These comprehensive RBSE Class 9 Social Science Notes Economics Chapter 4 भारत में खाद्य सुरक्षा will give a brief overview of all the concepts.
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→ अवलोकन - खाद्य सुरक्षा का तात्पर्य सभी लोगों तक सदैव भोजन की उपलब्धता, पहुँच एवं उसे प्राप्त करने के सामर्थ्य से है। खाद्य सुरक्षा में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
→ खाद्य सुरक्षा क्या है?
किसी देश में खाद्य सुरक्षा तब सुनिश्चित होती है जब उस देश में पर्याप्त मात्रा में खाद्य उपलब्ध हो तथा वह खाद्य प्रत्येक व्यक्ति को मिलता रहे, साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी लोगों में खाद्य पदार्थ खरीदने की क्षमता हो। खाद्य सुरक्षा देश में प्रचलित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, शासकीय सतर्कता और खाद्य सुरक्षा के खतरे की स्थिति में सरकार द्वारा की गई कार्यवाहियों पर निर्भर करती है।
→ खाद्य सुरक्षा क्यों?
किसी भी देश में प्राकृतिक आपदाओं के समय खाद्य उपलब्ध करवाने एवं निर्धनता रेखा के नीचे के लोगों को खाद्य उपलब्ध कराने हेतु खाद्य सुरक्षा आवश्यक है। भारत में भी कई बार प्राकृतिक आपदा के कारण खाद्य संकट का सामना करना पड़ा है तथा भुखमरी से कई बार लोगों की मृत्यु भी हुई है। अतः ऐसी स्थिति से बचने के लिए खाद्य सुरक्षा आवश्यक है।
→ किसी आपदा के समय खाद्य सुरक्षा कैसे प्रभावित होती है?
देश में जब कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो कुल उपज में गिरावट आती है जिससे प्रभावित क्षेत्र में खाद्य की कमी उत्पन्न हो जाती है एवं कीमतें बढ़ जाती हैं। इससे लोगों को पर्याप्त खाद्य नहीं मिलता है एवं भुखमरी व महामारियों की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
→ खाद्य असुरक्षित कौन है?
भारत में कई वर्ग खाद्य एवं पोषण की दृष्टि से असुरक्षित हैं; जैसे—भूमिहीन श्रमिक, पारम्परिक दस्तकार, पारंपरिक , सेवाएँ प्रदान करने वाले लोग, निराश्रित, भिखारी, अनियत मजदूरी वाले लोग इत्यादि। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों के कुछ परिवार खाद्य दृष्टि से काफी असुरक्षित हैं। खाद्य असुरक्षित परिवार की महिलाओं को पर्याप्त पोषण न मिलने के कारण उनके बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। कुछ राज्यों में खाद्य दृष्टि से असुरक्षित लोगों की संख्या काफी अधिक है। भारत में पंचवर्षीय योजनाओं में किए गए प्रयासों के फलस्वरूप खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है तथा देश में खाद्य असुरक्षा में कमी आई है।
→ भारत में खाद्य सुरक्षा - पंचवर्षीय योजनाओं में किए प्रयासों तथा मुख्य रूप से हरित क्रान्ति के प्रयासों से भारत विगत कुछ वर्षों में खाद्यान्नों की दृष्टि से आत्मनिर्भर बन गया है। सरकार की खाद्य सुरक्षा व्यवस्था के दो प्रमुख घटक हैं
→ बफर स्टॉक क्या है?
बफर स्टॉक भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ और चावल का भण्डार है। सरकार यह स्टॉक किसानों से न्यूनतम समर्थित कीमतों पर खरीदती है।
→ सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है?
बफर स्टॉक में संग्रहित अनाज को सरकार राशन की दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित करती है, इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहा जाता है। इस प्रणाली के माध्यम से सरकार अनाज के अतिरिक्त अन्य भी कई आवश्यक वस्तुओं का वितरण करती है।
→ सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वर्तमान स्थिति
वर्ष 1992 में देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को संशोधित कर संशोधित वितरण प्रणाली शुरू की गई। वर्ष | 1997 में लक्षित वितरण प्रणाली शुरू की गई। इसके अतिरिक्त वर्ष 2000 में अंत्योदय अन्न योजना एवं अन्नपूर्णा योजना प्रारंभ की गई। देश में 2013 में भारतीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया जिसमें योग्य परिवारों को बहुत कम | कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाता है। भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यकता अनुसार समय-समय पर संशोधन किया जाता है। विगत वर्षों में सरकार के बफर स्टॉक में काफी अनाज एकत्रित किया गया है तथा खाद्यान्नों की वितरण व्यवस्था में भी काफी सुधार हुआ है। हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कुछ कमियाँ भी रही हैं। सहकारी समितियों की खाद्य सुरक्षा में भूमिका सहकारी समितियों की खाद्य सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। सहकारी समितियाँ निर्धन लोगों को खाद्यान्न की बिक्री के लिए कम कीमत वाली दुकानें खोलती हैं। दिल्ली की मदर डेयरी तथा गुजरात में अमूल सहकारी समिति इसका उदाहरण है।