RBSE Class 9 Social Science Important Questions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 9 Social Science Important Questions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

बहुविकल्पीय प्रश्न 

प्रश्न 1. 
देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है- 
(अ) सर्वोच्च न्यायालय 
(ब) राष्ट्रपति 
(स) प्रधानमंत्री 
(द) संसद 
उत्तर:
(द) संसद 

प्रश्न 2. 
विधायिका का काम है- 
(अ) कानूनों का निर्माण करना 
(ब) कानूनों को क्रियान्वित करना 
(स) कानूनों की व्याख्या करना 
(द) कार्यालय ज्ञापन जारी करना 
उत्तर:
(अ) कानूनों का निर्माण करना

प्रश्न 3. 
भारत में सरकार का वास्तविक प्रमुख होता है-
(अ) राष्ट्रपति 
(ब) प्रधानमंत्री 
(स) लोकसभा अध्यक्ष 
(द) राजा 
उत्तर:
(ब) प्रधानमंत्री 

प्रश्न 4. 
राजकाज से जुड़े अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं- 
(अ) संसद में 
(ब) लोकसभा की बैठकों में 
(स) मंत्रिमण्डल की बैठकों में 
(द) न्यायपालिका में 
उत्तर:
(स) मंत्रिमण्डल की बैठकों में 

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प्रश्न 5. 
भारत में निर्वाचित प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय सभा को कहा जाता है- 
(अ) विधानसभा 
(ब) मंत्रिमण्डल 
(स) मंत्रिपरिषद् 
(द) संसद 
उत्तर:
(द) संसद 

प्रश्न 6. 
भारत की तीनों सेनाओं का प्रधान सेनापति है- 
(अ) राष्ट्रपति 
(ब) प्रधानमंत्री 
(स) रक्षामंत्री 
(द) उपराष्ट्रपति 
उत्तर:
(अ) राष्ट्रपति 

प्रश्न 7. 
नागरिकों तथा सरकार के बीच विवाद को सुलझाता है- 
(अ) उच्च न्यायालय 
(ब) सत्र न्यायालय 
(स) सर्वोच्च न्यायालय 
(द) लोक सेवा आयोग 
उत्तर:
(स) सर्वोच्च न्यायालय 

प्रश्न 8. 
लोक सभा द्वारा पारित वित्त विधेयक को राज्य सभा रोक सकती है- 
(अ) 6 माह तक 
(ब) 14 दिन तक 
(स) 2 साल तक 
(द) एक माह तक 
उत्तर:
(ब) 14 दिन तक 

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प्रश्न 9. 
लोक सभा की कुल सदस्य संख्या है- 
(अ) 245 
(ब) 500 
(स) 545 
(द) 550 
उत्तर:
(स) 545

प्रश्न 10. 
भारत का राष्ट्राध्यक्ष होता है- 
(अ) राष्ट्रपति 
(ब) प्रधानमंत्री 
(स) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश 
(द) थल सेनाध्यक्ष 
उत्तर:
(अ) राष्ट्रपति 

प्रश्न 11. 
मंडल आयोग का अध्यक्ष थे- 
(अ) वी.पी. सिंह 
(ब) अटल बिहारी वाजपेयी 
(स) काका कालेलकर 
(द) बी.पी. मंडल 
उत्तर:
(द) बी.पी. मंडल 

प्रश्न 12. 
जहाँ नागरिक और सरकार के बीच के विवाद अन्ततः सुलझाये जाते हैं, वह संस्था है- 
(अ) लोक सभा 
(ब) राज्य सभा 
(स) सर्वोच्च न्यायालय 
(द) मंत्रिमण्डल 
उत्तर:
(स) सर्वोच्च न्यायालय 

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प्रश्न 13. 
मंत्रियों द्वारा किए गए फैसले को लागू करने के उपायों के लिए एक निकाय के रूप में जिम्मेदार होते हैं- 
(अ) नौकरशाह 
(ब) संसद सदस्य 
(स) न्यायाधीश 
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(अ) नौकरशाह 

प्रश्न 14. 
देश की न्यायिक प्रक्रिया को नियंत्रित करता है- 
(अ) राष्ट्रपति 
(ब) सर्वोच्च न्यायालय 
(स) एटॉर्नी जनरल 
(द) लोकसभा अध्यक्ष 
उत्तर:
(ब) सर्वोच्च न्यायालय 

प्रश्न 15. 
वित्त विधेयक पहले प्रस्तुत किया जाता है- 
(अ) राज्य सभा में 
(ब) विधानपरिषद में 
(स) लोकसभा में 
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(स) लोकसभा में  

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें- 

1. राष्ट्रीय स्तर पर भारत की सरकार को ............ की सरकार कहा जाता है। (राज्य/संघ) 
2. ........... में राष्ट्रपति और दो सदन—लोकसभा और राज्यसभा होते हैं। (संसद/कैबिनेट) 
3. ........... वह संस्था है जहाँ नागरिक और सरकार के बीच विवाद सुलझाये जाते हैं। (सर्वोच्च न्यायालय/संसद) 
4. कानून निर्माण का काम करने वाली संस्था को ........... कहते हैं। (न्यायपालिका/विधायिका) 
5. ............ मंत्रिपरिषद को नियंत्रित करती है। (राज्यसभा/लोकसभा)
उत्तर:
1. संघ 
2. संसद 
3. सर्वोच्च न्यायालय 
4. न्यायपालिका 
5. लोकसभा 

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निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये- 

1. जनता द्वारा खास अवधि तक के लिए निर्वाचित लोगों को राजनैतिक कार्यपालिका कहते हैं। 
2. भारत में राष्ट्रपति अपनी मर्जी से किसी को भी प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। 
3. राज्यमंत्री मंत्रिपरिषद के नाम पर फैसले करने के लिए बैठक करते हैं। 
4. भारत में जहाँ प्रधानमंत्री सरकार का प्रमख होता है, वहीं राष्ट्रपति राष्टाध्यक्ष होता है। 
5. भारत में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को संविधान की व्याख्या का अधिकार नहीं है। 
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. असत्य 
4. सत्य 
5. असत्य 

निम्न को सुमेलित कीजिए 

(अ) 

(ब)

1. सरकार का प्रमुख 

उपराष्ट्रपति 

2. राष्ट्र का प्रमुख

प्रधानमंत्री 

3. राज्यसभा का पदेन सभापति 

लोकसभा 

4. निम्न सदन 

राज्यसभा 

5. उच्च सदन

उपराष्ट्रपति 

उत्तर:

(अ) 

(ब)

1. सरकार का प्रमुख 

प्रधानमंत्री 

2. राष्ट्र का प्रमुख

राष्ट्रपति 

3. राज्यसभा का पदेन सभापति 

उपराष्ट्रपति 

4. निम्न सदन 

लोकसभा 

5. उच्च सदन

राज्यसभा 

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
संस्था से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
लोकतंत्र में सरकार के कार्यों तथा जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए जो व्यवस्थाएं की जाती हैं, उन्हें संस्था कहते हैं। 

प्रश्न 2. 
भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहाँ है? 
उत्तर:
देहली में। 

प्रश्न 3. 
भारत का राष्ट्राध्यक्ष कौन है? 
उत्तर:
राष्ट्रपति। 

प्रश्न 4. 
प्रधानमंत्री के लिए किस सदन के सदस्यों के बहुमत का समर्थन प्राप्त होना आवश्यक है? 
उत्तर:
लोकसभा के सदस्यों का। 

प्रश्न 5. 
मंत्रिपरिषद को संसद का कौनसा सदन नियंत्रित करता है? 
उत्तर:
लोकसभा। 

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प्रश्न 6. 
सरकारी निर्णय से उत्पन्न विवादों का निपटारा कौन करता है? 
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय। 

प्रश्न 7. 
देश की सभी अदालतों को किसका फैसला मान्य होता है? 
उत्तर:
सर्वोच्च न्यायालय का। 

प्रश्न 8. 
लोकतांत्रिक सरकारें संस्थाओं पर जोर क्यों देती हैं? 
उत्तर:
क्योंकि निर्णय लागू करने से पहले संस्थाओं में इन पर पूर्ण विचार-विमर्श किया जाता है, इसके कारण कोई गलत निर्णय लेने की संभावना नहीं रहती। 

प्रश्न 9. 
संसद क्या है? 
उत्तर:
भारत में चुने हुए प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय सभा, जो विधायिका का काम करती है, संसद कहलाती है। 

प्रश्न 10. 
संसद के कोई दो कार्य बताइये। 
उत्तर:

  • संसद नये कानून बनाती है, वर्तमान कानूनों में संशोधन करती है। 
  • यह मंत्रिमण्डल पर नियंत्रण रखती है। 

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प्रश्न 11. 
भारत में संसद के दो सदन कौन-से हैं? 
उत्तर:
भारत में संसद के दो सदन ये हैं-

  • लोकसभा (निम्न सदन) 
  • राज्य सभा (उच्च सदन)। 

प्रश्न 12. 
लोकसभा से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:

  • लोकसभा राष्ट्रीय स्तर पर जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने हुए प्रतिनिधियों से मिलकर बना सदन है। 
  • यह संसद का प्रथम तथा निम्न सदन है। 

प्रश्न 13. 
राज्य सभा से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:

  • राज्य सभा प्रान्तीय विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से मिलकर बना सदन है। 
  • यह संसद का उच्च सदन है। 

प्रश्न 14. 
राष्ट्रपति के निर्वाचन में कौन-कौन भाग लेते हैं? 
उत्तर:
राष्ट्रपति के निर्वाचन में संसद तथा राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं। 

प्रश्न 15. 
संसद के दोनों सदनों में कौन अधिक शक्तिशाली होता है? 
उत्तर:
हमारा संविधान यद्यपि राज्यसभा को राज्यों के ऊपर कुछ विशिष्ट शक्तियाँ प्रदान करता है, तथापि अधिकतर मामलों में लोकसभा ही अधिक शक्तिशाली है। 

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प्रश्न 16. 
सरकार किसे कहते हैं? 
उत्तर:
संस्थाओं का ऐसा समूह जिनके पास देश के लिए कानून बनाने, उन्हें लागू करने तथा उनकी व्याख्या करने का अधिकार होता है, सरकार कहलाता है। 

प्रश्न 17. 
गठबंधन सरकार किसे कहते हैं? 
उत्तर:
विधायिका में किसी एक दल को बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों से बनी सरकार को गठबंधन सरकार कहते हैं। 

प्रश्न 18. 
सरकार की तीन संस्थाओं के नाम लिखें। 
अथवा 
सरकार के तीनों अंगों के नाम लिखो। 
उत्तर:

  • विधायिका 
  • कार्यपालिका 
  • न्यायपालिका। 

प्रश्न 19. 
राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका में एक अन्तर बतायें। 
उत्तर:
राजनीतिक कार्यपालिका को एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है जबकि स्थायी कार्यपालिका को लम्बे समय के लिए नियुक्त किया जाता है। 

प्रश्न 20. 
कार्यपालिका को परिभाषित करें। 
उत्तर:
विधायिका द्वारा बनाए गये कानूनों तथा सरकार की नीतियों को जिस संस्था द्वारा क्रियान्वित किया जाता है, उसे कार्यपालिका कहते हैं। 

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प्रश्न 21. 
विधायिका से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:
जनप्रतिनिधियों की वह सभा जिसके पास देश के लिए विधि निर्माण करने, कर लगाने, बजट बनाने का अधिकार होता है, विधायिका कहलाती है। 

प्रश्न 22. 
कार्यालय ज्ञापन क्या है? 
उत्तर:
सक्षम अधिकारी द्वारा जारी पत्र जिसमें सरकार के फैसले या नीति के बारे में बताया जाता है, कार्यालय ज्ञापन कहलाता है। 

प्रश्न 23. 
प्रधानमंत्री की कार्य अवधि कितनी होती है? 
उत्तर:
साधारणतः भारत में प्रधानमंत्री का चुनाव 5 वर्ष के लिए होता है, परन्तु वह लोकसभा में बहुमत के समर्थन तक ही सत्ता में रह सकता है। 

प्रश्न 24. 
प्रधानमंत्री के दो कार्य लिखिये। 
उत्तर:
प्रधानमंत्री के दो प्रमुख कार्य हैं-

  • मंत्रिमंडल का निर्माण करना तथा 
  • मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता करना। 

प्रश्न 25. 
मंत्रिपरिषद में मंत्रियों के विभिन्न वर्ग कौन-कौन से होते हैं? 
उत्तर:
मंत्रिपरिषद में मंत्रियों के तीन वर्ग होते हैं। ये हैं-

  • केबिनेट स्तर के मंत्री, 
  • राज्य स्तर के मंत्री तथा 
  • उपमंत्री। 

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प्रश्न 26. 
अधिकांश देशों में संसदीय लोकतंत्र में सरकार को मंत्रिमण्डलीय क्यों कहा जाता है? 
उत्तर:
चूंकि संसदीय शासन प्रणाली में सरकार की नीतियों सम्बन्धी समस्त फैसले मंत्रिमण्डल की बैठकों में ही सामूहिक रूप से लिये जाते हैं; इसलिए इसे मंत्रिमण्डलीय सरकार कहा जाता है। 

प्रश्न 27. 
न्यायपालिका क्या होती है? 
उत्तर:
न्यायपालिका वह राजनैतिक संस्था है जिसके पास न्याय करने और कानूनी विवादों को निपटाने का अधिकार होता है। 

प्रश्न 28. 
भारत के सर्वोच्च न्यायालय की किन्हीं दो शक्तियों का उल्लेख करें। 
उत्तर:

  • सर्वोच्च न्यायालय मूल अधिकारों के संरक्षक का काम करता है। 
  • यह संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करता है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
धन विधेयक के सम्बन्ध में राज्य सभा की क्या शक्ति है? 
उत्तर:
धन विधेयक का आरंभ केवल लोकसभा में हो सकता है। लोकसभा से पारित करके इसे राज्यसभा में भेजा जाता है। राज्य सभा इसे अस्वीकार नहीं कर सकती, यह इसे केवल 14 दिन के लिए रोक सकती है अथवा इसमें संशोधन का सुझाव दे सकती है। यह लोकसभा का अधिकार है कि वह उन सुझावों को स्वीकार करे या अस्वीकार करे। 

प्रश्न 2. 
लोकसभा एवं राज्यसभा के सदस्यों को कौन निर्वाचित करता है? 
उत्तर:

  • लोकसभा के सदस्यों का निर्वाचन जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से आम चुनाव में किया जाता है। 
  • राज्य सभा के सदस्यों का निर्वाचन राज्यों की विधानसभाओं द्वारा किया जाता है। इसमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये जाते हैं जो कला, साहित्य, विज्ञान आदि के क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं। 

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प्रश्न 3. 
प्रधानमंत्री के कोई दो कार्य बताइये। 
उत्तर:
प्रधानमंत्री के दो कार्य अग्रलिखित हैं- 

  • प्रधानमंत्री मंत्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता करता है। सभी मंत्री उसके अधीन कार्य करते हैं। वह विभिन्न मंत्रियों के कार्यों में तालमेल बनाए रखता है। 
  • मंत्रियों के बीच कार्य का विवरण एवं पुनर्वितरण प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है। वह किसी भी मंत्री को अपने पद से हटा सकता है। 

प्रश्न 4. 
भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति किस तरह होती है? 
उत्तर:

  • भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल के नेता अथवा मिली-जुली पार्टियों के बहुमत प्राप्त नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है। 
  • यदि किसी दल या दलीय गठबंधन को लोकसभा में स्पष्ट बहमत प्राप्त नहीं होता तो राष्ट्रपति उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो उसकी दृष्टि में लोकसभा में बहुमत साबित कर सकता है। 

प्रश्न 5. 
गठबंधन की सरकार में प्रधानमंत्री के अधिकारों की समीक्षाओं का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
गठबंधन की सरकार में प्रधानमंत्री के अधिकार निम्न रूप में सीमित हो जाते हैं। 

  • गठबंधन सरकार का प्रधानमंत्री अपनी मर्जी से फैसले नहीं कर सकता। उसे अपनी पार्टी के भीतर विभिन्न समूहों, गुटों के साथ-साथ गठबंधन के साझीदार दलों के नेताओं की राय भी माननी होती है। 
  • उसे गठबंधन की साझीदार दूसरी पार्टियों के विचारों और स्थितियों को भी देखना होता है। 

प्रश्न 6. 
भारत के मंत्रिपरिषद् में कितने मंत्री हो सकते हैं तथा कितने प्रकार के मंत्री होते हैं? 
अथवा 
मंत्रिपरिषद् में मंत्रियों के कौन-से विभिन्न वर्ग होते हैं? 
उत्तर:
मंत्रिपरिषद् में मंत्रियों के प्रमुख वर्ग निम्न होते हैं- 

  • कैबिनेट मंत्री-ये शासक दल के सर्वोच्च स्तर के नेता होते हैं जिन्हें प्रमुख विभागों का प्रभार दिया जाता है। ये सभी कैबिनेट की बैठकों में भाग लेते हैं। 
  • राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)-ये प्रायः छोटे विभागों के प्रभारी होते हैं। ये आमंत्रित किये जाने पर कैबिनेट की बैठकों में भाग लेते हैं। 
  • राज्य मंत्री-ये कैबिनेट मंत्रियों की सहायता करते हैं। 
  • उपमंत्री-उपमंत्री की नियुक्ति भविष्य की जवाबदेहियों को देखते हुए प्रशिक्षण के उद्देश्य से की जाती है। 

प्रश्न 7. 
राष्ट्रपति की प्रधानमन्त्री की नियुक्ति सम्बन्धी विवेकाधिकार शक्ति का उल्लेख करें। 
उत्तर:
किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न होने पर, दलों के गठबंधन का नेता सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत करता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति अपने विवेक से निर्णय कर, उस नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकता है। इस सम्बन्ध में राष्ट्रपति यह देखता है कि वह एक स्थायी सरकार प्रदान कर सकता है। वह इसे एक नियत अवधि के अन्तर्गत लोकसभा में विश्वास अर्जित करने के लिए भी कह सकता है। 

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प्रश्न 8. 
जनहित याचिका क्या है? इसका क्या महत्त्व है? 
उत्तर:
जनहित याचिका-यदि सरकार के कार्यों द्वारा सार्वजनिक हित को नुकसान पहुँचता है, तो कोई भी व्यक्ति न्यायालय में याचिका प्रस्तुत कर सकता है। इसे जनहित याचिका कहते हैं। 

महत्त्व-(1) जनहित याचिका के माध्यम से सरकारी शक्तियों के दुरुपयोग को रोकने की पहल न्यायालय कर सकता है। 
(2) इसके माध्यम से न्यायालय सरकारी अधिकारियों के दुराचार पर रोक लगा सकता है। 

प्रश्न 9. 
राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता क्यों है? 
उत्तर:
राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता- 

  • निर्णय लेने के लिए लोगों के हित सम्बन्धी निर्णय लेने हेतु प्रत्येक लोकतांत्रिक देश को राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता होती है। ये संस्थाएँ जनहित के उद्देश्य से विभिन्न नीतियाँ व कार्यक्रम बनाती हैं। 
  • निर्णयों को क्रियान्वित करने हेतु-लिए गए निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिए भी इन राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता होती है। 
  • झगड़े निपटारे हेतु-विभिन्न संस्थाओं के बीच, नागरिकों के बीच, नागरिकों व संस्थाओं के बीच विवादों को निपटाने के लिए भी राजनीतिक संस्थाओं की आवश्यकता होती है। 

प्रश्न 10. 
भारत में काम कर रही विभिन्न संस्थाओं की भमिका का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
भारत में तीन संस्थाएँ प्रमुख हैं। ये हैं-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इनकी भूमिकाएँ निम्नलिखित हैं- 

  • विधायिका-देश में नये कानूनों का निर्माण करने, पुराने कानूनों में संशोधन करने या पुराने कानूनों को हटाकर नया कानून बनाने के लिए विधायिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 
  • कार्यपालिका-प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमण्डल अर्थात् राजनीतिक कार्यपालिका सभी महत्त्वपूर्ण नीतियों सम्बन्धी निर्णय लेती है तथा स्थायी कार्यपालिका अर्थात् नौकरशाह मंत्रियों द्वारा लिये गये निर्णयों को लागू करने के कदम उठाते हैं। 
  • न्यायपालिका-न्यायपालिका विभिन्न संस्थाओं, नागरिकों, नागरिकों व संस्थाओं के मध्य विवादों को सुलझाने का महत्त्वपूर्ण कार्य करती है। साथ ही वह संविधान व नागरिकों के मल अधिकारों की रक्षा का भी महत्त्वपूर्ण कार्य करती है। 

प्रश्न 11. 
भारतीय संसद के दोनों सदनों की शक्तियों, कार्यकाल तथा चुनाव की तुलना करें। 
उत्तर: 

विषय

लोकसभा

राज्य सभा

कार्यकाल

लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का है किन्तु इसकी अवधि समाप्त होने से पहले ही इसे भंग किया जा सकता है।

यह स्थायी सदन होता है। एक सदस्य 6 वर्ष तक रह सकता है।

शक्तियाँ 

यह अधिक शक्तिशाली होती है क्योंकि इसकी सदस्य संख्या अधिक है। वित्त पर इसका नियंत्रण है और कार्यपालिका इसके प्रति उत्तरदायी होती है।

यह कम शक्तिशाली होती है।

चुनाव

इसके सदस्यों का चुनाव जनता प्रत्यक्ष रूप से करती है।

इसके सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है।

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प्रश्न 12. 
'लोकसभा राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली होती है।' तीन कारण देते हुए व्याख्या करें। 
उत्तर:
लोकसभा निम्न कारणों से राज्यसभा से अधिक शक्तिशाली होती है- 

  • साधारण विधेयक-किसी भी साधारण विधेयक का दोनों सदनों द्वारा पारित होना आवश्यक होता है। लेकिन मतभेद की स्थिति में संयुक्त अधिवेशन में अधिक संख्या के आधार पर प्रायः लोकसभा का विचार पारित हो जाता है। 
  • धन विधेयक-वित्त विधेयक पहले केवल लोकसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। एक बार यदि लोकसभा धन सम्बन्धी कोई विधेयक पारित करके राज्य सभा में भेजती है तो राज्यसभा उसे अस्वीकार नहीं कर सकती। राज्य सभा उसे अपने पास 14 दिन के लिए ही रख सकती है। 
  • अविश्वास प्रस्ताव-यदि लोकसभा सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दे तो प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्रियों को त्यागपत्र देना होगा। राज्य सभा के पास यह शक्ति नहीं है। 

प्रश्न 13. 
लोकतांत्रिक देश में संसद का क्या महत्त्व है? 
उत्तर:
सभी लोकतांत्रिक देशों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की सभा लोगों की ओर से सर्वोच्च राजनैतिक सत्ता का प्रयोग करती है। ऐसी निर्वाचित राष्ट्रीय सभा को संसद कहा जाता है। अलग-अलग देशों में इसके अलग-अलग नाम हो सकते हैं। लोकतांत्रिक देश में संसद के महत्त्व को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है-

  • संसद देश में विधि निर्माण करने वाली सर्वोच्च सत्ता है। यह वर्तमान कानूनों को बदल सकती है। समाप्त कर सकती तथा पुराने कानूनों के स्थान पर नए कानून ला सकती है। 
  • यह सरकार चलाने वाले निकाय पर नियंत्रण करती है। 
  • यह सरकार के पास उपलब्ध धन को नियंत्रित करती है। 
  • यह देश में सार्वजनिक मुद्दों तथा राष्ट्रीय नीतियों पर परिचर्चा का सर्वोच्च मंच है। 
  • यह सरकार से किसी भी मामले में सूचना की माँग कर सकती है। 

प्रश्न 14. 
राजनैतिक कार्यपालिका तथा स्थायी कार्यपालिका में अन्तर स्पष्ट करें। 
उत्तर:
राजनैतिक कार्यपालिका तथा स्थायी कार्यपालिका 
राजनैतिक कार्यपालिका तथा स्थायी कार्यपालिका में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं- 

  • नियुक्ति सम्बन्धी अन्तर-राजनैतिक कार्यपालिका के सदस्य जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, जबकि स्थायी कार्यपालिका के सदस्य सरकारी अधिकारीगण होते हैं। इनकी नियुक्ति योग्यता के आधार पर प्रतियोगी साक्षात्कार के माध्यम से सरकार द्वारा होती है। 
  • कार्य सम्बन्धी अन्तर-राजनैतिक कार्यपालिका कानून तथा नीतियों का निर्माण करती है, जबकि स्थायी कार्यपालिका उन नीतियों को लागू करती है। 
  • अवधि या कार्यकाल सम्बन्धी अन्तर-राजनैतिक कार्यपालिका के सदस्य एक निश्चित अवधि के लिए जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, जबकि स्थायी कार्यपालिका के सदस्य अपनी सेवानिवृत्ति की आयु तक बने रहते हैं। 

प्रश्न 15. 
राजनैतिक कार्यपालिका के पास गैर-राजनैतिक कार्यपालिका से अधिक शक्ति क्यों होती है? 
उत्तर:
राजनैतिक कार्यपालिका के पास स्थायी कार्यपालिका से निम्न कारणों से अधिक शक्ति होती है- 

  • लोगों की इच्छा-राजनैतिक कार्यपालिका के सदस्य जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होते हैं, वे लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए स्थायी कार्यपालिका की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं। 
  • उत्तरदायित्व-सभी राजनैतिक कार्यपालिका के सदस्य अपने कार्यों के लिए जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं, जबकि स्थायी कार्यपालिका जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं होती है। 
  • व्यापक दृष्टिकोण-राजनैतिक कार्यपालिका के सदस्य जनहित सम्बन्धी व्यापक दृष्टिकोण से विचार करते हुए तत्सम्बन्धी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। 

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प्रश्न 16. 
शासन की राष्ट्रपति प्रणाली व संसदीय प्रणाली में अन्तर स्पष्ट कीजिये। 
उत्तर:
शासन की राष्ट्रपति प्रणाली एवं संसदीय प्रणाली में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं- 

  • राष्ट्रपति प्रणाली में कार्यपालिका का चुनाव जनता द्वारा निश्चित अवधि के लिए प्रत्यक्ष मतदान से किया जाता है, जबकि संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है। 
  • राष्ट्रपति प्रणाली में सत्ता में रहने के लिए कार्यपालिका को संसद के समर्थन की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि संसदीय प्रणाली में संसद के बहुमत के समर्थन की आवश्यकता होती है। 
  • राष्ट्रपति प्रणाली में राष्ट्र की नाममात्र की एवं वास्तविक कार्यपालिका दोनों एक ही होती हैं, जबकि संसदीय प्रणाली में ये दोनों अलग-अलग होती हैं। 
  • राष्ट्रपति प्रणाली में राष्ट्रपति की केन्द्रीय भूमिका होती है, जबकि संसदीय प्रणाली में प्रधानमंत्री की केन्द्रीय भूमिका होती है। 

प्रश्न 17. 
राष्ट्रपति अपने विवेक का प्रयोग कब और कैसे करता है? 
उत्तर:
जब किसी पार्टी या गठबंधन को लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं होता है तो राष्ट्रपति अपने विवेक से काम लेता है। इस स्थिति में वह ऐसे नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो उसकी राय में लोकसभा में बहुमत जुटा सकता है। ऐसे मामले में राष्ट्रपति नवनियुक्त प्रधानमंत्री से एक तय समय के भीतर लोकसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहता है। 

प्रश्न 18. 
राष्ट्रपति की शक्तियाँ कहाँ तक सीमित हैं? 
उत्तर:

  • राष्ट्रपति राष्ट्र का अध्यक्ष है, सरकार का मुखिया नहीं। राष्ट्रपति को प्राप्त शक्तियाँ केवल नाममात्र की शक्तियाँ हैं क्योंकि वह इनका इस्तेमाल प्रायः मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही करता है। 
  • राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद को अपनी सलाह पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है। लेकिन अगर वही सलाह उसे दोबारा मिलती है तो राष्ट्रपति उसे मानने के लिए बाध्य होता है। 
  • संसद द्वारा पारित कोई विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनता है। यदि राष्ट्रपति चाहे तो उसे कुछ समय के लिए रोक सकता है। वह विधेयक पर पुनर्विचार हेतु संसद को वापस भी भेज सकता है। लेकिन यदि संसद पुनः उस विधेयक को पारित कर राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज देती है, तो राष्ट्रपति को उस पर हस्ताक्षर करने ही होंगे। 

निबन्धात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
संसद के प्रमुख कार्य एवं शक्तियों की व्याख्या करें। 
उत्तर: 
संसद के कार्य एवं शक्तियाँ 
संसद के प्रमुख कार्य व शक्तियाँ निम्नलिखित हैं-
(1) विधायी शक्तियाँ-संसद संघ सूची और समवर्ती सूची में दिए गए सभी विषयों पर कानून बना सकती है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में वह राज्य सूची में दिए गए विषयों पर भी कानून बना सकती है। अवशिष्ट विषयों पर भी वह कानून बना सकती है। 

(2) वित्त पर नियंत्रण-संघीय सरकार का वार्षिक बजट संसद द्वारा पारित किया जाता है। संसद की स्वीकृति के बिना सरकार न कोई कर लगा सकती है और न ही कोई खर्च कर सकती है।

(3) कार्यपालिका पर नियंत्रण-संसद किसी मंत्रालय या सरकार के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पारित कर उसे त्यागपत्र देने के लिए कह सकती है। सरकार और उसके मंत्रियों पर नियंत्रण रखने के लिए वह संसद में विविध प्रकार के प्रश्न पूछकर मंत्रिमण्डल पर नियंत्रण रखती है। 

(4) चुनाव सम्बन्धी कार्य-संसद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, राज्य सभा के उपसभापति का चुनाव करती है। 

(5) अन्य कार्य-(i) संसद संविधान में संशोधन कर सकती है। 
(ii) संसद राष्ट्रपति की संकटकालीन घोषणा को स्वीकति प्रदान करती है। 
(iii) वह महाभियोग प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटा सकती है। 

RBSE Class 9 Social Science Important Questions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

प्रश्न 2. 
सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियों तथा कार्यों का विवेचन कीजिए। 
अथवा 
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकारों का विवेचन कीजिए। 
उत्तर: 
सर्वोच्च न्यायालय के कार्य व शक्तियाँ 
अथवा 
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार 
सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार एवं शक्तियों का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है- 
(1) प्रारंभिक क्षेत्राधिकार-प्रारंभिक क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत वे विवाद आते हैं जो सीधे ही सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किये जा सकते हैं। ये विवाद हैं-(i) देश के नागरिकों के बीच (ii) दो या उससे अधिक राज्य सरकारों के बीच (iii) नागरिक और सरकारों के बीच तथा (iv) केन्द्र और राज्य सरकार के बीच। 

(2) अपीलीय क्षेत्राधिकार-सर्वोच्च न्यायालय फौजदारी तथा दीवानी मामलों में अपील के लिए सर्वोच्च संस्था है। यह उच्च न्यायालयों के निर्णयों के विरुद्ध अपील की सुनवाई कर सकता है। 

(3) परामर्श सम्बन्धी क्षेत्राधिकार-राष्ट्रपति को उच्चतम न्यायालय से कानून सम्बन्धी परामर्श लेने का अधिकार प्राप्त है, परन्तु राष्ट्रपति इसके द्वारा दिए गए परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है। 

(4) संविधान का संरक्षक सर्वोच्च न्यायालय संविधान के संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है। यदि संसद कोई ऐसा कानून पारित करती है या सरकार कोई ऐसा आदेश जारी करती है, जो संविधान की उल्लंघना करता हो तो सर्वोच्च न्यायालय उसे असंवैधानिक घोषित कर सकती है। 

(5) मौलिक अधिकारों का संरक्षक-सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में कार्य करता है। यदि किसी नागरिक के अधिकारों पर सरकार या किसी व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण किया जाए, तो वह सर्वोच्च न्यायालय से संरक्षण मांग सकता है। 

प्रश्न 3. 
न्यायपालिका की स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं? भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को किस प्रकार सुनिश्चित किया गया है? 
उत्तर:
न्यायपालिका की स्वतंत्रता-न्यायपालिका की स्वतंत्रता से आशय है कि न्यायपालिका किसी व्यक्ति अथवा संस्था अर्थात् कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के प्रभाव या नियंत्रण में नहीं होगी। न्यायाधीश अपने निर्णय स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर प्रदान करेंगे। 

भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता 
भारत में न्यायपालिका की स्वतंत्रता को निम्न प्रकार सुनिश्चित किया गया है-
(1) न्यायाधीशों की नियुक्ति-सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों की सलाह पर की जाती है। 

(2) कार्यकाल की सुरक्षा अथवा पद से हटाना-उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु तक और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। उन्हें केवल दुराचार या अयोग्यता के आधार पर संसद महाभियोग का प्रस्ताव पारित करके ही इस आयु से पूर्व हटा सकती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि न्यायाधीशों के कार्यकाल को सुनिश्चित करके न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित किया गया है। 

(3) न्यायपालिका के अधिकार-भारतीय न्यायपालिका के अधिकार एवं स्वतन्त्रता उसे मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं। 

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प्रश्न 4. 
भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है? प्रधानमंत्री की प्रमुख शक्तियों तथा कार्यों का वर्णन करें। 
उत्तर:
भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति-भारत में प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल के नेता या मिली-जुली पार्टियों के बहुमत प्राप्त नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है। 

भारत के प्रधानमंत्री की शक्तियाँ तथा कार्य 
भारत के प्रधानमंत्री की प्रमुख शक्तियाँ तथा कार्य निम्नलिखित हैं- 
(1) मंत्रिमण्डल का गठन-प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। प्रधानमंत्री ही उन्हें विभिन्न मंत्रालय प्रदान करता है अर्थात् उन्हें विभाग प्रदान करता है। वह चाहे जब मंत्रिमण्डल में फेरबदल कर सकता है। यदि वह किसी मंत्री के कार्य से संतुष्ट न हो, तो वह उसे त्यागपत्र देने के लिए कह सकता है। 

(2) मंत्रिमण्डल और राष्ट्रपति के मध्य कड़ी-प्रधानमंत्री मंत्रिमण्डल और राष्ट्रपति के मध्य कड़ी का काम करता है। वह मंत्रिमण्डल के निर्णयों की जानकारी तथा सरकार के अन्य सभी कार्यों की जानकारी राष्ट्रपति को देता है। 

(3) लोकसभा, दल तथा राष्ट्र का नेता-प्रधानमंत्री लोक सभा का नेता होता है । वह लोकसभा में सरकार की नीतियों का अधिकारिक अधिवक्ता होता है। अपने दल की नीति निर्धारण में उसकी प्रमुख भूमिका होती है। प्रधानमंत्री अन्तर्राष्ट्रीय जगत में राष्ट्र का नेतृत्व करता है। वह राष्ट्र का नेता होता है। देश की जनता उसके विचारों को ध्यानपूर्वक सुनती है। 

(4) प्रमुख नीति का निर्धारक-प्रधानमंत्री विदेश नीति के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह देश की आन्तरिक या बाह्य नीतियों का भी निर्धारण करता है। 

प्रश्न 5. 
राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियों और अधिकारों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर: 
राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियाँ और अधिकार 
राष्ट्रपति की प्रमुख शक्तियाँ व अधिकार निम्नलिखित हैं- 
(1) कार्यपालिका सम्बन्धी शक्तियाँ-राष्ट्रपति देश का मुखिया होता है। देश का प्रशासन उसी के नाम पर चलाया जाता है। सभी निर्देश उसी के नाम पर जारी होते हैं। 

वह प्रधानमंत्री को नियुक्त करता है। उसे लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करना होता है। लेकिन जब किसी पार्टी या गठबंधन को लोकसभा में बहुमत हासिल नहीं होता तो राष्ट्रपति अपने विवेक से काम लेता है और वह ऐसे नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है जो उसकी राय में लोकसभा में बहुमत जुटा सकता है। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है। वह उन्हें पद तथा गोपनीयता की शपथ दिलवाता है। आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री तथा अन्य मंत्री अपना त्यागपत्र उसे सौंपते हैं। दूसरे, सभी प्रमुख नियुक्तियाँ राष्ट्रपति के नाम पर ही होती हैं। वह भारत के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और दूसरे देशों के राजदूतों आदि को नियुक्त करता है। सभी अन्तर्राष्ट्रीय संधियाँ और समझौते उसी के नाम से होते हैं। भारत के रक्षा बलों का सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति ही होता है। लेकिन राष्ट्रपति अपने इन अधिकारों का प्रयोग मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही करता है। वह मंत्रिपरिषद की सलाह पर पुनर्विचार के लिए कह सकता है। लेकिन यदि वही सलाह दोबारा उसे मिलती है तो वह उसे मानने के लिए बाध्य होता है। 

(2) विधायिका सम्बन्धी शक्तियाँ-राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के अधिवेशन बुलाता है। वह दोनों सदनों के संयुक्त सत्र के लिए निर्देश देता है। वह प्रधानमंत्री के परामर्श पर लोकसभा को अवधि समाप्त होने से पहले ही भंग कर सकता है। राज्य सभा के 12 सदस्यों को वह मनोनीत करता है। किसी भी विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति आवश्यक है। वह किसी विधेयक को पुनर्विचार के लिए एक बार संसद के पास लौटा सकता है। 

(3) परामर्श सम्बन्धी अधिकार-राष्ट्रपति संविधान के किसी अनुच्छेद के सम्बन्ध में न्यायपालिका सं परामर्श मांग सकता है। लेकिन राष्ट्रपति के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह न्यायपालिका के परामर्श को स्वीकार करे या न करे। 

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Last Updated on May 26, 2022, 5:23 p.m.
Published May 26, 2022