RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Science Solutions Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

RBSE Class 6 Science पदार्थों का पृथक्करण InText Questions and Answers


पृष्ठ 35 

प्रश्न 1. 
पदार्थों को पृथक करने की हमें आवश्यकता ही क्यों होती है? 
उत्तर:
उपयोग में लिए जाने वाले पदार्थ में हानिकारक अथवा अनुपयोगी पदार्थ तथा अशुद्धियाँ मिली हो सकती हैं। इसलिए किसी भी पदार्थ को उपयोग में लेने से पहले हमें उसमें उपस्थित या मिले हुए अनुपयोगी / हानिकारक पदार्थों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है।

RBSE Class 6 Science पदार्थों का पृथक्करण Textbook Questions and Answers


प्रश्न 1. 
हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए। 
उत्तर:
हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता निम्न दो कारणों से होती है:

  1. किसी पदार्थ का उपयोग करने से पहले उसमें मिश्रित हानिकारक तथा अनुपयोगी पदार्थों को पृथक् करने हेतु।
  2. किसी मिश्रण में से उपयोगी पदार्थों को पृथक् करने हेतु जिनकी हमें अलग से उपयोग करने की आवश्यकता होती है।


उदाहरण:

  • दाल व चावल में छोटे - छोटे पत्थर एवं मिट्टी व धूल कण मिले होते हैं, जो हानिकारक होते हैं। इसलिए हम इन्हें निकाल देते हैं। 
  • अनाज से भूसे को अलग करना जिसका हम पशुओं के चारे के लिए उपयोग करते हैं। 

प्रश्न 2. 
निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है? 
उत्तर:
निष्पावन: पवन अथवा वायु के द्वारा किसी मिश्रण के अवयवों को पृथक् करने की विधि निष्पावन कहलाती है। निष्पावन का उपयोग किसी मिश्रण से हल्के तथा भारी अवयवों को पृथक् करने के लिए किया जाता है। साधारणतः किसान इस विधि का उपयोग अनाज से हल्के भूसे को अलग करने के लिए करते हैं। 

प्रश्न 3. 
पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक करेंगे? 
उत्तर:
पकाने से पहले दालों से हम भूसे के कणों को हस्त चयन के द्वारा एवं धूल के कणों को जल से धोकर पृथक् करेंगे।

प्रश्न 4. 
छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है? 
उत्तर:
छालन: यह भी पृथक्करण की एक विधि है। इसमें छलनी के छिद्रों से महीन कण तो छनकर नीचे निकल जाते हैं, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी (चालनी) में ही रह जाती हैं। छालन (चालन) का उपयोग प्रायः निष्यावन तथा प्रेशिंग के बाद भी गेहूं में बचे पत्थर, डंडियाँ तथा भूसे को दूर करने में किया जाता है। 

प्रश्न 5. 
रेत और जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक् करेंगे? 
उत्तर:
रेत और जल के मिश्रण से रेत तथा जल को निम्न प्रकार से पृथक् करेंगे:

  1. सबसे पहले इस मिश्रण को एक गिलास में डालकर कुछ देर के लिए छोड़ देंगे। 
  2. कुछ समय बाद रेत गिलास की तली में बैठ जाती है। यह प्रक्रिया 'अवसादन' कहलाती है। 
  3. साफ जल ऊपरी परत के रूप में आ जाता है। 
  4. अब जल को हिलाए बिना गिलास को थोड़ा तिरछा करके, इसके जल को दूसरे गिलास में उड़ेल देते हैं। यह क्रिया 'निस्तारण' कहलाती है।
  5. इस प्रकार अवसादन व निस्तारण के माध्यम से रेत और जल को पृथक् कर लेते हैं।

RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण 1

प्रश्न 6. 
आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक् करना संभव है? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे? 
उत्तर:
हाँ, आटे और चीनी के मिश्रण से चीनी को पृथक् करना संभव है। यह निम्न प्रकार से सम्भव है:

  1. इसके लिए हम एक चालनी (छन्नी) तथा एक तासला लेंगे। 
  2. तसले के ऊपर चालनी रखकर इसमें आटे तथा चीनी का मिश्रण डालकर इसे छानेंगे। 
  3. आटे के कण चालनी के छिद्रों द्वारा निकलकर तसले में आ जायेंगे जबकि चीनी चालनी में रह जायेगी। इस प्रकार चालन विधि के द्वारा आरे और चीनी के मिश्रण से चीनी अलग कर लेंगे। 

RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 पदार्थों का पृथक्करण

प्रश्न 7. 
पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे? 
उत्तर:
पंकिल जल से स्वच्छ जल निम्न प्रकार से प्राप्त कर सकते हैं:

  1. सबसे पहले पंकिल जाल को कुछ देर के लिए रख देंगे। इससे जल में मिली अशुद्धियाँ नीचे तली में बैठ जायेंगी। अतः अशुद्धियों का अवसादन हो जायेगा। 
  2. ऊपरी परत स्वच्छ जल की प्राप्त होगी, जिसे निस्तारण द्वारा दूसरे बर्तन में अलग कर लेंगे। 
  3. दूसरे गिलास का जल कुछ पंकिल होने पर इसे फिल्टर पेपर से डान लेंगे अर्थात् उसका निस्यंदन करेंगे, जिससे स्वच्छ जल प्राप्त हो जायेगा।
  4. इस प्रकार पंकिल जल से अवसादन, निस्तारण एवं निस्पंदन विधियों के द्वारा स्वच्छ जल प्राप्त कर लेंगे। 

प्रश्न 8. 
रिक्त स्थानों को भरिए
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक् करने की विधि को ................................. कहते हैं। 
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया ................................. कहलाती है। 
(ग) समुद्र के जल से नमक ................................. प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है। 
(घ) जव पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं। इसके पश्चात् स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक् कर लेते हैं। इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को ................................. कहते हैं। 
उत्तर:
(क) श्रेशिंग 
(ख) निस्पंदन 
(ग) वाष्पन 
(घ) निस्तारण। 

प्रश्न 9. 
सत्य अथवा असत्य? 
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्पंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है। 
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्यावन द्वारा पृथक् कर सकते हैं। 
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्पंदन द्वारा किया जा सकता है। 
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है। 
उत्तर:
(क) असत्य 
(ख) असत्य 
(ग) सत्य 
(घ) असत्य 

प्रश्न 10. 
जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हो, आप शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना संभव होगा? 
उत्तर:

  • हम शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने के बाद में डालेंगे।
  • अर्फ डालने से पहले जल में अधिक चीनी घोलना संभव होगा।
Bhagya
Last Updated on May 28, 2022, 5:43 p.m.
Published May 28, 2022