
- कनाडा में 1869 ई. से 1885 ई. के मध्य मेटिसों (यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज) के सशस्त्र विद्रोह हुए थे
- अंततः उन्होंने पराजय स्वीकार कर ली। गोल्ड रश और उद्योगों की वृद्धि
- 1840 में संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिह्न मिले। इसने ‘गोल्ड रश' को जन्म दिया।
- 'गोल्ड रश' उस आपाधापी का नाम है जिसमें हजारों की संख्या में उत्सुक यूरोपीय लोग अपने भविष्य निर्माण की आशा में अमरीका पहँचे थे।
- संयुक्त राज्य अमरीका में रेलवे का कार्य 1870 ई. में और कनाडा में रेलवे का कार्य 1885 ई. में पूर्ण हुआ तथा यहाँ बड़े-बड़े औद्योगिक नगरों का जन्म हुआ।
- उत्तरी अमरीका में उद्योग कई अलग तरह के कारणों से विकसित हुए-रेलवे के साज-समान बनाये गये और बड़े पैमाने पर कृषि के लिए आवश्यक यन्त्रों का निर्माण किया गया।
- 1860 ई. में संयुक्त राज्य अमरीका का अर्थतन्त्र अविकसित अवस्था में था। 1890 ई. में यह विश्व की एक अग्रणी औद्योगिक शक्ति बन चुका था।
- बड़े पैमाने की खेती का भी विस्तार हुआ। बड़े-बड़े इलाके साफ किये गये और खेतों के रूप में उनके टुकड़े किये गये।
- 1890 ई. तक आते-आते जंगली भैंसों का लगभग पूर्ण रूप से उन्मूलन किया जा चुका था।
- 1892 ई. तक संयुक्त राज्य अमरीका का महाद्वीपीय विस्तार पूर्ण हो चुका था तथा प्रशान्त महासागर और अटलांटिक महासागर के बीच का क्षेत्र राज्यों में विभाजित किया जा चुका था। अब कोई 'फ्रंटियर' नहीं रहा।
- कुछ ही वर्षों के भीतर संयुक्त राज्य अमरीका हवाई और फिलीपीन्स में अपने उपनिवेश बसा रहा था। वह एक साम्राज्यवादी शक्ति बन चुका था।
→ संवैधानिक अधिकार
संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान में व्यक्ति के 'सम्पति के अधिकार' को सम्मिलित किया गया, जिसे रद्द करने की छूट राज्य को नहीं थी। परन्तु लोकतांत्रिक अधिकार और संपति का अधिकार, दोनों केवल गोरे लोगों के लिए ही थे।
→ बदलाव की लहर
- 1920 के दशक तक संयुक्त राज्य अमरीका और कनाडा मूल के निवासियों के विकास के लिए कुछ भी विकासात्मक कार्य प्रारम्भ नहीं किये गये।
- 1928 ई. में समाज वैज्ञानिक लेवाइस मेरिअम ने अपनी पुस्तक 'दि प्रॉब्लम ऑफ इण्डियन एडमिनिस्ट्रेशन' में रिज़र्वेशन्स में रह रहे मूल निवासियों के स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की बदहाली का बड़ा ही दारुण चित्रण प्रस्तुत किया था।
- 1934 में संयुक्त राज्य अमरीका में 'इंडियन रीऑर्गनाइजेशन एक्ट' पारित किया गया। यह एक युगान्तकारी कानून था, जिसके तहत रिजर्वेशन्स में मूल निवासियों को जमीन खरीदने और ऋण लेने का अधिकार प्राप्त हुआ।
- 1954 ई. में अनेक मूल निवासियों ने अपने द्वारा तैयार किए गए 'डिक्लेरेशन ऑफ इंडियन राइट्स' में इस शर्त के साथ संयुक्त राज्य अमरीका की नागरिकता स्वीकार की कि उनके रिजर्वेशन्स वापस नहीं लिए जायेंगे और उनकी परम्पराओं में हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा।
→ आस्ट्रेलिया
- 'उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका की तरह ही आस्ट्रेलिया में भी मानव विकास का इतिहास लम्बा रहा है।
- आस्ट्रेलियाई आदिमानव जिन्हें 'ऐबॉरिजिनीज' कहते हैं, यहाँ 40,000 वर्ष पहले आने शुरू हुए थे। वे पहले आस्ट्रेलिया के साथ भू-सेतु से जुड़े 'न्यू गिनी' से आए थे।
- 18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के 350 से 750 तक समुदाय थे। प्रत्येक समुदाय की अपनी भाषा थी। इनमें से 200 भाषाएँ आज भी बोली जाती हैं।
- देशी लोगों का एक और विशाल समूह उत्तर में रहता है, इसे 'टॉरस स्टेट टापूवासी' कहते हैं।
- आस्ट्रेलिया की जनसंख्या बहुत छितरी हुई है और आज भी वहाँ के अधिकांश नगर समुद्र तट के साथ-साथ बसे हुए हैं, क्योंकि बीच का क्षेत्र शुष्क मरुभूमि है।
- आस्ट्रेलिया के अधिकतर प्रारम्भिक आबादकार इंग्लैण्ड से निर्वासित होकर आये थे और उनके कारावास (कैद) पूरा होने पर ब्रिटेन वापस न लौटने की शर्त पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया में स्वतन्त्र जीवन जीने की अनुमति दे दी गई।
- ये सभी कैदी खुंखार थे और उन्होंने कैद की अवधि पूर्ण होने पर मूल निवासियों की जमीनों पर बलपूर्वक नियंत्रण करके उन्हें बेदखल कर दिया और अपने जीवन-यापन के लिए खेती की।
- यूरोपीय बस्तियों के तहत आस्ट्रेलिया का आर्थिक विकास अमरीका जितना भिन्नतापूर्ण नहीं था।
- आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में खेतों में काम करना पड़ता था। उनकी स्थिति दासों जैसी ही थी।
→ बदलाव की लहर
- ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की संस्कृतियों का अध्ययन करने हेतु विश्वविद्यालयी विभागों की स्थापना हुई।
- कलादीर्घाओं में देशी कलाओं की दीर्घाएँ सम्मिलित की गयीं। अब मूल निवासियों ने अपने जीवन-इतिहास को लिखना प्रारम्भ कर दिया।
- 1974 से 'बहुसंस्कृतिवाद' आस्ट्रेलिया की राजकीय नीति रही है, जिसने मूल निवासियों की संस्कृतियों और यूरोप तथा एशिया के आप्रवासियों की संस्कृतियों को समान आदर दिया है।
- आस्ट्रेलियाई लेखिका ज्यूडिथ राइट ने आस्ट्रेलियाई मूल निवासियों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाई। वह मूल निवासियों को गोरे लोगों की भाँति अधिकार दिलाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रहीं।
→ अध्याय में दी गईं महत्त्वपूर्ण तिथियाँ एवं सम्बन्धित घटनाएँ
कनाडा एवं संयुक्त राज्य अमरीका
तिथि/वर्ष
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सम्बन्धित घटनाएँ
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1497 ई.
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जॉन कैबोट न्यूफाउण्डलैंड पहुँचा।
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1507 ई.
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अमेरिगो डे वेसपुकी की 'ट्रैवेल्स' नामक पुस्तक प्रकाशित हुई।
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1534 ई.
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जैक कार्टियर ने सैन्ट लॉरेन्स नदी के किनारे - किनारे यात्रा की। वहाँ के मूल निवासियों से मुलाकात की।
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1607 ई.
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ब्रिटेन के लोगों ने वर्जीनिया उपनिवेश की खोज की।
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1608 ई.
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फ्रांसीसियों ने क्यूबेक उपनिवेश की खोज की।
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1620 ई.
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ब्रिटिश लोगों ने प्लाइमाउथ की खोज की, जिसे वर्तमान में मेसाचुसैट्स कहा जाता है।
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1701 ई.
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क्यूबेक के मूल निवासियों के साथ फ्रांसीसियों का समझौता हुआ।
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1763 ई.
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क्यूबेक पर ब्रिटिशों की विजय हुई।
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1774 ई.
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क्यूबेक एक्ट का निर्माण हुआ।
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1781 ई.
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ब्रिटेन द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को एक स्वतन्त्र देश के रूप में मान्यता प्रदान की गयी।
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1783 ई.
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ब्रिटिशों द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को मध्य - पश्चिम भाग सौंपा गया।
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1791 ई.
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कनाडा संवैधानिक एक्ट का निर्माण हुआ।
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1803 ई.
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संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा फ्रांस से लुइसियाना की खरीद की गयी।
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1825 58 ई.
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संयुक्त राज्य अमरीका के मूल निवासी आरक्षित क्षेत्रों में पहुँचाए गए।
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1832 ई.
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संयुक्त राज्य अमरीका के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मार्शल ने चिरोकी कबीले के सम्बन्ध में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया।
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1837 ई.
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फ्रांसीसी - कनाडाई विद्रोह हुआ।
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1840 ई.
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उच्चतर और निम्नतर कनाडा की कैनेडियन यूनियन बनायी गयी।
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1849 ई.
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अमरीकी गोल्ड रश का उदय।
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1859 ई.
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कनाडा गोल्ड रश का उदय।
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1861 65 ई.
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अमेरिकी गृहयुद्ध की समयावधि ।
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1865 90 ई.
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अमेरिकी - इण्डियन युद्ध की समयावधि।
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1867 ई.
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कनाडा महासंघ का निर्माण हुआ।
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1869 85 ई.
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कनाडा में मेटिसों द्वारा रेड रिवर विद्रोह किया गया।
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1870 ई.
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संयुक्त राज्य अमरीका में पार महाद्वीपीय रेलमार्ग का निर्माण हुआ।
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1876 ई.
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कनाडा इंडियन्स एक्ट का निर्माण ।
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1885 ई.
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पारमहाद्वीपीय रेलवे के माध्यम से कनाडा के पूर्वी और पश्चिमी तटों का जुड़ाव।
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1890 ई.
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संयुक्त राज्य अमरीका में बाइसन (जंगली भैंसे) का उन्मूलन हुआ।
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1892 ई.
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अमरीकी 'फ्रंटियर' का समापन हुआ।
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→ आस्ट्रेलिया
तिथि/वर्ष
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सम्बन्धित घटनाएँ
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1606 ई.
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डच यात्रियों ने ऑस्ट्रेलिया को देखा।
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1642 ई.
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डच यात्री तास्मान इस टापू पर पहुँचता है, जिसे बाद में. तस्मानिया नाम दिया गया।
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1770 ई.
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जेम्स कुक बॉटनी खाड़ी पहुँचता है, जिसे बाद में न्यू साउथ वेल्स के नाम से जाना गया।
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1788 ई.
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आस्ट्रेलिया में ब्रिटेन में दण्डित अपराधियों की बस्ती बनायी गई। सिडनी की स्थापना हुई।
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1850 ई.
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आस्ट्रेलियाई बस्तियों को स्वशासन का अधिकार प्राप्त हुआ।
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1851 ई.
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चीनी कुलियों का आप्रवास।
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1855 ई.
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में बने कानून द्वारा इस पर प्रतिबन्ध लगाया गया।
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1851 ई.
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आस्ट्रेलिया में गोल्ड रश का जन्म हुआ।
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1901 ई.
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6 राज्यों को लेकर आस्ट्रेलियाई संघ का निर्माण हुआ।
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1911 ई.
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कैनबरा की राजधानी के रूप में स्थापना हुई।
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1948 - 75 ई.
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बीस लाख यूरोपीय लोग आस्ट्रेलिया में आकर बस गए।
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1974 ई.
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'गोरे आस्ट्रेलिया' की नीति की समाप्ति, एशियाई आप्रवासियों को प्रवेश की अनुमति प्राप्त
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1992 ई.
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माबो मामले में आस्ट्रेलिया के उच्च न्यायालय ने टेरा न्यूलिअस की कानूनी अवैधता की घोषणा की और 1770 ई. के पहले से ज़मीन पर मूल निवासियों के दावों को मान्यता प्रदान की।
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1995 ई.
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आदिवासी और टॉरस स्ट्रेट टापूवासी बच्चों को उनके परिवारों से अलग किए जाने के मामले में राष्ट्रीय जाँच हुई।
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26 मई, 1999 ई.
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1820 ई. के दशक से लेकर 1970 ई. के दशक के मध्य आस्ट्रेलिया से 'गुम हुए' बच्चों से माफीनामे के तौर पर 'राष्ट्रीय क्षमायाचना दिवस' मनाया गया।
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→ कॉलोनी-इसे उपनिवेश भी कहते हैं। अठारहवीं शताब्दी से दक्षिणी अमरीका के अन्य क्षेत्रों में तथा उत्तरी अमरीका, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड के क्षेत्रों में यूरोप से आये आप्रवासी बसने लगे। इस प्रक्रिया में वहाँ के बहुत से मूल निवासियों को दूसरे क्षेत्रों में जाने को मजबूर किया गया। यूरोपीय लोगों की ऐसी बस्तियों को कॉलोनी या उपनिवेश कहा जाने लगा।
→ सेटलर-इसे 'आबादकार' भी कहा जा सकता है। सेटलर शब्द से आशय किसी स्थान पर बाहर से आकर बसे लोगों से है। इस शब्द का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में डचों के लिए, आयरलैण्ड, न्यूजीलैण्ड तथा आस्ट्रेलिया में ब्रिटिश लोगों के लिए तथा अमरीका में यूरोपीय लोगों के लिए किया जाता है।
→ ज़ी-डच भाषा में समुद्र को जी कहा जाता है।
→ नेटिव-नेटिव का आशय है कि ऐसा व्यक्ति, जो अपने वर्तमान निवास-स्थान में ही पैदा हुआ था अर्थात् मूल निवासी। 20वीं शताब्दी के आरम्भिक वर्षों तक यह शब्द यूरोपीय लोगों द्वारा अपने उपनिवेशों के निवासियों के लिए प्रयोग किया जाता था।
→ अमरीका की पूर्व संध्या-इससे आशय उस समय से है जब यूरोपीय लोग अमरीका में आए और इस महाद्वीप को उन्होंने अमरीका की संज्ञा दी।
→ बाइसन-बाइसन का आशय जंगली भैंसे से है, जिसके माँस की तलाश में उत्तरी अमरीका के लोग घूमते रहते थे। 19वीं शताब्दी में इनका पूर्णतः उन्मूलन कर दिया गया।
→ वेमपुम बेल्ट-उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियों द्वारा रंगीन सीपियों को आपस में मिलाकर बनायी गयी बेल्ट। किसी समझौते के पश्चात स्थानीय कबीलों के मध्य इसका आदान-प्रदान होता था।
→ रेड इंडियन-अमरीका के गेहुँए वर्ण के लोग, जिनके निवास स्थान को कोलम्बस ने गलती से इंडिया (भारत) समझ लिया था।
→ होपी-कैलीफोर्निया (संयुक्त राज्य अमरीका) के समीप रहने वाले आदिवासियों को दिया गया नाम। ये लोग सरल प्रकृति के थे तथा रूढ़िवादी व अन्धविश्वासी भी थे।
→ उदात्त उत्तम जंगली-फ्रांसीसी दर्शनशास्त्री रूसो जैसे कुछ यूरोपियों ने अमरीका की सभ्यता के लोगों को उदात्त उत्तम जंगली नाम दिया अर्थात् वे जो सभ्यता की विकृतियों से अछूते थे।
→ रिजर्वेशन्स-उत्तरी अमरीका में मूल निवासियों छोटे-छोटे क्षेत्रों में सीमित कर दिए गए थे, उन्हें रिजर्वेशन्स कहा जाता था। यह प्रायः ऐसी ज़मीन होती थी, जिसके साथ मूल निवासियों का पहले से कोई रिश्ता नहीं होता था।
→ अमरीकी-संयुक्त राज्य अमरीका में रहने वाले यूरोपीय लोगों के लिए प्रयुक्त शब्द ।
→ मेटिस-उत्तरी अमरीका में यूरोपीय मूल निवासियों के वंशज।।
→ सरहद (फ्रंटियर)-यूरोपियों द्वारा जीती गई तथा खरीदी गई भूमि के कारण संयुक्त राज्य अमरीका का विस्तार होता रहता था। इससे अमरीका की पश्चिमी सीमा खिसकती रहती थी। इसके साथ मूल अमरीकियों को भी पीछे हटना पड़ता था। वे राज्य की जिस सीमा तक पहुँच जाते थे उसे 'फ्रंटियर' कहा जाता था।
→ गोल्ड रश-1840 में संयुक्त राज्य अमरीका के कैलीफोर्निया में सोने के कुछ चिह्न मिले जिसने गोल्ड रश को जन्म दिया। गोल्ड रश उस आपाधापी का नाम है, जिसमें हजारों की संख्या में उत्सुक यूरोपीय लोग सोना पाने की आशा में अमरीका पहुँचे।
→ प्रेयरी-उत्तरी अमरीका में घास के मैदानों को प्रेयरी के नाम से जाना जाता है।
→ स्टेपीज़-यूरोप एवं एशिया महाद्वीप में पाए जाने वाले घास के मैदानों को स्टेपीज़ कहा जाता है।
→ टॉरस स्ट्रेट टापूवासी-आस्ट्रेलिया में देशी लोगों का एक विशाल समूह उत्तर में रहता है। इस समुदाय को टॉरस स्ट्रेट टापूवासी कहते हैं। यह माना जाता है कि ये अलग नस्ल के तथा अन्य जगह से आये लोग हैं।
→ कैमबरा-यह आस्ट्रेलिया में प्रयुक्त एक स्थानीय शब्द है। इसका अर्थ होता है-सभा-स्थल। इसी नाम पर आस्ट्रेलिया की राजधानी का नाम कैनबरा पड़ा है। 1911 ई. में पहले आस्ट्रेलिया की राजधानी का नाम वूलव्हीट गोल्ड रखने की योजना थी।
→ टेरान्यूलिअस-आस्ट्रेलिया में यूरोपीय लोगों की सरकार द्वारा यहाँ की भूमि को दिया गया नाम। इसका शाब्दिक अर्थ है 'जो किसी की नहीं' है।
→ थॉमस जैफ़र्सन-संयुक्त राज्य अमरीका के तृतीय राष्ट्रपति। इन्होंने अमरीका के मूल निवासियों के बारे में कहा था कि यह अभागी नस्ल जिसे सभ्य बनाने के लिए हमने इतनी जहमत उठाई अपने उन्मूलन का औचित्य सिद्ध करती है। जैफ़र्सन का सपना एक ऐसे देश का था, जो छोटे-छोटे खेतों वाले यूरोपीय लोगों से आबाद था।
→ जॉन मार्शल-1832 ई. में संयुक्त राज्य अमरीका के मुख्य न्यायाधीश। इन्होंने चिरोकी कबीले के सन्दर्भ में एक फैसला देते हुए कहा कि यह एक विशिष्ट समुदाय है तथा उसके स्वत्वाधिकार वाले क्षेत्र में जार्जिया का कानून लागू नहीं होता है और वे कुछ मामलों में सम्प्रभुता सम्पन्न हैं।
→ कार्ल मार्क्स-एक महान जर्मन दार्शनिक। इन्होंने अमरीकी फ्रंटियर को अन्तिम सकारात्मक पूँजीवादी यूरोपियन के रूप में देखा था।
→ लेवाइस मेरिअम-एक समाज वैज्ञानिक, 1928 ई. में इनके निर्देशन में 'दि प्रॉब्लम ऑफ इण्डियन एडमिनिस्ट्रेशन' नाम से एक सर्वेक्षण प्रकाशित हुआ। जिसमें रिज़र्वेशन्स (आरक्षण) में रह रहे उत्तरी अमरीका के मूल निवासियों की स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधाओं की दरिद्रता का बड़ा ही दारुण चित्रण किया गया है।
→ कैप्टन कुक-आस्ट्रेलिया की खोज करने वाले। इनकी हत्या आस्ट्रेलिया के एक मूल निवासी ने हवाई में की थी।
→ ज्यूडिथ राइट-आस्ट्रेलियाई लेखिका। इन्होंने आस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के अधिकारों के लिए आवाज उठायी। इन्होंने गोरे और मूल निवासियों को अलग-अलग रखने से होने वाले नुकसानों को लेकर अत्यन्त प्रभावी कविताओं का लेखन भी किया था।