These comprehensive RBSE Class 7 Maths Notes Chapter 12 बीजीय व्यंजक will give a brief overview of all the concepts.
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→ चरों (variables) और अचरों (constants) से बीजीय व्यंजक बनते हैं। व्यंजकों को बनाने के लिए, हम चरों और अचरों पर योग, व्यवकलन, गुणन और विभाजन की संक्रियाएँ करते हैं।
→ व्यंजक पदों से मिलकर बनते हैं। व्यंजकों को बनाने के लिए पदों को जोड़ा जाता है।
→ एक पद, गुणनखण्डों का एक गुणनफल होता है।
→ चरों वाले गुणनखण्ड बीजीय गुणनखण्ड कहलाते हैं।
→ पद का गुणांक उसका संख्यात्मक गुणनखण्ड होता है। कभी-कभी पद का कोई भी एक गुणनखण्ड पद के शेष भाग का गुणांक कहलाता है।
→ वे पद जिनमें बीजीय गुणनखण्ड एक जैसे हों, समान पद कहलाते हैं तथा भिन्न-भिन्न बीजीय गुणनखण्डों वाले पद असमान पद कहलाते हैं।
→ एक पद वाला व्यंजक एकपदी, दो पदों वाला व्यंजक द्विपद तथा तीन पदों वाला व्यंजक त्रिपद कहलाता है। व्यापक रूप में एक या अधिक पदों वाला व्यंजक एक बहुपद कहलाता है।
→ दो समान पदों का योग (या अन्तर) एक अन्य समान पद होता है, जिसका गुणांक उन समान पदों के गुणांकों के योग (या अन्तर) के बराबर होता है।
→ जब हम दो बीजीय व्यंजकों को जोड़ते हैं, तो समान पदों को, ऊपर वर्णित नियम के अनुसार जोड़ा जाता है; जो समान पद नहीं हैं उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जाता है।
→ एक समीकरण को हल करने और किसी सूत्र का प्रयोग करने जैसी स्थितियों में, हमें एक व्यंजक का मान ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। बीजीय व्यंजक का मान उन चरों के मानों पर निर्भर करता है, जिनसे वह बनाया गया है।
→ व्यंजकों का मान ज्ञात करते समय मान चिह्न सहित रखना चाहिए।
→ गणित में, बीजीय व्यंजकों का प्रयोग करते हए नियमों और सत्रों को संक्षिप्त और व्यापक रूप में लिखा जाता है। जैसे - आयत का क्षेत्रफल = lb, है, जहाँ l आयत की लम्बाई तथा b आयत की चौड़ाई है।
→ एक संख्या पैटर्न (या अनुक्रम) का व्यापक (nवाँ) पद, n में एक व्यंजक होता है। इस प्रकार, संख्या पैटर्न 11, 21, 31, 41, ....... का nवाँ पद (10n + 1) होगा।