RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 8 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts.

RBSE Class 8 Our Rajasthan Solutions Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

RBSE Class 8 Our Rajasthan 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के विकल्प को कोष्ठक में लिखिए' 

प्रश्न 1.
राजस्थान में 1857 की क्रांति का प्रारंभ सर्वप्रथम कहाँ हुआ? 
(अ) नीमच
(ब) एरिनपुरा
(स) नसीराबाद
(द) कोटा ।

प्रश्न 2.
ठाकुर कुशाल सिंह ने 1857 ई में क्रांतिकारियों का | नेतृत्व कहां किया? 
(अ) ब्यावर
(ब) आउवा 
(स) भरतपुर
(द) नीमच 
उत्तर:
1. (स) 
2. (ब) 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति का शुभारंभ को हुआ। 
  2. खैरवाड़ा छावनी में रेजीमेंट थी। उत्तर-1. 28 मई, 1857 
  3. भील। 

III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्नप्रश्न 

1. राजस्थान में 1857 ई. के समय कौन-कौनसी | छावनियाँ स्थित थीं? 
उत्तर:
राजस्थान में 1857 ई. के समय 6 सैनिक छावनियाँ थीं। ये थीं

  1. नसीराबाद, 
  2. नीमच, 
  3. एरिनपुरा 
  4. देवली 
  5. ब्यावर तथा 
  6. खेरवाड़ा। 

प्रश्न 2. 
कोटा में 1857 ई. क्रांति का नेतृत्व किसने किया? 
उत्तर:
कोटा में 1857 ई. क्रांति का नेतृत्व लाला जयदयाल व मेहराब अली खाँ ने किया। 

IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के क्या कारण रहे थे? 
उत्तर:
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के कारण राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित 

  1. अंग्रेज राज्यों के आंतरिक शासन में हस्तक्षेप करने लगे
  2. और उन्होंने राजाओं की प्रभुसत्ता समाप्त कर उन्हें अपनी कृपा दृष्टि पर निर्भर बना दिया। 
  3. नि:सन्तान राजाओं द्वारा गोद लेने सम्बन्धी मामलों में अंग्रेजों के हस्तक्षेप से कंपनी सरकार के विरुद्ध राजाओं में असंतोष की भावना बलवती होती गई। 
  4. राजस्थान में अंग्रेजों की धर्म प्रचार नीति, सामाजिक सुधार एवं आर्थक नीतियों के कारण यहाँ की सामान्य जनता की भावना अंग्रेजों के विरुद्ध चरम पर थी। 
  5. अंग्रेज कंपनी ने राज्यों के आर्थिक मामलों में हस्तक्षेप कर आर्थिक शोषण की नीति लागू की। 
  6. सामन्त अपनी दु:खद स्थिति का जिम्मेदार अंग्रेजों को ही मानते थे। अत: उनमें अंग्रेजों के प्रति रोष था। 
  7. 1857 ई. की क्रांति का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफलों में प्रयुक्त कारतूसों में गाय एवं सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाना था। 

प्रश्न 2. 
आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह का 1857 ई. के संघर्ष में योगदान को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह का 1857 के संघर्ष में योगदान-

  1. आउवा के ठाकुर कशाल सिंह दिल्ली की ओर जाते एरिनपुरा के विद्रोहियों से मिले और इन सैनिकों को अपने साथ आउवा ले गये। 
  2. आउवा में क्रांति का नेतृत्व ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत
  3. द्वारा किया गया। |
  4. ठाकुर कुशाल सिंह के नेतृत्व में यहाँ के सैनिकों ने 8 | सितम्बर, 1857 ई. को बिठौरा (पाली) में कैप्टन हीथकोट
  5. व जोधपुर महाराजा तख्तसिंह की संयुक्त सेना को पराजित |किया। 
  6. 8 सितम्बर, 1857 ई. को क्रांतिकारियों ने जोधपुर के पॉलिटिकल एजेण्ट मोकमैसन को चेलावास के युद्ध में हराया तथा उसका सिर काटकर आउवा के किले के दरवाजे पर लटका दिया।

RBSE Class 8 Our Rajasthan 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

प्रश्न 1. 
भारत में 1857 ई. की क्रांति की शुरुआत सर्वप्रथम कहाँ
(अ) नसीराबाद 
(ब) मेरठ 
(स) देहली  
(द) नीमच 
उत्तर:
(ब) मेरठ 

प्रश्न 2. 
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति का तात्कालिक कारण
(अ) कम्पनी का राज्यों के आन्तरिक शासन में हस्तक्षेप 
(ब) राज्यों के आर्थिक मामलों में हस्तक्षेप 
(स) कारतूसों में गाय व सूअर की चर्बी का प्रयोग 
(द) राज्यों में उत्तराधिकार के प्रश्न पर असंतोष। 
उत्तर:
(स) कारतूसों में गाय व सूअर की चर्बी का प्रयोग 

प्रश्न 3. 
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के समय मेर रेजीमेन्ट थी(अ) खेरवाड़ा छावनी में 
(ब) नीमच छावनी में 
(स) देवली छावनी में 
(द) ब्यावर छावनी में 
उत्तर:
(द) ब्यावर छावनी में 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

प्रश्न 4. 
नीमच-छावनी में सैनिकों ने किसके नेतृत्व में विद्रोह कर शस्त्रागार में आग लगा दी? 
(अ) ठाकुर कुशाल सिंह 
(ब) मोहम्मद अली बेग 
(स) मोती खाँ 
(द) तिलक राज। 
उत्तर:
(ब) मोहम्मद अली बेग 

प्रश्न 5. 
किसके नेतृत्व में सेना ने जनवरी, 1858 ई. में आउवा ।  पर आक्रमण कर किले पर अधिकार कर लिया
(अ) ब्रिगेडियर होम्स 
(ब) मोकमैसन 
(स) कप्तान मैकडॉनाल्ड 
(द) शावर्स 
उत्तर:
(अ) ब्रिगेडियर होम्स 

प्रश्न 6. 
लाला जयदयाल व मेहराब अली खाँ ने 1857 ई. में क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया, 
(अ) नीमच में 
(ब) एरिनपुरा में 
(स) आठवा में 
(द) कोटा में
उत्तर:
(द) कोटा में

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. एरिनपुरा छावनी में ............... रेजीमेन्ट थी। 
2. 1857 ई. की क्रांति के समय जयपुर में ............... पोलिटिकल एजेण्ट नियुक्त थे। 
3. 1857 ई. की क्रांति के समय राजस्थान के तत्कालीन ए.जी.जी. (एजेण्ट टू गवर्नर जनरल) ................. थे।। 
4. 1857 ई. की क्रांति के समय अधिकांश राजा-महाराजाओं द्वारा अंग्रेजों को भरपूर .................... प्रदान किया गया। 
5. विद्रोह की समाप्ति के पश्चात् अंग्रेजों ने सामन्त वर्ग की शक्ति को ................... की नीति अपनाई।
उत्तर:
1. जोधपुर लीजियन 
2. कर्नल ईड़न 
3. जार्ज पैट्रिक लॉरेन्स 
4. सहयोग 
5. समाप्त करने। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
अंग्रेज कम्पनी के किन कार्यों ने राजस्थान में कंपनी " के विरुद्ध असंतोष की भावना का प्रसार किया? (कोई दो कार्य) 
उत्तर:
अंग्रेज कम्पनी ने 

  1. राज्यों के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप करके तथा 
  2. किसानों, सामन्तों एवं जनसाधारण के हितों पर कुठाराघात करके राजस्थान में कंपनी के विरुद्ध असंतोष की भावना का प्रसार किया। 

प्रश्न 2. 
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में कहां-कहाँ और कौन-कौन पोलिटिकल एजेण्ट नियुक्त थे?
उत्तर:
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में मेवाड़, मारवाड़ एवं जयपुर में क्रमश: मेजर शावर्स, मॉक मैसम और कर्नल ईडन पोलिटिकल एजेण्ट नियुक्त थे। 

प्रश्न 3. 
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में ए.जी.जी. कौन थे? 
उत्तर:
1857 की क्रांति के समय राजस्थान में ए.जी.जी. जार्ज पैट्रिक लॉरेन्स थे। 

प्रश्न 4. 
ए.जी.जी. लॉरेन्स को मेरठ विद्रोह की सूचना कब और कहाँ मिली? 
उत्तर:
19 मई, 1857 ई. को ए.जी.जी. लॉरेन्स को मेरठ विद्रोह की सूचना माउण्ट आबू में मिली। 

प्रश्न 5. 
एरिनपुरा में विद्रोह का नेतृत्व कसने किया?
उत्तर:
एरिनपुरा में मोती खाँ, सूबेदार शीतल प्रसाद एवं तिलकराज के नेतृत्व में जोधपुर लीजियन ने विद्रोह कर दिया। 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

प्रश्न 6. 
किसके नेतृत्व में और कब अंग्रेजी सेना ने आउवा किले पर अधिकार कर लिया? 
उत्तर:
ब्रिगेडियर होम्स के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने जनवरी 1858 ई. में आउवा के किले पर अधिकार कर लिया। 

प्रश्न 7. 
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति की असफलता के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:

  1. अधिकांश राजा-महाराजाओं द्वारा अंग्रेजों का भरपूर
  2. सहयोग करना।
  3. कुशल एवं संगठित नेतृत्व का अभाव। प्रश्न 8. 1857 की क्रांति के कोई दो परिणाम लखिए।
  4. अंग्रेजों ने सामन्त वर्ग की शक्ति को समाप्त करने की नीति अपनाई। 
  5. अंग्रेजी शिक्षा पद्धति का राज्य में विस्तार किया गया 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
1857 ई. की क्रांति के समय राजस्थान में तत्कालीन ए.जी. जी. तथा पॉलिटिकल एजेण्ट कौन और कहाँ नियुक्त थे तथा ब्रिटिश सैनिक छावनियों की क्या स्थिति थी? 
उत्तर:
1857 ई. की क्रांति के समय राजस्थान में मेवाड़, मारवाड़ एवं जयपुर में क्रमश: मेजर शावर्स, मॉक मैसन और कर्नल ईडन पॉलिटिकल एजेण्ट नियुक्त थे। ये सभी राजस्थान के तत्कालीन ए.जी.जी. जार्ज पैट्रिक लॉरेन्स के अधीन थे। राजस्थान में इस समय 6 सैनिक छावनियाँ थीं जो नसीराबाद, नीमच, एरिनपुरा, देवली, ब्यावर तथा खैरवाड़ा में थीं। इन सैनिक छावनियों में पाँच हजार भारतीय सैनिकों के अतिरिक्त कोई भी यूरोपियन सैनिक नहीं था। 

प्रश्न 2. 
एरिनपुरा में विद्रोह पर एक टिप्पणी लिखिए।  
उत्तर:
एरिनपुरा में विदोह-21 अगस्त, 1857 ई. को | एरिनपुरा में विद्रोह प्रारंभ हो गया। जोधपुर लीजियन ने मोती खाँ, सूबेदार शीतल प्रसाद एवं तिलक राज के नेतृत्व में विद्रोह का बिगुल बजा दिया। वे क्रांति के नेताओं के आदेशानुसार 'चलो दिल्ली, मारो फिरंगी' के नारे लगाते हुए |दिल्ली की ओर चल पड़े। आठवा के ठाकुर कुशाल सिंह रास्ते में इन सैनिकों से मिले और इन्हें अपने साथ अउवा ले गए। 

प्रश्न 3. 
1857 ई. में हुए कोटा विद्रोह पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर:
कोटा विद्रोह-कोटा में क्रांति की शुरुआत 15 अक्टूबर, 1857 ई. को लाला जयदयाल व मेहराब अली खाँ के द्वारा की गई। विद्रोही सैनिकों ने कैप्टन बर्टन का सिर काटकर पूरे कोटा शहर में घुमाया। कोटा के महाराव रामसिंह (द्वितीय) को क्रांतिकारियों द्वारा कोटा दुर्ग में कैद कर दिया गया। जून, 1858 में अंग्रेजों ने कोटा रियासत पर पुनः अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया तथा क्रांतिकारी जयदयाल तथा मेहराब अली खाँ को फाँसी पर चढ़ा दिया गया। 

प्रश्न 4. 
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के समय की छावनियों, उनके मुख्यालय तथा रेजीमेंट के नाम को एक तालिका में दिखाइए।
उत्तर:
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के समय छ: छावनिय थीं। इन्हें निम्न तालिका में दर्शाया गया है- 

सं.

छावनी

मुख्यालय

रेजीमेंट

1.

नसीराबाद

अजमेर

बंगाल नेटिव इन्फेन्ट्री

2.

नीमच

ग्वालियर

मालवा, मेवाड़ राजपूताना

3.

एरिनपुरा

पाली

रेजीमेंट

4.

देवली

टोंक

जोधपुर लीजियन

5.

ब्यावर

अजमेर

कोटा कन्टिन्जेंट

6.

खेरवाड़ा

उदयपुर

मेर रेनीमेंट

 
प्रश्न 1. 
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के कारणों का विवेचन कीजिए। 
उत्तर:
राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के कारण राजस्थान में 1857 ई. की क्रांति के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-

(1) कम्पनी का राज्यों के आंतरिक शासन में हस्तक्षेपकंपनी के इस आश्वासन के बावजूद कि वे राज्यों के आंतरिक प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, अंग्रेज राज्यों के आंतरिक प्रशासन में हस्तक्षेप करने लगे, जैसे-1839 ई में जोधपुर के किले पर अधिकार करना; मांगरोल के युद्ध में कोटा महाराव के विरुद्ध दीवान जालिम सिंह की मदद करना, मेवाड़ प्रशासन में बार-बार हस्तक्षेप करना। इस प्रकार अंग्रेजों ने राजाओं की प्रभुसत्ता को समाप्त कर उन्हें अपनी कृपा दृष्टि पर निर्भर बना दिया। 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

(2) राज्यों में उत्तराधिकार के प्रश्न पर असंतोषनिःसंतान राजाओं द्वारा गोद लेने सम्बन्धी मामलों में कम्पनी ने अपना निर्णय देशी रियासतों पर लादने की कोशिश की जिसमें 1826 ई. में अलवर राज्य में हस्तक्षेप कर अलवर राज्य के दो हिस्से करवा दिए। 1826 ई. में ही भरतपुर के लोहागढ़ दुर्ग को नष्ट कर पॉलिटिकल एजेण्ट के अधीन काउन्सिल की नियुक्ति की, 1844 ई. में बांसवाड़ा महारावल लक्ष्मणसिंह की नाबालिगी के कारण अंग्रेजी नियंत्रण की स्थापना आदि के कारण कम्पनी सरकार के विरुद्ध राजाओं में असंतोष की भावना बलवती होती गई। 

(3) सामान्य जनता की अप्रसन्नता-राजस्थान में सामान्य जनता की भावना अंग्रेजों के विरुद्ध चरम पर थी। अंग्रेजों की अपनी धर्म प्रचार नीति, सामाजिक सुधार एवं आर्थिक नीतियों को यहाँ की जनता ने अपने धर्म व जीवन में अंग्रेजी हस्तक्षेप की संज्ञा दी। इसका स्पष्ट उदाहरण है-गजी व जवाहरजी द्वारा नसीराबाद की सैनिक छावनी को लूटना आम जनता में प्रसन्नता का कारण बनना। 

(4) राज्यों के आर्थिक मामलों में हस्तक्षेप-अंग्रेज कंपनी ने राज्यों के साथ खिराज वसूलने की प्रथा द्वारा आर्थिक शोषण की नीति लागू कर दी। इसके अतिरिक्त राज्यों में शांति-व्यवस्था स्थापित करने एवं विभिन्न सैनिक छावनियों की स्थापना कर इन सभी के रख-रखाव का खर्चा संबंधित राज्यों से वसूल किया गया।

(5)सामन्तों की मनोदशा-1818 की संधियों के पश्चात् राज्य के शासकों की सामन्तों पर निर्भरता प्रायः समाप्त हो गई। सामन्त अपनी दु:खद स्थिति का उत्तरदायी मुख्यतः
अंग्रेजों को ही मानते थे। आउवा, कोठारिया और सलूम्बर ठिकाने इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं।

(6) तात्कालिक कारण-भारत में 1857 ई. की क्रांति का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफलों में प्रयुक्त कारतूसों में गाय और सूअर की चर्बी का प्रयोग किया जाना था, जिन्हें प्रयोग में लेने से पहले मुँह से खोलना पड़ता था। 

प्रश्न 2. 
1857 की क्रांति की असफलता के कारणों का उल्लेख करते हुए उसके परिणामों पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर:
1857 की क्रांति की असफलता के कारण | 1857 की क्रांति की असफलता के प्रमुख कारण निम्नलिखित

  1. अधिकांश राजा-महाराजाओं द्वारा अंग्रेजों को भरपूर सहयोग प्रदान किया गया। 
  2. क्रांति निर्धारित समय से पूर्व ही प्रारंभ हो गई थी। 
  3. क्रांति की शुरुआत कुछ सीमित स्थानों पर ही हुई। 
  4. कोटा, नसीराबाद, भरतपुर, धौलपुर, टोंक आदि में विद्रोह अलग-अलग समय पर शुरू हुए। 
  5. क्रांतिकारियों के मध्य कुशल एवं संगठित नेतृत्व का अभाव था। 
  6. राजस्थान के क्रांतिकारियों में परस्पर तालमेल का अभाव था। साथ ही इनके पास साधनों का भी अभाव था। 
  7. मारवाड़, मेवाड़ व जयपुर आदि के शासकों ने तांत्या टोपे का सहयोग नहीं किया।

क्रांति के परिणाम 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 2 1857 का स्वतन्त्रता संग्राम एवं राजस्थान

1857 की क्रांति के परिणाम निम्नलिखित रहे-

  1. राजस्थान के शासकों ने क्रांति के प्रवाह को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास किये। अतः क्रांति की असफलता के बाद ब्रिटिश सरकार ने राजाओं को अपनी ओर करने हेतु उन्हें अंग्रेजी शिक्षा देना आरंभ किया। यही नहीं, पुरस्कार देना व उपाधियाँ देना भी शरू किया। 
  2. सामन्तों ने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था। इसलिए विद्रोह की समाप्ति के पश्चात् अंग्रेजों ने सामन्त वर्ग की शक्ति को समाप्त करने की नीति अपनाई।
  3. अंग्रेजी शिक्षा पद्धति का विस्तार किया ताकि नौकरशाही में अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त अनुभवी एवं स्वामीभक्त व्यक्तियों की भर्ती की जा सके।
  4. अंग्रेजों ने अपने सैनिक एवं व्यापारिक हितों की पूर्ति के लिए तीन यातायात के साधनों का विकास किया।
  5. क्रांति ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ों को हिलाकर रख दिया।
Prasanna
Last Updated on July 18, 2022, 10:46 a.m.
Published July 16, 2022