RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 9 परिमेय संख्याएँ

These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 9 परिमेय संख्याएँ will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Maths in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 7. Students can also read RBSE Class 7 Maths Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 7 Maths Notes to understand and remember the concepts easily. Students can access the data handling class 7 extra questions with answers and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 7 Maths Chapter 9 Notes परिमेय संख्याएँ

→ ऐसी संख्याएँ जिनको \(\frac{p}{q}\), के रूप में व्यक्त किया जा सके, जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 है, परिमेय संख्या कहते हैं। उदाहरण– \(\frac{2}{7}\), \(\frac{3}{8}\), 3 इत्यादि । 

→ सभी प्राकृत संख्याएँ, पूर्णांक और भिन्न परिमेय संख्याएँ हैं।

→ यदि किसी परिमेय संख्या के अंश और हर को एक ही शून्येतर (शून्य के अलावा) पूर्णांक से गुणा किया जाए या भाग दिया जाए, तो हमें एक परिमेय संख्या प्राप्त होती है जो दी हुई परिमेय संख्या के समतुल्य परिमेय संख्या कही जाती है।

→ परिमेय संख्याएँ धनात्मक और ऋणात्मक हो सकती हैं। जब अंश और हर दोनों ही या तो धनात्मक पूर्णांक हों या ऋणात्मक पूर्णांक हों, तो वह परिमेय संख्या धनात्मक परिमेय संख्या कहलाती है।

→ जब अंश या हर में से एक ऋणात्मक पूर्णांक हो, तो वह परिमेय संख्या एक ऋणात्मक परिमेय संख्या कहलाती है। उदाहरणार्थ, \(\frac{3}{8}\) तथा \(\frac{-8}{9}\)

→ 0 (शून्य) न तो एक धनात्मक परिमेय संख्या है और न ही ऋणात्मक परिमेय संख्या है। 

→ एक परिमेय संख्या को अपने मानक रूप में तब माना जाता है, जब उसका हर धनात्मक पूर्णांक हो तथा अंश और हर में 1 के अतिरिक्त कोई सार्व गुणनखण्ड न हो। 

RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 9 परिमेय संख्याएँ

→ दो परिमेय संख्याओं के बीच असीमित परिमेय संख्याएँ होती हैं।

→ समान हर वाली दो परिमेय संख्याओं का योग ज्ञात करने के लिए, उनके अंशों को जोड़ा जा सकता है तथा हर वही रख कर योग ज्ञात किया जा सकता है।

→ भिन्न-भिन्न हरों वाली दो परिमेय संख्याओं को जोड़ने के लिए, पहले दोनों हरों का ल.स. ज्ञात किया जाता है और फिर दोनों परिमेय संख्याओं को ल.स. के बराबर समान हर वाली दो समतुल्य परिमेय संख्याओं में बदल कर जोड़ लिया जाता है।

→ दो परिमेय संख्याओं का व्यवकलन करने के लिए हम घटाई जाने वाली परिमेय संख्या के योज्य प्रतिलोम को अन्य परिमेय संख्या में जोड़ते हैं। 

→ दो परिमेय संख्याओं का गुणा करने के लिए, हम इन संख्याओं के अंशों तथा हरों को अलग-अलग करते हैं और फिर गुणनफल का 
RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 9 परिमेय संख्याएँ 1
के रूप में लिखते हैं।

→ एक परिमेय संख्या को किसी अन्य शून्येतर परिमेय संख्या से भाग देने के लिए, हम पहली परिमेय संख्या को अन्य परिमेय संख्या के व्युत्क्रम से गुणा करते हैं।

Prasanna
Last Updated on May 31, 2022, 4:42 p.m.
Published May 31, 2022