Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
भूमि के पश्चात् उत्पादन का दूसरा आवश्यक कारक है-
(अ) श्रम
(ब) पानी
(स) मानव
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) श्रम
प्रश्न 2.
ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि उत्पादन क्रियाओं में सम्मिलित है-
(अ) पशुपालन
(ब) लघुस्तरीय विनिर्माण
(स) डेयरी
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3.
निम्न में से उत्पादन का प्रमुख साधन है-
(अ) भूमि
(ब) श्रम
(स) पूँजी
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
निम्न में से कौनसी मद स्थायी पूँजी में सम्मिलित नहीं है-
(अ) मशीनें
(ब) कच्चा माल
(स) भवन
(द) औजार
उत्तर:
(ब) कच्चा माल
प्रश्न 5.
1960 के दशक के अन्त में प्रारम्भ की गई 'हरित क्रान्ति' का सम्बन्ध है-
(अ) पशुपालन से
(ब) मत्स्य पालन से
(स) कृषि क्षेत्र से
(द) लघु उद्योगों से
उत्तर:
(स) कृषि क्षेत्र से
प्रश्न 6.
औजार, मशीन, भवन आदि को शामिल किया जाता है-
(अ) स्थायी पूँजी में
(ब) कार्यशील पूँजी में
(स) मानव पूँजी में
(द) कृषि पूँजी में
उत्तर:
(अ) स्थायी पूँजी में
प्रश्न 7.
निम्न में से कौनसी फसल खरीफ की है?
(अ) गेहूँ
(ब) बाजरा
(स) सरसों
(द) फल
उत्तर:
(ब) बाजरा
प्रश्न 8.
निम्न में से रबी की फसल है-
(अ) गेहूँ
(ब) बाजरा
(स) ज्वार
(द) मक्का
उत्तर:
(अ) गेहूँ
प्रश्न 9.
वर्ष 2017-18 में देश में दालों का उत्पादन हुआ-
(अ) 10 करोड़ टन
(ब) 18 करोड़ टन
(स) 24 करोड़ टन
(द) 44 करोड़ टन
उत्तर:
(स) 24 करोड़ टन
प्रश्न 10.
भारत में वर्ष 2017-18 में गेहूँ का उत्पादन कितना था?
(अ) 36 करोड़ टन
(ब) 87 करोड़ टन
(स) 97 करोड़ टन
(द) 108 करोड़ टन
उत्तर:
(स) 97 करोड़ टन
प्रश्न 11.
हरित क्रान्ति की विशेषता है-
(अ) एच.वाई.वी. बीजों का उपयोग
(ब) रासायनिक उर्वरकों का उपयोग
(स) कीटनाशकों का उपयोग
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
प्रश्न 12.
वर्ष 2014-15 में भारत का कुल जुताई क्षेत्र था-
(अ) 155 मिलियन हेक्टेयर
(ब) 130 मिलियन हेक्टेयर
(स) 124 मिलियन हेक्टेयर
(द) 164 मिलियन हेक्टेयर
उत्तर:
(अ) 155 मिलियन हेक्टेयर
प्रश्न 13.
भारत में लगभग कितने प्रतिशत किसान सीमान्त व छोटे कृषक हैं?
(अ) 60 प्रतिशत
(ब) 70 प्रतिशत
(स) 85 प्रतिशत
(द) 94 प्रतिशत
उत्तर:
(स) 85 प्रतिशत
प्रश्न 14.
सरकार द्वारा खेतों पर काम करने वाले श्रमिकों हेतु न्यूनतम वेतन कितना निर्धारित किया है?
(अ) 100 रुपये
(ब) 175 रुपये
(स) 300 रुपये
(द) 450 रुपये
उत्तर:
(स) 300 रुपये
प्रश्न 15.
पालमपुर के लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधि है-
(अ) कृषि
(ब) लघु उद्योग
(स) पशुपालन
(द) परिवहन
उत्तर:
(अ) कृषि
रिक्त स्थानों की पूर्ति वाले प्रश्न-
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
1. औजार, मशीनों और भवनों का उत्पादन में कई वर्षों तक प्रयोग होता है और इन्हें ......... कहा जाता है। (स्थायी पूँजी/कार्यशील पूँजी)
2. कच्चा माल व नकद पैसों को .......... कहते हैं। (कार्यशील पूँजी/स्थायी पूँजी)
3. पालमपुर में ............ उत्पादन की प्रमुख क्रिया है। (उद्योग/खेती)
4. एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल पैदा करने को .............. प्रणाली कहते हैं। (द्विविधि/बहुविधि फसल)
5. बरसात के मौसम (खरीफ) में किसान ज्वार और ............. उगाते हैं। (गेहूँ/बाजरा)
6. सरकार द्वारा खेतों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक दिन का न्यूनतम वेतन ............. रुपये (मार्च, 2017) निर्धारित है। (400/300)
उत्तर:
1. स्थायी पूँजी,
2. कार्यशील पूँजी,
3. खेती,
4. बहुविधि फसल,
5. बाजरा,
6. 300
सत्य/असत्य वाले प्रश्न-
निम्न वाक्यों में सत्य/असत्य कथन छाँटिए-
1. कच्चा माल व नकद पैसों को स्थायी पूँजी कहते हैं। ( )
2. पालमपुर में खेती उत्पादन की प्रमुख क्रिया है। ( )
3. भारत में पंजाब, हरियाणा और प. उत्तर प्रदेश के किसानों ने खेती के आधुनिक तरीकों का सबसे पहले प्रयोग किया। ( )
4. कृषि की आधुनिक पद्धतियों में अधिक पूँजी की आवश्यकता नहीं होती है। ( )
5. छोटे कृषकों की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। ( )
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. असत्य।
मिलान करने वाले प्रश्न-
निम्न को सुमेलित कीजिए-
(अ) |
(ब) |
1. भवन मशीन |
कार्यशील पूँजी |
2. कच्चा माल |
स्थायी पूँजी |
3. परिवहन, दुकानदारी |
कृषि क्रिया |
4. खाद्यान्न उत्पादन |
गैर कृषि क्रियाएँ |
5. ज्वार, बाजरा |
रबी फसल |
6. गेहूँ |
खरीफ फसल |
उत्तर:
(अ) |
(ब) |
1. भवन मशीन |
स्थायी पूँजी |
2. कच्चा माल |
कार्यशील पूँजी |
3. परिवहन, दुकानदारी |
गैर कृषि क्रियाएँ |
4. खाद्यान्न उत्पादन |
कृषि क्रिया |
5. ज्वार, बाजरा |
खरीफ फसल |
6. गेहूँ |
रबी फसल |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश जनसंख्या किस कार्य में लगी हुई है?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्य में लगी हुई है।
प्रश्न 2.
ग्रामीण क्षेत्र की मुख्य गैर-कृषि उत्पादन गतिविधियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्र में गैर-कृषि उत्पादन गतिविधियों में पशुपालन, लघुस्तरीय विनिर्माण कार्य, दुकानदारी, परिवहन इत्यादि प्रमुख हैं।
प्रश्न 3.
वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन हेतु किन-किन साधनों की आवश्यकता पड़ती है?
उत्तर:
वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन हेतु चार प्रमुख साधन-(1) भूमि, (2) श्रम, (3) भौतिक पूँजी एवं (4) मानवीय पूँजी हैं।
प्रश्न 4.
स्थायी पूँजी से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
उत्पादन में औजार, मशीनें, भवन आदि का कई वर्षों तक प्रयोग होता है, इन्हें ही स्थायी भौतिक पूँजी कहा जाता है।
प्रश्न 5.
भौतिक पूँजी को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है?
उत्तर:
भौतिक पूँजी को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-(1) स्थायी पूँजी (2) कार्यशील पूँजी।
प्रश्न 6.
उत्पादन के कारक किसे कहते हैं?
उत्तर:
उत्पादन भूमि, श्रम और पूँजी को संयोजित करके संगठित होता है, जिन्हें उत्पादन के कारक कहा जाता है।
प्रश्न 7.
उत्पादन के साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
उत्पादन के साधन-(1) भूमि (2) श्रम (3)
प्रश्न 8.
भूमि को मापने की मापक इकाई क्या है?
उत्तर:
भूमि को मापने की मापक इकाई हेक्टेयर है।
प्रश्न 9.
रबी एवं खरीफ की दो-दो फसलों के नाम बताइए।
उत्तर:
रबी की फसलें-गेहूँ, जौ। खरीफ की फसलें-ज्वार, बाजरा।
प्रश्न 10.
बहुविध फसल प्रणाली किसे कहा जाता है?
उत्तर:
एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल पैदा करने को बहुविध फसल प्रणाली कहा जाता है।
प्रश्न 11.
हरित क्रान्ति के अन्तर्गत अधिक उपज किस प्रकार संभव हुई?
उत्तर:
हरित क्रान्ति के अन्तर्गत अधिक उपज केवल अति उपज प्रजातियों वाले बीजों, सिंचाई, रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों आदि के संयोजन से ही संभव हो पाई।
प्रश्न 12.
लघु अथवा छोटी कृषि जोतों का आकार कितना होता है?
उत्तर:
लघु अथवा छोटी कृषि जोतों का आकार दो हेक्टेयर से कम होता है।
प्रश्न 13.
हरित क्रान्ति का एक दुष्प्रभाव बताइए।
उत्तर:
हरित क्रान्ति में अधिक रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग करने से मिट्टी की उर्वरकता कम हो गई।
प्रश्न 14.
वृहद् कृषि जोतों का आकार कितना होता है?
उत्तर:
वृहद् कृषि जोतों का आकार 10 हेक्टेयर से अधिक होता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कृषि भूमि मापने की मानक इकाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में कृषि भूमि को मापने की मानक इकाई 'हेक्टेयर' है। गाँवों में भूमि को मानने के लिए क्षेत्रीय इकाइयों, जैसे-बीघा, गुंठा आदि का प्रयोग भी किया जाता है, लेकिन मानक इकाई हेक्टेयर ही है। एक हेक्टेयर, 100 मीटर की भुजा वाले वर्ग के क्षेत्रफल के बराबर होता है।
प्रश्न 2.
भारत में सिंचाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में नलकूपों, नहरों, तालाबों तथा कुओं द्वारा सिंचाई की जाती है। भारत में सभी जगह सिंचाई की समान व्यवस्था नहीं है। देश के नदीय मैदानों तथा तटीय क्षेत्रों में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है। इसके विपरीत पठारी क्षेत्रों, जैसे- दक्षिणी पठार में सिंचाई कम होती है। आज भी देश के कुल कृषि क्षेत्र के लगभग आधे क्षेत्र में ही सिंचाई होती है। शेष क्षेत्र मुख्यतः वर्षा पर निर्भर है।
प्रश्न 3.
रासायनिक उर्वरकों से होने वाली हानियाँ बतलाइये।
उत्तर:
रासायनिक उर्वरकों से निम्न हानियाँ हैं-
प्रश्न 4.
ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न उत्पादन क्रियाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न उत्पादन क्रियाओं अथवा गतिविधियों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है- कृषि क्रियाएँ एवं गैर-कृषि उत्पादन क्रियाएँ । ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि मुख्य उत्पादन क्रिया है तथा गाँवों के लगभग तीन-चौथाई लोग कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के अतिरिक्त अन्य कई गैर-कृषि उत्पादन क्रियाएँ भी होती हैं जिनमें लगभग एक-चौथाई लोग कार्यरत हैं। इन क्रियाओं में मुख्य रूप से पशुपालन, लघुस्तरीय विनिर्माण कार्य, दुकानदारी, परिवहन, परम्परागत एवं कुटीर उद्योग आदि क्रियाएँ सम्मिलित हैं।
प्रश्न 5.
पालमपुर में बहुविध फसल प्रणाली को समझाइये।
उत्तर:
एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल पैदा करने को बहुविध फसल प्रणाली कहा जाता है। यह भूमि के किसी एक टुकड़े में उपज बढ़ाने की सबसे सामान्य प्रणाली है। पालमपुर में सभी किसान इस प्रणाली के अनुसार कम-से-कम दो मुख्य फसलें पैदा करते हैं। कई किसान तीसरी फसल के रूप में आलू भी पैदा कर रहे हैं।
प्रश्न 6.
भौतिक पूँजी के अन्तर्गत कौन-कौनसी मदों को सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर:
भौतिक पूँजी उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। भौतिक पूँजी को निम्न दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(1) स्थायी पूँजी-उत्पादन क्रिया में औजारों, मशीनों तथा भवनों का कई वर्षों तक प्रयोग किया जाता है, जिसे स्थायी पूँजी कहते हैं।
(2) कार्यशील पँजी-उत्पादन प्रक्रिया के अन्तर्गत कई प्रकार के कच्चे माल की आवश्यकता पड़ती है तथा व्यवसाय की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ नकद की आवश्यकता भी पड़ती है। अत: कच्चे माल एवं नकद को कार्यशील पूंजी कहा जाता है।
प्रश्न 7.
'हरित क्रान्ति' पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में कृषि में क्रान्तिकारी परिवर्तनों हेतु 1960 के दशक के मध्य में हरित क्रान्ति की नीति अपनाई गई। इस नीति में कृषि के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु कई आधुनिक विधियों को अपनाया गया। हरित क्रान्ति की सबसे महत्त्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि इसमें उच्च उत्पादकता वाले (एच.वाई.वी.) बीजों का उपयोग किया गया। इस नीति में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग में वृद्धि हुई, साथ ही सिंचाई सुविधाओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इन सबका कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
प्रश्न 8.
हरित क्रान्ति से क्षेत्रीय असमानता में वृद्धि हुई है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में हरित क्रान्ति के अन्तर्गत आधुनिक विधियों एवं कृषि आगतों का उपयोग किया जाता है। इनके उपयोग के लिए अधिक कार्यशील पूँजी की आवश्यकता होती है। इसलिए छोटे किसान इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसका लाभ बड़े किसानों ने ही उठाया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता बढ़ी है। धनी किसान और अधिक धनी हुए हैं और बेरोजगारी बढने से गरीब किसान और अधिक गरीब हुए हैं।
प्रश्न 9.
कृषि जोतों के आधार पर कृषि भूमि के वर्गीकरण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में कृषि जोतों के आधार पर कृषि जोतों को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है-
प्रश्न 10.
ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे कृषकों की विभिन्न समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश छोटे कृषक हैं. उनके सम्मख कई प्रकार की समस्याएँ हैं। इनमें निम्न मख्य हैं-
प्रश्न 11.
पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। इन परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कई सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा एवं शिक्षा सुविधाओं में काफी विस्तार हुआ। पिछले वर्षों में गाँवों में बिजली की पूर्ति में काफी विस्तार हुआ है, अब अधिकांश घरों में बिजली है तथा सिंचाई सुविधाओं में भी उल्लेखनीय विस्तार हुआ है, अब ज्यादातर कुओं पर बिजली से चालित नलकूप हैं । कृषि क्षेत्र में भी कई आधुनिक विधियों एवं आगतों का प्रयोग किया जाने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि क्रियाओं, जैसे-डेयरी, पशुपालन, लघुस्तरीय विनिर्माण कार्यों, दुकानदारों, परिवहन आदि का भी उल्लेखनीय विकास हुआ है जिससे गाँवों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्पादन के विभिन्न साधनों पर एक लेख लिखिए।
अथवा
वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन करने हेतु आवश्यक साधनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
उत्पादन-उत्पादन प्रक्रिया के अन्तर्गत विभिन्न आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है, जिससे लोगों की आवश्यकताओं को संतुष्ट किया जा सके।
उत्पादन के साधन-किसी वस्तु या सेवा का उत्पादन करने हेतु कई साधनों की आवश्यकता पड़ती है। मुख्य रूप से उत्पादन के साधनों को निम्न चार भागों में बाँटा जा सकता है-
(1) भूमि-किसी भी वस्तु या सेवा का उत्पादन करने हेतु भूमि सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है। बिना भूमि के किसी भी वस्तु का उत्पादन करना संभव नहीं है। इसके अन्तर्गत भूमि व अन्य प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, वन, खनिज आदि को भी सम्मिलित किया जाता है। भूमि उत्पादन का स्थिर साधन है।
(2) श्रम-श्रम उत्पादन का सक्रिय साधन है। उत्पादन करने हेतु श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। उत्पादन प्रक्रिया में कुशल एवं अकुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है।
(3) भौतिक पूँजी-पूँजी के बिना किसी भी वस्तु या सेवा का उत्पादन संभव नहीं है । भौतिक पूँजी को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-स्थायी पूँजी तथा कार्यशील पूँजी। स्थायी भौतिक पूँजी के अन्तर्गत वे मदें शामिल हैं जो कई वर्षों तक चलती हैं, जैसे-औजार, मशीनें, भवन इत्यादि। कार्यशील पूंजी के अन्तर्गत उत्पादन हेतु आवश्यक कच्चे माल एवं नकद को शामिल किया जाता है।
(4) मानव पूँजी अथवा साहसी-उत्पादन का सबसे महत्त्वपूर्ण साधन साहसी है जो उत्पादन के अन्य साधनों भूमि, श्रम एवं भौतिक पूँजी को एकत्रित कर उत्पादन करते हैं। अतः उत्पादन करने के लिए भूमि, श्रम और भौतिक पूँजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिए ज्ञान और उद्यम की आवश्यकता पड़ती है, इसे मानवीय पूँजी कहा जाता है।
प्रश्न 2.
भारत में कृषि के प्रमुख तथ्यों पर एक लेख लिखिए।
अथवा
गमीण अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की स्थिति को अग्र बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है-
(1) भूमि स्थिर है-ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि महत्त्वपूर्ण व्यवसाय है। किन्तु कृषि भूमि स्थिर है, इसमें आसानी से विस्तार नहीं किया जा सकता है। हाँ, कुछ बंजर भूमि को अवश्य कृषि योग्य बनाया जा सकता है।
(2) कृषि भूमि से अधिक पैदावार के तरीके-कई विधियों से कृषि भूमि पर अधिक पैदावार की जा सकती है। कृषि में बहुविध फसल प्रणाली एवं आधुनिक कृषि विधि, जिसमें अधिक उपज वाले बीजों, रासायनिक उर्वरक, कीटनाशकों तथा आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग शामिल है, द्वारा कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।
(3) आधुनिक कृषि विधि के नकारात्मक प्रभाव-कृषि में आधुनिक विधियों को अपनाने से कई नकारात्मक प्रभाव भी पड़े हैं। अधिक उर्वरक एवं कीटनाशकों के प्रयोग से भूमि की उर्वरकता कम हो गई तथा नलकूपों से सिंचाई से भू-जल का स्तर काफी कम हो गया।
(4) किसानों में भूमि का वितरण-देश में कृषि जोतों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-छोटी जोतें जिनका आकार 2 हेक्टेयर से कम है, मध्यम जोतें जिनका आकार 2 हेक्टेयर से ज्यादा किन्तु 10 हेक्टेयर से कम है तथा वृहद् जोतें जिनका आकार 10 हेक्टेयर से अधिक होता है। भारत में अधिकांश कृषकों के पास छोटी जोतें हैं।
(5) श्रम की व्यवस्था-ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी जोतों पर कृषक स्वयं कार्य करते हैं तथा मझोले एवं बड़े किसान अपने खेतों में काम करने के लिए दूसरे श्रमिकों को किराये पर लगाते हैं।
(6) खेतों के लिए आवश्यक पूँजी-वर्तमान में कृषि में आधुनिक विधियों के फलस्वरूप खेती में कार्यशील पूँजी की आवश्यकता बढ़ गई है। छोटे कृषकों की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती। अतः उन्हें कृषि हेतु कार कार्यशील पूंजी के लिए साहूकारों एवं व्यापारियों से ऋण लेना पड़ता है। मझोले एवं बड़े कृषकों को खेती से बचत प्राप्त होती है तथा वे इसमें से कार्यशील पूँजी की व्यवस्था कर लेते हैं।
(7) अधिशेष कृषि उत्पादों की बिक्री-प्रायः छोटे कृषकों के पास कृषि अधिशेष बहुत कम बचता है या बचता ही नहीं है जबकि मझोले एवं बड़े कृषकों के पास जो अधिशेष बचता है वे अपने निकट की मण्डियों तथा बाजारों में बेचते हैं।
प्रश्न 3.
पालमपुर गाँव की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पालमपुर गाँव की प्रमुख विशेषताएँ पालमपुर गाँव की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) मुख्य आर्थिक क्रिया-पालमपुर गाँव की मुख्य आर्थिक क्रिया कृषि है।
(2) कृषि भूमि का असमान वितरण-पालमपुर गाँव में कृषि भूमि का वितरण असमान है। पालमपुर गाँव में 450 परिवार रहते हैं जिनमें 150 परिवारों के पास कोई कृषि भूमि नहीं है। 240 परिवारों के पास 2 हैक्टेयर से कम कृषि भूमि है, 60 परिवारों के पास 2 हैक्टेयर से अधिक भूमि है तथा इनमें से कुछ परिवारों के पास 10 हैक्टेयर से भी अधिक भूमि है।
(3) कृषि में श्रम की स्थिति-छोटे कृषक अपनी भूमि पर स्वयं कार्य करते हैं, लेकिन बड़े और मझोले किसानों की भूमि पर भूमिहीन श्रमिक किराये पर कार्य करते हैं और मजदूरी प्राप्त करते हैं। यहाँ भूमिहीन श्रमिकों की स्थिति दयनीय है।
(4) कृषि के लिए आवश्यक पूँजी-छोटे किसान कृषि के लिए साहूकारों व व्यापारियों से ऋण लेते हैं, मझोले व बड़े किसान खेतों की बचत से पूँजी की व्यवस्था करते हैं। ये किसान ही कृषि अधिशेष की बिक्री करते हैं।
(5) अन्य आर्थिक क्रियायें-पालमपुर में कुछ गैर-कृषि आर्थिक क्रियायें भी हैं। ये हैं डेयरी व्यवसाय, लघुस्तरीय विनिर्माण कार्य तथा छोटे-छोटे दुकानदार, तांगे, बैलगाड़ी जैसे परिवहन के साधन आदि।
प्रश्न 4.
भारत में हरित क्रान्ति' पर लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत में 1960 के दशक से पूर्व परम्परागत विधि से कृषि की जाती थी जिससे उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों की कमी रहती थी। अतः देश में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु 1960 के दशक के मध्य में कई क्रान्तिपूर्ण कदम उठाए गए जिन्हें हरित क्रान्ति की संज्ञा दी गई।
हरित क्रान्ति के तहत उच्च उत्पादकता वाले एच.वाई.वी. बीजों, रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का उपयोग किया गया। इस नीति में सिंचाई साधनों को विकसित किया गया तथा कृषि में यन्त्रीकरण पर बल दिया गया। कृषि सम्बन्धी कार्यों को ट्रैक्टर, थ्रेसर आदि से सम्पन्न किया गया। अधिकांश कुओं पर विद्युत चालित मोटरों से सिंचाई की जाने लगी।
हरित क्रान्ति से फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता तेजी से बढ़ी जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ। हरित क्रान्ति का गेहूँ एवं चावल की फसल पर विशेष प्रभाव पड़ा। किन्तु इस नीति का लाभ बड़े किसानों तक ही सीमित रहा क्योंकि नवीन कृषि आगतों के प्रयोग हेतु अधिक पूँजी की आवश्यकता पड़ी।