RBSE Solutions for Class 9 English Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 English Supplementary Reader Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions Class 9 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 9 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with modals exercise for class 9 to ensure that students have basic grammatical knowledge.

RBSE Class 9 English Solutions Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

RBSE Class 9 English Weathering the Storm in Ersama Textbook Questions and Answers

Think About It :

Question 1.
What havoc has the super-cyclone wreaked in the life of the people of Oris
भीषण चक्रवात ने उड़ीसा के लोगों के जीवन में क्या तबाही ला दी?
Answer:
The super cyclone had devastating effects in the life of the people of Orissa. Ancient trees were uprooted. Houses were washed away. There was nothing but water everywhere. There were carcasses and corpses floating in every direction. People took shelter on roofs of cemented houses or Red Cross shelters.There was no food to eat, no pure water to drink and no home to live for the affected people. Hundreds of people died...

भीषण चक्रवात के उड़ीसा के लोगों के जीवन में विनाशकारी प्रभाव हुए। पुराने विशाल वृक्ष उखड़ गये। घर बह गये थे। सब जगह पानी ही पानी था। प्रत्येक दिशा में जानवरों तथा लोगों के शव तैर रहे थे। लोगों ने सीमेन्ट के मकानों की छतों तथा रैड क्रॉस आश्रय-स्थलों पर शरण ली। प्रभावित लोगों के लिए खाने को भोजन नहीं था, पीने को साफ पानी नहीं था तथा रहने को घर नहीं था। सैकड़ों लोग मारे गये।

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Question 2. 
How has Prashant, a teenager, been able to help the people of his village ?
किस प्रकार 20 साल से कम उम्र का प्रशान्त अपने गाँव के लोगों की सहायता करने में समर्थ हुआ?
Answer:
Prashant decided to step in as leader of his village. He organised a group of youths and elders. They pressurised the merchant to give rice for the villagers. Then he organised a team of youth volunteers and this team cleaned the place where the villagers had taken shelter.

This team also tended the wounds and fractures of injured people. He managed to get the helicopters air-drop food and other basic needs. He mobilised women to look after children who had been orphaned. He persuaded the women to start working in the food-for-work programme. Thus Prashant helped the people of his village.

प्रशान्त ने अपने गाँव के लोगों का नेता बनने का निश्चय किया। उसने युवाओं तथा बड़ों (वृद्धों) का एक दल संगठित किया। उन्होंने व्यापारी पर गाँव वालों के लिए चावल देने का दबाव डाला। फिर उसने युवा स्वयं-सेवकों की एक टीम बनायी और इस टीम ने उस स्थान की सफाई की जहाँ गाँव वाले शरण लिये हुए थे।

इस दल ने घायल लोगों के घावों तथा टूटी हड्डियों का भी इलाज किया। उसने हेलिकॉप्टरों द्वारा खाद्य सामग्री तथा अन्य बुनियादी चीजों को गिराने का भी प्रबन्ध किया। उसने अनाथ हो चुके बच्चों की देखभाल के लिए महिलाओं को सक्रिय किया। उसने महिलाओं को काम के बदले अनाज कार्यक्रम में कार्य करने के लिए भी राजी किया। इस प्रकार प्रशान्त ने अपने गाँव के लोगों की सहायता की।

Question 3. 
How have the people of the community helped one another ? What role do the women of Kalikuda play during these days ?
समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे की सहायता किस प्रकार की ? इन दिनों कालीकुड़ा की औरतों ने क्या भूमिका निभाई?
Answer:
The people of Kalikuda community helped each other in the testing time of disaster. The people formed themselves into groups. Prashant acted as their leader. The young volunteers cleaned the shelter and tended the wounds and fractures of injured people.

Women formed themselves into teams to look after the orphaned children. Men worked to get food and materials for the shelter. Prashant persuaded women to work in the food-for-work programme. Childless widows adopted orphaned children and helped form foster families.

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कालीकुड़ा समुदाय के लोगों ने विपत्ति की घड़ी में एक-दूसरे की सहायता की। लोगों ने स्वयं को दलों में गठित कर लिया। प्रशान्त ने उनके नेता का काम किया। युवा स्वयंसेवकों ने शरण-स्थल को साफ किया तथा घायल लोगों के घावों एवं टूटी हड्डियों का इलाज किया। औरतों ने अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए स्वयं को टीमों में गठित कर लिया। पुरुषों ने भोजन तथा आश्रय के लिए सामग्री जुटाने का काम किया। प्रशान्त ने औरतों को काम के बदले अनाज कार्यक्रम में भाग लेने को सजी किया। बिना बच्चों वाली विधवाओं ने अनाथ बच्चों को स्वीकार किया तथा पोषक परिवार बनाने में मदद की।

Question 4. 
Why do Prashant and other volunteers resist the plan to set up institutions for orphans and widows ? What alternative do they consider?
प्रशान्त और अन्य स्वयंसेवकों ने अनाथों और विधवाओं के लिए संस्थाएँ बनाने के विचार का विरोध क्यों किया? उन्होंने कौनसे विकल्प पर विचार किया ?
Answer:
Prashant and other volunteers resisted government's plan to set up institutions for orphans and widows because they felt that in such institutions children would grow up without love and widows would suffer from stigma and loneliness. They believed that children should be resettled in their own community as far as possible. As an alternative to institutions for widows and orphans, they considered foster families which were made up of childless widows and children without adult care.

प्रशान्त और अन्य स्वयंसेवकों ने अनाथों तथा विधवाओं के लिए सरकार द्वारा संस्थाएँ बनाने की योजना का विरोध किया क्योंकि वे सोचते थे कि इन संस्थाओं में बच्चे बिना स्नेह के बड़े होंगे तथा विधवाएँ कलंक तथा अकेलेपन से पीड़ित होंगी। वे विश्वास करते थे कि जहाँ तक सम्भव हो बच्चों को उनके स्वयं के समुदाय में पुनर्वासित करना चाहिए। विधवाओं और अनाथों की संस्था के विकल्प के रूप में उन्होंने पोषक परिवारों पर विचार किया जो कि बच्चों रहित विधवाओं तथा बिना संरक्षण वाले बच्चों को मिलाकर बनाये जायेंगे।

Question 5. 
Do you think Prashant is a good leader ? Do you think young people can get together to help people during natural calamities ?
क्या आप सोचते हैं कि प्रशान्त एक अच्छा नेता है ? क्या आपके विचार में युवा लोग प्राकृतिक आपदा के समय लोगों की सहायता करने के लिए इकट्ठा हो सकते हैं ?
Answer:
Yes. I think Prashant is definitely a good leader. He reveals all the qualities which a good leader has. He works selflessly. He helps people to get over their grief and sorrows. He shows exemplary organising ability. He organises people into groups so that they can help themselves and others also.

He is kind, sympathetic, caring, confident, a good administrator and guide-all the qualities which make a good leader. Young people can learn from his example. Yes, I think that young people can get together to help people during natural calamities. As does the team of young volunteers in the said story. There are examples before us after earthquake in Gujarat or Tsunami young volunteers had rushed to the spot to help the people.

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हाँ। मैं सोचता हूँ कि प्रशान्त निश्चित रूप से एक अच्छा नेता है । वह उन सभी गुणों को प्रदर्शित करता है जो एक अच्छे नेता में होते हैं। वह निःस्वार्थ भाव से काम करता है। वह लोगों को उनके दु:खों और शोक पर काबू करने में मदद करता है। वह उदाहरणीय संगठन क्षमता दर्शाता है।

वह लोगों को समूहों में संगठित करता है ताकि वे अपनी और दूसरों की मदद कर सकें। वह दयालु, संवेदी, चिन्ता करने वाला, दृढ़ निश्चयी, अच्छा प्रशासक तथा मार्गदर्शक-सभी गुण जो एक अच्छा नेता बनाते हैं - है। युवा लोग उसके उदाहरण से सीख सकते हैं। हाँ । मैं सोचता हूँ कि युवा लोग प्राकृतिक आपदा के समय लोगों की सहायता के लिए इकट्ठे हो सकते हैं। जैसे कि बतलायी गई कहानी में युवा स्वयंसेवक करते हैं। हमारे सामने उदाहरण हैं - गुजरात में भूकम्प या सुनामी के बाद युवा स्वयंसेवक लोगों की सहायता के लिए घटनास्थल पर तेजी से पहुंचे थे। 

Talk About It :

Q. 
Talk about the preparedness of the community for a natural disaster. 
प्राकृतिक आपदा के लिए समुदाय की तैयारी के बारे में चर्चा करो।
(You can talk about evacuation plans and rehabilitation; permanent safe shelters; warning systems; relief efforts, building materials to withstand cyclone/flood/earthquake, i.e. safe housing; peoples' organisation of their own rescue; the survival instinct, etc.)
Answer:
Disaster Management Natural disasters are common. The community should keep advance preparedness for disasters. They should have evacuation and rehabilitation plans.They should fix warning systems. Such building materials should be used which can withstand cyclone/flood/earth quake etc. People should form organisations for their own rescue. They should have survival instinct. They should have sacrificing nature. Then only we can be safe.

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आपदा प्रबन्धन प्राकृतिक आपदाएँ सामान्य हैं । समुदाय को आपदा बचाव के लिए पूर्व तैयारी रखनी चाहिए। उनके पास निष्क्रमण व पुनर्वास की योजनाएँ होनी चाहिए। उन्हें चेतावनी प्रणाली लगानी चाहिए। ऐसी भवन निर्माण सामग्री को प्रयोग करना चाहिए जो चक्रवात/बाढ़/भूकम्प आदि को सहन कर सके। लोगों को स्वयं के बचाव के लिए लोक समूह बनाने चाहिए। उनमें अस्तित्व बचाये रखने की प्रवृत्ति रहनी चाहिए। उनमें बलिदानी स्वभाव होना चाहिए। तब ही हम सुरक्षित हो सकते हैं।

RBSE Class 9 English Weathering the Storm in Ersama Important Questions and Answers

I. Short Answer Type Questions :

Question 1.
What happened on the evening of 27 October, 1999 when Prashant had gone to visit his friend in Ersama ?
27 अक्टूबर, 1999 की शाम को क्या हुआ, जब प्रशान्त अपने मित्र के यहाँ एरसामा में मिलने गया था?
Answer:
On the evening of 27 October, 1999 a super cyclone hit coastal Orissa. Winds beat against the houses with a speed and fury never witnessed before. Heavy and continuous rain started. Trees were uprooted and houses swept away. There were cries for help all around.

27 नवम्बर, 1999 की शाम को तटीय उड़ीसा में एक भीषण चक्रवात आया। हवायें मकानों से बहुत अधिक तेजी एवं क्रोध से टकरायीं जैसा पहले कभी नहीं देखा गया था। भारी तथा लगातार बारिश शुरू हो गयी। पेड़ उखड़ गये और मकान बह गये। चारों ओर सहायता के लिए चीख-पुकार थी।

Question 2. 
What did Prashant and his friend's family do to escape the waters rising in the house?
at did the घर में पानी के बढ़ते जल-स्तर से बचने के लिए प्रशान्त तथा उसके मित्र के परिवार ने क्या किया ? वे किस चीज पर जीवित रहे?
Answer:
To escape the waters rising in the house, Prashant and his family took refuge on the roof. Two coconut trees had fallen on the roof of their house. They got their food from these trees. 

घर में पानी के बढ़ते जल-स्तर से बचने के लिए प्रशान्त तथा उसके मित्र के परिवार ने छत पर शरण ली। दो नारियल के पेड़ उनके घर की छत पर गिर गये थे। उन्होंने उन पेड़ों से अपना भोजन प्राप्त किया।

Question 3. 
How did the two fallen coconut trees on the roof of his friend's house prove a blessing in disguise ?
उसके मित्र के घर की छत पर गिरे दो नारियल के पेड़ किस प्रकार बदले-भेष में वरदान साबित हुए?
Answer:
Two coconut trees had fallen on the roof of the house of Prashant's friend. They had taken shelter on the roof as all around including their house was flooded. They could not get anything to eat. The fruit of the fallen coconut trees helped them survive for several days.

प्रशान्त के मित्र के घर की छत पर दो नारियल के पेड़ गिर गये थे। उनके घर में तथा चारों ओर बाढ़ का पानी था अतः उन्होंने छत पर शरण ले रखी थी। उन्हें खाने के लिए कोई चीज नहीं मिल सकती थी। गिरे हुए नारियल के पेड़ों के फलों ने उन्हें कई दिनों तक जिन्दा रहने में मदद की।

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Question 4. 
Why was it difficult for Prashant to travel back to his village?
प्रशान्त के लिए अपने गाँव वापस जाना कठिन क्यों था ?
Answer:
There was water all around. Prashant had to use a stick to locate the road. At places it was waist deep, and progress was slow. At many points he lost the road. He would have to swim then.

चारों ओर पानी ही पानी था। सड़क ढूँढ़ने के लिए प्रशान्त को एक छड़ी का प्रयोग करना पड़ा। कई स्थानों पर कमर तक पानी था अतः गति धीमी हो जाती थी। कई स्थानों पर वह सड़क खो देता। तब उसे तैरना पड़ता था।

Question 5. 
What were the two important tasks Prashant did after deciding to be the leader of the village ?
गाँव का नेता बनने का फैसला करने के बाद प्रशान्त ने कौनसे दो महत्त्वपूर्ण काम किए ?
Answer:
Firstly, Prashant organised a group of youths and elders. They pressurised the merchant to give them some rice. Secondly, he made a team of youth volunteers. They cleaned the Red Cross shelter.

प्रथम, प्रशान्त ने युवाओं एवं वृद्धों का एक संगठन बनाया। उन्होंने व्यापारी पर उन्हें कुछ चावल देने के लिए दबाव बनाया। द्वितीय, उसने युवा कार्यकर्ताओं का एक दल बनाया। उन्होंने रेडक्रास शिविर साफ किया।

Question 6. 
How did the villagers make the helicopters drop food and other supplies?
गाँव वालों ने हैलीकॉप्टरों को नियमित रूप से भोजन तथा अन्य वस्तुएँ गिराने के लिए कैसे प्रेरित किया?
Answer:
The villagers made children lie on the ground. They put empty utensils on their stomachs. Those in the helicopters knew that they needed food. So they dropped food and other supplies for them regularly. 

गाँव वालों ने बच्चों को जमीन पर लिटा दिया। उन्होंने उनके पेटों पर खाली बर्तन रखे। हैलीकॉप्टरों में बैठे लोग जान गये कि उन्हें भोजन की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने नियमित रूप से उनके लिए भोजन तथा अन्य वस्तुएँ गिरायीं।

Question 7. 
'His heart went cold' when he reached his village. Why? 
'उसका हृदय बैठ गया' जब वह अपने गाँव पहुँचा। क्यों ?
Answer:
Prashant somehow reached his village. He saw only the remnants of the roof of his house. Some of his belongings were caught, mangled and twisted in the branches of trees. There was no sign of his family members. Therefore, his heart went cold.

प्रशान्तं जैसे-तैसे करके अपने गाँव पहुँचा। उसे केवल अपने घर की छत के अवशेष दिखाई दिये। उनकी कुछ चीजें पेड़ों की शाखाओं में मुड़ी हुई तथा टूटी हुई, अटकी हुई पड़ी थीं। उसके परिवार जनों का कोई नामोनिशान नहीं था। इसलिए उसका हृदय बैठ गया।

Question 8. 
What scene did Prashant witness on his way to the village ? 
अपने गाँव के रास्ते में प्रशान्त ने क्या दृश्य देखा?
Answer:
Prashant saw dead bodies of men, women and children floating in the waters. He also saw the carcasses of dogs, goats and cattle. Not a house was seen standing in its place. 

प्रशान्त ने पानी में बहती हुई पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों की लाशें देखीं। उसने कुत्तों, बकरियों और मवेशियों के शव भी देखे। एक भी घर अपनी जगह पर स्थित दिखाई नहीं देता था।

II. Long Answer Type Questions :

Question 1. 
Where were Prashant and his friend during the two days of the supercyclone? Where did they get their ‘food' from?
दो दिन के वृहद् चक्रवात के समय प्रशान्त और उसके मित्र कहाँ थे? उन्हें अपना भोजन कहाँ से प्राप्त हुआ?
Answer:
Prashant went to spend some time with his friend at the block headquarters of Ersama, a small town in coastal Orissa, when they witnessed the two-day long supercyclone. Heavy and continuous rain started. The water was rising in the house of Prashant's friend. Therefore, Prashant and his friend's family took refuge on the roof. Two coconut trees had fallen on the roof of Prashant's friend's house. They got their food from these trees in the form of tender coconuts.

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प्रशान्त तटीय उड़ीसा के एक छोटे कस्बे एरसामा के खण्ड मुख्यालय पर अपने मित्र के पास कुछ समय बिताने के लिए गया था। तब उनका सामना दो दिन लम्बे एक भीषण चक्रवात से हुआ। भारी और लगातार बारिश शुरू हो गयी। प्रशान्त के मित्र के घर में पानी बढ़ता जा रहा था। प्रशान्त तथा उसके मित्र के परिवार ने छत पर शरण ली।
प्रशान्त के मित्र के घर की छत पर दो नारियल के पेड़ गिर चुके थे। उन्होंने उन पेड़ों से मुलायम नारियलों के रूप में भोजन प्राप्त किया।

Question 2.
'Was he to be bereaved once again?' How was Prashant bereaved before ? How would he be bereaved again ? 
क्या उसे एक बार फिर से बिछोह सहना पड़ेगा ? प्रशान्त को पहले कैसे बिछोह सहना पड़ा ? एक बार फिर उसे कैसे बिछोह सहना पड़ेगा?
Answer:
Seven years back when Prashant was only twelve years old, his mother had died. The cruel hands of death separated him from his mother. Thus he was bereaved before. After the super-cyclone, all the houses of his village were destroyed and he feared that his family members might have also been swept in the swift waters of the flood. So he thought that once again the cruel hands of death might separate him from his family and leave him bereaved. 

सात वर्ष पहले जब प्रशान्त 12 वर्ष का था, उसकी माँ की मृत्यु हो गयी थी। मृत्यु के क्रूर हाथों ने उसे उसकी माँ से अलग कर दिया था। इस प्रकार उसे पहले बिछोह सहना पड़ा। भीषण चक्रवात के बाद उसके गाँव के सभी मकान नष्ट हो गये थे और उसे भय था कि उसके परिवार जन भी बाढ़ के तेज पानी में बह गये होंगे। इसलिए उसने सोचा कि एक बार फिर मृत्यु के क्रूर हाथ उसे उसके परिवार से अलग कर देंगे तथा वह उनसे वंचित रह जायेगा।

Question 3. 
How did Prashant arrange food for the Red Cross shelter ? 
प्रशान्त ने रेडक्रास शरणस्थल में रहने वालों के लिए भोजन का इन्तजाम कैसे किया? ।
Answer:
Prashant organised a group of youths and elders. They pressurised the merchant to give them some rice. They succeeded in their mission. Wading through the waters, they came with food for the entire shelter. Though the rice was rotting, no one cared for it. They gathered branches from fallen trees. Then they made a fire to cook the rice. For the first time in four days, the cyclone victims at the shelter ate their fill.

प्रशान्त ने युवाओं और बुजुर्गों का एक दल संगठित किया। उन्होंने व्यापारी पर दबाव डाला कि वह उन्हें थोड़ा चावल दे। वे अपने लक्ष्य में सफल हुए। पानी में से चलते हुए, वे पूरे शिविर के लिए भोजन लेकर आए। यद्यपि चावल सड़ रहा था, किसी को इसकी परवाह नहीं थी। उन्होंने गिरे हुए पेड़ों से शाखाएँ इकट्ठी की। फिर उन्होंने चावल पकाने के लिए आग जलाई। इन चार दिनों में पहली बार शरणस्थल में रहने वाले समुद्री तूफान से पीड़ित लोगों ने भरपेट भोजन किया।

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Question 4. 
What did Prashant do for women and children?
प्रशान्त ने स्त्रियों और बच्चों के लिए क्या किया?
Answer:
Prashant brought all the orphaned children together. He put up a polythene sheet shelter for them. He persuaded women to join the food for work programme, started by an N.G.O. He organised sports events for children.

He helped the widows and children to get out of their grief. He urged them to start their life afresh. He resisted the government's plan to set up institutions for widows and orphans.He organised foster families made up of childless widows and children without adult care.

प्रशान्त ने सभी अनाथ बच्चों को इकट्ठा किया। उसने उनके लिए प्लास्टिक की चादर से एक शिविर बनाया। उसने औरतों को एक N.GO. द्वारा शुरू किये गये 'काम के बदले अनाज' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मनाया। उसने बच्चों के लिए खेलों का आयोजन किया। उसने विधवाओं और बच्चों को अपने दुःखों से बाहर निकलने में सहायता की।

उसने उन्हें नए सिरे से अपना जीवन आरम्भ करने के लिए प्रेरित किया। उसने विधवाओं और अनाथ बच्चों के लिए संस्थाएँ स्थापित करने की सरकार की योजना का विरोध किया। उसने पोषक परिवारों की स्थापना की जो बिना बच्चों वाली विधवाओं तथा बड़ों की देखभाल के अभाव वाले बच्चों द्वारा बने थे।

Weathering the Storm in Ersama Summary and Translation in Hindi

• पाठ के विषय में : अक्टूबर, 1999 में उड़ीसा में जो चक्रवात आया उसने हजारों लोगों को मार डाला तथा सैकड़ों गाँवों का सर्वनाश कर डाला। दो भयानक रात्रियों तक प्रशान्त नामक एक युवक एक मकान की छत पर असहाय स्थिति में छूट गया। तीसरे दिन उसने अपने गाँव जाने का निश्चय किया। क्या उसे उसका परिवार मिल पाया?

कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद  

1. On 27 October, 1999........................several days that followed.

कठिन शब्दार्थ : Block headquarters (ब्लॉक् हेड्क्वॉटज्) = खण्ड मुख्यालय, coastal (कोस्ट्ल) = किनारे पर स्थित, menacing (मेनेस्ङ्) = धमकी भरे, fury (फ्यूअरि) = प्रचण्ड क्रोध, witnessed (विट्नस्ट) = देखा, incessant (इन्सेसन्ट) = लगातार, crashed (कैश्ट) = गिर पड़े, screams (स्क्रीम्ज) = चीखें, rent (रेन्ट) = चीर दिया, swiftly (स्विट्ल) = तेजी से, swirled (स्वल्ड्) = भँवर बनाती हुई, चक्कर खाती हुई, mortar (मॉट(र)) = चूना, सीमेंट आदि, survive (सवाइव्) = बचे रहना, devastation (डेवस्टेशन्) = विनाश, velocity (वलॉसटि) = गति,

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uprooted (अपरूटिड) = उखड़ गये, damaging (डैमजङ्) = क्षति पहुँचाते, cyclone (साइक्लोन्) = भयानक तूफान के साथ कभी-कभी बरसात का होना, hit (हिट्) = टकराये, आया, dreadful (ड्रेड्फ्ल् ) = भयानक, marooned (मॅरून्ड्) = असहाय स्थिति में रह जाना, crazed (क्रेज्ड) = पागलपनपूर्ण, wrought (रॉट) = कर दिया गया, surge (सॅज्) = उफान, refuge (रिफ्यूस्) = शरण, glimpse (ग्लिम्प्स) = झलक,

grey (ग्रे) = धुंधली, raging (रेज्ङ्) = अति क्रुद्ध, fractured (फ्रैकच(र)ड) = दरारों से परिपूर्ण, bloated (ब्लोटिड्) = फूली हुई, carcasses (काकस्ज) = जानवरों के शव, corpses (कॉप्स्ज ) = लाशें, blessing (ब्लेसिंग) = आशीर्वाद, वरदान, disguise (डिस्गाइज) = . दूसरे वेश में, tender (टेन्डॅ(र)) = मुलायम, trapped (ट्रेप्ट) = फँसी हुई, starving (स्टावङ्) = भूखे मरना।

हिन्दी अनुवाद : 27 अक्टूबर, 1999 को, अपनी माँ की मृत्यु के सात वर्ष बाद, प्रशान्त एरसामा नामक खण्ड मुख्यालय गया था, जो तटीय उड़ीसा का एक छोटा-सा कस्बा था, और उसके गाँव से करीब 18 किमी. की दूरी पर था, वहाँ वह एक मित्र के साथ दिन गुजारने गया था। शाम के समय एक काला तथा भयानक दिखाई देने वाला तूफान शीघ्रता के साथ मण्डराने लगा। हवाओं ने मकानों पर इतनी तेज गति तथा क्रोध के साथ थपेड़े मारे जैसा प्रशान्त ने पहले कभी नहीं देखा था। भारी एवं लगातार चलने वाली बरसात से अन्धेरा छा गया था, पुराने वृक्ष उखड़ कर जमीन पर आकर धड़ाम से गिर पड़े थे।

चीखों ने हवा को चीर दिया था जब लोग तथा अपने घर तेजी से बहने लगे थे। क्रुद्ध जल उसके मित्र के घर में चक्कर खाता हुआ प्रवेश कर गया तथा गर्दन तक की ऊँचाई तक भर गया। इमारत ईंटों तथा चूने के गारे आदि से बनी थी, और इतनी मजबूत थी कि हवा की 350 किमी. की गति के विनाश से बच गयी थी। लेकिन परिवार का बर्बर भय तब बढ़ गया जब पेड़ ढह कर गिरने लगे। ये उखड़ कर उनके मकान पर गिर रहे थे, कभी-कभी रात के मध्य में तथा इसकी छत एवं दीवारों को हानि पहुँचा रहे थे।

चक्रवात द्वारा लाया गया पागलपनपूर्ण यह विनाश तथा समुद्र का उफान अगले 36 घण्टों तक जारी रहा, यद्यपि हवा की गतियाँ अगली सुबह तक थोड़ी कम हो गयी थीं। घर के भीतर पानी के चढ़ते हुए स्तर से बचने के लिए प्रशान्त और उसके मित्र के परिवार ने छत के ऊपर शरण ले ली थी। इस प्रभावशाली चक्रवात द्वारा किए गए विध्वंस की अपनी पहली झलक के जो झटके प्रशान्त ने प्रात:काल की मद्धिम रोशनी में अनुभव किए, उन्हें वह कभी भी भूल नहीं पाएगा।

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जहाँ तक आँखें देख सकती थीं, क्रोधी और मृत्युकारी पानी की भूरी चादर ने सभी चीजों को ढक रखा था, केवल कुछ स्थानों पर टूटे हुए सीमेंट के घर खड़े हुए थे। सभी दिशाओं में फूले हुए पशुओं तथा मनुष्यों के शव बह रहे थे। सभी ओर विशाल पुराने वृक्ष भी गिर गए थे। उनके घर की छत पर नारियल के दो पेड़ गिर गए थे। यह एक छिपा हुआ वरदान था क्योंकि वृक्ष के मुलायम फलों ने कई दिनों तक फंसे हुए परिवार को भूखों मरने की नौबत आने की स्थिति से बचा लिया। 

2. For the next..........................ahead together. 

कठिन शब्दार्थ : huddled (हड्ल्ड ) = गठरी बन कर बैठना, froze (फ्रोज) = जम गये, incessant (इनसेस्न्ट) = लगातार। flashed (फ्लैश्ट) = कौंधती, चमकती, bereaved (बिरीव्ड) = वंचित होना, ceased (सीस्ड) = रुक गई, recede (रिसीड) = पीछे हटना, determined (डिटिमन्ड) = निश्चय किया, seek out (सीक् आउट) = ढूँढ़ निकालना, delay (डिले) = देरी, pleaded (प्लीड्ड) = तर्क दिया, प्रार्थना की, equipped (इक्विप्ट) = उपकरण लिये, sturdy (स्टड्)ि = मजबूत, expedition (एक्स्पडिश्न्) = अभियान, constantly (कॉन्स्टट्ल) = लगातार, locate (लॉकेट) = स्थान ढूँढ़ना, shallow (शैलो) = उथला, several (सेव्रल्) = कई, relieved (रिलीव्ड्) = राहत महसूस की, ahead (अहेड्) = आगे।

हिन्दी अनवाद : अगले दो दिनों तक प्रशान्त अपने मित्र के परिवार के साथ छत के ऊपर खले स्थान में गठरी बन कर बैठा रहा। वे ठण्ड तथा निरन्तर वर्षा के कारण जम (ठिठुर) से गए; वर्षा के पानी ने प्रशान्त के आँसुओं को धो डाला। उसके मस्तिष्क में केवल एक ही विचार था कि इस भयंकर चक्रवात के क्रोध के उपरान्त उसका परिवार जीवित बचा होगा या नहीं। क्या उसे एक बार फिर परिवार से वंचित होना पड़ेगा?

दो दिन के पश्चात्, जो प्रशान्त को दो वर्षों की भाँति महसूस हुए, वर्षा थम गई और वर्षा के जल का स्तर नीचे जाने लगा। प्रशान्त ने दृढ़ निश्चय किया कि और अधिक देरी किए बिना अपने परिवार को ढूँढ़ ले। परन्तु स्थिति अभी भी खतरे से खाली नहीं थी और उसके मित्र के परिवार ने प्रशान्त से थोड़ा और अधिक समय तक रुकने का अनुरोध किया। परन्तु प्रशान्त जानता था कि उसे जाना ही है। - उसने एक लम्बी और मजबूत छड़ी अपने साथ ली और तूफान युक्त बाढ़ वाले जल के बीच, अठारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित अपने गाँव की ओर चलने का अभियान प्रारम्भ किया।

उस यात्रा को वह कभी भी नहीं भूल पाएगा। सड़क की स्थिति तथा कम से कम गहरे पानी के स्थान को जानने के लिए उसे निरन्तर अपनी छड़ी का प्रयोग करना पड़ा। कई स्थानों पर पानी कमर जितना गहरा था और उसकी प्रगति (आगे बढ़ना) मन्द हो जाती थी। कई स्थानों पर वह सड़क को खो देता था और उसे तैरना पड़ता था। कुछ दूरी तय करने के बाद उसे उस समय राहत मिली जब उसके चाचा के दो मित्र उसे मिल गए जो उसके गाँव की तरफ ही लौट रहे थे। उन्होंने इकट्ठे आगे बढ़ने का निर्णय लिया। 

3. As they waded..................seemed to be there.

कठिन शब्दार्थ : waded (वेड्ड) = निकले, गुजरे, macabre (मकाब्र) = भयावह, barely (बेअलि) = मुश्किल से, catastrophe (कॅटैस्ट्रफि) = विपत्ति, eventually (इवेन्चुअलि) = अन्त में, remnants (रेम्ननन्ट्स) = अवशेष, belongings (बिलाङिङ्) = सम्पत्ति, mangled (मैङ्ग्ल्ड ) = क्षत-विक्षत, twisted (ट्विस्ट्ड) = मुड़ी हुई, maternal grandmother (मटन्ल् ग्रैन्मदर्) = नानी, outstretched (आउटस्ट्रेचट्) = फैलाये, brimming (ब्रिमङ्) = आँसुओं से भरी हुई, miracle (मिरक्ल) = चमत्कार, extended (इक्स्टेन्ड्ड) = फैले हुए, hugged (हगड) = आलिंगन किया, anxiously (ऐक्श स्लि ) = उत्सुकतापूर्वक, scanned (स्कैन्ड) = देखा, motley (मॉट्लि) = रंगबिरंगी, battered (बैटड्) = क्षतविक्षत।

हिन्दी अनुवाद : पानी में होकर गुजरते हुए उन्होंने जो दृश्य देखे, वे और अधिक वीभत्स होते चले गए। ज्यों-ज्यों वे आगे की ओर बढ़ते गए, त्यों-त्यों उन्हें बहाव की तीव्रता से उनकी ओर लाए जाने वाले पुरुषों, महिलाओं तथा बच्चों की लाशों और कुत्तों, बकरियों तथा अन्य पशुओं के शवों को एक तरफ धकेलना पड़ता था। प्रत्येक गाँव जहाँ से वे गुजरे थे, उन्हें वहाँ मुश्किल से ही कोई मकान खड़ा हुआ दिखाई देता था। अब प्रशान्त काफी देर तक फूट-फूट कर रोता रहा। उसे निश्चय हो गया कि उस विपत्ति में उसका परिवार नहीं बच पाया होगा।

अन्त में, प्रशान्त अपने गाँव कालीकुड में पहुँच गया। उसका हृदय उत्साहहीन हो गया। जहाँ उसका घर था, उस स्थान पर उसकी छत के अवशेष पड़े थे। उनकी कुछ सम्पत्ति (सामान) पेड़ों की शाखाओं में अटकी हुई, टूटी हुई या मुड़ी हुई, काले पानी के ऊपर नजर आ रही थी। अपने परिवार की तलाश करने के लिए प्रशान्त ने रैड क्रॉस शरणस्थल पर जाने का निर्णय लिया। भीड़ में नजर आने वाले व्यक्तियों में उसने सर्वप्रथम अपनी नानी को देखा। हालांकि भूख के कारण वह निर्बल हो चुकी थी, परन्तु अपने हाथ फैलाकर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से वह तीव्र गति से आगे बढ़ी। यह एक चमत्कार था। उन्होंने उसे काफी समय पहले मरा हुआ समझ लिया था।

RBSE Solutions for Class 9 English Moments Chapter 6 Weathering the Storm in Ersama

थोड़ी देर में यह समाचार फैल गया और उसके परिवार के अन्य सदस्य उसके इर्द-गिर्द इकट्ठे हो गए और राहत महसूस करते हुए उसका कसकर आलिंगन किया। प्रशान्त ने चाह भरी दृष्टि से उस रंग-बिरंगे तथा क्षत-विक्षत समूह को देखा। उसके भाई और बहन, उसके चाचा और चाचियाँ, सभी वहाँ दिखाई पड़े। 

4. By the next...........injured. 

कठिन शब्दार्थ : desperate (डेस्परट) = निराशाजनक, situation (सिचुएश्न्) = स्थिति, grip (ग्रिप्) = पकड़, नियन्त्रण, sensed (सेन्स्ट) = महसूस किया, deathly grief (डेथलि ग्रीफ्) = मृत्यु के शोक जैसा, washed away (वॉश्ट अवे) = बह गये, tumult of people (ट्यूमल्ट ऑव् पीप्ल्) = उत्तेजित अपार भीड़, organized (ऑगनाइज्ड) = संगठित किया, pressurise (प्रेशराइज) = दबाव डाला, delegation (डेलिगेश्न्) = प्रतिनिधियों का दल, succeeded (सक्सीड्ड) = सफलता मिली, triumphantly (ट्राइअम्फट्लि ) = विजयी होकर, entire (इन्टाइअ(र)) = समूचा, rotting (रॉट्ङ्) = खराब हो रहे थे, reluctant (रिलक्टन्ट) = अनिच्छापूर्वक, survivors (सवाइव्(र)स) = जीवित बचे हुए, bellies (बेलिज्) = पेट, volunteers (वॉलन्टिअ(र)ज) = स्वयं-सेवक, filth (फिल्थ्) = गंदगी, मैला पदार्थ, wounds (वून्ड्ज) = घाव। 

हिन्दी अनुवाद : अगली सुबह तक वह शरणस्थल की निराशाजनक स्थिति का जायजा ले चुका था, उसने अपने ऊपर नियन्त्रण करने का निश्चय किया। उसने शरण-स्थल में शरण पाए हुए 2500 सशक्त व्यक्तियों के घातक दु:ख को समझा। गाँव के 86 व्यक्ति मर चुके थे। सभी 96 घर बह गए थे। शरण-स्थल में यह उनका चौथा दिन था। अब तक उन्होंने हरे नारियलों पर जीवन-यापन किया था, परन्तु इतनी बड़ी अपार भीड़ के लिए वे कम थे। जब अन्य कोई व्यक्ति नेता नहीं बना तो उन्नीस वर्षीय प्रशान्त ने अपने गाँव का नेता बनने का निर्णय लिया। 

उसने व्यापारी के ऊपर एक बार दोबारा चावल बाँटने के लिए मिल-जुलकर दबाव बनाने हेतु नवयुवकों तथा वृद्ध पुरुषों का समूह संगठित किया। इस बार प्रतिनिधिमण्डल को सफलता मिल गई और वे पानी के उतरते हुए स्तर के बीच सभी शरणार्थियों के लिए खाद्य सामग्री लेकर विजयी होकर लौटे। इस बात की किसी को परवाह नहीं थी कि वह चावल पहले ही सड़ रहा था।

उन्होंने गिरे हुए वृक्षों की शाखाएँ इकट्ठी की ताकि धीमी और अनिच्छुक आग जलायी जा सके और उसके ऊपर चावल पकाये जा सकें। चार दिनों में पहली बार चक्रवात शरण-स्थल के जीवित शरणार्थियों ने भरपेट भोजन खाया था। उसका अगला कार्य नवयुवक स्वयं-सेवकों का एक दल संगठित करना था ताकि वे शरण-स्थल में से गन्दगी, पेशाब, उल्टियाँ और बहती हुई लाशों को हटा दें तथा घायल लोगों के घावों तथा टूटी हड्डियों का इलाज कर सकें। 

5. On the fifth ........ hour of grief.

कठिन शब्दार्थ : dropped (ड्रॉप्ट) = गिराये, parcels (पास्ल्स् ) = बण्डल, utensils (यूटेन्स्ल्स ) = बर्तन, communicate (कॅम्यूनिकेट) = सन्देश भेजना, basic needs (बेसिक् नीड्स) = बुनियादी जरूरतें, orphaned (ऑफ्न्ड ) = अनाथ, mobilised (मोबिलाइज्ड) = गतिमान किया, secured (सिक्युअ(र)ड) = प्राप्त किया, grief (ग्रीफ्) = दुःख, persuaded (पस्वेड्ड) = राजी किया, engaged (इन्गेज्ड) = व्यस्त हो गया, जुट गया, initial (इनिश्ल) = प्रारम्भिक, resisted (रिजिस्ट्ड) = विरोध किया, stigma (स्टिग्मा) = कलंक, foster (फॉस्ट(र)) = लालन-पालन करना, adult care (ऐडल्ट केअ(र)) = बड़ों द्वारा देखभाल, wounded spirit (वून्डिड स्पिरिट) = घायल आत्मा, healed (हील्ड) = स्वस्थ होना, bother (बॉद(र)) = चिन्ता करना, seek out (सीक आउट) = ढूँढ़ते हैं, darkest hour of grief (डाक्स्ट आउअ(र) ऑव ग्रीफ्) = दुःख की काली घड़ी।

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हिन्दी अनुवाद : पाँचवें दिन, सेना का एक हेलिकॉप्टर शरण-स्थल के ऊपर से उड़ा और उसने खाद्य पदार्थों के कुछ पैकेट नीचे गिराये। फिर वे वापस नहीं आए। नवयुवक स्वयं-सेवक दल ने शरण-स्थल में से खाली बर्तन उठाए। फिर उन्होंने बच्चों को शरण-स्थल के चारों ओर जहाँ से पानी हट गया था, रेत के ऊपर, अपने पेटों के ऊपर खाली बर्तन रख कर लेटने के लिए नियुक्त किया ताकि ऊपर से गुजरते हुए हेलिकॉप्टरों को पता चल जाए कि वे भूखे हैं।

यह सन्देश पहुँच गया और उसके बाद हेलिकॉप्टरों ने शरण-स्थल के नियमित दौरे किए और खाद्य-सामग्री तथा अन्य आवश्यक वस्तुएँ नीचे गिराईं। प्रशान्त ने पाया कि एक बहुत बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए थे। उसने उन्हें इकट्ठा किया और उनके लिए पॉलीथीन की चादर लगाकर शरणस्थल बना दिया। उनकी देख-रेख के लिए महिलाओं को सक्रिय बनाया गया जबकि शरणार्थियों के लिए खाद्य-सामग्री तथा अन्य आवश्यक सामग्री पुरुष जुटाते थे।

कई सप्ताह बीत जाने पर प्रशान्त ने तेजी से जान लिया कि महिलाएँ और बच्चे अपने दु:ख में अधिकाधिक डूबते जा रहे हैं। उसने महिलाओं को काम के बदले अनाज कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राजी कर लिया जिसे एक एन.जी.ओ. ने प्रारम्भ किया था और बच्चों की खातिर उसने खेल-प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। वह स्वयं क्रिकेट खेलना पसन्द करता था और इसलिए उसने बच्चों के लिए क्रिकेट के मैचों का आयोजन किया। अन्य स्वयं-सेवकों सहित, प्रशान्त, विधवाओं और बच्चों की सहायता के कार्य में जुट गया ताकि वे अपने जीवन के क्षत-विक्षत टुकड़ों को संभाल सकें। 

अनाथों और विधवाओं के लिए संस्थाएँ स्थापित करना सरकार की प्रारम्भिक योजना थी। परन्तु इस कदम का सफलतापूर्वक विरोध किया गया क्योंकि यह महसूस किया गया कि इस प्रकार की संस्थाओं में बड़े हुए बच्चे प्रेम से वंचित रहेंगे और विधवाएँ कलंकों और अकेलेपन से ग्रस्त होंगी।

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प्रशान्त के दल का विश्वास था कि अनाथों को उन्हीं के समुदाय के भीतर पुनर्वासित किया जाए, सम्भव हो तो उन पोषक परिवारों में जो बिना बच्चों वाली विधवाओं और बड़ों की देखरेख से वंचित बच्चों के योग से बने हुए हों। भीषण चक्रवात से हुए विनाश को छः महीने बीत चुके हैं। इस समय प्रशान्त की घायल आत्मा स्वस्थ हो चुकी है क्योंकि उसके पास स्वयं के दर्द की चिन्ता करने का समय ही नहीं था। उसका खूबसूरत और युवा चेहरा ही था, जिसे उसके गाँव की विधवाएँ और अनाथ बच्चे उनके दुःख की सबसे काली घड़ी में तलाशती

Bhagya
Last Updated on May 19, 2022, 10:49 a.m.
Published May 19, 2022