Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Sociology Chapter 6 भूमंडलीकरण और सामाजिक परिवर्तन Textbook Exercise Questions and Answers.
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प्रश्न 1.
(अ) किसी भी समाचारपत्र को नियमित रूप से दो सप्ताह तक पढ़ें और यह नोट करें कि 'भूमण्डलीकरण' शब्द का प्रयोग कैसे हुआ है। कक्षा में अपने अन्य साथियों की टिप्पणियों से अपनी टिप्पणी की तुलना करें।
(ब) विभिन्न प्रकार के टेलीविजन कार्यक्रमों में 'भूमण्डलीकरण' एवं 'विश्वव्यापी' (ग्लोबल) शब्दों के संदर्भो को नोट करें। आप राजनीतिक या आर्थिक अथवा सांस्कृतिक मामलों से संबंधित समाचारों और चर्चाओं पर भी अपना ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं।
उत्तर:
समाचारपत्र छात्र स्वयं पढ़ें।
(अ) भूमण्डलीकरण शब्द का प्रयोग विभिन्न प्रसंगों में अनेक रीतियों से किया जाता है। उदाहरण के लिए आर्थिक समाचारों अथवा कार्यक्रमों में भूमण्डलीकरण से तात्पर्य पूँजी के प्रवाह, जैसे - आर्थिक आयामों के संदर्भ में किया जाता है, तो राजनीतिक समाचारों या कार्यक्रमों में इसका तात्पर्य सरकारों की बदलती भूमिका पर ध्यान दिलवाता है। सामाजिक समाचारों अथवा कार्यक्रमों में भूमण्डलीकरण शब्द का प्रयोग आधुनिकीकरण के रूप में किया जाता है।
(ब) यह कार्य छात्र स्वयं करें।
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प्रश्न 2.
पारराष्ट्रीय निगमों द्वारा उत्पादित ऐसी वस्तुओं की सूची बनाएँ जिनका प्रयोग आप करते हैं।
अथवा
आपने बाजार में देखा है
अथवा
जिनके विज्ञापनों को आपने सुना या देखा है। इस तरह के उत्पादों की सूची बनाएँ:
उत्तर:
पारराष्ट्रीय निगमों द्वारा उत्पादित वस्तुएँ जो आम जनता और हम प्रयोग करते हैं की सूची निम्नलिखित है।
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प्रश्न 3.
(अ) टेलीविजन पर उन चैनलों की संख्या गिनें जो व्यवसाय के चैनल हैं और स्टॉक बाजार, विदेशी प्रत्यक्ष पूँजी निवेशों के प्रवाह, विभिन्न कम्पनियों की वित्तीय रिपोर्टों आदि के विषय में अद्यतन जानकारी देते हैं। आप अपनी इच्छानुसार किसी भारतीय भाषा के चैनल अथवा अंग्रेजी चैनलों पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं।
(ब) कुछ वित्तीय समाचारपत्रों के नामों का पता लगाएँ।
(स) क्या आप उनमें किन्हीं भूमण्डलीय प्रवृत्तियों पर ध्यान केन्द्रित किया हुआ पाते हैं ? चर्चा करें।
(द) आपके विचार से इन प्रवृत्तियों ने हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित किया है?
उत्तर:
(अ) टेलीविजन पर व्यवसाय के चैनल की संख्या लगभग 21 है। इन चैनलों के नाम हैंसी.एन.बी.सी., बी.बी.सी., जी बिजनेस, आई.एन.बी., आज तक, जी न्यूज इत्यादि। ये चैनल स्टॉक बाजार, विदेशी प्रत्यक्ष पूँजी निवेशों के प्रवाह की अद्यतन जानकारी देते हैं। डी.डी. लोकसभा, डी.डी. राज्यसभा चैनल वित्तीय रिपोर्ट की जानकारी देते हैं।
(ब) वित्तीय समाचारपत्रों के नाम हैं - इकॉनोमी टाइम, बिजनेस भास्कर, फाइनेंसियल एक्सप्रेस, बिजनेस स्टैंडर्ड आदि।
(स) हाँ, शेयर बाजार में होने वाले उतार - चढ़ाव, अमेरिका और यूरोप में होने वाली मंदी का भारतीय शेयरों .. पर प्रभाव जैसे मुद्दों को उठाकर वे वास्तव में भूमण्डलीय प्रवृत्तियों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं।
(द) हमारे विचार से इन प्रवृत्तियों ने हमारे जीवन के लगभग सभी पक्षों, जैसे - सामाजिक, आर्थिक,राजनीतिक विवाद, संस्कृति इत्यादि को प्रभावित किया है। आज हमारा जीवन जीने का तरीका, विलासिता की वस्तुओं पर निर्भरता, बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना तथा हमारी ब्रांडेड वस्त्र, सेलफोन, टेलीविजन, इंटरनेट के प्रयोग की प्रवृत्ति इसकी गवाह है।
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प्रश्न 4.
(अ) क्या आपके पड़ोस में कोई इंटरनेट कैफे ह ?
(ब) इसके उपयोगकर्ता कौन हैं ? वे इंटरनेट का किस प्रकार उपयोग करते हैं?
(स) क्या यह काम के लिए है अथवा यह मनोरंजन का नया साधन है ?
(द) क्या वहाँ कोई एस.टी.डी./आई.एस.डी. टेलीफोन बूथ है ? क्या आपके पड़ोस में कोई फैक्स सुविधा है?
उत्तर:
(अ) हाँ, हमारे पड़ोस में इन्टरनेट कैफे है।
(ब) इसके उपयोगकर्ता अधिकांश छात्र एवं युवा पीढ़ी के लोग हैं। इनमें से अधिकांश इंटरनेट का प्रयोग अध्ययन, ज्ञान से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करने, योग्यतानुसार नौकरी की तलाश के लिए व कुछ मित्र रिश्तेदारों से बातचीत करने व कुछ मनोरंजन के लिए करते हैं।
(स) यह काम के लिए जैसे ज्ञान व किसी विषय की जानकारी प्राप्त करने व मनोरंजन दोनों के लिए नया साधन है। समाचारपत्रों में आए दिन इन कैफे के दुरुपयोग के समाचार भी पढ़ने को मिलते हैं क्योंकि कुछ युवकयुवतियाँ इन कैफे में अश्लीलता वाली फिल्में देखने का प्रयास करते हैं।
(द) हाँ, हमारे यहाँ एस.टी.डी./आई.एस.डी. टेलीफोन बूथ है। हाँ, हमारे पड़ोस में फैक्स की भी सुविधा है। अधिकांशतया इन्टरनेट कैफे में भी टेलीफोन व फैक्स की सुविधा उपलब्ध होती है।
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प्रश्न 5.
प्रारम्भ में, 1980 के दशक के आखिरी वर्षों में, सेलफ़ोनों को अविश्वास की दृष्टि से (आपराधिक तत्त्वों द्वारा उनका गलत प्रयोग किए जाने के कारण) देखा जा रहा है। उसके बाद 1998 तक भी उन्हें विलास की वस्तुएँ ही माना जाता रहा है (अर्थात् केवल धनवान लोग ही इसे रख सकते हैं और इसलिए इसके मालिकों पर कर लगाया जाना चाहिए)। 2006 तक आते-आते हम सेलफ़ोन के प्रयोग में दुनिया के चौथे सबसे बड़े देश बन गए हैं। अब सेलफ़ोन हमारे जीवन के इतने अभिन्न अंग बन गए हैं कि जब छात्रों को कालेज में सेलफ़ोन प्रयोग न करने के लिए कहा गया तो वे हड़ताल पर जाने और देश के राष्ट्रपति से अपील करने के लिए तैयार हो गए। भारत में सेलफ़ोनों के प्रयोग में हुई आश्चर्यजनक संवृद्धि के कारणों पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित करने का प्रयास करें।
(अ) क्या यह संवृद्धि चतुराईपूर्ण विपणन और मीडिया अभियान के कारण हुई ? क्या सेलफ़ोन आज भी प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं?
(ब) अथवा क्या मित्रों तथा सगे-संबंधियों से संपर्क बनाए रखने, उनसे जुड़े रहने के लिए सेलफ़ोन की अत्यंत आवश्यकता है?
(स) क्या माता - पिता अपने बच्चों के पते-ठिकाने के बारे में अपनी चिंताओं को कम करने के लिए इसके प्रयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं?
(द) युवा लोग सेलफ़ोनों की आवश्यकता को इतना अधिक क्यों महसूस कर रहे हैं ? विभिन्न कारणों का पता लगाने का प्रयास करें।
उत्तर:
(अ) हाँ, सेलफ़ोन में यह संवृद्धि चतुराईपूर्ण विपणन और मीडिया अभियान के उपभोक्ता हितैषी दूरसंचार नीति 1999, हैंड सेटों की कीमतों में भारी कमी, हैंड सेटों में अनेक सुविधाएँ (जैसे-कैमरा, वीडियो रिकॉर्डिंग, रिकॉर्डिंग, घड़ी इत्यादि) एवं मोबाइल टेलीफोन के शुल्कों में भारी कमी के कारण हुई है।
नहीं, सेलफ़ोन आज प्रतिष्ठा का प्रतीक नहीं बल्कि अनिवार्यता का प्रतीक बन गया है। अब महँगे हैंडसेट रखना, एक से ज्यादा मोबाइल रखना प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
(ब) हाँ, मित्रों तथा सगे - संबंधियों से सम्पर्क बनाए रखने व उनसे जुड़े रहने के लिए सेलफोन की अत्यंत आवश्यकता है।
(स) हाँ, माता - पिता अपने बच्चों के पते-ठिकाने के बारे में अपनी चिंताओं को कम करने के लिए इसके प्रयोग को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
(द) आज के अधिकांश युवा अत्यंत महत्त्वाकांक्षी हैं, अपने कैरियर नौकरी के लिए एक - दूसरे मित्रों से संपर्क बनाए रखने, कुछ युवा अपनी महिला मित्र/पुरुष मित्रों से संपर्क बनाए रखने या गलत आदतों जैसे ड्रग्स, शराब इत्यादि के कारण सेलफोन की आवश्यकता अधिक महसूस करते हैं।
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प्रश्न 6.
(अ) भूस्थानीकरण के कुछ अन्य उदाहरण दें और चर्चा करें।
(ब) क्या आपने बॉलीवुड द्वारा तैयार की गई फिल्मों में कोई परिवर्तन देखा है ? एक समय था जब कहानियाँ तो स्थानीय रहती थीं पर उनमें विदेशों में खींचे दृश्य होते थे। फिर कुछ ऐसी फ़िल्में भी आईं जिनकी कहानी की पृष्ठभूमि विदेशी में होती थी और जिनमें अभिनेता या पात्र भारत लौट कर आते थे। अब ऐसी भी कहानियाँ होती हैं, जो पूर्णरूप से भारत से बाहर की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं। चर्चा करें।
उत्तर:
(अ) भूस्थानीकरण का अर्थ है - भूमंडलीय के साथ स्थानीय का मिश्रण। यह ऐसी रणनीति है जो प्रायः विदेशी फर्मों द्वारा अपना बाजार बढ़ाने के लिए स्थानीय परम्पराओं के साथ व्यवहार में लाई जाती है। उदाहरण के लिए विदेशी चैनल भारत में अपने कार्यक्रम प्रसारित करने हेतु भारतीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं। मैक्डॉनाल्ड्स निरामिष उत्पाद बेचता है। इसी प्रकार, भूस्थानीकरण के अन्य उदाहरण हैं यू.टी.वी., बिंदास, एक्शन मूवीज, टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले सीरियल, जैसे-कौन बनेगा करोड़पति, बिग बॉस, विभिन्न प्रकार की ज्वैलरी, वस्त्र, सौन्दर्य प्रसाधन इत्यादि।
(ब) हाँ, हमने बॉलीवुड द्वारा तैयार की गई फिल्मों में विभिन्न परिवर्तन देखे हैं। पहले कहानियाँ स्थानीय रहती थीं परन्तु उनमें विदेशी दृश्य खींचे हुए होते थे, जैसे - 'एन इवनिंग इन पैरिस', 'लव इन टोकियो' इत्यादि। फिर कुछ ऐसी फिल्में आई थीं जिनमें अभिनेता या पात्र भारत लौट आते थे, जैसे-परदेश, दिल वाले दुल्हनियाँ ले जाएँगे इत्यादि। अब ऐसी कहानियाँ होती हैं जो पूर्णरूप से भारत से बाहर की पृष्ठभूमि पर आधारित हैं, जैसे - फाइट्स ।
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प्रश्न 7.
(अ) परंपरागत दुकान और नए स्थापित हुए बहुविभागीय भंडारों की परस्पर तुलना करें।
(ब) मॉल और परंपरागत बाजार की परस्पर तुलना करें। अब बेची जाने वाली वस्तुएँ ही नहीं बदल गईं बल्कि खरीददारी का अर्थ भी बदल गया है, कैसे? चर्चा करें।
(स) खाद्य - स्थलों में किस प्रकार के नए व्यंजन (खाद्य पदार्थ) परोसे जाते हैं, चर्चा करें।
(द) नए फास्टफूड रेस्टोरेंटों के बारे में पता लगाएँ जो अपनी कार्यशैली में भमंडलीय हैं।
उत्तर:
(अ) परंपरागत दुकानों पर सामान कम व सीमित मात्रा में होता है जबकि बहुविभागीय भंडारों में सामान के अलग - अलग विभाग व माल की विभिन्न वैराइटी भी होती हैं।
(ब) परंपरागत दुकानों में अधिकांश सामानों की वैराइटी कम होती है। सामान भी सस्ता व परम्परागत या स्थानीयता लिए हुए होता है, यहाँ मोल - भाव की सुविधा होती है। मॉल में सामानों की वैराइटी अधिक होती है। सामान/वस्तु देशी - विदेशी दोनों प्रकार का होता है। अधिकांश सामानों/वस्तु की कीमत तय (फिक्स) होती है।
हाँ, यह सच है कि आज खरीददारी का अर्थ भी बदल गया है। आज के विज्ञापन और सामान्य रूप से जनसंपर्क के सभी माध्यम पैसे खर्च करने की संस्कृति को जन्म दे रहे हैं, जिससे खरीददारी को बढ़ावा मिल रहा है। लोग वस्त्र, सौन्दर्य प्रसाधन, खाने - पीने पर ज्यादा धन खर्च कर रहे हैं, बचत नहीं करते।
(स) नये खाद्य स्थलों की कार्यशैली निश्चित रूप से भूमंडलीय है। मैक्डॉनाल्ड्स, पीजा हट जैसे फास्ट फूड रेस्टोरेंटों में जो खाद्य पदार्थ मिलते हैं, वे भूमंडलीय प्रकृति के हैं। भारत में स्थापित इन रेस्टोरेंटों में चायनीज, थाई, राजस्थानी, कोन्टीनेन्टल इत्यादि व्यंजन परोसे जाते हैं।
(द) नए फास्टफूड रेस्टोरेंट मैक्डॉनाल्ड्स, डोमिनो, पिज्जा हट आदि अपनी कार्यशैली में भूमंडलीय हैं क्योंकि
प्रश्न 8.
गत दो - एक वर्षों में राजनीतिक दलों ने अपने राजनीतिक अभियान के लिए निगमों से अक्सर सहायता मांगी है। विज्ञापन फर्मों से भी परामर्श किया गया था। इस प्रवृत्ति के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और चर्चा करें।
उत्तर:
गत दो - एक वर्षों में राजनीतिक दलों ने अपने राजनीतिक अभियान के लिए निगमों से विविध प्रकार की सहायता मांगी है। यथा
(1) राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार हेतु इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों का अधिक प्रयोग करने हेतु ऐसे प्रोफेशनलों की नियुक्ति में सहायता माँगी है, जो पार्टी के कार्यक्रमों तथा उपलब्धियों को आकर्षक रूप से मतदाताओं तक पहुँचाने में सहायता प्रदान करते हैं।
(2) पोस्टरों, हैण्डबिल, पैम्फलेट्स एवं विज्ञापनों हेतु भी बड़ी-बड़ी फर्मों की सहायता ली जाती है। इसके बदले में राजनीतिक दलों को उन्हें काफी पैसा देना पड़ता है।
(3) अनेक चैनलों पर टेलीविजन प्रसारण द्वारा प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं को संबोधित करने का प्रचलन भी बढ़ गया है।
प्रश्न 1.
अपनी रुचि का कोई भी विषय चुनें और यह चर्चा करें कि भूमंडलीकरण ने उसे किस प्रकार प्रभावित किया है। आप सिनेमा, कार्य, विवाह अथवा कोई भी अन्य विषय चुन सकते हैं।
उत्तर:
(अ) सिनेमा पर भूमंडलीकरण का प्रभाव सिनेमा पर भूमंडलीय प्रभाव को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।
(1) सिनेमा की कहानियों पर प्रभाव: जब भूमंडलीकरण बहुत कम था उस समय की फिल्मों की कहानियाँ स्थानीय रहती थीं पर कभी-कभी उनमें विदेशी दृश्य होते थे। आज भूमंडलीकरण के कारण फिल्मों में बहुत परिवर्तन आया है, आज की फिल्मों की कहानियाँ भी देश-विदेशों की फिल्मों की कहानियों से प्रभावित होती हैं जो अधिकांश
(2) तकनीक पर प्रभाव: फिल्मों की तकनीक भी कम होती थी। स्टंट के दृश्य, गानों के दृश्य में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। कभी-कभी इन दृश्यों को फिल्माने में दुर्घटना भी घट जाती थी; जैसे-मदर इण्डिया में आग के दृश्य में दुर्घटना घट गई थी। आज फिल्मों के दृश्यों में सजीवता लाने के लिए कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है।
(3) परंपराओं का घटता प्रभाव: ये फिल्में अधिकांश जाति, धर्म, परम्परा, शास्त्रीय संगीत से दूर होती जा रही हैं।
(4) विदेशी कहानियाँ, दृश्यों तथा अभिनेताओं का प्रवेश: आज की फिल्मों में विदेशी कहानियाँ, विदेशी अभिनेता (जैसे फिल्म प्रोबोक), विदेशी अभिनेत्री (जैसे काइट्स) को लिया जाता है। फिल्मों की शूटिंग भी अधिकांश विदेशी लोकेशन पर होती है।
(5) विभिन्न भाषाओं में फिल्मों का प्रदर्शन: भूमंडलीय प्रभाव के कारण ही आज बच्चों की फिल्में, कार्टून फिल्में, कॉमेडी फिल्में, सामाजिक तथा प्रेम (लव) फिल्में एक ही साथ कई भाषाओं में प्रस्तुत की जाती हैं। फिल्म फेस्टीवल्स तथा फिल्म प्रोमोशन प्रदर्शन भी विभिन्न देशों तथा मुख्य शहरों में समय-समय पर अत्यधिक प्रदर्शन व प्रचार के साथ दिखाये जाते हैं।
(6) अन्य प्रभाव: भूमंडलीकरण के सिनेमा पर कुछ अन्य प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं।
(ब) कार्य पर भूमंडलीकरण का प्रभाव भूमंडलीकरण के कारण आज अधिकांश घरेलू कार्य मशीनों द्वारा किए जाते हैं। जो मशीनें पहले विदेशों में ही थीं, वे आज लगभग हर भारतीय परिवारों में मिल जाती हैं। उदाहरण - चटनी व मसाले जो पहले हाथ से पीसे जाते थे, वे आज मिक्सी के माध्यम से पीसे जाते हैं । बर्तन डिश - वाशर तथा कपड़े वाशिंग मशीन से धोए जाते हैं। सफाई वेक्यूम क्लीनर से की जाती है। घरेलू कार्य में मशीनों के प्रयोग ने भारतीय नारी को बहुत प्रभावित किया है, जो भारतीय नारी पहले दिन भर घर के कार्यों में लगी रहती थीं वो आज अपना घरेलू कार्य कुछ घण्टों में कर लेती हैं। बचे हुए समय में वह नौकरी, ट्यूशन या कोई अन्य व्यवसाय कर लेती हैं।
(स) विवाह पर भूमंडलीकरण का प्रभाव विवाह पर भूमंडलीकरण के प्रभाव को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।
(1) जाति-संस्था का घटता प्रभाव - भूमंडलीकरण के प्रभाव से विवाह संस्था भी अछूती नहीं रही है। भारत में भी उच्च वर्ग में अब विवाह जाति-धर्म के आधार पर न होकर वर्ग के आधार पर होते हैं। आज अधिकांश बड़े शहरों में विवाह में जाति-धर्म को कम देखा जाता है। लड़के-लड़की की शिक्षा, नौकरी, चरित्र, गुण पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल लव मैरिज भी बढ़ रहे हैं।
(2) विवाह को एक संस्कार से एक समझौता मानने की तरफ बढ़ता चलन-भारतीय संस्कृति में जो विवाह एक संस्कार माना जाता था वह अब एक समझौता माना जाने लगा है। अर्थात् पति-पत्नी की न बनने की स्थिति में तलाक लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
(3) विवाह कराने वाले माध्यमों में परिवर्तन - पहले विवाह किसी व्यक्ति के माध्यम से होते थे, आज विवाह इंटरनेट, अखबार के माध्यम से होते हैं।
(4) वैवाहिक खर्च में अब प्रस्थिति और फैशन प्रदर्शन पर जोर-विवाह में किया जाने वाला खर्च व्यक्ति की समाज में प्रस्थिति निर्धारित करता है। विवाह में सजावट, व्यंजनों की वैराइटी, ज्वैलरी, कपड़ों पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं । अब विवाह समाज में पुरुष महिलाओं के वस्त्र, ज्वैलरी, बड़ी-बड़ी गाड़ियों के प्रदर्शन का माध्यम बनता जा रहा है।
प्रश्न 2.
एक भूमण्डलीकृत अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण क्या हैं ? चर्चा करें।
उत्तर:
एक भूमण्डलीकृत अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण एक भूमण्डलीकृत अर्थव्यवस्था के विशिष्ट लक्षण निम्नलिखित हैं।
(1) उदारीकरण की आर्थिक नीति - भूमण्डलीकृत अर्थव्यवस्था का प्रमुख लक्षण है - उदारीकरण की आर्थिक नीति। भूमण्डलीकरण में सामाजिक और आर्थिक सम्बन्धों का विश्वभर में विस्तार सम्मिलित है। यह विस्तारकुछ आर्थिक नीतियों द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है, जिसे उदारीकरण की आर्थिक नीति कहा जाता है। इसके साथ ही, अर्थव्यवस्था पर अधिक नियंत्रण रखने के लिए सरकार द्वारा पहले से अपनायी जा रही नीति पर विराम लग गया है। इस अर्थव्यवस्था में उदारीकरण से आशय। हैभारतीय व्यापार को नियमित करने वाले नियमों और वित्तीय नियमनों को हटा देना। इन उपायों को आर्थिक सुधार भी कहा जाता है।
(2) पारराष्ट्रीय निगम: भूमण्डलीकृत अर्थव्यवस्था का दूसरा प्रमुख लक्षण है - अर्थव्यवस्था में पारराष्ट्रीय निगमों की भूमिका। ये ऐसी कम्पनियाँ होती हैं जो एक से अधिक देशों में अपने माल का उत्पादन करती हैं अथवा बाजार सेवाएं प्रदान करती हैं। ये अपेक्षाकृत छोटी फर्मे भी हो सकती हैं और विशाल अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठान भी। ये भूमण्डलीय बाजारों तथा भूमण्डलीय मुनाफों की ओर अभिमुखित होती हैं।
(3) इलेक्ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था इलेक्ट्रॉनिक अर्थव्यवस्था एक अन्य कारक है जो एक भूमण्डलीकरण अर्थव्यवस्था को सहारा देता है। कम्प्यूटर माउस को दबाने मात्र से बैंक, निगम, निधि प्रबन्धक और निवेशकर्ता अपनी निधि को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इधर से उधर भेज सकते हैं।
(4) भाररहित अर्थव्यवस्था या ज्ञानात्मक अर्थव्यवस्था: भूमण्डलीय अर्थव्यवस्था अब प्राथमिक रूप से कृषि या उद्योग पर आधारित नहीं है। यह एक भाररहित अर्थव्यवस्था है जिसके उत्पाद सूचना पर आधारित होते हैं, जैसे-कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, मीडिया, मनोरंजक उत्पाद तथा इंटरनेट आधारित सेवाएँ। भूमण्डलीय अर्थव्यवस्था भाररहित अर्थव्यवस्था होने के साथ - साथ एक ज्ञानात्मक अर्थव्यवस्था भी है। ज्ञानात्मक अर्थव्यवस्था में अधिकांश कार्य - बल वस्तुओं के डिजायन, विकास, प्रौद्योगिकी, विपणन, बिक्री और सर्विस आदि में लगा रहता है, न कि वस्तुओं के वास्तविक उत्पादन तथा वितरण में।
(5) वित्त का भूमण्डलीकरण - सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति के कारण, पहली बार वित्त का भूमण्डलीकरण हुआ है । भूमण्डलीय आधार पर एकीकृत वित्तीय बाजार इलेक्ट्रॉनिक परिपथों में, कुछ ही क्षणों में अरबों-खरबों डालर के लेन-देन कर डालते हैं।
प्रश्न 3.
संस्कृति पर भूमण्डलीकरण के प्रभाव की संक्षेप में चर्चा कीजिये।
उत्तर:
संस्कृति पर भूमण्डलीकरण के प्रभाव संस्कृति पर भूमण्डलीकरण के प्रभावों को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट किया गया है।
(1) संस्कृति का समृद्ध होना: भूमण्डलीकरण संस्कृति को समृद्ध करता है। युगों से भारत सांस्कृतिक प्रभावों के प्रति खुला दृष्टिकोण अपनाये हुए है और इसी के फलस्वरूप वह सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध होता रहा है। सौभाग्य से आज भी हम अपनी परम्परागत खुली अभिवृत्ति अपनाये हुए हैं।
(2) सजातीयकरण: मुख्य रूप से यह दावा किया जाता है कि भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप सभी संस्कृतियाँ एकसमान यानी सजातीय हो जायेंगी।
(3) भूस्थानीकरण: कुछ विद्वानों का मत है कि भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप संस्कृति के भू-स्थानीकरण की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो अक्सर विदेशी फर्मों द्वारा अपना बाजार बढ़ाने के लिए स्थानीय परम्पराओं के साथ व्यवहार में लायी जाती है। जैसे-भारत में, हम यह देखते हैं कि स्टार, एम.टी.वी., चैनल वी और कार्टून नेटवर्क जैसे सभी विदेशी टेलीविजन चैनल भारतीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं।
(4) संस्कृति का अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक होना: भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण और अलोकतांत्रिक सोच को दूर करने पर बल दिया जाता है। इस प्रकार भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप संस्कृति अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक रूप धारण करती जा रही है।
(5) उपभोग की संस्कृति को बढ़ावा: भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप उपभोग की संस्कृति को बढ़ावा मिला है। इसके प्रभावस्वरूप कला, खाद्य, फैशन, संगीत, पर्यटन आदि सांस्कृतिक उपभोग अधिकतर नगरों की वृद्धि को एक आकार प्रदान करता है।
(6) निगमित संस्कृति का उदय:भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप संगठनात्मक संस्कृति के निर्माण के माध्यम से उत्पादकता और प्रतियोगात्मकता को बढ़ावा मिला है। इसे निगमनात्मक संस्कृति कहते हैं। इसमें कम्पनी के कार्यक्रम, रीतियों व परम्पराओं तथा समूह एकता तथा कर्मचारियों में वफादारी की भावना को प्रोत्साहन दिया जाता है। यह काम करने का तरीका, उत्पादों को बढ़ावा देने का तरीका तथा पैक करने के तरीके भी बताती है।
(7) अनेक स्वदेशी शिल्प, साहित्यिक परम्पराओं और ज्ञान व्यवस्थाओं को खतरा: भूमण्डलीकरण के प्रभावस्वरूप अनेक स्वदेशी शिल्प, साहित्यिक परम्पराओं और ज्ञान व्यवस्थाओं को खतरा उत्पन्न हो रहा है। आधुनिक विकास ने परम्परागत शिल्प व्यवसायों में अपनी घुसपैठ बना ली है तथा परम्परागत शिल्प उससे प्रतियोगिता करने में अपने को सक्षम नहीं पा रही है। इस प्रकार शिल्पकार बेरोजगार हो रहे हैं। यही नहीं परम्परागत ज्ञान व्यवस्थाओं के विभिन्न रूपों को, कुछ बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा पेटेंट कराये जाने के प्रयत्नों से खतरा उत्पन्न हो रहा है।
प्रश्न 4.
भूस्थानीकरण क्या है? क्या यह बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा अपनाई गई बाजार सम्बन्धी रणनीति है अथवा वास्तव में कोई सांस्कृतिक संश्लेषण हो रहा है, चर्चा करें।
उत्तर:
भूस्थानीकरण का अर्थ - भूस्थानीकरण का अर्थ है-भूमण्डलीय के साथ स्थानीय का मिश्रण। यह पूर्णतः स्वतः प्रवर्तित नहीं होता और न ही भूमण्डलीकरण के वाणिज्यिक हितों से इसका पूरी तरह सम्बन्ध विच्छेद किया जा सकता है। हाँ, यह बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा अपनाई गई बाजार सम्बन्धी रणनीति है, जो अक्सर विदेशी फर्मों द्वारा अपना बाजार बढ़ाने के लिए स्थानीय परम्पराओं के साथ व्यवहार में लाई जाती है। उदाहरण के लिए, भारत में स्टार, एम.टी.वी., चैनल वी और कार्टून नेटवर्क सभी विदेशी टेलीविजन भारतीय भाषाओं का प्रयोग करते हैं। मैक्डॉनाल्ड्स भी भारत में अपने निरामिष और चिकन उत्पादन ही बेचता है; गोमांस के उत्पादन नहीं, जो विदेशों में बहुत लोकप्रिय है। इसी प्रकार संगीत के क्षेत्र में 'भाँगड़ा पॉप', 'इंडिपॉप', 'फ्यूजन म्यूजिक', यहाँ तक कि रीमिक्स गीतों की बढ़ती लोकप्रियता को देखा जा सकता है। लेकिन इससे भूमण्डलीकरण के फलस्वरूप कुछ स्थानीय परम्पराओं के विकास के साथ - साथ भूमण्डलीय परम्पराएँ भी निर्मित हो रही हैं।