RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ? Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 10 Hindi Solutions Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?

RBSE Class 10 Hindi मैं क्यों लिखता हूँ? Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों? 
उत्तर:  
लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव उसके अन्दर की विवशता से बाहर निकालने में उतनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह नहीं करता, जितना काम अनुभूति करती है। प्रत्यक्ष अनुभव वह है जो हम घटित होते हुए देखते हैं परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे सत्य को आत्मसात् कर लेती है जिससे अप्रत्यक्ष घटना भी आँखों के समक्ष ज्वलन्त प्रकाश बन जाती है। जिसे लिखकर ही अपनी विवशता से छुटकारा पाया जा सकता है व स्वयं को जानने के लिए प्रेरित होता है। इसलिए लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्त्व दिया है। 
 
प्रश्न 2. 
लेखक ने अपने आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया? 
उत्तर:  
लेखक हिरोशिमा में घटित अणु बम से हुए नरसंहार के बारे में जानकर तथा जापान यात्रा काल में विस्फोट के कुप्रभावों को प्रत्यक्ष देखकर भी भोक्ता नहीं बन पाया। एक दिन जब वह हिरोशिमा नगर के सड़क पर अकेला घूम रहा था तब उसकी दृष्टि एक पत्थर पर पड़ी। उस झुलसे हुए पत्थर पर एक मानव की छाया छपी हुई थी। विस्फोट के समय कोई आदमी उस पत्थर पर खड़ा होगा। रेडियोधर्मी किरणों ने उस खड़े व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया होगा और उसकी छाया पत्थर पर डाल दी होगी। उसे देखकर लेखक के मन में संवेदनात्मक अनुभूति जाग गई। परिणामस्वरूप उसके मन में अणुबम विस्फोट का प्रत्यक्ष दृश्य जाग उठा और वह हिरोशिमा विस्फोट का भोक्ता बन गया। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
 
प्रश्न 3. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आधार पर बताइए कि 
(क) लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं? 
(ख) किसी रचनाकार को प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं? 
उत्तर:  
(क) लेखक को लिखने के लिए उसकी आन्तरिक विवशता और आत्मिक अनुभूति की तीव्रता प्रेरित करती 
(ख) किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत आंतरिक विवशता से मुक्ति, संपादक का आग्रह, प्रकाशक का तकाजा अथवा आर्थिक आवश्यकता होते हैं। परन्तु दूसरा कारण उसके लिए आवश्यक नहीं है। इन सब प्रेरणा स्रोतों में पहला कारण आंतरिक विवशता से मुक्ति ही उसके लेखन का मूल कारण बनता है। 
 
प्रश्न 4. 
कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति, स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। यह बाह्य दबाव कौन-कौन से हो सकते हैं? 
उत्तर:  
ये बाह्य दबाव निम्नलिखित हो सकते हैं -
 
  1. संपादकों के दबाव का आग्रह 
  2. प्रकाशक के दबाव का आग्रह 
  3. आर्थिक आवश्यकता का दबाव। इनके अलावा लेखक शासकीय दबाव या राजनीतिक प्रतिबद्धता की विवशता से भी लिखने को प्रेरित होता है। 
 
प्रश्न 5. 
क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं? कैसे? 
उत्तर:
बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित नहीं करते हैं, बल्कि अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए अधिकतर अभिनेता, गायक, नर्तक, अपने फिल्म निर्माता निर्देशकों के दबाव से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इनके ऊपर उनके प्रशंसकों का भी दबाव होता है। यदि निर्माता-निर्देशक और प्रशंसक किसी ख्याति प्राप्त धन कमाये हुए कलाकार पर कला-प्रर्दशन के दबाव न बनायें, तो वह कलाकार काम करने की बजाय आराम करना अधिक पसन्द करेगा। 
 
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प्रश्न 6.
हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है। यह आप कैसे कह सकते हैं? 
उत्तर: 
लेखक जापान घूमने गया था तो हिरोशिमा में उस विस्फोट से पीड़ित लोगों को देखकर उसे थोड़ी पीड़ा हुई, परन्तु उसका मन लिखने के लिए उसे प्रेरित नहीं कर पा रहा था.। हिरोशिमा के पीड़ितों को देखकर लेखक को पहले ही अनुभव हो चुका था परन्तु जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की उजली छाया को देखकर उसको हिरोशिमा में विस्फोट से प्रभावित लोगों के दर्द की अनुभूति कराई, लेखक को लिखने के लिए प्रेरित किया। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अन्तः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है। 
 
प्रश्न 7. 
हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है? 
उत्तर:  
यह पूर्णतः सत्य है कि हिरोशिमा में अणुबम का प्रयोग विज्ञान का भयंकर दुरुपयोग है। इस घटना ने विज्ञान के विनाशकारी रूप से सारे संसार को परिचित करा दिया था। आजकल विज्ञान का दुरुपयोग घातक अस्त्र शस्त्र बनाकर और उसके द्वारा आतंकवादी हमले किए जा रहे हैं। चिकित्सकों द्वारा भ्रूण-परीक्षण किया जा रहा है और अनचाहे भ्रूणों को समाप्त किया जा रहा है। चिकित्सक विविध उपकरणों की सहायता से मानव शरीरांग निकाल कर तस्करों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, किसान जहरीले रसायन और कीटनाशक छिड़कर पैदावार बढ़ा रहे हैं। इन फसलों से उत्पादित अनाज से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। विज्ञान के द्वारा आविष्कृत उपकरणों के कारण ही ध्वनि प्रदूषण फैल रहा है, निकलने वाले धुएँ से वायु प्रदूषित हो रही है। 
 
प्रश्न 8. 
एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका 
उत्तर:  
एक संवदेनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में हमारी भूमिका यह है कि मैं विज्ञान के जिस यंत्र की बुराई के बारे में जानता हूँ उसका उपयोग करने से या उससे दूर रहने का प्रयत्न करता हूँ। जैसे मैं प्लास्टिक थैलियों तथा प्लास्टिक से सम्बन्धित अन्य वस्तुओं का बिल्कुल उपयोग नहीं करता हूँ और न दूसरों को उपयोग करने की सलाह देता हैं। फसलों में कीटनाशक तथा जहरीले रसायनों को छिडकने करता हूँ। भ्रूण-हत्या जैसे दुष्कर्म कराने की कभी भी किसी को सलाह नहीं देता हूँ। 
 

RBSE Class 10 Hindi मैं क्यों लिखता हूँ? Questions and Answers

 
बहुविकल्पात्मक प्रश्न 
 
प्रश्न 1. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के लेखक कौन हैं?
(क) शिवपूजन सहाय 
(ख) कमलेश्वर 
(ग) अज्ञेय 
(घ) शिवप्रसाद मिश्र 
उत्तर:
(ग) अज्ञेय
 
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प्रश्न 2. 
अज्ञेय का जन्म उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले में कब हुआ? 
(क) सन् 1911 में 
(ख) सन् 1915 में 
(ग) सन् 1921 में 
(घ) सन् 1935 में 
उत्तर:
(क) सन् 1911 में 
 
प्रश्न 3. 
अज्ञेय ने बी.एससी. कहाँ से की? 
(क) लाहौर 
(ख) श्रीनगर 
(ग) भोपाल 
(घ) दिल्ली 
उत्तर:
(क) लाहौर
 
प्रश्न 4. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' इस प्रश्न का लेखक से किस प्रकार का सम्बन्ध है? 
(क) लेखक के शारीरिक जीवन से 
(ख) लेखक के नैतिक जीवन से 
(ग) लेखक के आन्तरिक जीवन से 
(घ) लेखक के सामाजिक जीवन से 
उत्तर:
(ग) लेखक के आन्तरिक जीवन से 
 
प्रश्न 5. 
किसे संक्षिप्त वाक्यों में बाँधना आसान नहीं है? 
(क) जीवन के नैतिक सम्बन्धों को। 
(ख) जीवन के आन्तरिक अनुभवों को 
(ग) जीवन के सांस्कृतिक अनुभव को 
(घ) जीवन के सामाजिक अनुभव को 
उत्तर:
(ख) जीवन के आन्तरिक अनुभवों को 
 
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प्रश्न 6. 
लेखक स्वयं किसलिए लिखता है? 
(क) अपनी आन्तरिक विवशता से मुक्ति पाने के लिए 
(ख) तटस्थ होकर आन्तरिक विवशता को देखने के लिए 
(ग) आन्तरिक विवशता को पहचानने के लिए 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी 
 
प्रश्न 7. 
लेखकों के सामने कौनसी विवशता होती है? 
(क) सम्पादकों के आग्रह की 
(ख) प्रकाशन के तकाजे की 
(ग) आर्थिक आवश्यकता 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
 
प्रश्न 8. 
लेखक ने कृतिकार की किस दशा का महत्त्व बताया है? 
(क) संवेदना और कल्पना 
(ख) लेखक की आर्थिक आवश्यकता 
(ग) स्वभाव और आत्मानुशासन 
(घ) लेखक की सामाजिक आवश्यकता 
उत्तर:
(ग) स्वभाव और आत्मानुशासन 
 
प्रश्न 9. 
कृतिकार वास्तव में किसके प्रति समर्पित नहीं होता? 
(क) माता-पिता 
(ख) बाहरी दबाव 
(ग) आन्तरिक दबाव 
(घ) गुरु 
उत्तर:
(ख) बाहरी दबाव 
 
प्रश्न 10. 
कौन लोग बाहरी दबाव के बिना नहीं लिख सकते? 
(क) मेहनती लोग 
(ख) श्रमिक लोग 
(ग) धनवान लोग 
(घ) आलसी लोग 
उत्तर:
(घ) आलसी लोग
 
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प्रश्न 11. 
लेखक किस विषय के विद्यार्थी रहे हैं? 
(क) विज्ञान 
(ख) भूगोल 
(ग) इतिहास 
(घ) गणित 
उत्तर:
(क) विज्ञान 
 
प्रश्न 12. 
लेखक को किसका पुस्तकीय ज्ञान था? 
(क) अणु का 
(ख) रेडियोधर्मी तत्त्वों का
(ग) रेडियोधर्मिता के प्रभाव का 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी 
 
प्रश्न 13. 
लेखक ने कहाँ पर गिरे अणु-बम के बारे में समाचार पढ़े? 
(क) टोक्यो 
(ख) मुम्बई 
(ग) हिरोशिमा
(घ) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ग) हिरोशिमा
 
प्रश्न 14. 
किस नदी में बम फेंककर सैनिक हजारों मछलियाँ मार देते थे? 
(क) गंगा 
(ख) कावेरी 
(ग) गोदावरी 
(घ) ब्रह्मपुत्र 
उत्तर:
(घ) ब्रह्मपुत्र
 
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प्रश्न 15. 
लेखक ने किसके आधार पर अपना लेख लिखा? 
(क) अपनी अनुभूति के आधार पर 
(ख) सम्पादक के आग्रह पर 
(ग) प्रकाशन के तकाजे पर 
(घ) आर्थिक आवश्यकता के लिए 
उत्तर:
(क) अपनी अनुभूति के आधार पर 
 
प्रश्न 16. 
लेखक ने हिरोशिमा में क्या देखा? 
(क) पुलिस स्टेशन 
(ख) स्कूल 
(ग) अस्पताल 
(घ) डाकघर 
उत्तर:
(ग) अस्पताल 
 
प्रश्न 17. 
लेखक ने कृतिकार के लिए अनुभव से गहरी चीज क्या बताई? 
(क) संवेदना 
(ख) अनुभूति
(ग) कल्पना 
(घ) सन्तुष्टि 
उत्तर:
(ख) अनुभूति
 
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प्रश्न 18. 
अनुभूति किसके सहारे सत्य को आत्मसात् कर लेती है? 
(क) भौतिक यथार्थ 
(ख) स्वभाव और आत्मानुशासन 
(ग) संवेदना और कल्पना 
(घ) नैतिकता 
उत्तर:
(ग) संवेदना और कल्पना 
 
प्रश्न 19. 
लेखक का अनुभव अनुभूति कब बन गया? 
(क) पत्थर पर अंकित मानव की छाया देखकर 
(ख) अस्पताल देखकर 
(ग) हिरोशिमा अणु-विस्फोट देखकर 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(क) पत्थर पर अंकित मानव की छाया देखकर 
 
प्रश्न 20.
लेखक ने हिरोशिमा कविता कब लिखी? 
(क) जापान में 
(ख) भारत लौटकर, रेलगाड़ी में बैठे-बैठे 
(ग) हिरोशिमा में
(घ) अमेरिका में 
उत्तर:
(ख) भारत लौटकर, रेलगाड़ी में बैठे-बैठे 
 
प्रश्न 21. 
लेखक ने एक दिन अचानक क्या लिखा था? 
(क) हिरोशिमा पर पत्र 
(ख) हिरोशिमा पर कविता 
(ग) हिरोशिमा पर लेख 
(घ) हिरोशिमा पर कहानी 
उत्तर:
(ख) हिरोशिमा पर कविता
 
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प्रश्न 22. 
लेखक को कहाँ जाने का अवसर मिला? 
(क) इंग्लैण्ड 
(ख) अमेरिका 
(ग) जापान 
(घ) भारत 
उत्तर:
(ग) जापान
 
प्रश्न 23. 
निम्नलिखित शब्दों में से शुद्ध शब्द कौनसा है?
(क) अभ्यातर 
(ख) अभ्यंतर 
(ग) आभ्यंतर 
(घ) आभ्यायातर 
उत्तर:
(ग) आभ्यंतर 
 
प्रश्न 24. 
'अज्ञेय' जी के अनुसार इस पाठ में मोक्ष पाने का एकमात्र साधन क्या है? 
(क) लड़ाई करना 
(ख) गाना-गाना 
(ग) लिखना 
(घ) नाचना 
उत्तर:
(ग) लिखना 
 
प्रश्न 25. 
लेखक के अनुभूति पक्ष में क्या आ गया था? 
(क) अस्पताल का चित्र 
(ख) आदमी का चित्र 
(ग) पुस्तक का चित्र 
(घ) अणु-विस्फोट का चित्र 
उत्तर:
(घ) अणु-विस्फोट का चित्र  
 
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प्रश्न 26. 
लेखक ने हिरोशिमा के अस्पताल में किसे देखा था? 
(क) राष्ट्रपति को 
(ख) बच्चों को 
(ग) नर्स को 
(घ) दुर्घटना से आहत लोगों को 
उत्तर:
(घ) दुर्घटना से आहत लोगों को 
 
प्रश्न 27. 
अज्ञेयजी के अनुसार किसके स्वभाव और आत्मानुशासन का महत्त्व होता है? 
(क) कृतिकार के
(ख) शिल्पकार के 
(ग) मूर्तिकार के
(घ) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(क) कृतिकार के
 
प्रश्न 28. 
'विवशता' शब्द का क्या अर्थ है? 
(क) वैर 
(ख) मित्रता 
(ग) दया 
(घ) मज़बूरी 
उत्तर:
(घ) मज़बूरी 
 
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प्रश्न 29. 
लेखक ने किस भाव से लेख लिखा था? 
(क) दुःखी मन से। 
(ख) विवशता से 
(ग) अनुभूति से
(घ) खुशी से 
उत्तर:
(ग) अनुभूति से
 
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न 
 
प्रश्न 1. 
विज्ञान के भयानकतम दुरुपयोग का परिणाम है-हिरोशिमा। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में आप क्या योगदान कर सकते हो? 
उत्तर:  
इसके लिए हमें स्वार्थी वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विरोध कर भावनात्मक आधार पर मानवता के हित में विज्ञान और उसकी देन का सदुपयोग करने का संकल्प लेना चाहिए। 
 
प्रश्न 2. 
लेखक को हिरोशिमा पर कविता लिखने की प्रेरणा कहाँ से मिली? 
उत्तर:  
लेखक को हिरोशिमा की यात्रा के समय एक पत्थर पर उभरी मानव की छाया से कविता लिखने की प्रेरणा मिली। 
 
प्रश्न 3. 
मैं क्यों लिखता हूँ? इस प्रश्न का लेखक से किस प्रकार का सम्बन्ध है? 
उत्तर:  
यह प्रश्न लेखक के आंतरिक जीवन के स्तरों से अर्थात् आन्तरिक मन से सम्बन्ध रखता है। 
 
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प्रश्न 4. 
लेखक लिखता क्यों है ? 
उत्तर:  
लेखक लिखकर ही अपनी आंतरिक प्रेरणा या विवशता को समझ पाता है और उससे मुक्त हो पाता है। कभी-कभी लेखक बाहरी प्रेरणा से भी लिखता है। 
 
प्रश्न 5. 
अज्ञेयजी सच्चा लेखन किसे मानते हैं? 
उत्तर:  
सच्चा लेखन वही होता है, जो आंतरिक दबाव में और मन की विवशता को व्यक्त करने के लिए लिखा जाए। जिससे अनुभूति-प्रत्यक्ष की प्रेरणा संवेदित हो। 
 
प्रश्न 6. 
अज्ञेयजी ने कृति और सामान्य लेखन में क्या अन्तर बताया है? 
उत्तर:  
अज्ञेयजी ने आंतरिक दबाव में लिखे जाने वाले लेख को कृति और जो लेखन बाहरी विवशता से होता है, उसे सामान्य लेखन कहा है। 
 
प्रश्न 7. 
लेखक के स्वभाव में आत्मानुशासन का होना आवश्यक है? कैसे? 
उत्तर:  
यदि लेखक के स्वभाव में आत्मानुशासन या तत्परता है तो वह समय पर अपना लेखन पूरा कर लेता है लेकिन यदि आलस्य है तो वह बाहरी दबाव के बिना रचना नहीं कर सकता। 
 
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प्रश्न 8. 
लेखक ने ब्रह्मपुत्र नदी में बम फेंकने और हिरोशिमा के विस्फोट में कौन सा अनुभव किया था? 
उत्तर:  
लेखक ने ब्रह्मपुत्र नदी में बम फेंकने से हजारों मछलियाँ मारना और हिरोशिमा में विस्फोट से लाखों लोगों को मारने से व्यर्थ जीव-नाश का अनुभव किया। 
 
प्रश्न 9. 
लेखक ने जापान में जाकर क्या देखा था? उसे देखकर लेखक के मन में क्या भाव जागे थे?। 
उत्तर: 
लेखक ने जापान में हिरोशिमा के उस अस्पताल को देखा था जहाँ रेडियम-पदार्थ से आहत लोग वर्षों से पड़े कष्ट पा रहे थे। उस दृश्य से लेखक के मन में संवेदना के भाव जागे थे। 
 
प्रश्न 10. 
अज्ञेयजी ने अनुभव और अनुभूति में क्या अन्तर बताया है? 
उत्तर:  
अज्ञेयजी के अनुसार अनुभव से अनुभूति गहरी चीज़ है। अनुभव प्रत्यक्ष घटना है जबकि अनुभूति संवेदना के सहारे सत्य को आत्मसात करती है। 
 
प्रश्न 11. 
कवि हिरोशिमा में सब कुछ देखकर भी तत्काल कुछ भी नहीं लिख सका, क्यों? 
उत्तर:  
लेखक को हिरोशिमा में घटित घटना के प्रत्यक्ष विनाश का अनुभव तो हुआ था लेकिन उसे प्रत्यक्ष अनुभूति नहीं हुई थी। इसलिए नहीं लिख सका था। 
 
प्रश्न 12. 
लेखक के अनुसार अनुभूति किसे कहा गया है? 
उत्तर:  
लेखक के अनुसार जब किसी के मन में संवेदना और कल्पना के आधार पर कोई घटना प्रत्यक्ष रूप से साकार हो उठती है उस स्थिति को अनुभति कहा गया है। 
 
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प्रश्न 13. 
लेखक क्यों लिखता है? 
उत्तर:  
लेखक बाहरी और भीतरी दोनों ही विवशताओं के कारण लिखता है। 
 
प्रश्न 14. 
लेखक को किस दृश्य ने हिरोशिमा पर कविता लिखने के लिए प्रेरित किया था? 
उत्तर:  
लेखक को हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए एक पत्थर पर रेडियोधर्मी किरणों से भस्म हुए मानव की छाया दिखाई दी। उससे प्रेरित होकर कविता लिखी। 
 
प्रश्न 15. 
किस दृश्य को देखकर कवि के मन में विस्फोट की भयंकरता साकार हो उठी थी? 
उत्तर:  
जब कवि ने हिरोशिमा में एक पत्थर पर छपी मानव छाया को देखा जो अणु-बम विस्फोट में भाप बन गया था, तब उसे देखकर कवि के मन में विस्फोट की भयंकरता साकार हो उठी थी। 
 
प्रश्न 16. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आधार पर बताइए कि भीतरी विवशता क्या होती है? 
उत्तर:  
किसी दृश्य या घटना को देखकर या सुनकर मन के भीतर जो छटपटाहट या अकुलाहट होती है, उसे भीतरी विवशता कहते हैं। 
 
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प्रश्न 17. 
लेखक ने भीतरी विवशता को स्पष्ट करने के लिए किसकी चर्चा की है? 
उत्तर:  
लेखक ने भितरी विवशता अर्थात् मन की अकुलाहट या संवेदनात्मक अनुभूति को समझने के लिए 'हिरोशिमा' नामक कविता की चर्चा की। 
 
लघूत्तरात्मक प्रश्न 
 
प्रश्न 1. 
"एक दिन मैंने हिरोशिमा पर कविता लिखी।" लेखक की अनुभूति अपने शब्दों में लिखिए। 
उत्तर:
लेखक ने हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए एक पत्थर पर मानवाकार छाया देखी और अनुभव किया कि यह परमाणु बम की किरणों से झुलसा मानव था, तो लेखक के हृदय में भावनात्मक आकुलता का दबाव बना, उसे संवेदनात्मक प्रत्यक्ष अनुभूति हुई कि मानो वहाँ कोई व्यक्ति खड़ा रहा होगा जो रेडियोधर्मी किरणों का शिकार हुआ। जिसने पत्थर तक को झुलसा दिया और उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया और तब उसने सहसा 'हिरोशिमा' कविता लिखी। 
 
प्रश्न 2. 
हिरोशिमा के एक जले हुए पत्थर पर पड़ी छाया को देखकर लेखक ने क्या अनुमान लगाया? 
अथवा 
जापान में अज्ञेय ने एक जले हुए पत्थर पर एक उजली छाया देखकर क्या सोचा? 
उत्तर:  
लेखक सच्चिदानन्दजी जापान यात्रा के समय हिरोशिमा भी गए थे। जहाँ पर विश्व युद्ध में अणु बम बरसाए गए थे। लेखक ने वहाँ के लोगों की त्रासदी को देखा। उसे अनुभव भी हुआ कि लोग रेडियम पदार्थ से किस प्रकार प्रभावित थे। पर अनुभव पर्याप्त नहीं होता, अनुभूति कहीं गहरी संवेदना होती है जो कल्पना के सहारे सत्य का भोग लेती है। तब लेखक ने अनुमान लगाया कि विस्फोट के समय कोई आदमी वहाँ खड़ा होगा और विस्फोट से बिखरे हुए रेडियमधर्मी पदार्थ की किरणें उसमें रुद्ध गयी होंगी, जिन्होंने आगे बढ़कर पत्थर को झुलसा दिया और आदमी को भाप बनाकर उड़ा दिया होगा। 
 
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प्रश्न 3. 
हिरोशिमा पर कविता लिखते समय लेखक की मनःस्थिति क्या थी? . 
अथवा 
हिरोशिमा पहुँच कर लेखक ने कैसा अनुभव किया? उसकी मनःस्थिति का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। 
अथवा 
लेखक ने 'हिरोशिमा' कविता किस मानसिक स्थिति में लिखी? 
उत्तर:  
हिरोशिमा में पहुँच कर वहाँ के दृश्यों को देखने पर लेखक को अणुबम के विस्फोट की भयानकता का अनुभव हुआ। वहाँ की सड़कों पर घूमते हुए जले हुए पत्थर पर लम्बी उजली छाया देखकर कवि को अनुभूति हुई कि रासायनिक हमले के शिकार व्यक्तियों की क्या दशा हुई होगी? तब उन्होंने अनुमान लगाया कि मानो वहाँ कोई व्यक्ति खड़ा रहा होगा जो रेडियोधर्मी किरणों का शिकार हुआ। जिसने पत्थर तक को झुलसा दिया और उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया। इसी प्रत्यक्ष अनुभूति से उन्होंने यह कविता लिखी। 
 
प्रश्न 4. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' प्रश्न के उत्तर में लेखक क्या कारण बताता है? 
उत्तर:  
लेखक स्वयं जानना चाहता है कि वह क्यों लिखता है? इसका उत्तर देना कठिन है लेकिन लिखकर ही कोई लेखक अपने मन की विवशता को प्रकट करता है और आकुलता से मुक्त हो जाता है। यह अलग बात है कि कुछ प्रसिद्धि मिल जाने के बाद बाह्य विवशता के आधार पर भी लिखा जाता है। कुछ सम्पादकों के आग्रह से, प्रकाशक के तकाजे से और कुछ आर्थिक आवश्यकता से भी लिखा जाता है। परन्तु इसका सम्बन्ध आत्मिक अनुभूति से अधिक रहता है और यही इसका मूल कारण है।
 
प्रश्न 5. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आधार पर बताइए कि कुछ आलसी लेखक कब लिखते हैं? 
उत्तर:  
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आधार पर लेखक बतलाता है कि कुछ आलसी लेखक बिना बाहरी दबाव के नहीं लिख पाते। उन पर संपादकों, प्रकाशकों का दबाव पड़ता है, तभी वे लिखते हैं या धन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपना लेखन कार्य करते हैं। ऐसा लेखक केवल बाहरी दबाव के कारण ही लिखता है, परन्तु वह उसके प्रति पूर्ण समर्पित नहीं हो पाता है। वह उसे केवल एक सहायक यंत्र की तरह ही काम में लेता है, जिससे भौतिक यथार्थ के साथ उसका संबंध बना रहे। 
 
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प्रश्न 6. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ में लेखक ने अपने विज्ञान के ज्ञान के बारे में क्या बतलाया है? 
उत्तर:  
लेखक विज्ञान का विद्यार्थी रहा। वह अणु-शक्ति रेडियम-धर्मी तत्त्वों के प्रभाव से परिचित था। जब हिरोशिमा पर अणु-बम गिराया गया, तब उसने समाचार-पत्रों में उसके परवर्ति प्रभाव का विवरण पढ़ा। लेखक के मन में विज्ञान के इस दुरुपयोग के प्रति विद्रोह का भाव जागा। तब उसने एक लेख भी लिखा। पर अनुभूति स्तर पर जो विवशता होती है वह बौद्धिक पकड़ अथवा विज्ञान के सैद्धान्तिक ज्ञान से अलग होती है। 
 
प्रश्न 7. 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आधार पर विस्तार से समझाइए कि लेखक को कौनसी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं। 
उत्तर:  
लेखक का सम्बन्ध मन की स्थिति से होता है। जब अनुभूति और प्रत्यक्ष का अनुभव रचना करने के लिए उकसाते हैं तभी व्यक्ति लेखन करता है। परन्तु प्रत्येक लेखक को कई अन्य कारणों से भी लेखन करना पड़ता है। सम्पादक यदि किसी विषय-विशेष के लिए आग्रह करे अथवा प्रकाशक का दबाव हो, तो भी लेखक को लिखना पडता है। कई तरह के आर्थिक लाभ अथवा सामाजिक और राजनीतिक दायित्व को पूरा करने के लिए भी रचनाएँ करनी पड़ती हैं। किन्तु लेखन सर्वोत्कृष्ट तभी होता है जब लेखक का भीतरी दबाव उसे विवश कर दे और वह स्वयं ही इतना बेचैन हो उठे कि लिखना अनिवार्य हो जाए। 
 
प्रश्न 8. 
लेखक की आभ्यन्तर विवशता क्या होती है? 'मैं क्यों लिखता हूँ?' पाठ के आलोक में उत्तर दीजिए। 
उत्तर:  
लेखक की आभ्यन्तर विवशता यह है कि वह स्वयं को पहचानने के लिए लिखता है। लेखक लिखकर अपने मन के अन्दर की विवशता को जानना चाहता है। जो विचार उसके अन्दरं छटपटाहट पैदा कर रहे हैं, उन्हें जानने के लिए लिखता है। लेखक मानता है कि कई बार बाहरी तत्त्वों जैसे-आर्थिक विवशता, सम्पादक का आग्रह, प्रसिद्धि पाने या बनाए रखने के लिए भी लिखा जाता है। परन्तु लेखक तटस्थ रहकर, आन्तरिक विचारों से मुक्ति पाने के लिए अपनी अनुभूति के आधार पर लिखता है।
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
 

मैं क्यों लिखता हूँ? Summary in Hindi

 
लेखक-परिचय : 
 
अज्ञेयजी का पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' था। उनका जन्म सन् 1911 में उ.प्र. के देवरिया जिले के कसिया (कुशीनगर) इलाके में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा जम्मू-कश्मीर में हुई और बी.एससी. लाहौर से की। क्रान्तिकारी आन्दोलन में भाग लेने के कारण उनको जेल भी जाना पड़ा। साहित्य एवं पत्रकारिता को पूर्णतः समर्पित अज्ञेय ने देश-विदेश की अनेक यात्राएँ कीं। आजादी के बाद की हिन्दी कविता पर अज्ञेयजी का व्यापक प्रभाव है। कविता के अलावा उन्होंने कहानी, उपन्यास, यात्रा-वृत्तान्त, निबन्ध, आलोचना आदि अनेक विधाओं में भी लेखन किया है। 
 
उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं-'भग्नदूत', 'चिता', 'अरी ओ करुणा प्रभामय', 'इंद्रधनु रौंदे हुए ये', 'आँगन के पार द्वार' (काव्य-संग्रह); 'शेखर : एक जीवनी' (उपन्यास); 'विपथगा', 'शरणार्थी', 'जयदोल' (कहानी-संग्रह); 'त्रिशंकु', 'आत्मेनपद' (निबंध); 'अरे यायावर रहेगा याद' (यात्रा-वृत्तान्त)। अज्ञेय द्वारा संपादित 'तारसप्तक' सहित चार सप्तकों का समकालीन हिंदी कविता के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। साहित्य अकादमी एवं ज्ञान पीठ पुरस्कार सहित अज्ञेय को अनेक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी पुरस्कृत किया गया। सन् 1987 में उनका देहावसान हो गया। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
 
पाठ-परिचय : 
 
'मैं क्यों लिखता हूँ?' अज्ञेयजी का आत्मपरक निबंध है। इसमें लेखक ने अपने लेखन की मूल प्रेरणा पर प्रकाश डाला है। लेखक के अनुसार लिखे बिना लिखने के कारणों को नहीं जाना जा सकता। वह अपनी आन्तरिक व्याकुलता से मुक्ति पाने तथा तटस्थ होकर उसे देखने और पहचानने के लिए लिखता है। पाठ का सार इस प्रकार है 
1. कठिन प्रश्न-लेखक बताता है कि 'मैं क्यों लिखता हूँ?' यह प्रश्न जितना सीधा मालूम पड़ता है, उतना नहीं है, क्योंकि इसका संबंध कवि के अन्तर्मन से है। अतः इसे संक्षेप में कहना आसान या संभव नहीं है। इस बारे में इतना ही कहा जा सकता है जितना कि औरों के लिए उपयोगी हो सकता है। .. 
 
2. विवशता से मुक्ति-लेखक कहता है कि मैं इसलिए लिखता हूँ कि बिना लिखे आन्तरिक विवशता से मुक्ति नहीं मिलती है। इसलिए आन्तरिक विवशता से मुक्ति पाने के लिए ही लिखता हूँ। लिखकर हमें विवशता से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही कृतिकार ख्याति प्रास करने के लिए भी लिखते हैं। ख्याति मिल जाने के बाद बाहर की विवशता के लिए भी लिखा जाता है-संपादकों के आग्रहों से, प्रकाशकों के तकाजों से, आर्थिक जरूरतों से। इन सब बातों के साथ ही कृतिकार यह बात अच्छी तरह से जानता है कि उसकी कौन सी कृति भीतरी प्रेरणा का फल है और कौन सी बाहरी प्रेरणा का। वास्तव में बाहरी दबाव भी प्रायः भीतर से प्रेरणा का कारण बनते हैं। कुछ लेखक आलसी होते हैं। वे बाहरी दबाव के बिना लिख ही नहीं सकते। यह उनकी विवशता होती है। 
 
3. भीतरी विवशता-लेखक बताता है कि आदमी आन्तरिक और बाहरी विवशता के आधार पर ही लिखता है, लेकिन प्रश्न उठता है कि भीतरी विवशता क्या होती है? इसको बताना बहुत कठिन है। इसका उदाहरण दिया जा सकता है। लेखक विज्ञान का छात्र रहा है। अतः उसने अणु, रेडियमधर्मी तत्त्व तथा अणु-भेदन की बातों को अच्छी तरह से समझा था। जब जापान में अणु बम गिरा तो उसके परवर्ती प्रभावों का ज्ञान भी हुआ। यह देखकर उसके मन में विज्ञान के दुरुपयोग के प्रति बौद्धिक विद्रोह तो था, किन्तु वह अनुभूति स्तर पर न होकर बाध्य स्तर पर ही था। इसलिए उसने उस विषय पर तब कोई कविता नहीं लिखी। 
 
4. प्रत्यक्ष अनुभव से अनुभूति गहरी चीज-लेखक को जब जापान जाने का अवसर मिला। वह हिरोशिमा के उस अस्पताल में भी गया, जहाँ रेडियम पदार्थ से आहत लोग वर्षों से कष्ट पा रहे थे। इस प्रकार से लेखक को प्रत्यक्ष अनुभव हुआ, पर अनुभव से अनुभूति गहरी चीज है, क्योंकि अनुभव तो घटित का होता है लेकिन अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात कर लेती है जो वास्तव में कृतिकार के साथ घटित नहीं हआ। तब अनुभूति का प्रत्यक्ष साक्षात्कार हो जाता है और रचनाकार उसका वर्णन करता है। 
 
कवि ने हिरोशिमा में सब देखकर भी तत्काल कुछ नहीं लिखा, क्योंकि उस समय अनुभूति-प्रत्यक्ष की कमी थी। जब उसने सड़क पर घूमते हुए जले हुए पत्थर को झुलसा हुआ देखा। उस छाया को देखकर अवाक् इतिहास जैसे भीतर कहीं सहसा एक जलते हुए सूर्य-सा उग आया और डूब गया। उसी क्षण वह स्वयं हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया। जागी विवशता बुद्धि के क्षेत्र से बढ़कर संवेदना के क्षेत्र में आ गई, परिणामस्वरूप एक दिन हिरोशिमा पर कविता लिखी। यह कविता भारत लौटकर रेलगाड़ी में बैठे-बैठे लिखी गयी। कविता अच्छी है या बुरी, इससे कोई मतलब नहीं है। वह कविता अनुभव-प्रसूत है - यही उसके लिए महत्त्वपूर्ण है। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 5 मैं क्यों लिखता हूँ?
 
शब्दार्थ : 
 
  • आंतरिक = भीतरी। 
  • विवशता = मजबरी। 
  • कतिकार = रचनाकार। 
  • भीतरी उन्मेष = आंतरिक प्रकाश। 
  • बिछौना = बिस्तर। 
  • भौतिक यथार्थ = संसार की वास्तविकता। 
  • कृतिकार = लेखक, रचनाकार। 
  • बखानना = कह पाना। 
  • रेडियोधर्मी तत्त्व = रेडियम किरणों का फैलना। 
  • भेदन = तोड़ना।
  • पुस्तकीय = कागजी।
  • परवर्ती प्रभाव = बाद में पड़ने वाला प्रभाव। 
  • बौद्धिक पकड़ = बुद्धि की पकड़। 
  • अपव्यय = फ़िजूलखर्ची। 
  • आहत = घायल। 
  • आत्मसात् करना = मन में धारण करना। 
  • कसर = शेष आवश्यकता। 
  • रुद्ध = रुकी हुई। 
  • ट्रेजडी = त्रासदी। 
  • अवाक् = चुप, मौन। 
  • भोक्ता = भोगने वाला। 
  • आकुलता = बेचैनी। 
  • प्रसूत = उत्पन्न। 
Prasanna
Last Updated on April 21, 2022, 5:48 p.m.
Published April 21, 2022