Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Woven Words Essays Chapter 5 What is a Good Book? Textbook Exercise Questions and Answers.
The questions presented in the RBSE Solutions for Class 11 English are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 11 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Our team has come up with Tenses Class 11 to ensure that students have basic grammatical knowledge.
Understanding the Text :
Question 1.
What, according to Ruskin, are the limitations of the good book of the hour?
रस्किन के अनुसार आज के समय में किसी अच्छी पुस्तक की सीमाएँ क्या हैं?
Answer:
The good book has certain limitations. It should be essentially in a written form. According to the writer, the newspaper, or the letter by a friend are also in the written form. But we can't call them books. They are something of a temporary nature. But a good book must be permanent in nature.
एक अच्छी पुस्तक की कुछ सीमाएँ होती हैं। यह अवश्य ही लिखित रूप में होनी चाहिए। लेखक के अनुसार कोई समाचार पत्र या मित्र द्वारा लिखा पत्र भी लिखित रूप में होता है। परन्तु हम इन्हें पुस्तकें नहीं कह सकते। वे अस्थायी ढंग की होती हैं। परन्तु एक अच्छी पुस्तक स्थायी प्रकार की होनी चाहिए।
Question 2.
What are the criteria that Ruskin feels that readers should fulfil to make themselves fit for the company of the Dead?
रस्किन किस पैमाने की बात करता है जो पाठकों को स्वयं मृतकों के साथ सम्पर्क में रहने के लिए पूरा करना चाहिए?
Answer:
Ruskin is of the opinion that hardwork and quality service are necessary to live in the company of Dead. We can't deceive the Dead. They have already reached to the high levels of their thoughts.
रसकिन के मतानुसार सख्त परिश्रम और अच्छी गुणवत्ता की सेवा मृतकों के साथ सम्पर्क में रहने के लिए आवश्यक हैं। हम मृत लोगों को धोखा नहीं दे सकते। वे लोग पहले ही अपनी सोच के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके होते हैं।
Question 3.
Why does Ruskin feel that reading the work of a good author is a painstaking task?
रसकिन ऐसा महसूस क्यों करता है कि अच्छे लेखक का काम पढ़ना एक मेहनत वाला काम होता है?
Answer:
Ruskin says that a good author always writes books of very high quality. These books generally have many hidden meanings in them. These meanings may be in the form of parables. The good authors always hide their deep thoughts. However, we can understand what they have hidden in their minds by reading their books painstakingly.
रसकिन कहता है कि एक अच्छा लेखक सदा अच्छी गुणवत्ता वाली पुस्तकें लिखता है। इन पुस्तकों में प्रायः बहुत से छिपे अर्थ होते हैं। अच्छे लेखक सदा अपनी गहरी सोच को छिपा कर रखते हैं। लेकिन उन्होंने अपने मन में जो छिपा कर रखा है को समझ सकते हैं यदि हम उनकी पुस्तकें मेहनत से पढ़ें।
Question 4.
What is the emphasis placed by Ruskin on accuracy?
रसकिन का शुद्धता पर बल दिया जाना क्या है?
Answer:
According to the writer accuracy is very important in any sort of reading. A person may know a lot of languages. He may have read a lot of books. But it is of no use if this language is meant for semi-literate people. According to the writer accuracy is the key feature of any language. We need not learn many languages. Only one language is sufficient. However, we must be proficient in that language. Accuracy is the key feature of any language.
लेखक कहता है कि किसी भी प्रकार के पठन में शुद्धता बहुत आवश्यक होती हैं। कोई व्यक्ति बहुत सी भाषाएँ जानने वाला हो सकता है। वह बहुत सी पुस्तकें पढ़ा हुआ हो सकता है। परन्तु उसका कोई लाभ नहीं यदि यह भाषा अल्प-शिक्षित लोगों के लिए है। लेखक के अनुसार शुद्धता किसी भी भाषा का सबसे मुख्य भाग है। हमें बहुत सी भाषाएं सीखने की आवश्यकता नहीं है। मात्र एक भाषा ही काफी है। लेकिन फिर भी हमें उस भाषा में प्रवीण होना चाहिए। शुद्धता किसी भी भाषा का मुख्य भाग होता है।
Talking about the Text :
Question 1.
Ruskin's insistence on looking intensely at words and assuring oneself of meaning, syllable by. syllable-nay, letter by letter.
रसकिन शब्दों को बहुत ध्यान से देखता, और व्यक्ति को उनके अर्थ पर जोर डालता है-शब्दांश से शब्दांश- नहीं, अक्षर से अक्षर तक।
Answer:
The author means to say that we should read in such a manner that we may understand the deep meaning that has been hidden in the book. Some people read a lot of books. But they read them just superficially. It is of no use. We may read just one book but we should assure ourselves that we are able to understand its meaning, syllable by syllable-nay, letter by letter.
लेखक के कहने का भाव यह है कि हम पुस्तक में छिपे गहरे अर्थ को समझ सकें। कुछ लोग बहुत सी पुस्तकें पढ़ लेते हैं। परन्तु वे उन्हें केवल सरसरी तौर पर ही पढ़ते हैं। इसका कोई लाभ नहीं होता। हम मात्र एक पुस्तक ही पढ़ सकते हैं परन्तु हमें स्वयं को यह निश्चित करना चाहिए कि हम इसका अर्थ शब्दांश से शब्दांश तक ही नहीं अपितु अक्षर से अक्षर तक समझ सकें।
Question 2.
Choice of diction is very crucial to the communication of meaning.
बोलने का ढंग संचार के अर्थ में बहुत महत्त्वपूर्ण होता है।
Answer:
Communication through words may be easy but for effective communication emphasis has to be given on the choice of diction. A set of words may convey almost the same meaning of these words, only a particular word will convey the meaning effectively.
शब्दों द्वारा संचार सरल हो सकता है परन्तु प्रभावशाली संचार के लिए हमें बोलने के ढंग पर जोर देने की आवश्यकता होती है। शब्दों का कोई समूह भी वही अर्थ दे सकता है जितना कि कोई विशेष शब्द प्रभावशाली ढंग से शब्द का अर्थ बता सकता है।
Appreciation :
Question 1.
The text is an excerpt from Sesame and Lilies which consists of two essays, primarily, written for delivery as public lectures in 1864. Identify the features that fit the speech mode. Notice the sentence patterns.
यह पाठ सीसम एण्ड लीलीज से लिया गया एक भाग है, जिसमें दो निबन्ध हैं, जो कि मुख्यतः 1864 में लोगों को भाषण देने के लिए लिखे गए थे। इसके कौन से गुण उसके भाषण वाले ढंग के अनुरूप हैं । वाक्य पद्धति को भी ध्यान में रखें।
Answer:
Since the text was given as a speech, it contains all the features important for a speech. In most of the sentences the author has used the first person pronoun ‘T'. In this manner he is talking to his audience. He has also used many conjunction to make the speech lucid and spontaneous. At many places he has ignored the correctness of sentences, which is quite common in any public speaker.
क्योंकि यह पाठ एक भाषण के रूप में दिया गया था। इसमें किसी भी अच्छे भाषण के सभी गुण हैं। अधिकतर वाक्यों में लेखक ने प्रथम पुरुष 'मैं' का प्रयोग किया है । इस ढंग से वह श्रोताओं से बातचीत करता है। उसने बहुत से योजकों का प्रयोग भी किया है ताकि अपनी भाषा को सरल और आकस्मिक रखा है। बहुत से स्थानों पर उसने वाक्यों की शुद्धता को दर-किनार कर दिया है, जो कि किसी भी सार्वजनिक वक्ता में एक आम बात होती है।
Question 2.
The lecture was delivered in 1864. What are the shifts in style and diction that the make the language different from the way it is used today?
भाषण 1864 में दिया गया था। शैली और शब्द-चयन में ऐसे कौन से अन्तर हैं जो आज-कल से भिन्न हैं?
Answer:
The drifts in style and diction are very evident in the text. There are many words and phrases in the text which are now not used quite frequently. We must understand that language is also science. It keeps on changing with the passage of time. Many words are incorporated in it and many other become obsolete.
पाठ में शैली और शब्द-चयन में अन्तर स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। पाठ में बहुत से ऐसे शब्द और वाक्यांश हैं, जो आज कल प्रायः प्रयोग में नहीं लिए जाते। हमें यह बात समझनी होगी कि भाषा भी एक विज्ञान होती है। यह भी समय बीतने के साथ बदलती रहती है। इसमें बहुत से शब्द शामिल कर लिए जाते हैं और बहुत से अन्य अप्रचलित हो जाते हैं।
Short Question Answers :
Question 1.
What is a good book according to the author?
लेखक के अनुसार एक अच्छी पुस्तक कौन सी होती है?
Answer:
According to the author a good book is always in a printed form. It is not a pleasant talk of somebody. He says that newspaper can also not be categorised as a book. Becuase they lack permanence. Thus the two main features of a good book are its permanence and the second is that is must be in written form.
लेखक के अनुसार एक अच्छी पुस्तक सदैव छपी हुई होती है। यह किसी व्यक्ति द्वारा की गई मधुर बातें नहीं होती। वह कहता है कि किसी समाचारपत्र को पुस्तक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता क्योंकि उनमें स्थायित्व का अभाव होता है। इस प्रकार किसी अच्छी पुस्तक के दो मुख्य गुण होते हैं, एक इसका स्थायित्व और दूसरा कि यह सदा लिखित ढंग में होनी चाहिए।
Question 2.
What does the author say about the honesty and benevolence in wise people?
लेखक समझदार लोगों में ईमानदारी और दयालुता के बारे में क्या कहता है?
Answer:
The author says that a wise man has honesty and benevolence. These qualities are generally reflected in his book. But the author says that no one is totally free from evil. The same is the case with a wise man. His evil thoughts are also reflected in his book.
लेखक कहता है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति में ईमानदारी और दयालुता के गुण होते हैं। ये गुण उसकी पुस्तक में भी दिखाई देते हैं । परन्तु लेखक कहता है कि कोई भी पूरी तरह बुराई से मुक्त नहीं होता। यह बात बुद्धिमान व्यक्ति पर भी लागू होती है। उसके कुटिल विचार भी उसकी पुस्तक में झलकते हैं।
Question 3.
What sort of books are available according to the author? What type of books should we read? ।
लेखक के अनुसार किस प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं? हमें किस प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए?
Answer:
There have been books written in all ages by great men. There are books written by great leaders, great statesmen and great thinkers. However, there are books that are not so good. The author says that by reading good books we can talk to great men, kings and queens. However, he compares bad books as gossipping with servants. We can't gain anything from such sort of books.
यहाँ सभी युगों में महान् व्यक्तियों द्वारा लिखी गई पुस्तकें उपलब्ध हैं। महान् नेताओं, महान् राजनेताओं और महान् विचारकों द्वारा लिखी गई पुस्तकें होती हैं। लेकिन यहाँ ऐसी पुस्तकें भी होती हैं जो बहुत अच्छी नहीं होती। लेखक कहता है कि अच्छी पुस्तकें पढ़ने से हम महान् व्यक्तियों, राजाओं और रानियों से बात करते हैं। लेकिन वह बुरी पुस्तकों की तुलना हमारे नौकरों से करता है। हम ऐसी पुस्तकों से कुछ प्राप्त नहीं कर सकते।
Question 4.
How can you say that the meritorious people can enter the Elysian gates?
आप कैसे कह सकते हो कि केवल गुणवान व्यक्ति ही एल्सियन गेट्स को पार कर सकता है?
Answer:
By Elysian gates the author means the gates of knowledge. He says these gates are different from any court of the king, where only aristocrates are allowed. These gates are open to only those who are meritorious irrespective of their wealth and status. We can't enter these gates with wealth or by bribery. Only metit is the criteria for entering these gates.
एल्सियन गेट्स से लेखक का तात्पर्य है ज्ञान के द्वार। वह कहता है कि ये द्वार किसी भी राजा के दरबार से भिन्न होते हैं, जहां केवल अभिजात्य वर्ग को आने की ही अनुमति होती है। ये द्वार मात्र काबिल व्यक्तियों के लिए ही खुले होते हैं उनके पास धन-दौलत या सामाजिक प्रतिष्ठा के बिना। हम इन द्वारों को धन से या रिश्वत देकर नहीं खुलवा सकते। काबिलियत ही एक मात्र पैमाना है जिनसे हम उन द्वारों में प्रवेश कर सकते हैं।
Question 5.
Why should we not read the books written by one who is not wiser than us?
हमें उस व्यक्ति द्वारा लिखी पुस्तकें क्यों नहीं पढ़नी चाहिए जो हम से अधिक बुद्धिमान न हो?
Answer:
We can't learn anything from a book written by the author who is not wiser than us. It is nothing but it will be sheer wastage of time. However, if we read a book written by one who is wiser, than us, we can learn a lot of things from that book. Thus instead of reading a book written by someone who is not wiser than us, we should read a book written by somone who is wiser than us.
हम उस पुस्तक से कुछ नहीं सीख सकते जिसका लेखक हम से अधिक समझदार न हो। यह मात्र समय की बर्बादी के अतिरिक्त और कुछ नहीं होगा। यदि हम कोई ऐसी पुस्तक पढ़ते हैं जिसे उस व्यक्ति ने लिखा हो जो हम से बुद्धिमान हो, तो हम उस पुस्तक से बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसलिए कोई ऐसी पुस्तक, जिसे हम से कम बुद्धिमान व्यक्ति ने लिखी हो, पढ़ने की अपेक्षा ऐसी पुस्तक पढ़ना अच्छा होता है जिसे हम से अधिक बुद्धिमान व्यक्ति ने लिखा हो।
Question 6.
How can we understand the meaning of a book written by a good author?
हम एक अच्छे लेखक द्वारा लिखी गई पुस्तक का अर्थ कैसे समझ सकते हैं?
Answer:
We must not judge a good book immediately after reading it. Instead we must go to the author to get its meaning. We can't understand its meaning all at once. The author generally gives the meaning in a hidden way and in parables. We can understand such book only by reading between the lines.
हमें किसी अच्छी पुस्तक के बारे में निर्णय उसे पढ़ने के तुरन्त बाद नहीं करना चाहिए। उसकी अपेक्षा हमें उसका अर्थ जानने के लिए लेखक के पास जाना चाहिए। हम तुरन्त ही उसका अर्थ समझ नहीं पाएंगे। लेखक अर्थ को छिपे हुए ढंग से या प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से बताता है। हम ऐसी पुस्तक को बहुत ध्यान से पढ़ कर ही समझ सकते हैं।
Question 7.
Why does the author compare a reader to an Australian miner?
लेखक एक पाठक की तुलना किसी ऑस्ट्रेलियाई खनिक से क्यों करता है?
Answer:
The author says that an Australian miner always keeps to his pickaxe and shovel in good order. He would search for gold tirelessly. Similarly a reader would read a book using all his wit and learning to read a book. In this way he might get something valuable from it.
लेखक कहता है कि एक ऑस्ट्रेलियाई खनिक सदा अपना फावड़ा और बेलचा अच्छी स्थिति में रखता है। वह बिना थके सोने की तलाश करता रहता है। इसी प्रकार एक पाठक किसी पुस्तक को अपनी सारी बुद्धिमता और समझदारी से पढ़ेगा। इस प्रकार वह कुछ मूल्यवान प्राप्त कर सकता है।
Question 8.
How can a person be called uneducated even though he has read a lot of book?
किसी व्यक्ति को निरक्षर कैसे कहा जा सकता है, यद्यपि उसने कई पुस्तकें ही क्यों न पढ़ी हों?
Answer:
A person might have read a lot of books. But if he has read all the books superficially, that person can't be called truly educated one. Such a person can't understand any book deeply. According to the author such a person can't be called educated.
कोई भी व्यक्ति बहुत सी पुस्तकें पढ़ा हुआ हो सकता है। परन्तु यदि उसने पुस्तकें सरसरी तौर पर ही पढ़ी हैं. तो उस व्यक्ति को सही मायनों में शिक्षित नहीं कहा जा सकता। ऐसा व्यक्ति किसी भी पुस्तक को गहराई से नहीं समझ सकता। लेखक के अनुसार ऐसे व्यक्ति की शिक्षित नहीं कहा जा सकता।
Long Questions Answers :
Question 1.
Why does John Ruskin say that a book is essentially not a talked thing but a written thing?
जॉन रस्किन क्यों कहता है कि एक पुस्तक आवश्यक रूप से बोली गई बात नहीं अपितु लिखित वस्तु होती है?
Answer:
According to the view of John Ruskin a book is essentially not a talked thing but a written thing. It is not only written for more communication but also for performance. The book of talk is printed only because its author cannot speak to thousands of people at once. We cannot talk to our friends in India; if we could, we would do so. If we convey our voice in the form of written words they can be preserved for future. The author has something to say which he perceives to be true and useful or helpfully beautiful.
जॉन रस्किन के विचार से एक पुस्तक आवश्यक रूप से कोई बोली गई बात नहीं बल्कि लिखित वस्तु होती है। पुस्तक न केवल अधिक संचार के लिए लिखी जाती है बल्कि स्थायित्व के लिए भी लिखी जाती है। बातचीत की पुस्तक केवल इसलिए छपती है क्योंकि उसका लेखक एक बार में हजारों लोगों से बातचीत नहीं कर सकता।
हम भारत में ही अपने मित्रों से बातचीत नहीं कर सकते; यदि हम ऐसा कर सकते, तो हम करते। यदि हम अपनी आवाज को लिखित शब्दों के रूप में प्रेषित करते हैं तो उन शब्दों को भविष्य के लिए संरक्षित किया जा सकता है। लेखक को कुछ कहना होता है जिसकी सत्यता और उपयोगिता को सुन्दर रूप में सहायक मानता है।
Question 2.
How can you think there is never any honesty or benevolence in wise people?
आप यह कैसे समझ सकते हैं कि बुद्धिमान लोगों में कोई ईमानदारी या दयालुता नहीं होती?
Answer:
The author wants to know from us whether we believe in honesty or benevolence in wise people or not. We will always support that wise people are never without honesty or benevolence. We can easily say that a wise man's work is honestly and benevolently done. It can be a book or his piece of art. There may be a bit of evil fragments-ill-done, redundant, affected work. But if we read it rightly, we will discover the true bits, and those are the books.
लेखक हमसे यह जानना चाहता है कि हम बुद्धिमान लोगों में ईमानदारी अथवा दयालुता होने का विश्वास करते हैं अथवा नहीं। हम सदैव इस बात का समर्थन करेंगे कि बुद्धिमान लोग बिना ईमानदारी और दयाभाव के हो ही नहीं सकते। हम आसानी से कह सकते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति का कार्य ईमानदारी और दयालुता से किया हुआ होता है। उसका कार्य पुस्तक के रूप में हो सकता है अथवा कलाकृति के रूप में। उसमें बुराई के कुछ अंश भी हो सकते हैं - बुरी तरह से किया कार्य, बेकार का दुष्प्रभाव वाला काम। परन्तु यदि हम इसे ठीक तरह से पढ़ेंगे तो हम सरलता से उन टुकड़ों को खोज सकते हैं और ये हैं असली पुस्तकें।
Question 3.
What types of books should we read according to the author?
लेखक के अनुसार हमें किस प्रकार की पुस्तकें पढ़नी चाहिए?
Answer:
The author believes that we should read only those books which have been written in all ages by great men. These types of books can be written by great leaders, great statesmen and great thinkers. In these books goods or bad experiences are written and we can be benefitted by them. But it all depends on our choice. We have studied that life is short. We have heard or read a lot about it. We also understand it very well : if we lose today we cannot gain tomorrow. So we can say that there are many common things in books.
लेखक यह विश्वास करता है कि हमें केवल उन्हीं पुस्तकों को पढ़ना चाहिए जो कि महान लोगों के द्वारा लिखी गई हैं। इस प्रकार की पुस्तकें महान नेताओं के द्वारा, राजनेताओं द्वारा और महान विचारकों के द्वारा लिखी हुई हो सकती हैं। इन पुस्तकों में अच्छे और बुरे अनुभव लिखे हुए होते हैं और हम इनसे लाभान्वित हो सकते हैं लेकिन यह सब कुछ हमारी पसन्द पर निर्भर है। हम यह पढ़ चुके हैं कि जीवन अल्प है। हम इसके विषय में बहुत कुछ पढ़ चुके हैं अथवा सुन चुके हैं। हम इसे भी बहुत अच्छी तरह से सुन चुके हैं : यदि हम आज खोदेंगे तो हम कल प्राप्त नहीं कर सकते। इसलिए हम कह सकते हैं कि पुस्तकों में बहुत सी सामान्य बातें हैं।
Question 4.
How can we decide that a particular book is written wisely?
हम यह कैसे निश्चित कर सकते हैं कि अमुक पुस्तक बुद्धिमतापूर्ण ढंग से लिखी गई है?
Answer:
It is very difficult to decide that a particular book is written wisely. It depends on good things of a book. It is a common idea that we are ready to say good or bad about a book. One can have good and bad thoughts about it. But it is true that we can go to the author to know the right answer about our question. It is not a thankful job to decide good or evil of a book. We should not take so much time to understand its answer. Everything can be understood if it is written in hidden form. A reader should also be able to read a book properly to know its meaning.
यह कहना अत्यन्त कठिन है कि अमुक पुस्तक बुद्धिमता से लिखी गई है। यह किसी पुस्तक की अच्छी बातों पर निर्भर करता है। यह एक सामान्य विचार है कि हम किसी भी पुस्तक को अच्छी या बुरी कहने के लिए तैयार हो जाते हैं। कोई भी व्यक्ति पुस्तक के विषय में अच्छे या बुरे विचार बना सकता है।
लेकिन यह भी सत्य है कि हम अपने प्रश्न का सही उत्तर जानने के लिए लेखक के पास जा सकते हैं। किसी भी पुस्तक की अच्छाई या बुराई का निश्चय करना हमारे लिए कृतज्ञता दिलाने वाला कार्य नहीं है। हमें इसका उत्तर जानने के लिए भी अधिक समय व्यतीत नहीं करना चाहिए। यदि कोई बात गूढ अवस्था में लिखी हुई है तो प्रत्येक बात समझी जा सकती है। पाठक को किसी पुस्तक को पढ़ने के योग्य होना चाहिए जिससे कि वह उसका अर्थ समझ सके।
Question 5.
What qualities should we have to understand a good book?
अच्छी पुस्तक को समझने के लिए हमारे अन्दर क्या विशेषताएँ होनी चाहिए?
Answer:
When we come to a good book, we must ask ourselves. We should be ready to work as a miner in the way of an Australian miner. We should prepare our pickaxes and shovels in good order. We should see that our physique is in good condition. We should be in good trim. Our sleeves should be upto the elbow. Our breath should be as good as our temper. We should work in a mine in the form of study of a book. We should not feel tired in anyway. We are in search of metal in the form of words to understand the meaning of the author.
जब हमारा सम्पर्क किसी अच्छी पुस्तक से होता है तो हमें स्वयं से पूछना चाहिए। हमें एक ऑस्ट्रेलियन खनिक की तरह एक खनिक के तौर पर कार्य करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें अपनी कुदालियाँ और बेलचे अच्छी स्थिति में तैयार रखने चाहिए। हमारे शरीर का गठन ठीक है यह देखना चाहिए।
हमारे बाल ठीक हैं। हमारी कमीज की बाहें कुहनी तक होनी चाहिए। हमारी साँसें हमारी मनोदशा की तरह अच्छी होनी चाहिए। हमें किसी पुस्तक के अध्ययन के लिए खदान की तरह काम में लग जाना चाहिए। हमें किसी भी स्थिति में थकान महसूस नहीं करनी चाहिए। लेखक के अभिप्राय को समझने के लिए हम शब्दों के रूप में धातु की खोज में होते हैं।
Seen Passages
Read the following passages carefully and answer the questions given below :
निम्न अनुच्छेदों को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उनके नीचे दिए हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
Passage 1.
The newspaper may be entirely proper at breakfast time but, assuredly, it is not reading for all day. So, though bound up in a volume, the long letter which gives you so pleasant an account of the inns, and roads, and weathr last year at such a place, or which tells you that amusing story or gives you the real circumstances of such and such events, however valuable for occasional reference, may not be, in the real sense of the word, a book' at all, nor, in the real sense, to be read'.
A book is essentially not a talked thing but a written thing; and written, not with the view of more communication, but of permanence. The book of talk is printed only because its author cannot speak to thousands of people at once; if he could he would - the volume is mere ‘multiplication of his voice.
Questions :
1. What is proper time to read a newspaper?
समाचारपत्र पढ़ने का उचित समय क्या है?
2. What account does a long letter give us?
लम्बा पत्र हमें क्या विवरण देता है?
3. What type of events can we know by means of a long letter?
लम्बे पत्र के माध्यम से हम किस प्रकार की घटनाओं को जान सकते हैं?
4. How can we define a book in simple words?
हम साधारण शब्दों में किताब को कैसे परिभाषित कर सकते हैं?
5. How can an author's talk be circulated to thousands of people?
लेखक की बातचीत का प्रचार-प्रसार हजारों लोगों तक कैसे किया जा सकता है?
6. Find out the words from the passage which mean the following:
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइये जिनके अर्थ निम्न हैं :
(a) enjoyable
(b) the condition of the atmosphere at a particular place and time
Answers :
1. The proper time of reading a newspaper is breakfast time. It is not reading for all day.
समाचारपत्र के पढ़ने का उचित समय नाश्ते का समय है। यह पूरे दिन पढ़ने के लिए नहीं है।
2. A long letter gives us pleasant account of the inns, roads and weather of the place which tells us an amusing story of the last year.
लम्बा पत्र हमें किसी छोटे होटल का आनन्ददायक विवरण बताता है, पिछले वर्ष के उस स्थान के मौसम और सड़कों के बारे में बताता है जहाँ की आनन्ददायक कहानी बनी है।
3. We can know the real circumstances of such and a such events which may be valuable for occasional reference.
हम ऐसी और ऐसी वास्तविक परिस्थितियों के विषय में जान सकते हैं जो कि सामयिक संदर्भ के लिए मूल्यवान हो सकती हैं।
4. We can say in simple words that a book is essentially not a talked thing but a written thing.
हम साधारण शब्दों में कह सकते हैं कि कोई पुस्तक आवश्यक रूप से चर्चा की वस्तु नहीं है बल्कि एक लिखित वस्तु है।
5. An author can talk to thousands of people by means of a printed book because he cannot speak to thousands of people at once.
कोई भी लेखक छपी हुई पुस्तक के माध्यम से हजारों लोगों से बात कर सकता है क्योंकि वह हजारों लोगों से तुरन्त बात नहीं कर सकता।
6. (a) pleasant
(b) weather
Passage 2.
But, again, I ask you; do you at all believe in honesty or, at all, in kindness? Or do you think there is never any honesty or benevolence in wise people? None of us, I hope, are so unhappy as to think that. Well, whatever bit of a wise man's work is honestly and benevolently done, that bit is his book, or his piece of art. It is mixed always with evil fragments -ill-done, redundant, affected work.
But if you read rightly, you will easily discover the true bits, and those are the book.Now books of this kind have been written in all ages by their greatest men - by great leaders, great statesmen and great thinkers. These are all at your choice; and life is short. You have heard as much before; yet have you measured and mapped out this short life and its possibilities?
Questions :
1. What does the author ask us to believe or think about wise people?
लेखक हमसे क्या विश्वास करने को कहता है अथवा विद्वान लोगों के लिए क्या समझने के लिए कहता
2. What type of work does a wise man do?
एक विद्वान व्यक्ति किस प्रकार के कार्य करता है?
3. What is a wiseman's work mixed with?
बुद्धिमान व्यक्ति का कार्य किसका मिश्रण है?
4. How can we read a book rightly and find its quality?
हम किसी पुस्तक को ठीक तरह से कैसे पढ़ सकते हैं और इसकी विशेषता जान सकते हैं?
5. What have we heard and measured as much before?
हमने पूर्व में क्या सुना है और मापा है?
6. Find the words from the passage which mean the following :
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइये जिनके अर्थ निम्न हैं :
(a) to feel certain that something is true.
(b) without a job because there is no more work available for you in a company.
Answers :
1. The author ask us whether we believe in honesty, kindness and benevolence. He also wants to know if we think that there is never any honesty or benevolence in wise people.
लेखक हमसे पूछता है कि क्या हम ईमानदारी, दयालुता और परोपकार में विश्वास करते हैं। वह यह भी जानना चाहता है कि क्या हम यह सोचते हैं कि विद्वान लोगों में ईमानदारी या परोपकार कभी नहीं होता।
2. A wise man's work is done honestly and benevolently. His work is bit in a book form. His piece of art is bit.
बुद्धिमान व्यक्ति का कार्य परोपकार और ईमानदारी से किया जाता है। पुस्तक के रूप में उसका कार्य अल्प है। उसकी कला भी अल्प श्रेणी की है।
3. A wiseman's work is always mixed with evil fragments-ill done, redundant and affected.
बुद्धिमान व्यक्ति का कार्य सदैव बुराइयों के खण्डों से मिश्रित होता है-जो बुरी तरह से किया हुआ होता है, फालतू और कृत्रिम होता है।
4. If we read a book rightly, we will easily discover the true bits of a book.
यदि हम किसी पुस्तक को उचित रूप से पढ़ते हैं तो हम उस पुस्तक में थोड़े रूप में सच्चाइयों का पता लगा सकते हैं।
5. We have heard, measured and mapped out as much before that life is short. It is our choice whether we choose these true bits or not.
हमने पूर्व में इतना सुना है, मापा है और खाका तैयार किया है कि जीवन अल्प है। यह हमारे चुनाव पर निर्भर है कि हम इन अल्प सच्चाइयों को चुनें या नहीं।
6. (a) believe
(b) redundant
Passage 3.
And it is just the same with men's best wisdon. When you come to a good book, you must ask yourself, “Am I inclined to work as an Australian miner would? Are my pickaxes and shovels in good order and am I in good trim myself, my sleeves well up to the elbow, and my breath good, and my temper?'
And, keeping the figure a little longer, even at the cost of tiresomeness, for it is a thoroughly useful one, the metal you are in search of being the author's mind or meaning, his words are as the rock which you have to crush and smelt in order to get at it.
And your pickaxes are your own care, wit and learning; your smelting furnace is your own thoughtful soul. Do not hope to get at any good author's meaning without these tools and that fire; often you will need sharpest, finest chiselling, and patientest fusing, before you can gather one grain of metal.
Questions :
1. How can we assess men's best wisdom by means of books?
पुस्तकों के माध्यम से हम मनुष्यों की बुद्धिमता का मूल्यांकन कैसे कर सकते हैं?
2. How can we inclined to work by asking ourselves?
हम स्वयं से पूछकर कार्य करने के लिए कैसे प्रवृत्त हो सकते हैं?
3. What are the form of instruments to get ourselves busy in work?
हमें काम में व्यस्त करने वाले के रूप में उपकरण कौन-कौन से हैं?
4. How can we keep ourselves in fit condition to understand author's work of wisdom?
लेखक के बुद्धिमतापूर्ण कार्य को समझने के लिए हम स्वयं को एकदम सही कैसे रख सकते हैं?
5. Why are we failed to get at any good author's meaning?
हम लेखक के अच्छे प्रयोजन तक पहुँचने में असफल क्यों होते हैं?
6. Find the words from the passage which mean the following:
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइये जिनके अर्थ निम्न हैं :
(a) the ability to make sensible decisions and give good advice because of the experience and knowledge.
(b) an attempt to find somebody or something, especially by looking carefully.
Answers :
1. When we come to good books, we must ask ourselves to understand men's best wisdom by assessing them.
जब हम अच्छी पुस्तकों के सम्पर्क में आते हैं तो हमें उनका मूल्यांकन करने के माध्यम से लोगों की सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमता को समझना चाहिए।
2. We can inclined to work as an Australian miner when he starts his work, we should check our pickaxes and shovels etc. to search author's mind or meaning in books.
हम कार्य के प्रति ऐसे ही प्रवृत्त हों जिस प्रकार एक ऑस्ट्रेलिया का खदान खोदने वाला व्यक्ति अपना कार्य आरम्भ करता है। हमें पुस्तकों में लेखक के मस्तिष्क या प्रयोजन का पता लगाने के लिए कुदाल व बेलचे आदि की जाँच करनी चाहिए।
3. We should check our pickaxes and shovels that they are in good order. Other qualities of ourselves are good trim, sleeves well up to the elbow, our breath and temper.
हमें अपनी कुदालें और बेलचों की जाँच करनी चाहिए कि वे अच्छी स्थिति में हैं। अन्य हमारे व्यक्तिगत गुण हैं; कटे-छटे बाल, कुहनी तक आस्तीन, हमारी श्वसन क्रिया और मनोदशा।
4. We should keep our figure a little longer without getting tired because it is very useful to understand author's words as the rock. We should keep our breath and temper to understand his wisdom.
हमें बिना थके हुए अपने शरीर की आकृति को लम्बे रूप में रखना चाहिए क्योंकि चट्टान के समान लेखक के शब्दों को समझने के लिए यह अति आवश्यक है। हमें लेखक की बुद्धिमता को समझने के लिए अपनी श्वसन क्रिया और मनोदशा को भी ठीक रखना चाहिए।
5. We are failed to get at any good author's meaning without these tools because our smelting furnace is our own thoughtful soul.
हम इन उपकरणों के बिना लेखक के किसी अच्छे प्रयोजन तक पहुँचने में इसलिए असफल रहते हैं क्योंकि तपाने वाली भट्टी हमारी विचारशील आत्मा है।
6. (a) wisdom
(b) search
लेखक के बारे में
जॉन रसकिन (1819-1900) उन्नीसवीं शताब्दी का एक शक्तिशाली और प्रभावशाली आलोचक था। उसने कई विषयों पर लिखाः प्रकृति, कला, शिल्पकला, राजनीति, इतिहास। उसके सभी काम उसके दृष्टिकोण की विशेषता को बताते हैं। उसकी पहली पुस्तक मॉडर्न पेन्टज् 1843 में प्रकाशित हुईयह कलाओं में आधुनिकता का समर्थन करती है- सामाजिक आलोचना के उसके कामों में हैं अन्टु दिस लास्ट (1862) और सीज़म एण्ड लिलीज (1871) जिसमें से यह पाठ लिया गया है। शिल्पकला के बारे में उसके विचार द् सेवन लैम्पस ऑफ आकिटेक्च(र)(1849) और द् स्टोन्स ऑफ वेनिस (1853) में प्रस्तुत किए गए हैं।
Introduction to the Essay
According to the author a good book is always in the printed form. We can't categorise a newspaper or a letter to a book. Both of these lack permanence. Thus a good book should have permanence in nature. According to the author there are good books as well as bad books. He says that a person should always read good books. There have been books written by great men of all ages. These books take us in the company of aristocracy.
The author says that gates of knowledge are open to only those people who are meritorious. We can't enter these gates with wealth or bribery. A good book contains a very deep meaning. We can understand it only if we can read between the lines. A person might have read a lot of books yet he may be considered uneducated, if doesn't understand the meaning contained in those books.
पाठ का परिचय–लेखक के अनुसार कोई अच्छी पुस्तक सदा लिखित रूप में होती है। हम किसी | समाचारपत्र या पत्र को पुस्तक की श्रेणी में नहीं रख सकते क्योंकि इनमें स्थायत्वि का अभाव होता है। इसलिए किसी अच्छी पुस्तक को स्थायी होना चाहिए। लेखक के अनुसार यहां अच्छी और बुरी दोनों प्रकार की पुस्तकें होती हैं । वह कहता है कि व्यक्ति को अच्छी पुस्तकें ही पढ़नी चाहिए। यहां सभी युगों के महान् व्यक्तियों द्वारा लिखी गईं पुस्तकें उपलब्ध हैं।
ये पुस्तकें हमें अभिजात्य वर्ग की संगत में ले जाती हैं । लेखक कहता है कि ज्ञान के द्वार केवल काबिल व्यक्तियों के लिए ही खुले होते हैं। हम उन द्वारों में धनदौलत या रिश्वत देकर नहीं प्रवेश कर सकते। एक अच्छी पुस्तक में गहरा अर्थ होता है। हम उसे बहुत ध्यान से पढ़ कर ही समझ सकते हैं। किसी व्यक्ति ने बहुत सी पुस्तकें पढ़ी हो सकती हैं, फिर भी वह अनपढ़ ही माना जाएगा, यदि उन पुस्तकों में छिपे अर्थ के बारे में नहीं समझता है।
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
The good book ................ to be 'read'. (Pages 174-175)
कठिन शब्दार्थ : Converse-(कन्वस्), वार्तालाप करना; sensible-(सेनसब्ल), समझदार; pathetic-(पथेटिक्), दयनीय; peculiar-(पिक्यूलिअ(र)), असामान्य, विचित्र।।
हिन्दी अनुवाद : एक विशेष समय की अच्छी पुस्तक वह होती है, तब मैं बुरी पुस्तकों की बात नहीं कर रहा-साधारणतया किसी व्यक्ति की उपयोगी या मनभावन बातचीत होती है, जिससे आप अन्यथा बातचीत नहीं कर सकते, जिसे आपके लिए प्रकाशित किया जाता है। सामान्यतः बहुत ही उपयोगी, आपको यह बताने के लिए कि आपको क्या करने की आवश्यकता है; प्रायः बहुत ही मनभावन, जैसे कि किसी समझदार मित्र की बातचीत हो सकती है।
यात्राओं के शानदार वर्णन; सवालों के अच्छे हास्य और मजाकिया प्रश्न; उपन्यास के रूप में विनोद वाली या दयनीय कहानियां सुनाना; वास्तविक एजेन्टों द्वारा ठोस तथ्य इतिहास उन घटनाओं के बारे में बताना जो गुजर रहे इतिहास से सम्बन्धित हों अधिक सामान्य हो जाता है; हमें इनके बारे में पूरी तरह से प्रसन्न और चिन्तामुक्त होना चाहिए, और पूरी तरह से अपने आप पर शर्मिन्दा होना चाहिए यदि हम इसका ठीक ढंग से प्रयोग नहीं करते हैं।
परन्तु हम उनका सबसे खराब प्रयोग तब करते हैं जब हम उन्हें असली पुस्तकों का स्थान हथियाने देते हैं, क्योंकि सख्ती से बोला जाए तो वे पुस्तकें होती ही नहीं हैं अपितु मात्र अक्षर या समाचार-पत्र होते हैं, जिन्हें अच्छे ढंग से प्रकाशित किया गया हो। आजकल हमारे मित्र का पत्र आनन्दायक या आवश्यक होता है; या तो वह सम्भाल के रखने के योग्य होता है या नहीं, इस पर विचार किया जा सकता है।
समाचार-पत्र अवश्य नाश्ते के समय आवश्यक है, परन्तु निश्चित तौर पर, यह सारा दिन पढ़ने के लिए नहीं होता। इसी प्रकार एक पत्र यद्यपि एक पुस्तक जैसा हो, एक लम्बा पत्र जो आपको धर्मशालाओं या सड़कों के बारे में, या किसी स्थान पर पिछले वर्ष के मौसम के बारे में, या आपको यह अमुक-अमुक घटना की जानकारी दे, चाहे यह कभी-कभार के संदर्भ में कितनी भी महत्त्वपूर्ण क्यों न हो, वास्तविक अर्थ में पुस्तक नहीं हो सकती जिसे पढ़ा जाए।
A book .................. is a 'Book'. (Page 175)
कठिन शब्दार्थ : communication-(कम्यूनिकेशन्), संचार; permanence-(परमनन्स्), स्थायित्व; perceive-(पसीव्), इन्द्रियों द्वारा ग्रहण करना, देखना; fain-(फेन्), परिस्थितियों के कारण विवश या इच्छुक; manifest- (मैनिफेस्ट), किसी वस्तु को स्पष्ट रूप से प्रकट करना; inscription-(इन्स्क्रिप्शन्), उत्कीर्ण शब्द।
हिन्दी अनुवाद : एक पुस्तक आवश्यक रूप से कोई बोली गई बात नहीं अपितु लिखित चीज होती है. और लिखित भी संचार से अधिक स्थायित्व वाली बात होती है, बोली जाने वाली पुस्तक को केवल इसलिए मुद्रित किया जाता है क्योंकि लेखक एक साथ हजारों लोगों से बात नहीं कर सकता; यदि वह ऐसा कर सकता हो तो वह ऐसा करेगा-
एक पुस्तक मात्र उसकी आवाज को गुणा करना होता है। आप भारत में अपने मित्र से बात नहीं कर सकते; यदि आप कर सकते तो आप करोगे; आप इसकी अपेक्षा लिखोगे; यह मात्र आवाज का वाहन होता है। परन्तु एक पुस्तक को मात्र स्वर को गुणा करने के लिए नहीं लिखा जाता, अपितु इसे सहेज कर रखने के लिए किया जाता है। लेखक को कुछ कहना होता है जिसे वह सत्य और उपयोगी मानता है, या फिर सुन्दर रूप में सहायक ।
जहां तक वह जानता है किसी ने अभी तक कहा नहीं था; जहां तक वह जानता है कोई उसे कर नहीं सकता। वह ऐसा कहने के लिए विवश होता है, स्पष्ट रूप से और संगीतमय ढंग से यदि वह चाहे, सभी अवसरों पर स्पष्ट रूप से। अपने जीवन के सार में वह इस चीज को या चीजों के समूह को स्पष्ट रूप से स्वयं में प्रकट करता है- यह सच्चे ज्ञान या निगाह का सही टुकड़ा है, जिसे उसके हिस्से की धूप या धरती ने स्वयं पर कब्जा करने का अधिकार दिया है।
वह परिस्थितियों से विवश होकर सदा के लिए प्रसन्नतापूर्वक स्थायित्व प्रदान करता, पत्थरों पर इसे उकेरता, यदि वह कर सकता तो यह कहते हुए कि, "यह मेरे लिए सर्वोत्तम समय है; शेष समय में मैं खाता-पीता, प्यार या घृणा करता, किसी भी दूसरे की भाँति मेरा जीवन भाप जैसा था, और अब नहीं है; परन्तु इसे मैं जानता और देखता था; यह यदि इनमें से, कुछ मेरा है, वह आपकी स्मृति के योग्य है।' यह उसका 'लेखन', यह एक छोटे से मानवीय रूप में है, और इसमें सच्ची प्रेरणा की जितनी भी मात्रा है, उसके द्वारा उत्कीर्ण किए शब्द या ग्रन्थ हैं। यही एक 'पुस्तक' होती है।
Perhaps you think ............. the Dead. (Pages 175-176)
कठिन शब्दार्थ : benevolence-(बनेवलन्स्), दयालु, मित्रवत्; redundant-(रिडन्डन्ट), बेकार, फालतू; mapped-(मैप्ड्), दिखाया गया; stable-boy-(स्टेब्ल-बॉई), सईस, अश्वपाल; multitudinous-(मल्टिटयूड्इनस), बहुसंख्यक; aristecracy-(एरिस्टॉक्रसि), अभिजात वर्ग।
हिन्दी अनुवाद : शायद आप सोचते होंगे कि अब तक कोई पुस्तक नहीं लिखी होगी? परन्तु मैं आपसे फिर से पूछता हूँ क्या आप ईमानदारी में विश्वास करते हैं, या फिर पूरी तरह से दयालुता में? या फिर आप सोचते हैं कि समझदार लोगों में ईमानदारी या दयालुता नहीं होती? मुझे आशा है कि हम में से कोई भी ऐसा सोचने पर इतना अप्रसन्न होगा।
ठीक है, किसी भी सयाने व्यक्ति का दयालुता या ईमानदारी से किया गया कोई भी काम उसकी पुस्तक होती है, या उसकी कोई कलाकृति होती है। यह सदा बुरे टुकड़ों से मिली होती हैं- बुरी तरह से किया गया काम, बेकार का, दुष्प्रभाव वाला काम। परन्तु यदि आप ध्यान से पढ़ोगे, तो आप सरलता से उन टुकड़ों को खोज सकते हैं, और ये हैं असली पुस्तकें ।
अब इस प्रकार की पुस्तकें सभी युगों में लिखी गईं हैं, महान् व्यक्तियों द्वारा महान् नेताओं द्वारा, महान्, राजनेताओं द्वारा और महान् विचारकों द्वारा। ये सब आपकी पसन्द पर आधारित हैं; और जीवन छोटा है। आप इसके बारे में बहुत कुछ सुन चुके हो; क्या फिर भी आपने इस छोटे जीवन को या इसकी सम्भावनाओं को मापा या दिखाया है?
यदि आप इसे पढ़ते हो तो क्या आप जानते हो कि आप इसे पढ़ नहीं सकते जो आप आज खो देते हो उसे आप कल नहीं प्राप्त कर सकते? क्या आप अपनी नौकरानी से या अपने सईस से गप्पें मारोगे, जबकि आप रानियों और राजाओं से बात कर सकते हो या फिर आप अपने आप से चापलूसी करें कि इस सम्मान के लिए आम भीड़ से धक्का मुक्की करें, जहां आपको श्रोतागण मिल सकें, जबकि सारा मैदान आपके लिए खाली हो,
इसमें इसका संसार हो जो विश्व जितना विशाल हो, इसके दिनों जैसा बहुसंख्यक हो, हर स्थान और हर समय चुने हुए शक्तिशाली लोगों के साथ? इसमें जहां जब चाहे प्रवेश कर सकते हो; इसमें आप सदस्यता या दर्जा अपनी मर्जी के अनुसार ले सकते हो, एक बार जब आप इसमें प्रवेश कर गए तो आपको अपनी गलती की वजह के अलावा नहीं निकाला जा सकता; आपमें जन्मजात अभिजात्य को निश्चित ही जाँचा जाएगा और जिन उद्देश्यों के कारण आप समाज में रहने का ऊंचा दर्जा पाना चाहते हैं, को मापा जाएगा, जैसे कि इसमें सब सच और ईमानदारी हो, उस स्थान की इच्छा जिसे आप (प्रसिद्ध) मृत व्यक्ति के साथ प्राप्त करना चाहते हो।
'The place ................. in many respects. (Pages 176-177)
कठिन शब्दार्थ : overawe-(ओवओं), आतंकित; artifice-(आटिफिस्), चालाकी, युक्ति; portieres-(पोट्यरिस), पर्दे; feign-(फेन्), बहाना करना; interpret-(इन्टप्रिट्), व्याख्या।
हिन्दी अनुवाद : 'वह स्थान जो आप पाना चाहते हो', और 'वह स्थान जहां आप सहज हो', मुझे अवश्य यह कहना होगा या; क्योंकि आप देखेंगे कि यह दरबार पुराने समय में रह रहे अभिजात्य वर्ग से भिन्न है- यह श्रमिक वर्ग के लिए है और इसका आधार काबिलियत के अलावा और कुछ नहीं है। कोई भी राशि उन्हें रिश्वत नहीं दे सकती, कोई भी चालाकी उन्हें स्वर्ग के द्वार में प्रवेश करने से रोक सकती। गहरे अर्थ में कोई भी दुष्ट और फूहड़ व्यक्ति वहां नहीं जा सकता है। उस शान्त फॉवर्ग सेंट-जरमेन (फ्रांस का एक ऐतिहासिक शहर)
के भाग में केवल एक छोटा सा प्रश्न है, क्या आप प्रवेश करने के काबिल हो? आगे बढ़ो। क्या आप कुलीन लोगों के साथी बन सकते हो? क्या आप बुद्धिमान लोगों की बातचीत की इच्छा रखते हो? इसे समझना सीखे, और आप इसे सुन पाएंगे। परन्तु दूसरे अर्थों में नहीं। यदि आप हम तक नहीं उठोगे, हम आप तक झुक नहीं पाएंगे।
जीवित स्वामी विनम्रता दिखा सकता है, जीवित दार्शनिक अपनी सावधानी से निर्णय लेते हुए आपको समझा सकता है; परन्तु यहां हम न तो बहाना बना रहे हैं और न ही व्याख्या कर रहे हैं; आपको हमारी सोच के स्तर से ऊपर उठना होगा यदि आपको इनसे प्रसन्न होना है, और हमारी भावनाओं को साझा करना है, यदि आपको हमारी मौजूदगी को पहचानना है।'
यह अब वह बात है जो आपको करनी है और मैं स्वीकार करता हूँ कि यह बहुत ज्यादा है। कुछ शब्दों में कहें तो आपको इन लोगों से प्रेम करना है, यदि आपको इनमें से एक बनना है। किसी भी महत्त्वाकांक्षा का कोई अर्थ नहीं है । ये आपकी महत्त्वाकांक्षा का तिरस्कार करते हैं। आपको उनसे प्यार करना चाहिए और अपना प्यार एक सच्ची इच्छा के साथ व्यक्त करना चाहिए ताकि आप उनसे सीख पाएँगे और उनके विचारों को ग्रहण कर पाएंगे। यदि वह व्यक्ति जिसने पुस्तक लिखी, आपसे अधिक समझदार नहीं, आपको पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है; यदि वह है तो वह कई मायनों में आपसे अलग सोचेगा।
Very ready we ................... to find any. (Page 177)
कठिन शब्दार्थ : submissively-(Harufuqft), readily obey other people and do whatever they want, दब्बूपन से; parables-(पैरब्ल्स ), specially told in the Bible, शिक्षाप्रद कथाएं; reticence-(रेटिसन्स), non willingness to talk much with people; अल्पभाषिता। .
हिन्दी अनुवाद : बहुत जल्द हम किसी पुस्तक के बारे में कहने को तैयार हो जाते हैं, 'यह कि अच्छी है यही मैं बिल्कुल सोचता हूँ।' परन्तु सही अहसास है, 'यह कितनी विचित्र बात है! मैंने इसके बारे में पहले नहीं सोचा और फिर भी मैं देख रहा हूँ कि बात सच है; और यदि मैं नहीं जानता तो मैं आशा करता हूँ कि मैं किसी दिन इसको समझ जाऊंगा।' चाहे आपको जितना भी झुकना पड़े आप लेखक के पास, उसके उत्तर के बारे में निश्चित होने के लिए अपने आप उसका उत्तर मत निकालो।
इसे बाद में जाँचें, जब आपको यह निश्चित हो जाए कि आप इसके उत्तर को तुरन्त समझ सकते हैं। और इसके बारे भी निश्चित हो जाए कि लेखक इस योग्य है कि आप उसका अर्थ तुरन्त समझ सको; नहीं, इस प्रकार से आप उसका पूरा अर्थ समझ सकने में बहुत समय लगा दें कोई बुद्धिमत्तापूर्ण वाला निर्णय नहीं होगा।
इसका अर्थ यह नहीं है कि वह जो कह रहा है वह नहीं है; अपितु वह कुछ कह ही नहीं रहा; और सबसे विचित्र बात यह है, यह सब छिपे हुए अर्थों में है और शिक्षाप्रद कहानियों में है, उन हिस्सों में जिसके विषय में वह निश्चित हो जो आप चाहते हो। मैं इसका कारण नहीं देख सकता हूँ और न ही उस निर्दयी अल्पभाषिता का अनुमान लगा पाया जो उन समझदार लोगों की छाती में छिपी होती है जो उन्हें अपनी गहरी सोचों को छिपाने में सदा सहायता करते हैं।
ये आपको कुछ भी सहायता के तौर पर नहीं देते हैं अपितु पुरस्कार के तौर पर देते हैं, और खुद को निश्चित कर लेते हैं आप इसके योग्य भी हों इससे पहले कि आप उसे प्राप्त कर सको। परन्तु यह बात ठोस सहायता जैसे सोने के बारे में सही है। ऐसा आपको और मुझे प्रतीत होता है, इसका कोई कारण नहीं है कि धरती को विद्युतीय शक्तियां इसमें जितना सोना है इसे तुरन्त ऊपर पर्वतों की चोटियों पर ले जाएँ, ताकि राजाओं और लोगों को यह पता लग सके कि सारा सोना जो उन्हें चाहिए वहाँ था;
और खुदाई का कष्ट उठाए बिना, या बिना किसी चिन्ता के, या मौके के, या समय को बर्बाद किए बिना, उसे काट कर उतने सिक्के बना सकते जितने की उनको आवश्यकता थी। परन्तु प्रकृति ऐसा कोई प्रबन्ध नहीं करती है। यह इसे धरती की छोटी-छोटी दरारों में रखती है, कोई नहीं जानता कि कहां; आप काफी खुदाई कर सकते हो और आप भी कुछ प्राप्त नहीं कर सकते; आपको कुछ भी प्राप्त करने के लिए दुखदायी रूप से खुदाई करते जाना है।
And it is just ................ grain of metal. (Pages 177-178)
कठिन शब्दार्थ : pickaxes-(पिऐक्सज़), a tool with curved iron bar, फावड़े; shovel(शव्ल्), a tool used for picking up and moving sand or snow, बेलचा; tiresomeness(टाइअसम्नस्), a condition of angry or borned, उबाऊ या कष्टकर होने की स्थिति; chiselling(चिड्लिङ्), giving shape and making it fine, किसी व्यक्ति या चीज का बढ़िया आकार देना और उसे अच्छा बनाना।
हिन्दी अनुवाद : और यही बात व्यक्तियों की बुद्धिमता के बारे में भी सही है। जब किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ते हो, तो आपको अपने आप से यह बात अवश्य पूछना चाहिए, क्या मैं करने का उतना ही इच्छुक हूँ जितना कि कोई ऑस्ट्रेलियाई खनिक होता है? क्या मेरी गैंती और बेलचे अच्छी स्थिति में हैं और क्या मैं स्वयं अच्छी स्थिति में हूँ, क्या मेरी कमीज के बाजू मेरी कुहनी तक चढ़े हुए हैं, और क्या मेरा श्वास और मिजाज अच्छा है?'
और उकताहट होने की कीमत पर भी मात्रा को अधिक बनाए रखना, क्योंकि यह बहुत ही लाभकारी है, जिस धातु को आप खोज रहे हैं वह लेखक का मन या अर्थ हो सकते हैं, उसके शब्द ऐसी चट्टान की तरह हैं जिसे आपने कुचलना है और गलाना है ताकि आप उसमें से कुछ प्राप्त कर सको।
और आपकी गैंती आपकी अपनी सावधानी है. आपकी अपनी हाजिरजवाबी और शिक्षा है; आपकी गलाने वाली भट्टी आपकी अपनी सोच वाली आत्मा है । ऐसी आशा मत करें कि आप किसी लेखक का अर्थ बिना इन औजारों और आग से प्राप्त कर सकते हैं; अक्सर आपको सबसे तेज, सबसे बढ़िया तराशने वाली और सबसे अधिक संयमवाली जोड़ने वाली छैनी की जरूरत है, इससे पहले कि आप धातु का एक कण भी प्राप्त कर सको।
And, therefore, ............................ deadly work sometimes. (Pages 178-179)
कठिन शब्दार्थ : earnestly-(अनिस्ट्रलि), seriously, गम्भीरता से; authoritatively(ऑथॉरटटिवलि), demandingly, आधारिक रूप से; syllable-(सिलबल्), a word or a part of word having one vowel only, एक स्वर वाला शब्दांश; peerage-(पीअ(रि)जं), upper class of people, धनिक लोग; canaille-(कनैल), common people, आम लोग; noblesse-(नौबल्स), aristocrats, अभिजात्य वर्ग; ashore-(अशॉ (र्)), on the bank of the river, तट पर; equivocally-(इक्व्विकल), clearly, स्पष्ट रूप से।
हिन्दी अनुवाद : इसलिए मैं आपसे गम्भीरता से और अधिकारपूर्वक यह बात सबसे पहले कहता हूँ (मैं जानता हूँ कि मैं इसमें सही हूं), आपको शब्दों को ध्यान से देखने की आदत बनानी होगी और उनके स्वयं के लिए उनके अर्थ को यकीनी बनाना होगा, शब्दांश से शब्दांश तक नहीं अक्षर से अक्षर तक। क्योंकि, यद्यपि यह मात्र (बनावट) अक्षरों के विपरीत होने का उनके चिन्हों (बनावट) का उनकी आवाजों के कारण उनके चिन्हों (बनावट) में भिन्नता होने से पुस्तकों की पढ़ाई को 'साहित्य' कहते हैं, और वह व्यक्ति जो इसमें दक्ष हो, को राष्ट्रों की सहमति से अक्षरों का ज्ञानी (साहित्यिक) पुरुष कहते हैं, इसके बजाय कि उसे पुस्तकों का या शब्दों का ज्ञानी कहा जाए। फिर भी आप अचानक हुए नामकरण से इस सही नियम को समझ सकते हैं: कि आप किसी ब्रितानवी संग्रहालय
(यदि आप इतनी देर तक जीवित रहते हैं), और फिर भी आप पूरी तरह निरक्षर ही रहोगे, अनपढ़ व्यक्ति, परन्तु यदि आप किसी पुस्तक के दस पृष्ठ भी पढ़ते हैं, अक्षर से अक्षर तक- ऐसा कहना होगा, असली शुद्धता से आप सदा के लिए कुछ हद तक शिक्षित व्यक्ति बन जाते हो। शिक्षा और शिक्षा का न होने का पूरी अन्तर (जहां तक मात्र इसके बौद्धिक भाग का सम्बन्ध है), इसकी शुद्धता में निहित है। एक अच्छा पढ़ा लिखा भद्र पुरुष बहुत सी भाषाएं नहीं जानता हो- केवल अपनी भाषा के अलावा और कोई नहीं बोल सकता हो- बहुत कम पुस्तकें पढ़ी हों।
परन्तु वह जो भी भाषा जानता है उसे पूरी तरह से जानता है; जिस भी शब्द का वह उच्चारण करता है बिल्कुल ठीक करता है; जिस भी शब्द का वह उच्चारण करता है वह ठीक ढंग से करता है; और सबसे बड़ी बात उसने बढ़िया और धनी प्रकार की भाषा के शब्द सीखे होते हैं; वह इस प्रकार के शब्दों को जानता है जो अच्छे और पुरातन कुल से आए हों, एक झलक में इस आधुनिक जनसाधारण से भिन्न पता चल जाते हैं; इस प्रकार का व्यक्ति अपनी सारी वंशावली याद रखता है-अपने अंतर-विवाह, दूर से दूर तक की रिश्तेदारियां और उस हद तक जहां तक उन्हें स्वीकार किया जाता है, और उन पदों पर जिन पर वे आसीन थे, उन सुशिक्षित अभिजात्य वर्ग के लोग जो कि किसी भी समय और किसी भी देश में हो ।
परन्तु एक निरक्षर व्यक्ति कितनी भी संख्या में भाषाएं अपनी याद्दाशत से जान सकता है और उन सबको बोल सकता है, और फिर भी वास्तव में एक भी शब्द नहीं जान पाता- अपने आप में एक शब्द भी नहीं। एक साधारण रूप से चालाक और बुद्धिमान नाविक कई बन्दरगाहों के तट पर आ पाएगा फिर भी उसे एक ही ऐसा वाक्य किसी भाषा का ऐसा बोलना होगा जो किसी भी अशिक्षित व्यक्ति की समझ में आ जाए। और उसे इतनी मजूबती से महसूस करना, किसी शिक्षित व्यक्ति द्वारा इतने निर्णायक ढंग से स्वीकार करना, कि कोई भी गलत ढंग से उच्चारण या गलती से किसी शब्दांश प्रयोग किसी भी सभ्य राष्ट्र की संसद या सभा में ऐसे व्यक्ति को कुछ हद तक सदा के लिए फूहड़ समझ लेना। और यह ठीक है; परन्तु दुःख की बात है कि जिस शुद्धता पर बल दिया गया है वह बड़ी नहीं है,
और इसकी गम्भीर मामलों में आवश्यकता होती है। यह बात ठीक है कि झूठी लातीनी मात्रा हाऊस ऑफ कामन्ज (संसद का नीचे वाला सदन) में मुस्कराहट ले आए; परन्तु यह बात गलत है कि किसी अंग्रेजी के शब्द का गलत अर्थ वहां भृकुटि नहीं तानेगा। चलो... अक्षरों का उच्चारण हर ढंग से देखते हैं, और बहुत कम शब्दों में ऐसा किया जा सकता है। बहुत कम शब्द, अच्छे ढंग से चुने गए और पहचाने गए, ऐसा काम कर पाएंगे जो हजार शब्द न कर पाएं, जब प्रत्येक व्यक्ति स्पष्ट तौर पर दूसरे के काम का अभिनय कर रहा हो । हाँ; और शब्दों को यदि उन्हें देखा न जाए तो वे कई बार घातक काम कर सकते हैं।