Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 5 प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मानव सहायता के बिना प्राकृतिक रूप से उगने वाले पादप समुदाय को कहा जाता है-
(अ) अक्षत वनस्पति
(ब) आकर्षक पौधे
(स) टुण्ड्रा
(द) टैगा
उत्तर:
(अ) अक्षत वनस्पति
प्रश्न 2.
निम्न में से कौनसे वन के वृक्ष शुष्क गर्मियों में अपनी पत्तियाँ दो महीने के लिए गिराते हैं?
(अ) उष्ण कटिबन्धीय सदाहरित वन
(ब) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
(स) उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन
(द) मैंग्रोव
उत्तर:
(ब) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
प्रश्न 3.
आबनूस, महोगनी, रोजवुड और रबड़ जैसे महत्त्वपूर्ण वृक्ष निम्नलिखित में से कौनसे वन में पाये जाते हैं?
(अ) पर्वतीय वन
(ब) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
(स) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
(द) उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन
उत्तर:
(ब) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
प्रश्न 4.
नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पाये जाते हैं-
(अ) कंटीली झाड़ियाँ
(ब) मैंग्रोव वन
(स) शंकुधारी वन
(द) पर्वतीय वन
उत्तर:
(ब) मैंग्रोव वन
प्रश्न 5.
सन् 2011 में वनों का कुल क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का था-
(अ) 33 प्रतिशत
(ब) 25 प्रतिशत
(स) 21.05 प्रतिशत
(द) 17.5 प्रतिशत
उत्तर:
(स) 21.05 प्रतिशत
प्रश्न 6.
लक्षद्वीप तथा अण्डमान एवं निकोबार द्वीप-समूहों पर किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है?
(अ) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
(ब) उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन
(स) पर्वतीय वन
(द) मैंग्रोव वन
उत्तर:
(अ) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
प्रश्न 7.
असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्र में पाया जाने वाला जन्तु है-
(अ) बाघ
(ब) एक सींग वाला गैंडा
(स) भालू
(द) शेर
उत्तर:
(ब) एक सींग वाला गैंडा
प्रश्न 8.
भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं-
(अ) पर्वतीय वन
(ब) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
(स) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन
(द) मैंग्रोव वन
उत्तर:
(ब) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन
प्रश्न 9.
1500 से 3000 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाने वाले वृक्ष है-
(अ) स्यूस
(ब) देवदार
(स) चीड़
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 10.
निम्न में से कौनसा पादप रक्तचाप के निदान में उपयोगी है?
(अ) नीम
(ब) बबूल
(स) सर्पगंधा
(द) कचनार
उत्तर:
(स) सर्पगंधा
प्रश्न 11.
निम्न में से कहाँ जंगली गधे पाए जाते हैं?
(अ) कच्छ का रन
(ब) मानस
(स) सुन्दरवन
(द) सिमलीपाल
उत्तर:
(अ) कच्छ का रन
प्रश्न 12.
भारतीय जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू हुआ?
(अ) 1962
(ब) 1972
(स) 1982
(द) 1992
उत्तर:
(ब) 1972
प्रश्न 13.
निम्न में कौनसा भारतीय शेरों का प्राकृतिक वास स्थल है-
(अ) गिर (गुजरात)
(ब) कंचनजंगा
(स) नंदादेवी
(द) नाकरेक
उत्तर:
(अ) गिर (गुजरात)
प्रश्न 14.
लद्दाख में पाए जाने वाला जानवर है-
(अ) याक
(ब) कियांग
(स) बारहसिंघा
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 15.
निम्न में से कौनसा जन्तु केवल भारत में पाया जाता है?
(अ) भालू
(ब) घड़ियाल
(स) ऊँट
(द) बाघ
उत्तर:
(ब) घड़ियाल
रिक्त स्थान वाले प्रश्न-
निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. लद्दाख की बर्फीली ऊँचाइयों पर ........... पाया जाता है। (यॉक/ऊँट)
2. सिमलीपाल जीव मण्डल निचय ............ राज्य में है। (असम/ओडिशा)
3. कच्छ जीव मण्डल निचय ........... राज्य में स्थित है। (गुजरात/महाराष्ट्र)
4. थार के मरुस्थल में ............... पाए जाते हैं। (बाघ/ऊँट)
5. ............... पादप जैव और जीवाण प्रतिरोधक है। (नीम/सर्पगंधा)
6. जामुन के बीज का बना हुआ पाउडर ......... रोग में सहायता करता है। (रक्तचाप/मधुमेह)
उत्तर:
1. याक
2. ओडिशा
3. गुजरात
4. ऊँट
5. नीम
6. मधुमेह।
सत्य/असत्य वाले प्रश्न-
निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य वाक्य छाँटिए-
1. भारत में वन क्षेत्र पर्याप्त क्षेत्रफल में विस्तृत है। ( )
2. एक सींग वाले गैंडे असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्र में मिलते हैं। ( )
3. उष्णकटिबन्धीय पर्णपाती वनों को मानसूनी वन भी कहते हैं। ( )
4. उष्णकटिबन्धीय पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ औसत वर्षा 200 सेमी. से अधिक होती है। ( )
5. कंटीले वन गुजरात व राजस्थान में मुख्यतः पाए जाते हैं। ( )
6. कचनार का अल्सर एवं दमा रोगों के लिए प्रयोग होता है। ( )
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. सत्य
6. सत्य।
मिलान करने वाले प्रश्न-
निम्न को सुमेलित कीजिए-
(अ) |
(ब) |
1. नंदादेवी |
मेघालय |
2. नोकरेक |
असम |
3. मानस |
पश्चिमी बंगाल |
4. सुन्दरवन |
गुजरात |
5. कच्छ |
मध्यप्रदेश |
6. पन्ना |
उत्तराखण्ड |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
1. नंदादेवी |
उत्तराखण्ड |
2. नोकरेक |
मेघालय |
3. मानस |
असम |
4. सुन्दरवन |
पश्चिमी बंगाल |
5. कच्छ |
गुजरात |
6. पन्ना |
मध्यप्रदेश |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जैव विविधता किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी प्राकृतिक प्रदेश में मिलने वाले पालतू एवं जंगली जीव-जन्तुओं तथा वनस्पतियों की विभिन्नता की बहुलता को जैव विविधता कहते हैं।
प्रश्न 2.
विश्व के बड़े जैव विविधता वाले मुख्य कितने देश हैं?
उत्तर:
12 देश।
प्रश्न 3.
भारत में सबसे अधिक क्षेत्र पर कौन-से प्रकार के वन फैले हुए हैं?
उत्तर:
उष्णकटिबन्धीय पर्णपाती वन।
प्रश्न 4.
ऊँट कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
थार मरुस्थल में।
प्रश्न 5.
एशियाई शेर कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
गुजरात के गिर वनों में।
प्रश्न 6.
यॉक कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
लद्दाख की बर्फीली पहाड़ियों में।
प्रश्न 7.
प्राकृतिक वनस्पति अथवा अक्षत वनस्पति किसे कहते हैं?
उत्तर:
वनस्पति का वह भाग जो मनुष्य की सहायता के बिना अपने आप पैदा होता है और लम्बे समय तक उस पर मानवीय प्रभाव नहीं पड़ता, प्राकृतिक वनस्पति अथवा अक्षत वनस्पति कहलाती है।
प्रश्न 8.
देशज तथा विदेशज वनस्पति किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह वनस्पति जो मूल रूप से भारतीय है 'देशज वनस्पति' कहलाती है तथा वे पौधे जो भारत के बाहर से लाये गये हैं वह 'विदेशज वनस्पति' कहलाती है।
प्रश्न 9.
जीवोम किसे कहते हैं?
उत्तर:
धरातल पर एक विशिष्ट प्रकार की वनस्पति या प्राणी जीवन वाले विशाल पारिस्थितिक तन्त्र को जीवोम अथवा बायोम कहते हैं।
प्रश्न 10.
उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वनों में कौनसे जीव पाये जाते हैं?
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वनों में प्रायः सिंह, सूअर, हिरण, हाथी, विविध प्रकार के पक्षी, छिपकली, साँप तथा कछुए पाये जाते हैं।
प्रश्न 11.
काँटेदार पेड़ एवं झाडियाँ कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
ये वनस्पतियाँ देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों समेत गुजरात के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा में पाई जाती हैं।
प्रश्न 12.
काँटेदार वनों में पाये जाने वाले कुछ पादप एवं जन्तु प्रजातियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
पर्वतीय क्षेत्रों में किस तरह की वनस्पतियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
प्रश्न 14.
आर्द्र शीतोष्ण कटिबन्धीय वन के किन्हीं दो पेड़ों के नाम बताइए।
उत्तर:
ओक एवं चेस्टनट।
प्रश्न 15.
शंकुधारी वन कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
पर्वतों के ढलानों में जहाँ मृदा की परत गहरी होती है, वहाँ शंकुधारी वन पाये जाते हैं।
प्रश्न 16.
चार शंकुधारी पेड़ों के नाम बताइए।
उत्तर:
चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, स्यूस।
प्रश्न 17.
पर्वतीय वनों में पाये जाने वाले कुछ सामान्य जन्तुओं के नाम बताइए।
उत्तर:
कश्मीरी महामृग, चित्तीदार हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, हिम तेंदुआ, लाल पांडा।
प्रश्न 18.
मैंग्रोव वन कहाँ पाये जाते हैं?
उत्तर:
मैंग्रोव वन गंगा, महानदी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों के द्वारा निर्मित डेल्टा क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
प्रश्न 19.
मैंग्रोव वनों का प्रसिद्ध वृक्ष कौनसा है?
उत्तर:
सुन्दरी वृक्ष।
प्रश्न 20.
भारत में पादपों एवं जन्तुओं का वितरण किन तत्त्वों द्वारा निर्धारित होता है?
उत्तर:
भारत में पादपों एवं जन्तुओं का वितरण धरातल और जलवायु द्वारा निर्धारित होता है।
प्रश्न 21.
भारत में औषधि के रूप में प्रयुक्त होने वाले कोई चार पादपों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 22.
भारत जीव सुरक्षा अधिनियम कब लागू किया गया?
उत्तर:
भारत जीव सुरक्षा अधिनियम सन् 1972 में लागू किया गया।
प्रश्न 23.
मगरमच्छ की प्रजाति का प्रतिनिधि जीव जो विश्व में केवल भारत में पाया जाता है, कौनसा है?
उत्तर:
घड़ियाल।
प्रश्न 24.
कोई दो जीव-मण्डल निचयों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 25.
भारतीय प्राकृतिक वनस्पति में आये बदलाव के प्रमुख कारण लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 26.
विश्व संरक्षण संघ की लाल सूची के अनुसार औषधीय पादपों की क्या स्थिति है?
उत्तर:
लाल सूची के अन्तर्गत 352 पादपों की गणना की गई है जिनमें से 52 पादप अति संकटग्रस्त हैं तथा 49 पादपों को विनष्ट होने का खतरा है।
प्रश्न 27.
हिमरेखा क्या है?
उत्तर:
यह एक काल्पनिक रेखा है जिसके ऊपर के क्षेत्र में कभी बर्फ नहीं पिघलती है। यह क्षेत्र सदैव बर्फ से ढका रहता है।
प्रश्न 28.
पारिस्थितिकीय तंत्र के असन्तुलन के कोई दो कारण लिखिये।
उत्तर:
प्रश्न 29.
भारत के किन्हीं दो नेशनल पार्क के नाम लिखिये।
उत्तर:
प्रश्न 30.
विश्व के जीव मण्डल निचयों में शामिल दो भारतीय जीव मण्डल निचयों का नाम बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 31.
भारत में बाघ मुख्य रूप से कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
भारत में बाघ मुख्यतः मध्यप्रदेश तथा झारखण्ड के वनों, पश्चिमी बंगाल के सुन्दरवन तथा हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 32.
औषधीय पादप अर्जुन के कोई दो उपयोग बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 33.
मैंग्रोव क्या है?
उत्तर:
मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है जिसमें पौधे की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं।
प्रश्न 34.
हिमालय के ऊँचाई वाले भागों में पाई जाने वाली कोई दो घुमक्कड़ जातियों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 35.
कंटीले वन तथा झाड़ियाँ कहाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
कंटीले वन तथा झाड़ियाँ उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जहाँ वर्षा 75 सेमी. से कम होती है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में पायी जाने वाली जैव विविधता की विशेषताएँ बतलाइए।
उत्तर:
भारत में पाई जाने वाली जैव विविधता की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 2.
मनुष्य के लिए वनों की आवश्यकता के कारण बतलाइये।
उत्तर:
मनुष्य के लिए वनों की आवश्यकता के प्रमुख कारण निम्न हैं-
प्रश्न 3.
पारिस्थितिकी तन्त्र क्या है?
उत्तर:
पारिस्थितिकी तन्त्र-किसी भी क्षेत्र के पादप तथा प्राणी आपस में तथा अपने भौतिक पर्यावरण से अन्तर्सम्बन्धित होते हैं, ये सब मिलकर एक पारिस्थितिक तन्त्र का निर्माण करते हैं। अन्य शब्दों में, किसी क्षेत्र के भौतिक पर्यावरण तथा उसमें रहने वाले जीवों से मिलकर बने तन्त्र को पारिस्थितिक तन्त्र कहते हैं।
प्रश्न 4.
मानव किस प्रकार पारिस्थितिकी को प्रभावित करता है?
उत्तर:
मनुष्य भी अपने पारिस्थितिक तन्त्र का अविच्छिन्न भाग होता है। मानव निम्न प्रकार पारिस्थितिक तन्त्र को प्रभावित करता है-
इस प्रकार वह पारिस्थितिक तन्त्र में असन्तुलन पैदा करता है। मनुष्य के इन अविवेकी कार्यों के परिणामस्वरूप अनेक प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर आ गयी हैं।
प्रश्न 5.
उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन तथा झाड़ियों की कोई तीन विशेषताएँ बतलाइए।
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय कंटीले वन तथा झाडियों की तीन विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 6.
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों की प्रमुख विशेषताएँ लिखिये।
उत्तर:
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 7.
गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में पाई जाने वाली वनस्पति और वन्य जीवन का वर्णन करें।
उत्तर:
गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में पाई जाने वाली वनस्पति-गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में मैंग्रोव प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। इस वनस्पति में पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं। गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुन्दरी वृक्ष पाये जाते हैं जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है। नारियल, ताड़, क्योड़ा एवं ऐंगार के वृक्ष भी इन भागों में पाये जाते हैं।
वन्य जीवन-इस क्षेत्र में विश्वप्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर पाया जाता है। इसके अलावा कछुए, मगरमच्छ, घडियाल एवं कई प्रकार के साँप पाये जाते हैं।
प्रश्न 8.
भारत में प्रवासी पक्षी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
देश के बाहर से कुछ समय के लिए प्रवास करने आने वाले पक्षी प्रवासी पक्षी कहलाते हैं। भारत के कुछ दलदली भागों में प्रतिवर्ष प्रवासी पक्षी अपना डेरा जमाते हैं । शीत में साइबेरियन सारस बहुत संख्या में भारत आते हैं। राजस्थान में भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान इनकी पसन्दीदा जगहों में से एक है। प्रवासी पक्षियों का एक मनपसन्द स्थान कच्छ का रन है। जिस स्थान पर मरुभूमि समुद्र से मिलती है वहाँ लाल सुन्दर कलंगी वाली फ्लैमिंगोए हजारों की संख्या में आती हैं और खारे कीचड़ के ढेर बनाकर उनमें घोंसले बनाती हैं और बच्चों को पालती हैं। देश में इस प्रकार के अनेकों दर्शनीय स्थल हैं।
प्रश्न 9.
हमारे देश में पादपों और जीवों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किये गये किन्हीं तीन उपायों का वर्णन कीजिए।
अथवा
वन्य जीवन के संरक्षण के चार उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश में पादपों और जीवों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा निम्न उपाय किये गये हैं-
प्रश्न 10.
भारत में कितने जीव-मण्डल निचय (आरक्षित क्षेत्र) स्थापित किये गये हैं? उनके नाम दीजिए।
उत्तर:
भारत में अठारह जीव-मण्डल निचय स्थापित किये गये हैं। उनके नाम निम्न प्रकार हैं-
प्रश्न 11.
पादपों एवं जीवों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
पादप, जीव एवं भौतिक पर्यावरण परस्पर अन्तर्सम्बन्धित होते हैं। इनमें असन्तुलन होने पर पारिस्थितिक तन्त्र बिगड़ जाता है। प्रत्येक प्रजाति का पारिस्थितिक तन्त्र में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए इनका संरक्षण अवश्य करना चाहिए।
प्रश्न 12.
पादपों एवं जीवों से होने वाले प्रमुख लाभ लिखिये।
उत्तर:
विभिन्न पादपों एवं जीवों से हमें निम्न लाभ हैं-
प्रश्न 13.
भारत में औषधि के लिये प्रयोग किये जाने वाले प्रमुख पादपों का वर्णन कीजिए।
अथवा
औषधीय पादप में चार नाम देकर रोग निदान बताइये।
उत्तर:
भारत में औषधि के लिए प्रयुक्त कुछ प्रमुख पादप निम्न हैं-
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वनस्पति तथा वन्य प्राणियों में विविधता के प्रमुख कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विश्व में वनस्पति तथा वन्यप्राणियों में बहुत विविधता पाई जाती है। हमारे भारत देश में भी वनस्पति तथा जीवों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। एक क्षेत्र की वनस्पति तथा वन्य-जीव अन्य क्षेत्र की वनस्पति तथा वन्य जीवों से भिन्न होते हैं। इसके निम्न प्रमुख कारण हैं-
(1) धरातल-जैसा धरातल होता है वैसी ही वनस्पति तथा जीव-जन्तु होते हैं। धरातल में दो तत्त्व इनकी विविधता को प्रभावित करते हैं।
(i) भू-भाग-भू-भाग वनस्पति पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। पर्वत, पठार, मैदान और शीतोष्ण कटिबन्धों में एक ही प्रकार की वनस्पति नहीं होती। धरातल के स्वभाव का वनस्पति पर बहुत प्रभाव पड़ता है। उपजाऊ भूमि पर प्रायः कृषि की जाती है। ऊबड़-खाबड़ तथा असमतल भू-भाग पर जंगल तथा घास के मैदान हैं, जिनमें वन्य प्राणियों को आश्रय मिलता है। पर्वतों पर वन मिलते हैं।
(ii) मृदा-मृदा के अनुसार भी वनस्पति में विविधता मिलती है। मरुस्थल की बलुई मृदा में कंटीली झाड़ियाँ तथा नदियों के डेल्टा क्षेत्र में पर्णपाती वन पाए जाते हैं। पर्वतों की ढलानों में जहां मृदा की परत गहरी है, शंकुधारी वन पाए जाते हैं।
(2) जलवायु-जलवायु के निम्न तत्त्व वनस्पति तथा वन्य प्राणियों को प्रभावित करते हैं-
(i) तापमान-वनस्पति की विविधता तथा विशेषताएँ तापमान और वायु की नमी पर भी निर्भर करती हैं। हिमालय पर्वत की ढलानों तथा प्रायद्वीप के पहाड़ियों पर 915 मी. की ऊँचाई से ऊपर तापमान में गिरावट वनस्पति के पनपने और बढ़ने को प्रभावित करती है और उसे उष्ण कटिबन्धीय से उपोष्ण, शीतोष्ण तथा अल्पाइन वनस्पतियों में परिवर्तित करती है। शीत प्रदेशों तथा उष्ण प्रदेशों के वन्य प्राणियों में भी अन्तर पाया जाता है।
(ii) सूर्य का प्रकाश-सूर्य के प्रकाश की उपलब्धता में अन्तर के कारण भी वनस्पति में विविधता पाई जाती है। किसी भी स्थान पर सूर्य के प्रकाश का समय, उस स्थान के अक्षांश, समुद्र तल से ऊँचाई एवं ऋतु पर निर्भर करता है। प्रकाश अधिक समय तक मिलने के कारण वृक्ष गर्मी की ऋतु में जल्दी बढ़ते हैं। प्रकाश के अभाव में उनकी वृद्धि प्रभावित होती है।
(iii) वर्षण-भारत में लगभग सारी वर्षा आगे बढ़ते हुए दक्षिण-पश्चिमी मानसून (जून से सितम्बर तक) एवं नसून से होती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में कम वर्षा वाले क्षेत्रों की अपेक्षा सघन वन पाए जाते हैं।
वनस्पति की विविधता के अनुसार जीवों की प्रजातियों में भी विविधता पाई जाती है। क्योंकि वनस्पति तथा जीव दोनों एक-दूसरे से अन्तर्सम्बन्धित होते हैं।
प्रश्न 2.
भारत में पाई जाने वाली वनस्पति के प्रमुख प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
भारतीय जलवायु में कितने प्रकार की वनस्पति पायी जाती है? इनके नाम लिखो।
अथवा
भारत में पाई जाने वाली वनस्पति के किन्हीं चार प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
उत्तर:
भारत में पाई जाने वाली वनस्पति के प्रकार भारत में निम्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती हैं-
(1) उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन या वर्षा वन-ये वन 200 सेमी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाये जाते हैं। पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों, लक्षद्वीप, अण्डमान और निकोबार द्वीप-समूहों, असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट पर ये वन पाये जाते हैं। इन वनों में वृक्ष 60 मीटर या इससे भी अधिक ऊँचाई के हो सकते हैं। इन वनों में आबनूस (एबोनी), महोगनी, रोज़वुड, रबड़ और सिनकोना के वृक्ष पाये जाते हैं। हाथी, बन्दर, लैमूर, वर सामान्य रूप से मिलते हैं। असम और पश्चिमी बंगाल के दलदली क्षेत्रों में एक सींग वाले गैंडे मिलते हैं। इनके अतिरिक्त कई प्रकार के पक्षी, चमगादड़ तथा रेंगने वाले जीव भी मिलते हैं।
(2) उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती वन-ये मानसूनी वन भी कहलाते हैं। 70 सेमी. से 200 सेमी. तक वर्षा वाले क्षेत्रों में ये वन पाये जाते हैं। ये वन भारत में सबसे अधिक क्षेत्र पर फैले हुए हैं। इन वनों के वृक्ष ग्रीष्म ऋतु में लगभग दो माह के लिए अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। इन्हें दो भागों-(i) आई पर्णपाती वन तथा (ii) शुष्क पर्णपाती वनों में बाँटा जा सकता है। सागोन इन वनों का प्रमुख वृक्ष है। इसके अलावा बांस, साल, शीशम, चन्दन, खैर, कुसुम, अर्जुन, शहतूत, पीपल तथा नीम के वृक्ष मिलते हैं। शेर, बाघ, सुअर, हिरण, हाथी, छिपकली, साँप, कछुए, विविध प्रकार के पक्षी आदि जीव पाये जाते हैं।
(3) कंटीले वन तथा झाड़ियाँ-70 सेमी. से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कंटीले वन तथा झाड़ियाँ पाई जाती हैं। गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में इस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। अकासिया, खजूर (पाम), यूफोरबिया तथा नागफनी (कैक्टाई) यहाँ की मुख्य पादप प्रजातियाँ हैं। इन वनों में प्रायः चूहे, खरगोश, लोमड़ी, भेड़िए, शेर, बाघ, जंगली गधा, घोड़े तथा ऊँट पाए जाते हैं।
(4) पर्वतीय वन-पर्वतीय वन पर्वतों पर पाये जाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान की कमी तथा ऊँचाई के साथ साथ प्राकृतिक वनस्पति में भी अन्तर दिखाई देता है।
(i) 1,000 मी. से 2,000 मी. तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आर्द्र शीतोष्ण कटिबन्धीय वन पाए जाते हैं। चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट यहाँ के प्रमुख वृक्ष हैं।
(ii) 1,500 से 3,000 मी. की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़ (पाइन), देवदार, सिल्वर-फर, स्यूस, सीडर आदि पाए जाते हैं। ये वन प्रायः हिमालय की दक्षिणी ढलानों, दक्षिण और उत्तर-पूर्व भारत के अधिक ऊँचाई वाले भागों में पाए जाते हैं।
(iii) इससे अधिक ऊँचाई पर प्रायः शीतोष्ण कटिबन्धीय घास के मैदान पाए जाते हैं।
(iv) 3,600 मी. से अधिक ऊँचाई पर अल्पाइन वनस्पति मिलती है। सिल्वर-फर, जूनिपर, पाइन व बर्च इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं। हिमरेखा के निकट इन वृक्षों के आकार छोटे होते जाते हैं। अन्ततः झाड़ियों के रूप के बाद वे अल्पाइन घास के मैदानों में विलीन हो जाते हैं। अधिक ऊँचाई वाले भागों में मॉस, लिचन घास, टुंडा वनस्पति का एक भाग है।
पर्वतीय वनों में प्रायः कश्मीरी महामृग, चितरा हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, तिब्बतीय बारहसिंघा, याक, हिम तेंदुआ, गिलहरी, रीछ, आइबैक्स, कहीं-कहीं लाल पांडा, घने बालों वाली भेड़ तथा बकरियाँ पाई जाती हैं।
(5) मैंग्रोव वन-घने मैंग्रोव एक प्रकार की वनस्पति है जिसमें पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं। गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों के डेल्टा भाग में यह वनस्पति मिलती है। गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुन्दरी वृक्ष पाए जाते हैं जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त नारियल, ताड़, क्योड़ा एवं ऐंगार के वृक्ष इन वनों में पाए जाते हैं।
रॉयल बंगाल टाइगर इस क्षेत्र का प्रसिद्ध जानवर है। इसके अतिरिक्त कछुए, मगरमच्छ, घड़ियाल एवं कई प्रकार के साँप भी इन जंगलों में मिलते हैं।
प्रश्न 3.
भारत के वन्य प्राणी जगत की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत के वन्य प्राणी जगत की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-