RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत Textbook Exercise Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Economics in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Economics Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Economics Notes to understand and remember the concepts easily.

RBSE Class 12 Economics Solutions Chapter 3 उत्पादन तथा लागत

RBSE Class 12 Economics उत्पादन तथा लागत Textbook Questions and Answers


प्रश्न 1. 
उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए।
उत्तर:
एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है। दूसरे शब्दों में, उत्पादन फलन उत्पादन के साधनों तथा उत्पादन की मात्रा के मध्य फलनात्मक सम्बन्ध को दर्शाता है। इसे निम्न समीकरण द्वारा दर्शाया जा सकता है।
q =f (L, K)
यहाँ q= उत्पादन मात्रा, L = श्रम तथा K = पूँजी की मात्रा है।

प्रश्न 2. 
एक आगत का कुल उत्पाद क्या होता।
उत्तर:
अन्य सभी आगतों को स्थिर रहने पर परिवर्ती आगत से वस्तुओं अथवा सेवाओं की जितनी मात्रा का उत्पादन किया जाता है वह कुल उत्पाद कहलाता।

RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत 

प्रश्न 3. 
एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता।
उत्तर:
कुल उत्पाद में परिवर्ती आगत की इकाइयों का भाग देने से प्राप्त उत्पाद को औसत उत्पाद कहा जाता है। इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जाता है।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत 1

प्रश्न 4. 
एक आगत का सीमान्त उत्पाद क्या होता।
उत्तर:
अन्य सभी आगतों के स्थिर रहने पर, प्रति इकाई आगत में परिवर्तन होने के कारण निर्गत में जो के परिवर्तन होता है, उसे सीमान्त उत्पाद कहते हैं। इसे निम्न वृ सूत्र द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
RBSE Solutions for Class 12 Economics Chapter 3 उत्पादन तथा लागत 2

प्रश्न 5. 
एक आगत के सीमान्त उत्पाद तथा कुल उत्पाद के बीच सम्बन्ध समझाइए।
उत्तर:

  1. जब एक आगम का कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है तो सीमान्त उत्पाद बढ़ता है।
  2. जब एक आगम का कुल उत्पाद घटती दर पर से बढ़ता है तो सीमान्त उत्पाद घटता है।
  3. जब एक आगम का कुल उत्पाद अधिकतम होता है तब सीमान्त उत्पाद शून्य होता है।
  4. जब एक आगम का कुल उत्पाद घटता है तो उस आगम का सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक होता है।

प्रश्न 6. 
अल्पकाल तथा दीर्घकाल की संकल्पनाओं को समझाइए।
उत्तर:
अल्पकाल वह समय अवधि है जिसमें एक - फर्म सभी कारकों में परिवर्तन नहीं कर सकती है वह केवल परिवर्ती कारकों में परिवर्तन कर सकती है। इसके विपरीत दीर्घकाल वह समयावधि है जिसमें एक फर्म उत्पादन के सभी कारकों में परिवर्तन ला सकती है।

प्रश्न 7. 
ह्रासमान सीमान्त उत्पाद का नियम क्या है।
उत्तर:
हासमान सीमान्त उत्पाद नियम यह कहता है कि अगर हम किसी आगत के प्रयोग में वृद्धि करते हैं, जब अन्य आगत स्थिर हों, तो एक समय के बाद ऐसी स्थिति आयेगी कि प्राप्त होने वाले अतिरिक्त उत्पादन में गिरावट आने लगेगी।

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प्रश्न 8. 
परिवती अनुपात का नियम क्या है?
उत्तर:
परिवर्ती अनुपात का नियम बताता है कि अन्य आगतों के स्थिर रहने पर, एक आगत में परिवर्तन करने पर उत्पाद पहले बढ़ते हुए अनुपात में बढ़ता है; किन्तु एक नियत स्तर पर पहुँचने के उपरान्त सीमान्त उत्पाद में गिरावट आने लगती है, जिससे कुल उत्पाद गिरने लगता है।

प्रश्न 9. 
एक उत्पादन फलन स्थिर पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
एक उत्पादन फलन स्थिर पैमाने के प्रतिफल को तब संतुष्ट करता है जब सभी आगतों के अनुपात में वृद्धि के फलस्वरूप निर्गत में भी उसी अनुपात में वृद्धि होती है।

प्रश्न 10. 
एक उत्पादन फलन वर्धमान पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
एक उत्पादन फलन वर्धमान पैमाने के प्रतिफल को तब संतुष्ट करता है जब सभी आगतों में समानुपाती वृद्धि के परिणामस्वरूप निर्गत में समानुपाती वृद्धि से अधिक अनुपात में वृद्धि होती है।

प्रश्न 11. 
एक उत्पादन फलन ह्रासमान पैमाने के प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर:
एक उत्पादन फलन ह्रासमान पैमाने के प्रतिफल को तब संतुष्ट करता है जब सभी आगतों के आनुपातिक वृद्धि की तुलना में निर्गत में उससे कम अनुपात में वृद्धि होती है। 

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प्रश्न 12. 
लागत फलन की संकल्पनाओं को संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर:
लागत फलन: एक फर्म का लागत फलन उसके उत्पादन एवं लागत के मध्य सम्बन्ध व्यक्त करता है। लागत फलन अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन दोनों प्रकार का होता है। लागत फलन की प्रमुख अवधारणायें अथवा संकल्पनाएँ निम्न प्रकार है।
(अ) अल्पकालीन लागत:
(1) कुल लागत:

  1. कुल स्थिर लागत
  2. कुल परिवर्ती लागत


(2) औसत लागत:

  1. औसत स्थिर लागत
  2. औसत परिवर्ती लागत

(3) सीमान्त लागत

(ब) दीर्घकालीन लागत ।

प्रश्न 13. 
एक फर्म की कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या हैं? वे किस प्रकार सम्बन्धित हैं? 
उत्तर:
कुल स्थिर लागत: अल्पकाल में उत्पादन के कुछ कारकों में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है, अतः वे स्थिर रहते हैं। एक फर्म अल्पकाल में स्थिर कारकों की जो लागत वहन करती है, उसे कुल स्थिर लागत कहा जाता है। कुल स्थिर लागत उत्पादन के साथ परिवर्तित नहीं होती है। इसे पूरक लागत भी कहा जाता है। उदाहरणभवन का किराया, लाइसेंस फीस आदि।

कुल परिवती लागत: एक फर्म अल्पकाल में केवल परिवर्ती आगतों को ही समायोजित कर सकती है। एक फर्म इन परिवर्ती आगतों को प्रयोग करने की जो लागत वहन करती है वह कुल परिवर्ती लागत कहलाती है। कुल परिवर्ती लागत उत्पादन की मात्रा के साथ परिवर्तित होती है। इसे प्रमुख लागत भी कहा जाता है। उदाहरण-कच्चा माल, बिजली का खर्च आदि।

कुल लागत: अल्पकाल में कुल स्थिर लागत तथा कुल परिवर्ती लागत के योग को कुल लागत कहते हैं अर्थात् कुल लागत • कुल स्थिर लागत + कुल परिवर्ती लागत कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत एवं कुल लागत आपस में सम्बन्धित होती हैं। कुल लागत, कुल स्थिर लागत एवं कुल परिवर्ती लागत का योग होती है। कुल स्थिर लागत, अल्पकाल में स्थिर रहती है। उत्पादन की मात्रा का कुल स्थिर लागत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। कुल परिवर्ती लागत, अल्पकाल में परिवर्तित होती है। यह उत्पादन मात्रा के साथ बढ़ती है तथा उत्पादन मात्रा के साथ घटती है। अत: अल्पकाल में कुल परिवर्ती लागत में वृद्धि होने पर कुल लागत में वृद्धि होती है तथा कुल परिवर्ती लागत में कमी होने पर कुल लागत में कमी होती है।

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प्रश्न 14. 
एक फर्म की औसत स्थिर लागत, औसत परिवती लागत तथा औसत लागत क्या हैं? वे किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
औसत स्थिर लागत: कुल स्थिर लागत में निर्गत की इकाइयों का भाग देने से प्राप्त प्रति इकाई लागत को औसत स्थिर लागत कहते हैं। इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जा सकता है
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यहाँ q = निर्गत की इकाइयों की संख्या है।
औसत परिवर्ती लागत: कुल परिवर्ती लागत में निर्गत की इकाइयों का भाग देने से प्राप्त प्रति इकाई लागत को औसत परिवर्ती लागत कहते हैं, इसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।
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औसत लागत: अल्पकाल में औसत स्थिर लागत तथा औसत परिवर्ती लागत के योग को औसत लागत कहा जाता है अर्थात् औसत लागत = औसत स्थिर लागत + औसत परिवर्ती लागत अल्पकाल में औसत स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत आपस में सम्बन्धित होती हैं। औसत लागत, औसत स्थिर लागत एवं औसत परिवर्ती लागत का योग होती है। अल्पकाल में उत्पादन मात्रा के बढ़ने के साथ - साथ औसत स्थिर लागत कम होती जाती है। अल्पकाल में औसत स्थिर लागत वक्र एक आयताकार अतिपरवलय होता है। अल्पकाल में प्रारम्भ में उत्पादन मात्रा में वृद्धि के साथ औसत परिवर्ती लागत में कमी आती है किन्तु उत्पादन की एक सीमा के पश्चात् वृद्धि होने पर औसत परिवर्ती लागत में वृद्धि होने लगती है। इसी प्रकार अल्पकाल में प्रारम्भ में उत्पादन वृद्धि के साथ औसत लागत कम होती जाती है, किन्तु उत्पादन की एक सीमा के पश्चात् उत्पादन में वृद्धि के साथ औसत लागत गिरने लगती है। अल्पकाल में औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत वक्रों की आकृति 'U' के समान होती है।

प्रश्न 15. 
क्या दीर्घकाल में कुछ स्थिर लागत हो सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर:
दीर्घकाल में कोई भी लागत स्थिर नहीं हो सकती है। क्योंकि दीर्घकाल इतनी लम्बी समय अवधि होती है कि उत्पादक स्थिर तथा परिवर्ती दोनों प्रकार के कारकों में परिवर्तन कर सकता है अत: उत्पादक के लिए दीर्घकाल में सभी आगतें परिवर्ती होती हैं वह इन्हें कम या ज्यादा कर सकता है।

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प्रश्न 16. 
औसत लागत वक्र कैसा दिखता है? यह ऐसा क्यों दिखता है?
उत्तर:
औसत लागत वक्र का आकार 'U' के समान होता है। इसका कारण यह है कि उत्पादन प्रक्रिया में प्रारम्भ में उत्पादन के साथ-साथ औसत लागत कम होती जाती है तथा उत्पादन की एक सीमा के पश्चात् उत्पादन वृद्धि करने पर औसत लागत बढ़ती जाती है। अत: औसत लागत वक्र की आकृति 'U' के समान होती है, जैसा कि रेखाचित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 17. 
अल्पकालीन सीमान्त लागत, औसत परिवती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर:
अल्पकाल में उत्पादन की प्रारम्भिक अवस्था में उत्पादन वृद्धि के साथ: साथ सीमान्त लागत, परिवर्ती लागत तथा औसत लागत में कमी होती जाती है; किन्तु एक सीमा के पश्चात् उत्पादन वृद्धि के साथ तीनों में वृद्धि होती जाती है। अत: अल्पकाल में सीमान्त लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत की आकृति 'U' के समान होती है जिन्हें निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 18. 
क्यों अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है, औसत परिवर्ती लागत वक्र के न्यूनतम बिन्दु पर?
उत्तर:
अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र, औसत परिवर्ती लागत वक्र को न्यूनतम बिन्दु पर काटता है, इस बिन्दु से पूर्व अल्पकालीन सीमान्त लागत, औसत परिवर्ती लागत से कम होती है, अत: औसत परिवर्ती लागत वक्र गिरता हुआ होता है। जहाँ सीमान्त लागत वक्र, औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है वहाँ सीमान्त लागत एवं औसत परिवर्ती लागत समान होती हैं तथा औसत परिवर्ती लागत न्यूनतम होती है। इस बिन्दु के पश्चात् सीमान्त लागत, औसत परिवर्ती लागत से अधिक हो जाती है। इस कारण औसत परिवर्ती लागत भी बढ़ने लगती है तथा औसत परिवर्ती लागत वक्र धनात्मक अथवा बढ़ता हुआ हो जाता है। अतः अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र, औसत परिवर्ती लागत वक्र को न्यूनतम बिन्दु पर काटता है। इसे निम्न रेखाचित्र द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।
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उपर्युक्त रेखाचित्र में सीमान्त लागत वक्र, औसत परिवर्ती लागत वक्र को E बिन्दु पर काटता है यहाँ पर औसत परिवर्ती लागत न्यूनतम है। E बिन्दु के पश्चात् औसत परिवर्ती लागत में वृद्धि होती है।

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प्रश्न 19. 
किस बिन्दु पर अल्पकालीन सीमान्त लागत वा अल्पकालीन औसत लागत को काटता है? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर:
अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र, औसत लागत वक्र को उसके न्यूनतम बिन्दु पर काटता है। उत्पादन की प्रारम्भिक अवस्था में सीमान्त लागत, औसत लागत से कम होती है, अतः औसत लागत वक्र गिरता हुआ होता है। जहाँ सीमान्त लागत वक्र, औसत लागत वक्र को काटता है वहाँ सीमान्त लागत एवं औसत लागत समान होती है तथा औसत लागत न्यूनतम होती है। इसके पश्चात् उत्पादन बढ़ाने पर सीमान्त लागत, औसत लागत से अधिक हो जाती है जिस कारण औसत लागत बढ़ने लगती है।

प्रश्न 20. 
अल्पकालीन सीमान्त लागत वन 'U' आकार का क्यों होता है?
उत्तर:
अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र 'U' आकार का होता है क्योंकि उत्पादन की प्रारम्भिक अवस्था में उत्पादन बढ़ाने पर सीमान्त लागत गिरती जाती है तथा उत्पादन की एक सीमा के पश्चात् उत्पादन बढ़ाने पर सीमान्त लागत बढ़ने लगती है। अतः सीमान्त लागत वक्र का आकार 'U' के समान होता है जिसे रेखाचित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 21. 
दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा औसत लागत वन कैसे दिखते हैं?
उत्तर:
दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा दीर्घकालीन औसत लागत वक्र का आकार 'U' के समान दिखता है जिसे निम्न रेखाचित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 22. 
निम्नलिखित तालिका, श्रम का कुल उत्पाद अनुसूची देती है। तदनुरूप श्रम का औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए।

L

कुल उत्पादL

0

0

1

15

2

35

3

50

4

40

5

48

उत्तर:
औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद निम्न प्रकार निकाला जाएगा

श्रम L

कुल उत्पाद (TP)

औसत उत्पाद (AP = TP ÷ L) 

सीमान्त उत्पाद
(MP = ∆TP ÷ ∆L) 

0

0

0

-

1

15

15.00

15

2

35

17.50

20

3

50

16.67

15

4

40

10.00

-10

5

48

 9.60

  8


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प्रश्न 23. 
नीचे दी हुई तालिका, श्रम का औसत उत्पाद अनुसूची बताती है। कुल उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए, जबकि श्रम प्रयोगता के शून्य स्तर पर यह दिया गया है कि कुल उत्पाद शून्य है।

L

कुल उत्पादL

1

2

2

3

3

4

4

4.25

5

4

6

4.25

उत्तर:
कुल उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची को अन तालिका में दर्शाया गया है।

श्रम L

औसत उत्पाद (AP)

कुल उत्पाद(TP)
(TP = L × AP) 

सीमान्त उत्पाद(MP)
(MP = ∆TP ÷ ∆L) 

0

0

0

-

1

2

2

2

2

3

6

4

3

4

12

15

4

4.25

17

-10

5

4

 20

  8


प्रश्न 24. 
निम्नलिखित तालिका श्रम का सीमान्त उत्पाद अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि श्रम का कुल उत्पाद शून्य है, प्रयोग के शून्य स्तर पर। श्रम के कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद अनुसूची की

L

सीमान्त उत्पारL

1

2

2

3

3

4

4

4.25

5

4

6

4.25

उत्तर:
श्रम के कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद को निम्न तालिका से दर्शाया गया है।

श्रम L

सीमान्त उत्पाद (MP)

कुल उत्पाद(TP)
 

औसत उत्पाद (AP)
(AP = ∆TP ÷ ∆L) 

0

0

0

-

1

2

2

2

2

3

6

4

3

4

12

15

4

4.25

17

-10

5

4

 20

  8

 

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प्रश्न 25. 
नीचे दी गई तालिका एक फर्म की कुल लागत अनुसूची दर्शाती है। इस फर्म का कुल स्थिर लागत क्या है? फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवती लागत, अल्पकालीन औसत लागत तथा अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची की गणना कीजिए।

Q

कुल लागत

0

10

1

30

2

45

3

55

4

70

5

90

6

120

उत्तर

इकाई (Q)

कुल

लागत (TC)

कुल स्थिर

लागत (TFC)

कुल

परिवर्ती

लागत (TVC = TC – TFC)

औसत

लागत

(AC = TC/Q)

औसत

परिवर्ती

लागत (AVC = TVC/Q)

सीमान्त

लागत

MC = ∆TC/∆Q

0

10

10

0

-

-

-

1

30

10

20

30.00

20

20

2

45

10

35

22.50

17.50

15

3

55

10

45

18.33

15.00

10

4

70

10

60

17.50

15.00

15

5

90

10

80

18.00

16.00

20

6

120

10

110

20.00

18.33

30


प्रश्न 26. 
निम्नलिखित तालिका एक फर्म के लिए कुल लागत अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि औसत स्थिर लागत निर्गत की 4 इकाइयों पर 5 रुपये हैं। कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, औसत स्थिर लागत, अल्पकालीन औसत लागत, अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची फर्म के निर्गत के तदनुरूप मूल्यों के लिए निकालिए।

Q

कुल लागत

1

50

2

65

3

75

4

95

5

130

6

185

उत्तर:

इकाई (Q)

कुल

लागत (TC)

कुल स्थिर

लागत (TFC)

कुल

परिवर्ती

लागत (TVC)

औसत

परिवर्ती

लागत

(AFC)

औसत

परिवर्ती

लागत (AVC)

औसत

लागत

(AC)

सीमान्त

लागत

(MC)

1

50

20

30

20

30

50.0

-

2

65

20

45

10

22.50

32.5

15

3

75

20

55

6.67

18.53

25.0

10

4

95

20

75

5

18.75

23.75

20

5

130

20

110

4

22.00

26.0

35

6

185

20

165

3.33

27.5

30.83

55

 

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प्रश्न 27. 
एक फर्म का अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। फर्म की कुल स्थिर लागत 100 रुपये है। फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल लागत, औसत परिवती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत अनुसूची निकालिए।

Q

सीमान्त लागत

0

10

1

30

2

45

3

55

4

70

5

90

6

120

उत्तर:

इकाई (Q)

कुल

लागत (TC)

कुल स्थिर

लागत (TFC)

कुल

परिवर्ती

लागत (TVC)

औसत

परिवर्ती

लागत

(AFC)

औसत

परिवर्ती

लागत (AVC)

औसत

लागत

(AC)

सीमान्त

लागत

(MC)

1

50

20

30

20

30

50.0

-

2

65

20

45

10

22.50

32.5

15

3

75

20

55

6.67

18.53

25.0

10

4

95

20

75

5

18.75

23.75

20

5

130

20

110

4

22.00

26.0

35

6

185

20

165

3.33

27.5

30.83

55


प्रश्न 28. 
मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है।
Q=SL.KI 
निकालिए, अधिकतम संभावित निर्गत जिसका उत्पादन फर्म कर सकती है। 100 इकाइयाँ L तथा 100 इकाइयाँ K द्वारा।
उत्तर:
Q = 5L.KI
= 5 x (100)2 x (100)
=5 x \(\sqrt{100} \times \sqrt{100}\)

= 5 x 10.x 10
= 500 इकाइयाँ
अतः अधिकतम संभावित निर्गत 500 इकाइयाँ होगा।

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प्रश्न 29. 
मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
Q = 2L2 K2
अधिकतम सम्भावित निर्गत ज्ञात कीजिए, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है। 5 इकाइयाँ L तथा 2 इकाइयाँ K द्वारा। अधिकतम संभावित निर्गत क्या है, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है। शून्य इकाई L तथा 10 इकाई K द्वारा? ।
उत्तर:
L = 5 इकाइयाँ तथा K = 2 इकाइयाँ होने पर अधिकतम संभावित निर्गत निम्न प्रकार होगा
Q = 2L2 K2
= 2(5)2 (2)2
= 2 x 25 x 4
= 200 इकाइयाँ L= 0 तथा K = 10 होने पर अधिकतम संभावित इकाइयाँ निम्न प्रकार होंगी
Q = 2L2 K2
= 2 x (0) x (10)2
= 2 x 0 x 100
= 0
अतः एक आगत के शून्य होने पर निर्गत का मूल्य भी शून्य होगा।

प्रश्न 30.
एक फर्म के लिए शून्य इकाई L तथा 10 इकाइयाँ K द्वारा अधिकतम संभावित निर्गत निकालिए, जब इसका उत्पादन फलन है
Q = 5L + 2K
उत्तर:
दिया गया है
Q = 5L + 2K
L = 0 तथा K = 10 हो तो
Q = 5 x 0 + 2 x 10
= 0 + 20
= 20
अत: अधिकतम संभावित निर्गत 20 इकाइयाँ होगा।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 11:11 a.m.
Published June 1, 2022