Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Important Questions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
कार्बन के जिस अपररूप में मुक्त (स्वतंत्र) इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं, वह है:
(अ) हीरा
(ब) कोयला
(स) ग्रेफाइट।
(द) कोक
उत्तर:
(स) ग्रेफाइट।
प्रश्न 2.
साबुन बनाने की प्रक्रिया में सह उत्पाद है:
(अ) NaOH
(ब) ग्लिसरॉल
(स) वसा अम्ल
(द) ऐल्कोहॉल
उत्तर:
(ब) ग्लिसरॉल
प्रश्न 3.
एथिलीन (एथीन) में उपस्थित कुल बन्धों की संख्या है:
(अ) 5
(ब) 6
(स) 4.
(द) 7
उत्तर:
(ब) 6
प्रश्न 4.
एथीन के जलयोजन (Hydration) से बना यौगिक है:
(अ) C2H6
(ब) C2H5OH
(स) C2H2
(द)CH3 - CHO
उत्तर:
(ब) C2H5OH
प्रश्न 5.
एथेनॉल से एसिटिक अम्ल बनना है:
(अ) अपचयन
(ब) ऑक्सीकरण
(स) संकलन
(द) प्रतिस्थापन
उत्तर:
(ब) ऑक्सीकरण
प्रश्न 6.
ब्यूटेन का उच्च समजात है:
(अ) प्रोपेन
(ब) पेन्टेन
(स) पेन्टीन
(द) एथाइन
उत्तर:
(ब) पेन्टेन
प्रश्न 7.
एसीटॉन (CH3COCH3) का IUPAC नाम है:
(अ) एथैनैल
(ब) प्रोपेनॉन
(स) एथेनॉल
(द) एथेनॉइक अम्ल
उत्तर:
(ब) प्रोपेनॉन
प्रश्न 8.
CH3CH2COOH का IUPAC नाम है:
(अ) मेथेनॉइक अम्ल
(ब) प्रोपेनॉल
(स) प्रोपेनॉइक अम्ल
(द) प्रोपेनैल
उत्तर:
(स) प्रोपेनॉइक अम्ल
प्रश्न 9.
अपमार्जक सामान्यतः होते हैं:
(अ) R COO Na
(ब) R COOK
(स) R SO4Na
(द) R COO R
उत्तर:
(स) R SO4Na
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मेथेन के दहन का संतुलित समीकरण लिखिए।
उत्तर:
मेथेन के दहन का संतुलित समीकरण
प्रश्न 2.
एल्कीनों का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर:
एल्कीनों का सामान्य सूत्र CnH2n है।
प्रश्न 3.
'फुलेरीन' क्या है?
उत्तर:
फुलेरीन कार्बन का अपररूप है, जिसमें कार्बन के परमाणु फुटबॉल के रूप में व्यवस्थित होते हैं।
प्रश्न 4.
मेथेन (CH4) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी?
प्रश्न 5.
सिरके में उपस्थित कार्बनिक अम्ल का नाम व रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
सिरके में उपस्थित कार्बनिक अम्ल ऐसीटिक अम्ल होता है, जिसका रासायनिक सूत्र CH3COOH होता है।
प्रश्न 6.
ऐथेनोइक अम्ल के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:
(i) एस्टर सिरका बनाने में
(ii) साबुन तैयार करने में।
प्रश्न 7.
निम्न यौगिकों का नामकरण कीजिए
(i) CH3 - CH = CH2
(ii) CH3 - C = O
उत्तर:
(i) CH3 - CH = CH2 → प्रोपीन
(ii) CH3 - C= O → ऐथेनैल (ऐसीटेल्डिहाइड)
प्रश्न 8.
यौगिक CH3COOH का नाम लिखिए तथा इसका प्रकार्यात्मक समूह पहचानिए।
उत्तर:
यौगिक CH3COOH ऐसीटिक अम्ल (एथेनॉइक अम्ल) है तथा इसका प्रकार्यात्मक समूह - COOH (कार्बोक्सिलिक समूह) होता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित यौगिकों के नाम दीजिए
(a) एथेन से व्युत्पन्न एक एल्कोहॉल ।
(b) ब्यूटेन से व्युत्पन्न एक कीटोन।
(c) मेथेन से व्युत्पन्न एक कार्बोक्सिलिक अम्ल ।
उत्तर:
(a) एथनॉल
(b) ब्यूटेनोन
(c) मेथेनॉइक अम्ल ।
प्रश्न 10.
एक कार्बनिक यौगिक कालिख ज्वाला के साथ जलता है। यह संतृप्त यौगिक है या असंतृप्त?
उत्तर:
असंतृप्त।
प्रश्न 11.
क्रियाशील समूह - COOH का नाम लिखें।
उत्तर:
कार्बोक्सिलिक समूह।
प्रश्न 12.
ब्यूटेनोन की संरचना चित्रित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
सहसंयोजक यौगिक विद्युत के दुर्बल चालक क्यों होते हैं?
उत्तर:
इन यौगिकों में आयन अथवा मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते, जो विद्युत चालन के लिए आवश्यक हैं। इसलिए ये विद्युत के दुर्बल चालक होते हैं।
प्रश्न 14.
भोजन पकाने के लिए किन तेलों का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर:
असंतृप्त वसा अम्लों से युक्त तेलों का।
प्रश्न 15.
CNG का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
CNG का पूरा नाम 'संपीडित प्राकृतिक गैस' (Compressed Natural Gas) है।
प्रश्न 16.
कोयले तथा पेट्रोलियम को जीवाश्मी ईंधन क्यों कहते हैं?
उत्तर:
कोयले तथा पेट्रोलियम का निर्माण जैवमात्रा से हुआ है इसलिए इन्हें जीवाश्मी ईंधन कहते हैं।
प्रश्न 17.
एस्टर की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
सामान्यतया एस्टर की गंध मृदु होती है इसलिए इसका उपयोग इत्र बनाने एवं स्वाद उत्पन्न करने वाले कारक के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 18.
कार्बन परमाणु की ज्यामिति कैसी होती है?
उत्तर:
कार्बन परमाणु की ज्यामिति चतुष्फलकीय होती है।
प्रश्न 19.
एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर:
एल्काइन श्रेणी का सामान्य सूत्र CnH2n-2 होता है।
प्रश्न 20.
अपमार्जकों में उपस्थित यौगिक कौनसे होते हैं?
उत्तर:
अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल शृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं।
प्रश्न 21.
IUPAC का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
IUPAC = International Union of Pure and Applied Chemistry (अन्तर्राष्ट्रीय विशुद्ध और अनुप्रयुक्त रसायन संघ)।
प्रश्न 22.
मेथिल एसीटिलीन का सूत्र क्या होगा?
उत्तर:
मेथिल एसीटिलीन का सूत्र CH3 - C ≡ CH है। इसे प्रोपाइन कहते हैं।
प्रश्न 23.
साबुन क्या होते हैं?
उत्तर:
साबुन लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम (RCOONa) या पोटैशियम (RCOOK) लवण होते हैं।
प्रश्न 24.
सहसंयोजी आबंध किसे कहते हैं?
उत्तर:
दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन युग्म की साझेदारी से बने बन्ध को सहसंयोजी आबंध कहते हैं | यह एक प्रबल आबंध है।
प्रश्न 25.
ऐल्केन श्रेणी के प्रारम्भिक 6 सदस्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
ऐल्केन श्रेणी में मेथेन (CH4), एथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8), ब्यूटेन (C4H10), पेन्टेन (C5H12) तथा हेक्सेन (C6H14) प्रारम्भिक 6 सदस्य हैं।
प्रश्न 26.
विषम परमाणु (Hetero atom) किसे कहते हैं?
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में वह तत्व जो एक या अधिक हाइड्रोजन परमाणुओं को प्रतिस्थापित करते हैं उन्हें विषम परमाणु कहते हैं। जैसे-हेलोजन (F, Cl, Br, I), ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा सल्फर।
प्रश्न 27.
क्रियात्मक समूह कीटोन का अनुलग्न क्या होता है?
उत्तर:
कीटोन (>C = O) का अनुलग्न ओन (one) होता है।
प्रश्न 28.
क्सीकारक किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ, जो दूसरे पदार्थ को ऑक्सीजन देने की क्षमता रखते हैं, अर्थात् जो दूसरे पदार्थ का ऑक्सीकरण करते हैं, उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।
प्रश्न 29.
उत्प्रेरक किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ, जो अभिक्रिया की दर (वेग) में परिवर्तन कर देते हैं लेकिन स्वयं उसमें भाग नहीं लेते, उन्हें उत्प्रेरक कहते हैं।
प्रश्न 30.
ऐल्कोहॉल कौनसे यौगिक को कहा जाता है?
उत्तर:
सामान्यतः एथेनॉल (C2H5OH) को ऐल्कोहॉल कहा जाता है। यह सभी ऐल्कोहॉली पेय पदार्थों का. महत्वपूर्ण अवयव होता है।
प्रश्न 31.
कार्बन की संयोजकता कितनी होती है?
उत्तर:
कार्बन 'चतुःसंयोजक' होता है क्योंकि इसमें चार संयोजकता इलेक्ट्रॉन होते हैं।
प्रश्न 32.
कार्बन अत्यंत मैत्रीपूर्ण तत्व क्यों कहलाता है?
उत्तर:
कार्बन अन्य कार्बन परमाणु के साथ - साथ हाइड्रोजन, हैलोजेन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा सल्फर के साथ आसानी से संहसंयोजी आबंध बनाता है इसलिए अत्यंत मैत्रीपूर्ण तत्व कहलाता है।
प्रश्न 33.
घरों में उपयोग में लाई जाने वाली गैस/केरोसीन के स्टोव में छिद्र क्यों होते हैं?
उत्तर:
घरों में प्रयुक्त गैस/केरोसीन के स्टोव में वायु के लिए छिद्र होते है जिनसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन - समृद्ध मिश्रण जलकर स्वच्छ नीली ज्वाला दे सके।
प्रश्न 34.
यदि संतृप्त हाइड्रोकार्बन का दहन सीमित वायु में किया जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
वायु की आपूर्ति को सीमित कर देने से अपूर्ण दहन होने पर संतृप्त हाइड्रोकार्बनों से भी कज्जली ज्वाला निकलेगी।
प्रश्न 35.
एथेनॉल के मुख्य उपयोग क्या हैं?
उत्तर:
एथेनॉल एक अच्छा विलायक है अतः इसका उपयोग टिंचर, आयोडीन, कफ सीरप, टॉनिक आदि जैसी औषधियों में होता है।
प्रश्न 36.
एसिटिक अम्ल की NaOH के साथ अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 37.
C4H9OH का IUPAC नाम क्या है?
उत्तर:
C4H9OH का IUPAC नाम ब्यूटेनॉल है।
प्रश्न 38.
शुद्ध एथेनॉइक अम्ल (ऐसीटिक अम्ल) को ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल क्यों कहते हैं?
उत्तर:
शुद्ध एथेनॉइक अम्ल का गलनांक 290 K होता है, इसलिए यह ठण्डी जलवायु में शीत के दिनों में जम जाता है। इसलिए इसे ग्लैशल ऐसीटिक अम्ल कहते हैं।
प्रश्न 39.
हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे कार्बनिक यौगिक जिनमें केवल कार्बन तथा हाइड्रोजन होते हैं, उन्हें हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
प्रश्न 40.
कार्बन श्रृंखलाएँ कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों में कार्बन शृंखलाएँ सीधी, शाखित या वलय के रूप में भी होती हैं। ये सभी यौगिक संतृप्त अथवा असंतृप्त हो सकते हैं।
प्रश्न 41.
सर्वप्रथम अमोनियम सायनेट से यूरिया का निर्माण कब एवं किसने किया था?
उत्तर:
1828 में 'फ्रेडरिक वोहलर' ने अमोनियम सायनेट से यूरिया का निर्माण किया था।
प्रश्न 42.
ऐल्केन, एल्कीन तथा एल्काइन किसे कहते हैं?
उत्तर:
संतृप्त हाइड्रोकार्बन्स को ऐल्केन (C - C) तथा (C = C) द्विआबन्ध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को एल्कीन एवं (C ≡ C) त्रिआबन्ध युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को एल्काइन कहते हैं।
प्रश्न 43.
कार्बन के यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं तथा इनका गलनांक एवं क्वथनांक कम होता है। क्यों?
उत्तर:
क्योंकि कार्बन यौगिकों में आयन नहीं होते तथा इनमें अणुओं के मध्य दुर्बल आकर्षण बल पाया जाता है।
प्रश्न 44.
CH4 मेथेन का क्या उपयोग है?
उत्तर:
CH4 ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है तथा यह बायो गैस एवं संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रमुख घटक है।
प्रश्न 45.
'संरचनात्मक समावयन' क्या होते हैं?
उत्तर:
समान आणविक सूत्र लेकिन विभिन्न संरचनाओं वाले यौगिक संरचनात्मक समावयन कहलाते हैं |
प्रश्न 46.
हाइड्रोकार्बन के दहन से निकलने वाली ज्वाला की प्रकृति किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
दहन किया जाने वाला हाइड्रोकार्बन यदि संतृत्प्त हाइड्रोकार्बन है तो स्वच्छ ज्वाला निकलेगी जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होने पर अत्यधिक काले धुएँ वाली पीली ज्वाला निकलेगी।
प्रश्न 47.
किसकी उपस्थिति के कारण कठोर जल में साबुन प्रभावी नहीं होता है?
उत्तर:
कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवणों के कारण।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ब्यूटेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर:
ब्यूटेन (C4H10) के दो समावयवी होते हैं
(i) n-ब्यूटेन (नार्मल ब्यूटेन)
(ii) आइसोब्यूटेन
प्रश्न 2.
एसिटिक अम्ल तथा एथिल एल्कोहल के सूत्र तथा प्रकार्यात्मक समूह लिखो।
उत्तर:
(i) एसिटिक अम्ल
प्रकार्यात्मक समूह = कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH)
(ii) एथिल एल्कोहॉल
प्रश्न 3.
साबुन और अपमार्जकों में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
साबुन और अपमार्जक में अन्तर-
साबुन (Soap) |
अपमार्जक (Detergent) |
1. साबुन लम्बी श्रृंखला वाले वसा अम्लों कार्बोक्सिलिक अम्ल के सोडियम एवं पोटैशियम लवण होते हैं। |
अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। |
2. साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाते हैं। |
अपमार्जक कठोर जल में भी प्रभावी बने रहते हैं अर्थात् झाग उत्पन्न करते हैं। |
3. साबुन को वनस्पति तेल या जंतु वसा से बनाया जाता है। |
संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रो कार्बन से बनते हैं। |
4. यह जल प्रदूषण नहीं फैलाते हैं। |
यह जल प्रदूषण फैलाते हैं। |
प्रश्न 4.
कार्बन अत्यधिक यौगिकों की रचना किस प्रकार से करता है? अथवा कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति के कारणों को समझाइए।
उत्तर:
कार्बन की सर्वतोमुखी प्रकृति के प्रमुख कारण निम्न हैं
(1) कार्बन की चतुःसंयोजकता:
कार्बन की संयोजकता चार होती है, अतः इसमें कार्बन के चार अन्य परमाणुओं अथवा कुछ अन्य एक संयोजक तत्त्वों के परमाणुओं के साथ आबंधन की क्षमता होती है। ऑक्सीजन हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं, फलस्वरूप ऐसे विशेष गुण वाले यौगिक बनते हैं जो अणु में कार्बन के अतिरिक्त उपस्थित तत्व पर निर्भर करते हैं।
(2) अधिकतर अन्य तत्वों के साथ कार्बन द्वारा बनाए गए आबंध अत्यंत प्रबल होते हैं जिनके फलस्वरूप ये यौगिक अतिशय रूप से स्थायी होते हैं।
(3) कार्बन का छोटा आकार:कार्बन द्वारा प्रबल आबंधों के निर्माण का एक कारण इसका छोटा आकार भी है। इसके कारण इलेक्ट्रॉन के सहभागी युग्मों को नाभिक मजबूती से पकड़े रहता है।
(4) शृंखलन:कार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की अद्वितीय क्षमता होती है जिससे बड़ी संख्या में अणु बनते हैं। इस गुण को श्रृंखलन (Catenation) कहते हैं।
प्रश्न 5.
एल्काइन क्या हैं? इनका सामान्य रासायनिक सूत्र लिखिए। सबसे सरल एल्काइन का नाम तथा इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखिए।
उत्तर:
(i) एल्काइन-कार्बन एवं हाइड्रोजन के संयोग से बने ऐसे असंतृप्त कार्बनिक यौगिक (हाइड्रोकार्बन), जिनमें एक या अधिक त्रिबन्ध होते हैं, एल्काइन कहलाते हैं।
(ii) इनका सामान्य रासायनिक सूत्र CnH2n-2 होता है।
(iii) इसका प्रथम सदस्य एथाइन है। इसमें कार्बन परमाणुओं के मध्य त्रिक आबंध उपस्थित होता है। इसकी संरचना निम्न प्रकार से है
प्रश्न 6.
कार्बन का क्या महत्त्व है? समझाइए।
उत्तर:
कार्बन का तत्व तथा संयुक्त अवस्था दोनों में ही बहुत महत्त्व होता है। कार्बन सर्वतोमुखी (Versatile) तत्व है। भोजन, कपड़े, दवाएँ, पुस्तकें आदि अनेक वस्तुएँ कार्बन पर आधारित होती हैं। इनके अतिरिक्त, सभी सजीव (मनुष्य आदि) संरचनाएँ भी कार्बन पर आधारित होती हैं | भूपर्पटी तथा वायुमण्डल में अल्प मात्रा में कार्बन उपस्थित है | भूपर्पटी में खनिजों जैसे कार्बोनेट (Co2-3), हाइड्रोजनकार्बोनेट, कोयला एवं पेट्रोलियम] के रूप में केवल 0.02% कार्बन उपस्थित है तथा वायुमण्डल में 0.03% कार्बन डाइऑक्साइड उपस्थित है। प्रकृति में इतनी अल्पमात्रा में कार्बन उपस्थित होने के बावजूद कार्बन का अत्यधिक महत्त्व है।
प्रश्न 7.
कार्बन के यौगिकों में सहसंयोजी बन्ध होता है, आयनिक क्यों नहीं? समझाइए।
उत्तर:
कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है (2, 4)। इसके बाह्यतम कोश में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं | बन्ध बनाते समय परमाणु में उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है। आयनिक बन्ध बनाने में बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉन का त्याग किया जाता है या इलेक्ट्रॉन प्राप्त किए जाते हैं। कार्बन के बाहरी कोश में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त करने के लिए इसको चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने या खोने की आवश्यकता होती है। यदि इन्हें इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त करना या खोना है तो
(i) यह चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर C4- ऋणायन बना सकता है। लेकिन छ: प्रोटॉन वाले नाभिक के लिए दस इलेक्ट्रॉन धारण करना मुश्किल है।
(ii) यह चार इलेक्ट्रॉन खो कर C4+ धनायन बना सकता है। लेकिन चार इलेक्ट्रॉनों को खो कर छ: प्रोटॉन वाले नाभिक में केवल दो इलेक्ट्रॉनों का धनायन बनाने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः कार्बन के यौगिक आयनिक नहीं होते तथा बन्ध बनाते समय कार्बन अन्य कार्बन परमाणु तथा अन्य तत्वों से संयोजकता इलेक्ट्रॉनों का साझा करके सहसंयोजी बन्ध बनाता है। इससे दोनों परमाणुओं में उत्कृष्ट गैस विन्यास प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न 8.
कोयले तथा पेट्रोलियम के निर्माण को समझाइए।
उत्तर:
कोयले तथा पेट्रोलियम का निर्माण जैव मात्रा से हुआ है जो विभिन्न जैविकीय तथा भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं पर निर्भर था। कोयला लाखों वर्ष पुराने वृक्षों, फर्न तथा अन्य पौधों का अवशेष है। संभवतः भूकंप अथवा ज्वालामुखी फटने के कारण ये धरती में चट्टानों की परतों के नीचे दब गए थे तथा धीरे-धीरे क्षय होकर ये कोयला बन गए। तेल तथा गैस लाखों वर्ष पुराने छोटे समुद्री पौधों तथा जीवों के अवशेष हैं। उनके मृत होने पर उनके शरीर समुद्र तल में डूब गए तथा गाद से ढ़क गए। उन मृत अवशेषों पर बैक्टीरिया के आक्रमण से प्रबल दाब के कारण तेल तथा गैस का निर्माण हुआ।
प्रश्न 9.
H2 तथा Cl2 अणु में सहसंयोजी बन्ध किस प्रकार बनता है? समझाइए।
उत्तर:
(i) H2:
हाइड्रोजन की परमाणु संख्या 1 है। अतः इसके K कोश में एक e है तथा K कोश को भरने के लिए इसको एक इलेक्ट्रॉन (e-) की आवश्यकता होती है। इसलिए हाइड्रोजन के दो परमाणु अपने इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी करके हाइड्रोजन का अणु, H2 बनाते हैं। परिणामस्वरूप हाइड्रोजन का प्रत्येक अणु अपने निकटतम उत्कृष्ट गैस,हीलियम के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को प्राप्त कर लेता है। इलेक्ट्रॉन के सहभागी युग्म H के दो परमाणुओं के बीच एक आबंध बनाता है।
(2) Cl2:
H2 की तरह Cl2 में भी एकल बन्ध होता है क्योंकि Cl का परमाणु क्रमांक 17 (2, 8, 7) है तथा एक इलेक्ट्रॉन की साझेदारी से बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं | (Ar के समान विन्यास)
प्रश्न 10.
O2 तथा N2 अणु में सहसंयोजी बन्ध किस प्रकार बनता है? समझाइए।
उत्तर:
ऑक्सीजन की परमाणु संख्या आठ है। अतः इसके परमाणु के L कोश में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा इसे अष्टक पूरा करने के लिए दो और इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत नाइट्रोजन की परमाणु संख्या 7 है। अतः इसे अष्टक पूरा करने के लिए तीन और इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार O2 में दो ऑक्सीजन परमाणुओं के मध्य दो-दो इलेक्ट्रॉनों का साझा होता है तथा N2 में दो नाइट्रोजन परमाणुओं के मध्य तीन - तीन इलेक्ट्रॉनों का साझा होकर क्रमशः द्विबन्ध एवं त्रिबन्ध बनकर उत्कृष्ट गैस के समान विन्यास प्राप्त होता है।
प्रश्न 11.
क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट व अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट 'ऑक्सीकारक' क्यों कहलाते हैं? समझाइए।
उत्तर:
क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट व अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट ऐल्कोहॉलों को अम्लों में ऑक्सीकृत कर देते हैं अर्थात् ये आरम्भिक पदार्थ में ऑक्सीजन जोड़ देते हैं इसलिए इनको ऑक्सीकारक कहते हैं |
प्रश्न 12.
'विषम परमाणु' किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कार्बन अन्य तत्वों, जैसे हैलोजेन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा सल्फर के साथ सह संयोजी आबंध बनाता है। हाइड्रोकार्बन श्रृंखला में ये तत्व एक या अधिक हाइड्रोजन को इस प्रकार प्रतिस्थापित करते हैं कि कार्बन की संयोजकता संतुष्ट रहती है। ऐसे यौगिकों में हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करने वाले तत्वों को विषम परमाणु कहते हैं। उदाहरण
प्रश्न 13.
CH4, NH3 तथा H2O में परमाणुओं का उत्कृष्ट गैस विन्यास किस प्रकार प्राप्त होता है? इसे इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना द्वारा दर्शाइए।
उत्तर:
(1) मेथेन (CH)
(2) NH3 (अमोनिया)
(3) H2O (जल)
इन अणुओं के बनने में C, N तथा O, Ne के समान विन्यास (2, 8) प्राप्त करते हैं तथा H (2), He के समान विन्यास प्राप्त करता है।
प्रश्न 14.
प्रकार्यात्मक समूह किसे कहते हैं? उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
प्रकार्यात्मक समूह (Functional Group):
वह विषम परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह, जो कार्बन यौगिकों को विशिष्ट गुण प्रदान करता है तथा क्रियाओं को सुनिश्चित करता है, प्रकार्यात्मक समूह कहलाता है। कार्बन यौगिकों में कुछ प्रकार्यात्मक समूह निम्न प्रकार से है
प्रकार्यात्मक समूह |
प्रकार्यात्मक समूह का सूत्र |
1. हैलो-(क्लोरों/ब्रोमो) |
- Cl, – Br (हाइड्रोजन परमाणु के प्रतिस्थापी) |
2. ऐल्कोहॉल |
-OH |
3. ऐल्डिहाइड |
|
4. कीटोन |
|
5. कार्बोक्सिलिक अम्ल |
इनमें एकल रेखाओं द्वारा समूह की मुक्त संयोजकता दर्शाई गई है, जिसके द्वारा यह हाइड्रोकार्बन से जुड़ता है।
प्रश्न 15.
कुछ विज्ञापनों में यह क्यों कहा जाता है कि वनस्पति तेल 'स्वास्थ्यवर्धक' होते हैं?
उत्तर:
साधारणतः जंतु वसा में संतृप्त वसा.अम्ल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं। जबकि वनस्पति तेलों में साधारणतः लंबी असंतृप्त. कार्बन शृंखलाएँ होती हैं इसलिए इन्हें स्वास्थ्यवर्धक कहा जाता है।
प्रश्न 16.
समजातीय श्रेणी में भौतिक गुणों में क्रमबद्धता होती है, क्यों?
उत्तर:
किसी समजातीय श्रेणी में कार्बन बढ़ने पर आणविक द्रव्यमान बढ़ता है तो भौतिक गुणों में क्रमबद्धता दिखाई देती है क्योंकि आणविक द्रव्यमान बढ़ने पर गलनांक और क्वथनांक में वृद्धि होती है। चूंकि भौतिक गुण आणविक द्रव्यमान पर निर्भर करते हैं, इसलिए भौतिक गुणधर्मों में भी क्रमबद्धता दिखाई देती है।
प्रश्न 17.
सूत्रों तथा आणविक द्रव्यमानों में अन्तर की गणना कीजिए
(a) (i) CH3OH तथा C2H5OH
(ii) C2H5OH तथा C3H7OH एवं
(iii) C3H7OH तथा C4H9OH
(b) क्या इन तीनों में कोई समानता है?
(c) एक परिवार तैयार करने के लिए इन ऐल्कोहॉलों को कार्बन परमाणुओं के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए। क्या इनको एक समजातीय श्रेणी का परिवार कहा जा सकता है?
उत्तर:
(a) इनके सूत्रों में > CH2 का अन्तर है अतः आणविक द्रव्यमान में 14 का अन्तर है।
(b) तीनों समूह एक ही समजातीय श्रेणी के हैं क्योंकि इनमें एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह (-OH) कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करता है।
(c)
ये एक ही समजातीय श्रेणी (परिवार) के सदस्य हैं जो ऐल्कोहॉल श्रेणी है।
प्रश्न 18.
ऐल्केन, ऐल्कीन तथा ऐल्काइन को परिभाषित करते हुए इनके रासायनिक सूत्र लिखिए।
उत्तर:
(i) ऐल्केन - कार्बन तथा हाइड्रोजन से बने कार्बनिक यौगिक, जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य एकल आबंध पाया जाता है, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं | यह संतृप्त हाइड्रोकार्बन ही ‘ऐल्केन' कहलाते हैं | ऐल्केन का रासायनिक सूत्र = CnH2n+2 (n = 2, 3, 4.....)
(ii) ऐल्कीन-कार्बन एवं हाइड्रोजन के संयोग से बने ऐसे असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, जिनमें एक या अधिक दोहरे आबंध होते हैं, ऐल्कीन कहलाते हैं। ऐल्कीनों का रासायनिक सूत्र = CnH2n (n = 2, 3, 4.....)
(iii) ऐल्काइन-कार्बन एवं हाइड्रोजन के संयोग से बने एक या अधिक त्रि-आबन्ध वाले असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ऐल्काइन कहलाते हैं। ऐल्काइनों का रासायनिक सूत्र = CnH2n-2 (n = 2, 3, 4.....)
प्रश्न 19.
अँगीठी में जलने वाला कोयला लाल रंग के समान उज्ज्वल होता है तथा बिना ज्वाला के ऊष्मा देता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि केवल गैसीय पदार्थों के जलने पर ही ज्वाला उत्पन्न होती है। लकड़ी को जलाने पर उपस्थित वाष्पशील पदार्थ वाष्पीकृत हो जाते हैं जिससे कोयले में ऐसे पदार्थों की कमी हो जाती है और वे बिना ज्वाला के ऊष्मा देने लगते हैं।
प्रश्न 20.
(a) दो ऐल्केनों में कार्बन परमाणुओं की संख्या क्रमशः 4 व 6 है तो कमरे के ताप पर इनकी भौतिक अवस्था क्या होगी?
(b) CnH2n-2 सामान्य सूत्र वाली सजातीय श्रेणी के तीसरे तथा पाँचवें सदस्य का सूत्र तथा नाम लिखिए।
उत्तर:
(a) 4 कार्बन का ऐल्केन ब्यूटेन होता है जो कि कमरे के ताप पर गैस होता है जबकि 6 कार्बन का ऐल्केन हेक्सेन है जो कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) CnH2n-2 सामान्य सूत्र एल्काइन श्रेणी का है, इसमें n = 2 से प्रारम्भ होता है। अतः इस श्रेणी के तीसरे सदस्य के लिए n = 4 एवं पाँचवें सदस्य के लिए n = 6 होगा। अतः तीसरा सदस्य ब्यूटाइन (C4H6) तथा पाँचवां सदस्य हेक्साइन (C6H10) होगा।
प्रश्न 21.
एक कार्बनिक यौगिक A जिसका अणुसूत्र C2H6O है ऑक्सीकरण करने पर अम्ल B देता है, जिसमें कार्बन परमाणुओं की संख्या A के समान है। यौगिक A डॉक्टरों द्वारा त्वचा के निर्जीवाणुकरण में प्रयुक्त किया जाता है तो यौगिक A तथा B का नाम क्या है तथा A से B के बनने की अभिक्रिया भी लिखिए।
उत्तर:
अतः B कार्बनिक अम्ल है जिसमें दो कार्बन हैं तथा B में -COOH समूह भी होगा । अतः B, CH3COOH होगा। एक कार्बोक्सिलिक अम्ल ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से प्राप्त हो जाता है तथा ऐल्कोहॉल को त्वचा के निर्जीवाणुकरण (Sterilisation) में प्रयुक्त किया जाता है अतः यौगिक A(C2H6O) एक ऐल्कोहॉल है तथा रासायनिक समीकरण निम्न प्रकार से है -
प्रश्न 22.
'विकृत ऐल्कोहॉल' किसे कहते हैं?
अथवा
ऐल्कोहॉल के विकृतिकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
औद्योगिक उपयोग के लिए तैयार एथनॉल का दुरुपयोग रोकने के लिए इसमें मेथेनॉल जैसा जहरीला पदार्थ मिला दिया जाता है जिससे यह पीने योग्य न रह जाए। ऐसे ऐल्कोहॉल की पहचान के लिए इसमें रंजक मिलाकर इसका रंग नीला बना दिया जाता है। ऐसे ऐल्कोहॉल को विकृत ऐल्कोहॉल कहते हैं।
प्रश्न 23.
तीन संतृप्त हाइड्रोकार्बन A, B तथा C के क्वथनांक क्रमशः - 162°C, -42.2°C तथा -0.5°C हैं। निम्न में से किस हाइड्रोकार्बन में कार्बन परमाणुओं की संख्या सबसे अधिक होगी?
उत्तर:
यौगिक C में कार्बन परमाणुओं की संख्या सबसे अधिक होगी, क्योंकि इसका क्वथनांक सबसे अधिक है तथा हम जानते हैं कि कार्बन की संख्या बढ़ने पर अणुभार बढ़ता है, जिससे अणुओं के मध्य आकर्षण बल बढ़ता है। परिणामस्वरूप क्वथनांक तथा गलनांक में वृद्धि होती है।
प्रश्न 24.
CH3COOH (एसिटिक अम्ल) के अम्लीय गुण को दर्शाने वाले दो परीक्षण लिखिए।
उत्तर:
एसिटिक अम्ल के अम्लीय गुण को दर्शाने के लिए निम्न परीक्षण किए जाते हैं -
(1) लिटमस परीक्षण-नीले लिटमस पत्र पर एसिटिक अम्ल की कुछ बूंदें डालने पर वह लाल हो जाता है, इससे इसके अम्लीय गुण की पुष्टि होती है।
(2) सोडियम बाइकार्बोनेट परीक्षण-एसिटिक अम्ल में सोडियम बाइकार्बोनेट का विलयन डालने पर CO2 गैस बुदबुदाहट के साथ निकलती है। इससे पुनः एसिटिक अम्ल के अम्लीय गुण की पुष्टि होती है।
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa +H2O+CO2 ↑
प्रश्न 25.
एक उदासीन कार्बनिक यौगिक A, जिसका अणुसूत्र C2H6O है, का पोटैशियम डाइक्रोमेट तथा सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा ऑक्सीकरण करने पर अम्लीय यौगिक B बनता है। B की क्रिया पुन: A से गर्म व सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में करवाने पर मीठा गंध युक्त यौगिक बनता है। A, B तथा C को पहचानिए तथा क्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
B एक अम्लीय यौगिक है जो कि A के साथ मीठा गंध युक्त यौगिक C बनाता है अतः C एक एस्टर होना चाहिए तथा A एक ऐल्कोहॉल होगा अतः
A = C2H5OH एथेनॉल
B= CH3COOH एथेनॉइक अम्ल
C = CH3 COOC2H5 एथिल एथेनॉइट
अभिक्रियाएँ निम्न प्रकार से होंगी -
प्रश्न 26.
(a) निम्न सूत्र वाले यौगिक किस सजातीय श्रेणी के हैं?
(i) C2H5 - NH2 (ii) CH3COCH3
(b) ऐल्डिहाइड तथा कीटोन के अणुओं में संरचनात्मक भिन्नता क्या है?
उत्तर:
(a)
(i) यौगिक एमीन श्रेणी का है जिसका क्रियात्मक समूह -NH2 है।
(ii) यौगिक कीटोन श्रेणी का है।
(b) ऐल्डिहाइड के अणु में क्रियात्मक समूह -CHO होता है जबकि कीटोन में क्रियात्मक समूह >C =O होता है। एल्डिहाइड में >C = O कार्बोनिल समूह की मुक्त संयोजकताएँ एक H तथा एक ऐल्किल समूह द्वारा संतुष्ट होती हैं जबकि कीटोन में >C = O समूह की दोनों संयोजकताएँ ऐल्किल समूह द्वारा संतुष्ट होती हैं।
प्रश्न 27.
(a) एथेनॉल जल में विलेय है या नहीं?
(b) एथेनॉल की गर्म व सान्द्र H2SO4 से क्रिया कराने पर क्या होगा?
उत्तर:
(a) एथेनॉल कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होता है। यह जल में विलेय होता है। एथेनॉल को किसी भी अनुपात में जल में मिलाया जा सकता है।
(b) एथेनॉल की क्रिया गर्म व सान्द्र H2SO4 से कराने पर इसका निर्जलीकरण होकर एथीन बनती है।
इस अभिक्रिया में सान्द्र H2SO4 निर्जलीकारक का कार्य करता है जो एथेनॉल से जल को पृथक कर देता है।
प्रश्न 28.
'एस्टरीकरण' किसे कहते हैं? समझाइए।
उत्तर:
एस्टर मुख्य रूप से अम्ल एवं ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से निर्मित होते हैं | एथेनॉइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में परिशुद्ध एथनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर बनाते हैं। इसे एस्टरीकरण कहते हैं।
प्रश्न 29.
'साबुनीकरण' किसे कहते हैं? इसकी क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
जब एस्टर की अभिक्रिया सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) से करवायी जाती है तो ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल का सोडियम लवण बनता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।
इस अभिक्रिया का उपयोग साबुन तैयार करने में किया जाता है क्योंकि साबुन दीर्घ श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम लवण होते हैं। .
प्रश्न 30.
सजीव प्राणियों पर एथेनॉल तथा मेथेनॉल का क्या प्रभाव पड़ता है? समझाइए।
उत्तर:
सजीव प्राणियों पर एथेनॉल (C2H5OH) तथा मेथेनॉल (CH3OH) का प्रभाव-जब अधिक मात्रा में एथेनॉल का सेवन किया जाता है तो इससे उपापचयी क्रिया धीमी हो जाती है तथा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है। इसके कारण समन्वय की कमी, मानसिक दुविधा, नींद आना, सामान्य बोध का कम हो जाना एवं भावशून्यता आती है। यद्यपि व्यक्ति राहत महसूस करता है लेकिन उसे पता नहीं चलता कि उसके सोचने, समझने की क्षमता तथा मांसपेशी बुरी तरह प्रभावित हो गई है। एथेनॉल के विपरीत मेथेनॉल की थोड़ी-सी मात्रा लेने से मृत्यु हो सकती है। यकृत में मेथेनॉल ऑक्सीकृत होकर मेथेनैल बन जाता है। मेथेनैल यकृत की कोशिकाओं के घटकों के साथ शीघ्र अभिक्रिया करने लगता है। इससे प्रोटोप्लाज्म स्कंदित हो जाता है। मेथेनैल नेत्र की तंत्रिका को भी प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति अंधा हो सकता है।
प्रश्न 31.
ईंधन के रूप में ऐल्कोहॉल का उपयोग बताइए।
उत्तर:
ईंधन के रूप में ऐल्कोहॉल का उपयोग-गन्ना सूर्य के प्रकाश को रासायनिक ऊर्जा में बदलने में सक्षम होता है। गन्ने का रस मोलेसेस (शीरा) बनाने के उपयोग में लाया जाता है, जिसका किण्वन करके ऐल्कोहॉल (एथेनॉल) तैयार किया जाता है। कुछ देशों में ऐल्कोहॉल में पेट्रोल मिलाकर उसे स्वच्छ ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह ईंधन पर्याप्त ऑक्सीजन होने पर केवल कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल उत्पन्न करता है।
प्रश्न 32.
अपमार्जक का प्रयोग कठोर जल में भी किया जा सकता है। क्यों?
उत्तर:
अपमार्जक (detergent) लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। इन यौगिकों का आवेशित सिरा कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ नहीं बनाते हैं । इस प्रकार ये कठोर जल में भी सफाई में प्रयुक्त हो सकते हैं। अपमार्जकों का उपयोग सामान्यतः शैम्पू तथा कपड़े धोने के उत्पाद बनाने में किया जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
(अ) बेन्जीन का अणुसूत्र लिखिए।
(ब) बेन्जीन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित त्रिबन्धों की संख्या लिखिए।
(स) निम्नलिखित में से एथेन कौनसी है? इसमें उपस्थित सहसंयोजक बन्धों की संख्या लिखिए -
(i) C2H2 (ii) C2H4 (iii) C2H6
उत्तर:
(अ) बेन्जीन का अणुसूत्र - C6H6 होता है।
(ब) बेन्जीन का संरचना सूत्र -
बेन्जीन में उपस्थित त्रिबन्धों की संख्या शून्य होती है।
(स) C2H6 (एथेन)
एथेन में सहसंयोजक बन्धों की संख्या 7 होती है।
प्रश्न 2.
(अ) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र लिखिए।
(ब) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र बनाइए तथा इसमें उपस्थित सहसंयोजक बंधों की संख्या लिखिए।
(स) निम्नलिखित में ऐथीन कौनसी है? इसमें उपस्थित द्विबन्ध की संख्या लिखिए:
(i) C2H2 (ii) C2H4 (iii) C2H6
उत्तर:
(अ) साइक्लोहेक्सेन का अणुसूत्र C6H12 होता है।
(ब) साइक्लोहेक्सेन का संरचना सूत्र -
साइक्लोहैक्सेन में 18 एकल सहसंयोजक बंध उपस्थित हैं।
(स) C2H4 (ऐथीन)
ऐथीन में उपस्थित द्विबन्धों की संख्या एक होती है।
प्रश्न 3.
(अ) ऐल्केन, ऐल्कीन, एल्काइन को परिभाषित कीजिए।
(ब) प्रत्येक श्रेणी के सामान्य सूत्र लिखिए।
(स) प्रत्येक श्रेणी के चार सदस्यों का नाम एवं सूत्र दीजिए।
उत्तर:
(अ) कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एक आबंध से जुडे हाइड्रोकार्बन के यौगिक ‘ऐल्केन' कहलाते हैं। ऐसे हाइड्रोकार्बन जिनमें कार्बन - कार्बन के मध्य एक या अधिक दोहरे आबंध होते हैं, 'ऐल्कीन' कहलाते हैं। जबकि एक या अधिक त्रि-आबंध वाले ऐल्काइन कहलाते हैं।
(ब) सामान्य सूत्र:
ऐल्केन = CnH2n-2
ऐल्कीन = CnH2n
ऐल्काइन = CnH2n-2 (n = 2, 3, 4........)
(स) ऐल्केन श्रेणी के सदस्य -
(i) ऐथेन = C2H6
(ii) प्रोपेन = C3H8
(iii) ब्यूटेन = C4H10
(iv) पेन्टेन = C5H12
ऐल्काइन श्रेणी के सदस्य -
(i) ऐथीन = C2H4
(ii) प्रोपीन = C3H6
(iii) ब्यूटीन = C4H8
(iv) पेन्टीन = C5H10
ऐल्केन श्रेणी के सदस्य-
(i) ऐथाइन = C2H2
(ii) प्रोपाइन = C3H6
(iii) ब्यूटाइन = C4H6
(iv) पेन्टाइन = C5H8
प्रश्न 4.
निम्न कार्बनिक यौगिकों का संरचना सूत्र दीजिए एवं इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए।
(अ) मेथेन व एथेन।
(ब) ऐथीन व प्रोपीन।
(स) ऐथाइन व प्रोपाइन।
उत्तर:
(अ) मेथेन -
संरचना सूत्र = CH4
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
संरचना सूत्र = C2H6
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
(ब) ऐथीन
संरचना सूत्र = C2H4
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
प्रोपीन-
संरचना सूत्र = C3H6
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
(स) ऐथाइन
संरचना सूत्र = C2H2
H - C ≡ C - H
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना -
प्रोपाइन -
संरचना सूत्र = C3H4
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
प्रश्न 5.
कार्बन के विभिन्न अपररूप कौनसे होते हैं? इनके गुण, संरचना तथा उपयोग क्या हैं?
उत्तर:
प्रकृति में कार्बन तत्व विभिन्न भौतिक गुणों के साथ विभिन्न रूपों में पाया जाता है। कार्बन के परमाणुओं के परस्पर आबंधन के तरीकों में इनमें अन्तर होता है।
कार्बन के विभिन्न अपररूप निम्न प्रकार से हैं
(i) हीरा:
हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबंधित होता है, जिससे एक दृढ़ त्रिआयामी संरचना बनती है। हीरा अब तक ज्ञात सर्वाधिक कठोर पदार्थ है।
(ii) ग्रेफाइट:
इसमें कार्बन के प्रत्येक परमाणु का आबंध कार्बन के तीन अन्य परमाणुओं के साथ एक ही तल पर होता है, जिससे षट्कोणीय संरचना बनती है। इनमें से एक आबंध द्विआबंधी होता है, जिसके कारण कार्बन की संयोजकता पूर्ण होती है। ग्रेफाइट की संरचना में षट्कोणीय तल एक-दूसरे के ऊपर व्यवस्थित होते हैं। षट्कोणीय संरचना के कारण इसमें कार्बन परमाणुओं के बीच की दूरी अधिक होती है। परतों के मध्य इस दूरी के कारण विपरीत परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बन्धों के बनने की सम्भावना समाप्त हो जाती है और चौथा संयोजक इलेक्ट्रॉन स्वतन्त्र छूट जाता है। इस कारण ग्रेफाइट में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह आसानी से हो जाता है और ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक बन जाता है। ग्रेफाइट चिकना तथा फिसलनशील भी होता है।
(iii) शुद्ध कार्बन को अत्यधिक उच्च दाब एवं ताप पर उपचारित करके हीरे को संश्लेषित किया जा सकता है। ये संश्लिष्ट हीरे आकार में छोटे होते हैं, लेकिन ये प्राकृतिक हीरों से अभेदनीय होते हैं।
(iv) फुलेरीन कार्बन अपररूप का अन्य वर्ग है। सबसे पहले C-60 की पहचान की गई जिसमें कार्बन के परमाणु फुटबॉल के रूप में व्यवस्थित होते हैं।
प्रश्न 6.
संतृप्त हाइड्रोकार्बन किसे कहते हैं? इस श्रेणी का विशेष नाम बताइए तथा इस श्रेणी के प्रथम छ: सदस्यों की संरचना लिखिए।
उत्तर:
संतृप्त हाइड्रोकार्बन-कार्बन तथा हाइड्रोजन से बने कार्बनिक यौगिक, जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य एकल आबन्ध पाया जाता है, उन्हें संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
ऐसे संतृप्त हाइड्रोकार्बन ऐल्केन कहलाते हैं। इनका सामान्य रासायनिक सूत्र CnH2n+2 होता है, जहाँ n = 2, 3, 4..... है। इनमें बन्ध प्रबल होता है अतः इनकी क्रियाशीलता बहुत कम होती है।
ऐल्केन श्रेणी के प्रथम छ: सदस्य मेथेन, एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन, पेन्टेन तथा हेक्सेन हैं, जिनकी संरचना अग्र प्रकार -
प्रश्न 7.
समावयवता किसे कहते हैं? उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
समावयवता-वे यौगिक, जिनके अणुसूत्र समान हों, लेकिन उनके गुणों में भिन्नता होती है, तो उन्हें एक-. दूसरे के समावयवी कहते हैं तथा उनका यह गुण समावयवता कहलाता है। समान आणविक सूत्र लेकिन विभिन्न संरचनाओं वाले यौगिक संरचनात्मक समावयन कहलाते हैं। उदाहरण के के लिए यदि हम चार कार्बन परमाणुओं से कार्बन संरचनाएँ बनाएँ तो ये दो प्रकार से बन सकती हैं -
C-C-C- C एवं
शेष संयोजकता की जगह हाइड्रोजन भरने से प्राप्त संरचनाएँ निम्न प्रकार की होती हैं -
एवं
इस प्रकार दोनों संरचनाओं में एक ही सूत्र C4H10 है, जो कि ब्यूटेन का है। अतः समान आणविक सूत्र लेकिन विभिन्न संरचनाओं वाले इस प्रकार के यौगिक संरचनात्मक समावयवन कहलाते हैं।
प्रश्न 8.
कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की विधि को समझाइए।
उत्तर:
किसी समजातीय श्रेणी के यौगिकों के नामों का आधार बेसिक कार्बन की उन मूल श्रृंखलाओं पर आधारित होता है, जिनको प्रकार्यात्मक समूह की प्रकृति के अनुसार ‘पूर्वलग्न्’, ‘उपसर्ग' या 'अनुलग्न', 'प्रत्यय' के द्वारा संशोधित किया गया हो।
कार्बन की संख्या के आधार पर निम्न नाम दिए गए हैं-
एक कार्बन = मेथ
चार कार्बन = ब्यूट
दो कार्बन = एथ
पाँच कार्बन = पेन्ट
तीन कार्बन = प्रोप
छकार्बन = हेक्स आदि ।
निम्न नियमों के द्वारा किसी कार्बनिक यौगिक का नामकरण किया जा सकता है -
(1) यौगिक में कार्बन परमाणुओं की संख्या ज्ञात करते हैं। तीन कार्बन परमाणु वाले यौगिक का नाम प्रोपेन तथा चार कार्बन वाले का ब्यूटेन होगा।
(2) प्रकार्यात्मक समूह की उपस्थिति में इसको पूर्वलग्न अथवा अनुलग्न के साथ यौगिक के नाम में दर्शाया जाता है (सारणी के अनुसार)।
(3) जब प्रकार्यात्मक समूह का नाम पूर्वलग्न के आधार पर दिया जाता है तथा यदि प्रकार्यात्मक समूह के अनुलग्न नाम स्वर a,e, i, 0, u से प्रारम्भ होता हो तो कार्बन श्रृंखला के नाम से अंत का ‘e' हटाकर, उसमें अनुलग्न लगाकर परिवर्तित करते हैं। जैसे-कीटोन समूह की तीन कार्बन वाली श्रृंखला को निम्न विधि से नाम देंगे
Propane-e' = propan + 'one' = propanone (प्रोपेनोन)
(4) असंतृप्त कार्बन श्रृंखला में कार्बन श्रृंखला के नाम में दिए गए अंतिम ‘ane' को C = C या C ≡ C के अनुसार 'ene' या 'yne' से प्रतिस्थापित करते हैं। जैसे, द्विआबंध वाली तीन कार्बन की श्रृंखला प्रोपीन होगी तथा त्रि-आबंध होने पर यह प्रोपाइन (propyne) कहलाएगी।
कार्बनिक यौगिकों की नामपद्धति :
यौगिकों का प्रकार |
पूर्वलग्न/अनुलग्न |
उदाहरण |
1. हैलोजेन |
पूर्वलग्न फ्लुओरो क्लोरो, ब्रोमो आयोडो आदि |
|
2. ऐल्कोहॉल |
अनुलग्न - ol |
CH3 - CH2 - CH2 - OH प्रोपेनॉल |
3. ऐल्डिहाइड |
अनुलग्न - al |
CH3 - CH2 - CHO प्रोपेनैल |
4. कीटोन |
अनुलग्न - one |
|
5. कार्बोक्सिलिक अम्ल |
अनुलग्न - oic acid |
CH3 - CH2 - COOH प्रोपेनॉइक अम्ल |
6. द्विआबंध (ऐल्कीन) |
अनुलग्न - ene |
CH3 - CH = CH2 प्रोपीन |
7. त्रिआबंध (ऐल्काइन) |
अनुलग्न - yne |
CH3 - C ≡ CH प्रोपाइन |
प्रश्न 9.
एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म बताइए तथा इसकी निम्न अभिक्रियाओं को समझाइए
(a) एस्टरीकरण
(b) क्षारक के साथ अभिक्रिया
(c) सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया।
उत्तर:
एथेनॉइक अम्ल के गुणधर्म:
एसिटिक अम्ल की अभिक्रियाएँ -
(a) एस्टरीकरण अभिक्रिया- एस्टर मुख्यतः अम्ल एवं ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया से बनते हैं। अतः ऐल्कोहॉल तथा कार्बोक्सिलिक अम्ल की परस्पर अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त जो यौगिक बनता है, उसे एस्टर कहते हैं तथा यह अभिक्रिया एस्टरीकरण कहलाती है।
(b) क्षारक के साथ अभिक्रिया-एथेनॉइक अम्ल सोडियम हाइड्रॉक्सॉइड जैसे क्षारक से अभिक्रिया करके लवण (सोडियम एथेनोएट या सोडियम ऐसीटेट) तथा जल बनाता है।
NaOH + CH3COOH → CH3COONa+H2O
(c) सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया-एथेनॉइक अम्ल सोडियम कार्बोनेट एवं सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके लवण, कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल बनाता है। इस अभिक्रिया में सोडियम ऐसीटेट (सोडियम एथेनॉइट) लवण बनता है।
प्रश्न 10.
कार्बन यौगिकों के रासायनिक गुणधर्म लिखिए।
उत्तर:
कार्बन यौगिकों के प्रमुख रासायनिक गुणधर्म निम्न प्रकार से हैं -
(i) दहन-कार्बन अपने सभी अपररूपों में ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन करता है और ऊष्मा तथा प्रकाश के साथ CO2 उत्पन्न करता है। उदाहरण के लिए:
C+ O2 → CO2 + ऊष्मा एवं प्रकाश
C2H5OH + O2 → 2CO2 + 3H2O + ऊष्मा एवं प्रकाश
संतृप्त हाइड्रोकार्बन स्वच्छ ज्वाला के साथ जलते हैं जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिक काले धुएँ वाली पीली ज्वाला उत्पन्न करते हैं।
(ii) ऑक्सीकरण - कार्बन यौगिकों को दहन के द्वारा सरलता से ऑक्सीकृत किया जा सकता है। पूर्ण ऑक्सीकरण के अतिरिक्त ऐसी अभिक्रियाएँ भी होती हैं, जिनमें ऐल्कोहॉल को कार्बोक्सिलिक अम्ल में बदला जा सकता है। जैसे
(iii) संकलन अभिक्रिया-इस अभिक्रिया में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन को पैलेडियम अथवा निकिल जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में जोड़कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाते हैं। निकैल उत्प्रेरक का उपयोग करके साधारणतः वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण में इस अभिक्रिया का उपयोग होता है।
(iv) प्रतिस्थापन अभिक्रिया:
संतृप्त हाइड्रोकार्बन अत्यधिक अनभिक्रमित होते हैं तथा अधिकांश अभिकर्मकों की उपस्थिति में अक्रिय होते हैं। परन्तु सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन का हाइड्रोकार्बन में संकलन होता है। क्लोरीन एक-एक करके हाइड्रोजन के परमाणुओं का प्रतिस्थापन करती है। इसको प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं क्योंकि एक प्रकार का परमाणु अथवा परमाणुओं के समूह दूसरे का स्थान लेते हैं । साधारणतः उच्च समजातीय ऐल्केन के साथ अनेक उत्पादों का निर्माण होता है -
प्रश्न 11.
एथनॉल के गुणधर्म लिखिए। इसकी निम्न के साथ अभिक्रियाओं को समझाइए -
(i) सोडियम
(ii) सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल
(iii) पोटैशियम परमैंगनेट।
उत्तर:
एथनॉल के भौतिक गुण-एथनॉल के भौतिक गुण निम्न प्रकार से हैं
एथनॉल के रासायनिक गुण
(i) सोडियम के साथ अभिक्रिया-एथनॉल सोडियम से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस एवं सोडियम एयॉक्साइड बनाता है।
(ii) सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया: 43 K तापमान पर एथनॉल को आधिक्य सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर एथनॉल का निर्जलीकरण होकर एथीन बनता है।
इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में काम करता है, जो एथनॉल से जल को अलग कर देता है।
(iii) पोटैशियम परमैंगनेट के साथ अभिक्रिया-पोटैशियम परमैंगनेट (KMnOA) एथनॉल को एथनॉइक अम्ल में ऑक्सीकृत कर देता है।
प्रश्न 12.
निम्न यौगिकों में एकल, द्वि एवं त्रि - आबंधों की संख्या की गणना कीजिए
(अ) बेन्जीन
(ब) प्रोपेनॉइक अम्ल
(स) प्रोपाइन
(द) एथनॉल।
उत्तर:
(अ) बेन्जीन-(C6H6)
एकल आबंध =9
द्वि आबंध = 3
त्रि आबंध =0
(ब) प्रोपेनॉइक अम्ल- (CH3CH2COOH)
एकल आबंध =9
द्वि आबंध = 1
त्रि आबंध =0
(स) प्रोपाइन- (C3H4)
एकल आबंध = 5
द्वि आबंध = 0
त्रि आबंध =1
(द) एथनॉल- (CH3CH2OH)
एकल आबंध =8
द्वि आबंध = 0
त्रि आबंध =0
प्रश्न 13.
(अ) एथेनॉल के निर्जलीकरण का समीकरण लिखिए तथा निर्जलीकारक का नाम लिखिए।
(ब) निम्न, यौगिकों की सही श्रेणी पहचानिए -
यौगिक |
श्रेणी |
(i) एथेन |
(a) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन |
(ii) बेन्जीन |
(b) लम्बी श्रृंखला वाले संतृप्त हाइड्रो कार्बन |
(iii) हेक्सेन |
(c) विषम परमाणु युक्त हाइड्रो कार्बन |
(iv) मेथिल ऐल्कोहॉल |
(d) संतृप्त हाइड्रो कार्बन |
उत्तर:
(अ) एथेनॉल के निर्जलीकरण का समीकरण -
यहाँ सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक का कार्य करता है।
(ब) (i) एथेन (d)
(ii) बेन्जीन (a)
(iii) हेक्सेन (b)
(iv) मेथिल एल्कोहॉल (c)