Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Important Questions Chapter 8 शरीर में गति Important Questions and Answers.
बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
हमारे शरीर का पूर्णतः घूमने वाला भाग है।
(अ) कलाई
(ब) पादांगुली
(स) भुजा
(द) कोहनी
उत्तर:
(स) भुजा
प्रश्न 2.
अचल संधि है।
(अ) ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य
(ब) निचले जबड़े एवं कपाल के मध्य
(स) बाह एवं कंधे के मध्य
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौनसा जन्तु पेशीय पाद की सहायता से गति करता है?
(अ) केंचुआ
(ब) घोंघा
(स) तिलचट्टा
(द) मछली
उत्तर:
(ब) घोंघा
प्रश्न 4.
कॉकरोच में कितने जोड़ी पैर होते हैं?
(अ) एक जोड़ी
(ब) दो जोड़ी
(स) तीन जोड़ी
(द) चार जोड़
(अ) एक जोड़ी
प्रश्न 5.
'गैट ऑफ एनिमल्स' पुस्तक के लेखक हैं।
(अ) रूसो
(ब) कार्ल मार्क्स
(स) शेक्सपियर
(द) अरस्तू
उत्तर:
(द) अरस्तू
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
हमारे शरीर में स्वतः ही अनेक गतियाँ ..................... होती रहती हैं।
उत्तर:
निरन्तर
प्रश्न 2.
धुरान संधि में .............. अस्थि एक छल्ले में घूमती है।
उत्तर:
बेलनाकार
प्रश्न 3.
शरीर की संधियों में भी ................ पाई जाती है।
उत्तर:
उपास्थि
प्रश्न 4.
सर्प भूमि पर ............... करता हुआ आगे की ओर फिसलता है।
उत्तर:
वलयाकार गति।
निम्न में से सत्य / असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
गर्दन तथा सिर को जोड़ने वाली संधि, हिंज संधि
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
मेरुदण्ड केवल एक ही अस्थि का बना होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
संकुचन की अवस्था में पेशी छोटी, कठोर एवं मोटी हो जाती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
मछली की अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
अग्रपाद की अस्थियाँ रूपान्तरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - 1 में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - 2 से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) कंदुक खल्लिका संधि |
(A) गर्दन एवं सिर के मध्य |
(2) धुराग्र संधि |
(B) कंधे एवं हाथ के मध्य |
(3) हिंज संधि |
(C) कोहनी में |
(4) अचल संधि |
(D) ऊपरी जबडे एवं |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) कंदुक खल्लिका संधि |
(B) कंधे एवं हाथ के मध्य |
(2) धुराग्र संधि |
(A) गर्दन एवं सिर के मध्य |
(3) हिंज संधि |
(C) कोहनी में |
(4) अचल संधि |
(D) ऊपरी जबडे एवं |
प्रश्न 2.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) पसलियाँ |
(A) 12 जोड़ी |
(2) मेरुद्ण्ड |
(B) 33 कशेरुका |
(3) मध्यमा |
(C) 3 अस्थि |
(4) जांघ |
(D) 1 अस्थि |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) पसलियाँ |
(A) 12 जोड़ी |
(2) मेरुद्ण्ड |
(B) 33 कशेरुका |
(3) मध्यमा |
(C) 3 अस्थि |
(4) जांघ |
(D) 1 अस्थि |
प्रश्न 3.
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) केंचुआ |
(A) पंख |
(2) घोंघा |
(B) पेशीय पाद |
(3) पक्षी |
(C) शूक |
(4) मछली |
(D) पख |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कॉलम - 2 |
(1) केंचुआ |
(C) शूक |
(2) घोंघा |
(B) पेशीय पाद |
(3) पक्षी |
(A) पंख |
(4) मछली |
(D) पख |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
'संधि' किसे कहते हैं?
उत्तर:
शरीर के विभिन्न भागों में जहाँ पर दो हिस्से एक - दूसरे से जुड़े हों, ऐसे स्थानों को संधि कहते हैं।
प्रश्न 2.
'कारपेल' किसे कहते हैं?
उत्तर:
कलाई अनेक छोटी - छोटी अस्थियों से बनी होती हैं जिन्हें कारपेल कहते हैं।
प्रश्न 3.
'कशेरुका' क्या होती है?
उत्तर:
मेरुदण्ड अनेक छोटी - छोटी अस्थियों से बना होता है, जिन्हें कशेरुका कहते हैं।
प्रश्न 4.
मानव खोपड़ी की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
मानव खोपड़ी शरीर के अतिमहत्त्वपूर्ण अंग 'मस्तिष्क' को परिबद्ध करके उसकी सुरक्षा करती है।
प्रश्न 5.
मानव कंकाल किनसे मिलकर बनता है?
उत्तर:
मानव कंकाल अनेक अस्थियों, संधियों एवं उपास्थियों से मिलकर बना होता है।
प्रश्न 6.
साँप गति करते समय अपने शरीर के कौनसे भाग का प्रयोग करता है?
उत्तर:
सम्पूर्ण शरीर का।
प्रश्न 7.
हमारे शरीर में अंशत: घूमने या मुड़ने वाले किन्हीं चार अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
र्दन, पीठ, सिर और पादांगुली।
प्रश्न 8.
यदि हमारे शरीर में कोई संधि नहीं होती तो आपके विचार में क्या हमारे लिए किसी भी प्रकार की गति करना संभव होता?
उत्तर:
नहीं, संधियों के बिना हम किसी भी प्रकार की गति नहीं कर सकते।
प्रश्न 9,
गर्दन तथा सिर को कौनसी संधि जोड़ती है?
उत्तर:
धुराग्न संधि।
प्रश्न 10.
हिंज संधि किस प्रकार की गति प्रदान करती है।
उत्तर:
हिंज संधि केवल आगे और पीछे एक ही दिशा में गति प्रदान करती है।
प्रश्न 11.
हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को विभिन्न आकृति कौन प्रदान करता है?
उत्तर:
कंकाल।
प्रश्न 12.
यदि मेरुदंड केवल एक ही अस्थि का बना होता तो क्या हम नीचे झुक सकते थे?
उत्तर:
नहीं, मेरुदंड के केवल एक ही अस्थि से बने होने पर हम नीचे नहीं झुक सकते।
प्रश्न 13.
कान के कौनसे भाग में उपास्थि होती है?
उत्तर:
ऊपरी भाग में।
प्रश्न 14.
उपास्थि से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
हमारे कंकाल के कुछ ऐसे अंग, जो हड्डियों जितने कठोर नहीं होते तथा जिन्हें मोड़ा जा सकता है, उपास्थि कहलाते हैं।
प्रश्न 15.
क्या सभी जन्तुओं में अस्थियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 16.
घोंघे की गति केंचुए की गति से तीव्र होती है अथवा धीमी?
उत्तर:
घोंघे की गति केंचुए से धीमी होती है।
प्रश्न 17.
जन्तु एक स्थान से दूसरे स्थान तक कैसे गमन करते हैं?
उत्तर:
जन्तु चलकर, उड़कर, दौड़कर, छलाँग मारकर, रेंगकर, तैरकर आदि तरीकों से एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन करते हैं।
प्रश्न 18.
वास्तव में संधियों को कौन - सी वस्तु परस्पर बाँधती है?
उत्तर:
अस्थियाँ (हड्डियाँ)।
प्रश्न 19.
कोहनी में हिंज संधि होती है, जिससे केवल आगे और पीछे एक ही दिशा में गति हो सकती है। क्या आप ऐसी संधि के कुछ और उदाहरण सोच सकते हैं?
उत्तर:
हाँ, घुटने की संधि ।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
जन्तुओं के एक स्थान से दसरे स्थान तक जाने के तरीके में इतनी अधिक विविधता क्यों पायी जाती है?
उत्तर:
हमारा तथा जन्तुओं का शरीर मुख्यतः अस्थियों, उपास्थियों, पेशियों आदि से मिलकर बना होता है। इस कारण जन्तुओं में उपरोक्त संरचनाओं की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति ही गति का निर्धारण करती है। इसी कारण जन्तुओं के गमन के तरीकों में विविधता पायी जाती है।
प्रश्न 2.
क्या कारण है कि हम अपने शरीर के कुछ अंगों को तो स्वतंत्र रूप से किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं, जबकि कुछ अंगों को केवल एक ही दिशा में घुमा सकते हैं?
उत्तर:
हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की गतियों एवं गतिविधियों के लिए अनेक प्रकार की संधियाँ पायी जाती हैं। हमारे शरीर के जिन अंगों में 'कंदुक खल्लिका संधि' पाई जाती है, हम उन्हें ही स्वतंत्र रूप से सभी दिशाओं में घुमा सकते हैं; जैसे - हाथ एवं कंधे का जोड़। इसके विपरीत जिन अंगों में 'हिंज संधि' पाई जाती है, उन्हें हम केवल एक ही दिशा में घुमा सकते हैं। जैसे-कोहनी एवं घुटने का जोड़। इस प्रकार स्पष्ट है कि संधियाँ ही हमारे शरीर के अंगों को गति करने में सहायता करती हैं।
प्रश्न 3.
धुरान संधि के विषय में लिखिए।
उत्तर:
धुरान संधि, गर्दन और सिर को जोड़ने वाली संधि होती है। इस संधि के द्वारा हम सिर को आगे-पीछे तथा दाएँ व बाएँ घुमा सकते हैं। इस संधि में बेलनाकार अस्थि एक छल्ले में घूमती है।
प्रश्न 4.
धुरान संधि की गति कंदुक - खल्लिका संधि से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
धुराग्न संधि के द्वारा हम सिर को केवल आगेपीछे या दाएँ व बाएँ घुमा सकते हैं, जबकि कंदुकखल्लिका संधि के द्वारा हम अपने हाथ को पूरी तरह वृत्ताकार रूप में घुमा सकते हैं।
प्रश्न 5.
हिंज संधि का चित्र बनाते हुए इसके कोई दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
हिंज संधि - हिंज संधि के द्वारा केवल आगे और पीछे एक ही दिशा में गति हो सकती है। उदाहरण: कोहनी एवं घुटने में हिंज संधि पायी जाती है।
प्रश्न 6.
अचल संधि को समझाइये।
उत्तर:
अचल संधि: हमारे सिर की अस्थियों के बीच की कुछ संधियाँ ऐसी होती हैं, जिन पर ये अस्थियाँ हिल नहीं सकती। ऐसी संधियाँ अचल संधि कहलाती हैं। हमारे ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि ही पाई जाती है।
प्रश्न 7.
केंचुए मिट्टी को किस प्रकार उपजाऊ बनाते।
उत्तर:
केंचुए वास्तव में अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाते हैं। उनका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकाल देता है। केंचुओं द्वारा किया गया यह कार्य ही मिट्टी को उपजाऊ बनाता है, जो पौधों के लिए फायदेमंद होता है।
प्रश्न 8.
घोंघे की गति के विषय में लिखिए।
उत्तर:
घोंघे की पीठ पर एक गोल संरचना होती है, जो कवच कहलाती है। घोंघे के कवच के छेद से एक सिर तथा दृढ़ पेशियों से बना पैर बाहर निकलता है। यह इस पेशीय पाद (पैर) की सहायता से ही गति करता है।
प्रश्न 9.
'तिलचट्टा चलता है और वायु में उड़ता भी है।' स्पष्ट करें।
उत्तर:
इसमें तीन जोड़ी पैर होते हैं, जो चलने में सहायता करते हैं। इसका शरीर कठोर बाह्य कंकाल से ढका होता है, जो विभिन्न एककों की परस्पर संधियों द्वारा बनता है, जिसके कारण गति संभव हो पाती है। इसके वक्ष से दो जोड़ी पंख भी जुड़े होते हैं। इसके अगले पैर संकरे और पिछले पैर चौड़े एवं बहुत पतले होते हैं। इसमें विशिष्ट पेशियाँ भी होती हैं। पैर की पेशियाँ उन्हें चलने में सहायता करती हैं जबकि वक्ष की पेशियाँ उड़ने के समय इसके परों को गति देती हैं।
प्रश्न 10.
'पक्षी उड़ सकते हैं।' कारण सहित समझाइये।
उत्तर:
पक्षी उड़ पाते हैं क्योंकि इनका शरीर उड़ने के लिए अनुकूलित होता है। इनकी अस्थियों में वायु प्रकोष्ठ होते हैं, जिस कारण इनकी अस्थियाँ हल्की एवं मजबूत होती हैं। इनके पिछले पैरों की अस्थियाँ चलने एवं बैठने के लिए अनुकूलित होती हैं और आगे के पैरों की अस्थियाँ रूपान्तरित होकर पक्षी के पंख बनाती हैं। इनके कंधे की अस्थियाँ मजबूत होती हैं। वक्ष की अस्थियाँ उड़ने वाली पेशियों को जकड़े रखने के लिए विशेष रूप से रूपान्तरित होती हैं तथा पंखों को ऊपर-नीचे करने में सहायक होती हैं।
प्रश्न 11.
मछली की गति को समझाइये।
उत्तर:
मछली के शरीर की आकृति धारा रेखीय होती है क्योंकि इसका सिर एवं पूँछ इसके मध्य भाग की अपेक्षा पतले एवं नुकीले होते हैं। इस विशेष आकृति के कारण मछली जल में सरलता से तैर लेती है। तैरने की प्रक्रिया में इसके शरीर का आगे का भाग एक ओर मुड़ जाता है तथा पूँछ दूसरी ओर इस प्रकार मछली जल में शरीर के दोनों ओर एकांतर क्रम में वलय बनाकर तैरती है। पूँछ के पंख इस कार्य में उसकी सहायता करते हैं। इसके शरीर पर पाये जाने वाले अन्य पंख तैरते समय जल में संतुलन बनाए रखने एवं दिशा निर्धारण में इसकी सहायता करते हैं।
प्रश्न 12.
सर्प कैसे चलते हैं?
उत्तर:
सर्प फिसलते हुए आगे बढ़ता है। सर्प का मेरुदंड लम्बा होता है जबकि शरीर की पेशियाँ क्षीण एवं असंख्य होती हैं। इसकी पेशियाँ परस्पर जुड़ी होती हैं और मेरुदण्ड, पसलियों एवं त्वचा को भी एक - दूसरे से जोड़े रखती हैं। इसका शरीर अनेक वलय में मुड़ा होता है एवं प्रत्येक वलय इसे आगे को धक्का देता है। इस कारण सर्प बहुत तेज गति से आगे की ओर अपने शरीर के दोनों ओर एकान्तर क्रम में वलय बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ फिसलता है।
प्रश्न 13.
हम अपने शरीर के कुछ भागों को घुमाने में असमर्थ क्यों रहते हैं?
उत्तर:
हमारे शरीर के कुछ भागों में अचल संधि पाई जाती है, जिस कारण हम उनको घुमाने में असमर्थ रहते हैं। उदाहरण के लिए हमारे ऊपरी जबड़े एवं कपाल के मध्य अचल संधि पाई जाती है। इसी कारण हम ऊपरी जबड़े को घुमाने में असमर्थ होते हैं।
प्रश्न 14.
जब अस्थियों को नहीं मोड़ा जा सकता तब हम अपनी कोहनी को कैसे मोड़ लेते हैं?
उत्तर:
हम अपनी कोहनी को मोड़ लेते हैं क्योंकि हमारी कोहनी पर दो अस्थियों का जोड़ होता है। यह जोड़ ही कोहनी को मुड़ने योग्य बनाता है।
प्रश्न 15.
हम शरीर की विभिन्न अस्थियों की आकृति के विषय में किस प्रकार जान पाते हैं?
उत्तर:
जब हम उनका अनुभव करते हैं, तब तथा एक्सरे चित्र के द्वारा हमें शरीर की अस्थियों की आकृतियों के विषय में पता चलता है।
प्रश्न 16.
केंचुआ अपने शरीर के हिस्से को जमीन से किस प्रकार टिकाता है?
उत्तर:
केंचुए के शरीर में अनेक छोटे - छोटे शूक (बाल जैसी आकृति) होते हैं। ये शूक पेशियों से जुड़े होते हैं तथा मिट्टी में इसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं।
प्रश्न 17.
गोताखोर अपने पैरों में क्या पहनते हैं जो उन्हें जल में तैरने में सहायता करते हैं?
उत्तर:
गोताखोर अपने पैरों में मछली के पखों की तरह के विशेष अरित्र (फ्लिप्पर) पहनते हैं जो उन्हें जल में तैरने में सहायता करते हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियों लिखिए
1. पसली पिंजर
2. मेरुदंड
3. कंधे की अस्थियाँ
4. श्रोणि अस्थियाँ
5. मानव खोपड़ी।
उत्तर:
प्रश्न 2.
अस्थियों को गति करने योग्य कौन बनाता है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
किसी अस्थि को गति प्रदान करने के लिए दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना होता है। जब इन दो पेशियों में से कोई एक पेशी सिकुड़ती है तब अस्थि उस दिशा में खिंच जाती है, जबकि दूसरी पेशी लम्बाई में बढ़कर पतली हो जाती है अर्थात् शिथिल अवस्था में आ जाती है। अब अस्थि को विपरीत दिशा में गति करने के लिए शिथिल पेशी सिकुड़कर अस्थि को अपनी पूर्व स्थिति में खींचती है, जबकि पहले वाली पेशी अब शिथिल अवस्था में आ जाती है। पेशी केवल खींच सकती है, वह धक्का नहीं दे सकती। अत: एक अस्थि को गति देने के लिए दो पेशियों को संयुक्त रूप से कार्य करना पड़ता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि पेशियाँ ही अस्थि को गति करने योग्य बनाती हैं।
प्रश्न 3.
केंचुआ किस प्रकार गति करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
केंचुए की गति: केंचुए का शरीर अनेक छल्लों से बना होता है। इसके शरीर में अस्थियाँ नहीं होती परन्तु इसमें पेशियाँ होती हैं, जो इसके शरीर के घटने और बढ़ने में सहायता करती हैं। गति के समय, केंचुआ अपने शरीर के पश्च भाग को भूमि में जकड़े रहता है तथा अन भाग को फैलाता है। इसके बाद अग्र भाग से भूमि को पकड़कर पश्च भाग को स्वतंत्र कर देता है। इसके बाद यह शरीर को संकुचित करता है और पश्च भाग को आगे की ओर खींचता है। इससे वह कुछ दूरी तक आगे बढ़ता है। केंचुआ इस प्रक्रिया को बार - बार दोहराते हुए मिट्टी पर आगे बढ़ता है। इसके शरीर में चिकने पदार्थ होते हैं, जो इसे चलने में सहायता करते हैं। इसके शरीर में अनेक छोटे - छोटे बाल जैसे शूक होते हैं, जो पेशियों से जुड़े होते हैं। ये शूक ही मिट्टी में इसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं।