RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें Important Questions and Answers.

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 11 इमारतें, चित्र तथा किताबें


बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
महरौली (दिल्ली) स्थित लौह - स्तंभ में किस शासक के नाम का उल्लेख है? 
(अ) सूरज 
(ब) समुद्र
(स) चन्द्र
(द) तारा
उत्तर:
(स) चन्द्र

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प्रश्न 2. 
मन्दिरों में मुख्य देवी - देवता की मूर्ति को किस स्थान पर रखा जाता है? 
(अ) मण्डप 
(ब) शिखर
(स) बाह्य परिसर 
(द) गर्भगृह 
उत्तर:
(द) गर्भगृह

प्रश्न 3. 
सांची का महान् स्तूप किस राज्य में स्थित है?
(अ) मध्यप्रदेश 
(ब) महाराष्ट्र
(स) बिहार 
(द) कर्नाटक 
उत्तर:
(अ) मध्यप्रदेश 

प्रश्न 4. 
तमिल महाकाव्य 'सिलप्पदिकारम' के रचयिता कौन थे?
(अ) इलांगो 
(ब) सत्तनार
(स) अलप्पा 
(द) इल्लै
उत्तर:
(अ) इलांगो 

प्रश्न 5. 
संस्कृत रामायण के लेखक कौन माने जाते हैं?
(अ) व्यास 
(ब) वाल्मीकि
(स) तुलसीदास 
(द) विवेकानन्द 
उत्तर:
(ब) वाल्मीकि

प्रश्न 6. 
निम्न में से प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक कौनसे हैं?
(अ) चरक 
(ब) ब्रह्मगुप्त
(स) सुश्रुत 
(द) सुषेण 
उत्तर:
(स) सुश्रुत 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ................ कांस्य युग से जुड़े थे। 
उत्तर:
हड़प्पावासी

2. महरीली स्थित लौह स्तंभ का निर्माण ................ पहले हुआ। 
उत्तर:
1500 साल

3. कालिदास ................ में लिखते थे।
उत्तर:
संस्कृत

4. दो संस्कृत महाकाव्य ................ और ................ लंबे अर्से से लोकप्रिय रहे हैं। 
उत्तर:
महाभारत, रामायण

5.............. औषधिशास्त्र की एक उल्लेखनीय पुस्तक है।
उत्तर:
चरकसंहिता। 

सत्य/असत्य बताइये

1. महरौली स्थित लौह स्तंभ में अब जंग लगने लगी है। 
उत्तर:
असत्य

2. प्रायः सभी स्तूपों के भीतर एक छोटा सा डिव्या रखा रहता है।
उत्तर:
सत्य

3. भितरगाँव का आरंभिक मन्दिर मध्यप्रदेश में स्थित है। 
उत्तर:
असत्य

4. प्राचीनकाल में खोदी गई अधिकतर गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं के लिए बनाये गये विहार थे।
उत्तर:
सत्य

5. अधिकतर पुराण कठिन संस्कृत श्लोक में लिखे गये हैं। 
उत्तर:
असत्य। 

सही मिलान कीजिये

I

II

1. अमरावती

(अ) 1400 साल पहले

2. कालिदास

(ब) 1600 साल पहले

3. अजंता की चित्रकारी

(स) 2000 साल पहले

4. ऐहोल का दुर्गा मंदिर

(द) 1500 साल पहले


उत्तर:

I

II

1. अमरावती

(स) 2000 साल पहले

2. कालिदास

(ब) 1600 साल पहले

3. अजंता की चित्रकारी

(द) 1500 साल पहले

4. ऐहोल का दुर्गा मंदिर

(अ) 1400 साल पहले


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्राचीन भारत में किस किस्म का लोहा निर्मित किया जाता था? 
उत्तर:
प्राचीन भारत में अत्यन्त विकसित किस्म के लोहे का निर्माण किया जाता था-खोया लोहा, पिटवां लोहा, ढलवां लोहा। 

प्रश्न 2. 
लौह स्तंभ कहाँ स्थित है? 
उत्तर:
लौह स्तंभ महरौली (दिल्ली) में कुतुबमीनार के परिसर में स्थित है। 

प्रश्न 3. 
स्तूप का शाब्दिक अर्थ बताइये। 
उत्तर:
स्तूप का शाब्दिक अर्थ है - टीला। 

प्रश्न 4. 
स्तूपों में क्या समानता होती है? 
उत्तर:
प्रायः सभी स्तूपों के भीतर एक छोटा - सा डिब्बा रखा रहता है। 

प्रश्न 5. 
प्रदक्षिणा पथ किसे कहते हैं? 
उत्तर:
प्रायः स्तूपों के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक वृत्ताकार पथ बना होता था, जिसे प्रदक्षिणा पथ कहते हैं।

प्रश्न 6. 
गुफाओं को किससे सजाया जाता था? 
उत्तर:
गुफाओं को मूर्तियों तथा चित्रों द्वारा सजाया जाता था।

प्रश्न 7. 
आरंभिक हिन्दु मन्दिरों में किन देवी - देवताओं की पूजा होती थी?
उत्तर:
आरंभिक हिन्दु मन्दिरों में विष्णु, शिव तथा दुर्गा जैसे देवी - देवताओं की पूजा होती थी। 

प्रश्न 8. 
गर्भगृह से आपका क्या आशय है? 
उत्तर:
गर्भगृह मंदिरों का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। इस स्थान पर मुख्य देवी या देवता की मूर्ति को रखा जाता है। 

प्रश्न 9. 
शिखर किसे कहते हैं? 
उत्तर:
मंदिरों में गर्भगृह के ऊपर काफी ऊंचाई तक किए गए निर्माण को शिखर कहते हैं। 

प्रश्न 10. 
भितरगाँव का आरंभिक मन्दिर कब एवं किस प्रकार बनाया गया था? 
उत्तर:
भितरगाँव का आरंभिक मन्दिर लगभग 1500 वर्ष पहले पक्की ईटों एवं पत्थरों से बनाया गया था। 

प्रश्न 11. 
महाबलिपुरम् के प्राचीन मन्दिरों को एकाश्म क्यों कहा गया है? 
उत्तर:
महाबलिपुरम् के प्राचीन एकाश्मिक मन्दिर में प्रत्येक मन्दिर एक ही विशाल पहाड़ी को तराश कर बनाया गया है। अतः इन्हें एकाश्म कहा गया है। 

प्रश्न 12. 
ऐहोल का दुर्गा मन्दिर कितने वर्ष पहले बनाया गया था? 
उत्तर:
ऐहोल का दुर्गा मन्दिर लगभग 1400 वर्ष पहले बनाया गया था। 

प्रश्न 13. 
स्तूप तथा मन्दिर सामान्यत: कौन बनवाया करते थे? 
उत्तर:
स्तूप तथा मन्दिर सामान्यतः राजा या रानी बनवाया करते थे। 

प्रश्न 14. 
अजंता की गुफाओं के चित्रों के रंग किन चीजों से बनाये गये थे? 
उत्तर:
ये रंग पौधों तथा खनिजों से बनाये गये थे। 

प्रश्न 15. 
तमिल महाकाव्य 'मणिमेखलाई' की रचना किसने की थी? 
उत्तर:
तमिल महाकाव्य 'मणिमेखलाई' के रचयिता सत्तनार थे। 

प्रश्न 16. 
कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना का नाम बताइये। 
उत्तर:
कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना का नाम 'मेघदूत' है।

प्रश्न 17. 
दो संस्कृत महाकाव्यों के नाम बताइये। 
उत्तर:

  • महाभारत 
  • रामायण। 

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प्रश्न 18. 
प्राचीनकाल में आम लोगों की कहानियाँ प्रायः किस रूप में होती थी?
उत्तर:
प्राचीनकाल में आम लोगों की कहानियाँ प्राय: जातक तथा पंचतंत्र की कहानियों के रूप में होती थीं। 

प्रश्न 19. 
जातक कथाएँ अक्सर किस रूप में दर्शायी जाती थी?
उत्तर:
जातक कथाएँ अक्सर स्तूपों की रेलिंग तथा अजंता के चित्रों में दर्शायी जाती थीं। 

प्रश्न 20. 
प्राचीन भारत के किन्हीं चार गणितज्ञ तथा खगोलवेत्ताओं के नाम बताइये। 
उत्तर:

  • आर्यभट्ट 
  • वराहमिहिर 
  • ब्रह्मगुप्त 
  • भास्कराचार्य। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्राचीन भारतीय धात विज्ञान के बारे में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
प्राचीन भारतीय पातु विज्ञान बहुत उन्नत था। प्राचीन भारतीय धातु वैज्ञानिकों ने विश्व धातुविज्ञान के क्षेत्र में प्रमुख योगदान दिया है। हड़प्पावासी कुशल शिल्पी थे और उन्हें तांबे के धातुकर्म (धातुशोधन) की जानकारी थी। उन्होंने तांबे और टिन को मिलाकर कांसा भी बनाया था। जहाँ हड़प्पावासी कांस्य युग से जुड़े थे वहीं उनके उत्तराधिकारी लौह युग से संबद्ध थे। भारत में अत्यंत विकसित किस्म के लोहे का निर्माण किया जाता था:

  • खोय लोहा 
  • पिटवा लोहा 
  • दलवां लोहा। 

प्रश्न 2. 
महरौली स्थित लौह स्तंभ की प्रमुख विशेषताएँ बताइये। 
उत्तर:
महरौली स्थित लौह स्तंभ की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. महरौली (दिल्ली) स्थित लौह स्तंभ भारतीय शिल्पकारों की कुशलता का एक अद्भुत उदाहरण है। 
  2. इसकी ऊँचाई 7.2 मीटर और वजन 3 टन से भी ज्यादा है। 
  3. इसका निर्माण लगभग 1500 साल पहले हुआ। 
  4. इसमें 'चन्द्र' नाम के एक शासक का जिक्र है जो संभवत: गुप्त वंश के थे। 
  5. इतने वर्षों के बाद भी इसमें जंग नहीं लगा है। 

प्रश्न 3. 
धातु - मंजूषा किसे कहते हैं? इसके भीतर क्या रखा रहता है? 
उत्तर:
धातु - मंजूषा: प्राय: सभी स्तूपों के भीतर धातु का एक छोटा - सा डिव्या रखा रहता है, इसे धातु मंजूषा कहते है।  धातु - मंजूषा के भीतर बुद्ध या उनके अनुयायियों के शरीर के अवशेष, यथा - दाँत, हट्टी या राख - अथवा उनके द्वारा प्रयुक्त कोई चीज या कोई कीमती पत्थर अथवा सिक्के रखे रहते है। 

प्रश्न 4. 
साँची के स्तूप के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
साँची का महान स्तूप वर्तमान मध्यप्रदेश में स्थित है। यह तत्कालीन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इस तरह के स्तूपों का निर्माण कई सौ सालों तक चलता रहा। इस स्तूप में ईंटों का प्रयोग संभवता: अशोक के जमाने का है, जबकि रेलिंग और प्रवेशद्वार बाद के शासकों के काल में जोड़े गए। 

प्रश्न 5. 
ईंटों से बनाये जाने वाले मन्दिरों तथा चट्टान तराश कर बनाये जाने वाले मन्दिरों में क्या मुख्य अन्तर हैं? 
उत्तर:
ईटों से बनाये जाने वाले मन्दिरों में नीचे सेटों की एक-एक तह जोड़ते हुए उसे ऊपर की ओर ले जाते हैं, जबकि चट्टान तराश कर बनाए जाने वाले मंदिरों को पत्थर काटने वाले ऊपर से नीचे के क्रम में बनाते हैं। 

प्रश्न 6. 
अजंता की गुफाओं के चित्रों की प्रमुख विशेषताएँ बताइये। 
उत्तर:
अजंता की गुफाओं के चित्रों की विशेषताएँ:

  1. अजंता की गुफाओं के अंदर अंधेरा होने की वजह से, अधिकांश चित्र मशालों की रोशनी में बनाए गए थे। 
  2. इन चित्रों के रंग 1500 साल बाद भी चमकदार है। 
  3. ये रंग पौधों तथा खनिजों से बनाए गए थे। 
  4. इन महान कृतियों को बनाने वाले कलाकार अज्ञात हैं। 

प्रश्न 7.
'महाभारत' महाकाव्य के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
'महाभारत' संस्कृत का एक लोकप्रिय महाकाव्य है। महाभारत कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की कहानी है। इस युद्ध का उद्देश्य पुरु-वंश की राजधानी हस्तिनापुर की गद्दी प्राप्त करना था। यह कहानी बहुत पुरानी है, लेकिन आज प्रचलित लिखित महाभारत लगभग 1500 साल पहले लिखी गई। माना जाता है कि महाभारत को व्यास नाम के ऋषि ने संकलित किया था। महाभारत में ही भगवद् गीता संकलित है। 

प्रश्न 8. 
रामायण के बारे में आप क्या जानते हैं? संक्षिप्त में बताइये। 
उत्तर:
रामायण:

  1. रामायण संस्कृत का एक लोकप्रिय महाकाव्य है। 
  2. वाल्मीकि इसके लेखक माने जाते हैं। 
  3. रामायण की कथा कोसल के राजकुमार राम के बारे में है। उनके पिता ने उन्हें वनवास दे दिया था। वन में उसकी पत्नी सीता का लंका के राजा रावण ने अपहरण कर लिया था। सीता को वापस पाने के लिए राम को लड़ाई लड़नी पड़ी। अन्त में वे विजयी होकर कोसल की राजधानी अयोध्या लौटे। 
  4. महाभारत की तरह ही रामायण भी एक प्राचीन कहानी है, जिसे बाद में लिखित रूप दिया गया।

प्रश्न 9. 
गणित एवं विज्ञान के क्षेत्र में आर्यभट्ट के योगदान का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
गणित एवं विज्ञान के क्षेत्र में आर्यभट्ट का योगदान:

  1. आर्यभट्ट ने आर्यभट्टीवम नामक पुस्तक में लिखा कि दिन और रात पृथ्वी के अपनी धुरी पर चक्कर काटने की वजह से होते हैं, जबकि लगता है कि रोज सूर्य निकलता है और डूबता है। 
  2. उन्होंने ग्रहण के बारे में भी एक वैज्ञानिक तर्क दिया। 
  3. उन्होंने वृत्त की परिधि को मापने की भी विधि बतलायी, जो लगभग उत्तनी ही सही है, जितनी कि आज प्रयुक्त होने वाली विधि। 

प्रश्न 10. 
आयुर्वेद क्या है? दो प्रसिद्ध प्राचीन आयुर्वेद चिकित्सकों के बारे में बताइये। 
उत्तर:
आयुर्वेद: आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान की एक विख्यात पद्धति है जो प्राचीन भारत में विकसित हुई। प्राचीन भारत में आयुर्वेद के दो प्रसिद्ध चिकित्सक थे:

  1. चरक (प्रथम - द्वितीय शताब्दी ईस्वी): चरक द्वारा रचित चरकसंहिता औषधिशास्व की एक उल्लेखनीय पुस्तक आता सला है।
  2. सुश्रुत (चौथी शताब्दी ईस्वी): अपनी रचना सुश्रुतसंहिता में सवत ने शल्य चिकित्सा की विधियों का विस्तृत वर्णन किया है। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
स्तूप क्या होते हैं? वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
स्तूप: स्तूप का शाब्दिक अर्थ टीला होता है। स्तूप विभिन्न आकार के होते थे - गोल, लंबे, बड़े तथा छोटे। प्रायः सभी स्तूपों के भीतर एक छोय - सा डिब्या रखा रहता है, जिसे धातु - मंजूषा कहते हैं। इन डिब्बों में बुख या उनके अनुयायियों के शरीर के अवशेष - दाँत, हड्डी या राख - या उनके द्वारा प्रयुक्त कोई चीज या कोई कीमती पत्थर अथवा सिक्के रखे रहते हैं। प्रारंभिक स्तूप, धातु - मंजूषा के ऊपर रखा मिट्टी का टीला होता था। बाद में टीले को ईंटों से ढक दिया गया और बाद के काल में उस गुम्बदनुमा हाँचे को तराशे हुए पत्थरों से ढक दिया गया। प्रायः स्तुपों के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक वृत्ताकार पथ बना होता था, जिसे प्रदक्षिणा पथ कहते हैं। इस पथ के "चारों और रेलिंग लगा दी जाती थी, जिसे वेदिका कहते हैं। वेदिका में प्रवेशद्वार बने होते थे। स्तूपों में लगाये रेलिंग तथा तोरण प्रायः मूर्तिकला की सुंदर कलाकृतियों से सजे होते थे। 

प्रश्न 2. 
प्राचीनकाल के आरंभिक हिन्दू मन्दिरों के मुख्य भागों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
प्राचीनकाल में आरंभिक हिन्दू मन्दिरों के मुख्य भाग:

  1. गर्भगृह: मंदिरों का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग गर्भगृह होता था। इस स्थान पर मुख्य देवी या देवता की मूर्ति को रखा जाता था। इसी स्थान पर पुरोहित धार्मिक अनुष्ठान करते थे और भक्त पूजा करते थे। 
  2. शिखर: प्राय: गर्भगृह को एक पवित्र स्थान के रूप में दिखाने के लिए मंदिरों में उसके ऊपर काफी ऊँचाई तक निर्माण किया जाता था, जिसे शिखर कहते थे। शिखर निर्माण के कठिन कार्य के लिए सावधानी से योजना बनानी पड़ती थी। 
  3. मण्डप: अधिकतर मंदिरों में मण्डप नाम की एक जगह होती थी। यह एक सभागार होता था, जहाँ लोग इकट्ठा होते थे। 

प्रश्न 3. 
स्तूप तथा मंदिर बनाने की प्रमुख अवस्थाओं का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
स्तूप तथा मंदिर बनाने की अवस्थाएँ:

  1. स्तूप तथा मंदिर बनाने की प्रथम अवस्था धन की व्यवस्था करना होती थी। चूंकि इसके लिए काफी धन खर्च होता था। इसलिए आमतौर पर राजा या रानी ही इन्हें बनवाने का निश्चय करते थे। 
  2. इसके बाद अच्छे किस्म के पत्थर दूंडकर शिलाखंडों को खोदकर निकालना होता था। 
  3. फिर मंदिर या स्तूप के लिए सोच - विचार कर तय किए गए स्थान पर शिलाखंडों को पहुंचाना होता था। 
  4. यहाँ पत्थरों को काट - छाँटकर तराशने के बाद खंभों, दीवारों की चौखटों, फौं तथा छतों का आकार दिया जाता था।
  5. इन सबके तैयार हो जाने पर उन्हें सही जगहों पर लगाया जाता था जो कि काफी मुश्किल काम होता था। 

प्रश्न 4. 
स्तूप तथा मन्दिर बनाने में किन लोगों का योगदान होता था? वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
स्तूप तथा मन्दिर बनाने में योगदान:
1. स्तूप तथा मन्दिर बहुत साज - सज्जा के साथ बनाये जाते थे। अत: इन पर भारी खर्च आता था। अत: इस तरह के शानदार ढांचों का निर्माण करने वाले शिल्पकारों को सारा खर्च संभवत: राजा - रानी ही देते थे। अत: इसमें राजा - रानी का ज्यादा योगदान रहता था। 

2. इसके अतिरिक्त इन स्तूपों या मंदिरों में आने वाले भक्त जो उपहार अपने साथ लाते थे उनसे इमारत की सजावट की जाती थी, जैसे हाथी दांत का काम करने वाले श्रमिकों के संघ ने साँची के एक अलंकृत प्रवेशद्वार (तोरण) को बनाने का खर्च दिया था। 

3. स्तूप तथा मंदिर की सजावट के लिए पैसे देने वालों में व्यापारी, कृषक, माला बनाने वाले, इत्र बनाने वाले, लोहार-सुनार तथा अन्य लोग शामिल रहते थे। इस तरह योगदान देने वाले लोगों के नाम सम्बन्धित जगह पर खंभों, रेलिंगों तथा दीवारों पर उत्कीर्णित किये जाते थे। 

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प्रश्न 5. 
पुराण का शाब्दिक अर्थ क्या है? पुराणों की प्रमुख विशेषताएँ बतलाइये। 
उत्तर:
पुराण:

  1. पुराण का शाब्दिक अर्थ है प्राचीन । हिंदू धर्म से जुड़ी कई कहानियाँ जो बहुत पहले से प्रचलित थी, प्राचीनकाल में लिखी गई, इनमें पुराण भी शामिल हैं। 
  2. पुराणों में विष्णु, शिव, दुर्गा, पार्वती जैसे देवी - देवताओं से जुड़ी कहानियाँ हैं। 
  3. पुराणों में इन देवी - देवताओं की पूजा की विधियाँ दी गई हैं। 
  4. इसके अतिरिक्त इनमें संसार की सृष्टि तथा राजाओं के बारे में भी कहानियाँ हैं। 
  5. अधिकतर पुराण सरल संस्कृत श्लोक में लिखे गए हैं, जिससे सब उन्हें सुन और समझ सकें। 
  6. स्त्रियाँ तथा शूद्र जिन्हें तत्कालीन साक्ष्य में वेद पदने की अनुमति नहीं थी वे भी इसे सुन सकते थे। 
  7. मंदिरों में पुराणों का पाठ किया जाता था जिसे लोग सुनने आते थे।

प्रश्न 6. 
कागज का आविष्कार कब तथा कहाँ हुआ? कागज के इतिहास का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
कागज का इतिहास:

  1. कागज का आविष्कार लगभग 1900 साल पहले चीन में काई लून नाम के व्यक्ति ने किया। 
  2. उसने पौधों के रेशों, कपड़ों, रस्सियों और पेड़ की छालों को पीट - पीट कर लुगदी बनाकर उसे पानी में भिगो दिया। फिर उस लुगदी को दबाकर उसका पानी निचोड़ा और तब सुखा कर कागज बनाया। आज भी हाथ से कागज बनाने के लिए इसी विधि को अपनाया जाता है। 
  3. चीन द्वारा कागज बनाने की तकनीक को सदियों तक गुप्त रखा गया। लगभग 1400 साल पहले कागज बनाने की तकनीक कोरिया पहुंची। इसके तुरंत बाद ही यह जापान तक फैल गई। लगभग 1800 साल पहले यह बगदाद में पहुँची। फिर बगदाद से यह यूरोप, अफ्रीका और एशिया के अन्य भागों में फैली। 
  4. भारतीय उपमहाद्वीप में भी कागज बनाने की तकनीक बगदाद से ही आई।
Bhagya
Last Updated on June 10, 2022, 10:23 a.m.
Published June 9, 2022