These comprehensive RBSE Class 10 Maths Notes Chapter 3 दो चरों वाले रखिक समीकरण का युग्म will give a brief overview of all the concepts.
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→ वह समीकरण जिसको ax2 + by + c = 0 के रूप में रखा जा सकता है, जहाँ a, b और c वास्तविक संख्याएँ हैं और a तथा b दोनों शून्य नहीं हैं, दो चरों x और y में एक रैखिक समीकरण कहलाता है। प्रतिबन्ध a और b दोनों शून्य नहीं हैं, को हम प्रायः a2 + b2 + 0 से प्रदर्शित करते हैं।
→ समीकरण का प्रत्येक हल उसको निरूपित करने वाली रेखा पर स्थित एक बिन्दु होता है।
→ दो चरों में दो रैखिक समीकरण एक रैखिक समीकरणों का युग्म कहलाता है। दो चरों x और y में रैखिक समीकरण युग्म का व्यापक रूप
a1x + b1y + c1 = 0
और a2x + b2y + c2 = 0 है।
जहाँ a1, a2, b1, b2, c1, तथा c2, ऐसी वास्तविक संख्याएँ हैं कि a12 + b12 ≠ 0, a22 + b22 ≠ 0 है।
→ एक रैखिक समीकरण युग्म को निम्नांकित रूप में निरूपित किया जा सकता है तथा हल किया जा सकता
→ ग्राफीय विधि - दो चरों में एक रैखिक समीकरण युग्म का ग्राफ दो रेखाएँ निरूपित करता है जो निम्नलिखित गुण प्रदर्शित करती हैं।
→ बीजगणितीय विधि - हम एक रैखिक समीकरण युग्म के हल ज्ञात करने की निम्नांकित विधियों को जानते हैं
माना समीकरण
a1x + b1y + c1 = 0
तथा a2x + b2y + c2 = 0 है।
\(\frac{x}{b_{1} c_{2}-c_{1} b_{2}}=\frac{y}{c_{1} a_{2}-a_{1} c_{2}}=\frac{1}{a_{1} b_{2}-b_{1} a_{2}}\)
संजीव पास बुक्स उपर्युक्त को सारणिक रूप में निम्न प्रकार से लिख सकते हैं
इस आरेख के अनुसार नीचे की तरफ तीर वाली (1) संख्याओं के गुणनफल में से ऊपर की ओर तीर वाली (1) संख्याओं के गुणनफल को घटाकर लिखा जा सकता है।
→ यदि दिए गए रैखिक समीकरण a1x + b1y + c1 = 0 और a2x + b2y + c2 = 0 एक रैखिक समीकरण को प्रदर्शित करते हैं, तो निम्न स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं
→ अनेक स्थितियाँ होती हैं जिन्हें गणितीय रूप में ऐसी दो समीकरणों से प्रदर्शित किया जा सकता है जो प्रारम्भ में रैखिक नहीं हों, परन्तु हम उन्हें परिवर्तित कर एक रैखिक समीकरण युग्म में बदल सकते हैं।
→ युगपत रैखिक समीकरणों के अनुप्रयोग -
→ युगपत समीकरण का लेखाचित्र द्वारा हल ग्राफ - यह एक आकृति होती है जो कि ग्राफ पेपर पर बिन्दुओं के समुच्चय के रूप में रेखाओं और वक्रों को प्रदर्शित करती है जिससे दो चर राशियों के बीच सम्बन्ध ज्ञात होता है।
एक दिये हुए सम्बन्ध (चर राशियों के मध्य) का ग्राफ चित्रित करने के लिए सर्वप्रथम एक ग्राफ पेपर पर बीचों-बीच Xox' अक्ष पर और YoY' अक्ष पर गहरी आड़ी रेखा और खड़ी रेखा खींचते हैं।
इस प्रकार इन दो रेखाओं के खींचने से ग्राफ पेपर चार खानों में X': Y, विभक्त हो जाता है जिन्हें क्रमशः I, II, III, IV पाद कहते हैं। प्रथम पाद में वे सभी निर्देशांक आते हैं जो कि दोनों ही (+, +) होते हैं, II पाद में X के ऋणात्मक और Y के धनात्मक निर्देशांक चित्रित होते हैं, III-पाद III पाद में दोनों ही ऋणात्मक निर्देशांक स्थान लेते हैं और IV पाद में X के धनात्मक और Y के ऋणात्मक मान वाले निर्देशांक स्थान पाते हैं।
रेखाएँ XOX' और YOY' जहाँ एक-दूसरे को काटती हैं इसे मूल बिन्दु कहते हैं और मूल बिन्दु के निर्देशांक सदैव (0, 0) होते हैं। निर्देशांक-ग्राफ पेपर पर इन्हें स्थापित करना। वह सभी क्रमित युग्म जो कि x और y अक्ष पर क्रमशः किसी बिन्दु की दूरी को प्रदर्शित करते हैं उन्हें निर्देशांक कहते हैं।
→ युगपत समीकरणों का निरूपण और हल-इस प्रकार जब दो चर राशि के युगपत समीकरणों के निर्देशांकों को ग्राफ पेपर पर चित्रित कर मिला देने से सदैव दो सरल रेखाओं की आकृति मिलेगी जो आपस में या बढ़ाये जाने पर एक-दूसरे को अवश्य काटेंगी।
→ प्रतिच्छेदन बिन्दु-वह बिन्दु जहाँ पर दो सरल रेखाओं के ग्राफ एक-दूसरे को काटते हैं इस बिन्दु से ग्राफ पेपर के अक्ष-X और अक्ष-Y पर परस्पर लम्ब डालने पर यह लम्ब मूल बिन्दु 0 से जिस दूरी पर XOX' अक्ष को और YOY' अक्ष को काटते हैं वह दूरी ही समीकरणों का हल होगी।