RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 18वीं सदी का राजस्थान

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 18वीं सदी का राजस्थान Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 8 Our Rajasthan Solutions Chapter 1 18वीं सदी का राजस्थान

RBSE Class 8 Our Rajasthan 18वीं सदी का राजस्थान Textbook Questions and Answers

I. निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर के विकल्प को कोष्ठक में लिखिए

1. निम्न में से हुरड़ा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी? 
(अ) महाराणा जगतसिंह द्वितीय 
(ब) सवाई जयसिंह 
(स) अभयसिंह 
(द) बख्तसिंह 
उत्तर:
(अ) महाराणा जगतसिंह द्वितीय 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 18वीं सदी का राजस्थान  

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. मराठा शक्ति को सर्वप्रथम ................ ने संगठित किया। 
2. राजस्थान के राज्यों में सर्वप्रथम 29 सितम्बर, 1803 को ................ ने अंग्रेजों के साथ संधि स्वीकार कर ली। 
उत्तर:
1, शिवाजी 
2. कोटा राज्य 

III. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

Class 8 Hamara Rajasthan Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1. 
पेशवा बाजीराव की मराठा नीति क्या थी? 
उत्तर:
पेशवा बाजीराव की मराठा नीति मराठों के ध्वज को अटक से कटक तक फहराने की थी। 

हमारा राजस्थान कक्षा 8 पाठ 1 प्रश्न 2. 
राजस्थान में मराठों ने सर्वप्रथम कब व कहाँ प्रवेश किया? 
उत्तर:
राजस्थान में मराठों ने सर्वप्रथम 1711 ई. में मेवाड़ में प्रवेश किया। 

IV. लघूत्तरात्मक प्रश्न

Hamara Rajasthan Book Class 8 Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1. 
जयपुर उत्तराधिकार संघर्ष पर टिप्पणी लिखो। 
उत्तर:
उदयपुर के महाराणा अमरसिंह (द्वितीय) की पुत्री चंद्रकुंवर बाई का विवाह सवाई जयसिंह के साथ 1708 ई. में इसी शर्त पर हुआ कि मेवाड़ की राजकुमारी से उत्पन्न पुत्र ही जयपुर के सिंहासन पर बैठेगा। लेकिन 1743 ई. में सवाई जयसिंह की मृत्यु के बाद सवाई जयसिंह का ज्येष्ठ पुत्र ईश्वरसिंह गद्दी पर बैठा। इसके प्रतिक्रिया में मेवाड़ की राजकुमारी चंद्रकुंवर बाई से उत्पन्न पुत्र ने अपने मामा महाराणा जगतसिंह (द्वितीय) के सहयोग से ईश्वरसिंह को चुनौती दी। मराठा सरदार मल्हार राव होल्कर द्वारा भी माधोसिंह का | पक्ष लिया गया। परिणामत: दोनों के मध्य 'राजमहल' और 'बगरू' के युद्ध हुए। अन्ततः अपने सेनापति हरगोविन्द नाटाणी की कुटिलता से ईश्वरसिंह को आत्महत्या करनी पड़ी और माधोसिंह मराठों के सहयोग से जयपुर का शासक बन गया। 

18 वीं सदी का राजस्थान पाठ के प्रश्न उत्तर Class 8 प्रश्न 2. 
हुरड़ा सम्मेलन में क्या अहदनामा तैयार किया गया? उत्तर-हुरड़ा सम्मेलन में जो अहदनामा तैयार किया गया उसमें यह निश्चित हुआ कि 

  1. इस सम्मेलन में शामिल सभी राजपूत शासक (यथा-मेवाड़ के महाराणा जगतसिंह द्वितीय, आमेर के सवाई जयसिंह, जोधपुर के अभयसिंह-नागौर के बख्तसिंह, कोटा के महाराव दुर्जनशाल आदि) एक-दूसरे के साथ मिलकर रहेंगे। 
  2. एक का शत्रु व मित्र दूसरे का शत्रु व मित्र होगा। 
  3. कोई भी नई योजना सभी मिल कर निश्चित करेंगे। 
  4. वर्षा ऋतु के पश्चात् रामपुरा में पुन: सभी एकत्र होंगे

RBSE Class 8 Our Rajasthan 18वीं सदी का राजस्थान Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. 
मराठों ने कोटा व बँदी पर आक्रमण किए 
(अ) 1711 ई. में 
(ब) 1720 ई. में 
(स) 1726 ई. में 
(द) 1728 ई. में 
उत्तर:
(स) 1726 ई. में 

प्रश्न 2. 
राजस्थान के राजपूत राजाओं ने मराठों की बढ़ती शक्ति
को रोकने के लिए हुरड़ा (भीलवाड़ा) में एक सम्मेलन बुलाया
(अ) 22 अप्रेल, 1734 ई. को 
(ब) 17 जुलाई, 1734 ई. को 
(स) 26 दिसम्बर, 1817 ई. को 
(द) 17 जुलाई, 1728 ई. को। 
उत्तर:
(ब) 17 जुलाई, 1734 ई. को 

प्रश्न 3. 
राजपूत शासकों में एकता का अभाव था क्योंकि
(अ) वे समान जाति के थे 
(ब) उनकी भाषा समान थी 
(स) उनके रीति-रिवाज एक से थे 
(द) उनके निर्णयों में अस्पष्टता थी।
उत्तर:
(द) उनके निर्णयों में अस्पष्टता थी।

प्रश्न 4. 
जोधपुर में उत्तराधिकार संघर्ष हुआ- 
(अ) ईश्वरसिंह और माधोसिंह के मध्य 
(ब) रामसिंह और बखसिंह के मध्य 
(स) अरिसिंह और रतनसिंह के मध्य 
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ब) रामसिंह और बखसिंह के मध्य 

प्रश्न 5. 
जिस राजपूत राज्य के विरोध के कारण सिरोही से अंग्रेजों की तत्काल संधि नहीं हो सकी, वह था
(अ) मेवाड़ राज्य 
(ब) मारवाड़ राज्य 
(स) कोटा राज्य 
(द) जयपुर राज्य 
उत्तर:
(ब) मारवाड़ राज्य 

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प्रश्न 6. 
सिरोही राज्य ने अंग्रेजों के साथ सहायक संधि पर | हस्ताक्षर किए 
(अ) 1823 ई. में 
(ब) 1817 ई. में 
(स) 1818 ई. में । 
(द) 1816 ई. में 
उत्तर:
(अ) 1823 ई. में 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. राजपूत शासक समान जाति, भाषा, रीति-रिवाज, परंपरा में से एक थे फिर भी उनमें .................. का अभाव था। 
2. राजस्थान के शासकों के पारस्परिक ................ के  कारण मराठों का हस्तक्षेप बढ़ता रहा।। 
3. ................. अपनी शक्ति के विस्तार तथा अन्य राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए राजपूत शासकों से मैत्री करने के लिए उत्सुक हुए।। 
4. 1818 ई. की संधियों के परिणामस्वरूप अंग्रेजों को दिए जाने जाने वाले ................... देशी शासकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। 
5. आमेर के सवाई जयसिंह की उदासीनता व निर्णयों की अस्पष्टता ने मराठों के विरुद्ध नीति को ................. बना दिया। 

उत्तर:
1, एकता 
2. वैमनस्य
3. अंग्रेज 
4. खिराज 
5. असफल

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

Hamara Rajasthan Book Class 8 Chapter 1 Question Answer प्रश्न 1. 
मराठों ने उत्तरी भारत में विस्तार की नीति कब अपनाई? 
उत्तर:
औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् मराठा शक्ति ने उत्तरभारत में विस्तार की नीति अपनायी। 

18 वीं सदी का राजस्थान पाठ के प्रश्न उत्तर Class 8 प्रश्न 2. 
मराठों का राजस्थान की राजनीति में प्रथम हस्तक्षेप कहाँ हुआ? 
उत्तर:
22 अप्रैल, 1734 को मराठों ने बूंदी के शासक बुधदेव को पुनः शासक बनवाकर राजस्थान की राजनीति में हस्तक्षेप प्रारंभ किया।

कक्षा 8 हमारा राजस्थान पाठ 1 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 3. 
हुरड़ा सम्मेलन में किन-किन प्रमुख राजपूत शासकों ने भाग लिया?
उत्तर:
हुरड़ा सम्मेलन में मेवाड़ के महाराणा जगतसिंह द्वितीय,
आमेर के सवाई जयसिंह, जोधपुर के अभयसिंह, नागौर के बख्तसिंह तथा कोटा के महाराव दुर्जनशाल आदि प्रमुख शासकों ने भाग लिया। 

Hamara Rajasthan Class 8 Chapter 1 प्रश्न 4. 
हुरड़ा सम्मेलन के अहदनामा की शर्तों का पालन |किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
हुरड़ा सम्मेलन के अहदनामा की सभी शर्ते कागज तक ही सीमित रह गई। उनकी कोई पालना नहीं की गई। 

Class 8 Hamara Rajasthan Chapter 1 प्रश्न 5. 
मराठों के विरुद्ध राजपूत शासकों की नीति की असफलता के कोई दो कारण लिखिए। 
उत्तर:

  1. राजस्थान के शासकों में एकता का अभाव तथा 
  2. आमेर के शासक सवाई जयसिंह की उदासीनता व निर्णयों की अस्पष्टता के कारण मराठों के विरुद्ध राजपूत शासकों की नीति असफल रही। 

Hamara Rajasthan Book Class 8 Chapter 1 प्रश्न 6. 
मराठों को राजस्थान के शासकों के उत्तराधिकार में दखल का अवसर किस कारण मिला? 
उत्तर:
राजस्थान के राजपूत शासकों में उत्तराधिकार के कोई निश्चित नियम नहीं थे। इसी के कारण मराठों को यहाँ उत्तराधिकार में दखल देने का अवसर मिला। 

Class 8 Hamara Rajasthan प्रश्न 7. 
जोधपुर उत्तराधिकार संघर्ष किन-किन के मध्य हुआ? 
उत्तर:
जोधपुर में रामसिंह और बख्तसिंह के मध्य उत्तराधिकार का संघर्ष हुआ। 

हमारा राजस्थान कक्षा 8 प्रश्न 8. 
मेवाड़ के गृहयुद्ध से मेवाड़ की क्या हानि हुई? 
उत्तर:
मेवाड़ के गृहयुद्ध से मेवाड़ की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनैतिक प्रगति के मार्ग अवरुद्ध हो गए। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

हमारा राजस्थान कक्षा 8 भाग 3 पाठ 1 प्रश्न 1. 
मराठा शक्ति के राजस्थान में प्रवेश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
मराठा शक्ति का राजस्थान में प्रवेश-राजस्थान में सर्वप्रथम 1711 ई. में मराठों ने मेवाड़ में प्रवेश किया। 1726 ई. में मराठों ने कोटा व बूंदी पर आक्रमण किए। इसके पश्चात् 1728 ई. में डूंगरपुर, बाँसवाड़ा के शासकों ने  खिराज देना स्वीकार किया। 22 अप्रैल, 1734 ई. में मराठों  ने बँदी के शासक बुधसिंह को पुन: वहाँ का शासक बनवा  दिया। 17 जुलाई, 1734 को राजपूत राजाओं ने मराठों की  बढ़तीसाक्ति को रोकने के लिए हुरड़ा में एक सम्मेलन  बुलाया, लेकिन यह सम्मेलन अपने उद्देश्य में सफल नहीं  हो पाया। इसके बाद 1736 ई. में पेशवा बाजीराव ने राजस्थान  का दौरा किया और यहाँ से चौथ वसूली की।

Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 Question Answer प्रश्न 2. 
जोधपुर-उत्तराधिकार संघर्ष पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
जोधपुर-उत्तराधिकार संघर्ष-जोधपुर में रामसिंह और बख्तसिंह के मध्य उत्तराधिकार संघर्ष प्रारंभ हुआ। दोनों ही मराठा-सहायता के प्रयास में जुट गए। फलतः यहाँ पेशवा, सिंधिया व होल्कर के हस्तक्षेप बढ़ गए। अन्ततः रियासत का विभाजन हुआ और दोनों को आधा-आधा राज्य मिला। मारवाड़ रियासत के विभाजन से उसकी आर्थिक दशा सोचनीय हो गई, व्यापार नष्ट हो गया, कृषि बर्बाद हो गई तथा मराठों की माँगें निरन्तर बढ़ती गई। लेकिन वे कोई समझौता करने पर सहमत नहीं थे। 

Hamara Rajasthan Class 8 प्रश्न 3. 
राजस्थान में उत्तराधिकार संघर्ष के प्रमुख कारण क्या थे? इसमें मराठों के हस्तक्षेप से क्या परिणाम निकले? 
उत्तर:
राजस्थान में उत्तराधिकार संघर्ष के कारण-राजस्थान में उत्तराधिकार संघर्ष के निम्नलिखित दो प्रमुख कारण थे

  1. राजस्थान के राजपूत शासकों में उत्तराधिकार के कोई निश्चित नियम नहीं थे। 
  2. यहाँ उत्तराधिकार संघर्ष का दूसरा प्रमुख कारण थासत्ता के उत्तराधिकारियों में सत्ता लोलुपता, पारस्परिक वैमनस्य और मराठों का दखल। 

राजस्थान के उत्तराधिकार संघर्ष में मराठों की दखल के परिणाम-

  1. उत्तराधिकार संघर्ष में मराठों की दखल ने यहाँ के राज्यों में पारस्परिक वैमनस्य को बढ़ावा दिया। 
  2. मराठों ने यहाँ अराजकता फैलाई जिससे राजपूत शासकों, सामन्तों तथा प्रजा में राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक अव्यवस्था उत्पन्न हो गई। 
  3. यहाँ के चहुंमुखी विकास में बाधा पहुंची व प्रगति के मार्ग अवरुद्ध हो गए। 

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 18वीं सदी का राजस्थान  

हमारा राजस्थान कक्षा 8 के प्रश्न उत्तर प्रश्न 4. 
मेवाड़ में उत्तराधिकार संघर्ष पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
मेवाड़ में उत्तराधिकार संघर्ष-मेवाड़ गद्दी के दो दावेदार थे

  1. अमरसिंह और 
  2. रतनसिंह दोनों ने मराठों से सहायता प्राप्त करने के प्रयास किए। परिणामस्वरूप गृहयुद्ध प्रारंभ हो गया। इस गृहयुद्ध में मराठा हस्तक्षेप होने  लगा जिससे मेवाड़ की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनैतिक प्रगति के मार्ग अवरुद्ध हो गए।  

निबन्धात्मक प्रश्न

RBSE Solutions for Class 8 Our Rajasthan Chapter 1 Rajasthan in 18th Century  

Hamara Rajasthan Book Class 8 प्रश्न 1. 
अंग्रेजों ने राजस्थान में राजपूत शासकों से संधियाँ क्यों और कब की? 
उत्तर:
अंग्रेजों द्वारा राजस्थान के शासकों से संधियाँ करने  के कारण-मुगल साम्राज्य के पतन और मराठों द्वारा फैलाई गई अराजकता ने राजपूत शासकों, सामंतों तथा प्रजा में  राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक अव्यवस्था उत्पन्न कर दी थी। ऐसी स्थिति में अंग्रेज अपनी शक्ति के विस्तार एवं अन्य राजनीतिक-आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए राजपूत शासकों से मैत्री करने के लिए उत्सुक हुए। संधियों का समय-सन् 1817 से 1818 ई. की अवधि में  राजपूत शासकों से अंग्रेज सरकार ने संधियाँ करनी शुरू की। राजस्थान के राज्यों में सर्वप्रथम 29 सितम्बर, 1803 को  भरतपुर राज्य ने अंग्रेजों के साथ संधि स्वीकार कर ली। 1818 तक सिरोही राज्य को छोड़कर सभी राज्यों ने कंपनी । के संरक्षण को स्वीकार कर लिया और 1823 ई. में सिरोही ने भी यह संधि स्वीकार कर ली। इस प्रकार एक ही वर्ष में लगभग सम्पूर्ण राजस्थान अंग्रेजों के संरक्षण में आ गया। संधियों के परिणाम-इन संधियों के निम्न प्रमुख परिणाम  निकले।

  1. 1818 की संधियों के परिणामस्वरूप अंग्रेजों को दिए  जाने वाले खिराज से देशी शासकों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
  2. इन संधियों से अंग्रेजों को यहाँ के शासकों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का अवसर मिल गया। 
  3. अंग्रेजों ने शासकों को सामन्तों के विशेषाधिकार तथा  शक्ति नष्ट करने हेतु दबाव डाला। इससे सामन्तों की प्रतिष्ठा
  4. को हानि पहुंची। 
  5. स्वदेशी व्यापार, उद्योग व हस्तशिल्प नष्ट होने लगे। 
  6. राजस्थान में ईसाई मिशनरियों के प्रवेश से ईसाई धर्म का प्रचार प्रारंभ हुआ जिसकी प्रतिक्रिया में 1857 का स्वतंत्रता संचा 
Prasanna
Last Updated on Nov. 6, 2023, 10:03 a.m.
Published Nov. 5, 2023