Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Important Questions Chapter 9 सजीव विशेषताएँ एवं आवास Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
पुरी के समुद्र तट पर पाया जाने वाला वृक्ष है।
(अ) नीम
(ब) बबूल
(स) कैजुराइना
(द) अनार
उत्तर:
(स) कैजुराइना
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से 'रेगिस्तान का जहाज' कौनसा जन्तु कहलाता है?
(अ) बकरी
(ब) ऊँट
(स) भेड़
(द) गाय
उत्तर:
(ब) ऊँट
प्रश्न 3.
'कम्पलीट नॉनसेन्स' कविता के लेखक कौन।
(अ) अरस्तू
(ब) शेक्सपीयर
(स) महात्मा गाँधी
(द) एडवर्ड लियर
उत्तर:
(अ) अरस्तू
प्रश्न 4.
निम्न में से निर्जीव है।
(अ) जल
(ब) छत्रक
(स) काई
(द) कीट
उत्तर:
(द) कीट
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
समुद्र में जन्तु तथा पौधे .................. में रहते हैं।
उत्तर:
लवणीय जल
प्रश्न 2.
मछली में .................. होते हैं, जो उसे जल में श्वास लेने में सहायता करते हैं।
उत्तर:
गिल (क्लोम)
प्रश्न 3.
.................... अल्पकाल में नहीं होता।
उत्तर:
अनुकूलन
प्रश्न 4.
केंचुआ .................... द्वारा साँस लेता है।
उत्तर:
त्वचा।
निम्न में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
पौधे, जन्तु एवं सूक्ष्मजीव संयुक्त रूप से जैव घटक बनाते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
पौधों में श्वसन क्रिया केवल दिन में होती है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
विभिन्न आवासों में सजीवों की विविध प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
पौधों में पुष्प केवल दिन के समय ही खिलते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
जलीय पौधों में जड़ें आकार में बहुत छोटी होती हैं।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - 1 में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - 2 से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) उद्दीपन |
(A) वातावरण में होने वाले परिवर्तन |
(2) उत्सर्जन |
(B) श्वास क्रिया |
(3) प्रजनन |
(C) अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन |
(4) श्वसन |
(D) अपने समान संतति उत्पन्न करना |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) उद्दीपन |
(A) वातावरण में होने वाले परिवर्तन |
(2) उत्सर्जन |
(C) अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन |
(3) प्रजनन |
(D) अपने समान संतति उत्पन्न करना |
(4) श्वसन |
(B) घास स्थल |
प्रश्न 2.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) ऊँट |
(A) समुद्र |
(2) याक |
(B) घास स्थल |
(3) शेर |
(C) पर्वतीय क्षेत्र |
(4) डॉलफिन |
(D) मरुस्थल |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) ऊँट |
(D) मरुस्थल |
(2) याक |
(C) पर्वतीय क्षेत्र |
(3) शेर |
(B) घास स्थल |
(4) डॉलफिन |
(A) समुद्र |
प्रश्न 3.
कालम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) मरुस्थल |
(A) शरीर पर फर |
(2) पर्वतीय क्षेत्र |
(B) लम्बे पैर |
(3) घास स्थल |
(C) पैर के नखर लम्बे |
(4) तालाब |
(D) जालयुक्त पादागुंलियाँ |
उत्तर:
कालम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) मरुस्थल |
(B) लम्बे पैर |
(2) पर्वतीय क्षेत्र |
(A) शरीर पर फर |
(3) घास स्थल |
(C) पैर के नखर लम्बे |
(4) तालाब |
(D) जालयुक्त पादागुंलियाँ |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
पर्वत पर पाए जाने वाले दो जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
बकरी और याक।
प्रश्न 2.
किन्हीं दो ऐसे समुद्री जन्तुओं के नाम लिखिए जिनका शरीर धारारेखीय नहीं होता।
उत्तर:
स्क्विड और ऑक्टोपस।
प्रश्न 3.
हमारे शरीर को ऊर्जा कैसे मिलती है?
उत्तर:
ग्रहण किए गए भोजन से श्वसन के द्वारा ही हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
प्रश्न 4.
आवास की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर:
अपने भोजन, वायु, शरण स्थल एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए जीव के अपने आवास पर ही निर्भर रहने के कारण आवास की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न 5.
सूर्य का प्रकाश एवं ऊष्मा क्या हैं?
उत्तर:
हमारे परिवेश के अजैव घटक हैं।
प्रश्न 6.
उत्सर्जन किसे कहते हैं?
उत्तर:
सजीवों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
प्रश्न 7.
क्या पौधे सूर्य के प्रकाश के प्रति अनुक्रिया दर्शाते हैं।
उत्तर:
हाँ।
प्रश्न 8.
क्या वायु, जल, प्रकाश तथा ऊष्मा जैसे अजैव घटक सजीवों के लिए अत्यन्त आवश्यक हैं?
उत्तर:
हाँ, ये सभी अजैव घटक सजीवों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 9.
सजीव विषम परिवेश में जीवित रहने के लिए किस विशिष्ट व्यवस्था को अपनाते हैं?
उत्तर:
विषम परिवेश में जीवित रहने के लिए सजीव अनुकूलन को अपनाते हैं।
प्रश्न 10.
नागफनी जैसे पौधे किस प्रकार के आवास में पाये जाते हैं?
उत्तर:
नागफनी जैसे पौधे मरुस्थलीय आवास में पाये जाते हैं।
प्रश्न 11.
'अनुकूलन' किसे कहते हैं?
उत्तर:
पौधों और जीवों के विशिष्ट लक्षण एवं स्वभाव जो उन्हें एक आवास विशेष में रहने के अनुकूल बनाते हैं, अनुकूलन कहलाता है।
प्रश्न 12.
मरुस्थलीय पौधों की जड़ों की क्या विशेषता होती है?
उत्तर:
मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
'समुद्र तथा मरुस्थल भिन्न प्रकार के परिवेश हैं।' स्पष्ट करें।
उत्तर:
समुद्र तथा मरुस्थल भिन्न प्रकार के परिवेश हैं और दोनों में बिल्कुल भिन्न प्रकार के पौधे व जन्तु दिखते हैं। समुद्र में जन्तु व पौधे लवणीय जल (खारे पानी) में रहते हैं तथा श्वसन के लिए जल में घुली ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इसके विपरीत मरुस्थल में जल बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। मरुस्थल दिन में बहुत गर्म व रात में ठंडे रहते हैं। यहाँ पाए जाने वाले पौधे एवं जन्तु भूमि पर रहते हैं तथा श्वसन के लिए आस-पास की वायु का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 2.
ऊँट मरुस्थल में जीवनयापन के लिए किस प्रकार अनुकूलित है?
उत्तर:
ऊँट की शारीरिक संरचना उसे मरुस्थलीय परिस्थितियों में रहने योग्य बनाती है। इसके पैर लम्बे होते हैं, जिससे शरीर रेत की गर्मी से दूर रहता है। इनमें मूषोत्सर्जन की मात्रा भी बहुत कम होती है तथा मल शुष्क होता है। इन्हें पसीना भी नहीं आता क्योंकि शरीर से जल का ह्रास बहुत कम होता है। इसलिए बिना जल के भी ये बहुत दिनों तक रह सकते हैं। इस प्रकार ऊँट मरुस्थल में रहने के लिए अनुकूलित
प्रश्न 3.
मछली की संरचनाएँ उसे जल में रहने में किस प्रकार सहायता करती हैं?
उत्तर:
मछलियों का शरीर मुख्यतः धारा - रेखीय होता है। इनकी यह आकृति इन्हें जल में तैरने में सहायता करती है। इनका शरीर चिकने शल्कों से ढका होता है। यह शल्क इन्हें सुरक्षा के साथ-साथ तैरने में भी सहायता करते हैं। इसके अलावा इनके पंख व पूँछ चपटी होती हैं, जो इन्हें जल में दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में सहायता करते हैं। इनमें गिल (क्लोम) होते हैं, जो इन्हें जल में श्वास लेने में सहायता करते हैं।
प्रश्न 4.
स्थलीय एवं जलीय आवास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
स्थलीय आवास |
जलीय आवास |
(i) स्थल (जमीन ) पर पाए जाने वाले पौधों एवं जन्तुओं का आवास स्थलीय आवास कहलाता है। |
(i) वे आवास, जिनमें पौधे एवं जंतु जल में रहते हैं, जलीय आवास कहलाता है। |
(ii) उदाहरण-वन, घास के मैदान, मरुस्थल, पर्वतीय क्षेत्र आदि। |
(ii) उदाहरण-जलाशय, दलदल, झील, समुद्र आदि 1 |
प्रश्न 5.
जैव घटक एवं अजैव घटक में क्या अन्तर है? लिखिए।
उत्तर:
जैव घटक |
अजैव घटक |
(i) किसी आवास में पाए जाने वाले सभी जीव, उसके जैव घटक कहलाते हैं। |
(i) किसी आवास - में पायी जाने वाली सभी निर्जीव वस्तुएँ, उस आवास के अजैव घटक कहलाते हैं। |
(ii) उदाहरण - पौधे, जन्तु । |
(ii) उदाहरण - सूर्य का प्रकाश, ऊष्मा, जल, वायु, मिट्टी आदि। |
प्रश्न 6.
पर्वतीय क्षेत्रों के जन्तु वहाँ की परिस्थितियों में रहने के लिए किस प्रकार अनुकूलित होते हैं?
उत्तर:
पर्वतीय क्षेत्रों के जन्तुओं की मोटी त्वचा या फर ठंड से उनकी रक्षा करती है। जैसे - शरीर को गर्म रखने के लिए याक का शरीर लम्बे बालों से ढका होता है। पहाड़ी तेंदुए के शरीर पर फर होते हैं, जो बर्फ पर चलते समय उसके पैरों को ठंड से बचाते हैं। इसी तरह पहाड़ी बकरी के मजबूत खुर उसे ढालदार चट्टानों पर दौड़ने के लिए अनुकूलित बनाते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि पर्वतीय क्षेत्र के जन्तु भी वहाँ की परिस्थितियों के प्रति अनुकूलित होते हैं।
प्रश्न 7.
आवास और अनुकूलन में क्या अन्तर है?
उत्तर:
आवास किसी सजीव का वह परिवेश होता है, जिसमें वह रहता है। जबकि अनुकूलन किसी पौधे या जन्तु में पाए जाने वाले वे विशिष्ट लक्षण होते हैं, जो उन्हें किसी परिवेश में रहने के योग्य बनाते हैं।
प्रश्न 8.
ऐसे जलीय जन्तुओं के विषय में लिखिए, जिनमें गिल नहीं होते।
उत्तर:
डॉलफिन एवं ढेल, ऐसे जलीय जन्तु हैं, जिनमें गिल नहीं होते। ये सिर पर स्थित नासाद्वार अथवा वात छिद्रों द्वारा श्वास लेते हैं। ये जल में बिना श्वास लिए लम्बे समय तक रह सकते हैं। ये समय - समय पर जल से बाहर आकर श्वसन छिद्रों से जल बाहर निकालते हैं और श्वास द्वारा स्वच्छ वायु अन्दर लेते हैं।
प्रश्न 9.
मेंढक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मेंढक सामान्यत: तालाब में पाया जाने वाला एक जन्तु है। यह जल एवं स्थल दोनों पर रह सकता है। इसके पश्चपाद लम्बे एवं मजबूत होते हैं जो इसे छलांग लगाने एवं शिकार पकड़ने में सहायता करते हैं। इसके पिछले पैरों में जालयुक्त पादांगुलियाँ होती हैं, जो इसे तैरने में सहायता करती हैं।
प्रश्न 10.
क्या सभी सजीवों को भोजन की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
हाँ, भोजन हमारे लिए एवं अन्य विभिन्न जन्तुओं के लिए बहुत जरूरी है। पौधे प्रकाश - संश्लेषण के द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं जबकि जन्तु भोजन के लिए पौधों एवं अन्य जन्तुओं पर निर्भर रहते हैं। भोजन सजीवों को उनकी वृद्धि के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। सजीवों को उनके अन्दर होने वाले अन्य जैव - प्रक्रमों के लिए भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 11.
क्या सभी सजीव श्वसन करते हैं? श्वसन प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
हाँ, सभी सजीव श्वसन करते हैं। श्वसन प्रक्रिया - जब हम श्वास लेते हैं तो बाहर की वायु शरीर के अन्दर आती है और श्वास छोड़ने पर अन्दर की वायु बाहर निकलती है। श्वास लेना श्वसन प्रक्रिया का एक हिस्सा है । श्वसन में अन्दर ली गई वायु की ऑक्सीजन की कुछ मात्रा का उपयोग होता है। इस क्रिया में बनी कार्बनडाइ-आक्साइड का हम श्वास द्वारा बाहर निकाल देते हैं।
प्रश्न 12.
क्या पौधे भी श्वसन करते हैं? समझाइये।
उत्तर:
हाँ, पौधे भी श्वसन करते हैं। पौधों की श्वसन क्रिया में गैसों का आदान-प्रदान मुख्यतः उनकी पत्तियों द्वारा होता है। पत्तियाँ सूक्ष्म रंधों द्वारा वायु को अन्दर लेती हैं तथा ऑक्सीजन का उपयोग करती हैं। वे कार्बनडाइ - ऑक्साइड वायु में निकालती हैं। श्वसन की क्रिया दिन और रात, निरन्तर चलती रहती है।
प्रश्न 13.
आप अंधेरे स्थान से अचानक तेज धूप में आते हैं तो क्या होता है?
उत्तर:
अंधेरे स्थान से अचानक तेज धूप में आने पर हमारी आँखें स्वतः ही कुछ क्षणों के लिए बंद हो जाती हैं और तब तक बंद रहती हैं जब तक कि वे तेज प्रकाश की अभ्यस्त नहीं हो जाती हैं।
प्रश्न 14.
क्या दूसरे जन्तुओं में भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया होती है? कोई तीन उदाहरण बताइये।
उत्तर:
हाँ, दूसरे जन्तुओं में भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया होती है।
उदाहरण:
प्रश्न 15.
क्या पौधे भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया दर्शाते है? उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
हाँ, पौधे भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया दर्शाते हैं।
उदाहरण:
प्रश्न 16.
जन्तुओं की तरह क्या पौधों में भी उत्सर्जन होता है?
उत्तर:
हाँ, पौधे भी उत्सर्जन करते हैं, परन्तु इनमें इस क्रिया का ढंग कुछ अलग होता है। पौधों में कुछ हानिकारक अथवा विषैले पदार्थ उत्पन्न होते हैं। कुछ पौधों में यह अपशिष्ट पदार्थ पौधे के कुछ विशेष भागों में संग्रहित किए जाते हैं, जिससे पौधे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। जबकि कुछ पौधों में अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन स्त्राव के रूप में होता है।
प्रश्न 17.
पौधे प्रजनन किस प्रकार करते हैं? समझाइये।
उत्तर:
जन्तुओं की तरह पौधों में भी प्रजनन के भिन्नभिन्न तरीके होते हैं।
प्रश्न 18.
गति दर्शाने वाली कुछ निर्जीव वस्तुओं के विषय में लिखिए।
उत्तर:
बस, कार, साइकिल, घड़ी, कागज का छोटा टुकड़ा एवं नदी का जल गति करते हैं। आकाश में चन्द्रमा गति करता है। हमारे देखते-देखते एक बादल के आकार में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 19.
क्या पृथ्वी पर कोई ऐसा भी स्थान है, जहाँ कोई भी जीव नहीं पाया जाता?
उत्तर:
नहीं, पृथ्वी पर ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहाँ पर कोई जीव न पाया जाता हो। वैज्ञानिकों ने तो ज्वालामुखी के मुख में भी सूक्ष्म जीवों को खोज निकाला है।
प्रश्न 20.
पर्वतीय क्षेत्र के वृक्ष अपने आवास में विद्यमान परिस्थितियों में रहने के लिए किस प्रकार अनुकूलित है।
उत्तर:
पर्वतीय क्षेत्रों के वृक्ष सामान्यतः शंक्वाकार होते हैं तथा इनकी शाखाएँ तिरछी होती हैं। इनमें से कुछ वृक्षों की पत्तियाँ सुई के आकार की भी होती हैं। इससे वर्षा का जल एवं हिम सरलता से नीचे की ओर खिसक जाते हैं। पर्वतों पर जीवित रहने के लिए इनमें कुछ अन्य प्रकार का अनुकूलन भी हो सकता है।
प्रश्न 21.
शेर एवं हिरण की आँखें उनके चेहरे पर किस प्रकार स्थित हैं? क्या वे चेहरे के सामने हैं अथवा पार्श्व में हैं?
उत्तर:
शेर की आँखें उसके चेहरे के सामने की ओर स्थित होती हैं, जो उसे वन में दूर तक शिकार खोजने में सहायता करती है, जबकि हिरण की आंखें इसके सिर के पार्श्व में दोनों ओर स्थित होती हैं, जो प्रत्येक दिशा में देखकर खतरा महसूस कर सकती हैं।
प्रश्न 22.
विभिन्न आवासों में जीवों की विविधता का क्या कारण है?
उत्तर:
जन्तु विभिन्न अजैव कारकों के लिए विभिन्न विधियों से अपने आपको अनुकूलित कर लेते हैं जिसका परिणाम विभिन्न आवासों में जीवों की विविधता का होना है।
प्रश्न 23.
मरुस्थल में रहने वाले चूहे एवं साँप किस प्रकार ऐसे आवास में रह पाते हैं?
उत्तर:
मरुस्थल में रहने वाले चूहे एवं साँप दिन की तेज गर्मी से बचने के लिए भूमि के अन्दर गहरे बिलों में रहते हैं। रात्रि के समय जब तापमान में कमी आती है, तो ये जन्तु बाहर निकलते हैं।
प्रश्न 24.
शेर की कौनसी विशेषताएँ उसके जीवनयापन में सहायता करती हैं?
उत्तर:
शेर में अनेक ऐसी विशेषताएँ पाई जाती हैं जो उसे वन या घासस्थल में जीवन - यापन में सहायता करती हैं। जैसे- शेर के अगले पैर के नखर लम्बे होते हैं जिन्हें वह पादांगुलियों के अन्दर खींचकर छिपा सकता है। उसका मटमैला (हल्का भूरा) रंग शिकार के दौरान उसे घास के सखे मैदानों में छिपाए रखता है। चेहरे के सामने की आँखें उसे वन में दूर तक शिकार खोजने में सहायक होती हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
पर्यनुकूलन किसे कहते हैं? यह अनुकूलन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
पर्यनुकूलन: कुछ जीवों में थोड़े समय में ही कुछ ऐसे परिवर्तन हो सकते हैं, जो उसके परिवेश में होने वाले परिवर्तनों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में उसकी सहायता करते हैं। अल्प अवधि में होने वाले ये छोटेछोटे परिवर्तन ही 'पर्यनुकूलन' कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि हम मैदानी क्षेत्र में रहते हैं और अचानक ही ऊँचे पर्वतीय क्षेत्र में चले जाते हैं तो हमें कुछ दिनों तक श्वास लेने में असुविधा होती है। पहाड़ पर हमें तीव्र गति से श्वास लेना पड़ता है। परन्तु कुछ दिनों बाद हमारा शरीर पर्वतीय वातावरण के प्रति अपने आप को ढाल लेता है और हमें श्वास लेने में कोई परेशानी नहीं होती। यह परिवर्तन अनुकूलन से भिन्न है, क्योंकि अनुकूलन अल्पकाल में नहीं होता है बल्कि हजारों वर्षों में घटित होता है जबकि पर्यनुकूलन अल्प अवधि में घटित होते हैं।
प्रश्न 2.
मरुस्थल में पाए जाने वाले जन्तुओं और पौधों में किस प्रकार के अनुकूलन पाए जाते हैं?
उत्तर:
(i) मरुस्थलीय जंतु: मरुस्थल में रहने वाले चूहे व साँप के, ऊँट के समान लम्बे पैर नहीं होते। दिन की तेज गर्मी से बचने के लिए वे भूमि के अन्दर गहरे बिलों में रहते हैं और रात्रि के समय तापमान कम होने पर बाहर निकलते हैं।
(ii) मरुस्थलीय पौधे: इनमें पत्तियाँ या तो होती ही नहीं अथवा बहुत छोटी होती हैं। कुछ पौधों में पत्तियाँ काँटों का भी रूप ले लेती हैं। इससे पत्तियों से होने वाले वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल का बहुत कम ह्रास होता है। नागफनी में पत्ती जैसी जो संरचना हम देखते हैं, वह वास्तव में इसका तना है। इनमें तना एक मोटी मोमी परत से ढका होता है, जिससे पौधों को जल - संरक्षण में सहायता मिलती है। अधिकतर मरुस्थलीय पौधों की जड़ें जल अवशोषण के लिए मिट्टी में बहुत गहराई तक चली जाती हैं।
प्रश्न 3.
तालाब, झील, नदियों एवं नालों में उगे पौधों की पत्तियाँ, तने और जड़ें किस प्रकार व्यवस्थित होती हैं।
उत्तर:
(i) जड़ - इनमें से कुछ पौधों की जड़ें जलाशय की तलहटी की मिट्टी में स्थिर रहती हैं। ये आकार में बहुत छोटी होती हैं और इनका मुख्य कार्य पौधे को
(ii) तना - इन पौधों का तना लम्बा, खोखला एवं हल्का होता है। तना जल की सतह तक वृद्धि करता है, जबकि पत्तियाँ एवं फूल जल की सतह पर प्लवन करते रहते हैं।
(iii) पत्तियाँ - कुछ जलीय पौधे जल में पूरी तरह डूबे रहते हैं। ऐसे पौधों के सभी भाग जल में वृद्धि करते हैं। इनमें से कुछ की पत्तियाँ संकरी एवं पतले रिबन की तरह होती हैं। ये बहते जल में सरलता से मुड़ जाती हैं। कुछ अन्य जलमग्न पौधों में पत्तियाँ बहुत अधिक विभाजित होती हैं, जिससे जल इनके बीच से बहता रहता है और पत्ती को कोई नुकसान भी नहीं पहुँचता।
प्रश्न 4.
अनुकूलन विकास की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:
अनुकूलन अल्प काल में नहीं होता है। हजारों वर्षों की अवधि में किसी क्षेत्र के अजैव घटकों में परिवर्तन आते हैं। वे जन्तु जो इन परिवर्तनों के प्रति अपने आपको नहीं ढाल पाते, मर जाते हैं। केवल वे जीव ही जीवित रहते हैं जो अपने आपको बदलते परिवेश के अनुसार अनुकूलित कर लेते हैं। जन्तु विभिन्न अजैव कारकों के लिए विभिन्न विधियों से अपने आपको अनुकूलित कर लेते हैं।
प्रश्न 5.
हिरण की कौनसी विशेषताएँ उसे अपने शिकारी से बचाती हैं?
उत्तर:
हिरण में अनेक ऐसी विशेषताएँ होती हैं जो उसे अपने शिकारी से बचाती हैं। जैसे - उसके लम्बे कान उसे शिकारी की गतिविधि की जानकारी देते हैं। इसके सिर के पार्श्व में दोनों ओर स्थित आँखें प्रत्येक दिशा में देखकर खतरा महसूस कर सकती हैं। हिरण की तेज गति उसे शिकारी से दूर भागने में सहायक होती है।
प्रश्न 6.
सभी सजीवों में पायी जाने वाली प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताइये।
उत्तर:
सभी सजीवों में निम्न विशेषताएँ सामान्यतः समान रूप से पायी जाती हैं।