These comprehensive RBSE Class 12 Sociology Notes Chapter 2 भारतीय समाज की जनसांख्यिकीय संरचना will give a brief overview of all the concepts.
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→ जनसांख्यिकीय का अर्थ यह जनसंख्या का सुव्यवस्थित अध्ययन है। आंग्ल भाषा में इसे 'डेमोग्राफी' कहा जाता है, जो कि यूनानी भाषा के 'डेमोस' और 'ग्राफीन' शब्दों के मेल से बना है। इसमें जनसंख्या के आकार में परिवर्तन, जन्म, मृत्यु, प्रवसन के स्वरूप तथा जनसंख्या संरचना का अध्ययन किया जाता है।
→ जनसांख्यिकी के रूप: ये कई प्रकार की होती हैं, जैसे
→ जनसांख्यिकी अध्ययन का आरम्भ: 18वीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों का उदय हुआ। राज्य के कार्यक्षेत्र के विस्तार के कारण जनसंख्या तथा अर्थव्यवस्था सम्बन्धी आँकड़ों की आवश्यकता हुई। आधुनिक अर्थों में जनसंख्या अध्ययन का शुभारम्भ 18वीं सदी में आरम्भ हुआ था। 1790 ई. में अमेरिका में प्रथम आधुनिक जनगणना आरम्भ हुई थी। 19वीं सदी में यूरोप के अन्य देशों के द्वारा इसे अपना लिया गया था। भारत में ब्रिटिश शासनकाल में 1867-72 ई. के मध्य जनगणना कार्य आरम्भ हुआ था। 1881 ई. से हर दस वर्ष के बाद जनगणना होने लगी। 1951 से अब तक सात दसवर्षीय जनगणनाएँ हो चुकी हैं। सबसे नवीन जनगणना सन् 2011 ई. में हुई थी।
→ जनसांख्यिकीय अध्ययन का महत्त्व: जनसंख्यात्मक आँकड़े राज्य की नीतियों को बनाने, आर्थिक विकास तथा लोककल्याणकारी नीतियों को बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में महत्त्वपूर्ण होते हैं।
→ आकारिक जनसांख्यिकी और जनसंख्या अध्ययन में अन्तर: आकारिक जनसांख्यिकी मुख्य रूप से जनसंख्या परिवर्तन के संघटनों के विश्लेषण तथा मापन से सम्बन्धित है जबकि जनसंख्यात्मक अध्ययन के अन्तर्गत जनसंख्या की संरचनाओं तथा परिवर्तनों के व्यापक कारणों तथा परिणामों का पता लगाया जाता है।
→ जनसांख्यिकी सम्बन्धी प्रमुख सिद्धान्त एवं संकल्पनायें
1. माल्थस का जनसंख्या वृद्धि का सिद्धान्त-माल्थस के अनुसार मानव जनसंख्या उस दर की तुलना में तीव्र गति से बढ़ती है, जिस दर पर मनुष्य के भरण-पोषण के साधन बढ़ सकते हैं । इसीलिए मानव हमेशा गरीबी के स्तर पर जीवन-यापन करने के लिए दण्डित किया जाता है क्योंकि कृषि उत्पादन की वृद्धि हमेशा जनसंख्या वृद्धि से कम ही रहेगी। अतः आर्थिक संवृद्धि के लिए जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना आवश्यक है। .जनसंख्या नियंत्रण के लिए अधिक उम्र में विवाह तथा आत्मसंयम अथवा ब्रह्मचर्य का पालन करके जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। इस सिद्धान्त की कई आधारों पर आलोचना की जाती रही है।
2. जनसांख्यिकीय संक्रमण का सिद्धान्त-इस सिद्धान्त के अनुसार जनसंख्या वृद्धि आर्थिक विकास के सभी स्तरों से जुड़ी होती है और प्रत्येक समाज विकास से सम्बन्धित जनसंख्या वृद्धि के एक निश्चित स्वरूप का अनुसरण करता है।
जनसंख्या वृद्धि के तीन चरण होते हैं
(क) अल्पविकसित समाजों में जनसंख्या वृद्धि कम होना
(ख) विकासशील समाजों में जनसंख्या वृद्धि दर का ऊँचा होना
(ग) अन्तिम चरण में विकसित समाजों में जनसंख्या वृद्धि दर का ऊँचा पाया जाना। अतः बीच का संक्रमणकालीन अवस्था में जनसंख्या विस्फोट की समस्या पाई जाती है।
→ सामान्य संकल्पनायें और संकेतक
→ स्त्री-पुरुष अनुपात: यह इस बात का सूचक है कि किसी क्षेत्र विशेष में एक निश्चित अवधि के दौरान प्रति 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या क्या है ? यदि स्त्री-पुरुष अनुपात स्त्रियों के पक्ष में है तो इसके दो कारण हैं
→ आयु संरचना: इसका अर्थ है-कुल जनसंख्या में विभिन्न आयु वर्गों में व्यक्तियों का अनुपात क्या है ? आयु संरचना विकास के स्तरों और औसत आयु संरचना में होने वाले परिवर्तनों के अनुपात बदलती
रहती है।
→ पराश्रितता अनुपात जनसंख्या: इसमें एक ओर वे वृद्ध सम्मिलित किये जाते हैं जो कि अपनी वृद्धावस्था के कारण काम नहीं कर पाते हैं तो दूसरी ओर इसमें ऐसे छोटे बच्चों को भी शामिल किया जाता है जो कि अपनी छोटी आयु के कारण काम नहीं कर पाते हैं।
→ कार्यशील जनसंख्या: इसके अन्तर्गत उन लोगों को शामिल किया जाता है जो कि किसी काम में लगे हुए हैं। इसमें 15 से 64 वर्षों के लोगों को शामिल किया जाता है।
→ भारत की जनसंख्या का आकार और संवृद्धि
→ भारतीय जनसंख्या की आयु संरचना
→ भारत में गिरता हुआ स्त्री-पुरुष अनुपात
लिंगानुपात:
प्रति 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की औसत संख्या को लिंगानुपात कहा जाता है।
साक्षरता:
ग्रामीण-नगरीय भिन्नताएँ:
→ भारत की जनसंख्या नीति:
सम्भवतः भारत विश्व का प्रथम देश था जिसके द्वारा सन् 1952 में अपनी जनसंख्या नीति की घोषणा की गई थी। भारत की जनसंख्या नीति के निम्नलिखित उद्देश्य रहे हैं
1975-76 में आपातकाल के दौरान परिवार नियोजन के कार्यक्रमों को काफी धक्का पहँचा। इस दौरान जोर-जबरदस्ती से लोगों के बन्ध्याकरण कार्यक्रम लागू किये गये। अधिकांशतः गरीब और सरकारी कर्मचारियों पर इसके लिए दबाव डाले गये थे।