Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
क्या तुम्हें लगता है कि कालिदास को प्रकृति प्रेमी कहा जा सकता है?
उत्तर:
जी हाँ, हमें लगता है कि कालिदास को प्रकृतिप्रेमी कहा जा सकता है। कालिदास ने अपनी रचना 'मेघदूत' में प्रकृति का सुन्दर बखान किया है। उन्होंने बरसात के आदल को एक विरही प्रेमी का संदेशवाहक बनाने की सुन्दर कल्पना कि है।
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प्रश्न 1.
रोम के निवासी शून्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे। उसके बारे में और भी जानकारी हासिल करने की कोशिश करो।
उत्तर:
हाँ, रोम के निवासी शुन्य का प्रयोग किए बगैर गिनती करते थे। दस तक उनकी गिनती इस प्रकार थी
i - एक,
ii - दो,
iii - तीन,
iv - चार,
v - पांच,
vi - छ:,
vii - सात,
viii - आठ,
ix - नौ,
x - दस।
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प्रश्न 1.
प्राचीन भारत की पाण्डुलिपियाँ किस चीज पर तैयार की जातीर्थी?
उत्तर:
प्राचीन भारत को पाण्डुलिपियां ताड़पत्रों अथवा हिमालय क्षेत्र में उगने वाले भूर्ज नामक पेड़ की छाल से विशेष तरीके से तैयार भोजपत्र पर तैयार की जाती थीं।
आओ याद करें
प्रश्न 1.
निम्नलिखित का सुमेल करो
1. स्तूप |
(अ) देवी - देवताओं की मूर्ति स्थापित करने की जगह |
2. शिखर |
(ब) टीला |
3. मण्डप |
(स) स्तूप के चारों तरफ वृत्ताकार पथ |
4. गर्भगृह |
(द) मंदिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह |
5. प्रदक्षिणापथ |
(य) गर्भगृह के ऊपर लंबाई में निर्माण |
उत्तर:
1. स्तूप |
(ब) टीला |
2. शिखर |
(य) गर्भगृह के ऊपर लंबाई में निर्माण |
3. मण्डप |
(द) मंदिर में लोगों के इकट्ठा होने की जगह |
4. गर्भगृह |
(अ) देवी - देवताओं की मूर्ति स्थापित करने की जगह |
5. प्रदक्षिणापथ |
(स) स्तूप के चारों तरफ वृत्ताकार पथ |
प्रश्न 2.
खाली जगहों को भरो
(क) ............................. एक बड़े गणितज्ञ थे।
(ख) ............................. में देवी - देवताओं की कहानियाँ मिलती हैं।
(ग) ............................. को संस्कृत रामायण का लेखक माना जाता है।
(घ) ............................. और ............................. दो तमिल महाकाव्य हैं।
उत्तर:
(क) आर्यभट्ट
(ख) पुराणों
(ग) वाल्मीकि
(घ) सिलप्पंदिकारम, मणिमेखलई।
आओ चर्चा करें
प्रश्न 3.
धातुओं के प्रयोग पर जिन अध्यायों में चर्चा हुई है, उनकी सूची बनाओ। धातु से बनी किन - किन चीजों के बारे में चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है?
उत्तर:
अध्याय संख्या एवं नाम |
धातु से बनी वस्तुएँ जिन पर चर्चा हुई है या उन्हें दिखाया गया है |
1. क्या, कब, कहां और कैसे |
धातु पर उत्कीर्ण अभिलेख, चाँदी का सिक्का |
2. आरंभिक नगर |
सोने - चांदी के आभूषण तथा बर्तन, तांबे, काँसे के वर्तन, गहने, औजार तथा हथियार आदि। |
3. क्या बताती हैं हमें कितायें और कने |
लोहे के औजार तथा हथियार; सोने के गहने, मनके |
4. राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य |
लोहे के औजार, हथियार |
5. खुशहाल गाँव और समृड शहर |
लोहे के औजार - हसिया, कुल्लाड़ी संडासी आदि हथियार, आहत सिक्के, बर्तन आदि। |
6. व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री |
रोमन सोने के सिक्के, सोने - चांदी की बुद्ध की मूर्तियाँ आदि |
7. नए साम्राज्य और राज्य |
हथियार, सिक्के, अंगूठी, सोने के पायदान |
8. इमारत, चित्र तथा किताबें |
लौह स्तंभ, धातु - मंजूषा, सिक्के। |
प्रश्न 4.
पृष्ठ 122 (पाठ्यपुस्तक) पर लिखा कहाना का पढ़ो। जिन राजाओं के बारे में तुमने अध्याय 5 और 10 में पढ़ा है उनसे यह बंदर राजा कैसे भिन्न या समान था?
उत्तर:
पाठ्यपुस्तक के अध्याय 5 और 10 में वर्णित राजाओं ने अपनी प्रजा की रक्षा के लिए युद्ध लड़े। बंदर राजा ने भी अपनी प्रजा की रक्षा के लिए प्रयास किये। लेकिन उक्त वर्णित राजाओं में से किसी ने भी बंदर राजा की तरह नि:स्वार्थ भाव से प्रजा की रक्षा हेतु अपने प्राणों का त्याग नहीं किया।
प्रश्न 5.
और भी जानकारी इकट्ठी कर किसी महाकाव्य से एक कहानी सुनाओ।
उत्तर:
रामायण तथा महाभारत महान् महाकाव्य हैं। इनमें अनेक अन्तर्कथाएं व्याप्त हैं। महाभारत को एक कहानी 'यक्षयुधिष्ठिर संवाद' संक्षिम में इस प्रकार हैपाण्डव अपने बारह वर्षों के वनवास के दौरान द्रौपदी सहित वन में भ्रमण कर रहे थे तब उन्हें प्यास लगी। नकुल पानी की तलाश में गया लेकिन काफी देर तक नहीं लौटा। उसके बाद सहदेव, अर्जुन तथा भीम भी पानी की तलाश में गये और नहीं लौटे। तब युधिष्ठिर स्वयं गये और देखा कि जलाशय के पास उनके सभी भाई मृतावस्था में पड़े हैं। तभी उन्हें एक स्वर सुनाई दिया - 'मैं यक्ष हूँ।
तुम्हारे भाइयों ने मेरे प्रश्नों का उत्तर दिये बिना मेरे जलाशय का जल ग्रहण करने का प्रयत्न किया, इसलिए इनका यह हाल हुआ। यदि तुम भी मेरे प्रश्नों का उत्तर दिये बगैर जल ग्रहण करने का प्रयत्न करोगे तो तुम्हारी भी यही दशा होगी।' इस पर युधिष्ठिर ने विनम्रतापूर्वक यक्ष को प्रश्न पूछने का निवेदन किया। यक्ष ने अनेक प्रश्न पूछे और युधिष्ठिर ने उनका जवाब दिया। युधिष्ठिर के उत्तरों तथा विचारों से यक्ष अत्यन्त प्रसन्न हुआ। यक्ष ने युधिष्ठिर के सभी भाइयों को जीवित कर दिया तथा उसे वरदान देकर वहाँ से अन्तर्ध्यान हो गया।