Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English Woven Words Essays Chapter 1 My Watch Textbook Exercise Questions and Answers.
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Understanding the Text :
Question 1.
What was the importance of the watch to the author?
लेखक के लिए घड़ी का क्या महत्व था?
Answer:
The writer was very fond of his watch. It had a great importance in his life. He thought it was a perfect piece of machinery. For him it was a recognised messenger and forerunner of calamity. Almost all the activities of the writer depended on his watch.
लेखक को अपनी घड़ी बहुत प्रिय थी। इसका उसके जीवन में बहुत अधिक महत्व था। वह इसे एक त्रुटिहीन मशीन मानता था। उसके लिए यह एक जानी-पहचानी संदेशवाहक और मुसीबत को पहले बता देने वाली चीज थी। उसकी लगभग सभी गतिविधियाँ घड़ी पर निर्भर करती थीं।
Question 2.
What were the attempts made by the author to get his watch repaired?
लेखक द्वारा अपनी घड़ी की मरम्मत करवाने के क्या प्रयास किए गए?
Answer:
The author's watch slipped from his hand one day. All it needed was to set parts in its proper place. However the different watchmakers completely spoiled it. The first one told him that watch was slow by four minutes. It was quickened by him. The result was it became so fast that it left all the watches of the town back. Now it was thirteen days ahead.
The second watchmaker slowed down its speed. However, its speed was slowed down to the extent that it lingered back many weeks. After that many other watchmakers tried to repair it. One of them said that its king-bolt was broken, the other said that the problem was in the mainspring and still another said that its crystál was bent. However, the watch could not be repaired. The author had purchased it for two hundred dollars, while he had spent more than two thousand dollars to get it repaired.
लेखक की घड़ी उसके हाथ से फिसल कर नीचे गिर गई। इसके कलपुों को इनके सही स्थानों पर टिकाने मात्र की आवश्यकता थी। लेकिन विभिन्न घड़ीसाजों ने उसे पूरी तरह से खराब कर दिया। पहले वाले ने उससे कहा कि घड़ी चार मिनट पीछे थी। उसने इसे तेज कर दिया। परिणाम यह हुआ कि यह इतनी तेज हो गई कि इसने नगर की सारी घड़ियों को पीछे छोड़ दिया। अब यह तेरह दिन आगे आ गई थी।
दूसरे घड़ीसाज ने इसकी गति इस हद तक कम कर दी कि यह कई सप्ताह तक पीछे हो गई। इसके बाद कई घड़ीसाजों ने इसे ठीक करने का प्रयास किया। उनमें से एक ने कहा कि इसका किंग-बोल्ट टूटा हुआ था, दूसरे ने कहा कि समस्या इसकी मुख्य स्प्रिंग में थी और एक ने कहा कि इसका स्फटिक झुका हुआ था। हालाँकि घड़ी की मरम्मत न हो सकी थी। लेखक ने इसे दो हजार डॉलर में खरीदा था जबकि इसकी मरम्मत में वह दो हजार डॉलर से भी अधिक खर्च कर चुका था।
Question 3.
Why did the author finally give up on his watch?
लेखक ने आखिर अपनी घड़ी के बारे में हार क्यों मान ली?
Answer:
The author had run from pillar to post to get his watch repaired. But instead of repairing it the watchmakers spoiled it beyond repair. The author had bought the watch for just two hundred dollars. However, he spent ten times amount on its repair. Even then he could not get any success. Therefore, finally he gave up his watch.
लेखक ने अपनी घड़ी की मरम्मत के लिए बहुत भागदौड़ की थी, परन्तु उसकी मरम्मत करने की अपेक्षा घड़ीसाजों ने इसे इतना खराब कर दिया कि उसकी मरम्मत हो ही न पाए। लेखक ने घड़ी मात्र दो सौ डॉलर में खरीदी थी। लेकिन उसने उसकी मरम्मत पर उससे दस गणा तक पैसा खर्च कर दिया। लेकिन इसके बावजूद भी कोई सफलता नहीं मिली। इसलिए अन्ततः उसने अपनी घड़ी का त्याग कर दिया।
Question 4.
What was Uncle William's comment on the tinkerers' of the world?
अंकल विलियम की दुनिया के बर्तन मरम्मत करने वालों के बारे में क्या टिप्पणी थी?
Answer:
According to Uncle William all the tinkerers in the world are not specialists. They have superficial knowledge of their trade. As a result of this they remained unsuccessful in their business. According to Uncle William this thing applies to the people in other trade also.
अंकल विलियम के अनुसार सारे बर्तन मरम्मत करने वाले विशेषज्ञ नहीं होते हैं। उन्हें अपने काम के बारे में केवल सतही जानकारी ही होती है। परिणामस्वरूप वे अपने काम में असफल रहते हैं। अंकल विलियम के अनुसार यही बात अन्य धंधों में लगे लोगों पर भी लागू होती है।
Question 5.
Explain these lines :
(a) 'I seemed to detect myself a sort of sneaking fellow-feeling for the mummy in the museum, and a desire to swap news with him.'
(b) 'Within a week it sickened to a raging fever and its pulse went up to a hundred and fifty in the shade.'
(c) 'She makes too much steam - you want to hang the monkey wrench on the safety valve!'
(क) 'मैं स्वयं को अजायबघर में चोरी-छिपे घुसता हुआ उस ममी के साथ समाचार साझा करता महसूस करने लगा।
(ख) 'एक सप्ताह में यह इतनी बीमार पड़ गई कि इसकी नब्ज आराम की स्थिति में भी 150 तक चलने लगी।'
(ग) 'यह बहुत ज्यादा भाप पैदा कर रही है ऐसा प्रतीत होता है कि तुम सुरक्षा वाल्व पर पाना मारना चाहते हो!'
Answer:
(a) The watch became so slow that the author compared himself with the mummy in the museum. He meant to say it appeared to him that the watch had taken him thousands of years back.
घड़ी इतनी धीमी हो गई कि लेखक स्वयं की अजायबघर में पड़ी ममी से तुलना करने लग पड़ा।
(b) The first watchmaker quickened the speed of the watch. The watch became so fast that in the month of October, it was showing snowfall of November.
पहले घड़ीसाज ने घड़ी की गति तेज कर दी। घड़ी इतनी तेज चलने लगी कि यह अक्टूबर के महीने में नवम्बर की बर्फबारी बता रही थी।
(c) This is the statement by the last watchmaker. The author thought that perhaps he might be able to repair the watch. However, he also proved just as novice as the other watchmakers were.
यह कथन आखिरी घड़ीसाज का है। लेखक ने सोचा कि वह शायद उसकी घड़ी की मरम्मत कर पाए। परन्तु वह भी उतना ही अनाड़ी निकला जितने कि अन्य घड़ीसाज थे।
Appreciation :
Question 1.
How is humour employed to comment on the pains that the author took to get his watch set right?
उस कथन पर हास्य कैसे प्रयोग किया गया है कि जब लेखक अपनी घड़ी ठीक करवाने के लिए प्रयास करता है?
Answer:
The watch was very dear to the author. Naturally it pained him a lot when it went out of order. However, it was just a minor problem. The author went to the first watchmaker. He quickened its speed. Now the watch left all the watches of the town behind by thirteen days. The second watchmaker slowed it to the extent that it lagged behind all the watches of the town.
The different watchmakers repaired the watch in their own ways. However, no one was able to repair it. They used bombastic terms for the problem in the watch. But in fact they were all novice and good for nothing in watchmaking. The humour lies in the description of these watchmakers by the outhor.
लेखक को घड़ी बहुत प्रिय थी। स्वाभाविक ही था कि उसे बहुत पीड़ा हुई जब यह खराब हो गई। लेकिन यह मामूली सी समस्या थी। लेखक पहले घड़ीसाज के पास गया। उसने इसकी गति बढ़ा दी। अब इस घड़ी ने नगर की सारी घड़ियों को तेरह दिनों से पीछे छोड़ दिया। दूसरे घड़ीसाज ने इसे इतना धीमा कर दिया कि यह नगर की सारी घड़ियों से पीछे हो गई। विभिन्न घडीसाजों ने अपने ही ढंग से घड़ी ठीक करने का प्रयास किया। लेकिन कोई भी उसकी मरम्मत नहीं कर पाया। उन्होंने घड़ी की समस्या के बारे में भारी-भरकम शब्दों का प्रयोग किया। लेकिन वास्तव में वे सब अनाड़ी थे और बेकार के घड़ीसाज थे। हास्य इस बात में निहित है जिस प्रकार से लेखक उन घड़ीसाजों का वर्णन करता है।
Question 2.
'The author's treatment of the subject matter makes the readers identify themselves with the experience.' Comment on this statement.
'लेखक का विषय वस्तु के साथ प्रयोग पाठकों को उस अनुभव के साथ स्वयं को साझा करते हैं।' इस कथन पर टिप्पणी करें।
Answer:
The writer's watch became out of order. He went from one watchmaker to another to get his watch repaired. But none of them repaired his watch rather they charged from the writer heavy amount on pretext some part or the other. The writer spent ten times the amount of the watch's worth. Almost all of us have to face this type of situation in our lives. Since we are novise about the function of our gadgets, the mechanics charge heavy price to repair them.
लेखक की घड़ी खराब हो गई। वह एक घड़ीसाज से दूसरे के पास अपनी घड़ी की मरम्मत के लिए गया। परन्तु उनमें से कोई भी उसकी घड़ी की मरम्मत नहीं कर पाया, उन्होंने किसी न किसी बहाने से लेखक से भारी कीमत वसूली। लेखक घड़ी की कीमत का दस गुना उसकी मरम्मत पर खर्च कर देता है। हम में से सबको इस प्रकार की परिस्थिति से जीवन में से निकलना पड़ता है क्योंकि हम अपने-अपने उपकरणों के बारे में अनाड़ी होते हैं, मैकेनिक लोग उनकी मरम्मत करने की भारी-भरकम कीमत वसूलते हैं।
Short Questions Answers :
Question 1.
What did the author think about his watch? What happened to it one night?
लेखक अपनी घड़ी के बारे में क्या समझता था? उसे एक रात क्या हुआ?
Answer:
The author's watch has been keeping correct time for the last eighteen months. It made the author believe that it was s perfect piece of machinery. He considered it imperishable thing. He also considered it a messanger and forerunner of any calamity However, one night it slipped from the author's hand and it was out of order.
लेखक की घडी पिछले अठारह महीनों से बिल्कल सही समय बता रही थी। इससे लेखक को यह विश्वास हो गया कि यह एक दोषरहित मशीन है। वह इसे कभी खराब न होने वाली चीज समझता था। वह इसे सन्देशवाहक और किसी विपत्ति को पहले से ही बताने वाला मानता था। लेकिन एक दिन यह लेखक के हाथ से फिसल गई और खराब हो गई।
Question 2.
What did the first watchmaker tell the author about watch?
पहले घड़ीसाज ने लेखक को घड़ी के बारे में क्या कहा?
Answer:
The first watchmaker examined the watch carefully. Then he said that the watch was slow by four minutes. He said that the regulator needed to be pushed up. The author knew that the watch did not have any such problem. Therefore, he wanted him to let the watch alone, but all in vain.
पहले घड़ीसाज ने ध्यान से घड़ी को देखा। फिर उसने कहा कि घड़ी चार मिनट धीमी थी। उसने कहा कि रेगुलेटर की गति बढ़ानी पड़ेगी। लेखक जानता था कि घड़ी में ऐसी कोई समस्या नहीं थी। इसलिए वह चाहता था कि वह (घड़ीसाज) घड़ी को अकेला छोड़ दे, परन्तु सब व्यर्थ गया।
Question 3.
What happened to the watch after repair from the second watchmaker?
दूसरे घड़ीसाज से मरम्मत करवाने के बाद घड़ी को क्या हुआ?
Answer:
The second watchmaker said that the watch needed oiling and cleaning. He also said that it was fast so the regulator needed to be slowed down. However, after repair the watch started lagging behind. And soon it went back by many weeks.
दूसरे घड़ीसाज ने कहा कि घड़ी को तेल देने और उसकी सफाई की आवश्यकता थी। उसने यह भी कहा कि यह तेज थी इसलिए उसके रेगुलेटर को धीमा करने की आवश्यकता है। लेकिन मरम्मत के बाद घड़ी पीछे रहने लग गई। और जल्दी ही यह कई सप्ताह पीछे चली गई।
Question 4.
What happened to the watch after the repair of the king-bolt? किंग-बोल्ट की मरम्मत के बाद घड़ी को क्या हुआ?
Answer:
The author hoped that after the repair of the king-bolt, his watch would start running smoothly. However, this did not happen. The watch would run a while and then stop a while and so on using its own discretion about the intervals.
लेखक को आशा थी कि किंग-बोल्ट की मरम्मत के बाद उसकी घड़ी निर्बाध रूप से चल पड़ेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। घड़ी कुछ समय के लिए चलती और फिर कुछ समय के लिए रुक जाती, और ऐसा ही चलता रहता, यह रुकने का समय अपनी मर्जी से निश्चित करती।
Question 5.
How can you say that the repair of the watch proved to be a heavy drain on the author's purse?
आप यह बात कैसे कह सकते हैं कि घड़ी की मरम्मत लेखक को बहुत महंगी पड़ी?
Answer:
The repair of the watch indeed proved a heavy drain on the author's purse. He went from one watchmaker to another to get his watch repaired, but all in vain. The watch had cost him two hundred dollars while he had spent two thousand dollars on its repair.
घड़ी की मरम्मत वास्तव में ही लेखक की जेब पर बहुत भारी पड़ी। वह एक घड़ीसाज से दूसरे घड़ीसाज तक अपनी घड़ी की मरम्मत करवाने के लिए भागता रहा, परन्तु सब व्यर्थ गया। उसे वह घड़ी दो सौ डॉलर में मिली थी, जबकि उसने उसकी मरम्मत पर दो हजार डॉलर खर्च कर दिए थे।
Question 6.
What did the author remember about his Uncle William?
लेखक को अपने अंकल विलियम की कौनसी बात याद आई?
Answer:
The author's uncle William used to say that a good horse was a good horse until it had run away once, and that a good watch was a good watch until the repairers got a chance at it. In fact the uncle meant that it was better to stop using the watch, when it started giving trouble.
लेखक का अंकल विलियम कहा करते थे कि एक अच्छा घोड़ा तब तक ही अच्छा होता था जब तक कि यह एक बार दौड़ न लगा ले, और एक अच्छी घड़ी तब तक अच्छी रहती थी जब तक कि मरम्मत करने वालों को उसकी मरम्मत करने का अवसर न मिले । वास्तव में अंकल के कहने का तात्पर्य यह था कि उस घड़ी का प्रयोग न करना ही बेहतर होता था, जब यह समस्या देनी आरम्भ कर दे।
Long Questions Answers :
Question 1.
How were the views of the author, about the watch, proved false?
लेखक के घड़ी के बारे में विचार कैसे असत्य सिद्ध हुए?
Answer:
The author's watch always showed correct time. It had never stopped for eighteen months. He always believed that his watch gave correct time. He was sure about its structure of inside. But one night his good views about watch proved false because it fell on the ground suddenly. He felt very sad and tried to set the watch by himself. Now he was in good mood to think that he had set his watch rightly. But it started losing its time.
लेखक की घड़ी सदैव सही समय दिखाती थी। यह अठारह महीने से कभी नहीं रुकी थी। उसे सदैव अपनी घड़ी के सही समय देने का विश्वास था। वह उसकी अन्दरूनी बनावट के बारे में भी सुनिश्चित था। लेकिन एक रात को उसके घड़ी के बारे में अच्छे विचार असत्य सिद्ध हुए क्योंकि घड़ी उसके हाथ से एकाएक नीचे जमीन पर गिर गई। उसे अत्यन्त दुःख हुआ और उसने घड़ी को स्वयं ही ठीक करने का प्रयास किया। अब उसकी मनःस्थिति यह सोचकर अच्छी हो गई कि उसने घड़ी को ठीक तरह जोड़ लिया। लेकिन उसने धीमा चलना आरम्भ कर दिया।
Question 2.
What was the result of the watch after the chief jeweller had pushed its regulator?
घड़ी के नियंत्रक की गति मुख्य जौहरी द्वारा बढ़वाने के पश्चात् घड़ी का क्या परिणाम रहा?
Answer:
The author took the watch to the chief jeweller to set its time properly. He took the watch in his hand and tried to set it. He told the author that its regulator was not in order. It was to be pushed up fast. But the author declined his view about it and tried to stop him and explained him that the watch was showing correct time. But that obstinate person was determined that the watch was slow by four mínutes so he pushed its regulator which resulted of its gaining time
लेखक घड़ी को मुख्य घड़ीसाज के पास इसका समय ठीक कराने के लिए ले गया। घड़ीसाज ने अपने हाथ में घड़ी ले ली और इसे व्यवस्थित करने का प्रयास किया। उसने लेखक से कहा कि इसका नियंत्रक ठीक नहीं था। उसे तेज करना पडेगा। लेखक ने इस सम्बन्ध में उसकी बात काट दी और नियंत्रक आगे करने से रोका तथा समझाया कि घड़ी शुद्ध समय दिखा रही थी। लेकिन उस अड़ियल आदमी का यह दृढ़ निश्चय था कि घड़ी चार मिनट पीछे चल रही थी इसलिए उसने उसका नियंत्रक आगे बढ़ा दिया जिसका परिणाम इसका अधिक समय बताने का हो गया।
Question 3.
What happened when the watch started gaining time?
जब घड़ी ने तेज चलना आरम्भ किया तो क्या हुआ था?
Answer:
After the regulator had been pushed, the watch started gaining time. It continued to gain time day by day. Its condition was like fever which shows high temperature. Its pulse went up to a hundred and fifty in the shade. It went ahead so far that it left other watches behind more than thirteen days. It did not stop even in November. It was showing the temperature of October. The author felt that the time of bills payment was to start soon. The author began to think that he would be ruined because of this watch.
नियंत्रक के आगे बढ़ाने के पश्चात् घड़ी ने तेज चलना शुरू किया। यह दिन-प्रतिदिन तेज चलती गई। इसकी स्थिति तेज बुखार जैसी हो गई। इसकी नब्ज छाया में एक सौ पचास तापमान तक हो गई। यह इतनी तेज चलती गई कि इसने अन्य घड़ियों की तेरह से भी अधिक दिनों तक पीछे छोड़ दिया। यह नवम्बर के महीने में भी नहीं रुकी। यह अक्टूबर माह जैसा तापमान दिखा रही थी। लेखक ने महसूस किया कि बिलों के भुगतान का समय शीघ्र शुरू होने वाला था। लेखक सोचने लगा कि घड़ी के कारण वह बरबाद हो जाएगा।
Question 4.
What was the result of the watch when it started to gain the highest time of other watches?
जब घड़ी ने अन्य घड़ियों से सर्वाधिक तेज चलना आरम्भ किया तो क्या परिणाम रहा?
Answer:
The author was very displeased with the fast speed of the watch so he took it to another watchmaker. He asked the author if he had got it repaired. The author told that it did not need any repair. Then the watchmaker looked at him viciously. His vicious look showed his pleasure.
He eagerly pried the watch open and peered into its machinery. He said it wanted cleaning and oiling, besides regulating, and asked the author to come in a week. After its cleaning and oiling, it ran so fast that the author missed his meetings and dinner due to its speed.
लेखक घड़ी की तीव्र गति से अत्यन्त अप्रसन्न था इसलिए वह इसे एक अन्य घड़ीसाज के पास ले गया। उसने लेखक से पूछा कि क्या उसने इसकी मरम्मत कराई थी। लेखक ने कहा कि इसकी मरम्मत की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी। फिर घड़ीसाज ने दुष्टता से उसकी ओर देखा। उसकी दुष्टतापूर्ण दृष्टि में प्रसन्नता झलकी।
उसने उत्सुकता से ताक-झाँक की और इसे खोल दिया। उसने कहा कि इसकी गति नियंत्रण के साथ इसको साफ करना और तेल देना होगा और लेखक को एक सप्ताह बाद आने को कहा। इसकी सफाई और इसमें तेल देने के बाद इसकी गति इतनी तेज हो गई कि इसके कारण उसकी सभाएँ तथा रात्रि भोजन छूट जाते थे।
Question 5.
What happened to the watch when the author came to know of its average time?
जब लेखक को घड़ी के औसत समय का पता चला तो घड़ी की क्या स्थिति हुई?
Answer:
When the author took the watch to the third watchmaker he told him that its barrel was swelled. He repaired it by reducing its speed. After this the watch averaged well but nothing more. For half a day it started barking, wheezing, whooping and sneezing and snorting.
The author could not tolerate this disturbance. Then he took it to another watchmaker. He told the author that its king-bolt was broken. But it was not a serious matter for him. He repaired the king-bolt but what the watch gained in one way it lost in another. It did not satisfy the author.
जब लेखक घड़ी को तीसरे घड़ीसाज के पास ले गया तो उसने कहा कि उसकी नली फूली हुई थी। उसने इसकी गति कम करके नली की मरम्मत कर दी। इसके बाद घड़ी का अच्छा औसत समय आने लगा, इससे अधिक कुछ नहीं। आधे दिन तक तो यह भोंकना, घरघर करती हुई साँस लेती हुई, छींकों जैसी और खर्राटों जैसी आवाजें करती।
लेखक इस व्यवधान को झेल नहीं पाया। फिर वह उसे एक अन्य घड़ीसाज के पास ले गया। उसने बताया कि उसका किंग-बोल्ट टूटा हुआ था। लेकिन उसके लिए यह गम्भीर मामला नहीं था। उसने किंग-बोल्ट की मरम्मत कर दी लेकिन घड़ी कभी तेज चलती और कभी धीमी चलती। इससे लेखक सन्तुष्ट नहीं हुआ।
Seen Passages
Read the following passages carefully and answer the questions given below :
निम्न अनुच्छेदों को सावधानीपूर्वक पढ़िए तथा उनके नीचे दिए हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
Passage 1.
My beautiful new watch had run eighteen months without losing or gaining, and without breaking any part of its machinery or stopping. I had come to believe it infallible in its judgements about the time of day, and to consider its constitution and its anatomy imperishable. But, at last, one night, I let it run down. I grieved about it as if it were a recognised messenger and forerunner of calamity.
But by and by I cheered up, set the watch by guess, and commanded my bodings and superstitions to depart Next day I stepped into the chief jeweller's to set it by the exact time, and the head of the establishment took it out of my hand and proceeded to set it for me.
Questions :
1. How many months had the author's watch run without losing or gaining?
लेखक की घड़ी धीमी और तेज चले बिना कितने महीने चल चुकी थी?
2. What was the condition of its machinery?
घड़ी के पुों की क्या स्थिति थी?
3. How had the author come to believe about his watch?
लेखक का अपनी घड़ी के विषय में किस प्रकार का विश्वास था?
4. What happened to the watch one night?
एक रात को घड़ी के साथ क्या हुआ?
5. When did the author cheer up to see his watch?
लेखक अपनी घड़ी को देखकर कब प्रसन्न हुआ?
6. Find out the words from the passage which mean the following:
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइये जिनके अर्थ निम्न हैं :
(a) that will lost for a long time or forever.
(b) an event that causes great damage to people's lives.
Answers :
1. The author's watch had run eighteen months without losing or gaining.
लेखक की घड़ी बिना धीमी और तेज हुए अठारह महीने तक चल चुकी थी।
2. The condition of the machinery was good. No part of it was broken or stopped.
मशीनरी की दशा अच्छी थी। उसका कोई भी पुर्जा न टूटा था अथवा रुका था।
3. The author had come to believe that its time was correct and its structure was imperishable.
लेखक को यह विश्वास हो गया कि घड़ी का समय बताना सही था और उसकी बनावट कभी नष्ट न होने वाली थी।
4. One night the author let it down. He grieved because it was a messenger and forerunner of calamity.
एक रात को लेखक ने घड़ी नीचे गिरा दी। वह दुःखी हुआ क्योंकि उसके लिए वह एक सन्देशवाहक और घटना का पूर्व संकेत देने वाली थी।
5. The author cheered up after setting the watch by guess because it removed his doubt of its loss.
लेखक घड़ी को अपने अनुमान से ठीक करके प्रसन्न हो गया क्योंकि इसने नुकसान पहुंचने वाले सन्देह को दूर कर दिया था।
6. (a) imperishable
(b) calamity
Passage 2.
I went to a watchmaker again. He took the watch all to pieces while I waited and then said the barrel was ‘swelled'. He said he could reduce it in three days. After this the watch averaged well, but nothing more. For a half day it would go like the very mischief,and keep up such a barking and wheezing and whooping and sneezing and snorting that I could not hear myself think for the disturbance: and as it held out there was not a watch in the land that stood any chance against it. But the rest of the day it would keep on slowing down and fooling along until all the clocks it had left behind caught up again. It would show a fair and square average, and no man could say it had done more or less than its duty.
Questions :
1. What problem did the author tell the watchmaker about his watch?
लेखक ने घड़ीसाज को अपनी घड़ी के बारे में क्या समस्या बताई?
2. What did the watchmaker tell the author about the barrel?
घडीसाज ने बैरल के विषय में लेखक से क्या कहा?
3. What was the result of the watch after reducing its barrel by the watchmaker?
घड़ीसाज के द्वारा बैरल घटाने पर घड़ी का क्या परिणाम हुआ?
4. How did the watch go after giving its average time?
औसत समय देने के पश्चात् घड़ी किस प्रकार से चली?
5. How did the watch keep its time during the rest of the day?
शेष दिन के समय घड़ी ने अपना समय किस प्रकार से दिखाया?
6. Find out the words from the passage which mean the following:
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइये जिनके अर्थ निम्न हैं :
(a) to make a loud sound by breathing air out noisily through nose.
(b) bad behaviour that is annoying but does not cause any serious damage or harm.
Answers :
1. The author told the watchmaker about his watch that its barrel was swelled.
लेखक ने घड़ीसाज को घड़ी के बारे में बताया कि उसका बैरल फूला हुआ था।
2. The watchmaker told the author that he could reduce it in three days.
घड़ीसाज ने लेखक को बताया कि वह बैरल को तीन दिन में कम कर देगा।
3. After this the watch averaged well, but nothing more.
इसके पश्चात् घड़ी ने औसत से समय बताया लेकिन अधिक कुछ नहीं।
4. After giving the average time the watch went on making mischief. It was barking, wheezing, whooping, sneezing and snorting.
औसत समय देने के पश्चात् घड़ी शरारत करती हुई चलती रही थी। यह तेज आवाज से घर-घर्र करते हुए, खुशी से चिल्लाते हुए, छींक मारती और खर्राटे भरती रही।
5. During the rest of the day it would keep on slowing down and fooling until all the clocks it had left behind caught up again.
शेष दिन भर यह घड़ी धीमी चलती रही और तब तक मूर्ख बनाती रही जब तक उसने उन घड़ियों से समय बराबर नहीं कर लिया जिनको कि उसने पीछे छोड़ा था।
6. (a) snorting
(b) mischief
Passage 3.
But a correct average is only a mild virtue in a watch and I took this instrument to another watchmaker. He said the king-bolt was broken. I said I was glad it was nothing more serious. To tell the plain truth, I had no idea what the king-bolt was, but I did not choose to appear ignorant to a stranger. He repaired the king-bolt but what the watch gained in one way it lost in another.
It would run a while and then stop a while, and then run a while again, and so on, using its own discretion about the intervals. And every time it went off it kicked back like a musket. I padded my breast for a few days but, finally, took the watch to another watchmaker. He picked it all to pieces and turned the ruin over and over under his glass; and then he said there appeared to be fresh start.
Questions :
1. Why did the author take the watch to another watchmaker?
लेखक घड़ी को दूसरे घड़ीसाज के पास क्यों ले गया?
2. What did the watchmaker tell the author about the watch?
घड़ीसाज ने लेखक को घड़ी के विषय में क्या बताया?
3. What happened to watch after its repair of the king-bolt?
घड़ी के किंग-बोल्ट के मरम्मत होने के पश्चात् उसके साथ क्या घटित हुआ?
4. How did the watch use its own discretion about the intervals?
अंतरालों के विषय में घड़ी ने अपनी सूझ-बूझ का कैसे प्रयोग किया?
5. Why did the author take the watch to another watchmaker inspite of his full satisfaction?
पूर्ण संतुष्टि के बावजूद लेखक घड़ी को किसी दूसरे घड़ीसाज के पास लेकर क्यों गया?
6. Find out the words from the passage which mean the following:
अनुच्छेद से उन शब्दों को बताइए जिनका अर्थ निम्न है :
(a) calculated by adding several amounts together, finding a total, and dividing the total by the number of amounts.
(b) the freedom or power to decide what should be done in a particular situation.
Answers :
1. The author took the watch to another watchmaker because it was showing average time which was a mild virtue of the watch.
लेखक घड़ी को एक अन्य दूसरे घड़ीसाज के पास ले गया क्योंकि यह औसत समय दिखा रही थी जो कि घड़ी का एक हल्का-सा गुण था।
2. The watchmaker told the author that the king-bolt of it was broken. The author did not have knowledge of the king-bolt so he was glad.
घड़ीसाज ने लेखक को बताया कि इसका किंग-बोल्ट (मुख्य पुर्जा) टूटा हुआ था। लेखक को किंग बोल्ट का कोई ज्ञान नहीं था इसलिए वह खुश था।
3. After the repair of the king-bolt, the watch gained in one way it lost in another. It would run a while and then stop a while.
किंग-बोल्ट के मरम्मत होने के पश्चात् घड़ी एक बार आगे बढ़ जाती और पीछे हो जाती। यह थोड़े समय के लिए दौड़ती और फिर थोड़े समय के लिए रुक जाती।
4. The watch used its own discretion about the intervals because everytime it went off it kicked back like a musket.
घड़ी अंतराल का प्रयोग अपने विवेक से हर बार करती रही क्योंकि बन्दूक की तरह यह अत्यन्त दर भागती और ठोकर मारती।
5. The author observed its activity in different ways and he padded his breast for a few days, but finally he took the watch to another watchmaker.
लेखक ने घड़ी की विभिन्न गतिविधियों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण किया और अपनी छाती को कुछ दिनों तक थपथपाया लेकिन अन्ततोगत्वा वह घड़ी को अन्य घड़ीसाज के पास ले गया।
6. (a) average
(b) discretion
लेखक के बारे में
सैम्युल एल. क्लीमेन्ज (1835-1910), जो कि छद्म नाम मार्क ट्वैन का प्रयोग करता था, एक अमेरिकी हास्य कथा लेखक, लघु कथा लेखक और उपन्यासकार था। उसका लालन-पालन मिसूरी राज्य के छोटे से कस्बे हनीबल में हुआ। मार्क ट्वैन की स्कूली शिक्षा दस वर्ष से भी कम की थी। उसने एक छपाई वाले के यहाँ प्रशिक्षु, भाप वाली किश्ती चलाने, खनिक और पत्रकार का काम किया। इस सबने उसे अलग-अलग प्रकार के अनुभव और मानवता के प्रति विस्तृत जानकारी दी। एडवेन्चरस ऑफ टाम सॉयर, उसके अपने स्वयं के बचपन के बारे में थी; द एडवेंचरस ऑफ हकलबेरी | फिन जिसकी योजना महज उत्तर कथा के रूप में बनाई गई थी, एक श्रेष्ठ कलाकृति सिद्ध हुई, एक ऐसी कहानी जो एक अशिक्षित लड़के द्वारा सुनाई गई थी।
Introduction to the Essay
It is said, "Too many cooks spoil the broth". This can be said to be the theme of this story. This story is a simple story of the author's watch. That watch got damaged one day. Now the author went from the pillar to the post to get his watch repaired. The first watchmaker quickened its speed.
It became ahead by thirteen days. The second one slowed down the speed of the watch. One of the said that the problem was in the king-bolt, the other said the problem was in the mainspring. Still other said its crystal was bent. However, no one could repair the watch. The author had to spend a lot of money on its repair, but all went waste.
पाठ का परिचय
'दो मुल्लाओं में मुर्गी हराम' ऐसा कहा जाता है। इस कहानी की कथावस्तु इस कहावत को माना जा सकता है। यह कहानी एक कहानी की साधारण सी कहानी है। यह घड़ी एक दिन खराब हो जाती है। अब लेखक इस घड़ी की मरम्मत कराने के लिए भागदौड़ करता है। पहला घड़ीसाज इसकी गति बढ़ा देता है। यह तेरह दिन आगे चली जाती है।
दूसरा घड़ीसाज घड़ी की गति कम कर देता है। | उनमें से एक कहता है कि समस्या किंग-बोल्ट में थी, दूसरा कहता है कि समस्या मुख्य स्प्रिंग में थी। जबकि एक दूसरा कहता है कि इसका स्फटिक मुड़ा हुआ था। लेकिन उनमें से कोई भी घड़ी को ठीक न कर सका। लेखक को इसकी मरम्मत पर ढेर सारा पैसा खर्च करना पड़ा, पर सब बेकार गया।
कठिन शब्दार्थ एवं हिन्दी अनुवाद
My beautiful new watch ............ shameful deed. (Pages 145-146)
कठिन शब्दार्थ : infallible-(इन्फैलब्ल), never making mistake, कभी गलती न करने वाला; constitution-(कॉनस्टिट्यूशन) the way the parts of a thing are put together, किसी वस्तु की बनावट, संरचना; anatomy-(अनैटमि) the scientific study of the structure of human and animal bodies, (here) used for a watch; शरीर रचना विज्ञान (यहाँ) इसका प्रयोग घड़ी के लिए किया गया है; forerunner-(फॉरन(र)), a person or a thing that is an early example or a sign of something that appears later, पूर्वगामी; establishment-(इस्टैब्लिशमेन्ट), an organisation, संस्थान; anguish(ऐग्विश्), great mental suffering or pain, गहरी मानसिक वेदना।
हिन्दी अनुवाद : मेरी प्यारी सी नई घड़ी बिना समय आगे-पीछे हुए और बिना किसी खराबी के और रुके अठारह महीने तक चली थी। मुझे यह विश्वास होने लग गया था कि यह समय बताने में कभी गलती नहीं कर सकती और यह मान बैठा था कि इसकी बाहरी बनावट और अन्दरूनी संरचना कभी खराब नहीं हो सकती।
परन्तु अन्ततः एक रात यह मुझसे नीचे गिर गई। मैं उसके लिए ऐसे दुःखी हुआ मानो वह कोई भरोसेमंद संदेशवाहक हो या किसी आने वाली विपदा से आगाह करती हो। परन्तु धीरे-धीरे मैंने अपना मूड ठीक किया, तुक्के से घड़ी को जोड़ा और अपने अंधविश्वासों को दूर भगाया। अगले दिन मैं मुख्य जौहरी की दुकान पर इसे लेकर गया ताकि वह इसका समय बिल्कुल ठीक कर दे और संस्थान के मालिक ने इसे मेरे हाथ से ले लिया और मेरे लिए इसे ठीक करने लगा। फिर उसने कहा, यह चार मिनट धीमी चल रही है, इसके गति नियंत्रक को तेज करना पड़ेगा।
मैंने उसे रोकने का प्रयास किया, उसे यह समझाने का प्रयास किया कि घड़ी बिल्कुल ठीक समय दिखाती थी। परन्तु नहीं; यह बैल बुद्धि इन्सान सिर्फ इस बात पर अड़ा हुआ था कि घड़ी चार मिनट धीमी है और गति नियंत्रक की गति थोड़ी बढ़ानी पड़ेगी; और तब जबकि मैं इसके आस-पास गहरी मानसिक वेदना से उछल-कूद कर रहा था, और उसकी मिन्नत कर रहा था कि मेरी घड़ी के साथ कुछ न करे, उसने शान्ति से और क्रूरता से वह शर्मनाक काम कर दिया।
My watch .................. its duty. (Page 146)
कठिन शब्दार्थ : sickened-(सिकन्ड), made feel disgusted. विक्षुब्ध हो गई; raging (रेजिङ्), very severe, जोरदार, प्रचण्ड; fraction-(फ्रैक्श्न् ), a small part or amount, छोटा अंश; almanac(आल्मनैक), calendar, जन्त्री; abide- (अबाइड्) work accordingly, के अनुसार काम करना।
हिन्दी अनुवाद : मेरी घड़ी ने समय ज्यादा बताना शुरू कर दिया। यह दिन प्रतिदिन तेज होती गई। एक सप्ताह के अन्दर इसे तेज बुखार हो गया (अर्थात् बहुत आगे हो गई) और उसकी नब्ज आराम की स्थिति से 150 प्रति मिनट हो गई। (लेखक यहाँ यह बताना चाहता है कि घड़ी की गति बहुत तेज हो गई) दो महीने समाप्त होने तक इसने शहर के सारे टाइमपीस पीछे छोड़ दिए और यह कैलेंडर के अनुसार तेरह दिन से कुछ आगे चल रही थी। यह नवम्बर में बर्फबारी का आनन्द उठा रही थी, जबकि अभी अक्टूबर के महीने के पत्ते निकल रहे थे।
इससे घर का किराया देने का दिन, दूसरे बिल और अन्य कई बरबाद कर देने वाली बातें इतनी जल्दी होने लगीं कि मैं इसे और सहन नहीं कर सका। मैं इसे एक घड़ीसाज के पास ठीक करवाने के लिए लेकर गया। उसने मुझसे पूछा कि क्या कभी इसकी मरम्मत करवाई थी। मैंने उत्तर दिया 'नहीं', इसकी मरम्मत की कभी आवश्यकता ही नहीं पड़ी। उसने एक दुष्टतापूर्ण नजर डाली और उत्सुकता से घड़ी को खोल दिया और फिर अपनी आँख पर छोटा-सा डाईस जैसा लेन्स लगाया और इसकी मशीनरी के अन्दर झाँका।
उसने कहा कि इसकी गति नियंत्रण के साथ इसको साफ करना और तेल देना होगा, और मुझे अगले सप्ताह आने के लिए कहा। साफ करने और तेल देने के बाद और गति-नियंत्रण के बाद मेरी घड़ी उस हद तक चली गई कि मेरी पूर्व-निर्धारित मुलाकातें निकल गईं, मेरा रात्रि भोजन का समय छूट गया और धीरे-धीरे मैं गुजरे कल तक, फिर उससे एक दिन बाद और फिर पिछले सप्ताह और धीरे-धीरे मुझे समझ आया कि मैं नितान्त अकेला था, और मैं पिछले सप्ताह से भी अकेला था और दुनिया मेरी आँखों से ओझल हो चुकी थी। मुझे स्वयं में एक ऐसे व्यक्ति का आभास हुआ जो चुपचाप किसी अजायबघर में परिरक्षित शव को अपना मित्र मानता हो और उससे खबर साझा करना चाहता हो। मैं दुबारा घड़ीसाज के पास गया।
उसने घड़ी का पुर्जा-पुर्जा अलग कर दिया और जबकि मैं प्रतीक्षा कर रहा था उसने कहा कि घड़ी का बैरल फूल गया था। उसने कहा कि वह तीन दिनों में इसे ठीक कर देगा। इसके बाद घड़ी थोड़ी ठीक-ठाक चली, पर इससे ज्यादा कुछ नहीं। आधा दिन तक यह हर प्रकार की शरारत करती और कुत्ते के भौंकने जैसी और सर-सर और ऊँचा-ऊँचा सांस लेने और छींकों जैसी और खर्राटों जैसी आवाजें करती कि मैं स्वयं भी इस रुकावट के बारे में सोच भी नहीं पाता; और जैसा कि पता ही था, इस धरती पर कोई भी घड़ी इसके जैसे नहीं होती, परन्तु बाकी के दिन यह धीमा होना शुरू हो जाती जब तक कि जितनी भी घड़ियों को इसने पीछे छोड़ा था, वे इसके बराबर न आ जातीं। औसत रूप से यह सही समय देती और कोई व्यक्ति नहीं कह सकता था कि इसने अपना कर्त्तव्य ठीक ढंग से नहीं निभाया था।
II
But a correct .... of manner. (Pages 147-148)
कठिन शब्दार्थ : mild-(माइल्ड्), not strong, नरम हलका; discretion-(डिस्क्रेश्न्), the freedom and power to take decisions, निर्णय लेने की स्वतंत्रता एवं क्षमता; musket-(मस्किट), an early type of long gun, पुराने प्रकार की एक लम्बी बन्दूक; reel (off)-(रील), to repeat something very quickly, धड़ाधड़ बोलना।
हिन्दी अनुवाद : परन्तु एक ठीक औसत किसी घड़ी का बहुत मामूली-सा गुण होता है और मैं इस उपकरण को एक अन्य घड़ीसाज के पास ले गया। उसने कहा कि इसका मुख्य बोल्ट टूट गया है। मैंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि कोई अधिक गम्भीर बात नहीं है। सच पूछो तो मुझे पता नहीं था कि यह किंग बोल्ट क्या होता है, परन्तु मैं किसी अजनबी के सामने अनाड़ी नहीं लगना चाहता था। उसने किंग बोल्ट की मरम्मत कर दी परन्तु घड़ी जहाँ एक तरफ से ठीक हुई यह दूसरी तरफ से बिगड़ गई। यह कुछ देर चलती और फिर कुछ देर रुक जाती, और इसी तरह से चलता रहता, यह चलने और रुकने के बीच के अन्तराल को अपनी मर्जी से निश्चित करती। और जब भी यह चलती यह पुराने जमाने की बन्दूक की तरह पीछे को झटका मारती।
मैंने कुछ देर तक अपनी छाती पर पत्थर रख लिया, अन्ततः घड़ी को एक अन्य घड़ीसाज के पास ले गया। उसने इसका पुर्जा-पुर्जा अलग कर दिया और इसके शीशे के नीचे इसकी बरबादी शुरू कर दी और फिर उसने कहा कि उसने घड़ी नई जैसी बना दी है। अब यह ठीक काम कर रही थी, बस दस बज कर दस मिनट पर इसकी दोनों सुइयाँ किसी कैंची की तरह जुड़ जातीं और फिर उस समय ये इकट्ठा चलने लग जातीं। इस दुनिया का सबसे बूढ़ा आदमी भी यह बता नहीं सकता था कि घड़ी में क्या समय हुआ है, और फिर मैं दुबारा इस चीज की मरम्मत करवाने गया। इस व्यक्ति ने कहा कि इसका स्फटिक मुड़ गया था और मुख्य स्प्रिंग सीधा नहीं था।
उसने यह सब चीजें ठीक कर दी और फिर घड़ी उम्मीद से बढ़िया चलने लग गई, बस इस बात के अतिरिक्त कि चुपचाप आठ घण्टे चलने के बाद इसके अन्दर की सारी चीजें एकदम हलचल में आ जाती और किसी मधुमक्खी की तरह भनभन करने लग जाती और उसकी सुइयाँ तुरन्त तेजी से घूमने लगतीं कि ये अपनी व्यक्तिप्रधानता पूरी तरह से गँवा देती, और ये घड़ी के डायल पर मात्र एक जाले की भाँति लगी।
यह फिर अगले चौबीस घण्टे मात्र छः या सात मिनट में पूरा कर लेती और फिर धमाके के साथ रुक जाती। मैं भारी मन से एक अन्य घड़ीसाज के पास गया, और देखता रहा जब तक कि उसने इसका पुर्जा-पुर्जा अलग नहीं कर दिया। फिर मैं उससे सख्ती से प्रश्न पूछने के लिए तैयार हो गया क्योंकि अब बात गम्भीर होती जा रही थी।
घडी असल में मुझे दो सौ डॉलर में पड़ी थी, और ऐसा प्रतीत होता था कि मैं उसकी मरम्मत पर दो से तीन हजार डॉलर खर्च कर चुका था। जब मैं प्रतीक्षा करता देख रहा था मुझे इस घड़ीसाज में एक पुराना जानकार नजर आया-भाप वाली किश्ती का दूसरे दिनों वाला इंजीनियर और कोई बहुत अच्छा इंजीनियर नहीं। उसने सभी हिस्सों की बहुत ध्यान से जाँच की, जैसा कि बाकी घड़ीसाज करते हैं, और फिर उसी आत्मविश्वास से अपना निर्णय सुना दिया।
He said ........... tell him. (Page 148 )
कठिन शब्दार्थ : monkey-wrench-(मकि रेन्च), adjustable wrench, चूड़ीदार पाना; safety valve-(सेटि वैल्व्), a valve that opens automatically to relieve excessive pressure, सुरक्षा वाल्व।
हिन्दी अनुवाद : उसने कहा : "यह बहुत अधिक भाप बना रही है (यह बहुत तेज चल रही है)- क्या तुम सुरक्षा वाल्व पर पाना मारने के लिए तैयार हो (अर्थात् इसका ठीक होना मुश्किल है)!" मैं तुरन्त बात समझ गया और इस बात (घड़ी की मरम्मत करवाने वाली बात) को वहीं दफना दिया। मेरे अंकल विलियम (हाय! अब उनकी मृत्यु हो चुकी है)
कहा करते थे कि एक अच्छा घोड़ा केवल तब तक अच्छा होता था जब तक यह एक बार शानदार ढंग से दौड़ ले, और एक बढ़िया घड़ी तब तक ही बढ़िया होती है जब तक कि इस पर मरम्मत करने वालों का हाथ न पड़े और इस बात पर आश्चर्य होता था कि उन असफल बर्तनों की मरम्मत करने वाले, बन्दूकों की मरम्मत करने वाले, मोची, इंजीनियरों और लोहारों का क्या होता था, परन्तु कोई उसे इस बारे में बता नहीं पाता।