Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Woven Words Poem 1 The Peacock Textbook Exercise Questions and Answers.
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Understanding the Poem :
Question 1.
Comment on the lines that make you visualise the colourful image of the peacock.
उन पंक्तियों पर टिप्पणी करिये जो पंक्तियाँ तुम्हारे लिये मोर के रंगारंग चित्र की प्रस्तुति देती हैं।
Answer:
The poem gives a glimpse of a peacock. There are some lines which create a vivid image of the peacock in our mind.
The poetess describes the peacock as he writes a flash of turquoise in the peepal tree?. The mind of the reader is filled with a colourful image of a peacock. There is a phrase "the slender neck”. It portrays the sleek figure of the peacock and the grace with which it poses.
The poetess writes, “A blue shadow will fall over you’. Again it casts a wonderful image of the peacock. The poetess talks about the beautiful eyes of the peacock and writes 'those dark glowing eyes, violet fringed with golden amber'.
यह कविता मोर की एक झलक देती है। कुछ ऐसी पंक्तियाँ हैं जो हमारे मस्तिष्क में मोर का एक सजीव चित्र उत्पन्न कर देती हैं। कवयित्री मोर का उस समय वर्णन कर रही होती है जब वह लिखती है-'पीपल के वृक्ष पर नीलमणि की एक चमक'। पाठक का मस्तिष्क मोर के रंगारंग चित्र से भर उठता है। एक वाक्यांश है - नाजुक गर्दन।
यह मोर की चमकती हुई आकृति को तथा उस सुन्दरता को चित्रित करती है जिस सुन्दरता के साथ यह अपनी विशिष्ट आकृति को धारण करता है। कवयित्री लिखती है एक नीली परछाई तुम्हारे ऊपर से होकर गिरेगी'। फिर दुबारा से यह पंक्ति मोर का एक अद्भुत चित्र बनाती है। कवयित्री मोर की सुन्दर आँखों के बारे में कहती है और लिखती है 'सुनहरे पदार्थ से युक्त बैंगनी किनारे वाली वे गहरी चमकती हुई आँखें।
Question 2.
What are the cues that signal the presence of the peacock in the vicinity?
वे कौन-कौनसे संकेत हैं जो आस-पास ही मोर की उपस्थिति का आभास देते हैं?
Answer:
There are many cues in the poem that signal the presence of the peacock in the vicinity. In the beginning of the poem a loud sharp call is heard and this call seems to be coming from nowhere. This gives the hint that there is a peacock somewhere nearby. Then there is a flash of turquoise in the peepal tree which is an other indication that the peacock is present there.
The slender arched neck of the peacock as he descends gives its presence. We find the glimpse of the very end of the tail as swiftly it darts away. As one reads a book with great concentration sitting in the veranda, a blue shadow falls over him. The wind, then, changes the direction and the steady humming of bees in the bush nearby gets stopped. All this suggests the presence of the peacock.
इस कविता में ऐसे बहुत से संकेत हैं जो आस-पास के क्षेत्र में मोर की उपस्थिति का आभास कराते हैं। कविता के प्रारम्भ में एक जोरदार तेज आवाज सुनी जाती है और यह आवाज न जाने कहाँ से आती हुई प्रतीत होती है। यह इस बात का संकेत है कि आस-पास ही कहीं कोई मोर है। फिर पीपल के वृक्ष पर नीलमणि की एक चमक होती है जो एक और संकेत है कि वहाँ मोर की उपस्थिति है।
जैसे ही मोर नीचे की ओर उतरता है वैसे ही मोर नाजुक-सी घुमावदार गर्दन इसकी उपस्थिति दे जाती है, जैसे ही फुर्ती के साथ यह दूर हटती जाती है वैसे ही हमें इसकी पूँछ के अन्तिम छोर की एक झलक मिल जाती है। जिस समय बरामदे में बैठकर कोई व्यक्ति बड़ी ध्यानमग्नता के साथ किसी किताब को पढ़ता है, उसी समय एक नीली परछाई उसके ऊपर से होकर गिरती है। तब हवा अपनी दिशा बदल देती है और पास की झाड़ी में मधुमक्खियों की निरन्तर उठने वाली भनभनाहट की आवाज बन्द हो जाती है। यह सब कुछ मोर की उपस्थिति को प्रस्तावित करता है।
Question 3.
How does the connection drawn between the tail and the eyes add to the descriptive detail of the poem?
पूँछ और आँख के बीच में खींचा गया सम्बन्ध किस प्रकार से कविता के वर्णनात्मक विस्तार की वृद्धि करता है?
Answer:
Sujata Bhatt details the plumage of the peacock in an artful and delicate way. The whole poem is a celebration of the beauty of the peacock. The life-like impression of the feathers and the eyes on them are best seen as the peacock fans its tail. This pattern actually resembles an eye which he appreciates immensely. When the poetess tries to get a glimpse of the peacock, it gathers its tail and eludes. Then the poetess praises these eyes impressions.
The poetess describes the imprints of the eyes on the tail-end as 'dark glowing eyes are always open'. Of course the eyes are always open as they cannot have eyelids. She calls them the eyes of the peacock. The shaking of the feathers give a view of the blinking of the eyes as the eyes on the feathers will not blink in any other way.
सुजाता भट्ट एक कलात्मक तथा नाजुक ढंग से मोर के पूँछ के पंखों का विस्तारपूर्वक वर्णन करती है, सारी कविता ही मोर की सुन्दरता का आनन्द मनाती है। पूँछ के पंखों का और उन पर बनी हुई आँखों का सजीव चित्र उस समय सबसे अच्छे प्रकार से दिखाई देता है जिस समय वह मोर अपने पंखों को लहराता है। यह आकृति वास्तविक रूप से उस आँखों से समानता रखती है जिसकी वह बहुत ही अधिक तारीफ करता है।
जब कवयित्री मोर की एक झलक पाने की कोशिश करती है, तभी वह अपनी पूँछ को समेटता है और कुशलता से भाग जाता है। तब कवयित्री इन्हीं आँखों के चित्रों की प्रशंसा करती है। कवयित्री पूँछ के छोर पर बनी हुई आँखों की आकृतियों का वर्णन इस रूप में करती है कि वे गहरी काली चमकती हुई आँखें हमेशा खुली रहती हैं। वास्तव में वे आँखें हमेशा खुली रहती हैं क्योंकि उनमें पलकें नहीं हो सकती हैं। वह उन्हीं को मोर की आँखें कहकर पुकारती है। पूँछ के पंखों के हिलने से आँखों के पलक झपकाने के दृश्य की प्रस्तुति होती है क्योंकि पंखों पर बनी हुई आँखें किसी और प्रकार से नहीं झपकेंगी।
Question 4.
How does the poem capture the elusive nature of the peacock?
कविता किस प्रकार से मोर के बचकर भाग जाने वाले स्वभाव को पकड़ती है?
Answer:
The peacock, as the poetess narrates, is not so easy to be found. On account of its elusive nature one has to work very hard to get a glimpse of it. The poetess says that one has to sit in the veranda and read a favourite book with great concentration. The moment he begins to live inside the book and forgets all about the surroundings, the peacock descends casting a blue shadow over him. The steady humming of the bees in the nearby bushes will stop and the cat will awaken and stretch.
The attention of the man is broken and he has to look up or else the peacock will disappear again somewhere. It is evanescent in nature. As the man tries to catch a sight of those dark glowing eyes violet fringed with golden amber, it quickly runs out of sight gathering its tail which gives a view of blinking eyes or else they are always open printed on the tail end.
जैसाकि कवयित्री वर्णन करती है, उसके अनुसार मोर को खोज पाना उतना आसान नहीं होता है। इसके बचकर भाग जाने वाले स्वभाव के कारण किसी भी व्यक्ति को उसकी झलक पाने के लिये बहुत परिश्रम करना पड़ता है। कवयित्री कहती है कि किसी भी व्यक्ति को बरामदे में बैठना होता है और बड़े ध्यान के साथ किसी प्रिय पुस्तक को पढ़ना होता है।
जिस क्षण वह पुस्तक में खोना शुरू करता है और अपने आस-पास की वस्तुओं के बारे में सुध-बुध खो बैठता है, उसी क्षण मोर उसके ऊपर से होकर नीली परछाई डालते हुए नीचे उतरता है। आस-पास की झाड़ियों में निरन्तर चलने वाली मधुमक्खियों की भनभनाहट रुक जायेगी और बिल्ली जाग जायेगी और अपना शरीर पसारेगी। आदमी का ध्यान भंग हो जाता है और उसे ऊपर की ओर देखना होता है, अन्यथा मोर फिर दुबारा से कहीं अदृश्य हो जायेगा।
यह अपने स्वभाव से ही शीघ्र लुप्त हो जाने वाला प्राणी है। जैसे ही मनुष्य सुनहरे पदार्थ से जुड़ी हुई बैंगनी किनारों वाली उन गहरी चमकती हुई आँखों के दृश्य को पकड़ने की कोशिश करता है, वैसे ही शीघ्रता के साथ यह अपने पंखों को समेटता हुआ दृश्य से ओझल हो जाता है जिससे झपकती हुई आँखों का एक दृश्य प्रस्तुत होता है या फिर वे पूँछ के छोर पर हमेशा के लिये खुली हुई बनी होती हैं।
Question 5.
The peacock is a colourful bird. How does the poem capture the various colours that its plumage displays?
मोर एक रंगबिरंगा पक्षी है। यह कविता किस प्रकार से उन विभिन्न रंगों को पकड़ती है जो इसके पूंछ के पंखों पर दिखाई देते हैं?
Answer:
An Asian bird peacock is one of the most colourful birds. Its plumage reflects a number of colours. Sujata Bhatt has detailed the tail of numerous colours with such finesse that it is not hard to visualise the blue and the golden colour of the peacock. In the very beginning when she tells the readers about the presence of the peacock in the vicinity, she talks of the turquoise flashed in the peepal tree.
Vibrant reflection of the turquoise colour which is most dominating in its feathers forms an image in the readers' mind. Even when the peacock makes a glimpse, the poetess talks of its dark glowing eyes in feathers. She describes them violet fringed with golden amber. It creates a vivid imagery of a widespread plumage of the peacock.
एशिया का यह पक्षी मोर सबसे अधिक रंगीन पक्षियों में से एक है। इसकी पूँछ के पंख बहुत सारे रंगों को दर्शाते हैं। सुजाता भट्ट ने अनेक रंगों वाली पूँछ का वर्णन ऐसी सुन्दरता से किया है कि इस मोर के नीले और सुनहरे रंगों को देख पाना कठिन नहीं होता है। प्रारम्भ में ही जब वह आस-पास के क्षेत्र में मोर की उपस्थिति के बारे में पाठकों को बताती है तो वह पीपल के वृक्ष पर नीलमणि की चमक के बारे में बोलती है।
नीलमणि के रंग का चंचल प्रतिबिम्ब जो इसके पंखों में सर्वाधिक प्रभावी है वह पाठकों के मस्तिष्क में एक चित्र बना देता है। जिस समय मोर की एक झलक मिलती है उस समय भी कवयित्री इसके पंखों में गहरी चमकती हुई आँखों का वर्णन करती है। वह उन्हें सुनहरे पीले पदार्थ से युक्त बैंगनी रंगों में सजी हुई वर्णित करती है। यह वर्णन मोर के विशाल फैले हुए पंखों की सजीव कल्पना की रचना करता है।
Question 1.
Why is the peacock only partially visible?
मोर केवल आंशिक रूप से ही क्यों दृष्टिगोचर होता है?
Answer:
The loud sharp call of the peacock appears to come from nowhere. It means that he is not visible. Then he is seen only as a flash of greenish blue, similar to turquoise, in the peepal tree. Again, he descends from the peepal tree with its slender neck curved away and as he prepares to dart away, it is only the end of his tail which is seen. Thus the peacock is only partially seen.
मोर की जोरदार तीखी पुकार अज्ञात स्थान से आती प्रतीत होती है। इसका अर्थ है कि वह दृष्टिगोचर नहीं हो रहा है। फिर वह पीपल के वृक्ष में केवल हरे-नीले रंग की चमक के रूप में देखा जाता है, जो चमक नीलमणि के समान होती है। पुनश्चः, वह पीपल के वृक्ष से नीचे आता है, उसकी पतली गर्दन को दूसरी ओर घुमाए हुए और जब वह जाने के लिए तैयार होता है तो केवल उसकी पूँछ का सिरा ही दिखाई पड़ता है। इस प्रकार मोर को केवल आंशिक रूप से ही देखा जाता है।
Question 2.
Why does the poetess see only the tail of the peacock and the blinking eyes in the feathers?
कवयित्री केवल मोर की पूँछ और पंखों में झपकती हुई आँखें क्यों देखती है?
Answer:
As the peacock comes down from the tree, it moves away its slender neck. While moving away suddenly, it only leaves a glimpse of its tail end which the poetess sees. The peacock is turning away gathering its tail. At this time one can see only the dark glowing eyes on the tail. These are all the imprints of the eyes on the feathers' end. Hence they are always open. But the peacock gathers its tail. So the movement of the tail presents the eyes as if they were blinking.
जैसे ही मोर पेड़ से नीचे की ओर आता है तो यह अपनी नाजुक-सी गर्दन लिये हुए मुड़कर चला जाता है। जिस समय यह अचानक से दूर चला जा रहा होता है, उस समय यह अपनी पूँछ के अन्तिम छोर की एक झलक छोड़ जाता है जिसे कवयित्री देख लेती है। मोर अपनी पूँछ को समेटे हुए दूर चला जा रहा है। इस समय किसी व्यक्ति को पूँछ पर बनी गहरी चमकती हुई आँखें ही दिखाई दे सकती हैं। ये पंखों के अन्तिम छोर पर बनी हुई आँखों की आकृतियाँ हैं। इसलिए वे हमेशा के लिए खुली हुई हैं । लेकिन मोर अपनी पूंछ को समेटता है। इसलिये पूछ की यह हलचल आँखों को ऐसे प्रस्तुत करती है जैसे कि मानो वे झपक रही हों।
Question 3.
How does the poetess paint the picture of the peacock?
कवयित्री मोर का चित्रण किस प्रकार करती है? ।
Answer:
The peacock painted by the poetess eludes observation. First, his call seems to come from nowhere. Then, he appears as a flash of greenish-blue turquoise in the peepal tree. He descends with his slender neck arched away and when he darts away, only a glimpse of the end of his tail can be got. As he gathers his beautiful plumage to turn away, the imprints of eyes on it appear to be blinking like real eyes. Thus the poetess paints a colourful picture of the peacock.
कवयित्री द्वारा चित्रित किया गया मोर दृष्टि से ओझल होने का गुण रखता है। प्रथमतः उसकी पुकार अज्ञात स्थान से आती हुई प्रतीत होती है। फिर वह पीपल के वृक्ष में हरी-नीली दमक के रूप में नीलमणि के समान दिखाई देता हुआ प्रकट होता है। वह उसकी पतली गर्दन को मोड़े हुए नीचे की ओर आता है और जब वह तेजी से जाने लगता है तो उसकी पूँछ का छोर ही झलक के रूप में दिखाई पड़ता है। जब वह प्रस्थान करने हेतु उसके सुन्दर पंखों को समेटता है तो उन पर बनी आँखों जैसी आकृतियाँ वास्तविक आँखों के समान झपकती हुई प्रतीत होती हैं। इस प्रकार कवयित्री मोर का रंग-बिरंगा चित्र खींचती है।
Seen Passages
Read the following stanzas carefully and follow the questions set thereon keeping the answers in mind :
Stanza-1.
His loud sharp call
seems to come from nowhere.
Then, a flash of turquoise
in the peepal tree.
The slender neck arched away from you
as he descends,
and as he darts away, a glimpse
of the very end of his tail.
Questions: 1.
Why does the peacock's loud sharp call seem to come from nowhere?
मोर की जोरदार तीखी आवाज अज्ञात स्थान से आती हुई क्यों प्रतीत होती है?
2. What does the poetess mean by a flash of turquoise' in the peepal tree?
पीपल के वृक्ष में 'a flash of turquoise' से कवयित्री का तात्पर्य क्या है?
3. How does the peacock behave while descending?
नीचे उतरते समय मोर कैसा व्यवहार करता है?
4. Why does one get only a glimpse of the end of his tail?
किसी व्यक्ति को मोर की पूँछ के सिरे की झलक ही क्यों दिखाई पड़ती है?
Answers :
1. The loud sharp call of the peacock seems to come from nowhere as the peacock is not visible.
मोर की जोरदार तीखी आवाज अज्ञात स्थान से इसलिए आती प्रतीत होती है क्योंकि मोर अदृश्य होता है।
2. The poetess means that the peacock's colour is greenish-blue emitting flashing light.
कवयित्री का तात्पर्य यह है कि मोर का रंग हरा-नीला होता है जो दमकता रहता है।
3. He curves his beautiful, thin neck away from us while descending.
उतरते समय वह उसकी सुन्दर, पतली गर्दन को हमसे दूर घुमा लेता है।
4. The movement of the peacock's body is so sudden, when it moves away, that one gets only a glimpse of the end of his tail.
जाते समय मोर के शरीर की गति इतनी अनायास होती है कि किसी व्यक्ति को उसकी पूँछ के सिरे की एक झलक ही दिखाई पड़ती है।
Stanza-2.
I was told
that you have to sit in the veranda
And read a book,
preferably one of your favourites
with great concentration.
The moment you begin to live
inside the book
A blue shadow will fall over you.
The wind will change direction,
The steady hum of bees.
In the bushes nearby
will stop.
Questions :
1. What was the poetess told to do?
कवयित्री को क्या करने हेतु कहा गया?
2. What does the blue shadow refer to?
'नीली छाया' किस ओर संकेत करती है?
3. What happens when one is absorbed in reading one's book?
क्या होता है जब कोई व्यक्ति उसकी किताब पढ़ने में खो जाता है?
4. What changes take place in the surroundings of the reader?
पाठक के आस-पास क्या परिवर्तन घटित होते हैं?
Answers :
1. She was told to read a favourite book of hers with great concentration.
उसे उसकी किसी प्रिय पुस्तक को ध्यान केन्द्रित कर पढ़ने हेतु कहा गया।
2. The blue shadow refers to the shadow of the peacock whose colour is blue.
'नीली छाया' मोर की छाया की ओर संकेत करती है। मोर नीले रंग का होता है।
3. All of a sudden, the peacock comes down flying from the peepal tree and his blue shadow falls on the person.
अचानक मोर पीपल के वृक्ष से उड़ते हुए नीचे की ओर आता है तथा उसकी नीली छाया उस व्यक्ति पर पड़ती है।
4. With the coming down of the peacock, the wind changes direction and the humming sound of bees in the nearby bushes stops.
मोर के नीचे की ओर आने के साथ ही हवा की दिशा बदल जाती है तथा पास की झाड़ियों से आने वाली मधुमक्खियों की भनभनाहट थम जाती है।
Stanza-3.
The cat will awaken and stretch.
Something has broken your attention;
And if you look up in time
You might see the peacock turning away as he gathers his tail
To shut those dark glowing eyes,
Violet fringed with golden amber
It is the tail that has to blink
For eyes that are always open.
Questions :
1. What effect does the coming down of the peacock have on the cat and the reader of the book?
मोर के नीचे आने का बिल्ली तथा पुस्तक के पाठक पर क्या प्रभाव पड़ता है?
2. What can the reader see if he looks up in time?
अगर पाठक समय पर ध्यान से देखेगा तो वह क्या देख सकता है?
3. Which 'dark glowing eyes' is the poetess talking about?
कवयित्री किन 'काली चमकती आँखों' की बात कर रही है?
4. How do the eyes on the peacock's tail blink?
मोर की पूँछ पर बनी आँखें किस प्रकार झपकती हैं?
Answers :
1. The cat is disturbed in its sleep. It wakes up and stretches its body. The reader's attention is diverted.
बिल्ली की नींद में बाधा पहुँचती है। वह जग जाती है तथा शरीर को फैलाती है। पाठक का ध्यान पुस्तक से हट जाता है।
2. He can see the peacock turning away, gathering his tail.
वह मोर को जाते हुए देख सकता है, उसकी पूँछ को समेटते हुए।
3. The poetess is talking about the eye-like imprints on the tail of the peacock.
कवयित्री मोर की पूंछ पर बनी आँखों जैसी दिखाई देने वाली आकृतियों की बात कर रही है।
4. The eye-like imprints on the tail of the peacock appear to blink when he gathers his tail.
आँखों के समान दिखाई देने वाली, मोर की पूंछ पर पाई जाने वाली आकृतियाँ तब झपकती प्रतीत होती हैं जब वह उसकी पूँछ को समेटता है।
About the Poetess
Sujata Bhatt (born 1956) was educated in the USA and now lives in Germany. She won the Commonwealth Poetry Prize for the Asia section for her collection of poems, Brunizem (1988) from which 'The Peacock' is taken. Two other books of poems by her are Monkey Shadows (1991) and The Stinking Rose (1994). She has also translated Gujarati poetry into English.
कवयित्री के बारे में सुजाता भट्ट (जन्म 1956) की शिक्षा USA में हुई थी और अब वह जर्मनी में रहती है। अपनी कविताओं के संग्रह Brunizem (1988) जिसमें से 'The Peacock' को लिया गया है, उसके लिए उसने एशिया संभाग के लिये कॉमनवैल्थ पोइट्री पुरस्कार जीता था। उसके द्वारा लिखी गई कविताओं की दूसरी दो किताबें हैं 'The Monkey Shadows' (1991) तथा 'The Stinking Rose' (1994)। उसने गुजराती कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया है।
About the Poem
'The Peacock' is a beautiful poem by Sujata Bhatt. In this poem the loud call of the peacock is heard coming from nowhere, and suddenly the peacock comes into the sight in the peepal tree. Then the poet appreciates the royal, fascinating, precious and magnificent body parts of a peacock. We know that a peacock is a national bird of India. So all that she appreciates is of India.
The whole poem is talking about India. Let us think that a man is reading some interesting book with great concentration and he gets irritated at the sound of the wind or at the humming of bees in some nearby bushes; and he suddenly notices a blue shadow of a peacock passing over him. The winds will change and the humming of bees will stop. The man will see the peacock turning away. He will see the moving tail which will present the sight of blinking eyes.
कविता के बारे में
'द पिकॉक' सुजाता भट्ट के द्वारा लिखी हुई एक सुन्दर कविता है। इस कविता में मोर पक्षी की जोर की पुकार न जाने कहाँ से आती हुई सुनाई देती है और अचानक ही पीपल के वृक्ष पर मोर दृष्टिगोचर हो जाता है। फिर इसके बाद कवयित्री मोर के शाही, आकर्षक, बहुमूल्य और आलीशान शारीरिक अंगों की प्रशंसा करती है।
हम जानते हैं कि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। इसलिये जो कुछ भी वह प्रशंसा करती है, वह सब भारत के ही बारे में होता है। पूरी कविता ही भारत के बारे में बोल रही है। आओ हम ऐसा सोंचें कि कोई आदमी बड़े ही ध्यान से किसी मनोरंजक पुस्तक को पढ़ रहा है और वह बहती हुई हवा की आवाज से अथवा किन्हीं पास ही की झाड़ियों में मधुमक्खियों की भनभनाहट की आवाज से खिन्न हो जाता है।
और वह अचानक ही किसी मोर की नीली परछाई को अपने ऊपर से गुजरते हुए देखता है। हवाएँ बदल जायेंगी और मधुमक्खियों की भनभनाहट बन्द हो जायेगी। वह आदमी मुड़कर दूर जाते हुए मोर को देख लेगा। वह उस हिलती हुई पूँछ को भी देखेगा जो पलकें झपकाते हुए आँखों के दृश्य को प्रस्तुत करेंगी।
Stanzas of the Poem with Word-Meanings and Hindi Translation
Stanza-1.
His loud sharp call
seems to come from nowhere.
Then, a flash of turquoise
in the pipal tree
The slender neck arched away from you
as he descends,
and as he darts away, a glimpse
of the very end of his tail. (Page 107)
कठिन शब्दार्थ-flash (फ्लैश) = a sudden blaze (चमक)। turquoise (टक्वॉइज्) = a greenish blue precious stone (फिरोजा, नीलमणि) । slender (स्लेन्ड(र्)) = slight and graceful (नाजुक और सुन्दर) | arched away (आच्ड अवे) = went away curving playfully (गोल आकृति बनाते हुए और खेलते हुए दूर चली गई)। descends (डिसैन्ड्स) = comes down (नीचे आती है)। darts away (डॉट्स अवे) = moves forward suddenly and quickly (अचानक फुर्ती से आगे बढ़ जाती है)।glimpse (ग्लिम्प्स ) = a momentary view (झलक)।
हिन्दी अर्थ-उस (मोर) की तेज आवाज न जाने कहाँ से आती हुई प्रतीत होती है। और फिर इसके बाद पीपल के पेड़ पर हरे-बैंगनी रंग वाले नीलमणि के समान दिखाई देने वाले उस मोर की एक झलक मिल जाती है। जैसे ही वह मोर नीचे की ओर आता है वैसे ही वह अपनी नाजुक-सी गोल मुड़ावदार गर्दन को लिये हुए तुमसे दूर चला जाता है; और जैसे ही वह अचानक से दूर जाता है वैसे ही उसकी पूँछ के छोर की एक झलक दिखलाई पड़ जाती है।
Stanza-2.
I was told that you have to sit in the veranda
And read a book, preferably one of your favourites
with great concentration..
The moment you begin to live
inside the book
A blue shadow will fall over you.
The wind will change direction,
The steady hum of bees
In the bushes nearby will stop. (Page 107)
कठिन शब्दार्थ-preferably (प्रेफ्रब्लि ) = most desired in preference (श्रेष्ठ मानते हुए)। favourite (फेवरिट्) = things of favour (अधिक प्रिय वस्तुएँ)। concentration (कॉन्सन्ट्रेश्न्) = thinking deeply (गम्भीर चिन्तन में मन एकाग्र करना) | steady (स्टेडि) = regular (अनवरत, लगातार)। hum (हम्) = murmuring sound (भनभनाहट की आवाज)।
हिन्दी अर्थ-मुझसे कहा गया था कि तुम्हें बरामदे में बैठना है और जिसे तुम श्रेष्ठ मानते हो ऐसी किसी मनपसन्द किताब को बहुत ही ध्यान केन्द्रित करते हुए तुम्हें पढ़ना है....। जिस क्षण उस किताब में ध्यान देना तुम शुरू करते हो, उसी समय तुम्हारे ऊपर एक नीली परछाई गिरती है तो बहने वाली हवा की दिशा बदल जाती है और पास ही की झाड़ियों से मिरन्तर आने वाली मधुमक्खियों की भनभनाहट बन्द हो जाती है।
Stanza 3.
The cat will awaken and stretch.
Something has broken your attention;
And if you look up in time
You might see the peacock turning away as he gathers his tail
To shut those dark glowing eyes,
Violet fringed with golden amber.
It is the tail that has to blink
For eyes that are always open.(Page 107)
कठिन शब्दार्थ-stretch (स्ट्रेच्) = spread (फैलाना) | gathers (गैद(र)स) = draws together (समेटना, इकट्ठा करना)। glowing (ग्लोइङ्) = shining (चमकती हुई)। violet (वाइअलट्) = (बैंगनी रंग)। fringed (फ्रिन्ज्ड ) = with border (किनारा)। amber (ऐम्ब(र)) = yellowing brown gum for making ornaments (आभूषण बनाने हेतु सुनहरा भूरा पदार्थ)। blink (ब्लिङ्क्) = wink (पलक झपका कर तुरन्त खोलना)।
हिन्दी अर्थ-बिल्ली भी जाग उठेगी और अंगड़ाई भरने के लिए अपने हाथ-पाँव पसारेगी। किसी वस्तु ने तुम्हारे ध्यान को ही भंग कर दिया है और इसी समय में यदि तुम निगाह उठाकर ऊपर देख लो तो सम्भवतः तुम्हें वह मोर दिखाई दे जाये जो अपनी पूँछ समेट कर तुमसे दूर जा रहा हो। उसके पूँछ समेटने से वे गहरे काले रंग की चमकती हुई आँखें झपकती हुई-सी प्रतीत होती है जिनके सुनहरे पीले पदार्थ से वे बैंगनी रंग में सजी हुई हैं। यह मोर की वह पूंछ है जिस पर बनी हुई आँखें झपकती-सी प्रतीत होती है क्योंकि वैसे तो वह आँखें हमेशा खुली रहती हैं।