These comprehensive RBSE Class 9 Social Science Notes Geography Chapter 4 जलवायु will give a brief overview of all the concepts.
→ जलवायु-एक विशाल क्षेत्र में लगभग 30 वर्ष से लम्बी समयावधि में मौसम की अवस्थाओं तथा | विविधताओं का कुल योग जलवायु कहलाता है।
→ मौसम-एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमण्डल की अवस्था को मौसम कहते हैं।
→ भारत की जलवायु-भारत की जलवायु मानसूनी है। देश के अधिकांश भाग में जून से सितम्बर तक वर्षा होती है।
→ जलवायवी नियन्त्रण-किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक हैं
→ भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
→ कोरिआलिस बल-पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न आभासी बल को कोरिआलिस बल कहते हैं । इस बल के कारण पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं ओर विक्षेपित हो जाती हैं।
→ जेट धारा-ये एक संकरी पट्टी में स्थित क्षोभमण्डल में अत्यधिक ऊँचाई (12,000 मीटर से अधिक) वाली पश्चिमी हवाएँ होती हैं। इनकी गति गर्मी में 110 किमी. प्रति घण्टा एवं सर्दी में 184 किमी. प्रति घण्टा होती है। जेट धाराएँ लगभग 27° से 30° उत्तरी अक्षांशों के बीच स्थित होती है। इसलिए इन्हें उपोष्ण कटिबन्धीय पश्चिमी जेट धाराएँ कहा जाता है।
→ मानसून का आगमन तथा वापसी-भारतीय जलवायु मानसूनी पवनों से बहुत अधिक प्रभावित है। मानसून का प्रभाव उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में 20° उत्तर तथा 20° दक्षिण के बीच रहता है। मानसून का समय जून के आरम्भ से लेकर मध्य सितम्बर तक रहता है। प्रायः जून के प्रथम सप्ताह में मानसून भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर से प्रवेश करता है। मध्य जुलाई तक मानसून पूरे भारत में पहुँच जाता है। मानसून की वापसी सितम्बर में प्रारम्भ होती है। दिसम्बर के प्रारम्भ तक पूरे देश से मानसून की वापसी हो जाती है।
→ ऋतुएँ-भारत में मुख्यतः चार ऋतुएँ मानी गई हैं
→ वर्षा का वितरण-भारत में वर्षा का वितरण बहुत असमान है। जहाँ मेघालय में 400 सेमी. वर्षा होती है वहाँ लद्दाख एवं पश्चिमी राजस्थान में यह 10 सेमी. से भी कम होती है।