RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 10 Hindi Solutions Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

RBSE Class 10 Hindi साना-साना हाथ जोड़ि Textbook Questions and Answers

Sana Sana Hath Jodi Question Answer प्रश्न 1. 
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था? 
उत्तर: 
झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका के मन में सम्मोहन जगा रहा था। सितारों के गुच्छे रोशिनियों की एक झालर-सी बना रहे थे। इस सुन्दरता ने उस पर ऐसा जादू-सा कर दिया था कि लेखिका को सब कुछ ठहरा हुआ-सा और अर्थहीन-सा लग रहा था। उसके भीतर-बाहर जैसे एक शून्य-सा व्याप्त हो गया था। वह सुख की अतीन्द्रियता में डूबी हुई उस जादुई उजाले में नहा रही थी जो उसे आत्मिक सुख प्रदान कर रही थी। 
 
Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Question Answer प्रश्न 2. 
गंतोक को मेहनतकश बादशाहों' का शहर क्यों कहा गया है? 
उत्तर: 
गंतोक को 'मेहनतकश बादशाहों' का शहर इसलिए कहा गया है; क्योंकि इस पर्वत-स्थल पर अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यहाँ के निवासियों को कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। अनेक असुविधाओं के बीच भी वे अपना जीवन बादशाहों के समान मस्त अंदाज में बिताते हैं, जरा भी हीनता या दीनता की भावना नहीं रखते हैं। उन्होंने गंतोक को कड़ी मेहनत से मनोरम बनाया है। 
 
Class 10 Kritika Chapter 3 Question Answer प्रश्न 3. 
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: 
गंतोक की परम्परा के अनुसार श्वेत पताकाएँ किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु पर उसकी आत्मा की शान्ति के लिए शहर से दूर किसी पवित्र स्थान पर फहराई जाती हैं। ये श्वेत पताकाएँ शान्ति और अहिंसा की प्रतीक होती हैं। इन पर मंत्र लिखे हुऐ होते हैं। ये संख्या में एक सौ आठ होती हैं जिन्हें फहरा कर उतारा नहीं जाता है और वे धीरे-धीरे अपने आप नष्ट हो जाती हैं। इसके साथ ही रंगीन पताकाएँ किसी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने पर लगाई जाती हैं। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि
 
Class 10 Hindi Sana Sana Hath Jodi Question Answer प्रश्न 4. 
जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जन-जीवन के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी? लिखिए। 
उत्तर: 
जितेन नार्गे एक समझदार और मानवीय संवेदनाओं से युक्त जीप का गाइड-कम-ड्राइवर था। लेखिका उसी जीप में सवार होकर सिक्किम की यात्रा कर रही थी। उसने ही लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, भौगोलिक स्थिति तथा जन-जीवन के विषय में अनेक महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दी थीं। उसने ही बताया था कि यहाँ उन्हें हिमालय की गहरी घाटियाँ एवं फूलों की वादियाँ देखने को मिलेंगी। यहाँ की दुकानों पर दलाईलामा की टंगी तस्वीरें दिखाई देंगी। सिक्किम प्रदेश चीन की सीमा से सटा हुआ है। 
 
इसकी घाटियों में ताश के घरों की तरह पेड़-पौधों के बीच छोटे-छोटे घर होते हैं। यहाँ हिमालय का सौन्दर्य पल-पल परिवर्तित होता जान पड़ता है। यहाँ के लोग बहुत ही मेहनती होते हैं इसीलिए इसे मेहनतकश बादशाहों का नगर कहा जाता है। यहाँ की स्त्रियाँ भी कठोर परिश्रमी होती हैं। वे अपनी पीठ पर बँधी डोकों (बडी टोकरी) में कई बार अपने बच्चे को भी साथ रखती हैं। यहाँ की स्त्रियाँ चटक रंग के कपड़े पहनना पसन्द करती हैं। उनका परिधान 'बोकू' है। यहाँ के लोग अधिकतर बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, जो किसी 'बुद्धिस्ट' की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा की शान्ति के लिए पहाड़ी रास्तों पर एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ बाँधते हैं और रंगीन पताकाएँ किसी शुभ अवसर पर यहाँ फहरायी जाती हैं। 
 
Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Question Answer Short प्रश्न 5.
लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी? 
उत्तर: 
लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि यह धर्मचक्र है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। इस बात को जानकर लेखिका को ध्यान आया कि धार्मिक आस्थाओं और अन्धविश्वासों के बारे में सारे भारत में एक जैसी मान्यताएँ हैं। लोग पाप-पुण्य की व्याख्या अपने-अपने ढंग से करते हैं। इतनी वैज्ञानिक प्रगति होने पर भारत के लोग पापों से छुटकारा पाने के लिए किसी न किसी अन्धविश्वास का सहारा लेते हैं। यहाँ लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ एक जैसी हैं। यही विश्वास पूरे भारत को एक सूत्र में बाँध देता है। 
 
Sana Sana Hath Jodi Prashn Uttar प्रश्न 6. 
जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं? 
उत्तर: 
जितेन नार्गे सिक्किम-यात्रा के समय लेखिका का गाइड था। वह गाइड होने के साथ-साथ जीप ड्राइवर भी था। एक कुशल गाइड में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है- 
 
  1. इस दृष्टि से हम कह सकते हैं कि एक कुशल गाइड को वाहन चलाने में भी कुशल होना चाहिए। जितेन में यह गुण था। 
  2. इसके साथ ही एक कुशल गाइड को अपने क्षेत्र की भौगोलिक तथा विभिन्न स्थानों के बारे में जानकारियाँ होनी चाहिए। जितेन को सिक्किम के बारे में पूरी जानकारियाँ थीं। 
  3. इसके साथ ही गाइड भ्रमणकर्ता के साथ आत्मीयता का सम्बन्ध बना लेता है। इससे. उसकी बातें अधिक विश्वसनीय बन जाती हैं। 
  4. गाइड की वाणी प्रभावशाली होनी चाहिए। इसके साथ ही वह लच्छेदार बातें करना भी जानता हो। ये गुण जितेन में थे। इसीलिए जितेन लेखिका को वहाँ के लोगों के दुःख-दर्द के बारे में भी बताता था।  
  5. गाइड को कुशल व बुद्धिमान व्यक्ति होना आवश्यक है ताकि विषम परिस्थितियों का सामना अपनी कुशलता और बुद्धिमानी से कर सके। 
  6. एक कुशल गाइड को चाहिए कि वह भ्रमणकतो के हर प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम हो। अतः कहा जा सकता है कि जितने में एक कुशल गाइड के सभी गुण समाये हुए थे। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि
 
Sana Sana Hath Jodi Question Answers प्रश्न 7. 
इस यात्रा-वृत्तान्त में लेखिका ने हिमालय के जिन-जिन रूपों का चित्र खींचा है, उन्हें अपने शब्दों में लिखिए। 
उत्तर: 
इस यात्रा-वृत्तान्त में लेखिका ने हिमालय के विभिन्न रूपों के बड़े मनोरम चित्र खींचे हैं। लेखिका को हिमालय का स्वरूप पल-पल बदलता नजर आता हैं। प्रकृति इतनी मोहक है कि लेखिका किसी बुत-सी 'माया' और 'छाया' के खेल को देखती रह जाती है। हिमालय की तीसरी बड़ी चोटी कंचनजंघा का दर्शन जब लेखिका बालकनी से करती है। मौसम अच्छा होने के बावजूद उसे आसमान में हल्के-हल्के बादलों ने ढक रखा था। 
 
उस समय उसे कंचनजंघा के दर्शन तो नहीं हुए, लेकिन उस समय उसे उतने फूल दिखाई पड़े कि उसे लगा कि वह मानो फूलों के बाग में आई है। इसके साथ ही उसे लगता है कि छोटी-छोटी पहाड़ियाँ विशाल पर्वतों में बदलने लगती हैं। घाटियाँ गहराती-गहराती पाताल नापने लगती हैं। नदियाँ चौड़ी होने लगती हैं और चारों ओर प्राकृतिक सुषमा बिखरी नजर आती है। 
 
हिमालय से दूध की धार की तरह झर-झर.गिरते जल-प्रपात की जलधाराएँ पत्थरों के बीच बलखाती-सी निकलती हुई प्रतीत होती हैं जो मन को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। हिमालय कहीं हरियाली के कारण हरे रंग की चादर ओढ़े हुए प्रतीत होता है, कहीं पीलापन लिए नजर आता है तो कहीं प्लास्टर उखाड़ी दीवार की तरह पथरीला नजर आता है। 
 
Class 10 Sana Sana Hath Jodi Question Answer प्रश्न 8. 
प्रकृति के उस अनन्त और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है? 
उत्तर: 
प्रकृति के उस अनंत और विराट् स्वरूप को देखकर लेखिका को असीम आनन्द की अनुभूति होती है। उसे लगता है कि प्रकृति उसे अपना परिचय दे रही है और उसके ज्ञान में वृद्धि करने के लिए अपने रहस्यों का उद्घाटन कर रही है। उसे ऐसा एहसास होता है कि वह स्वयं भी देश-काल की सरहदों से दूर बहती धारा में सारी तामसिकताएँ और दुष्ट वासनाएँ झरने की निर्मल धारा में बह गई हैं। उसे अनुभूति होती है कि जीवन की सार्थकता झरनों और फूलों की तरह स्वयं को देने में अर्थात् परोपकार में ही है। झरनों की तरह निरन्तर गतिमान रहना और फूलों की तरह अपनी महक से दूसरों को आह्लादित करने में ही जीवन की सार्थकता है। 
 
कक्षा 10 कृतिका पाठ 3 के प्रश्न-उत्तर प्रश्न 9. 
प्राकृतिक सौन्दर्य के अलौकिक आनन्द में डूबी लेखिका को कौन-कौनसे दृश्य झकझोर गये? 
उत्तर: 
प्राकृतिक सौन्दर्य के अलौकिक आनन्द में डूबी लेखिका को अकस्मात् वहाँ के जनजीवन ने झकझोर दिया। 
1. वहाँ सड़क बनाने के लिए पत्थरों पर बैठकर पत्थर तोड़ती औरतों का दृश्य भीतर तक झकझोर गया। उनके हाथों में कुदाल और हथौड़े थे। उनमें से कइयों की पीठ पर एक बड़ी टोकरी में बच्चे बँधे हुए थे। नदी, फूलों, वादियों और झरनों के ऐसे स्वर्गिक सौन्दर्य के बीच भूख, मौत, दीनता और जिजीविषा के बीच जंग जारी है। 
 
2. सात-आठ वर्ष की उम्र के ढेर सारे बच्चे तीन-साढ़े तीन किलोमीटर की पहाड़ी चढ़कर स्कूल जाते और वहाँ से लौटते बच्चे। ये पहाड़ी बच्चे पढ़ाई के अलावा माँ के साथ मवेशी चराते हैं, पानी भरते हैं और लकड़ियों के गट्ठर ढोते हैं। 
 
3. सूरज ढलने के समय कुछ पहाड़ी औरतें गायों को चराकर लौट रही थीं। उनके सिर पर एकत्र की गई लकड़ियों के भारी-भरकम गट्ठर थे। इसके साथ ही खींचा-चाय के हरे-भरे बागानों में कई युवतियाँ बोकु पहनकर चाय की पत्तियाँ तोड़ रही थीं। 
 
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Kritika Class 10 Chapter 3 Question Answer प्रश्न 10. 
सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का योगदान होता है? उल्लेख करें। 
उत्तर: 
सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में अनेक प्रकार के लोगों का योगदान होता है। सबसे पहले इस दृश्य में उस ट्रैवल की भूमिका अहम् होती है जो सैलानियों को उस स्थान पर भ्रमण करवाने के लिए वाहन व ठहरने आदि की व्यवस्थाएँ करता है। इसके बाद वाहन चालक तथा परिचालक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है जो सैलानियों को उनके निर्धारित स्थान तक पहुँचाते हैं फिर गाइड उन्हें घुमाता हुआ पर्यटन-स्थल की जानकारी देता है। 
 
उस जानकारी काल में सैलानियों को बड़ा वाहन छोड़कर जीप जैसे छोटे वाहन का भी सहारा लेना पड़ता है। प्रायः जीप जैसे वाहनों के चालक जितेन नार्गे की भाँति ड्राइवर-कम-गाइड होते हैं। इसके अतिरिक्त उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था करने वाले होटलकर्मी तथा पर्यटन स्थल पर छोटी-छोटी अन्य सुविधाएँ जैसे बर्फ पर चलने के लिए लम्बे-लम्बे बूटं व अन्य जरूरी सामान, किराये पर देने वाले दुकानदार, हस्तशिल्प व कलाकृतियाँ बेचने वाले, फोटोग्राफर और वहाँ के स्थानीय निवासियों व जन-जीवन का भी महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। 
 
Class 10 Hindi Kritika Sana Sana Hath Jodi Question Answer प्रश्न 11.
"कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।" इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है? 
उत्तर: 
लेखिका का यह कथन उन पहाडी श्रमिक महिलाओं को लक्ष्य करके कहा गया है जो अपनी पीठ पर डोको बाँध कर अपने बच्चों को संभालती हुई कठिन परिश्रम करती हैं। इन श्रम-साध्य महिलाओं को देखकर लेखिका को लगता है कि ये श्रम-सुन्दरियाँ वेस्ट एट रिपेईंग हैं। अर्थात् ये कितना कम लेकर समाज को कितना अधिक लौटाती हैं। वास्तव में, यह बात सत्य है कि हमारी ग्रामीण महिलाएँ घर का काम करती हैं, बच्चों की देखभाल करती हैं और कठिन मेहनत करके कृषि-पशुपालन भी करती हैं। 
 
इस दृष्टि से वे बहुत कम लेकर समाज को बहुत अधिक लौटाती हैं। यही बात हमारे देश की आम जनता पर भी लागू होती है, जो कठिन परिश्रम करके देश की प्रगति में अपना योगदान देती हैं और उसे बदले में कम मजदूरी या लाभ मिलता है उनके प्रति सकारात्मक आत्मीय भावना भी नहीं होती। लेकिन उनका श्रम देश की प्रगति में सहायक होता है। 
 
साना साना हाथ जोड़ी प्रश्न उत्तर प्रश्न 12. 
आज की पीढी के द्वारा प्रकति के साथ किस तरह का खिलवाड किया जा रहा है ? इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए?  
उत्तर: 
आज की पीढ़ी भौतिक सुख-सुविधाओं एवं मनोरंजन के लिए प्रकृति का निर्ममता से विदोहन कर रही है। प्राकृतिक स्थलों को उजाड़कर बस्तियाँ बसाई जा रही हैं, विस्फोटों से पर्वत उड़ाए जा रहे हैं। पर्वतीय स्थानों पर सैलानियों के कारण गन्दगी फैल रही है, पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ रहा है और पर्वत अपनी स्वाभाविक सुन्दरता खो रहे हैं। इसे रोकने में हमें सचेत होना चाहिए और हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे प्राकृतिक सौन्दर्य नष्ट हो, गन्दगी फैले और तापमान में वृद्धि हो। 
 
Class 10 Hindi Chapter 3 Question Answer Kritika प्रश्न 13. 
प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है। प्रदूषण के और कौन-कौनसे दुष्परिणाम सामने आये हैं? लिखें। 
उत्तर: 
सिक्किमी युवक ने लेखिका को बतलाया कि प्रदूषण के कारण स्नोफॉल कम हो गया है। उन्हें पाँच सौ फीट ऊपर 'कटाओ' में ही बर्फ देखने को मिल सकेगी। प्रदूषण के और भी कई दुष्परिणाम सामने आए हैं, जैसे-प्रदूषण के कारण वायु प्रदूषित हो रही है जिससे श्वास लेने में कठिनाई आने लगी है। जल प्रदूषण के कारण अस्वच्छ जल पीने को मिल रहा है। इससे पेट और त्वचा के रोग बढ़ रहे हैं। ध्वनि प्रदूषण के कारण मानसिक अस्थिरता, बहरेपन तथा अनिद्रा जैसे रोगों का कारण बन रहा है। इसी प्रकार टी.बी., कैंसर, दमा, ब्लड प्रेशर आदि अनेक घातक रोग फैल रहे हैं तथा इनका आनुवंशिक दुष्प्रभाव बढ़ रहा है। 
 
RBSE Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि
 
Class 10 Hindi Kritika Ch 3 Question Answer प्रश्न 14. 
'कटाओ' पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए। 
उत्तर: 
'कटाओ' सिक्किम का एक खूबसूरत किन्तु वीरान पहाड़ी स्थान है, जहाँ प्रकृति अपने पूरे वैभव के साथ दृष्टिगोचर होती है। यहाँ पर लेखिका को बर्फ का आनन्द लेने के लिए जब घुटनों तक के लम्बे बूटों की आवश्यकता महसूस हुई, तब उसने देखा कि वहाँ झाँगु की तरह किराये पर मुहैया कराने वाली एक भी दुकान नहीं है। तब लेखिका को लगा कि कटाओ में किसी दुकान का न होना भी वहाँ के लिए वरदान है, क्योंकि यहाँ झांगु की तरह दुकानों की कतारें लग गयीं तो यहाँ का भी नैसर्गिक सौन्दर्य तो खत्म होगा ही, यहाँ आबादी भी बढ़ेगी और सैलानियों की भीड़ भी। अन्ततः यहाँ भी प्रदूषण फैलेगा।
 
Class 10th Hindi Kritika Chapter 3 Question Answer प्रश्न 15. 
प्रकृति ने जल-संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है? 
उत्तर: 
यहाँ के हिम-शिखर जल-स्तम्भ के समान हैं। सर्दियों में यहाँ प्रकृति बर्फबारी करके हिमशिखरों के रूप में जल-संग्रह कर लेती है और गर्मियों में यही बर्फ की शिलाएँ पिघल-पिघल कर जलधारा का रूप ले लेती हैं। इस पानी से लोगों की प्यास बुझती है। यह जल-संचय की एक अद्भुत व्यवस्था है।
 
Class 10th Kritika Chapter 3 Question Answer प्रश्न 16. 
देश की सीमा पर बैठे फौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए? 
उत्तर: 
देश की सीमा पर बैठे फौजी अनेक प्रकार की कठिनाइयों से जूझते हैं। उन्हें भयंकर सर्दी का सामना करना पड़ता है फिर भी वे सीमा की रक्षा के लिए वहाँ डटे रहते हैं। उन्हें खाने-पीने की चीजों का अभाव झेलना पड़ता है। देश के नागरिक चैन की नींद सो सकें इसलिए वे वहाँ डटे रहकर रात-भर जागते रहते हैं। आवश्यकता पड़ने पर वे सीने पर दुश्मन की गोली भी खाते हैं। देश की सीमा पर रक्षक बने बैठे फौजियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान का भाव रखें, उन्हें हर प्रकार की सहायता दें। उनके परिवारों के साथ हमेशा सहानुभूति, प्यार व सम्मान का व्यवहार करें। 
 

RBSE Class 10 Hindi साना-साना हाथ जोड़ि Questions and Answers

 
बहुविकल्पात्मक प्रश्न 
 
Sana Sana Hath Jodi Class 10th Question Answer प्रश्न 1. 
मधु कांकरिया का जन्म किस स्थान पर हुआ? 
(क) दिल्ली 
(ख) कोलकाता
(ग) लखनऊ 
(घ) चेन्नई 
उत्तर:
(ख) कोलकाता
 
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Sana Sana Hath Jodi Ke Prashn Uttar प्रश्न 2. 
साना साना हाथ जोड़ि _________ पाठ की विधा क्या है? 
(क) निबन्ध 
(ख) कहानी 
(ग) यात्रा-वृत्तान्त 
(घ) उपन्यास 
उत्तर:
(ग) यात्रा-वृत्तान्त 
 
Sana Sana Hath Jodi Question Answer Class 10th प्रश्न 3. 
साना साना हाथ जोड़ि _________ पाठ की लेखिका कौन है? 
(क) महादेवी वर्मा 
(ख) मधु कांकरिया 
(ग) उषा प्रियंवदा 
(घ) कृष्णा सोबती 
उत्तर:
(ख) मधु कांकरिया
 
Sana Sana Hath Jodi Class 10 Question Answer प्रश्न 4. 
मधु कांकरिया का जन्म कब हुआ? 
(क) सन् 1952 में 
(ख) सन् 1953 में
(ग) सन् 1954 में 
(घ) सन् 1957 में 
उत्तर:
(घ) सन् 1957 में 
 
Ch 3 Kritika Class 10 Question Answer प्रश्न 5. 
लेखिका ने गैंगटॉक को किसका शहर कहा है? 
(क) मेहनतकश बादशाहों 
(ख) मजदूरों 
(ग) किसानों 
(घ) आलसियों 
उत्तर:
(क) मेहनतकश बादशाहों
 
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Class 10th Hindi Sana Sana Hath Jodi Question Answer प्रश्न 6. 
गंतोक में सुबह आँख खुलते ही लेखिका बालकनी की ओर क्यों दौड़ी? 
(क) माउण्ट एवरेस्ट देखने के लिए 
(ख) कंचनजंगा देखने के लिए 
(ग) धौलागिरी देखने के लिए 
(घ) अमरनाथ की गुफा देखने के लिए 
उत्तर:
(ख) कंचनजंगा देखने के लिए 
 
प्रश्न 7. 
जितेन ने 'खेदुम' को किनका निवास बताया है? 
(क) देवी-देवताओं का 
(ख) बड़े व्यापारियों का 
(ग) असुरों का 
(घ) शापग्रस्त लोगों का 
उत्तर:
(क) देवी-देवताओं का 
 
प्रश्न 8. 
'तिम्रो माया सैं हो मलाई सताऊँछ' का अर्थ क्या है?
(क) तुम्हारी माया तुम ही जानो। 
(ख) तुम्हारा प्यार अमर है। 
(ग) तुम्हारा प्यार मुझे सदैव रुलाता है। 
(घ) तुम्हारा प्यार सच्चा है। 
उत्तर:
(ग) तुम्हारा प्यार मुझे सदैव रुलाता है। 
 
प्रश्न 9. 
मन वृन्दावन होने का अर्थ है _______।
(क) वृन्दावन की सैर करना 
(ख) वृन्दावन में मन बस जाना 
(ग) ब्रजवासी होना 
(घ) अत्यधिक प्रसन्न होना 
उत्तर:
(घ) अत्यधिक प्रसन्न होना
 
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प्रश्न 10.
प्रकृति जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार करती है? 
(क) सर्दियों में पर्वतों पर बर्फ पड़ती है। 
(ख) गर्मियों में वह बर्फ पिघलती है। 
(ग) पहाड़ों से निकलने वाली नदियाँ लोगों की प्यास बुझाती हैं। 
(घ) सभी कथन सत्य हैं। 
उत्तर:
(घ) सभी कथन सत्य हैं। 
 
प्रश्न 11. 
लेखिका ने जब एक सिक्किमी युवती से पूछा "क्या सिक्किमी हो" तो उसने क्या जवाब दिया? 
(क) हाँ, मैं सिक्किमी हूँ 
(ख) नहीं मैं बंगाली हूँ 
(ग) मैं इण्डियन हूँ 
(घ) मैं गढ़वाली हूँ 
उत्तर:
(ग) मैं इण्डियन हूँ 
 
प्रश्न 12. 
पहाड़ी कुत्तों की मणि ने क्या विशेषता बताई? 
(क) पहाड़ी कुत्ते केवल चाँदनी रात में ही भौंकते हैं। 
(ख) ये बहुत खतरनाक होते हैं। 
(ग) ये बहुत शक्तिशाली होते हैं। 
(घ) ये केवल सफेद रंग के होते हैं। 
उत्तर:
(क) पहाड़ी कुत्ते केवल चाँदनी रात में ही भौंकते हैं।
 
प्रश्न 13. 
लेखिका के ड्राइवर का क्या नाम था? 
(क) जितेन
(ख) महेश 
(ग) मणि। 
(घ) गुरुंग 
उत्तर:
(क) जितेन
 
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प्रश्न 14. 
जितेन ने देवी-देवताओं के निवास वाली जगह का क्या नाम बताया? 
(क) यूमथांग 
(ख) खेदुम 
(ग) कटाव 
(घ) मेटुला 
उत्तर:
(ख) खेदुम 
 
प्रश्न 15.
गैंगटाक (गंतोक) का अर्थ क्या है? 
(क) जलाशय 
(ख) चोटी 
(ग) पहाड़ 
(घ) पठार 
उत्तर:
(ग) पहाड़
 
प्रश्न 16. 
भारतीय आर्मी के किस कप्तान ने यूमथांग को टूरिस्ट स्पॉट बनाने में सहयोग दिया? 
(क) कप्तान शेखर दत्त
(ख) कप्तान शेखर कपूर 
(ग) कप्तान जोगेन्द्र 
(घ) कप्तान सुब्बार 
उत्तर:
(क) कप्तान शेखर दत्त
 
प्रश्न 17. 
साना-साना हाथ जोडि _______ पाठ में किस शहर के सौन्दर्य का वर्णन है? . 
(क) अगरतला 
(ख) गुवाहटी। 
(ग) महाबलेश्वर
(घ) गंगटोक 
उत्तर:
(घ) गंगटोक 
 
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प्रश्न 18. 
यूमथांग, घाटी की क्या विशेषता है? 
(क) यह घाटी बहुत गहरी है। 
(ख) यह घाटी फूलों से भर जाती है। 
(ग) यह खतरनाक घाटी है। 
(घ) इस घाटी में बड़े-बड़े मैदान हैं। 
उत्तर:
(ख) यह घाटी फूलों से भर जाती है। 
 
प्रश्न 19. 
जितेन ने यूमथांग घाटी में किस फिल्म की शूटिंग होने की बात कही है? 
(क) गाइड 
(ख) एक फूल दो माली 
(ग) बरसात 
(घ) फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन 
उत्तर:
(क) गाइड 
 
प्रश्न 20. 
गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा जाता है? 
(क) वहाँ बादशाह रहते हैं। 
(ख) लोगों के परिश्रम के कारण। 
(ग) इस शहर को यहाँ के लोगों ने अपने परिश्रम से खूबसूरत बनाया है। 
(घ) यहाँ के लोग बहुत बहादुर होते हैं।
उत्तर:
(ग) इस शहर को यहाँ के लोगों ने अपने परिश्रम से खूबसूरत बनाया है। 
 
प्रश्न 21. 
गंतोक में श्वेत पताकाएँ किस अवसर पर फहराई जाती हैं? 
(क) शान्ति के अवसर पर 
(ख) युद्ध के अवसर पर 
(ग) शोक के अवसर पर 
(घ) किसी उत्सव के अवसर पर 
उत्तर:
(ग) शोक के अवसर पर 
 
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प्रश्न 22. 
'कटाओ' पर दुकान होने से इस सुन्दर घाटी को क्या नुकसान होता? 
(क) यहाँ का नैसर्गिक सौन्दर्य नष्ट हो जाता 
(ख) यहाँ के लोग बाहरी वस्तुएँ खरीदने लगते 
(ग) यहाँ भू-माफियों का कब्जा हो जाता 
(घ) यहाँ के लोगों का जीवन अशान्त हो जाता 
उत्तर:
(क) यहाँ का नैसर्गिक सौन्दर्य नष्ट हो जाता 
 
प्रश्न 23. 
लेखिका ने साना-साना हाथ जोड़ि प्रार्थना किससे सीखी? 
(क) जितेन नार्गो से। 
(ख) स्कूली बच्चों से 
(ग) नेपाली युवती से 
(घ) स्कूल की शिक्षिका से 
उत्तर:
(ग) नेपाली युवती से
 
प्रश्न 24. 
रहस्यमयी तारों भरी रात लेखिका के मन में क्या जगा रही थी? 
(क) आदर 
(ख) प्यार 
(ग) सम्मोहन 
(घ) आशा 
उत्तर:
(ग) सम्मोहन 
 
प्रश्न 25. 
देखते ही देखते रास्ते किसकी तरह घुमावदार होने लगे? 
(क) रस्सी की तरह 
(ख) साँप की तरह 
(ग) नदी की तरह 
(घ) जलेबी की तरह 
उत्तर:
(घ) जलेबी की तरह 
 
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प्रश्न 26. 
लायुंग की सुबह कैसी थी? 
(क) बादलों से युक्त 
(ख) शीतल कर देने वाली 
(ग) सम्मोहन जगाने वाली 
(घ) बेहद शान्त और सुरम्य 
उत्तर:
(घ) बेहद शान्त और सुरम्य 
 
प्रश्न 27. 
लेखिका ने गंगटोक को किसका शहर कहा है? 
(क) मेहनतकश बादशाहों का 
(ख) परिश्रमी लोगों का 
(ग) वैज्ञानिकों की देन का 
(घ) प्राचीन परम्पराओं का 
उत्तर:
(क) मेहनतकश बादशाहों का
 
प्रश्न 28. 
हिमालय की तीसरी सबसे बड़ी घाटी कौनसी है? 
(क) कंचनजंघा 
(ख) माउण्ट एवरेस्ट 
(ग) K2 शिखर 
(घ) जोज़िला 
उत्तर:
(क) कंचनजंघा 
 
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प्रश्न 29. 
'स्कम-रकम' का क्या अर्थ है? 
(क) धीरे-धीरे 
(ख) अधिकता
(ग) तरह-तरह के 
(घ) प्रबलता 
उत्तर:
(ग) तरह-तरह के 
 
प्रश्न 30. 
गैंगटॉक से यूमथांग कितनी दूरी पर था? 
(क) 150 किलोमीटर 
(ख) 152 किलोमीटर 
(ग) 149 किलोमीटर 
(घ) 140 किलोमीटर 
उत्तर:
(ग) 149 किलोमीटर
 
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न 
 
प्रश्न 1. 
गंतोक के प्राकृतिक सौन्दर्य के कौन-से दृश्य लेखिका को झकझोर गए? 
उत्तर: 
गंतोक का रात्रि और प्रातःकाल का प्राकृतिक सौन्दर्य लेखिका को झकझोर रहा था। उससे उसे अतीव आश्चर्य एवं अतीन्द्रिय आनन्द मिल रहा था। 
 
प्रश्न 2. 
गंतोक की सुन्दरता का क्या कारण है? 
उत्तर: 
गंतोक के निवासी प्रकृति व उसके परिदृश्यों की पूजा करते हैं। उनका मानना है कि जो भी यहाँ गन्दगी फैलायेगा उसकी मृत्यु हो जायेगी। यही स्वच्छता गंतोक की सुन्दरता का कारण है। 
 
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प्रश्न 3.
वह रहस्यमयी सितारों भरी रात लेखिका के मन में क्या भावना जगा रही थी? 
उत्तर: 
वह रहस्यमयी सितारों भरी गंतोक की रात लेखिका के मन में सम्मोहन जगा रही थी। 
 
प्रश्न 4.
गंतोक प्रवास के दौरान लेखिका की कौनसी साध पूर्ण न हो सकी? 
उत्तर: 
गंतोक प्रवास के दौरान लेखिका की कंचनजंघा को देखने की साध पूर्ण न हो सकी। 
 
प्रश्न 5. 
पताकाएँ बौद्ध संस्कृति की पहचान हैं। कैसे? 
उत्तर: 
जब किसी बुद्धिस्ट की मृत्यु हो जाती है तब उसकी आत्मा की शान्ति के लिए एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ निर्जन स्थान पर फहरायी जाती हैं। 
 
प्रश्न 6. 
'कवी-लोंग स्टॉक' क्यों प्रसिद्ध है? 
उत्तर: 
'कवी-लोंग स्टॉक' जगह इसलिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यहाँ 'गाइड' फिल्म की शूटिंग हुई थी और लेपचा और भुटिया जातियों की शान्ति-वार्ता का स्थल है। 
 
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प्रश्न 7.
"तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश की आत्मा एक जैसी है।" लेखिका की ऐसी सोच का क्या कारण था? 
उत्तर:
तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद आज भी सारे देश में अन्धविश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ एक जैसी ही हैं। 
 
प्रश्न 8. 
'साना-साना हाथ जोड़ि ______ ' पाठ में लेखिका ने 'माया' और 'छाया' का खेल किसे कहा है? 
उत्तर: 
माया और छाया का शाब्दिक अर्थ हुआ-इस संसार का सौन्दर्य। लेखिका ने माया और छाया का अनूठा खेल इस संसार को कहा है। 
 
प्रश्न 9. 
"मन काव्यमय हो उठा। सत्य और सौन्दर्य को छूने लगा।" किस दृश्य को देखकर लेखिका का मन काव्यमय हो गया? 
उत्तर: 
सिक्किम के हिमालयी क्षेत्र की यात्रा के दौरान 'सेवन सिस्टर्स वाटर फाल' के दृश्य को देखकर लेखिका आत्मा का संगीत सुनने लगी। भावुकता समा जाने से मन काव्यमय हो गया। 
 
प्रश्न 10. 
अचानक किस अप्रत्याशित दृश्य को देखकर लेखिका के पाँवों में ब्रेक सी लग गयी थी? 
उत्तर: 
कुछ पहाड़ी स्त्रियाँ अपने बच्चों को अपनी पीठ पर बाँधकर पत्थर तोड़ रही थी अर्थात् कठोर परिश्रम कर रही थीं। यह देखकर लेखिका के पाँवों में ब्रेक लग गये थे। 
 
प्रश्न 11. 
"मैडम यह मैदानी नहीं पहाड़ी इलाका है।" मैदानी और पहाड़ी इलाके के जीवन में मुख्य रूप से क्या अन्तर होता है? 
उत्तर: 
मैदानी इलाके का जीवन सरल और यातायात की सुविधाओं से पूरित होता है। जबकि पहाड़ी इलाके के लोग कठिन परिश्रमी, यातायात के साधनों से रहित बढ़े हुए पेट वाले नहीं होते हैं। 
 
प्रश्न 12. 
पहाड़ी बच्चों की जीवन-शैली किस प्रकार की होती है? 
उत्तर: 
पहाड़ी बच्चों की जीवन-शैली कठिनाइयों से भरी हुई होती है। इन्हें पढ़ने के लिए पैदल जाना, मवेशी चराना, पानी भरना, लकड़ी लाना आदि कार्य भी करने होते हैं। 
 
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प्रश्न 13. 
"मन्त्र-मुग्ध-सी मैं चीख पड़ी थी।" लेखिका के चीख पड़ने का क्या कारण था? 
उत्तर: 
चाय के बागानों में परिश्रम करती हुई एक युवती चटक लाल रंग का वस्त्र पहने इन्द्रधनुषी छटा बिखेर रही थी। उसके सौन्दर्य को देखकर लेखिका मंत्रमुग्ध-सी होकर चीख पड़ी थी। 
 
प्रश्न 14. 
"तिस्ता नदी के किनारे के बिखरे पत्थरों पर बैठकर लेखिका के मन में एक नया बोध जागृत हो रहा था।" वह नया बोध क्या था? 
उत्तर: 
हमारी पीढ़ी ने प्रकृति के लय, ताल और गति से खिलवाड़ कर अक्षम्य अपराध किया है। यही लेखिका के लिए नया बोध था। 
 
प्रश्न 15. 
लेखिका ने तिस्ता नदी के जल को हाथ में लेकर क्या संकल्प किया? 
उत्तर: 
लेखिका ने संकल्प किया कि हमारे भीतर का सारा हलाहल, सारी तामसिकताएँ और बुरी भावनाएँ तिस्ता की बहती हुई जलधारा में बह जायें, हमारा मन निर्मल बने। 
 
प्रश्न 16. 
लेखिका ने तिस्ता नदी के जल को हाथ में लेकर जो संकल्प लिया उसमें लेखिका की कौनसी भावना का बोध होता है? 
उत्तर: 
इसमें लेखिका की भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था की भावना प्रकट होती है। 
 
प्रश्न 17. 
लायुंग में लेखिका सुबह ही टहलने क्यों निकल गयी थी? 
उत्तर: 
लायुंग में लेखिका सुबह ही टहलने इसलिए निकल गयी थी, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि उसे वहाँ पर शान्त एवं सुरम्य दृश्य के साथ बर्फ देखने को मिलेगी। 
 
प्रश्न 18. 
"कटाओ हिन्दुस्तान का स्विट्जरलैण्ड है।" नार्गे के इस कथन पर लेखिका की सहेली मणि ने क्या प्रतिवाद किया था? 
उत्तर: 
लेखिका की सहेली मणि वास्तव में स्विट्जरलैण्ड घूम आई थी इसलिए उसने प्रतिवाद करते हुए कहा था-"नहीं, स्विट्जरलैण्ड न तो इतनी ऊँचाई पर है और न इतना सुन्दर है।" 
 
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प्रश्न 19. 
लेखिका को कटाओ के पहाड़ चाँदी से चमकते हुए क्यों दिखाई पड़ रहे थे? 
उत्तर: 
लेखिका को कटाओ में रात को साबुन के झाग-सी गिरी बर्फ चारों ओर छायी हुई दिखाई दे रही थी जो सूर्य की रोशनी में चाँदी जैसी चमक रही थी।

प्रश्न 20. 
लेखिका की चिर-प्रतीक्षित इच्छा क्या थी? वह कहाँ जाकर पूरी हुई? 
उत्तर: 
लेखिका की चिर-प्रतीक्षित इच्छा पहाड़ों पर गिरी बर्फ देखने की थी। उसकी यह इच्छा कटाओ में पहुंचने पर पूरी हुई। 
 
प्रश्न 21. 
कटाओ में चाहते हुए भी लेखिका किराये के जूते क्यों नहीं ले सकी? 
उत्तर: 
लेखिका किराये के जूते इसलिए नहीं ले सकी, क्योंकि वहाँ यूमथांग और झांगू लेक की तरह टूरिस्ट स्पॉट नहीं था। इस कारण वहाँ पर स्पोर्ट की एक भी दुकान नहीं थी। 
 
प्रश्न 22. 
जितेन के यह कहने पर ये मेरे देश की आम जनता है, इन्हें तो आप कहीं भी देख लेंगी। इसे सुनकर लेखिका ने प्रतिक्रियास्वरूप क्या सोचा? लिखिए। 
उत्तर: 
लेखिका ने प्रतिक्रियास्वरूप सोचा कि ये देश की आम जनता ही नहीं जीवन का सन्तुलन भी है। ये वेस्ट एट रिपेईंग हैं। कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक लौटा देते हैं। 
 
प्रश्न 23.
कटाओ के आकर्षक दृश्य को देखकर लेखिका क्या सोच रही थी? 
उत्तर: 
लेखिका प्रकृति की सम्पूर्णता को अपने अन्दर ही अनुभव कर रही थी। उसे लगा कि विभोर कर देने वाली उस दिव्यता के बीच ही हमारे ऋषियों ने वेदों की रचना की होगी। 
 
प्रश्न 24. 
"कितनी अद्भुत व्यवस्था है जल संचय की।" मणि ने प्रकृति की जल व्यवस्था के सम्बन्ध में यह क्यों कहा है? 
उत्तर: 
मणि ने कहा–प्रकृति सर्दियों में काफी बफ गिराकर हिमशिखरों के रूप में जलस्तम्भ खड़े कर देती है। इस तरह वह जल-संग्रह का नायाब ढंग से इन्तजाम कर देती है। जब गर्मियों में जल की किल्लत पड़ती है तब यही बर्फ शिलाएँ पिघल-पिघल जलधारा बन कर हमारे सूखे कण्ठों को तरावट पहुँचाती हैं। 
 
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प्रश्न 25. 
यूमथांग में चिप्स बेचती सिक्किमी युवती का जवाब सुनकर लेखिका को क्या अनुभूति हुई? 
उत्तर: 
"मैं इंडियन हूँ।" युवती का जवाब सुनकर लेखिका को बहुत अच्छा लगा। उसे अनुभव हुआ कि ये लोग भारत में मिलकर बहुत खुश हैं। 
 
प्रश्न 26. 
"जाने कितना ऋण है, हम पर इन नदियों का, हिम शिखरों का।" मणि के इस कथन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है? 
उत्तर: 
हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता रखनी चाहिए। उसके साथ अनुचित छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए और प्रदूषित होने से बचाना चाहिए। 
 
प्रश्न 27.
धर्मचक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में क्या सोचा? 
उत्तर:
लेखिका ने सोचा वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद इनकी आत्मा एक जैसी है। लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, अन्धविश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ एक जैसी हैं। 
 
प्रश्न 28. 
लेखिका ने छाया पहाड़ किसे कहा है और क्यों? 
उत्तर: 
लेखिका ने छाया पहाड़ बादलों को कहा है क्योंकि बादल दूर से देखने पर पहाड़ की तरह लगते हैं। 
 
प्रश्न 29. 
लेखिका के साथ यात्रा पर जाने वाली उसकी सहेली का क्या नाम है? 
उत्तर: 
लेखिका के साथ यात्रा पर जाने वाली उसकी सहेली का नाम मणि है। 
 
प्रश्न 30.
पहाड़ी इलाके के बच्चे क्या-क्या काम करते हैं? 
उत्तर: 
पहाड़ी इलाके के बच्चे मवेशियों को चराते हैं, पानी भरते हैं और जंगल से लकड़ियों के भारी-भारी गट्ठर ढोते हैं। 
 
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प्रश्न 31. 
पहाड़ी बच्चे कितनी चढ़ाई चढ़कर स्कूल पढ़ने जाते थे? 
उत्तर: 
पहाड़ी बच्चे तीन-साढ़े तीन किलोमीटर चढ़ाई चढ़कर स्कूल पढ़ने जाते थे। 
 
प्रश्न 32. 
सारा खण्डहर ताजमहल कैसे बन गया? 
उत्तर: 
श्रम-सुन्दरियों के खिला-खिलाकर हँसने से सारा खण्डहर ताजमहल बन गया। 
 
प्रश्न 33. 
बोकू क्या है? 
उत्तर: 
सिक्किमी परिधान को बोकू कहते हैं। 
 
लघूत्तरात्मक प्रश्न 
 
प्रश्न 1. 
'मेरे लिए यह यात्रा सचमुच ही खोज यात्रा थी।' लेखिका के इस कथन को 'साना साना हाथ जोड़ि _____ ' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर: 
गंतोक से यूमथांग और आगे कटाओ तक की यात्रा लेखिका के लिए खोज यात्रा थी। लेखिका ने प्रकृति के अद्भुत सौन्दर्य, उसकी सम्मोहक शक्ति, वहाँ के संघर्षपूर्ण जीवन का अनुभव किया था। उसने वहाँ पढ़ने वाले बच्चों की कठिनाइयों, डोको में बच्चे को पीठ में बाँधे काम करती नारियों को, भीषण सर्दी में भी सीमान्त क्षेत्र में गश्त करते फौजियों को देखा। इन सत्यों की अनुभूतियों के आधार पर लेखिका की यह यात्रा खोज यात्रा ही थी 
 
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प्रश्न 2. 
'साना-साना हाथ जोड़ि _____ पाठ में पीड़ा और सौन्दर्य का अद्भुत मेला है। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर: 
पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक सौन्दर्य के नये-नये रूपों को देखकर अपार आनन्द मिलता है, परन्तु हिमालय तक पहुँचने के लिए बनाये गये रास्तों का निर्माण करने वाले श्रमिकों का जीवन काफी दुःखदायक लगता है। वहाँ पर औरतें पीठ पर अपने बच्चे को बाँधकर गिट्टियाँ तोड़ती हैं, मजदूरी करती हैं। खतरनाक मार्गों के निर्माण में कई लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। इस तरह वहाँ का जन-जीवन गरीबी एवं अभावों से जूझता रहता है, जबकि वहाँ का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत लगता है। अतः इस पाठ में पीड़ा और सौन्दर्य का अद्भुत मेला है।

 
प्रश्न 3. 
जितेन ने लेखिका को गुरु नानक के विषय में क्या जानकारियाँ दी? 'साना-साना हाथ जोड़ि-' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर: 
पर्वतीय स्थान से लौटते समय जितेन ने लेखिका को एक स्थान पर जानकारी देते हुए बताया, "मैडम यहाँ एक पत्थर है जिस पर गुरु नानक के फुट प्रिंट हैं। कहते हैं यहाँ गुरुनानक की थाली से थोड़े से चावल छिटक कर बाहर गिर गए थे। जिस जगह चावल छिटक कर गिरे थे वहाँ चावल की खेती होती है।" अर्थात् उसने जानकारी दी कि गुरुनानक ने भी उस क्षेत्र की यात्रा की थी। 
 
प्रश्न 4.
"जाने कितना ऋण है हम पर इन नदियों का, हिम शिखरों का।"मणि के कथन का क्या भाव है और इसमें हमें क्या प्रेरणा मिलती है? 
उत्तर: 
मणि का यह कथन प्रकृति के प्रति प्रणाम भाव है। प्रकृति ने हिम-शिखरों से जल-धारा के रूप में उतर कर नदियों के रूप में हमारे जीवन-विकास की व्यवस्था की है। प्रकृति का यह उपकार अविस्मरणीय है। इस कथन से प्रेरणा मिलती है कि हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होकर उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। पर्वतीय क्षेत्रों, भ्रमण स्थलों और नदियों को स्वच्छ रखना चाहिए और समस्त प्राकृतिक परिवेश अर्थात् पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना चाहिए। 
 
प्रश्न 5. 
"आप ताज्जुब करेंगे, पर इन सस्तों को बनाने में लोगों ने मौत को झुठलाया है।" इस कथन के। आलोक में पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क-निर्माण में आने वाली बाधाओं पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर: 
पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क बनाने का काम अति कठिन होता है। इसके लिए पहले डायनामाइट लगाकर चट्टानों को तोड़कर उन्हें छोटे-छोटे पत्थरों में बदल दिया जाता है। फिर उन्हें लोहे के जाल पर लम्बी पट्टी की तरह बिछाकर कटे रास्तों पर बाड़े की तरह लगाया जाता है। जरा-सी चूक हो जाने पर काम करने वाला अपनी जान गँवा बैठता है। इस साहस को देखकर लेखिका ने कहा है कि इन रास्तों को बनाने में लोगों ने मौत को झुठलाया है।
 
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प्रश्न 6. 
कौनसा सौन्दर्य लेखिका के लिए असह्य था? यात्रा-वृत्तान्त के आधार पर उस सौन्दर्य को वर्णित कीजिए। 
उत्तर: 
उतरती संध्या में जब लेखिका की जीप चाय के बागानों से गुजर रही थी। चाय के बागानों में कई युवतियाँ बोकू पहने (सिक्किमी परिधान) चाय की पत्तियाँ तोड़ रही थीं। युवतियों का यौवन और श्रम से दमकता हुआ चेहरा आकर्षित कर रहा था। उनमें से एक युवती ने चटक लाल रंग का बोकू पहन रखा था जो इस तरह इन्द्रधनुषी छटा बिखेर रहा था कि मंत्र-मुग्ध-सी लेखिका चीख पड़ी थी। यही सौन्दर्य लेखिका के लिए असह्य था। 
 
प्रश्न 7. 
क्या कारण था कि लायुंग से कटाओ के बीच जीप में बैठे सभी यात्री इतने खामोश हो गये थे कि उनकी साँस लेने की आवाजें ही सुनाई पड़ रही थीं? स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर: 
कटाओ का रास्ता काफी खतरनाक और संकरा था। वहाँ पर काफी धुंध छायी हुई थी और बारिश हो रही थी। पहाड़, पेड़, आकाश, घाटियाँ सब पर बादलों की परत छायी हुई थी। उस खतरनाक रास्ते के एहसास ने सभी यात्रियों को मौन कर दिया था। एक चूक और सब खलास की बनी स्थिति.के कारण यात्री अपनी मस्ती भूल कर दम साधे खामोश बैठे हुए थे, केवल उस समय उनकी साँसों की ही आवाज़ सुनाई पड़ रही थी। 
 
प्रश्न 8. 
कटाओ के प्राकृतिक सौन्दर्य का सैलानियों ने कैसे आनन्द लिया? 
उत्तर: 
कटाओ में चारों ओर बर्फ ही बर्फ दिख रही थी। पड़ी बर्फ को देखकर सैलानियों का मन उछलने लगा। वे बर्फ में लेट-लेट कर इन हसीन लम्हों को कैमरे में बन्द करने लगे थे। उस हसीन प्राकृतिक दृश्य को देखकर उसके भी मन में आया किं वह भी इस गिरी बर्फ पर लेटकर इस बर्फीली जन्नत का जी भर के आनन्द ले ले। लेकिन वहाँ किराये के जूते न मिलने के कारण लेखिका को अपनी इच्छा को दबाना पड़ा। 
 

साना-साना हाथ जोड़ि Summary in Hindi

 
लेखिका-परिचय : 
 
मधु कांकरिया का जन्म सन् 1957 में कोलकाता में हुआ। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया है। उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं-'पुत्ताखोर' (उपन्यास); 'सलाम आखिरी', 'खुले गगन के लाल सितारे', 'बीतते हुए', 'अन्त में ईशु' कहानी संग्रह। उन्होंने कई यात्रा-वृत्तान्त भी लिखे हैं। 
पाठ-परिचय : 
'साना साना हाथ जोडि _____' यात्रा-वृत्तान्त में पूर्वोत्तर भारत के सिक्किम राज्य की राजधानी गंतोक और उसके आगे हिमालय की यात्रा का वर्णन है। इसमें हिमालयी घाटियों की प्राकृतिक शोभा और हिमालय के विराट व भव्य रूप का बहुत ही खूबसूरती से वर्णन किया है। इस यात्रा-वृत्तान्त का सार इस प्रकार है 
 
1. प्राकृतिक सौन्दर्य हनतकश लोगों का शहर-रात्रि में गंतोक शहर को देखकर लेखिका को ऐसा लगा कि मानो आसमान उलटा पड़ा हो और तारे बिखर कर टिमटिमा रहे हों। यह मेहनतकश बादशाहों का शहर था, जिसका सब कुछ सुन्दर था-सुबह-शाम, रात। एक प्रार्थना लेखिका के होंठों को छूने लगी, जो उसने एक नेपाली युवती से सीखी थी - साना-साना हाथ जोडि ______ छोटे-छोटे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही हूँ कि मेरा सारा जीवन अच्छाइयों को समर्पित हो।
 
2. कंचनजंघा की जगह फलों के बाग-प्रातः आँख खलते ही लेखिका बाल्कनी की ओर भागी. क्योंकि लोगों ने उसे बतलाया था कि मौसम के साफ होने पर बाल्कनी से हिमालय की तीसरी सबसे बड़ी चोटी कंचनजंघा दिखाई देती है। उस समय आसमान बादलों से ढका होने के कारण लेखिका को कंचनजंघा तो नहीं दिखी, पर रंग-बिरंगे इतने सारे फूल दिखाई पड़े कि उसे लगा कि मानो वह फूलों के बाग में आ गई हो। 
 
3. मंत्र लिखी सफेद पताकाएँ-जब लेखिका बर्फ देखने की चाह में यूमथांग के राह पर आगे बढ़ रही थी तभी उसे रास्ते में मन्त्र लिखी हुई सफेद पताकाएँ देखने को मिलीं। सफेद पताकाएँ वहाँ बुद्धिष्ट की मृत्यु हो जाने पर उसकी आत्मा की शान्ति के लिए लगायी जाती हैं और रंगीन पताकाएँ किसी नये काम के शुरू होने पर लगाई जाती हैं। 
 
4. घूमता धर्मचक्र-'कवी-लोंग स्टॉक' नामक स्थान पर पहुँचने पर जितेन ने बताया कि यहाँ 'गाइड' फिल्म की शूटिंग हुई थी और एक कुटिया में घूमते धर्मचक्र के बारे में बताया कि इसे घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। लेखिका को लगा कि हमारे देश में इतनी वैज्ञानिक प्रगति हो जाने के बाद भी लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, अन्धविश्वास, पाप-पुण्य की धारणाएँ एक जैसी हैं। 
 
5. हिमालय का परिदृश्य-लेखिका की जीप जैसे-जैसे ऊँचाई पर चढ़ने लगी, बाजार और बस्तियाँ पीछे छूटने ली। हिमालय के परिदृश्य सामने आने लगे। सारे परिदृश्य को देखने के लिए लेखिका ने खिड़की से सिर बाहर निकालकर कभी आसमान छूते पर्वत शिखरों को तो कभी झरनों को देखा। मन्त्रमुग्ध-सी मनमोहक दृश्यों का अवलोकन करती हुई वह आगे बढ़ी तो उसने पत्थर तोड़ती हुई औरतों को देखा। 
 
उन्हें देखकर लेखिका को पलामु और गुमला के जंगल याद आए जहाँ आदिवासी युवतियाँ पीठ पर बच्चे को बाँधकर वन-वन डोलती पत्तों की तलाश करती हैं। जीप फिर से ऊँचाइयाँ चढ़ने लगी। हेयरपिन बेंट से पहले एक पड़ाव पर ढेर सारे पहाड़ी बच्चे स्कूल से लौटते हुए देखे। चाय के बागानों में चाय की पत्तियाँ तोड़ती हुई नवयुवतियों को देखा। जीप चलने लायक संकरे रास्तों को देखा। इसके साथ ही सघन हरियाली के बीच डूबते सूरज की स्वर्णिम आभा को देखा। 
 
6. लायुग में पड़ाव-रात का पड़ाव लायुंग में था। लेखिका तिस्ता नदी के किनारे एक लकड़ी के घर में ठहरी थी। वहाँ का प्राकृतिक वातावरण दर्शनीय था। सर्वत्र शान्ति व्याप्त थी। रात में जितेन ने गाने की तेज ध्वनि पर नाचना शुरू किया तो सभी ठहरे हुए सैलानी मस्ती की धुन में आ गये। लायुंग समुद्र तट से चौदह हजार फीट की ऊँचाई परं है। लेखिका को यहाँ बर्फ देखने को नहीं मिली। एक सिक्किमी युवक ने बताया कि पाँच सौ फीट ऊपर 'कटाओ' में बर्फ मिल सकती है। कटाओ हिन्दुस्तान का स्विट्जरलैंड है। कटाओ में बर्फ देख कर लेखिका मानो झम उठी। 
 
7. फौजी छावनियाँ-कटाओ से कुछ आगे बढ़ने पर फौजी छावनियाँ दिखाई पड़ी। वहाँ से चीन की सीमा थोड़ी दूर ही है। वहाँ पर फौजियों ने लेखिका को बताया कि यहाँ कड़ाके की सर्दी पड़ती है और जनवरी में पैट्रोल को छोड़कर यहाँ हर चीज जम जाती है। 
 
8. खोज-यात्रा-यह यात्रा लेखिका के लिए जैसे एक खोज-यात्रा थी। उसने उस यात्रा में जहाँ माओवाद आदि के बारे में जाना, वहीं एक सिक्किमी नवयुवती से यह सुना कि. मैं इण्डियन हूँ। लेखिका को उसका कथन बहुत अच्छा लगा। इसके साथ यह भी जाना कि पहाड़ी कुत्ते सिर्फ चाँदनी रात में भौंकते हैं। जितेन नार्गे से गुरु नानक के फुट-प्रिन्ट के बारे में जाना। गुरु नानक की थाली से छिटक कर थोड़े चावल गिरे थे। 
 
वहाँ चावल की खेती होती है। यूमथांग पहले टूरिस्ट स्पॉट नहीं था। कप्तान शेखर दत्ता के दिमाग में आया कि इसे टूरिस्ट स्पॉट बनाया जा सकता है। लेखिका यह सब सुनकर मन ही मन कह रही थी_____"हाँ रास्ते अभी बन रहे हैं। नए-नए स्थानों की खोज अभी जारी है। मनुष्य की इसी असमाप्त खोज का नाम सौन्दर्य है। 
 
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कठिन-शब्दार्थ : 
 
  • संधि-स्थल = मिलने का स्थान। 
  • सम्मोहन = मोहित कर लेने का भाव। 
  • अतीन्द्रियता = इन्द्रियों से प्राप्त ज्ञान से परे जाना। 
  • उजास = प्रकाश। 
  • राम रोछो = अच्छा है। 
  • रकम-रकम के = भाँति-भाँति के। 
  • गदराए = भरे हुए। 
  • अवधारणाएँ = मानसिक स्वभाव या विचार। 
  • शिद्दत = प्रबलता। 
  • पताका = झण्डा। 
  • रफ्ता-रफ्ता = धीरे-धीरे। 
  • परिदृश्य = नज़ारा। 
  • वीरान = सूनसान। 
  • संकरे = तंग। 
  • वादियाँ = पर्वतों के बीच का बड़ा भाग, जहाँ जलधाराएँ बहती हैं। 
  • मुंडकी = सिर। फेन = झाग। 
  • मशगूल = मस्त। 
  • अभिशप्त = जिसे शाप मिला हो। 
  • अनंतता = अन्त न होने का भाव। 
  • गुडुप = निगल लिया। 
  • सरहदों = सीमाओं। 
  • तामसिकताएँ = बुरी भावनाएँ। 
  • वजूद = अस्तित्व। 
  • चुहलबाजी = हँसी-मजाक। 
  • संजीदा = गम्भीर।
  • वंचना = वंचित होने का भाव। 
  • सात्विक = पवित्र।
  • परिंदे = पक्षी। 
  • मीआद = सीमा। 
  • अबोहवा = जलवायु।
  • हलाहल = विष। 
  • जन्नत = स्वर्ग। 
  • विभोर = आनन्दित।
  • अभिभूत = भावना से भरकर। 
  • बार्डर एरिया = सीमा के निकट का क्षेत्र।
Prasanna
Last Updated on Nov. 30, 2023, 12:06 p.m.
Published Nov. 29, 2023