RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

Rajasthan Board RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

प्रश्न 1. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस निम्न में से किस देश का निवासी था
(क) इटली 
(ख) पुर्तगाल 
(ग) स्पेन
(घ) रोम 
उत्तर:
(क) इटली 

RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव  

प्रश्न 2. 
निम्न में से किस क्षेत्र में अरावाकी लुकायो समुदाय के लोग रहते थे
(क) कैरीबियन सागर क्षेत्र में
(ख) भूमध्य सागरीय क्षेत्र में 
(ग) अन्ध महासागरीय क्षेत्र में
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(क) कैरीबियन सागर क्षेत्र में

प्रश्न 3. 
निम्न में से किस क्षेत्र में एज़टेक लोग रहते थे
(क) ब्राज़ील में
(ख) कैरीबियन सागर क्षेत्र में 
(ग) मैक्सिको की मध्यवर्ती घाटी में
(घ) राइन नदी की घाटी में। 
उत्तर:
(ग) मैक्सिको की मध्यवर्ती घाटी में

प्रश्न 4. 
निम्न में से किस देश से माया संस्कृति का सम्बन्ध है
(क) मैक्सिको
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका 
(ग) क्यूबा
(घ) ब्राजील। 
उत्तर:
(क) मैक्सिको

प्रश्न 5. 
इंका राज्य में क्वेचुआ थी
(क) एक सैनिक 
(ख) एक भाषा 
(ग) एक धर्म
(घ) एक घाटी। 
उत्तर:
(ख) एक भाषा 

प्रश्न 6. 
ज्योग्राफी' नामक पुस्तक के लेखक थे
(क) टॉलेमी 
(ख) कोलम्बस 
(ग) पिज़ारो
(घ) डिऐली।
उत्तर:
(क) टॉलेमी 

प्रश्न 7. 
1500 ई. में पुर्तगाल निवासी पेड्रो अल्वारिस कैब्राल जहाज़ों का एक शानदार जुलूस लेकर निम्न में से किस देश
के लिए रवाना हुआ
(क) चीन 
(ख) भारत 
(ग) इटली
(घ) जापान। 
उत्तर:
(ख) भारत 

प्रश्न 8. 
ब्राजील किस प्राकृतिक सम्पदा के लिए विख्यात था
(क) इमारती लकड़ी 
(ख) स्वर्ण
(ग) लौह अयस्क 
(घ) ताँबा अयस्क। 
उत्तर:
(क) इमारती लकड़ी 

प्रश्न 9. 
स्पेन के उस शासक का नाम बताइए, जिसने 1601 ई. में सार्वजनिक रूप से बेगार की प्रथा पर रोक लगा दी थी, लेकिन एक गुप्त आदेश के द्वारा इसे जारी रखने की व्यवस्था भी कर दी
(क) जेम्स द्वितीय 
(ख) राबर्ट प्रथम 
(ग) विलियम प्रथम 
(घ) फिलिप द्वितीय।
उत्तर:
(घ) फिलिप द्वितीय।

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प्रश्न 10. 
निम्न में से किस महाद्वीप को लैटिन अमरीका भी कहा जाता है
(क) दक्षिण अमरीका 
(ख) एशिया 
(ग) यूरोप
(घ) अफ्रीका। 
उत्तर:
(क) दक्षिण अमरीका 

अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1.
क्रिस्टोफर कोलम्बस कहाँ का निवासी था ? 
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस इटली का निवासी था। 

प्रश्न 2. 
अमरीका के लोगों पर यूरोपवासियों की विजय का क्या दुष्परिणाम निकला ? 
उत्तर:
अमरीकी लोगों की पांडुलिपियों व स्मारकों को निर्ममतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। 

प्रश्न 3. 
किस वर्ष इंकाई शहर माचू-पिच्चू की पुनः खोज की गई ? 
उत्तर:
1911 ई. में। 

प्रश्न 4. 
अरावाकी लुकायो समुदाय के लोग कहाँ रहते थे ? 
उत्तर:
कैरीबियन सागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीप समूहों एवं वृहत्तर ऐंटिलीज में रहते थे। 

प्रश्न 5. 
अरावाक संस्कृति के लोगों का मुख्य सांस्कृतिक मूलाधार क्या था ? 
उत्तर:
वे एक साथ मिलकर खाद्य उत्पादन करें एवं समुदाय के प्रत्येक सदस्य को भोजन प्राप्त हो। 

प्रश्न 6. 
जीववादियों का क्या विश्वास है ?
उत्तर:
जीववादियों का विश्वास है कि आज के वैज्ञानिक जिन वस्तुओं को निर्जीव मानते हैं, उनमें भी. जीवन या आत्मा हो सकती है।

प्रश्न 7. 
अरावाक लोग किस धातु के गहने पहनते थे ? 
उत्तर:
स्वर्ण धातु के। 

प्रश्न 8. 
अरावाकों का व्यवहार कैसा था? 
उत्तर:
अरावाकों का व्यवहार बहुत उदारतापूर्ण होता था। 

प्रश्न 9. 
अरावाकों और उनकी जीवन शैली का विनाश कब हुआ?
उत्तर:
अरावाकों और उनकी जीवन शैली का विनाश स्पेनी लोगों के सम्पर्क में आने के बाद (लगभग पच्चीस साल के भीतर ही) हुआ।

प्रश्न 10. 
तुपिनांबा लोग कहाँ रहते थे ? 
उत्तर:
तुपिनांबा लोग दक्षिणी अमरीका के पूर्वी समुद्र तट एवं ब्राजील नामक पेड़ों के जंगलों में बसे हुए गाँवों में रहते थे।

प्रश्न 11. 
तुपिनांबा लोग कृषि की ओर आकर्षित क्यों नहीं हो सके? उत्तर-लोहे का हल न होने के कारण, फल-सब्जियों और मछलियों का बहुतायत से मिलना। प्रश्न 12. मध्य अमरीका की संस्कृति की कोई दो विशेषताएँ बताइए। 
उत्तर:

  1. मध्य अमरीका के राज्यों में मक्के की उपज अधिक होती थी। 
  2. यहाँ के शहरों की वास्तुकला उच्चकोटि की थी। 

प्रश्न 13. 
बारहवीं शताब्दी में एज़टेक लोग उत्तर से आकर कहाँ बस गये थे ? 
उत्तर:
मैक्सिको की मध्यवर्ती घाटी में। 

प्रश्न 14.
एज़टेक समाज किन-किन वर्गों में विभाजित था ? 
उत्तर:

  1. अभिजात वर्ग
  2. व्यापारी वर्ग
  3. अन्य वर्ग-शिल्पी, चिकित्सक, शिक्षक। 

प्रश्न 15. 
भूमि उद्धार से क्या आशय है ? 
उत्तर:
भूमि उद्धार से आशय बंजर भूमि का आवासीय अथवा कृषि योग्य भूमि में परिवर्तन से है।

प्रश्न 16. 
एजटेक लोगों ने भूमि की कमी को पूरा करने का क्या तरीका निकाला ? 
उत्तर:
समुद्र में कृत्रिम टापू (चिनाम्पा) बनाना। 

प्रश्न 17. 
चिनाम्पा क्या थे ? 
अथवा 
'चिनाम्पा' किन्हें कहा जाता था? 
उत्तर:
एज़टेक लोगों द्वारा मैक्सिको झील में कृत्रिम टापुओं का निर्माण किया गया, जिन्हें चिनाम्पा कहा जाता था। 

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प्रश्न 18. 
एज़टेक राजधानी कौन-सी थी व उसका निर्माण कब किया गया ? 
उत्तर:
1325 ई. में एज़टेक राजधानी टेनोक्टिटलान का निर्माण किया गया। प्रश्न 19. एज़टेक लोगों द्वारा निर्मित भव्य मन्दिर किसको समर्पित थे ?
उत्तर:
युद्ध के देवता एवं सूर्य भगवान को। 

प्रश्न 20. 
एज़टेक लोग कौन-कौन सी फसलें उगाते थे ? उत्तर-एज़टेक लोग मक्का, फलियाँ, कुम्हड़ा, कद्दू, कसावा व आलू आदि फसलें उगाते थे।

प्रश्न 21.
कालमेकाक क्या थे ?
उत्तर:
एज़टेक समाज में कुलीन वर्ग के बच्चों के विद्यालयों को 'कालमेकाक' कहा जाता था। यहाँ उन्हें सेना में अधिकारी और धार्मिक नेता बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था।

प्रश्न 22. 
तेपोकल्ली क्या थे ?
उत्तर:
एज़टेक समाज में अभिजात वर्ग को छोड़कर अन्य लोगों के बच्चे जिन विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करते थे, उन विद्यालयों को तेपोकल्ली कहा जाता था।

प्रश्न 23. 
तेपोकल्ली में शिक्षण के प्रमुख विषय क्या थे ?
उत्तर:
तेपोकल्ली में इतिहास, पुराण-मिथकों, धर्म, उत्सव गीत, सैन्य प्रशिक्षण, खेती एवं व्यापार की शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 24. 
माया संस्कृति किस देश में विकसित हुई ? उत्तर-मैक्सिको में। 

प्रश्न 25.
किस फसल की खेती माया सभ्यता का मुख्य आधार थी ? 
उत्तर:
मक्के की खेती। 

प्रश्न 26. 
माया मन्दिर कहाँ स्थित है ? इसका निर्माण कब हुआ था ? 
उत्तर:
माया मन्दिर टिकल, ग्वातेमाला में स्थित है। इसका निर्माण आठवीं शताब्दी में हुआ था। 

प्रश्न 27. 
माया संस्कृति की कोई दो विशेषताएँ बताइए।। 
उत्तर:

  1. मक्के की खेती माया संस्कृति का मुख्य आधार थी।
  2. खेती करने के तरीके उन्नत व कुशलतापूर्ण थे। 

प्रश्न 28. 
माया सभ्यता के लोगों की लिपि के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
माया सभ्यता के लोगों की लिपि चित्रात्मक थी। इस लिपि को अभी तक पूर्ण रूप से नहीं पढ़ा जा सका है।

प्रश्न 29. 
दक्षिणी अमरीकी देशज संस्कृतियों में सबसे बड़ी संस्कृति किसकी थी? 
उत्तर:
पेरू के क्वेचुआ या इंका लोगों की संस्कृति। 

प्रश्न 30. 
इंका लोगों का साम्राज्य कहाँ तक फैला हुआ था ? 
उत्तर:
इंका लोगों का साम्राज्य इक्वेडोर से चिली तक 3000 मील में फैला हुआ था। 

प्रश्न 31. 
इंका संस्कृति की कोई दो राजनीतिक विशेषताएँ बताइए। 
उत्तर:

  1. इंका साम्राज्य अत्यन्त केन्द्रीकृत था, राजा में ही सम्पूर्ण शक्ति निहित थी। 
  2. प्रत्येक व्यक्ति को प्रशासन की भाषा क्वेचुआ बोलनी पड़ती थी। 

प्रश्न 32. 
इंका सभ्यता का मुख्य आधार क्या था ? 
उत्तर:
कृषि।

प्रश्न 33. 
इंका लोग कौन-कौन सी फसलें उगाते थे ? 
उत्तर:
मक्का और आलू। 

प्रश्न 34. 
क्विपु क्या था ? 
उत्तर:
इंका लोग डोरियों पर गाँठे लगाकर गणितीय इकाइयों का हिसाब रखते थे। इसे ही क्विपु कहा जाता था।

प्रश्न 35. 
इंका साम्राज्य का ढाँचा किस प्रकार का था ? 
उत्तर:
इंका साम्राज्य का ढाँचा पिरामिडनुमा था। प्रश्न 36. एजटेक व इंका संस्कृतियाँ यूरोपीय संस्कृति से किस प्रकार भिन्न थीं?
उत्तर:
एज़टेक व इंका लोगों का समाज श्रेणीबद्ध था, परन्तु वहाँ यूरोप की भाँति कुछ लोगों के हाथों में संसाधनों का निजी स्वामित्व नहीं था।

प्रश्न 37. 
दक्षिण अमरीका व कैरीबियन लोगों को यूरोपवासियों के अस्तित्व का कब पता चला ?
उत्तर:
जब यूरोपवासी अटलांटिक महासागर को जहाजों द्वारा पार करके दक्षिण अमरीका व कैरीबियन क्षेत्र में पहुँचे।

प्रश्न 38. 
कुतुबनुमा का आविष्कार कब हुआ ? 
उत्तर-1380 ई. में।

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प्रश्न 39. 
सृष्टि शास्त्र को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
विश्व का मानचित्र तैयार करने के विज्ञान को सृष्टि शास्त्र कहते हैं। इसमें स्वर्ग और पृथ्वी दोनों का वर्णन किया जाता था लेकिन इसे भूगोल और खगोल से अलग शास्त्र माना जाता था।

प्रश्न 40. 
टॉलेमी की 'ज्योग्राफी' नामक पुस्तक कब मुद्रित की गयी ?
उत्तर:
1477 ई. में।

प्रश्न 41. 
टॉलेमी द्वारा लिखित पुस्तक 'ज्योग्राफी' से समुद्री खोज करने वाले यात्री किस प्रकार लाभान्वित हुए? .
उत्तर:
टॉलेमी ने विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति को अक्षांश व देशान्तर रेखाओं के रूप में व्यवस्थित किया था, जिनसे यूरोपवासियों को विश्व के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।

प्रश्न 42. 
पन्द्रहवीं शताब्दी में कौन लोग अटलांटिक समुद्री खोज यात्राओं में अग्रणी रहे? 
उत्तर:
आइबेरियाई प्रायद्वीप अर्थात स्पेन और पुर्तगाल के लोग।

प्रश्न 43. 
स्पेन व पुर्तगाल के शासक समुद्री खोजों के लिए धन देने को अधिक लालायित क्यों थे ? कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:

  1. यूरोप की अर्थव्यवस्था का गिरावट के दौर से गुजरना। 
  2. बाहरी विश्व के लोगों को ईसाई बनाने की इच्छा।

प्रश्न 44.
पुर्तगाल एक स्वतंत्र राज्य के रूप में कब अस्तित्व में आया ? 
उत्तर:
1139 ई. में स्पेन से अलग होकर पुर्तगाल एक स्वतन्त्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। 

प्रश्न 45. 
नये-नये प्रदेशों की खोज में सर्वप्रथम पहल किसने की? 
उत्तर:
पुर्तगाल ने। 

प्रश्न 46. 
पुर्तगाल ने किस क्षेत्र में विशेष कुशलता प्राप्त कर ली थी? 
उत्तर:
मछुवाही तथा नौकायन के क्षेत्र में। 

प्रश्न 47. 
पुर्तगाल के उस राजकुमार का नाम बताइए जो 'नाविक' के नाम से मशहूर था। उत्तर-हेनरी। 

प्रश्न 48. 
कैपिटुलैसियोन से क्या आशय है ?
उत्तर:
कैपिटुलैसियोन एक प्रकार के इकरारनामे थे, जिनके अन्तर्गत स्पेन का शासक नवविजित प्रदेशों पर अपनी प्रभुसत्ता स्थापित कर लेता था।

प्रश्न 49. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस किस पुस्तक से बहुत प्रेरित हुआ था ? 
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस कार्डिनल पिएर डिऐली द्वारा लिखित पुस्तक 'इमगो मुंडी' से बहुत प्रेरित हुआ था। 

प्रश्न 50. 
कोलम्बस किन तीन जहाजों को लेकर अटलांटिक यात्रा के लिए रवाना हुआ था?
उत्तर:
सांता मारिया' नामक एक छोटी नाओ (भारी जहाज़) एवं दो कैरेवल (छोटे हल्के जहाज़) 'पिंटा' और 'नीना' को लेकर।

प्रश्न 51. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि द्वीप पर कब पहुँचा ?
उत्तर:
12 अक्टूबर, 1492 ई. को।

प्रश्न 52.
कोलम्बस ने किस द्वीप को भारत समझा था ? 
उत्तर:
बहामा द्वीपसमूह के गुआनाहानि द्वीप को। 

प्रश्न 53. 
बहामा द्वीपसमूह को 'बहामा' नाम कोलम्बस द्वारा किसलिए दिया गया ?
उत्तर:
बहामा द्वीपसमूह को बहामा नाम कोलम्बस द्वारा इसलिए दिया गया था क्योंकि वह चारों ओर से छिछले समुद्र से घिरा हुआ था।

प्रश्न 54. 
कोलम्बस का गुआनाहानि द्वीप पर किसने स्वागत किया?
उत्तर:
अरावाक लोगों ने। 

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प्रश्न 55. 
कोलम्बस ने गुआनाहानि द्वीप का नया नाम क्या रखा ? 
उत्तर:
सेन सैल्वाडोर। 

प्रश्न 56. 
कोलम्बस ने गुआनाहानि द्वीप में अपने आपको क्या घोषित किया ? 
उत्तर:
कोलम्बस ने गुआनाहानि द्वीप में अपने आपको स्पेन के राजा का प्रतिनिधि (वाइसराय) घोषित किया। 

प्रश्न 57. 
कोलम्बस को किस कबीले की प्रचंडता का सामना करना पड़ा? 
उत्तर:
खूखार कैरिब कबीलों की। 

प्रश्न 58. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस की विशेष उपलब्धि क्या रही ? 
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस की विशेष उपलब्धि यह रही कि उसने अनन्त समुद्र की सीमाएँ खोज निकाली।

प्रश्न 59. 
कोलम्बस द्वारा खोजे गए दो महाद्वीपों उत्तरी व दक्षिणी अमरीका का नामकरण किसके नाम पर किया गया ?
उत्तर:
फ्लोरेंस के एक भूगोलवेत्ता 'अमेरिगो वेस्पुस्सी' के नाम पर। 

प्रश्न 60. 
अमरीका में स्पेनी साम्राज्य के विस्तार में सहायक कारक कौन-कौन से थे ?
उत्तर:
अमरीका में स्पेनी साम्राज्य का विस्तार बारूद एवं घोड़ों के प्रयोग पर आधारित सैन्य शक्ति की बदौलत हुआ।

प्रश्न 61. 
बार्टोलोम डि लास कैसास कौन था ? उसने स्पेनी उपनिवेश के बारे में क्या कहा था ?
उत्तर:
बार्टोलोम डि लास कैसास एक कैथोलिक भिक्षु था। उसने कहा था कि स्पेनी उपनिवेशक प्रायः अपनी तलवार की धार अरावाकों के नंगे शरीर पर आजमाते थे।

प्रश्न 62. 
अरावाक लोगों पर किस बीमारी ने कहर ढाया? 
उत्तर:
चेचक ने। 

प्रश्न 63. 
कोंक्विस्टोडोर किसे कहा जाता था ? 
उत्तर:
कोर्टेस के सैनिकों को कोक्विस्टोडोर कहा जाता था। 

प्रश्न 64. 
डोना मैरीना कौन थी ?
उत्तर:
डोना मैरीना कोर्टेस की सहायिका थी। उसने कोर्टेस के लिए दुभाषिए का कार्य किया था। 

प्रश्न 65. 
स्पेनी आक्रमणकारी टेनोक्टिटलान के दृश्य को देखकर क्यों आश्चर्यचकित हो गए ?
उत्तर:
क्योंकि टेनोक्टिटलान नगर मैड्रिड से पाँच गुना बड़ा था। इसकी जनसंख्या स्पेन के सबसे बड़े शहर सेविली से दो गुनी अर्थात् एक लाख थी।

प्रश्न 66. 
कौन-सी घटना 'आँसू भरी रात' के नाम से जानी जाती है ?
उत्तर:
एजटेकों एवं स्पेनियों के मध्य हुई लड़ाई में लगभग 600 अत्याचारी स्पेनिश सैनिक एवं उतने ही ट्लैक्सकलान के लोग मारे गए। इसे ही 'आँसू भरी रात' के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 67. 
मैक्सिको पर स्पेन की विजय के क्या परिणाम हुए ?
उत्तर:
कोर्टस मैक्सिको में 'न्यू स्पेन' का कैप्टन जनरल बन गया तथा स्पेनियों ने अपना नियन्त्रण ग्वातेमाला व निकारगुआ पर भी कर लिया।

प्रश्न 68. 
फ्रांसिस्को पिज़ारो कौन था ? 
उत्तर:
फ्रांसिस्को पिज़ारो एक निर्धन व निरक्षर सैनिक था। उसने इंका राज्य पर विजय प्राप्त की थी। 

प्रश्न 69. 
पिज़ारो ने कहानियों में इंका राज्य के बारे में क्या सुन रखा था ? 
उत्तर:
इंका राज्य सोने व चाँदी का देश है। 

प्रश्न 70. 
1532 ई. में एक गृहयुद्ध के पश्चात् इंका साम्राज्य की बागडोर किसने सँभाली ? 
उत्तर:
अताहुआल्पा ने। 

प्रश्न 71. 
कैनाल कौन था ?
उत्तर:
कैब्राल पुर्तगाल का निवासी था। वह भारत जाना चाहता था लेकिन पश्चिमी अफ्रीका का एक चक्कर लगाते हुए ब्राज़ील पहुँच गया।

प्रश्न 72. 
ब्राज़ील में कौन-सा प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था ?
उत्तर:
इमारती लकड़ी। 

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प्रश्न 73. 
पुर्तगालवासियों की ब्राज़ील में किस कारण से रुचि थी? 
उत्तर:
ब्राज़ीलवुड वृक्ष की लकड़ी के कारण। 

प्रश्न 74. 
ब्राज़ील देश का नाम किस वृक्ष के नाम पर पड़ा?
उत्तर:
ब्राज़ीलवुड वृक्ष के नाम पर।

प्रश्न 75.
जील में पुर्तगाली एवं फ्रांसीसी व्यापारियों के मध्य किस कारण भयंकर लड़ाइयाँ हुई ?
उत्तर:
इमारती लकड़ी के व्यापार पर आधिपत्य स्थापित करने के कारण।

प्रश्न 76.
यूरोपीय लोग जेसुइट पादरियों को पसन्द क्यों नहीं करते थे ?
उत्तर:
जेसुइट पादरी यूरोपीय लोगों को ब्राजील के मूल निवासियों के साथ दया का बर्ताव करने की सलाह देते थे तथा दास प्रथा की कटु आलोचना करते थे।।

प्रश्न 77. 
उत्तरी तथा दक्षिणी अमरीका के मूल निवासियों के लिए यूरोपवासियों के अभियानों के क्या परिणाम निकले?
उत्तर:

  1. उत्तरी और दक्षिणी अमरीका के मूल निवासियों की जनसंख्या कम हो गई। 
  2. उनकी जीवनशैली का विनाश हो गया।

प्रश्न 78. 
उत्पादन की पूँजीवादी प्रणाली से क्या आशय है ?
उत्तर:
उत्पादन की पूँजीवादी प्रणाली वह होती है, जिसमें उत्पादन व वितरण के साधनों का स्वामित्व व्यक्तियों अथवा निगमों के पास होता है और प्रतिस्पर्धी खुले बाजार में भाग लेते हैं।

प्रश्न 79.
यूरोप, अमरीका से आने वाली किन नई फसलों से परिचित हुआ?
उत्तर:
आलू और मिर्च। 

प्रश्न 80. 
आलू और मिर्च की फसलें भारत में कैसे पहुँची? उत्तर-आलू और मिर्च की फसलें अमरीका से यूरोप तथा यूरोप से भारत पहुँची। 

प्रश्न 81.
एरिक विलियम्स द्वारा लिखित पुस्तक का नाम बताइए। 
उत्तर:
कैपिटलिज़्म एंड स्लेवरी।

प्रश्न 82. 
वर्तमान में दक्षिणी अमरीका को लैटिन अमरीका क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
वर्तमान में दक्षिणी अमरीका को लैटिन अमरीका भी कहा जाता है क्योंकि स्पेनी व पुर्तगाली दोनों भाषाएँ लैटिन भाषा परिवार की हैं।

प्रश्न 83. 
क्रिओल किसे कहा जाता था ? 
उत्तर:
दक्षिणी अमरीका के अधिकांश निवासी देशज यूरोपीय मूल के हैं, जिन्हें क्रिओल कहा जाता था। 

लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर (SA1) 

प्रश्न 1. 
दक्षिणी अमरीका में बाहरी लोगों के बसने का क्या परिणाम निकला ?
उत्तर:
दक्षिणी अमरीका में विभिन्न संस्कृतियों के बाहरी लोगों का बसना विनाशकारी सिद्ध हुआ। अमरीकी लोगों की पांडुलिपियों और स्मारकों को निर्ममतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। इसके बाद दक्षिण अमरीका में दास प्रथा की शुरुआत हुई, जिसमें यूरोपवासी अफ्रीका से गुलाम पकड़कर या खरीदकर उन्हें उत्तरी व दक्षिणी अमरीका की खानों व बागानों में कार्य करने के लिए बेच जाते थे।

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प्रश्न 2. 
हम अमरीका के मूल निवासियों एवं यूरोपवासियों के मध्य हुई मुठभेड़ों के बारे में मूल निवासियों के पक्ष को तो अधिक नहीं जानते पर यूरोपीय पक्ष को विस्तारपूर्वक जानते हैं। क्यों?
उत्तर:
क्योंकि अमरीका की यात्राओं पर जाने वाले यूरोपवासी अपने साथ रोजनामचा एवं डायरियाँ रखते थे। इनमें वे अपनी यात्राओं का दैनिक विवरण लिखते थे। हमें राजकीय अधिकारियों एवं जेसुइट पादरियों के विवरणों से ही इसे बारे में जानकारी मिलती है। परन्तु यूरोप के इतिहासकारों ने अपनी अमरीका की खोज व वहाँ के देशों के जो इतिहास लिखे हैं, उनमें यूरोपीय बस्तियों के बारे में ही अधिक बताया गया है। स्थानीय लोगों के बारे में बहुत कम ही लिखा गया है।

प्रश्न 3. 
पन्द्रहवीं से सत्रहवीं शताब्दी के दौरान दक्षिणी व मध्य अमरीका के भौगोलिक परिदृश्य के बारे में बताइए।
उत्तर:
पन्द्रहवीं से सत्रहवीं शताब्दी के दौरान दक्षिणी अमरीका घने जंगलों एवं पहाड़ों से ढका हुआ था। विश्व की सबसे बड़ी नदी अमेजन मीलों तक वहाँ के घने वन प्रदेशों से होकर बहती थी। वहीं मध्य अमरीका के मैक्सिको में समुद्र तट के समीपवर्ती क्षेत्र व मैदानी प्रदेश घने बसे हुए थे जबकि सघन वन वाले क्षेत्रों में गाँव दूर-दूर स्थित थे।

प्रश्न 4. 
अरावाकी लुकायो समुदाय के बारे में संक्षेप में बताइए।।
उत्तर:
अरावाकी लुकायो समुदाय के लोग कैरीबियन सागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीप समूह एवं वृहत्तर ऐंटिलीज में रहते थे। ये लोग लड़ाई-झगड़े की अपेक्षा बातचीत से झगड़ा निपटाना अधिक पसन्द करते थे तथा ये लोग. कुशल नौका निर्माता थे। ये वृक्षों के खोखले तनों से अपनी डोंगियाँ बनाते थे तथा डोगियों में बैठकर खुले समुद्र में यात्रा करते थे। वे खेती, शिकार और मछली पकड़कर अपना जीवन-निर्वाह करते थे।-

प्रश्न 5. 
अरावाक संस्कृति के लोगों का मुख्य सांस्कृतिक मूलाधार क्या था?
उत्तर:
अरावाक संस्कृति के लोगों का मुख्य सांस्कृतिक मूलाधार यह था कि वे सभी एक साथ मिलकर खाद्य उत्पादन करें और समुदाय के प्रत्येक सदस्य को भोजन प्राप्त हो सके। वे अपने वंश के बुजुर्गों के अधीन संगठित रहते थे। वे जीववादी थे।

प्रश्न 6. 
तुपिनांबा लोग कहाँ रहते थे तथा वे खेती क्यों नहीं कर पाते थे ? 
उत्तर:
तुपिनांबा लोग दक्षिणी अमरीका के पूर्वी समुद्र तट पर एवं ब्राजील नामक वृक्षों के जंगलों में बसे हुए गाँवों में रहते थे। इन लोगों के पास वृक्ष काटने के लिए कुल्हाड़ी बनाने को लोहा नहीं था, जिस कारण वे खेती के लिए घने जंगलों का सफाया नहीं कर सके। इसके अतिरिक्त उन्हें फल, सब्जियाँ व मछलियाँ आसानी से प्राप्त हो जाती थीं इसलिए वे खेती नहीं कर पाते थे।

प्रश्न 7. 
एज़टेक सभ्यता के सामाजिक वर्गीकरण को बताइए।
उत्तर:
एज़टेक समाज श्रेणीबद्ध था। यह अनेक उच्च एवं निम्न श्रेणियों में विभक्त था। अभिजात वर्ग में सामंत व पुरोहित आदि सम्मिलित थे। यह वर्ग सरकार, सेना व पुरोहितों के कार्यों को करता था एवं उच्च पदों पर आसीन था। इनका समाज में सर्वाधिक सम्मान था। प्रतिभाशाली शिल्पियों, कलाकारों, चिकित्सकों एवं विशिष्ट शिक्षकों को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था।

प्रश्न 8. 
एज़टेक लोगों द्वारा बनाए गए चिनाम्पा के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
एजटेक लोगों के पास भूमि की कमी थी इसलिए उन्होंने जल में से भूमि लेने के लिए सरकंडों की बहुत बड़ी चटाइयाँ बुनकर और उन्हें मिट्टी व पत्तों से ढककर मैक्सिको झील में कृत्रिम टापू बनाए। ऐसे टापुओं को चिनाम्पा कहा जाता था। ये द्वीप अत्यन्त उपजाऊ होते थे।

प्रश्न 9. 
एज़टेक लोगों की वास्तुकला के बारे में बताइए।
उत्तर:
एज़टेक लोगों ने उपजाऊ कृत्रिम टापुओं (चिनाम्पा) के मध्य नहरें बनाईं जिन पर 1325 ई. में एज़टेक साम्राज्य की राजधानी टेनोक्टिटलान का निर्माण किया। इसके राजमहल एवं पिरामिड झील के मध्य में खड़े हुए बड़े अद्भुत लगते थे।

प्रश्न 10. 
शिक्षा के प्रति एजटेक लोगों के द्रष्टिकोण के बारे में बताइए।
उत्तर:
शिक्षा के प्रति एज़टेक लोगों का दृष्टिकोण सकारात्मक था। इनकी शिक्षा में बहुत रुचि थी। वे इस बात का बहुत ध्यान रखते थे कि उनके सभी बच्चे विद्यालय जाएँ। कुलीन वर्ग के बच्चे 'कालमेकाक' में भर्ती किये जाते थे। यहाँ उन्हें सेना में अधिकारी व धार्मिक नेता बनने का प्रशिक्षण दिया जाता था। शेष वर्गों के बच्चे तेपोकल्ली विद्यालय में पढ़ते थे। यहाँ उन्हें इतिहास, पुराण-मिथकों, धर्म व उत्सवी गीतों की शिक्षा प्रदान की जाती थी। लड़कों को सैन्य प्रशिक्षण, कृषि व व्यापार करना भी सिखाया जाता था जबकि लड़कियों को घरेलू काम-धन्धों में दक्ष बनाया जाता था।

प्रश्न 11. 
माया संस्कृति की कोई तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
माया संस्कृति की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

  1. इस संस्कृति में वास्तुकला, खगोल विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में पर्याप्त उन्नति हुई। 
  2. इस संस्कृति के लोगों के पास अपनी एक चित्रात्मक लिपि थी। लेकिन इस लिपि को अभी तक पूरी तरह पढ़ा नहीं जा सका है। 
  3. मक्के की खेती उनकी सभ्यता का मुख्य आधार थी और उनके अनेक धार्मिक क्रियाकलाप एवं उत्सव मक्का बोने और काटने से जुड़े होते थे।

प्रश्न 12. 
इंका सभ्यता की कोई तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइए। उत्तर-इंका सभ्यता की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

  1. इंका सभ्यता का आधार कृषि था। यहाँ पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीदार खेत बनाकर कृषि की जाती थी! 
  2. इस सभ्यता के लोगों की बुनाई करने व मिट्टी के बर्तन बनाने की कला उच्चकोटि की थी। 
  3. प्रशासन की भाषा क्वेचुआ थी। प्रत्येक व्यक्ति को यही भाषा बोलनी पड़ती थी।

प्रश्न 13.
इंका साम्राज्य का ढाँचा किस तरह का था?
उत्तर:
इंका साम्राज्य का ढाँचा पिरामिडनुमा था, जिसका अर्थ था कि जब एक बार इंका साम्राज्य का प्रधान पकड़ लिया जाता तो उसके शासन की समस्त शृंखलाएँ टूट जाती थी अर्थात् साम्राज्य अत्यंत केन्द्रीकृत था। राजा में ही सम्पूर्ण-शक्ति निहित थी और वह ही सत्ता का उच्चतम स्रोत था।

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प्रश्न 14. 
1477 में प्रकाशित टॉलेमी की 'ज्योग्राफी' नामक पुस्तक को पढ़ने के बाद यूरोपवासियों को दुनिया के बारे में क्या जानकारी प्राप्त हुई?
अथवा
यूरोपीय लोगों को टॉलेमी की 'ज्योग्राफी' नामक पुस्तक से क्या जानकारी मिली?
उत्तर:
टॉलेमी ने अपनी पुस्तक ज्योग्राफी में विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति को अक्षांश और देशांतर रेखाओं के रूप में व्यवस्थित किया था। इन विवरणों को पढ़ने से यूरोपवासियों को दुनिया के बारे में कुछ जानकारी मिली जिसे उन्होंने विश्व को तीन महाद्वीपों (यूरोप, एशिया और अफ्रीका) में बँटा हुआ समझा। टॉलेमी ने लिखा कि दुनिया गोल है, लेकिन उसने महासागरों की चौड़ाई को कम आँका था।

प्रश्न 15. 
रीकांक्विस्टा (पुनर्विजय) क्या थी ? बताइए। 
उत्तर:
रीकांक्विस्टा को हिन्दी भाषा में पुनर्विजय के नाम से जाना जाता है। यह ईसाई राजाओं द्वारा आइबेरियन प्रायद्वीप (स्पेन और पुर्तगाल) पर प्राप्त की गई सैनिक विजय थी। इस विजय के माध्यम से इन राजाओं ने 1492 ई. में इस प्रायद्वीप को अरबों के नियंत्रण से मुक्त करा लिया था।

प्रश्न 16. 
कालम्बस क बार में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
कोलम्बस का पूरा नाम क्रिस्टोफर कोलम्बस था। यह इटली का निवासी था। शिक्षित होने के साथ-साथ उसमें साहसिक कार्य करने व यश प्राप्त करने की इच्छा कूट-कूट कर भरी हुई थी। वह 1410 ई. में कार्डिनल पिएर डिऐली द्वारा लिखित पुस्तक 'इमगो मुंडी' से बहुत प्रभावित हुआ। वह अटलांटिक यात्रा कर 12 अक्टूबर, 1492 ई. को बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि द्वीप पहुँचा था, जिसका उसने नाम बदलकर सैन सैल्वाडोर रखा तथा स्वयं उसका वाइसराय बन गया।

प्रश्न 17. 
कोलम्बस की वापसी यात्रा अधिक कठिन क्यों थी? उत्तर-कोलम्बस की वापसी यात्रा निम्नलिखित दो कारणों से अधिक कठिन थी

  1. उसके जहाजों में दीमक लग गयी थी। 
  2. उसके साथी नाविक थक चुके थे और उन्हें घर की याद सताने लगी

थी।

प्रश्न 18. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस की विशेष उपलब्धि क्या रही ?
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस की विशेष उपलब्धि यह रही कि उसने अनन्त सागर की सीमाओं को खोज लिया। उसने यह भी दिखा दिया कि यदि पाँच सप्ताह तक व्यापारिक हवाओं के साथ-साथ यात्रा की जाए तो पृथ्वी के गोले के दूसरी ओर भी पहुंचा जा सकता है।

प्रश्न 19. 
उत्तरी व दक्षिणी अमरीका के नामकरण के बारे में बताइए।
उत्तर:
1492 ई. में क्रिस्टोफर कोलम्बस ने उत्तरी व दक्षिणी अमरीका की खोज की थी। उसने इन दोनों महाद्वीपों का नाम इटली के फ्लोरेंस नगर के एक भूगोलवेत्ता 'अमेरिगो वेस्पुस्सी' के नाम पर रखा था और उन्हें 'नयी दुनिया' के नाम से सम्बोधित किया। अमरीका (अमेरिका) नाम का प्रयोग सर्वप्रथम एक जर्मन प्रकाशक ने 1507 ई. में किया था।

प्रश्न 20. 
अमरीका के अरावाकों और उनकी जीवन शैली का लोप किस प्रकार हो गया?
उत्तर:
स्पेनी साम्राज्य के विस्तार तथा चेचक की विनाशलीला ने अमरीका के स्थानीय समुदाय अरावाक तथा उसकी जीवन-शैली को विलुप्त कर दिया। अरावाक सीधे-सादे लोग थे तथा वे लड़ने-झगड़ने में विश्वास नहीं रखते थे। इसीलिए वे स्पेन के सैनिकों का मुकाबला नहीं कर सके। जब सैनिक दमन हो रहा था तभी चेचक नामक महामारी ने अरावाक लोगों पर कहर ढा दिया। इस प्रकार अरावाकों और उनकी जीवन शैली का खामोशी से लोप हो गया।

प्रश्न 21. 
स्पेनवासियों की मैक्सिको विजय का क्या महत्व था ?
उत्तर:
स्पेनवासियों द्वारा मैक्सिको पर विजय प्राप्त करने में दो वर्ष का समय लग गया। विजय के पश्चात् कोर्टेस मैक्सिको में 'न्यू स्पेन' का कैप्टेन जनरल बन गया। उसे स्पेन के चार्ल्स पंचम द्वारा सम्मानों से विभूषित किया गया। मैक्सिको से स्पेनियों ने अपना अधिकार ग्वातेमाला, निकारगआ एवं होंडुरास पर भी स्थापित कर लिया।

प्रश्न 22. 
जेसुइट पादरी एंटोनियो वीइरा ने दास रखने के बारे में क्या विचार व्यक्त किए?
उत्तर:
जेसुइट पादरी एंटोनियो वीइरा ने दास रखने के बारे में विचार व्यक्त करते हुए बताया कि घर या परिवार पर इससे बड़ा कोई अभिशाप नहीं है कि उसका भरण-पोषण दूसरों के खून-पसीने की कमाई से हो। जो भी व्यक्ति दूसरों की स्वतंत्रता छीनता है एवं स्वतन्त्रता को वापस लौटाने की क्षमता रखते हुए भी नहीं लौटाता है, वह अवश्य ही महापाप का भागीदार होता है।

प्रश्न 23. 
ब्राजील आने वाले जेसुइट पादरियों को यूरोपीय लोग क्यों पसन्द नहीं करते थे ? 
उत्तर:
ब्राज़ील आने वाले जेसुइट पादरियों को यूरोपीय लोग निम्नलिखित कारणों से पसन्द नहीं करते थे-

  1. ये पादरी यूरोपीय लोगों को ब्राज़ील के मूल निवासियों के साथ दया का व्यवहार करने की सलाह देते थे। वे निडरतापूर्वक जंगलों में जाकर उनके गाँवों में रहते थे तथा उन्हें यह दिखाते थे कि ईसाई धर्म एक आनन्ददायक धर्म है तथा उन्हें उसका आनन्द लेना चाहिए।
  2. ये पादरी दास प्रथा की कठोर शब्दों में आलोचना करते थे।

प्रश्न 24. 
पोटोसी को नरक का मुख किसने और क्यों कहा?
उत्तर:
पोटोसी को एक संन्यासी डोमोनिगो डि सैटो टॉमस ने 'नरक का मुख' कहा था। इसका मुख्य कारण यह था कि वहाँ की खानों में कार्य करने वाले हजारों इंडियन हर साल मौत का शिकार हो जाते हैं। वहाँ के खान मालिक लालची और निर्दयी थे और इंडियन लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करते थे।

प्रश्न 25. 
लैटिन अमरीका किसे कहा जाता है? और क्यों?
उत्तर:
दक्षिण अमरीका को लैटिन अमरीका भी कहा जाता है, क्योंकि यहाँ बोली जाने वाली स्पेनी व पुर्तगाली दोनों भाषाएँ लैटिन भाषा परिवार की ही हैं। यहाँ के निवासी अधिकांशतया देशज यूरोपीय, यूरोपीय व अफ्रीकी मूल के हैं। इनमें से अधिकांश लोग कैथोलिक धर्म को मानने वाले हैं।  

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लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर (SA2)

प्रश्न 1. 
अरावाकी लुकायो समुदाय की संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं को संक्षेप में बताइए। उत्तर-अरावाकी लुकायो समुदाय की संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

  1. अरावाक लोग शान्तिप्रिय थे। वे लड़ाई-झगड़े की अपेक्षा बातचीत द्वारा झगड़े निपटाने में विश्वास करते थे।
  2. वे लोग कुशल नौका निर्माता थे। वे पेड़ के खोखले तनों से बनी डोगियों में बैठकर खुले समुद्र में यात्रा करते थे। 
  3. वे लोग खेती, शिकार व मछली पकड़कर अपना जीवनयापन करते थे। खेती में वे मक्का, मीठे आलू तथा अन्य किस्म के कन्दमूल व कसावा उगाते थे।
  4. वे सभी एक साथ मिलकर खाद्य उत्पादन करते थे और समुदाय के प्रत्येक सदस्य को भोजन प्राप्त होता था। 
  5. वे अपने वंश के बुजुर्गों के अधीन संगठित रहते थे।
  6. इनके समाज में बहुविवाह प्रथा का प्रचलन था। 
  7. वे लोग सोने के गहने पहनते थे।
  8. वे लोग बुनाई की कला में बहुत अधिक दक्ष थे। 
  9. इनका व्यवहार बहुत अधिक उदारतापूर्ण था।

प्रश्न 2. 
अरावाकी लुकायो समुदाय के लोगों के प्रति स्पेनी लोगों की क्या नीति थी ? इसका क्या परिणाम निकला?
उत्तर:
अरावाकी लुकायो समुदाय के लोग कैरीबियन सागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीप समूहों अर्थात् आज के बहामा व वृहत्तर ऐंटिलीज क्षेत्र में रहते थे। इनका व्यवहार बहुत उदारतापूर्ण था। स्पेनी लोगों ने इनका उपयोग स्वर्ण धातु की खोज में किया। इन्होंने सदैव स्वर्ण धातु की खोज में स्पेनी लोगों का सहयोग किया परन्तु धीरे-धीरे स्पेनी लोगों का अरावाक समुदाय के लोगों के प्रति व्यवहार बदल गया। ये उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने लगे फलस्वरूप अरावाक लोगों ने स्पेनी नीति का विरोध करना प्रारम्भ कर दिया। स्पेनी नीति का विरोध करने के कारण अरावाक लोगों को विनाशकारी परिणाम भुगतने पड़े। लगभग पच्चीस वर्षों के भीतर ही अरावाकों व उनकी जीवन शैली का विनाश हो गया।

प्रश्न 3. 
तुपिनांबा लोगों के बारे में आप क्या जानते हैं ? बताइए।
उत्तर:
तुपिनांबा दक्षिणी अमरीका का एक जनजातीय समुदाय था जो पूर्वी समुद्रतट पर एवं ब्राज़ील नामक पेड़ों के जंगलों में बसे गाँवों में रहता था। ब्राज़ील नामक पेड़ के नाम पर ही इस प्रदेश का नाम ब्राज़ील पड़ा। ये लोग खेती के लिए घने जंगलों का सफाया नहीं कर सके क्योंकि पेड़ काटने का कुल्हाड़ा बनाने के लिए उनके पास लोहा नहीं था। इन लोगों को इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में फल, सब्जियाँ व मछलियाँ मिल जाती थीं फलस्वरूप उन्हें खेती पर निर्भर नहीं होना पड़ा। ये लोग प्रसन्नचित्त रहते थे। इनकी स्वतंत्रता को देखकर यूरोपीय लोग इनसे ईर्ष्या करते थे। इन लोगों का न तो कोई राजा होता था, न सेना थी और न ही चर्च था जो इनके जीवन को नियंत्रित कर सके फलस्वरूप ये लोग स्वतंत्र रहते थे।

प्रश्न 4. 
एजटेक लोगों के सामाजिक संगठन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
एज़टेक लोगों का सामाजिक संगठन-बारहवीं शताब्दी के दौरान एज़टेक समुदाय के लोग उत्तर से आकर मैक्सिको की मध्यवर्ती घाटी में बस गये थे। इन्होंने अनेक जनजातियों को हराकर अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया था। इन लोगों का समाज श्रेणीबद्ध था। अभिजात वर्ग में उच्च कुलोत्पन्न व पुरोहित लोग सम्मिलित थे। वे सरकार, सेना व पौरोहित्य कार्य में उच्च पदों पर नियुक्त थे। इसी वर्ग के लोग अपने में से एक सर्वोच्च नेता चुनते थे जो आजीवन शासक बना रहता था। इनका शासक पृथ्वी पर सूर्य देवता का प्रतिनिधि माना जाता था। समाज में योद्धा, पुरोहित व अभिजात वर्गों का सबसे अधिक सम्मान दिया जाता था। व्यापारियों को अनेक विशेषाधिकार प्रदान कर शासकीय राजदूतों व गुप्तचरों के रूप में नियुक्त किया जाता था। एज़टेक समाज में कुशल शिल्पियों, चिकित्सकों व विशिष्ट शिक्षकों को भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था।

प्रश्न 5. 
एज़टेक लोगों की आर्थिक स्थिति एवं धार्मिक जीवन को बताइए।
उत्तर:
एज़टेक लोगों की आर्थिक स्थिति एवं धार्मिक जीवन-एज़टेक लोगों के पास भूमि की कमी थी। इस कमी की पूर्ति के लिए उन्होंने भूमि उद्धार अर्थात् जल में से जमीन ली। इसके लिए उन्होंने सरकंडे की बहुत बड़ी चटाइयाँ बुनकर तथा उसे मिट्टी व पत्तों से ढंककर मैक्सिको झील में कृत्रिम द्वीप बनाये जिन्हें 'चिनाम्पा' के नाम से जाना जाता था। इन उपजाऊ द्वीपों के मध्य नहरों का निर्माण किया गया जिनसे सिंचाई कर मक्का, फलियाँ, कुम्हड़ा, कद्दू, कसावा, आलू व अन्य फसलें उगायी गयीं। भूमि का स्वामित्व किसी व्यक्ति विशेष का न होकर सम्पूर्ण कुल के पास होता था।

यूरोपीय कृषि दासों के समान खेतिहर लोग अभिजात वर्ग के लोगों के खेत में काम करते थे, जिसके बदले उन्हें फसल में से कुछ हिस्सा मिलता था। गरीब लोग कभी-कभी अपने बच्चों को भी गुलामों के रूप में बेच देते थे। लेकिन यह बिक्री कुछ वर्षों के लिए ही की जाती थी और गुलाम अपनी आजादी फिर से खरीद सकते थे। धार्मिक जीवन-एज़टेक समुदाय के लोग धर्म में विश्वास करते थे। इनके द्वारा निर्मित भव्य मन्दिर युद्ध के देवता व सूर्य भगवान को समर्पित थे। ये लोग अपने राजा को धरती पर सूर्य देवता का प्रतिनिधि मानते थे। ये लोग युद्ध को बहुत अधिक महत्व देते थे, फलस्वरूप युद्ध में जाने से पहले युद्ध देवता व सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना करते थे।

प्रश्न 6. 
माया संस्कृति कहाँ विकसित हुई थी ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
माया संस्कृति का विकास एवं विशेषताएँ-माया सभ्यता का विकास ग्यारहवीं से चौदहवीं शताब्दी के दौरान मैक्सिको में हुआ था।
इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

  1. इस सभ्यता का प्रमुख आधार मक्का की खेती था। यह कृषि प्रधान सभ्यता थी। 
  2. इनके अनेक धार्मिक क्रियाकलाप व उत्पादन मक्का बोने, उगाने व काटने से जुड़े हुए थे। 
  3. माया समाज कई वर्गों में बँटा हुआ था। शासक व पुरोहित वर्ग का समाज में उच्च स्थान था। 
  4. इस सभ्यता के लोगों ने वास्तुकला, खगोल विज्ञान एवं गणित के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त की। 
  5. इनकी लिपि चित्रात्मक थी जिसे अभी तक नहीं पढ़ा जा सका है। 

प्रश्न 7.
इंका संस्कृति कहाँ विकसित हुई थी ? इंका लोगों के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
इंका संस्कृति का विकास दक्षिणी अमरीका के पेरू नामक देश में हुआ था। इस संस्कृति को क्वेचुआ संस्कृति भी कहते हैं।
इंका लोगों का राजनीतिक जीवन-बारहवीं शताब्दी में प्रथम इंका शासक मैंको कपाक ने कुज़को में अपनी राजधानी स्थापित की थी। नौवें इंका शासक के काल में राज्य का विस्तार आरम्भ हुआ एवं अन्त में इंका साम्राज्य इक्वेडोर से चिली तक 3000 मील में फैल गया। यह साम्राज्य अत्यधिक केन्द्रीकृत था। साम्राज्य का सर्वोच्च अधिकारी राजा होता था, जिसमें सम्पूर्ण शक्ति निहित रहती थी। यहाँ के प्रशासन की भाषा क्वेचुआ थी जिसे यहाँ के निवासियों को बोलना पड़ता था।

इंका लोगों का प्रत्येक कबीला स्वतन्त्र रूप से वरिष्ठ लोगों की एक सभा द्वारा शासित होता था परन्तु कुल मिलाकर पूरा कबीला अपने शासक के प्रति निष्ठावान था। स्थानीय शासकों द्वारा उन्हें सैनिक सहयोग के लिए सम्मानित किया जाता था। इस प्रकार इंका साम्राज्य इकाइयों के नियंत्रण वाले एक संघ के समान था। इस साम्राज्य की जनसंख्या लगभग दस लाख थी। प्रश्न 8. 'इंका लोगों का वास्तुकला का ज्ञान उच्चकोटि का था' कथन की व्याख्या कीजिए। उत्तर-इंका लोगों का वास्तुकला का ज्ञान वास्तव में उच्चकोटि का था। ये उच्चकोटि के भवन निर्माता थे। इन्होंने दक्षिणी अमरीका में इक्वेडोर से चिली तक पहाड़ों को काटकर अनेक सड़कों का निर्माण किया।

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इन्होंने शिलापट्टियों को बारीकी से तराशकर अनेक दुर्गों का निर्माण किया। इन दुर्गों में पत्थरों को जोड़ने के लिए गारे जैसी किसी भी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती थी। ये लोग पहाड़ों से टूटकर गिरी हुई चट्टानों को ले जाने के लिए बहुत बड़ी संख्या में श्रमिकों का प्रयोग करते थे। राजमिस्त्री शिलाखण्डों को सुन्दर रूप देने के लिए फ्लेकिंग (शल्क पद्धति) का प्रयोग करते थे। पत्थर के कई टुकड़े 100 मैट्रिक टन से भी अधिक भारी होते थे। उनके पास इतने बड़े शिलाखण्डों को ढोने के लिए पहियेदार गाड़ियाँ नहीं थीं। अत: यह काम श्रमिकों को जुटाकर बड़ी सावधानी से सम्पन्न करवाया जाता था। 

प्रश्न 9. 
इंका लोगों की आर्थिक स्थिति के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
इंका लोगों की आर्थिक स्थिति-इंका लोग दक्षिणी अमरीका के पेरू नामक देश में निवास करते थे। इन लोगों की सभ्यता का मुख्य आधार कृषि था। एक प्रकार से कृषि ही इनका मुख्य व्यवसाय था। यहाँ जमीन खेती के लिए बहुत उपजाऊ नहीं थी, इसलिए उन्होंने पहाड़ियों पर सीढ़ीनुमा खेत बनाए तथा जल निकासी और सिंचाई की प्रणालियाँ विकसित की। इंका लोग मक्का तथा आलू की खेती करते थे। ये लोग भोजन और श्रम के लिए लामा पालते थे। उनकी बुनाई और मिट्टी के बर्तन बनाने की कला उच्चकोटि की थी।

प्रश्न 10. 
एजटेक व इंका संस्कृतियाँ, यूरोपीय संस्कृति से किस प्रकार भिन्नता रखती थीं? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
एज़टेक व इंका संस्कृतियाँ निम्नलिखित बातों में यूरोपीय संस्कृति से भिन्नता रखती थीं

  1. एजटेक तथा इंका संस्कृतियों में समाज श्रेणीबद्ध था। परन्तु वहाँ यूरोप की भाँति कुछ लोगों के हाथों में संसाधनों का निजी स्वामित्व नहीं था।
  2. एज़टेक एवं इंका संस्कृतियों में पुरोहितों व भविष्यवाणी करने वाले (शमन) लोगों को उच्च स्थान प्राप्त था, जबकि यूरोपीय संस्कृति में पादरियों व अभिजात वर्ग को उच्च स्थान प्राप्त था।
  3. एज़टेक व इंका संस्कृति के लोग भव्य मन्दिरों का निर्माण करते थे। ये मन्दिर सूर्य भगवान व युद्ध के देवताओं को समर्पित होते थे। इन मन्दिरों के निर्माण में परम्परागत रूप से स्वर्ण धातु का भी प्रयोग किया जाता था, जबकि यूरोपीय संस्कृति में चर्चों को अधिक महत्व प्रदान किया जाता था। 
  4. एज़टेक व इंका संस्कृति के लोग सोने व चाँदी को अधिक महत्व नहीं देते थे, जबकि यूरोपीय लोग इन धातुओं को अधिक महत्व प्रदान करते थे।

प्रश्न 11. 
पुर्तगाली व स्पेनी शासक समुद्री खोजों के लिए धन देने को इतने इच्छुक क्यों थे ? संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
निम्नलिखित कारणों से पुर्तगाली व स्पेनी शासक समुद्री खोजों के लिए धन देने के इच्छुक थे

  1. चौदहवीं शताब्दी के मध्य से पन्द्रहवीं शताब्दी के मध्य तक यूरोपियन अर्थव्यवस्था में गिरावट आ गई थी। 
  2. यूरोप में व्यापार में मंदी और सिक्कों के निर्माण में काम आने वाली चाँदी की कमी हो गई।
  3. 1453 ई. में तुर्कों द्वारा कुस्तुनतुनिया पर अधिकार कर लेने से यूरोपीय लोगों द्वारा स्थलमार्ग से किया जाना वाला व्यापार मुश्किल में फँस गया।
  4. धर्मयुद्धों ने एशिया के साथ यूरोप के व्यापार में वृद्धि की तथा एशिया के उत्पादों व मसालों आदि के प्रति यूरोपवासियों की रुचि में वृद्धि हुई।
  5. स्पेन व पुर्तगाल जैसे यूरोपीय देशों के ईसाई धर्म प्रचारक बाहरी विश्व के लोगों को ईसाई बनाना चाहते थे।
  6. यूरोपीय देशों के लोग सोने व चाँदी धातु में बहुत अधिक रुचि रखते थे। अतः वे अन्य देशों से इसे प्राप्त करना चाहते थे।

प्रश्न 12. 
पश्चिमी अफ्रीका में व्यापारिक केन्द्र स्थापित करने के पुर्तगालियों के प्रयासों को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
यूरोपीय लोग सोने तथा मसालों की खोज में नए-नए प्रदेशों में जाने की बात सोचने लगे तो उन्हें पश्चिमी अफ्रीका का ध्यान आया जहाँ उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से अब तक किसी तरह का व्यापार नहीं किया था। इस दिशा में एक छोटे से यूरोपीय देश पुर्तगाल ने कदम बढ़ाया। उसने पश्चिमी अफ्रीका के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने का निश्चय किया। पुर्तगाल के राजकुमार हेनरी ने पश्चिमी अफ्रीका की तटीय यात्रा आयोजित की और 1415 ई. में सिउटा पर आक्रमण कर उस पर अधिकार स्थापित कर लिया। इसके पश्चात् अफ्रीका के बोजाडोर अन्तरीप में पुर्तगालियों ने अपना व्यापार केन्द्र स्थापित कर लिया। उन्होंने अफ्रीका के लोगों को पकड़-पकड़कर गुलाम बनाना प्रारम्भ कर दिया। ये लोग पुर्तगालियों के लिए स्वर्णधूलि को साफ करके सोना तैयार करते थे।

प्रश्न 13. 
'स्पेन में आर्थिक कारणों ने लोगों को महासागरीय शूरवीर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्पेन में आर्थिक कारणों ने लोगों को महासागरीय शूरवीर बनने के लिए प्रोत्साहित किया। धर्म-युद्धों की याद और रीकांक्विस्टा की सफलता ने उनकी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं में बहुत अधिक वृद्धि कर दी तथा स्पेन के लोगों ने कैपिटुलैसियोन नामक इकरारनामे की शुरुआत की, जिसके अन्तर्गत स्पेन के राजा नये जीते गये प्रदेशों पर अपनी प्रभुसत्ता स्थापित कर लेता था तथा विजयी अभियानों के नेताओं को पुरस्कार के रूप में पदवियाँ तथा जीते गये प्रदेशों पर शासन करने का अधिकार देता था।

प्रश्न 14. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस ने अपनी खोज यात्रा किस प्रकार आरम्भ की ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस इटली का एक नाविक था। उसमें साहसिक कार्य करने और नाम कमाने की तीव्र इच्छा थी। वह भविष्यवाणियों पर विश्वास करता था। उसका मत था कि उसके भाग्य में पश्चिम की ओर से यात्रा करते हुए पूर्व की ओर जाने का रास्ता खोजना लिखा है। उसने अपनी योजनाओं से पुर्तगाल के राजा को अवगत कराया लेकिन उसकी योजनाओं को पुर्तगाली राजा द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। तत्पश्चात् उसने अपनी योजना स्पेन के प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने इस साधारण-सी दिखने वाली योजना को स्वीकार कर लिया। कोलम्बस ने इस योजना को पूरा करने के लिए 3 अगस्त 1492 को पालोस के पत्तन से जहाज़ों में बैठकर रवानगी ली। इस तरह कोलम्बस ने अपनी खोज यात्रा प्रारम्भ की।

प्रश्न 15. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस किस प्रकार गुआनाहानि द्वीप पर पहुँचा ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस इटली का नाविक था, जिसने विश्व के विभिन्न देशों की खोज करने के लिए जहाज़ द्वारा 3 अगस्त 1492 ई. को पालोस के बंदरगाह से अपनी यात्रा प्रारम्भ की। कोलम्बस का बेड़ा छोटा-सा था, जिसमें सांता मारिया नाम का एक भारी जहाज़ तथा दो कैरेवल (छोटे हल्के जहाज़) पिंटा और नीना सम्मिलित थे। सांता मारिया की कमान स्वयं कोलम्बस के हाथों में थी। उसमें 40 कुशल नाविक सवार थे। उनका बेड़ा अनुकूल व्यापारिक हवाओं के सहारे आगे बढ़ता जा रहा था परन्तु रास्ता अनुमान से बहुत ज्यादा लम्बा हो रहा था।

33 दिनों तक कोलम्बस का बेड़ा आगे बढ़ता गया। अन्त में 12 अक्टूबर, 1492 को कोलम्बस को जमीन दिखाई दी, जिसे उसने भारत समझा। परन्तु वह स्थान बहामा द्वीप समूह का गुआनाहानि द्वीप था। कोलम्बस ने गुआनाहानि में स्पेन का झण्डा गाढ़ दिया और उस द्वीप का नया नाम 'सैन सैल्वाडोर' रखा। उसने अपने आपको वहाँ का वाइसराय घोषित कर दिया। उसने बड़े द्वीप समूह क्यूबानास्कैन (क्यूबा) तथा किस्केया (हिस्पानिओला) तक आगे बढ़ने के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त किया।

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प्रश्न 16. 
स्पेन को वापस लौटते समय क्रिस्टोफर कोलम्बस को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
कोलम्बस ने गुआनाहानि (सैन सैल्वाडोर) में पहुँचकर स्पेन का झण्डा गाढ़ दिया। उसने क्यूबानास्कैन (क्यूबा) व किस्केया (हिस्पानिओला) पर विजय प्राप्त की। वह और उसके साथी यहाँ से सोना प्राप्त कर स्पेन वापस लौटना चाहते थे। लेकिन कोलम्बस और उसके साथी इस सम्बन्ध में आगे कुछ और करते उससे पहले ही उनका यह अभियान दुर्घटना में फंस गया और खूखार कैरिब कबीलों की प्रचण्डता का भी उन्हें सामना करना पड़ा फलस्वरूप उसके नाविक बहुत अधिक परेशान हो गये। वे यथाशीघ्र अपने घर वापस लौटना चाहते थे।

लेकिन उनकी वापसी यात्रा बहुत अधिक कठिन सिद्ध हुई क्योंकि जहाजों को दीमक लग गई और नाविकों को थकान तथा घर की याद सताने लगी। इस पूरी यात्रा में कुल 32 सप्ताह लगे। आगे चलकर ऐसी तीन यात्राएँ और आयोजित की गईं। इन यात्राओं के दौरान कोलम्बस ने बहामा और वृहत्तर ऐंटिलीज द्वीपों, दक्षिणी अमरीका की मुख्य भूमि और उसके तटवर्ती क्षेत्रों में अपना खोजकार्य पूर्ण किया। इन यात्राओं से पता चला कि स्पेनी नाविकों ने इंडीज अर्थात् भारत नहीं बल्कि एक नया महाद्वीप (अमरीका) खोज निकाला है।

प्रश्न 17. 
समुद्री खोज के सम्बन्ध में क्रिस्टोफर कोलम्बस की विशेष उपलब्धि क्या रही ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
इटली निवासी क्रिस्टोफर कोलम्बस ने अमरीका महाद्वीप की खोज की। वह भारत को खोजता हुआ बहामा द्वीप समूह के गुआनाहानि द्वीप पहुँच गया। समुद्री खोज के सम्बन्ध में कोलम्बस की विशेष उपलब्धि यह रही कि उसने अथाह समुद्र की सीमाओं को खोज निकाला। उसने अपने अभियान द्वारा यूरोपीय देशों को यह दिखा दिया कि यदि पाँच सप्ताहों तक व्यापारिक हवाओं के साथ-साथ यात्रा की जाए तो पृथ्वी के गोले के दूसरी ओर पहुँचा जा सकता है। कोलम्बस के द्वारा खोजे गए दोनों महाद्वीपों उत्तरी व दक्षिणी अमरीका का नामकरण इटली के फ्लोरेंस शहर के एक भूगोलवेत्ता अमेरिगो वेस्पुस्सी के नाम पर किया गया। उसने इन दोनों महाद्वीपों को 'नयी दुनिया' के नाम से पुकारा था। उनके लिए अमरीका नाम का प्रयोग सर्वप्रथम एक जर्मन प्रकाशक द्वारा 1507 ई. में किया गया।

प्रश्न 18. 
अमरीका में स्पेनी साम्राज्य की स्थापना किस प्रकार हुई ? समझाइए।
उत्तर:
अमरीका में स्पेनी साम्राज्य की स्थापना-अमरीका में स्पेनी साम्राज्य का विस्तार बारूद व घोड़ों के प्रयोग पर आधारित सैन्य शक्ति के बल पर किया गया। स्पेनवासियों ने सोने-चाँदी के लालच में ही मध्य व दक्षिण अमरीका के भीतरी प्रदेशों में प्रवेश आरम्भ किया था। स्पेन ने नई दनिया (अमरीका) में सेंट डोमिंगो के द्वीप में अपना प्रथम उपनिवेश स्थापित किया था। सोने के क्षेत्रों में स्पेनी लोग छोटी-छोटी बस्तियाँ बसाकर स्थानीय मजदूरों पर निगरानी रखते थे। स्थानीय प्रधानों को नए-नए प्रदेश व सोने के नए-नए स्रोतों की खोज के लिए भर्ती किया जाता था।

सोने के लालच में गम्भीर हिंसक घटनाएँ भड़कीं जिनका स्थानीय लोगों ने प्रतिरोध किया। स्पेनवासियों ने अपनी बर्बरता व नृशंस व्यवहार द्वारा हूणों व मंगोलों के समान रक्तरंजित इतिहास की पुनरावृत्ति की। वहाँ के निवासियों को निर्धन व निर्बल बनाकर अमरीका का धन खूब लूटा। आदिम लोगों को दास बनाकर खानों में काम करने के लिए विवश किया। कोलम्बस के अभियानों के पश्चात् स्पेनवासियों द्वारा मध्यवर्ती व दक्षिणी अमरीका में खोज चलती रहीं और उसमें सफलता भी मिलती गई। अगले 50 वर्षों के भीतर ही स्पेनवासियों ने लगभग 40° उत्तरी अक्षांश से 40° दक्षिणी अक्षांश तक के समस्त क्षेत्र की खोज करके बिना किसी चुनौती के अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।

प्रश्न 19. 
स्पेनिश सेनापति कोर्टेस ने मैक्सिको पर किस प्रकार विजय प्राप्त की ? संक्षेप में बताइए। 
उत्तर:
हरमन कोर्टेस एक स्पेनिश सेनापति था। वह 1519 ई. में क्यूबा से मैक्सिको आया था जहाँ उसने टॉटानैक समुदाय के लोगों से मित्रता स्थापित कर ली थी। टॉटानैक लोग एज़टेक शासन से अलग होना चाहते थे। इसी कारण एज़टेक शासक मोंटेजुमा घबरा गया और उसने कोर्टेस से मिलने का निश्चय किया। वह स्पेनवासियों की आक्रमण क्षमता, उनके बारूद व घोड़ों को देखकर भयभीत हो गया था। इसी बीच स्पेनी सैनिकों ने ट्लैक्सकलानों (खूखार लड़ाकू) पर आक्रमण कर दिया और उन्हें पराजित कर दिया। 8 नवम्बर, 1519 ई. को स्पेनी सैनिकों ने टेनोस्टिटलान पर भी अधिकार कर लिया।

मोंटेजुमा ने कोर्टेस का हार्दिक स्वागत किया परन्तु कोर्टेस ने राजा मोंटेजुमा को नजरबन्द कर दिया और स्वयं उसके नाम से शासन करने लगा। जैसे ही कोर्टेस अपने सहायक ऐल्वारैडो को सब कुछ सौंपकर क्यूबा लौटा तो मैक्सिको की जनता ने विद्रोह कर दिया जिसका स्पेनी सेना ने दमन कर दिया। कुछ समय बाद कोर्टेस ने. 180 सैनिकों व 30 घोड़ों की सहायता से टेनोक्टिटलान पर आक्रमण कर उस पर अधिकार कर लिया। कोर्टेस को मैक्सिको पर विजय प्राप्त करने में दो वर्ष लग गए। कोर्टेस मैक्सिको में 'न्यू स्पेन' का कैप्टेन जनरल बन गया तथा उसे स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम द्वारा सम्मानित भी किया गया।

प्रश्न 20. 
डोना मैरीना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
बर्नार्ड डियाज़ डेल कैस्टिलो नामक इतिहासकार ने अपने ग्रन्थ 'ट्र हिस्ट्री ऑफ़ मैक्सिको' में लिखा है कि टैबैस्को के लोगों ने स्पेनी सेनापति हरमन कोर्टेस को डोना मैरीना नाम की एक सहायिका दी थी। वह तीन भाषाओं की ज्ञाता थी और उसने कोर्टेस के लिए दुभाषिये का कार्य किया था। बर्नार्ड कैस्लिो ने आगे लिखा है कि यह हमारी विजयों की जोरदार शुरुआत थी और डोना मैरीना की सहायता के बिना हम न्यू स्पेन व मैक्सिको की भाषा नहीं समझ सकते थे। बर्नार्ड कैस्टिलो का विचार था कि डोना मैरीना एक राजकुमारी थी परन्तु मैक्सिको के लोगों की दृष्टि में वह मालिंच अर्थात् विश्वासघातिनी थी।

प्रश्न 21. 
बर्नार्ड डियाज़ डेल कैस्टिलो ने अपनी पुस्तक में क्या वर्णित किया है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
बर्नार्ड डियाज़ डेल कैस्टिलो एक विख्यात लेखक थे। इन्होंने अपनी पुस्तक 'ट्र हिस्ट्री ऑफ मैक्सिको' (मैक्सिको पर विजय का सच्चा इतिहास) में मैक्सिको की शहरी जल भूमि का वर्णन करते हुए लिखा है कि "जब हमने इन सभी शहरों और गाँवों को जल में बना हुआ तथा अन्य कस्बों को सूखी जमीन पर बसा हुआ देखा और यह भी देखा कि मैक्सिको नगर तक जाने के लिए जल में सीधा व समतल रास्ता बनाया गया है तो हम दंग रह गए। ये बड़े शहर और भवन जो पानी में खड़े हुए थे, सभी पत्थरों के बने हुए थे और ऐसा लगता था कि मानो हम 'अमाडिस की कहानी' का कोई अद्भुत दृश्य देख रहे हैं। वास्तव में हमारे कुछ सैनिक तो यह पूछ ही बैठे कि कहीं हम कोई सपना तो नहीं देख रहे हैं।"

प्रश्न 22. 
फ्रांसिस्को पिज़ारो द्वारा इंका साम्राज्य पर किस प्रकार विजय प्राप्त की गई ? बताइए।
उत्तर:
फ्रांसिस्को पिज़ारो एक निर्धन व निरक्षर स्पेनी नागरिक था। वह स्पेन के राजा की सेना में भर्ती होकर 1502 ई. में कैरीबियन द्वीप समूह में आ गया था। उसने इंका राज्य के बारे में कहानियों में बहुत सुन रखा था कि वह सोने-चाँदी का देश है। उसने प्रशांत महासागर से वहाँ पहुँचने के कई प्रयत्न किए। एक बार उसकी स्पेन के राजा से मुलाकात हुई तो स्पेन के राजा ने पिज़ारो को वचन दिया कि यदि वह इंका राज्य को जीत लेगा, तो उसे वहाँ का गवर्नर बना दिया जाएगा।

1532 ई. में वह इंका राज्य पहुँचा और धोखे से वहाँ के राजा अताहुआल्पा को बंदी बना लिया। अताहुआल्पा ने अपनी मुक्ति के लिए एक कमरा भर सोना फिरौती में देने का प्रस्ताव किया परन्तु पिज़ारो ने फिरौती लेकर भी अपना वचन नहीं निभाया। उसने राजा का वध करवा दिया। उसके सैनिकों ने इंका राज्य को खूब लूटा तथा उस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। विजेताओं की क्रूरता के कारण 1534 ई. में विद्रोह भड़क उठा, जो दो साल तक चलता रहा। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग युद्ध और महामारियों के कारण मौत के मुँह में चले गये।

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प्रश्न 24. 
ब्राजील में इमारती लकड़ी के व्यापार के कारण पुर्तगाली व फ्रांसीसी व्यापारियों के मध्य हुए संघर्ष के क्या परिणाम निकले ?
उत्तर:
ब्राजील में इमारती लकड़ी की बहुतायत थी। ब्राजील में पुर्तगाली व फ्रांसीसी व्यापारी इमारती लकड़ी का व्यापार करते थे। इस लकड़ी के व्यापार पर आधिपत्य स्थापित करने के लिए पुर्तगाली व फ्रांसीसी व्यापारियों में भयंकर लड़ाइयाँ हुईं, जिसमें अन्ततः पुर्तगालियों को विजय प्राप्त हुई। 1534 ई. में पुर्तगाल के राजा ने ब्राजील के तट को 14 आनुवंशिक कप्तानियों में विभाजित कर दिया। इनके स्वामित्व उन पुर्तगालियों को सौंपे गए जो वहाँ स्थायी रूप से रहना चाहते थे और उन्हें स्थानीय लोगों को दास बनाने के अधिकार भी सौंप दिए गए। ब्राजील में बसने वाले बहुत से पुर्तगाली भूतपूर्व सैनिक थे, जिन्होंने भारत के गोवा क्षेत्र में लड़ाइयाँ लड़ी थीं। इन सैनिकों का स्थानीय लोगों के प्रति व्यवहार अत्यन्त क्रूर था।

प्रश्न 25. 
पुर्तगालियों के भय से ब्राजील के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भागकर जंगलों में क्यों जाने लगे ? बताइए।
उत्तर:
1540 ई. के दशक में पुर्तगालियों ने बड़े-बड़े बागानों तथा कृषि फार्मों में बहुतायत में गन्ना उगाने और चीनी बनाने के लिए मिलें लगाने का कार्य शुरू कर दिया. था। इस काम को करने के लिए पुर्तगाली स्थानीय लोगों पर ही निर्भर थे। जब स्थानीय लोगों ने इस कठिन, थकाने वाले नीरस काम को करने से इंकार कर दिया तो मिल-मालिकों ने उनका अपहरण करवाकर उन्हें गुलाम बनाना शुरू कर दिया। तब स्थानीय लोग इस प्रकार गुलाम बनाने वाले मिल-मालिकों से बचने के लिए गाँव छोड़कर जंगलों की ओर भागने लगे। ज्यों-ज्यों समय बीतता गया, तटीय क्षेत्र में मुश्किल से ही स्थानीय लोगों के कोई एक-दो गाँव बचे। इसके बदले में वहाँ यूरोपीय लोगों के सुनियोजित कस्बे बस गये।

प्रश्न 26. 
यूरोपवासियों के लिए अमरीका की खोज के क्या दीर्घकालीन परिणाम निकले ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
प्रारम्भिक समुद्री यात्रियों के अतिरिक्त अन्य यूरोपवासियों के लिए भी अमरीका की खोज के दीर्घकालीन परिणाम निकले। सोने-चाँदी की बाढ़ ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार व औद्योगीकरण का अत्यधिक विस्तार किया। 1560 से 1600 ई. तक सैकड़ों की संख्या में स्पेनी जहाज़ प्रत्येक वर्ष दक्षिणी अमरीका की खानों से चाँदी भरकर स्पेन को लाते रहे थे। किन्तु यह एक श्चर्यजनक बात है कि इनका लाभ स्पेन व पुर्तगाल को उतना ही प्राप्त हुआ जितना कि अन्य यूरोपीय देशों को। स्पेन व पुर्तगाल ने अपने लाभ को आगे व्यापार या अपने जहाज़ों के बेड़े का विस्तार करने में नहीं लगाया।

वहीं दूसरी ओर अटलांटिक महासागर के तटीय देशों विशेष रूप से इंग्लैण्ड, फ्रांस, हॉलैण्ड व बेल्जियम आदि ने इन खोजों का व्यापक लाभ उठाया। इन देशों के व्यापारियों ने बड़ी-बड़ी संयुक्त पूँजी कम्पनियाँ स्थापित कर बड़े-बड़े व्यापारिक अभियान चलाए। अपने उपनिवेश स्थापित किए तथा यूरोपवासियों को नयी दुनिया में पैदा होने वाली नयी-नयी चीजों; जैसे-आलू, तम्बाकू, गन्ने की चीनी, ककाओ, रबड़ व लाल मिर्च आदि से परिचित कराया। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. 
अरावाको लुकायो समुदाय का निवास क्षेत्र एवं उनकी संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अरावाको लुकायो समुदाय का निवास क्षेत्र-अरावाकी लुकायो समुदाय के लोग कैरीबियन सागर में स्थित छोटे-छोटे सैकड़ों द्वीपसमूहों, जिन्हें आज बहामा कहा जाता है तथा वृहत्तर ऐंटिलीज में निवास करते थे। इससे पहले वे लघु ऐंटिलीज प्रदेश में निवास करते थे। परंतु कैरिब नाम के एक खूखार कबीले ने उन्हें वहाँ से खदेड़ दिया। अरावाक संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ-अरावाक संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत प्रस्तुत है

  1. शान्तिप्रिय लोग-अरावाक लुकायो समुदाय के लोग शान्तिप्रिय जीवन पसन्द करते थे। ये लोग लड़ने की अपेक्षा बातचीत से झगड़ा निपटाने में विश्वास करते थे। 
  2. कुशल नौका निर्माणकर्ता-ये लोग कुशल नौका निर्माणकर्ता थे। ये वृक्षों के खोखले तनों से अपनी डोंगियाँ बनाते थे तथा इनमें बैठकर खुले समुद्रों की यात्रा करते थे।
  3. जीवन निर्वाह-अरावाक लोग खेती, शिकार एवं मछलियाँ पकड़कर अपना जीवनयापन करते थे। खेती में ये मक्का, मीठे आलू व विभिन्न प्रकार के कंद-मूल और कसावा उगाते थे।
  4. खाद्य उत्पादन करना-अरावाक संस्कृति की मुख्य विशेषता यह थी कि वे एक साथ मिलकर खाद्य उत्पादन करते थे ताकि समुदाय के प्रत्येक सदस्य को भोजन प्राप्त हो सके।
  5. संगठित समाज-अरावाक लोग अपने वंश के बुजुर्गों के नियंत्रण में संगठित रहते थे। (vi) जीववादी-अरावाक लोगों का विश्वास था कि निर्जीव वस्तुओं में भी जीवन या आत्मा होती है।
  6. रीति-रिवाज-इनके समाज में बहुविवाह प्रथा प्रचलित थी। अन्य अनेक समाजों की तरह अरावाक समुदाय में भी शमन लोग कष्ट निवारकों व इहलोक तथा परलोक के मध्य सहायकों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
  7. स्वर्ण धातु से अधिक लगाव न होना-अरावाक लोग सोने के गहने पहनते थे किन्तु उन्हें यूरोपवासियों की तरह सोने से उतना लगाव नहीं था। यदि कोई यूरोपीय उन्हें स्वर्ण धातु के बदले काँच के मनके दे देता था तो वे बहुत प्रसन्न होते थे क्योंकि काँच का मनका अधिक सुन्दर दिखाई देता था।
  8. बुनाई की उन्नत कला-अरावाक लोग बुनाई की कला में बहुत अधिक दक्ष थे। हैमक अर्थात् झूले का प्रयोग करना उनकी बुनाई की एक प्रमुख विशेषता थी, जिसे यूरोपीय लोग 
  9. पसंद करते थे।
  10. उदारतापूर्ण व्यवहार-अरावाक लोगों का व्यवहार बहुत ही उदारतापूर्ण था। ये लोग सोने की खोज में स्पेनी लोगों का साथ देने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। परन्तु आगे चलकर स्पेन की नीति दमनकारी हो गयी तो इन्होंने उसका विरोध किया।
  11. रावाक संस्कृति का नाश होना-स्पेनी लोगों ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए अरावाकी लोगों का क्रूरतापूर्वक (280 में इतिहास, कक्षा-11दमन किया था। स्पेनी शासन में 25 वर्षों के भीतर ही अरावाकों और उनकी संस्कृति व जीवनशैली का सत्यानाश हो गया।

प्रश्न 2. 
एज़टेक लोगों का निवास क्षेत्र एवं इनकी संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एज़टेक लोगों का निवास क्षेत्र-बारहवीं शताब्दी में एज़टेक लोग उत्तर से आकर मैक्सिको की मध्य घाटी में बस गये थे। इस घाटी का नाम उन्होंने अपने देवता 'मेक्सिली' के नाम पर रखा था। उन्होंने अनेक जनजातियों को परास्त करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया। 1325 ई. में इन्होंने एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की जिसकी राजधानी   टेनोक्टिटलान थी। एजटेक संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ-एज़टेक संस्कृति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

(i) श्रेणीबद्ध समाज-एज़टेक लोगों का समाज श्रेणीबद्ध था। अभिजात वर्ग में उच्च कुलोत्पन्न, पुरोहित आदि सम्मिलित थे। पुश्तैनी अभिजातों की संख्या कम थी तथा वे सरकार, सेना व पौरोहित्य कर्म के ऊँचे पदों पर आसीन होते थे। वे लोग राजा को सूर्य देवता का प्रतिनिधि मानते थे। समाज में योद्धा, पुरोहित व अभिजात वर्ग को सबसे अधिक सम्मान प्राप्त था किन्तु व्यापारियों को भी अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे और उन्हें प्रायः राजकीय राजदूतों व गुप्तचरों के रूप में कार्य करने का मौका दिया जाता था। प्रतिभाशाली शिल्पियों, चिकित्सकों व विशिष्ट शिक्षकों को भी आदर-सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था।

(ii) ग्रामीण आधार पर निर्भर समाज-एज़टेक समाज ग्रामीण आधार पर निर्भर था। ये लोग मक्का, कद्, कसाव, आलू व अन्य फसलें उगाते थे। भूमि का स्वामित्व किसी एक व्यक्ति का न होकर कुल के पास होता था, जो सार्वजनिक निर्माण कार्यों को सामूहिक रूप से सम्पन्न करवाता था। कृषि दासों के समान खेतिहर लोग अभिजातों के खेतों को जोतते थे तथा बदले में उन्हें फसल में से कुछ हिस्सा दे दिया जाता था। निर्धन लोग कभी-कभी अपने बच्चों को भी गुलामों के रूप में बेच देते थे किन्तु गुलाम को अपनी स्वतंत्रता पुनः खरीदने का अधिकार था।

(iii) भूमि उद्धार-एज़टेक लोगों के पास भूमि की कमी थी, इसलिए उन्होंने भूमि उद्धार किया अर्थात् जल में से जमीन लेकर इस कमी को पूरा किया। सरकंडे की बहुत बड़ी चटाइयाँ बुनकर और उन्हें मिट्टी व पत्तों से ढककर उन्होंने मैक्सिको झील में कृत्रिम टापू बनाए जिन्हें चिनाम्पा कहा जाता था। उन्होंने नहरें भी बनवाईं। उनकी राजधानी में राजमहल व पिरामिड अत्यन्त सुंदर, थे।

(iv) धार्मिक जीवन-एज़टेक लोग देवी-देवताओं की पूजा करते थे। एज़टेक शासक अक्सर युद्ध में लगे रहते थे। इसलिए उन्होंने युद्ध के देवताओं और सूर्य भगवान के मंदिर बनवाये। युद्ध पर जाने से पूर्व इनकी पूजा की जाती थी।

(v) बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान-एज़टेक लोग अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देते थे। कुलीन वर्ग के बच्चे कालेमेकाक में भर्ती किए जाते थे। जहाँ उन्हें सेना में अधिकारी और धार्मिक नेता बनने का प्रशिक्षण दिया जाता था। अन्य वर्गों के बच्चे पड़ोस के तेपोकल्ली स्कूल में पढ़ते थे। उन्हें इतिहास, पुराण मिथकों, धर्म, उत्सवों एवं गीतों की शिक्षा दी जाती थी। लड़कों को जहाँ सैनिक प्रशिक्षण, खेती एवं व्यापार करना सिखाया जाता था वहीं लड़कियों को घरेलू कार्यों में कुशलता का प्रशिक्षण मिलता था।

(vi) एज़टेक साम्राज्य में अस्थिरता के लक्षण-सोलहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में एज़टेक साम्राज्य में अस्थिरता के लक्षण दिखाई देने लगे। यह स्थिति कभी छल से जीते गए लोगों में उत्पन्न असन्तोष के कारण उत्पन्न हुई थी जो केन्द्रीय नियंत्रण से मुक्त होने के लिए प्रयासरत थे।

प्रश्न 3. 
इंका सभ्यता का विकास कहाँ हुआ? इस सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इंका सभ्यता का विकास-इंका सभ्यता का विकास दक्षिण अमरीकी देश पेरू में हुआ था। इस सभ्यता के लोगों को क्वेचुआ भी कहा जाता था। 12वीं शताब्दी में प्रथम इंका शासक मैंको कपाक ने कुज़को को अपनी राजधानी बनाया। नौवें इंका शासक के काल में इसका विस्तार शुरू हुआ। अंतत: इंका राज्य इक्वेडोर से चिली तक लगभग 3000 मील में फैल गया।
इंका सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ-इंका सभ्यता की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं

(i) अत्यन्त केन्द्रीकृत साम्राज्य-इंका साम्राज्य अत्यन्त केन्द्रीकृत था। वह एक संघ के समान था। राजा में ही
सम्पूर्ण शक्ति समाहित थी और वह ही सत्ता का उच्चतम स्रोत था। नवविजित कबीलों एवं जनजातियों को साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया जाता था। प्रत्येक कबीला स्वतंत्र रूप से वरिष्ठ जनों की एक सभा द्वारा शासित होता था। पूरा कबीला अपने शासक के प्रति वफादार होता था। स्थानीय शासकों को उनके सैन्य सहयोग के लिए सम्मानित किया जाता था। प्रशासन की भाषा क्वेचुआ थी, जो सभी को बोलनी पड़ती थी। ऐसा अनुमान है कि इंका साम्राज्य की जनसंख्या लगभग 10 लाख थी।

(ii) सामाजिक जीवन-इंका शासन में राजा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। उसे सूर्य का वंशज माना जाता था। राजा के पश्चात कुलीन वर्ग व पुरोहितों का स्थान होता था। तीसरे वर्ग में किसान व दस्तकार सम्मिलित थे। इस वर्ग के लोग प्रथम दोनों वर्गों के अधीन रहकर अपना जीवनयापन करते थे।

(iii) मुख्य व्यवसाय कृषि-इंका समाज का मुख्य व्यवसाय कृषि था। यही इस सभ्यता का आधार था। उनके यहाँ जमीन खेती के लिए बहुत उपजाऊ नहीं थी, इसलिए उन्होंने पहाड़ी इलाकों में सीढ़ीनुमा खेत बनाकर व जल निकासी तथा सिंचाई की प्रणालियाँ विकसित की। ये लोग आलू व मक्का की खेती करते थे तथा श्रम के लिए लामा पालते थे।

(iv) उद्योग-इंका समाज का मुख्य उद्योग बुनाई व मिट्टी के बर्तन बनाना था। कृषि के अतिरिक्त कई लोग इस कार्य से भी अपनी जीविका का अर्जन करते थे।

(v) वास्तुकला-इंका समाज कला-कौशल के लिए विख्यात था। ये लोग उच्चकोटि के भवन निर्माता थे। इनके किले, शिलापट्टियों को इतनी बारीकी से तराशकर बनाये जाते थे कि उन्हें जोड़ने के लिए गारे जैसी सामग्री की
आवश्यकता नहीं होती थी। राजमिस्त्री शिलाखंडों को सुन्दर रूप देने के लिए शल्क पद्धति का प्रयोग करते थे, जो प्रभावकारी होने के साथ-साथ सरल भी थी। लोग 100 मैट्रिक टन वजन वाले शिलाखण्डों को श्रमिकों के द्वारा ही लगवाते थे, क्योंकि उनके पास पहिए वाली गाड़ियों का अभाव था।

(vi) विकसित नगरीकरण-इंका सभ्यता को शहरों की सभ्यता कहा जाता है क्योंकि इस साम्राज्य में नगर बड़ी संख्या में पाए जाते थे। इन नगरों में विशाल इमारतें, किले, महल, मंदिर व राजकीय भण्डार गृह होते थे। इन्होंने पहाड़ों के मध्य इक्वेडोर से मीलों तक सड़कें बना रखी थीं।

(vii) शिक्षा एवं विज्ञान-इंका लोगों ने लेखन की किसी प्रणाली का विकास नहीं किया था, लेकिन उनके पास हिसाब लगाने की एक प्रणाली अवश्य थी। वह थी क्विपु यानि डोरियों पर गाँठें लगाकर गणितीय इकाइयों का हिसाब रखना। कुछ विद्वानों का विचार है कि इंका लोग इन डोरियों (धागों) में एक प्रकार का संकेत बुनते थे। इस काल के अवशेषों में कुछ खोपड़ियाँ भी पायी गयी हैं, जिनसे यह पता चलता है कि यहाँ के लोग चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा का ज्ञान भी रखते थे। 

(viii) साम्राज्य का पिरामिडनुमा ढाँचा-इंका साम्राज्य का ढाँचा पिरामिडनुमा था। किसी कारणवश इंका शासक को बंदी बना लिए जाने की स्थिति में उनके शासन की समस्त श्रृंखला टूट जाती थी। जब स्पेनी सैनिकों ने इंका राज्य पर आक्रमण किया तो उस समय भी यही स्थिति उत्पन्न हुई थी।

प्रश्न 4. 
क्रिस्टोफर कोलम्बस कौन था? उसकी समुद्री यात्राओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
क्रिस्टोफर कोलम्बस का परिचय-यह एक इटली का नाविक था। इसका जन्म 1451 ई. में हुआ था। इसमें साहसिक कार्य करने एवं यश कमाने की तीव्र इच्छा थी। वह भविष्यवाणियों में विश्वास रखता था। उसका विश्वास था कि उसके भाग्य में पश्चिम की ओर यात्रा करते हुए पूर्व की ओर जाने का मार्ग खोजना लिखा है। कोलम्बस एक पुस्तक प्रेमी नाविक था। वह विभिन्न लेखकों की पुस्तकों का अध्ययन करता रहता था ताकि उसे अपनी समुद्री यात्रा के लिए कोई नवीन जानकारी प्राप्त हो सके। कोलम्बस ने कार्डिनल पिएर डिऐली द्वारा 1410 ई. में खगोलशास्त्र व भूगोल पर लिखी पुस्तक 'इमगो मुंडी' का अध्ययन किया जिससे वह बहुत प्रेरित हुआ। सर्वप्रथम उसने पुर्तगाल के शासक के समक्ष अपनी समुद्री यात्रा सम्बन्धी योजनाएँ प्रस्तुत की परन्तु वे स्वीकृत नहीं हो सकीं। परन्तु स्पेन के प्राधिकारियों ने उसकी एक साधारण-सी योजना स्वीकार कर ली तत्पश्चात् वह अपनी समुद्री यात्रा पर स्पेन से रवाना हुआ। इसकी मृत्यु 1506 में हुई थी।

(i) अमरीका की खोज यात्रा-3 अगस्त 1492 को क्रिस्टोफर कोलम्बस ने तीन जहाज़ों एवं 40 कुशल नाविकों के साथ पालोस के बंदरगाह से पश्चिम की ओर प्रस्थान किया। कोलम्बस का बेड़ा छोटा-सा था जिसमें सांता मारिया नामक एक भारी जहाज़ तथा दो कैरेवल (छोटे हल्के जहाज) पिंटा और नीना थे। सांता मारिया की कमान स्वयं कोलम्बस के हाथों में थी। यात्रा पर जाते समय अनुकूल व्यापारिक हवाओं के सहारे उसका बेड़ा आगे बढ़ता जा रहा था लेकिन रास्ता अनुमान से ज्यादा लम्बा था। लगभग 33 दिनों तक समद्र में इनके जहाज आगे बढ़ते रहे लेकिन तट दिखाई नहीं दिया। उसके नाविक बेचैन हो उठे और उनमें से कुछ तुरन्त वापस लौटने की माँग करने लगे।

(ii) बहामा द्वीपसमूह पहुँचना-अन्ततः 12 अक्टूबर, 1492 को कोलम्बस अपने साथियों के साथ पश्चिम की ओर एक समुद्र तट पर पहुँचा जिसे उसने भारत समझा लेकिन वह स्थान बहामा द्वीपसमूह का गुआनाहानि द्वीप था। गुआनाहानि पहुँचने पर अरावाक लोगों ने इस बेड़े के नाविकों का स्वागत किया तथा उनके प्रति दोस्ती का हाथ बढ़ाया। अरावाक लोगों ने कोलम्बस व उसके साथियों को खाने-पीने की सामग्री भी प्रदान की।

(iii) स्पेनी आधिपत्य स्थापित करना-कोलम्बस ने गुआनाहानि द्वीप समूह पर स्पेन का झंडा स्थापित कर दिया तथा उसका नाम बदलकर सैन सैल्वाडोर रखा। वहाँ उसने सार्वजनिक उपासना करवायी।

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(iv) कोलम्बस द्वारा स्वयं को वाइसराय घोषित करना-कोलम्बस ने गुआनाहानि द्वीप पर पहुँचकर स्थानीय लोगों से बिना पूछे ही स्वयं को वहाँ का वाइसराय घोषित कर दिया।

(v) स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त करना-कोलम्बस और उसके साथियों ने बड़े द्वीप समूह क्यूबानास्कैन (क्यूबा) तथा किस्केया (हिस्पानिओला) तक आगे बढ़ने के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त किया। कोलम्बस और उसके साथी यहाँ से सोना प्राप्त करना चाहते थे। 

(vi) कोलम्बस की कठिनाइयाँ एवं वापसी यात्रा-कोलम्बस और उसके सहयोगी इस सम्बन्ध में आगे कुछ करते उससे पहले ही उनका यह अभियान दुर्घटनाओं में फंस गया। उन्हें खतरनाक कैरिब कबीलों की शत्रुता का भी सामना करना पड़ा। कोलम्बस के साथी शीघ्र ही घर लौटना चाहते थे। स्पेन की वापसी यात्रा अधिक कठिन सिद्ध हुई क्योंकि जहाजों में दीमक लग चुकी थी। इस सम्पूर्ण यात्रा में कुल 32 सप्ताह लगे।

(vii) कोलम्बस की अन्य समुद्री यात्राएँ-कोलम्बस द्वारा कुछ समय बाद तीन समुद्री यात्राएँ और आयोजित की गयीं जिनके दौरान कोलम्बस ने बहामा व वृहत्तर ऐंटिलीज द्वीपों, दक्षिण अमरीका की मुख्य भूमि एवं उसके तटवर्ती प्रदेशों में अपना खोज कार्य पूर्ण किया। बाद की यात्राओं से यह ज्ञात हुआ कि इन स्पेनी नाविकों ने इंडीज नहीं बल्कि एक नया महाद्वीप ही खोज निकाला था। 

प्रश्न 5. 
कोर्टेस के नेतृत्व में स्पेनवासियों ने मैक्सिको पर किस प्रकार विजय प्राप्त की ? विस्तारपूर्वक बताइए।
अथवा 
एजटेक लोगों व स्पनेवासियों के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
कोर्टेस के नेतृत्व में स्पेनवासियों द्वारा मैक्सिको पर विजय एज़टेक लोगों व स्पेनवासियों के मध्य संघर्ष-हरमन कोर्टस स्पेन का एक वीर योद्धा और कुशल सेनापति था। वह 1519 ई. में क्यूबा से मैक्सिको आया था। उसने व उसके सैनिकों ने क्रूरता का प्रयोग करते हुए मैक्सिको को जीत लिया। इसने टॉटानैक लोगों से मित्रता कर ली। टॉटानैक लोग एज़टेक शासन से अलग होना चाहते थे। एज़टेक शासक मोंटेजुमा स्पेनवासियों की आक्रमण क्षमता, उनके बारूद व घोड़ों के प्रयोग को देखकर घबरा गया कि कोर्टेस वास्तव में किसी निर्वासित देवता का अवतार है जो अपना बदला लेने के लिए फिर से प्रकट हुआ है। इसलिए उसने अपना एक अधिकारी कोर्टेस से मिलने भेजा। मैक्सिको में स्पेनवासियों की सफलता को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है

(i) ट्लैक्सकलानों पर हमला-कोर्टेस के नेतृत्व में स्पेनी सैनिकों ने ट्लैक्सकलानों पर आक्रमण कर दिया। ये लोग खूखार लड़ाकू थे। इन्होंने स्पेनी सैनिकों का भरपूर प्रतिरोध किया लेकिन उनके आगे टिक न सके और अन्ततः समर्पण कर दिया। स्पेनी सैनिकों ने इन्हें क्रूरतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया।

(ii) टेनोक्टिटलान पर अधिकार करना-8 नवम्बर 1519 को कोर्टेस के नेतृत्व में स्पेनी सैनिकों ने टेनोक्टिटलान पर अधिकार कर लिया। स्पेनी सैनिक टेनोक्टिटलान के दृश्य को देखकर आश्चर्यचकित हो गए। यह नगर मैड्रिड से पाँच गुना बड़ा था, उसकी जनसंख्या स्पेन के सबसे बड़े नगर सेविली से दो गुनी अर्थात् लगभग 1 लाख थी।

(iii) एज़टेक शासक द्वारा कोर्सेस का स्वागत करना-एज़टेक शासक मोंटेजुमा ने कोर्टेस का स्वागत किया। एज़टेक लोग स्पेनियों को बड़े सम्मान के साथ शहर के मध्य ले गये, जहाँ मोंटेजुमा ने उन्हें उपहार भेंट किये।

(iv) एज़टेक शासक मोंटेजुमा को नजरबंद करना-स्पेनी सैनिकों द्वारा प्लैक्सकलान के हत्याकांड के बारे में जानकारी होने के कारण एज़टेक लोग कोर्टेस के प्रति आशंकित थे, उनकी यह धारणा सत्य सिद्ध हुई। कोर्टेस ने बिना कोई कारण बताए एज़टेक शासक मोंटेजुमा को नजरबंद कर लिया तथा उसके नाम से शासन संचालन करने का प्रयास किया।

(v) एज़टेक मंदिरों में ईसाई मूर्तियों की स्थापना करना-हरमन कोर्टेस ने एज़टेक मंदिरों में ईसाई मूर्तियाँ स्थापित करवाईं। तत्पश्चात् मोंटेजुमा से हुए एक समझौते के अनुसार एज़टेक मंदिरों में एज़टेक व ईसाई दोनों प्रकार की मूर्तियाँ स्थापित की गईं। 
(vi) एज़टेक विद्रोह का दमन करना-किसी कारणवश हरमन कोर्टेस को अपने सहायक एल्वारैडो को टेनोक्टिटलान की सत्ता सौंपकर क्यूबा लौटना पड़ा। शीघ्र ही स्पेनी शासन के अत्याचारों से दुखी होकर तथा स्वर्ण धातु के लिए स्पेनियों की निरन्तर बढ़ती माँगों के दबाव के कारण एज़टेक लोगों ने विद्रोह कर दिया। ऐल्वारैडो ने हुइजिलपोक्टली के वसन्तोत्सव में विद्रोहियों की हत्या करने का आदेश दे दिया।

(vii) कोर्सेस का क्यूबा से वापस आना-जब 25 जून 1520 को कोर्टेस क्यूबा से वापस लौटा तो उसे रास्ते में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। विद्रोहियों ने पुल नष्ट कर दिये थे। जलमार्ग काट दिये व सड़कें बंद कर दी गयी थीं। स्पेनी सैनिकों को भोजन व पेयजल की समस्या का भी सामना करना पड़ा। अन्ततः कोर्टेस को क्यूबा वापस लौटना पड़ा।

(viii) एज़टेक लोगों व स्पेनी सैनिकों में संघर्ष-रहस्यमय परिस्थितियों में एज़टेक शासक मोंटेजुमा की मृत्यु हो गयी, एजेटक लोगों व स्पेनियों मध्य लड़ाई जारी रही, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 600 स्पेनी सैनिक व उतने ही ट्लैक्सकलान के लोग मारे गए। हत्याकांड की इस भयंकर रात को ‘आँसू भरी रात' के नाम से जाना जाता है। टेनोक्टिटलान में स्पेनी अधिकार समाप्त हो गया।

(ix) टेनोक्टिटलान पर कोर्टेस द्वारा पुनः अधिकार करना-मोंटेजुमा की मृत्यु के पश्चात् नये एज़टेक शासक क्वेटमोक के विरुद्ध कोर्टेस को अपनी रणनीति बनाने के लिए ट्लैक्सकलान में शरण लेनी पड़ी। उसी समय एज़टेक लोग यूरोपीय लोगों के साथ आई चेचक नामक बीमारी के प्रकोप से मरने लगे थे। कोर्टेस ने इस बात का लाभ उठाकर टेनोक्टिटलान पर पुनः आक्रमण कर विजय प्राप्त कर ली।

(x) मैक्सिको अभियान का समापन-कोर्टेस व उसके सैनिकों को मैक्सिको पर विजय प्राप्त करने में लगभग 2 वर्ष का समय लगा। कोर्टेस ने मैक्सिको में 'न्यू स्पेन' राज्य की स्थापना की एवं स्वयं उसका कैप्टन जनरल बन गया। कोर्टेस को स्पेनी सम्राट चार्ल्स पंचम ने अनेक सम्मानों से विभूषित किया। इस तरह कोर्टेस ने मैक्सिको में स्पेनी साम्राज्य की स्थापना की। 

प्रश्न 6. 
पेड्रो अल्वारिस कैबाल ने किस प्रकार ब्राज़ील पर विजय प्राप्त की ? विस्तारपूर्वक बताइए।
अथवा 
ब्राज़ील पर पुर्तगालियों का कब्जा किस प्रकार हुआ? विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पेड्रो अल्वारिस कैब्राल एक पुर्तगाली नागरिक था। वह 1500 ई. में जहाजों का एक बेड़ा लेकर भारत के लिए रवाना हुआ। समुद्री तूफानों से बचने के लिए उसने पश्चिमी अफ्रीका का एक बड़ा चक्कर लगाया और वह भारत न पहुँचकर ब्राज़ील के समुद्रतट पर पहुँच गया। इस तरह पुर्तगाल का ब्राज़ील पर आधिपत्य संयोगवश ही हुआ था। पुर्तगाल की ब्राज़ील पर विजय का वर्णन हम निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत कर सकते हैं

(i) पुर्तगालियों एवं फ्रांसीसियों के मध्य संघर्ष-ब्राज़ील में इमारती लकड़ी की बहुतायत थी। इस बात का लाभ पुर्तगाली व्यापारियों ने भरपूर उठाया। फ्रांसीसी लोग भी इमारती लकड़ी के व्यापार में रुचि लेते थे। जबकि पुर्तगाली यह नहीं चाहते थे कि इमारती लकड़ी के व्यापार में फ्रांसीसी सम्मिलित हों। इसलिए दोनों में भयंकर संघर्ष प्रारम्भ हो गया। इस संघर्ष में पुर्तगालियों की विजय हुई।

(ii) ब्राज़ील को पुर्तगाली आनुवंशिक कप्तानियों में विभाजित करना-फ्रांसीसियों को पराजित करने के पश्चात् पुर्तगाली लोग ब्राज़ील के तटीय क्षेत्रों में अपने उपनिवेश स्थापित करना चाहते थे। अतः 1534 ई. में पुर्तगाल के शासक ने ब्राजील के तट को 14 आनुवंशिक कप्तानियों में बाँट दिया। उसने इनके स्वामित्व सम्बन्धी अधिकार उन पुर्तगालियों को प्रदान कर दिए जो वहाँ स्थायी रूप से निवास करना चाहते थे। पुर्तगाली शासक ने उन्हें स्थानीय लोगों को गुलाम बनाने के अधिकार भी प्रदान कर दिए। ब्राजील में बसने वाले अनेक पुर्तगाली लोगों में से वे पूर्व सैनिक भी थे जो भारत के गोवा क्षेत्र में हुई लड़ाइयों में भाग ले चुके थे, जिनसे स्थानीय लोग डरते थे।

(iii) पुर्तगालियों द्वारा स्थानीय लोगों का शोषण करना--1540 ई. के दशक में पुर्तगाली लोगों ने ब्राजील में बड़े-बड़े बागानों में गन्ना उगाना व चीनी बनाने के कारखाने स्थापित कर लिए। इन बागानों व कारखानों में कार्य करने के लिए स्थानीय नागरिकों को काम पर लगाया। बहुत ही गर्म और नम जलवायु में चीनी मिलों में स्थानीय लोगों को काम करना पड़ता था। जब उन लोगों ने इस थकाने वाले नीरस काम को करने से इंकार कर दिया तो मिल-मालिकों ने उनका अपहरण करवाकर उन्हें गुलाम बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कारखाना मालिकों के अत्याचारों से बचने के लिए गाँव छोड़कर जंगलों में शरण ले ली और ज्यों-ज्यों समय बीतता गया तटीय क्षेत्रों में मुश्किल से स्थानीय लोगों के एक-दो गाँव ही बचे। ऐसे स्थानों पर यूरोपीय लोगों के सुनियोजित कस्बे बस गए। 

(iv) पुर्तगाली सरकार की स्थापना-1549 ई. में पुर्तगाल के सम्राट के अधीन एक औपचारिक सरकार की स्थापना की गयी तथा बहिया (सैल्वाडोर) को उसकी राजधानी बनाया गया। इस तरह पुर्तगाल ने ब्राज़ील पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।

प्रश्न 7. 
1540 ई. से ब्राज़ील में पुर्तगाली लोगों द्वारा संचालित गतिविधियों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ब्राजील में पुर्तगाली लोगों द्वारा संचालित गतिविधियाँ-1540 ई. से ब्राज़ील में पुर्तगाली लोगों द्वारा संचालित गतिविधियों का वर्णन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत प्रस्तुत है

RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

(i) गन्ना बागानों व चीनी के कारखानों की स्थापना-1540 ई. के दशक में पुर्तगाली लोगों ने ब्राज़ील में गन्ने के विशाल बागानों की स्थापना की। इस गन्ने से चीनी बनाने के लिए कारखानों की स्थापना भी ब्राज़ील में ही की गयी। इन कारखानों से निर्मित चीनी को यूरोप के बाजारों में बेचने हेतु भेजा जाता था।

(ii) स्थानीय लोगों को गुलाम बनाना-पुर्तगाली लोगों द्वारा स्थापित गन्ना बागानों व चीनी के कारखानों में कार्य करने के लिए स्थानीय लोगों का उपयोग किया जाता था। जब स्थानीय लोगों ने इस नीरस कार्य को करने से मना कर दिया तो कारखाना मालिकों ने उनका अपहरण कर उन्हें गुलाम बनाना प्रारम्भ कर दिया।

(iii) यूरोपीय लोगों के सुनियोजित कस्बे बसना-चीनी के कारखानों में कार्य करने वाले गुलाम लोग कारखाना मालिकों से बचने के लिए गाँव छोड़कर जंगलों की ओर भागने लगे। ज्यों-ज्यों समय बीतता गया, ब्राज़ील के तटीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के एक-दो गाँवों को छोड़कर समस्त गाँव उजड़ गये और उनकी जगह यूरोपीय लोगों के सुनियोजित कस्बे बस गए।

(iv) पश्चिमी अफ्रीका से गुलाम लाना-ब्राज़ील के स्थानीय लोगों के गाँवों से भागकर जंगलों में शरण लेने के कारण कारखाना मालिकों को अपने कारखानों में कार्य करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता पड़ी। फलस्वरूप उन्होंने पश्चिमी अफ्रीका की ओर रुख किया, जहाँ से इन कारखानों में काम करने के लिए पर्याप्त संख्या में गुलाम के रूप में श्रमिक मिल सकते थे। 

(v) औपचारिक सरकार की स्थापना-1549 ई. में पुर्तगाली शासन के अधीन ब्राज़ील में औपचारिक सरकार की स्थापना की गयी जिसकी राजधानी बहिया (सैल्वाडोर) बनायी गयी।

(vi) जेसुइट पादरियों का ब्राजील आना-इस समय तक जेसुइट पादरियों ने भी ब्राज़ील आना प्रारम्भ कर दिया। वहाँ बसे यूरोपीय लोग इन पादरियों को पसंद नहीं करते थे। इसके कई कारण थे
(अ) ये पादरी मूल निवासियों के साथ दया का व्यवहार करने की सलाह देते थे। 
(ब) ये पादरी दास प्रथा की कड़े शब्दों में आलोचना करते थे। इस प्रकार कहा जा सकता है कि 1540 ई. से पुर्तगाली लोगों द्वारा ब्राज़ील में अनेक गतिविधियों का संचालन किया
गया।

प्रश्न 8. 
विभिन्न खोजी यात्रियों द्वारा की गयी समुद्री यात्राओं का यूरोप, उत्तरी व दक्षिणी अमरीका व अफ्रीका पर क्या-क्या स्थायी प्रभाव पड़े? विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर:
विभिन्न खोजी यात्रियों द्वारा की गयी समुद्री यात्राओं का यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमरीका व अफ्रीका पर निम्नलिखित स्थायी प्रभाव पड़ेसमुद्री यात्राओं का यूरोप पर प्रभाव

(i) अटूट समुद्री मार्गों का खुलना-विभिन्न यूरोपीय खोजी यात्रियों द्वारा की गयी समुद्री यात्राओं ने एक महासागर से दूसरे महासागर तक के अटूट समुद्री मार्ग खोज लिए। इससे पहले तक इसमें से अधिकांश मार्ग यूरोपीय लोगों के लिए अज्ञात थे तथा कुछ मार्गों के बारे में तो किसी को भी जानकारी नहीं थी। 15वीं शताब्दी के अन्तिम दशक एवं 16वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में सभी साहसिक कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न किए गए।

(ii) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं औद्योगीकरण को बढ़ावा-सभी यूरोपीय देशों के लिए अमरीकी खोज के दीर्घकालीन परिणाम निकले। विभिन्न अमरीकी क्षेत्रों से प्राप्त होने वाले सोने व चाँदी ने अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं औद्योगीकरण को बढ़ावा प्रदान किया। 1560 ई. से 1600 ई. तक सैकड़ों की संख्या में जहाज़ प्रतिवर्ष दक्षिणी अमरीका की खानों से सोना व चाँदी लेकर यूरोप जाते रहे लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि इसका लाभ स्पेन तथा पुर्तगाल. (खोजकर्ता देश) अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में अधिक नहीं उठा सके। स्पेन और पुर्तगाल ने अपने लाभों को व्यापार या अपने जहाजों के बेड़े का विस्तार करने में नहीं लगाया। दूसरी ओर अटलांटिक महासागर के किनारे स्थित कुछ देशों; यथा-इंग्लैण्ड, हालैण्ड, फ्रांस व बेल्जियम आदि देशों ने इन खोजों का पर्याप्त लाभ उठाया। इन देशों के व्यापारियों ने बड़े-बड़े व्यापारिक अभियानों का संचालन किया। उन्होंने उपनिवेशों की स्थापना की तथा औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया।

(iii) नवीन फसलों से परिचित होना-यूरोपीय देश अमरीका से आने वाली नई फसलों; जैसे-तम्बाकू, आलू, गन्ने की चीनी, मक्का, रबर व लाल मिर्च आदि से परिचित हुए। इसके पश्चात् ये फसलें यूरोपवासियों द्वारा भारत जैसे अन्य देशों को ले जाई गईं। समुद्री यात्राओं के उत्तरी व दक्षिणी अमरीका पर प्रभाव-समुद्री यात्राओं के उत्तरी व दक्षिणी अमरीका पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े

(i) मूल निवासियों की जनसंख्या का कम होना-यूरोप के विभिन्न देशों ने अमरीका के विभिन्न क्षेत्रों पर अधिकार स्थापित करने के लिए वहाँ के मूल निवासियों के साथ बहुत अधिक बुरा व्यवहार किया। उनका नरसंहार किया गया फलस्वरूप वहाँ के मूल निवासियों की जनसंख्या बहुत ही कम हो गई। एक अनुमान के अनुसार, स्पेनी विजय से पूर्व मैक्सिको की जनसंख्या लगभग 3 करोड़ थी। एंडियन क्षेत्र में लगभग 3 करोड़ तथा मध्य अमेरिका में लगभग 1 करोड़, कुल मिलाकर लगभग 7 करोड़ थी। जो आगामी 150 वर्षों में घटकर मात्र 35 लाख रह गयी। इस जनहानि के लिए युद्ध व बीमारियाँ प्रमुख रूप से उत्तरदायी थीं।

(ii) मूल निवासियों की जीवन शैली का विनाश होना-यूरोपीय लोगों के आगमन से हुए नरसंहार के कारण उत्तरी व दक्षिणी अमरीका के मूल निवासियों की जीवन शैली का विनाश हो गया।

(iii) मूल निवासियों का शोषण-यूरोपीय लोगों द्वारा उत्तरी व दक्षिणी अमरीका में रहने वाले मूल निवासियों का शोषण किया गया। उन्हें गुलाम बनाकर उनसे खानों, बागानों व कारखानों में काम कराया जाता था।

समुद्री यात्राओं का अफ़्रीका पर प्रभाव-
समुद्री यात्राओं का अफ़्रीका पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ा
(i) अफ्रीकी लोगों को भी गुलाम बनाकर अफ्रीका, उत्तरी व दक्षिणी अमरीका तथा यूरोपीय देशों में खानों, बागानों व कारखानों में उनसे काम कराया जाता था।
(ii) यूरोपीय व्यापारियों को जबरदस्ती अफ्रीकी स्त्री-पुरुषों को गुलाम बनाने में कुछ स्थानीय अफ्रीकी लोगों द्वारा भी सहायता मिलनी प्रारम्भ हो गयी।

प्रश्न 9. 
यूरोपीय लोगों द्वारा की गयी खोजी समुद्री यात्राओं ने दास प्रथा को विकसित करने में किस प्रकार योगदान दिया ? विस्तार से बताइए।
उत्तर:
यूरोपीय लोगों द्वारा की गयीं खोजी समुद्री यात्राओं ने दास प्रथा को विकसित करने में निम्नलिखित प्रकार से योगदान दिया
(i) यूरोपियों द्वारा स्थानीय निवासियों को पराजित करना-यूरोपीय लोगों ने अमरीकी व अफ्रीकी देशों में पहँचकर अपनी उत्कृष्ट सैन्य शक्ति के बल पर स्थानीय मूल निवासियों को पराजित किया तथा उन्हें गुलाम बना लिया। ऐसे गुलामों से खानों, बागानों व कारखानों में काम लिया जाता था। 

(ii) दास प्रथा को चालू रखने हेतु स्पेनी शासकों को विवश करना-1601 ई. में स्पेन के शासक फिलिप द्वितीय ने सार्वजनिक रूप से बेगार प्रथा पर प्रतिबन्ध लगा दिया परन्तु उसने एक गुप्त आदेश के द्वारा इसे चालू रखने की भी व्यवस्था कर दी। 1609 ई. में स्पेन की सरकार ने एक कानून बनाया, जिसके अन्तर्गत दक्षिणी अमरीका में ईसाई व गैर ईसाई सभी प्रकार के स्थानीय लोगों को पूर्ण स्वतन्त्रता प्रदान कर दी गयी परन्तु इस कानून से यूरोप से आए अमरीका में बसे हुए लोग नाराज हो गये। उन्होंने 2 वर्ष के अन्दर ही स्पेन के शासक को इस कानून को हटाने व दास प्रथा को पुनः प्रारम्भ करने को विवश कर दिया। 

(iii) दास प्रथा को प्रोत्साहन प्रदान करना-1700 ई. में अमरीका में स्वर्ण धातु की खोज के पश्चात् खानों में कार्य करने के लिए स्थानीय लोगों को दास अर्थात् गुलाम बनाया गया। उनके विरोध करने पर अफ्रीका से भी दास मँगाये गये। इस तरह यूरोपीय लोगों ने दास प्रथा को प्रोत्साहन प्रदान किया।

RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

(iv) दास प्रथा को चालू रखने का प्रयास-कुछ लोगों ने दास प्रथा को चालू रखने के प्रयासों का समर्थन किया। उनका मत था कि यूरोपवासियों के अमरीका व अफ्रीका में आने से पहले भी वहाँ दास प्रथा विद्यमान थी। उनका यह भी कहना था कि 15वीं शताब्दी में अफ्रीका में स्थापित किए जाने वाले राज्यों के विकास में कुछ अफ्रीकी लोगों ने भी सहयोग प्रदान किया था। ऐसे लोग कुछ खाद्य पदार्थों के बदले में यूरोपीय व्यापारियों को सहयोग प्रदान करते थे। इस तरह यूरोपीय लोगों ने अपनी खोजी यात्राओं के माध्यम से दास प्रथा को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मानचित्र सम्बन्धी प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. 
दिए गए रेखा मानचित्र में निम्न को दर्शाइए

  1. एज़टेक साम्राज्य 
  2. माया संस्कृति का क्षेत्र 
  3. इंका साम्राज्य 
  4. पनामा 
  5. सैल्वाडोर 
  6. बहामा 
  7. कुजको 
  8. वृहत्तर ऐंटिलीज़ 
  9. हिस्पानिओला 
  10. अमेज़न नदी। 

उत्तर:
RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ  1

प्रश्न 2. 
नीचे दिए गए दक्षिणी अमेरीका के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए

  1. स्पेन के उपनिवेश 
  2. पुर्तगाल के उपनिवेश 
  3. इंग्लैण्ड के उपनिवेश 
  4. 1494 ई. में टार्डीसिलास संधि के अनुसार विभाजन रेखा 
  5. सोलहवीं सदी के अंत में स्पेन और पुर्तगाल के प्रभाव क्षेत्रों का बँटवारा। 

उत्तर:
RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ 2

प्रश्न 3. 
अफ्रीका के रेखांकित मानचित्र में ऐसे क्षेत्रों को दर्शाइए जहाँ से दास प्राप्त किए जाते थे। 
उत्तर:
RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 7 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ 3


विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए इस अध्याय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. 
सदाबहार वर्षा वन पाए जाते हैं
(क) आस्ट्रेलिया 
(ख) कनाडा
(ग) ब्राजील
(घ) फ्रांस। 
उत्तर:
(ग) ब्राजील

RBSE Class 11 History Important Questions Chapter 8 संस्कृतियों का टकराव

प्रश्न 2. 
कोलम्बस ने अमरीका की खोज की थी
(क) 1491 
(ख) 1492 
(ग) 1493
(घ) 1994 
उत्तर:
(ख) 1492 

प्रश्न 3. 
अफ्रीका के विभाजन में किस देश को सबसे बड़ा हिस्सा मिला- (कॉलेज व्याख्याता परीक्षा (इतिहास)) 
(क) बेल्जियम 
(ख) जर्मनी
(ग) इंग्लैण्ड
(घ) रूस। 
उत्तर:
(ग) इंग्लैण्ड

प्रश्न 4. 
निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है
(क) दक्षिणी अफ्रीका-वेल्डस
(ख) आस्ट्रेलिया-डाउन्स 
(ग) अर्जेन्टीना-पम्पास
(घ) ब्राजील-स्टेप्स। 
उत्तर:
(घ) ब्राजील-स्टेप्स। 

Prasanna
Last Updated on Sept. 23, 2022, 9:59 a.m.
Published July 30, 2022