Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Important Questions Chapter 14 जल Important Questions and Answers.
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बहुचयनात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
किसी पुस्तक के एक पृष्ठ के उत्पादन के लिए अनुमानतः कितने जल की आवश्यकता होती है?
(अ) दो गिलास
(ब) तीन गिलास
(स) चार गिलास
(द) पाँच गिलास
उत्तर:
(अ) दो गिलास
प्रश्न 2.
पृथ्वी का जल से घिरा हुआ भाग है।
(अ) 1/4 भाग
(ब) 2/4 भाग
(स) 2/3 भाग
(द) 3/4 भाग
उत्तर:
(स) 2/3 भाग
प्रश्न 3.
वायु में जल किस रूप में जाता है?
(अ) वर्षा
(ब) जलवाष्प
(स) ओले
(द) हिम
उत्तर:
(ब) जलवाष्प
प्रश्न 4.
हमारे उपयोग के लिए जल प्राप्ति का स्रोत है।
(अ) नदी
(ब) कुआँ
(स) तालाब
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 1.
जल का उपयोग दैनिक कार्यों के साथ-साथ बहुत-सी वस्तुओं के .................. के लिए भी होता है।
उत्तर:
उत्पादन
प्रश्न 2.
पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का अधिकांश भाग ................ तथा ................. में है।
उत्तर:
समुद्रों, महासागरों
प्रश्न 3.
................. भूमि पर जल की आपूर्ति बनाए रखता है।
उत्तर:
जलचक्र
प्रश्न 4.
जलवाष्प वायु में ................ होकर जल की छोटी-छोटी बूंदें बनाती है।
उत्तर:
संघनित।
निम्न में से सत्य / असत्य कथन छौटिए:
प्रश्न 1.
वायु में वाष्पन और वाष्पोत्सर्जन से जलवाष्प मिलती रहती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
पृथ्वी पर उपयोग करने योग्य जल की मात्रा असीमित
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 3.
हमारे देश में अधिकांश वर्षा मानसून के मौसम में होती है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
समुद्रों और महासागरों के जल में बहुत से लवण घुले होते हैं जिससे जल मीठा होता है।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
सूर्य के प्रकाश में वाष्पन तेजी से होता है।
उत्तर:
सत्य
कॉलम - 1 में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - 2 से कीजिए:
प्रश्न 1.
कॉलम - 1 |
कौलम - 2 |
(1). संघनन |
(A) लम्बे समय तक वर्षा न होना |
(2) सूखा |
(B) वाष्प का जल में बदलना |
(3) वाष्पन |
(C) अत्यधिक वर्षा का होना |
(4) बाढ़ |
(D) जल का वाष्प में बदलना |
उत्तर:
कॉलम - 1 |
कौलम - 2 |
(1). संघनन |
(A) लम्बे समय तक वर्षा न होना |
(2) सूखा |
(B) वाष्प का जल में बदलना |
(3) वाष्पन |
(C) अत्यधिक वर्षा का होना |
(4) बाढ़ |
(D) जल का वाष्प में बदलना |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
जल के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
तालाब, झील, नदी तथा कुएँ जल के प्रमुख स्रोत है।
प्रश्न 2.
समुद्रों और महासागरों का जल खारा क्यों होता है।
उत्तर:
समुद्रों और महासागरों के जल में बहुत से लवण घुले होते हैं जिससे जल खारा होता है।
प्रश्न 3.
एक किलोग्राम गेहूँ देने वाले, गेहूँ के पौधों से वाष्पोत्सर्जन द्वारा कितने जल की क्षति होती है?
उत्तर:
एक किलोग्राम गेहूँ देने वाले, गेहूँ के पौधों से वाष्पोत्सर्जन द्वारा लगभग 500 लीटर जल की क्षति होती है।
प्रश्न 4.
किस प्रक्रम द्वारा वायु में चला गया जल पुनः पृथ्वी के पृष्ठ पर वापस आ जाता है?
उत्तर:
संघनन प्रक्रम द्वारा।
प्रश्न 5.
भौम - जल के स्तर की क्षति का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
अति उपयोग, भौम जल के स्तर की क्षति का मुख्य कारण है।
प्रश्न 6.
हमारे देश में अधिकांश वर्षा किस मौसम में होती है?
उत्तर:
हमारे देश में अधिकांश वर्षा मानसून के मौसम में होती है।
प्रश्न 7.
जल के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता क्यों है।
उत्तर:
पृथ्वी पर उपयोग करने योग्य जल की मात्रा सीमित है इसलिए विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता है।
प्रश्न 8.
'राइम ऑफ दि एनशिएंट मैरिनर' कविता किसने व कब लिखी थी?
उत्तर:
यह कविता एस.टी. कोलरिज ने 1798 में लिखी थी।
प्रश्न 9.
वर्षा के पश्चात् गीली सड़कों, छतों तथा अन्य स्थानों से जल कहाँ लुप्त हो जाता है?
उत्तर:
इन स्थानों से जल, जलवाष्प में परिवर्तित होता रहता है अर्थात् जल वायु में वाष्पीकृत हो जाता है।
प्रश्न 10.
वाष्पन के लिए आवश्यक ऊष्मा, जल को कहाँ से प्राप्त होती है?
उत्तर:
जल को वाष्पन के लिए आवश्यक ऊष्मा सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होती है।
प्रश्न 11.
जल, वायु में कैसे प्रवेश करता है?
उत्तर:
वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन की क्रियाओं के द्वारा जल वायु में चला जाता है।
प्रश्न 12.
जल पुन: धरती पर वापस किन रूपों में आता है?
उत्तर:
वर्षा, ओले तथा हिम के रूप में।
प्रश्न 13.
यदि किसी क्षेत्र में काफी समय तक वर्षा न हो तो क्या होगा?
उत्तर:
सूखा पड़ जायेगा।
प्रश्न 14.
वर्षा जल संग्रहण का मूल मंत्र क्या है?
उत्तर:
यह कि 'जल जहाँ गिरे वहीं एकत्र कीजिए।'
प्रश्न 15.
अपने उपयोग के लिए आप जल कहाँ से प्राप्त करते हैं?
उत्तर:
हमें अपने उपयोग के लिए जल तालाब, झील, नदी तथा कुओं से प्राप्त होता है।
प्रश्न 16.
तालाबों, झीलों, नदियों तथा कुओं को भरने के लिए जल कहाँ से आता है?
उत्तर:
इनको भरने के लिए जल वर्षा से प्राप्त होता है। विशेष स्थितियों में यह ओले तथा हिम के रूप में भी आ सकता है।
प्रश्न 17.
वायु में जाने वाला जल क्या सदा के लिए लुप्त हो जाता है?
उत्तर:
नहीं, यह जल हमें पुन: प्राप्त हो जाता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
क्या छाया में रखा जल भी विलुप्त हो सकता है? अगर हाँ, तो इसका क्या कारण है?
उत्तर:
हाँ, छाया में रखा जल भी विलुप्त हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिन के समय सूर्य के प्रकाश की ऊष्मा के कारण हमारे चारों ओर की वायु गर्म हो जाती है। यही गर्म वायु छाया में रखे जल को वाष्पित करने के लिए ऊष्मा प्रदान करती है।
प्रश्न 2.
पौधे जल की क्षति किस प्रकार करते हैं? समझाइये।
उत्तर:
सभी पौधों को वृद्धि के लिए जल की आवश्यकता होती है। पौधे इस जल की कुछ मात्रा का उपयोग अपना भोजन बनाने में करते हैं तथा कुछ मात्रा को अपने विभिन्न भागों में सुरक्षित रख लेते हैं। जल के शेष भाग को पौधे वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया के द्वारा जलवाष्प के रूप में वायु में मुक्त कर देते हैं। इस प्रकार पौधे वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल की क्षति करते हैं।
प्रश्न 3.
वर्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जलवाष्य के संघनन से बनी बहुत: सी जलकणिकाएँ आपस में मिलकर एक बड़े आमाप की जल की बूंदें बनाती हैं। इनमें से कुछ जल की बूंदें जब बहुत भारी हो जाती हैं तो वे नीचे की ओर गिरने लगती हैं। इन गिरती हुई बूंदों को ही हम वर्षा कहते हैं।
प्रश्न 4.
जल चक्र को समझाइये।
उत्तर:
जल चक्र: जल पृथ्वी की ऊपरी सतह से जलवाष्प के रूप में वायु में जाता है और वर्षा, ओलों तथा हिम के रूप में वापस लौटता है। और अन्त में वापस महासागरों में चला जाता है। जल के इस प्रकार के चक्रण को ही 'जलचक्र' कहते हैं। यह एक निरन्तर चलने वाला प्रक्रम है। जलचक्र ही भूमि पर जल की आपूर्ति बनाए रखता है।
प्रश्न 5.
महासागरों का जल हमारे उपयोग के लिए अनुपयुक्त क्यों होता है?
उत्तर:
समुद्रों एवं महासागरों के जल में बहुत से लवण घुले हुए होते हैं जिससे यह जल खारा होता है। खारा होने के कारण यह पीने के लिए अनुपयुक्त तथा अन्य घरेलू, कृषि तथा उद्योगों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए उचित नहीं है।
प्रश्न 6.
पृथ्वी पर भीम जल किस प्रकार उपलब्ध होता है।
उत्तर:
वर्षा के जल का कुछ भाग भूमि द्वारा सोख लिया जाता है और मृदा में विलुप्त हुआ प्रतीत होता है। इस जल का कुछ भाग वाष्पन तथा वाष्पोत्सर्जन द्वारा वापस वायु में चला जाता है। शेष जल धीरे - धीरे भूमि के नीचे रिसता रहता है। इस जल का अधिकांश भाग ही हमें भौमजल के रूप में उपलब्ध होता है।
प्रश्न 7.
भीम जल की उपलब्धता प्रभावित क्यों हो रही है?
उत्तर:
उन क्षेत्रों में, जहाँ भूमि पर वनस्पति बहुत कम है या बिल्कुल ही नहीं है, वहाँ वर्षा का जल शीघ्र बह जाता है। बहुत - से क्षेत्रों में अधिकांश जमीन कंक्रीट से ढकी होने के कारण भूमि में जल का रिसाव बहुत कम होता है। इस सबसे भौम जल की उपलब्धता प्रभावित होती है।
प्रश्न 8.
समुद्री जल को बीकर में लेकर गर्म करने पर क्या होगा?
उत्तर:
समुद्री जल में लवण घुले होते हैं। जब समुद्री जल को गर्म किया जाता है तो जल जलवाष्प में परिवर्तित हो जाता है, परन्तु जलवाष्प अपने साथ लवणों का वहन नहीं करती है। इसलिए बीकर में लवण शेष रह जाएंगे।
निबन्धात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
'सूर्य के प्रकाश में वाष्पन तीव्र गति से होता है।' प्रयोग द्वारा समझाइये।
उत्तर:
वाष्पन के लिए जल को ऊष्मा की आवश्यकता होती है, जो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य के प्रकाश से प्राप्त होती है। वाष्पन की तीव्र तथा धीमी गति को हम निम्न प्रयोग के द्वारा समझ सकते हैंप्रयोग-इसके लिए दो एक जैसी प्लेट लेते हैं। एक प्लेट को सूर्य के प्रकाश (धूप) में तथा दूसरी प्लेट को किसी छायादार स्थान पर रखते हैं। इसके बाद इन दोनों प्लेटों में बराबर मात्रा में जल भरते हैं। फिर प्रत्येक 15 मिनट पश्चात् दोनों प्लेटों को देखते हैं। हम देखते हैं कि सूर्य के प्रकाश की ऊष्मा के कारण धूप में रखी प्लेट का जल तेजी से कम होता है। इसके विपरीत छाया वाली प्लेट को सीधे ऊष्मा नहीं मिलने के कारण, उसका जल धीमी गति से कम होता है।
प्रश्न 2.
हम वर्षा के जल का संग्रहण किस प्रकार कर सकते हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वर्षा जल का संग्रहण: वर्षा जल को एकत्र करके, उसका प्रयोग करना, जल की उपलब्धता में वृद्धि करने का एक उपाय है। इस उपाय द्वारा वर्षा के जल को एकत्र करने को 'वर्षा जल संग्रहण' कहते हैं। वर्षा - जल संग्रहण का मूलमंत्र है कि जल जहाँ गिरता है, उसे वहीं एकत्र कर लें।' वर्षा जल संग्रहण की दो तकनीकें निम्न प्रकार से हैं।
(i) छत के ऊपर वर्षा जल संग्रहण: इस प्रणाली में भवनों की छतों पर एकत्रित वर्षा के जल को भंडारण टैंक में पाइपों द्वारा पहुंचाया जाता है। इस जल में, छत पर उपस्थित मिट्टी हो सकती है, इसलिए इसको नियंदित करना आवश्यक होता है। इस जल को भंडारण टैंक के स्थान पर सीधे ही पाइपों द्वारा जमीन में बने किसी गड्ढे तक भी ले जाया जा सकता है, जिससे यह भौम जल की पुनः पूर्ति करेगा।
(ii) इसके अतिरिक्त सड़क के किनारे बनी नालियों द्वारा एकत्रित वर्षा का जल भूमि में सीधे पहुँचने देना चाहिए।
प्रश्न 3.
जल को पृथ्वी के पृष्ठ पर पुनः वापस लाने में संघनन - प्रक्रम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण होता है?
उत्तर:
जैसे - जैसे हम पृथ्वी के पृष्ठ से ऊपर जाते हैं, ताप कम हो जाता है। जैसे - जैसे वायु ऊपर उठती जाती है, ठण्डी होती जाती है। पर्याप्त ऊँचाई पर वायु इतनी ठण्डी हो जाती है कि इसमें उपस्थित जलवाष्प संघनित होकर छोटी - छोटी जल की बूंदों में परिवर्तित हो जाती है। ये जल की बूंदें मिलकर इतनी भारी हो जाती हैं कि नीचे की ओर गिरने लगती है। इस प्रकार संघनन प्रक्रम द्वारा जल वर्षा, ओले तथा हिम के रूप में पुनः धरती पर वापस आ जाता है।
प्रश्न 4.
भारी वर्षा का क्या परिणाम हो सकता है? समझाइए।
उत्तर:
अत्यधिक वर्षा से बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। भारी वर्षा से नदियों, झीलों तथा तालाबों का जल स्तर बढ़ सकता है। ऐसा होने पर जल एक बड़े क्षेत्र में फैलकर बाढ़ का कारण बन सकता है। यह खेतों, वनों, गाँवों और शहरों को जलमग्न कर सकता है। बाढ़ के समय जल में रहने वाले जीव भी बह जाते हैं। प्रायः जब बाद का जल उतरता है तो ये जलाशय जीव, थल भाग में फंसकर मर जाते हैं।
प्रश्न 5.
यदि किसी क्षेत्र में एक वर्ष या उससे भी अधिक समय तक वर्षा न हो तो क्या होगा?
उत्तर:
वाष्पन एवं वाष्पोत्सर्जन द्वारा मृदा से लगातार जल की क्षति होती रहती है क्योंकि यह वर्षा द्वारा वापस नहीं लाया जा रहा है, इसलिए मृदा सूख जाती है। उस क्षेत्र के तालाबों और कुओं में जल का स्तर गिर जाता है और उनमें से कुछ सूख भी जाते हैं। भौम - जल की भी कमी हो जाती है। इससे सूखा पड़ सकता है। सूखे की स्थिति में खाद्यान्न और चारा प्राप्त करना दुर्लभ हो जाता है।