RBSE Class 12 Sociology Important Questions Chapter 5 औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास

Rajasthan Board  RBSE Class 12 Sociology Important Questions Chapter 5 औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास Important Questions and Answers.

RBSE Class 12 Sociology Important Questions Chapter 5 औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास

प्रश्न 1. 
आर्टिस्ट एसोसिएशन की माँग क्या है? 
(क) आठ घंटे की शिफ्ट हो
(ख) मेहनताना वाजिब हो 
(ग) कार्यावस्था सुरक्षित हो
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 2. 
प्राथमिक क्षेत्र में कौनसे कार्य आते हैं ?
(क) कृषि एवं खदान 
(ख) उद्योग-धन्धे 
(ग) कुटीर उद्योग 
(घ) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(क) कृषि एवं खदान 

प्रश्न 3. 
भारत में कितने प्रतिशत लोग द्वितीयक क्षेत्र में लगे हैं ?
(क) 50 प्रतिशत 
(ख) 30 प्रतिशत 
(ग) 20 प्रतिशत 
(घ) 17 प्रतिशत 
उत्तर:
(घ) 17 प्रतिशत 

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प्रश्न 4. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग तृतीयक क्षेत्र में कार्यरत हैं?
(क) 23 प्रतिशत
(ख) 30 प्रतिशत
(ग) 40 प्रतिशत
(घ) 50 प्रतिशत 
उत्तर:
(क) 23 प्रतिशत

प्रश्न 5. 
भारत में कितने प्रतिशत लोग स्वरोजगारी हैं ? 
(क) 25 प्रतिशत
(ख) 50 प्रतिशत से अधिक 
(ग) 50 प्रतिशत से कम
(घ) 40 प्रतिशत 
उत्तर:
(ख) 50 प्रतिशत से अधिक 

प्रश्न 6. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग नियमित वेतनभोगी रोजगार में हैं ?
(क) 20 प्रतिशत 
(ख) 14 प्रतिशत 
(ग) 25 प्रतिशत 
(घ) 50 प्रतिशत 
उत्तर:
(ख) 14 प्रतिशत 

प्रश्न 7. 
भारत में कितने प्रतिशत मजदर अनियमित हैं?
(क) 30 प्रतिशत 
(ख) 40 प्रतिशत 
(ग) 50 प्रतिशत 
उत्तर:
(क) 30 प्रतिशत 

प्रश्न 8. 
विकसित और विकासशील देशों में एक बड़ा अन्तर है
(क) नियमित वेतनभोगी
(ख) अनियमित वेतनभोगी 
(ग) कार्यरत लोग
(घ) अकार्यरत लोग 
उत्तर:
(क) नियमित वेतनभोगी

प्रश्न 9. 
विनिवेश से सरकारी कर्मचारियों को क्या भय है? 
(क) ज्यादा कार्य करने का
(ख) कार्य कम होने का 
(ग) नौकरी खोने का
(घ) वेतन में कटौती होने का 
उत्तर:
(ग) नौकरी खोने का

प्रश्न 10. 
बुधवार के टाइम्स ऑफ इंडिया में टाइम्स एसेन्ट पृष्ठ किस विज्ञापन से सम्बन्धित है?
(क) फिल्म 
(ख) रोजगार 
(ग) राजनीति
(घ) फैशन 
उत्तर:
(ख) रोजगार

प्रश्न 11. 
व्यापार, यातायात, वित्तीय सेवाएँ इत्यादि उद्योग के किस क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं ? 
(क) प्राथमिक क्षेत्र
(ख) द्वितीयक क्षेत्र 
(ग) तृतीयक क्षेत्र
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(ग) तृतीयक क्षेत्र

प्रश्न 12.
सरकार ने उदारीकरण की नीति को अपनाया
(क) सन् 1990 के दशक में
(ख) सन् 1991 के दशक में 
(ग) सन् 1880 के दशक में
(घ) सन् 1860 के दशक में
उत्तर:
(क) सन् 1990 के दशक में

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1. 
सन् 1990 के दशक में सरकार ने ............. की नीति को अपनाया है।
उत्तर:
उदारीकरण

प्रश्न 2.
............. की प्रक्रिया में पृथक् समाज की अवस्थाएँ अलग-अलग हैं परन्तु उन सभी की दिशा एक ही है।
उत्तर:
आधुनिकीकरण

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प्रश्न 3. 
भारत में ............. से होने वाले अनुभव कई प्रकारों से पाश्चात्य प्रतिमान से समान और कई प्रकारों से भिन्न थे। 
उत्तर:
औद्योगीकरण                                                                                                                                                   

प्रश्न 4.
अर्थशास्त्रियों ने अक्सर संगठित या औपचारिक और ........................ या ........................ क्षेत्रों के मध्य अन्तर स्थापित किया है।
उत्तर:
असंगठित, अनौपचारिक

प्रश्न 5.
रुई, जूट, कोयला खाने एवं रेलवे भारत के प्रथम ........................ उद्योग थे।
उत्तर:
आधुनिक

प्रश्न 6.
स्वतंत्रता के बाद सरकार ने आर्थिकी को ....................... पर रखा। 
उत्तर:
प्रभावशाली ऊँचाइयों

प्रश्न 7. 
1991 तक कुल कार्यकारी जनसंख्या में से केवल............. बड़े उद्योगों में नौकरी कर रहे थे जबकि................. लोग छोटे पैमाने के एवं परम्परागत उद्योगों में कार्यरत थे। 
उत्तर:
28%, 72%

प्रश्न 8. 
भारत सरकार के कार्यक्रम............. तथा............. कार्यक्रम वे नीतिगत प्रयास हैं जो रोजगार और स्वरोजगार को सम्भव बनाते हैं।
उत्तर:
स्टैण्ड अप इण्डिया, मेक इन इण्डिया

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
दक्षिणी गुजरात में प्रवसन करने वाले मजदूर क्यों आते हैं ? 
उत्तर:
ईंट के भट्टों में काम करने के लिए। 

प्रश्न 2. 
विनिवेश किसे कहते हैं ? 
उत्तर:
सरकार द्वारा सार्वजनिक कम्पनियों के शेयरों को निजी कम्पनी को बेचने को विनिवेश कहते हैं। 

प्रश्न 3. 
बुधवार के टाइम्स ऑफ इण्डिया में टाइम्स एसेन्ट पृष्ठ पर किससे संबंधित विज्ञापन आते हैं ? 
उत्तर:
रोजगार से संबंधितं।

प्रश्न 4. 
'टाइम्स एसेन्ट' एक विशिष्ट पृष्ठ किस अखबार से जुड़ा है ?
अथवा 
टाइम्स एसेन्ट किस अखबार में छपता है ? 
उत्तर:
टाइम्स ऑफ इण्डिया से। 

प्रश्न 5. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग कृषि एवं खदान में लगे हैं ?
उत्तर:
60 प्रतिशत लोग।

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प्रश्न 6. 
भारत में कितने प्रतिशत लोग द्वितीयक क्षेत्र में लगे हैं ?
उत्तर:
17 प्रतिशत लोग। 

प्रश्न 7. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग तृतीयक क्षेत्र में लगे हैं ? 
उत्तर:
23 प्रतिशत लोग। 

प्रश्न 8. 
भारत में कितने प्रतिशत लोग स्वरोजगारी हैं ? 
उत्तर:
50 प्रतिशत से अधिक। 

प्रश्न 9. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग नियमित वेतनभोगी रोजगार में हैं ? 
उत्तर:
14 प्रतिशत लोग। 

प्रश्न 10. 
भारत के कितने प्रतिशत लोग 'अनियमित मजदूर' हैं ? 
उत्तर:
30 प्रतिशत लोग। 

प्रश्न 11. 
भारत के चार प्रथम आधुनिक उद्योगों के नाम लिखो। 
उत्तर:

  1. रुई 
  2. जूट 
  3. खानें 
  4. रेल्वे। 

प्रश्न 12. 
कौनसे दशक में भारत ने उदारीकरण की नीति को अपनाया? 
उत्तर:
1990 के दशक में। 

प्रश्न 13. 
किस नीति के कारण अब भारतीय दुकानों पर विदेशी वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं ?
उत्तर:
उदारीकरण की नीति के कारण। 

प्रश्न 14. 
विनिवेश से सरकारी कर्मचारियों को क्या भय है? 
उत्तर:
नौकरी खोने का। 

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प्रश्न 15. 
साधारणतः पहले कामगार किसके माध्यम से रोजगार प्राप्त करते थे? 
उत्तर:
ठेकेदार के माध्यम से। 

प्रश्न 16. 
दक्षिणी गुजरात में ईंट के भट्टों के मालिक साधारणतः किस जाति के होते हैं ? 
उत्तर:
पारसी, देसाई या ऊँची जाति के। 

प्रश्न 17. 
मारुति उद्योग लि. प्रत्येक मिनिट में कितनी कारें तैयार करती है ? 
उत्तर:
दो। 

प्रश्न 18. 
1982 में बम्बई टैक्सटाइल मिल की हड़ताल किस नेता की अगुवाई में हुई थी? 
उत्तर:
डॉ. दत्ता सामन्त। 

प्रश्न 19. 
द्वितीयक क्षेत्र में कौनसे कार्य आते हैं ? 
उत्तर:
उत्पादन, निर्माण तथा उपयोगिता से संबंधित कार्य। 

प्रश्न 20. 
तृतीयक क्षेत्र क्या है? 
उत्तर:
तृतीयक क्षेत्र में व्यापार, यातायात, वित्तीय सेवाएँ आदि आती हैं। 

प्रश्न 21. 
विकसित और विकासशील देशों में सबसे बड़ा अन्तर क्या है? 
उत्तर:
वेतनभोगी कार्यरत लोगों की संख्या का। 

प्रश्न 22. 
मैनेजर का मुख्य कार्य क्या होता है ? 
उत्तर:
मैनेजर का मुख्य कार्य होता है-कामगारों को नियंत्रित करना और उनसे अधिक काम करवाना। 

प्रश्न 23. 
कानपुर कपड़ा मिल में रोजगार दिलाने वाले को क्या कहा जाता है? 
उत्तर:
मिस्त्री। 

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प्रश्न 24. 
बी.आई.आर.ए. का पूरा नाम क्या है ? 
उत्तर:
बॉम्बे इंडस्ट्रियल रिलेशन्स एक्ट। 

प्रश्न 25. 
बी.आई.आर.ए. का मुख्य कार्य क्या है ? 
उत्तर:
संघ बनाने की अनुमति देना। 

प्रश्न 26. 
विनस्लो टेलर के 'वैज्ञानिक प्रबंधन' की व्यवस्था का दूसरा नाम क्या है? 
उत्तर:
टेलरिज्म या औद्योगिक इंजीनियरिंग। 

प्रश्न 27. 
1890 में 'वैज्ञानिक प्रबन्धक' व्यवस्था का आविष्कार किसने किया? 
उत्तर:
एक अमेरिकन फ्रेडरिक विनस्लो टेलर ने। 

प्रश्न 28. 
स्वतंत्रता से पहले भारत में उद्योग किन शहरों में थे? (कोई तीन शहर के नाम लिखिये।) 
उत्तर:

  1. चेन्नई 
  2. मुम्बई 
  3. कोलकाता।

प्रश्न 29. 
1991 तक कुल कार्यकारी जनसंख्या में से कितने प्रतिशत लोग छोटे पैमाने के एवं परम्परागत उद्योगों में कार्यरत थे?
उत्तर:
72 प्रतिशत लोग। 

प्रश्न 30. 
भारत में सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन आने का क्या कारण है? 
उत्तर:
प्रौद्योगिकी में होने वाले परिवर्तन और लोगों के कार्य करने का तरीका। 

प्रश्न 31. 
औद्योगीकरण कुछ स्थानों पर समानता लाता है। उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:
रेलगाड़ियाँ, बसें और साइबर कैफे।

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प्रश्न 32. 
स्वतंत्रता से पहले उद्योग किन शहरों तक सीमित थे? 
उत्तर:
मद्रास, बम्बई और कलकत्ता।

प्रश्न 33. 
रोजगार के अवसरों में कौनसे दो तत्त्व शामिल हैं ? 
उत्तर:

  1. किसी संगठन में रोजगार 
  2. स्व - रोजगार।

प्रश्न 34. 
भारत सरकार के द्वारा शुरू किये गये दो कार्यक्रम का नाम लिखिए जो रोजगार एवं स्वरोजगार को सम्भव बनाते हैं।
उत्तर:

  1. स्टैण्ड अप इण्डिया 
  2. मेक इन इण्डिया। 

प्रश्न 35. 
मशीनीकरण को रोजगार के लिए खतरा मानने वाले दो क्रान्तिकारियों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. महात्मा गाँधी 
  2. कार्ल मार्क्स। 

प्रश्न 36. 
एसेम्बली लाइन की शुरुआत क्यों की गई? 
उत्तर:
कार्य को तेजी से समाप्त करने के लिए। 

प्रश्न 37. 
भारत का सबसे पुराना उद्योग क्या है ? 
उत्तर:
कपड़ा मिल। 

प्रश्न 38. 
आई.टी. उद्योग क्षेत्र के सन्दर्भ में कार्य संस्कृति क्या है ?
उत्तर:
लम्बे कार्य घण्टों का होना। 

प्रश्न 39. 
"मशीनों का प्रयोग कार्यकर्ताओं की दक्षता को कम करता है।" यह कथन किसका है?
उत्तर:
प्रसिद्ध समाजशास्त्री हैरी ब्रेवरमैन। 

प्रश्न 40. 
खदान एक्ट कब लागू किया गया था? 
उत्तर:
1952।

प्रश्न 41. 
भूमिगत खानों में गैसों के उत्सर्जन और ऑक्सीजन के बंद होने से कौनसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है?
उत्तर:
क्षय रोग या सिलिकोसिस। 

प्रश्न 42. 
भारत में मजदूर संघों में कौनसी समस्याएँ पाई जाती हैं ?
उत्तर:
क्षेत्रीयवाद और जातिवाद। 

प्रश्न 43. 
आर.एम.एम.एस. का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
वैज्ञानिक प्रबंधन या टेलरिज्म का संकेत किसकी विधियों की ओर है?
उत्तर:
वैज्ञानिक प्रबन्धन या टेलरिज्म का संकेत व्यवस्थापन नियंत्रण के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँटने की विधियों की ओर है।

प्रश्न 2. 
उदारीकरण का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
उदारीकरण के तहत आर्थिक गतिविधियों पर राज्य का नियंत्रण ढीला कर दिया जाता है तथा उन्हें बाजार की ताकतों से जोड़ दिया जाता है।

प्रश्न 3. 
भारत में सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन क्यों आता है ?
उत्तर:
प्रौद्योगिकी में होने वाले परिवर्तन और लोग किस प्रकार का कार्य करते हैं, इन सब वजहों के कारण भारत में सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन आता है।

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प्रश्न 4. 
1982 में मुम्बई की कपड़ा हड़ताल में श्रमिकों की क्या माँगें थीं ? 
उत्तर:
1982 में मुम्बई की कपड़ा हड़ताल में श्रमिकों की माँगें थीं

  1. बेहतर मजदूरी तथा 
  2. संघ बनाने की अनुमति प्राप्त करना। 

प्रश्न 5. 
असंगठित क्षेत्र की क्या विशेषताएँ होती हैं? 
उत्तर:

  1. असंगठित क्षेत्र अनौपचारिक होता है। 
  2. सरकारी तौर पर इसका पंजीकरण नहीं होता है।
  3. इसमें कर्मचारियों को उपयुक्त वेतन या मजदूरी, पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिलना सुनिश्चित नहीं होता। 

प्रश्न 6. 
कॉर्पोरेट संस्कृति किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
कॉर्पोरेट (निगम) संस्कृति का तात्पर्य है-प्रबन्धन सिद्धान्त में एक ऐसी शाखा जो किसी फर्म के सभी सदस्यों को साथ लेकर एक विशेष संगठनात्मक संस्कृति के निर्माण के माध्यम से उत्पादकता और प्रतियोगिता को आगे बढ़ाती है। 

प्रश्न 7. 
संगठित क्षेत्र की क्या विशेषताएँ हैं ?
अथवा 
संगठित क्षेत्र की किन्हीं दो विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर:

  1. संगठित क्षेत्र की इकाई में 10 और अधिक लोगों को पूरे वर्ष रोजगार मिलता है। 
  2. सरकारी तौर पर इसका पंजीकरण होता है। 
  3. इसमें कर्मचारियों को उपयुक्त वेतन, पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिलना सुनिश्चित होता है। 

प्रश्न 8. 
फिल्म उद्योग के उत्पादों का प्रचार कैसे होता है ?
उत्तर:
फिल्म उद्योग के उत्पादकों का प्रचार विज्ञापनों, फिल्म वितरक के द्वारा एवं सिनेमा हॉल के मालिकों के कैसेट्स एवं वीडियोज बेचने वाली दुकानों के द्वारा होता है।

प्रश्न 9. 
मुम्बई के लोगों को किसके आधार पर विभाजित किया जाता है?
उत्तर:
मुम्बई के लोगों को वे कहाँ रहते हैं ? वे क्या खाते हैं ? और वे कितने कीमती कपड़े पहनते हैं, के आधार पर विभाजित किया जाता है।

प्रश्न 10. 
औद्योगीकरण से विस्तृत श्रम विभाजन होता है। उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
औद्योगीकरण से विस्तृत श्रम विभाजन होता है। उदाहरण-लोग अधिकतर अपने कार्यों का अंतिम रूप नहीं देख पाते क्योंकि उन्हें उत्पादन के एक छोटे पुर्जे को बनाना होता है।

प्रश्न 11. 
औद्योगीकरण कुछ एक स्थानों पर जबरदस्त समानता लाता है। उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
औद्योगीकरण कुछ एक स्थानों पर जबरदस्त समानता लाता है। उदाहरण के लिए, रेलगाड़ियों, बसों और साइबर कैफे में जातीय भेदभाव के महत्त्व का ना होना।

प्रश्न 12. 
आधुनिकीकरण का सिद्धान्त क्या तर्क देता है ?
उत्तर:
आधुनिकीकरण का सिद्धान्त यह तर्क देता है कि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में पृथक् समाज की अवस्थाएँ अलग-अलग हैं परन्तु उन सभी की दिशा एक ही है। .

प्रश्न 13. 
संगठित क्षेत्रों का गठन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
एक परिभाषा के अनुसार संगठित क्षेत्र की इकाई में 10 और अधिक लोगों के पूरे वर्ष रोजगार में रहने से इन क्षेत्रों का गठन होता है।

प्रश्न 14. 
मुम्बई के लोग किन आधारों पर समान रूप से संगठित हैं ? 
उत्तर:
मुम्बई के लोग निम्न आधारों पर समान रूप से संगठित हैं

  1. वे एक जैसी फिल्में और क्रिकेट मैच देखते हैं। 
  2. वे समान वायु-प्रदूषित वातावरण में आवागमन करते हैं। 
  3. उन सबकी आकांक्षा है कि उनके बच्चे अच्छा काम करें।

प्रश्न 15. 
कार्य को संगठित करने के तरीके अथवा उत्पाद को बाजार में भेजने के तरीकों को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं ?
उत्तर:सामाजिक संस्थाएँ जैसे-जाति, नातेदारी का संजाल, लिंग एवं क्षेत्र भी, कार्य को संगठित करने के तरीके अथवा उत्पाद को बाजार में भेजने के तरीके को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 16. 
भारत में कॉफी के विज्ञापन में पैकेट पर दो कप क्यों दिखाए जाते हैं, जबकि अमेरिका में एक। 
उत्तर:
भारतीय कॉफी पीने को सामाजिकता निभाने का एक अवसर मानते हैं, न कि अमेरिका की तरह सुबह उठकर स्फूर्ति लाने वाला पेय। इसलिए इसके विज्ञापन में भारत में दो कप और अमेरिका में एक कप दिखाया जाता है।

प्रश्न 17. 
संगठित क्षेत्र में अनुबंधित कार्य किसे कहते हैं ?
उत्तर:
बहुत से बदली कामगार एक ही कम्पनी में बहुत लम्बे समय से काम कर रहे होते हैं; किन्तु उन्हें सबके समान स्थायी पद और सुरक्षा नहीं दी जाती है। इसे संगठित क्षेत्र में अनुबंधित कार्य कहते हैं।

प्रश्न 18. 
घरों में किये जाने वाले आर्थिक कार्यों के नाम बताइये।
उत्तर:
घरों में किये जाने वाले आर्थिक कार्य ये हैं-लेस बनाना, जरी या ब्रोकेड का काम, गलीचों, बीड़ियों व अगरबत्तियों का काम।

प्रश्न 19. 
कोयला की खानों में सुरक्षा के कोई दो उपाय लिखिये। 
उत्तर:
कोयला की खानों में सुरक्षा के उपाय हैं

  1. वहाँ पानी छिड़कने की मशीन होनी चाहिए। 
  2. वहाँ गैस टेस्टिंग मशीन होनी चाहिए। 

प्रश्न 20. 
निजी उद्योगों के फलने - फूलने के लिए किन परियोजनाओं की आवश्यकता है?
उत्तर:
निजी उद्योगों के फलने-फूलने के लिए सुरक्षा, परिवहन एवं संचार एवं ऊर्जा आदि परियोजनाओं की आवश्यकता है।

प्रश्न 21. 
उदारीकरण के परिणामस्वरूप कई भारतीय कम्पनियों को बहुउद्देशीय कम्पनियों ने खरीद लिया है। इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
उदारीकरण का पहला उदाहरण है जब पारले पेय को कोका कोला ने खरीदा। पारले पेय की सालाना आमदनी 250 करोड़ रुपये थी, जबकि कोका कोला का विज्ञापन बजट 400 करोड़ रुपये है।

प्रश्न 22. 
विनिवेश से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
सरकार सार्वजनिक कम्पनियों के अपने हिस्सों को निजी क्षेत्र की कम्पनियों को बेचने का प्रयास कर रही है, जिसे विनिवेश कहा जाता है।

प्रश्न 23. 
मार्क्स और महात्मा गाँधी ने मशीनीकरण को रोजगार के लिए खतरा माना है। क्यों?
उत्तर:
मशीनें उत्पादन बढ़ाने में सहायक होती हैं। परंतु ये खतरे भी पैदा करती हैं और अंततः मशीनें कामगारों का स्थान ले रही हैं। इसीलिए मार्क्स और महात्मा गाँधी दोनों ने मशीनीकरण को रोजगार के लिए खतरा माना।

प्रश्न 24. 
खदान एक्ट के अनुसार खान का कार्य पूरा होने पर कम्पनी की क्या जिम्मेदारी होती है?
उत्तर:
खदान एक्ट के अनुसार एक खान का कार्य समाप्त होने पर कम्पनी को उस स्थान पर किए गए गड्ढे को भरकर उस जगह को पहले जैसा कर देना चाहिए। 

प्रश्न 25. 
भिलाई स्टील प्लाण्ट में साम्प्रदायिक दंगे क्यों नहीं होते हैं ?
उत्तर:
भिलाई स्टील प्लाण्ट में साम्प्रदायिक दंगे नहीं होते क्योंकि वहाँ भारत के सभी भागों के लोग एक साथ काम करते हैं।

प्रश्न 26. 
आपके विद्यालय में एक कम्प्यूटर शिक्षक की आवश्यकता है, शिक्षक भर्ती हेतु समाचार - पत्र में देने हेतु विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
महाराजा कॉलेज,
(राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कॉलेज) कम्प्यूटर शिक्षक पद के लिए प्रार्थना - पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। वेतनमान रु. 16,400-22,400 है। डी.ए., सी.सी.ए., एच.आर.ए. एवं अन्य लाभों के साथ। यह राजस्थान विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार होगा।
योग्यता:

  1. कम्प्यूटर विषय में एम.सी.ए., एम. टेक. उपाधि। 
  2. पी. एच.डी. या समकक्ष उपाधि। 
  3. 10 वर्ष का पढ़ाने का अनुभव।

प्रार्थना-पत्र में योग्यता, अनुभव, उम्र इत्यादि को पुष्टि करने वाले दस्तावेजों के साथ अध्यक्ष, शासी निकाय, महाराजा कॉलेज, जयपुर में इस विज्ञप्ति के जारी होने के 15 दिन के अंदर मुहरबंद लिफाफे में पहुँचना चाहिए। चेयरमैन, शासी निकाय (गवरनिंग बॉडी)

प्रश्न 27. 
आपके विद्यालय में एक विज्ञान अध्यापिका का पद रिक्त है। उक्त पद हेतु प्रार्थना-पत्र आमंत्रित करने के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिये। उत्तरसरस्वती महाविद्यालय (आदर्श शिक्षा संस्थान से संबंधित)
जवाहर नगर, जयपुर एक विज्ञान अध्यापिका पद के लिए प्रार्थना-पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। वेतनमान रु. 16,400-12,400 है। कम से कम रुपये 17,500 प्रतिमाह । यह आदर्श विद्या मन्दिर जयपुर के निकायों के अनुसार होगा। योग्यता-एम. एस.सी. तथा बी.एड. प्रार्थना-पत्र में योग्यता, अनुभव, उम्र इत्यादि के पुष्टि करने वाले दस्तावेजों के साथ, अध्यक्ष शासी निकाय, सरस्वती कॉलेज जवाहर नगर, जयपुर में इस विज्ञप्ति के जारी होने के 15 दिन के अन्दर मुहरबंद लिफाफे में पहुँचना चाहिए।चेयरमैन शासी निकाय। 

प्रश्न 28. 
एक होटल में वरिष्ठ टेली-विक्रय संचालक के पद के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिये।
उत्तर:
रेडिसन होटल, दिल्ली को वरिष्ठ टेली विक्रय संचालक की आवश्यकता है। प्रत्याशी को अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ हो। बेचने की सहज संवृद्धि वाले आवेदन करें। पिछला अनुभव अधिमान्य। प्रेरणास्पद वातावरण, दिन का काम और अच्छा वेतन। विज्ञापन की तिथि के 5 दिन के अन्दर आवेदन पहुँचना चाहिए या इस अवधि में प्रात: 10 बजे से 5 बजे तक फोन करें।

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प्रश्न 29.
2006 - 07 में भारत में रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों के हिस्से किस प्रकार थे?
उत्तर:
भारत में 2006-07 में रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों के हिस्से इस प्रकार थे-कृषि में 15.19%, खदान एवं खनन में 0.61%, उत्पादन में 13.33%, निर्माण में 6.10%, व्यापार, होटल एव रेस्त्रां में 13.18%, यातायात भंडारण एवं संचार में 5.06%, सामुदायिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत सेवाओं में 8.97%, वित्तीय बीमा, रीयल इस्टेट एवं व्यावसायिक सेवाओं में 2.22% तथा बिजली और पानी में 0.33%। 

प्रश्न 30. 
विकसित और विकासशील देशों में अन्तर के कुछ मुददे लिखिए।
उत्तर:
विकसित और विकासशील देशों में एक बड़ा अंतर नियमित वेतनभोगी कार्यरत लोगों की संख्या का होना है। विकसित देशों में औपचारिक रूप से कार्यरत लोग बहुसंख्यक हैं। भारत में 50% से अधिक लोग स्वरोजगारी हैं, केवल 14% लोग नियमित वेतनभोगी रोजगार में हैं, जबकि लगभग 30% लोग अनियमित मजदूर हैं।

प्रश्न 31. 
भारत और अमेरिका में कॉफी के विज्ञापन में क्या अन्तर है और क्यों?
उत्तर:
भारत में कॉफी के विज्ञापन में पैकेट पर दो कप दिखाए जाते हैं जबकि अमेरिका में एक कप । क्योंकि बहुत से भारतीय कॉफी पीने को सामाजिकता निभाने का एक अवसर मानते हैं जबकि अमेरिका में कॉफी पीना सवेरे उठकर स्फूर्ति लाने वाले पेय को पीने जैसा है।

प्रश्न 32. 
आज निजी क्षेत्र में कौनसा नियम विश्वव्यापी प्रवृत्ति बन गयी है?
उत्तर:
आज अधिकांश कम्पनियों ने अपने स्थायी कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर दी है। वे अपना कार्य बाह्य स्रोतों, जैसे-छोटी कम्पनियों से, यहाँ तक कि घरों से, करवाने लगी हैं।

प्रश्न 33. 
वर्तमान में भारत में सुरक्षित रोजगार की दृष्टि से क्या स्थिति है ?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में बहुत कम लोगों के पास सुरक्षित रोजगार है। यहाँ तक कि छोटी संख्या के स्थायी सुरक्षित रोजगार भी अनुबंधित कामगारों के कारण असुरक्षित होते जा रहे हैं तथा सरकारी रोजगार भी कम होता जा रहा है।

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प्रश्न 34. 
बीड़ी बनाने की प्रक्रिया क्या है? यह कैसे अभिसाधित होकर बीड़ी कामगार के पास पहुँचती है?
अथवा 
बीड़ी कैसे बनती है और कैसे अभिसाधित होकर बीड़ी कामगार के पास पहुँचती है?
उत्तर:
सरकार बीड़ी कारखानों के मालिकों को पत्ते नीलाम कर ठेकेदारों को दे देती है। ठेकेदार इन्हें तंबाकू भरने के लिए घरों को दे देते हैं, जहाँ अधिकांशतः महिला कामगार पत्तों को गीला कर, उन्हें गोलाकार बना तथा उन्हें काटकर उनमें तंबाकू भर देती हैं। जिन्हें सेंककर उत्पादक बीड़ी वितरक और विक्रेताओं के माध्यम से दुकानों तक पहुँचा देता है।

प्रश्न 35. 
भूमण्डलीकरण के परिणामस्वरूप भारतीय उद्योग में हुए परिवर्तनों में क्या शामिल हैं ?
उत्तर: 
भूमण्डलीकरण के परिणामस्वरूप भारतीय उद्योग में हुए परिवर्तनों में शामिल हैं-निजी कम्पनियों को उन क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिन्हें पहले रोजगार के लिए आरक्षित किया गया था, जैसेदूरसंचार, नागरिक उड्डयन एवं ऊर्जा आदि।

प्रश्न 36. 
नौकरी देने में ठेकेदारों की भूमिका की विवेचना कीजिये।
उत्तर:
पहले अनेक कामगार फैक्ट्री में रोजगार ठेकेदारों के माध्यम से पाते थे। कानपुर कपड़ा मिल में रोजगार दिलाने वाले ठेकेदारों को मिस्त्री कहा जाता था और वे खुद भी वहाँ काम करते थे। मालिक की कृपा होने पर वे सब कामगारों के मुखिया बन जाते थे। ईंट बनाने के स्थानों पर ठेकेदारी प्रथा अभी भी विद्यमान है।

प्रश्न 37. 
स्वतंत्रता से पहले और बाद के औद्योगिक क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता के पहले उद्योग मुख्यतः बंदरगाह वाले शहरों जैसे-मद्रास, बंबई एवं कलकत्ता तक ही सीमित थे। लेकिन इसके बाद अन्य स्थान जैसे बड़ौदा, कोयंबटूर, बैंगलोर, पूना, फरीदाबाद एवं राजकोट भी महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र बन गए।

प्रश्न 38. 
विनिवेश को परिभाषित करते हुए इसका एक नकारात्मक परिणाम लिखिए।
उत्तर:
सरकार सार्वजनिक कंपनियों के अपने हिस्सों को निजी क्षेत्र की कंपनियों को बेचने का प्रयास कर रही है, जिसे विनिवेश कहा जाता है। कई सरकारी कर्मचारी इससे भयभीत हैं कि कहीं विनिवेश के कारण उनकी नौकरी न चली जाए। इसका नकारात्मक उदाहरण है-माडर्न फूड जिसे सरकार ने स्वास्थ्यवर्धक सस्ता खाना उपलब्ध कराने के लिए बनाया था, और वह निजीकरण की जाने वाली पहली कंपनी थी, ने 60% कर्मचारियों को पहले पाँच वर्षों में जबरन सेवामुक्त कर दिया।

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प्रश्न 39. 
वर्तमान औद्योगिक समाजों के प्रमुख लक्षण क्या हैं? 
उत्तर:

  1. वर्तमान औद्योगिक समाजों में विस्तृत श्रम-विभाजन तथा विशेषीकरण पाया जाता है। 
  2. वर्तमान औद्योगिक समाजों में मार्क्स द्वारा विवेचित 'अलगाव' की स्थिति पायी जाती है। 
  3. इन समाजों में सामाजिक असमानताएँ तथा सामाजिक दूरियाँ कम होती हैं। 

प्रश्न 40. 
उपयुक्त उदाहरण देते हुए घरों में होने वाले उद्योग पर एक टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
घरों में होने वाले उद्योग हैं-लेस बनाना, जरी या ब्रोकेड का काम, गलीचे, बीड़ियाँ, अगरबत्तियाँ आदि को बनाना। घरों में होने वाले उद्योगों में आमतौर पर महिलाएँ तथा बच्चे काम करते हैं। प्रायः एजेन्ट ऐसे उद्योगों के लिए कच्चा माल दे जाता है और तैयार माल ले जाता है। उन्हें नग के हिसाब से पैसे दिये जाते हैं।

प्रश्न 41. 
कामगार हड़ताल पर क्यों जाते हैं ? कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
कामगार हड़ताल पर दो प्रमुख माँगों की पूर्ति के लिए हड़ताल पर जाते हैं:

  1. वे बेहतर मजदूरी चाहते हैं ।
  2. वे अपना स्वयं का संघ बनाने का अधिकार चाहते हैं।

प्रश्न 42. 
समर्थन मूल्यों का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
सरकार द्वारा कुछ कृषि उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है। किसानों के पास अपने उत्पादों को निजी व्यापारियों को बेचने का विकल्प खुला रहता है। न्यूनतम समर्थन मूल्यों का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का उपयुक्त मूल्य दिलाना तथा कृषि उत्पादन में धन लगाने हेतु उन्हें प्रेरित करना है।

प्रश्न 43. 
औपचारिक संगठन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर:
औपचारिक संगठन का 10 लोगों या उससे अधिक लोगों द्वारा, जो पूरे वर्ष रोजगार में रहते हैं, के द्वारा गठन किया जाता है। सरकारी तौर पर इनका पंजीकरण कराया जाता है जिससे उन्हें वेतन, पेंशन और अन्य सुविधाएँ मिल सकें। इसमें कार्य के निश्चित नियम होते हैं, नियुक्तियाँ पारदर्शी होती हैं तथा शिकायत और क्षतिपूर्ति की निश्चित कार्यविधियाँ होती हैं।

प्रश्न 44. 
भारतीय समाज में महिलाओं को अन्य क्षेत्र के बजाय नर्सिंग अथवा शिक्षण के कार्यों में प्राथमिकता क्यों दी जाती है ?
उत्तर:
इसके पीछे समाज की यह सोच है कि महिलाएँ देखभाल एवं पालन - पोषण के क्षेत्र में अधिक उपयुक्त हैं। वनस्पति उन कार्यों के जो सख्त और पुरुषोचित नजर आते हैं।

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प्रश्न 45. 
विकसित और विकासशील देशों में अन्तर बताइये। 
उत्तर:
विकसित और विकासशील देशों में निम्न अन्तर हैं

  1. विकसित देशों में नियमित वेतनभोगी कार्यरत लोगों की संख्या ज्यादा होती है, जबकि विकासशील देशों में अनियमित रूप से कार्यरत लोगों की संख्या ज्यादा होती है।
  2. विकसित देशों में संगठित समूह ज्यादा होते हैं और विकासशील देशों में असंगठित समूह।
  3. विकसित देशों में नौकरी - पेशा लोग सर्वाधिक होते हैं, जबकि विकासशील देशों में कृषि कार्य में सर्वाधिक लोग होते हैं।

प्रश्न 46. 
सन् 1990 के दशक से सरकार द्वारा अपनाई गई उदारीकरण नीति के क्या परिणाम निकले ? 
उत्तर:
सन् 1990 के दशक से सरकार द्वारा अपनाई गई उदारीकरण की नीति के क्या परिणाम निकले

  1. इस नीति से निजी कम्पनियों को उन क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जो पहले सरकार के लिए आरक्षित थे।
  2. अब उद्योगों को खोलने के लिए लाइसेंस वांछित नहीं है। इससे स्वरोजगार बढ़ा है। 
  3. अब बहुत-सी भारतीय कम्पनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने खरीद लिया है। 
  4. अब भारतीय दुकानों पर विदेशी वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

प्रश्न 47. 
भारतीय बाजार में खुदरा व्यापारियों की घुसपैठ पर सरकार की नीति क्या है ? समझाइये।
उत्तर:
भारतीय बाजार में खुदरा व्यापारियों की घुसपैठ पर सरकार की नीति नकारात्मक है अर्थात् विदेशियों द्वारा खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष पूँजी - निवेश पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगा हुआ है। यदि सरकार इन्हें भारतीय बाजार में प्रवेश करने से नहीं रोकती है तो ये हजारों छोटे स्थानीय तथा घरेल व्यापारियों को बर्बाद कर देंगे।

प्रश्न 48. 
भारतीय सरकार के उन कार्यक्रमों को लिखिए जो रोजगार एवं स्वरोजगार को सम्भव बनाते हैं। जनांकिकीय डिविडेंट से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए 'स्टैंड अप इंडिया' और 'मेक इन इंडिया' जैसे कार्यक्रमों के कारण भारत में रोजगार एवं स्वरोजगार की सम्भावना बढ़ी है। इन प्रयासों से हाशिये पर खड़े हुए लोगों तथा महिलाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त हो रहा है। इन सकारात्मक प्रयासों ने भारत के युवाओं जिन्हें जनांकिकीय डिविडेंट भी कहा जाता है, को विकास की प्रक्रिया से जोड़ दिया।

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प्रश्न 49. 
किसी भी कम्पनी में मैनेजर का मुख्य कार्य क्या होता है ?
उत्तर:
किसी भी कम्पनी में मैनेजर का मुख्य कार्य होता है कामगारों को नियंत्रित रखना और उनसे अधिक काम करवाना। इस कार्य के लिए मैनेजर दो तरीके अपनाते हैं, यथा

  1. कार्य के घण्टों में वृद्धि करना। 
  2. निर्धारित किये गये समय में उत्पादित वस्तु की मात्रा को बढ़ा देना। 

प्रश्न 50. 
स्टापवाच की सहायता क्यों ली जाती थी?
उत्तर:
एक कार्य को करने के लिए कामगारों को जितना समय दिया जाता है, उसमें उन्हें कार्य को रोजाना उतने ही समय में अवश्य समाप्त करना पड़ता था। इसके लिए वे स्टापवाच की सहायता लेते थे।

प्रश्न 51. 
एक फैक्ट्री के कामगारों को रोजगार देने के तरीकों में क्या अन्तर आया है ?
उत्तर:

  1. पहले बहुत से कामगार ठेकेदार के माध्यम से रोजगार पाते थे, जबकि आजकल रोजगार कार्यकारिणी या यूनियन के द्वारा दिलाया जाता है।
  2. पहले ठेकेदार के समान क्षेत्रों या समुदायों से मजदूर आते थे, अब कार्यकारिणी तथा यूनियन दोनों ही अपने लोगों को काम दिलवाते हैं।

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प्रश्न 52. 
गाँधीजी मशीनीकरण को रोजगार के लिए खतरा क्यों मानते थे?
उत्तर:

  1. गाँधीजी के अनुसार मशीनीकरण से उद्योगपति श्रम बचाने के लिए मजदूरों को कम करते जायेंगे, इससे बेरोजगारी में वृद्धि होगी।
  2. मशीनीकरण से सम्पत्ति कुछ हाथों में एकत्रित हो जाएगी और समाज में आर्थिक विभेदीकरण बढ़ेगा। 
  3. मशीनीकरण अमीर द्वारा गरीब के शोषण में सहायक होता है।

प्रश्न 53. 
फ्रेडरिक.विनस्लो टेलर के अनुसार 'वैज्ञानिक प्रबंधन' क्या है ?
उत्तर:
फ्रेडरिक विनस्लो टेलर के अनुसार, 'वैज्ञानिक प्रबन्धन' के अन्तर्गत कार्य को छोटे-से-छोटे पुनरावृत्ति तत्त्वों में तोड़कर कामगारों के मध्य विभाजित करने का प्रावधान था। कामगारों को जितना समय दिया जाता था उसमें उन्हें कार्य को रोजाना उतने ही समय में अवश्य समाप्त करना पड़ता था। इसके लिए वे स्टाप वाच की सहायता लेते थे।

प्रश्न 54. 
खदान एक्ट 1952 के अन्तर्गत वर्णित नियमों को बताइये। क्या इन नियमों का पालन होता है? 
उत्तर:
खदान एक्ट 1952 के नियम

  1. इस एक्ट के अनुसार एक व्यक्ति खान में सप्ताह में अधिक से अधिक कितने घंटे कार्य कर सकता है। 
  2. सुरक्षा के नियमों का पालन होना चाहिए। 
  3. मृतक या दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
  4. खान का कार्य समाप्त होने पर उसके गड्ढे को भर दिया जाना चाहिए। लेकिन इन नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जाता है।

प्रश्न 55. 
भूमिगत खानों, खुली खानों वाले श्रमिकों को किन - किन हालातों का सामना करना पड़ता
है?
उत्तर:
भूमिगत खानों के श्रमिकों के हालात:

  1. इन कामगारों को बाढ, आग, ऊपरी सतह के हिस्से के धंसने की स्थितियों, तथा 
  2. गैसों के उत्सर्जन और ऑक्सीजन के बंद होने पर सांस सम्बन्धी बीमारियों जैसे हालातों का सामना करना पड़ता है।खुली खान के कामगारों के हालात-इन कामगारों को तेज धूप, वर्षा, खान के फटने या किसी चीज के गिरने से चोट लगने का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 56. 
औद्योगिक नीति, 1956 ने भारत के उद्योगों को कितनी श्रेणियों में बाँटा है तथा इन वर्गों में किन उद्योगों को रखा है?
उत्तर:
औद्योगिक नीति, 1956 ने भारत के उद्योगों को निम्न तीन श्रेणियों में बाँटा है

  1. प्रथम श्रेणी उद्योग-इस वर्ग के उद्योगों में युद्ध सामग्री के निर्माण, परमाणु शक्ति के उत्पादन एवं नियंत्रण, रेल-यातायात आदि को रखा गया है।
  2. द्वितीय श्रेणी-इसमें औजार, मशीन, दवाइयाँ, रासायनिक खाद, जल तथा सड़क यातायात को रखा गया है। 
  3. तृतीय श्रेणी-इस श्रेणी में अन्य सभी उद्योगों को रखा गया है। 

प्रश्न 57. 
भारत में औद्योगिक लाइसेंस नीति के क्या प्रमुख उद्देश्य रहे हैं ? 
उत्तर:
भारत में औद्योगिक लाइसेंस नीति के प्रमुख उद्देश्य ये रहे हैं

  1. विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों के अनुसार औद्योगिक निवेश व उत्पादन करना। 
  2. छोटे और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन व संरक्षण देना। 
  3. आर्थिक विकास में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना और आर्थिक शक्ति के केन्द्रीयकरण को रोकना।

प्रश्न 58. 
1982 के टैक्सटाइल मिल के हड़ताल का कामगारों पर क्या प्रभाव हुआ?
उत्तर:
1982 के हड़ताल के कारण लगभग 1 लाख कामगार बेरोजगार हो गए, कई अपने गाँव चले गए या दिहाड़ी पर काम करने लगे, शेष आसपास के दूसरे छोटे कस्बों, जैसे - भिवण्डी, मालेगाँव और इच्छालकारंजी के बिजली करघा क्षेत्रों में काम करने चले गये। मिल मालिक अपनी मिलों पर निवेश करने की अपेक्षा उन्हें स्थावर सम्पदा व्यापारियों को बेचने का प्रयास करते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
औद्योगीकरण विभिन्नता के साथ - साथ समानता भी लाता है, कैसे? समझाइए।
उत्तर:
भारत में औद्योगीकरण से होने वाले अनुभव कई प्रकारों से पाश्चात्य प्रतिमान से समान और कई प्रकारों से भिन्न थे। औद्योगीकरण समाज में विभिन्नता के साथ समानता निम्न प्रकार से लाता है
औद्योगीकरण से विभिन्नता:
औद्योगीकरण से आर्थिक आय से सम्बन्धित असमानताएँ उत्पन्न हो रही हैं, क्योंकि

  1. उच्च पद वालों को अच्छा वेतन मिलता है। 
  2. अच्छे वेतन से उनका जीवन स्तर निम्न आय वालों की तुलना में उच्च होता है।
  3. उच्च पद प्राप्त करने के लिए सामान्यतः महँगी व उच्च शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है; जैसे - एम.बी.ए., डॉक्टर, इजीनियर, प्रोफेसर इत्यादि।

औद्योगीकरण से सामाजिक समानता:

  1. रेलगाड़ियों, बसों और साइबर कैफे में जातीय भेदभाव का महत्त्व नहीं होता। 
  2. कारखानों और कार्यस्थलों में जातीय धर्म भेदभाव नहीं होता, व्यक्ति की योग्यता महत्त्वपूर्ण होती है। 
  3. महिलाओं को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाता है।

औद्योगीकरण से सामाजिक और आय सम्बन्धी असमानता का परस्पर आच्छादन - यद्यपि औद्योगीकरण सामाजिक असमानताओं को कम करता है अर्थात् सामाजिक समानता लाता है और आर्थिक या आय सम्बन्धी असमानताओं में वृद्धि करता है। लेकिन बहुधा सामाजिक और आय सम्बन्धी असमानता परस्पर आच्छादित हो जाती है। उदाहरण के लिए, अच्छे वेतन वाले व्यवसायों जैसे-मेडीसन, कानून, पत्रकारिता में उच्च जाति के लोगों का वर्चस्व आज भी बना हुआ है और महिलाएँ अब भी समान कार्य के लिए कम वेतन पा रही हैं।

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प्रश्न 2. 
संगठित क्षेत्र के इतना छोटे होने का सामाजिक आशय क्या है?
उत्तर:
इसका पहला अर्थ यह है कि बहुत कम लोग बड़ी फर्मों में रोजगार करते हैं जहाँ कि वे दूसरे क्षेत्रों और पृष्ठभूमि वाले लोगों से मिल पाते हैं। नगरीय क्षेत्र इस प्रकार के कुछ मौके दे पाता है-नगरीय क्षेत्र में आपका पड़ोसी भिन्न क्षेत्र का हो सकता है-मोटे तौर पर, अधिकतर भारतीय लोग छोटे पैमाने पर कार्य कर रहे स्थानों पर ही काम करते हैं। यहाँ कार्य के कई पक्षों का निर्धारण वैयक्तिक संबंधों से होता है। अगर नियोजक आपको पसंद करता है, तो आपका वेतन बढ़ सकता है, अगर आप उसके साथ झगड़ा करते हैं तो आप अपना रोजगार भी गँवा सकते हैं। बड़े संस्थानों में ऐसा नहीं होता वहाँ कार्य के निश्चित नियम होते हैं, वहाँ नियुक्ति अधिक पारदर्शी होती है और अगर आपके अपने ऊँचे पदाधिकारी से कुछ मतभेद होते हैं तो उसकी शिकायत और क्षतिपूर्ति की निश्चित कार्यविधियाँ होती हैं।

दूसरे, बहुत ही कम भारतीय सुरक्षित और लाभदायक नौकरियों में प्रवेश करते हैं। जो वहाँ हैं उनमें भी दोतिहाई सरकारी नौकरी करते हैं। इसीलिए सरकारी नौकरियाँ लोकप्रिय हैं। बचे हुए लोग बुढ़ापे में अपने बच्चों पर आश्रित होने के लिए बाध्य हैं। जाति, धर्म तथा क्षेत्र की दीवारों को पार करने में सरकारी नौकरियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक समाजशास्त्री तर्क देते हुए उन कारणों की चर्चा करते हैं कि भिलाई स्टील प्लांट में सांप्रदायिक दंगे क्यों नहीं होते हैं ? कारण यह है कि वहाँ भारत के सभी भागों के लोग एक साथ काम करते हैं। तीसरे, बहुत ही कम लोग संघ के सदस्य हैं, जो कि सुरक्षित क्षेत्र की विशेषता है, वे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से अपने उपयुक्त वेतन और सुरक्षित कार्यावस्था के लिए लड़ने का अनुभव नहीं रखते। सरकार ने अब असंगठित क्षेत्रों की अवस्था पर निगरानी रखने के लिए नियम बनाए हैं, लेकिन वहाँ भी कार्यान्विति में नियोजक अथवा ठेकेदार की मनमर्जी ही प्रभावी होती है।

प्रश्न 3. 
उदारीकरण एवं निजीकरण का भारतीय जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
सन् 1990 के दशक से सरकार ने उदारीकरण की नीति को अपनाया है। उदारीकरण एवं निजीकरण का भारतीय जीवन पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़े हैं। यथा

1. भारतीय जीवन पर उदारीकरण एवं निजीकरण का सकारात्मक प्रभाव - भारत अभी भी एक कृषि प्रधान देश है। सेवा क्षेत्र-दुकानें, बैंक, आई.टी. उद्योग, होटल्स और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में अधिक लोग आ रहे हैं और नगरीय मध्यवर्ग की संख्या भी बढ़ रही है। नगरीय मध्यवर्ग में टेलीविजन सीरियलों और फिल्मों में दिखाई देने वाले मूल्य भी बढ़ रहे हैं । उद्योगों को खोलने के लिए अनुज्ञप्ति जरूरी नहीं है। भारतीय दुकानों पर विदेशी वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

2. भारतीय जीवन पर उदारीकरण एवं निजीकरण का नकारात्मक प्रभाव

  1. भारत में बहुत कम लोगों के पास सुरक्षित रोजगार है। छोटी संख्या के स्थायी सुरक्षित रोजगार भी अनुबंधित कामगारों के कारण अब असुरिक्षत होते जा रहे हैं।
  2. सरकारी रोजगार कम होता जा रहा है। 
  3. विश्वव्यापी उदारीकरण एवं निजीकरण के साथ आमदनी की असमानताएँ भी बढ़ रही हैं। 
  4. बड़े उद्योगों में भी सुरक्षित रोजगार कम होता जा रहा है।
  5. सरकार ने भी उद्योग लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण की नीति प्रारम्भ की है। ये उद्योग आस - पास के क्षेत्र में रोजगार नहीं दिलवाते हैं; बल्कि ये वहाँ जबरदस्त प्रदूषण फैलाते हैं।
  6. बहुत से किसानों और आदिवासियों ने जमीन अधिग्रहण की क्षतिपूर्ति की कम दर का विरोध किया तो इन्हें जबरन दिहाड़ी मजदूर बनना पड़ा और उन्हें शहरों के फुटपाथ पर काम करते हुए देखा जा सकता है।
  7. उदारीकरण के परिणामस्वरूप बहुत सी भारतीय कम्पनियों को बहुद्देशीय कम्पनियों ने खरीद लिया है।
  8. सरकार सार्वजनिक कम्पनियों के अपने हिस्सों को निजी क्षेत्र की कम्पनियों को बेचने का प्रयास कर रही है, इससे रोजगार जाने का खतरा उत्पन्न होता है।

प्रश्न 4. 
"अधिक मशीनों वाले उद्योगों में, कम लोगों को काम दिया जाता है, लेकिन जो होते हैं उन्हें भी मशीनी गति से काम करना होता है" इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए किसी उद्योग लिमिटेड के उदाहरण द्वारा समझाइए।
उत्तर:
1. होता है। उदाहरण के लिए, मारुति उद्योग लिमिटेड में प्रत्येक मिनट में दो कारें तैयार होकर एकत्रित होने वाले स्थान पर आ जाती हैं। पूरे दिन में कामगारों को केवल 45 मिनट का विश्राम मिलता हैदो चाय की छुट्टियाँ, साढ़े सात मिनट प्रत्येक और आधा घंटा खाने की छुट्टी। उनमें से प्रत्येक 40 वर्ष का होने तक पूरी तरह थक जाता है और स्वैच्छिक अवकाश ले लेता है।

2. मशीनी गति से कार्य किये जाने का दूसरा कारण यह है कि-मारुति उद्योग लिमिटेड में यद्यपि उत्पादन अधिक हो रहा है लेकिन कारखाने में स्थायी रूप से काम करने वालों की संख्या कम हो गई है। कारखाने में सभी कार्य जैसे-सफाई, सुरक्षा यहाँ तक कि पुर्जी का उत्पादन भी बाह्य स्रोतों से होता है। पुर्जी के प्रदायक कारखाने के आस-पास ही रहते हैं और प्रत्येक पुर्जे को दो घंटे या नियत समय में भेज देते हैं । बाह्य स्रोतों से किया गया कार्य समय पर पूरा हो जाता है और कम्पनी को सस्ता पड़ता है। लेकिन इससे कामगारों में तनाव आ जाता है, अगर उनकी सप्लाई नहीं आ पाती, तो उनके उत्पादन का लक्ष्य विलम्ब से पूरा हो जाता है, और जब वह आ जाता है तो उसे रखने के लिए उन्हें भागदौड़ करनी पड़ती है।

RBSE Class 12 Sociology Important Questions Chapter 5 औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास

प्रश्न 5. 
भारत में स्वतंत्रता के प्रारम्भिक वर्षों में औद्योगीकरण पर लेख लिखिए।
उत्तर:
रूई, जूट, कोयला खाने एवं रेलवे भारत के प्रथम आधुनिक उद्योग थे। स्वतंत्रता के बाद सरकार ने आर्थिकी को 'प्रभावशाली ऊँचाइयों' पर रखा। इसमें सुरक्षा, परिवहन एवं संचार, ऊर्जा खनन एवं अन्य परियोजनाओं को शामिल किया गया जिन्हें करने के लिए सरकार ही सक्षम थी और यह निजी उद्योगों के फलने - फूलने के लिए भी आवश्यक था। भारत की मिश्रित आर्थिक नीति में कुछ क्षेत्र सरकार के लिए आरक्षित थे जबकि कुछ निजी क्षेत्रों के लिए खुले थे। लेकिन उसमें भी सरकार अपनी अनुज्ञप्ति (लाइसेंसिंग) नीति के द्वारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि ये उद्योग विभिन्न भागों में फैले हुए हों। 

स्वतंत्रता के पहले उद्योग मुख्यत: बंदरगाह वाले शहरों जैसे मद्रास, बंबई एवं कलकत्ता (चेन्नई, मुंबई एवं कोलकाता) तक ही सीमित थे। लेकिन उसके बाद अन्य स्थान जैसे बड़ौदा (वडोदरा), कोयंबटूर, बैंगलोर (बंगलूरु), पूना, फरीदाबाद एवं राजकोट भी महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र बन गए। सरकार अन्य छोटे-पैमाने के उद्योगों को भी विशिष्ट प्रोत्साहन एवं सहायता देकर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। बहुत सी वस्तुएँ (मदों) जैसे कागज एवं लकड़ी के सामान, लेखन सामग्री, शीशा एवं चीनी मिट्टी जैसे छोटेपैमाने के क्षेत्रों के लिए आरक्षित थे। 1991 तक कुल कार्यकारी जनसंख्या में से केवल 28% बड़े उद्योगों में नौकरी कर रहे थे, जबकि 72% लोग छोटे-पैमाने के एवं परंपरागत उद्योगों में कार्यरत थे।

प्रश्न 6. 
उदारीकरण की नीति के कारण भारतीय बाजार में खुदरा व्यापारियों की घुसपैठ पर लेख लिखिए। विनिवेश की नीति का नियम किस तरह विश्वव्यापी प्रवृत्ति बन गया है ?
उत्तर:
इस समय भारत के खुदरा व्यापार क्षेत्र की नीति प्रवेश के लिए एकदम अनुकूल होने के कारण दुनिया भर के बड़े-से-बड़े व्यापार समूह जिनमें वॉलमार्ट स्टोर्स, कैरेफोर और टेस्को शमिल हैं, इस देश में प्रवेश के लिए आतुर रहे हैं। जबकि विदेशियों द्वारा बाजार में प्रत्यक्ष पूँजी - निवेश पर सरकार की ओर से प्रतिबंध लगा हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय एयरटेल जैसे बड़े - बड़े भारतीय व्यावसायिक समूहों द्वारा हाल में भारी पूँजी-निवेश किया गया है जिसकी वजह से इन विदेशी खुदरा व्यापारियों द्वारा भी जल्दी से जल्दी निवेश करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। गत दिनों भारतीय एयरटेल ने यह संकेत दिया कि वॉलमार्ट, कैरेफोर और टेस्को के बीच हुए वार्तालापों के दौरान यह पता चला कि वे भी खुदरा क्षेत्र में संयुक्त उद्यम लगाने की बात सोच रहे हैं। भारत का खुदरा क्षेत्र यहाँ की तीव्र संवृद्धि के कारण ही आकर्षक नहीं बन गया है बल्कि इसलिए भी कि वहाँ संपूर्ण राष्ट्र का 97 प्रतिशत व्यवसाय परिवारों द्वारा संचालित नुक्कड़ दुकानों के जरिए चलाया जा रहा है।

विनिवेश की नीति का नियम अब विश्वव्यापी प्रवृत्ति बन गई है। यथा-अधिकांश कंपनियों ने अपने स्थायी कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर दी, वे अपने कार्य बाह्यस्रोतों जैसे छोटी कंपनी से यहाँ तक कि घरों से भी करवाने लगे। बहुद्देशीय कंपनियाँ पूरे विश्व में बाह्यस्रोतों से काम करवाती हैं, विकासशील देशों जैसे भारत से उन्हें सस्ते मजदूर उपलब्ध हो जाते हैं। क्योंकि छोटी कंपनियों को बड़ी कंपनियों से कार्य प्राप्त करने के लिए स्पर्धा करनी होती है अतः वे कामगारों को कम वेतन देते हैं और कार्यावस्था भी अधिकतर खराब होती है। छोटी फर्मों में मजदूर संगठनों का गठन भी मुश्किल होता है। अधिकांश कंपनियाँ, यहाँ तक कि सरकार भी अब बाह्यस्रोतों और अनुबंध पर काम करवाने लगी है। लेकिन यह प्रवृत्ति निजी क्षेत्रों में विशेष रूप से दिखाई देती है।

प्रश्न 7. 
"घरों में होने वाला काम अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण अंग है।" बीड़ी उद्योग के संदर्भ में स्पष्ट कीजिये।
अथवा 
क्या घरों पर किया जाने वाला काम आर्थिकी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है ? यदि हाँ, तो उदाहरण द्वारा समझाइए कि यह कार्य कैसे किया जाता है ?
उत्तर:
घरों पर किया जाने वाला काम आर्थिकी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें लेस बनाना, जरी या ब्रोकेड का काम, गलीचों, बीड़ियों, अगरबत्तियों और ऐसे ही अन्य उत्पादों को बनाया जाता है। ये कार्य मुख्य रूप से महिलाओं या बच्चों द्वारा किए जाते हैं। एक एजेंट (प्रतिनिधि) इन्हें कच्चा माल दे जाता है और सम्पूर्ण कार्य को ले भी जाता है । घर पर कार्य करने वालों को चीजों के नग (पीस) के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं, जो इस बात पर निर्भर करता है कि उन्होंने कितने नग (पीस) बनाए हैं। हम बीड़ी बनाने की प्रक्रिया से इसे स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे। यथा:

  1. तेंदू पत्तों को बीड़ी कारखानों के मालिकों द्वारा नीलामी में खरीदना-बीड़ी बनाने की प्रक्रिया जंगल के पास वाले गाँवों से शुरू होती है। वहाँ गाँव वाले तेंदू पत्ते तोड़कर जंगलात विभाग को बेच देते हैं। औसतन एक आदमी दिन भर में 100 बंडल पत्ते इकट्ठे कर सकता है। सरकार बीड़ी कारखानों के मालिकों को ये पत्ते नीलाम कर देती है।
  2. कारखाना मालिकों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से बीड़ी बनाने के लिए उन पत्तों को घरों में काम करने वालों को देना-बीड़ी कारखानों के मालिक नीलामी में खरीदे गये तेंदू के पत्तों को बीड़ी बनवाने के लिए ठेकेदारों को दे देते हैं। ठेकेदार इनमें तम्बाकू भरने के लिए वापस घर पर काम करने वालों को दे देता है।
  3. घरों में काम करने वाली महिलाओं द्वारा उन पत्तों से बीड़ी बनाना-ये अधिकांशतः महिलाएँ होती हैं, ये पहले पत्तों को गीला करके गोलाकार कर देती हैं, फिर उसे काटती हैं, फिर तम्बाकू भरकर उसे बाँध देती हैं।
  4. ठेकेदार द्वारा उन बीड़ियों को उत्पादकों (बीड़ी कारखाने के मालिकों) को देना-ठेकेदार बीड़ियों को वहाँ से लेकर उसे उत्पादक को बेच देता है, जो इन्हें पकाता या सेंकता है और अपने ब्रांड का लेबल लगा देता है।
  5. वितरक, थोक विक्रेता और फुटकर दुकानदारों की भूमिका-उत्पादक इन्हें बीड़ियों के वितरक को बेच देता है, जो उन्हें थोक विक्रेताओं को देता है, और फिर यह आपके पड़ोस वाली पान की दुकान पर बेच दी जाती

प्रश्न 8. 
1982 में बम्बई टैक्सटाइल मिल की प्रसिद्ध हड़ताल क्यों हुई व इसके क्या परिणाम निकले?
उत्तर:
1982 में बम्बई टैक्सटाइल मिल की प्रसिद्ध हड़ताल व्यापार संघ के नेता डॉ. दत्ता सामन्त के नेतृत्व में हुई थी।

(अ) कामगारों के हड़ताल पर जाने के कारण: कामगार दो प्रमुख माँगों को लेकर हड़ताल पर गये:

  1. वे बेहतर मजदूरी चाहते थे। 
  2. वे अपना स्वयं का संघ बनाने का अधिकार चाहते थे।
  3. मुम्बई औद्योगिक रिलेशन्स एक्ट (BIRA) के अनुसार संघ की स्वीकृति केवल एक ही सूरत में मिल सकती थी, यदि वे हड़ताल करने का विचार त्याग दें।

(ब) हड़ताल कैसे टूटी:
कांग्रेस समर्थित 'राष्ट्रीय मिल मजदूर संघ' ही एकमात्र अनुमति प्राप्त संघ था और उसने अन्य कामगारों को बुलाकर हड़ताल तोड़ने में सहायता की। इसका प्रमुख कारण यह था कि उस समय मुम्बई में कांग्रेस की सरकार थी और सरकार ने कामगारों की माँगों को नहीं सुनने का निर्णय ले लिया था। हड़ताल लम्बी चली (लगभग दो साल तक)। धीरे-धीरे लोगों ने काम पर जाना शुरू कर दिया; क्योंकि वे परेशान हो चुके थे। दूसरे कांग्रेस ने अनेक गुंडों को स्ट्राइक खत्म करवाने के लिए जेल से बाहर कर दिया था। ये गुंडे जबरदस्ती लोगों को काम पर ले जाने का प्रयत्न करते थे।

(स) तीसरे, भूमि माफियाओं ने मिल:
मालिकों से सम्पर्क किया। मिल - मालिक भी मिल के आधुनिकीकरण और मशीनों में निवेश नहीं करना चाहते हैं। जब भूमि माफियाओं ने उनसे सम्पर्क किया तो वे अपनी मिलों को स्थावर सम्पदा व्यापारियों (रीयल स्टेट डीलर्स) को सुख - सुविधासम्पन्न बहुमंजिली इमारतें बनाने के लिए बेचने का प्रयास करने लगे। परिणामतः हड़ताल टूट गई।

(द) हड़ताल के परिणाम:

  1. यह हड़ताल दो साल तक चली। इस दौरान कर्मचारियों को जीवन - यापन के लिए अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 
  2. लगभग एक लाख कर्मचारी बेरोजगार हो गये। 
  3. वे या तो वापस अपने गाँव लौट गये या दिहाड़ी पर काम करने लगे। 
  4. कुछ लोग माले गाँव में बिजली करघा क्षेत्र में काम करने चले गये।

प्रश्न 9. 
भारत में औद्योगिक समाज में लोग काम किस तरह पाते हैं?
उत्तर:
भारत में औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास के कारण लोग अपने काम अनेक प्रकार से प्राप्त करते हैं, यथा
1. विज्ञापनों या रोजगार कार्यालयों द्वारा नौकरी प्राप्त करना: अखबारों में प्राय - रोजगार के विज्ञापन होते हैं और उनमें अपने आपसे अथवा अपने कामगार से अच्छा काम लेने के लिए प्रेरित करने के सुझाव होते हैं। ये विज्ञापन सरकारी और निजी क्षेत्र की कम्पनियों में नौकरियों के लिए निकलते हैं।

  1. (सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में काम पाने वाले व्यक्ति को वेतन तथा महँगाई भत्ते के साथ अन्य लाभ जैसे मकान किराया भत्ता आदि भी मिलता है। इस क्षेत्र के विज्ञापनों में कार्य के लिए वांछित योग्यताएँ बहुत विस्तार से वर्णित होती हैं।
  2. निजी क्षेत्र की नौकरियाँ, जो विज्ञापन के द्वारा मिलती हैं, नियमित वेतन वाली नौकरी हैं। लेकिन यहाँ वेतन एवं जरूरी योग्यताएँ लचीली होती हैं तथा यह एक अनुबंध की तरह का काम होता है। इनके विज्ञापनों में 'निष्ठा' पर बल दिया जाता है। लेकिन बहुत कम अनुपात में लोग विज्ञापनों या रोजगार कार्यालय के द्वारा नौकरी पाते हैं।

2. स्वनियोजित रोजगार पाना: कुछ लोग स्वनियोजित रोजगार पाते हैं। जैसे - नलसाज, बिजली मिस्त्री, बढ़ई, ट्यूशन देने वाले अध्यापक, वास्तुकार, छाया चित्रकार आदि। इन सभी की कार्य अवधि इनके निजी सम्पर्कों पर निर्भर करती है।

3. फैक्ट्री कामगारों का रोजगार प्राप्त करना:एक फैक्ट्री के कामगार को रोजगार पहले ठेकेदार से मिलता था, लेकिन आजकल कार्यकारिणी और यूनियन दोनों ही अपने लोगों को काम दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

4. बदली कामगार: बहुत सी फैक्ट्रियों में बदली कामगार भी होते हैं जो कि छुट्टी पर गए हुए मजदूरों के स्थान पर काम करते हैं। बहुत से बदली कामगार एक ही कम्पनी में बहुत लम्बे समय से काम कर रहे होते हैं। किन्तु उन्हें सबके समान स्थायी पद और सुरक्षा नहीं दी जाती है। इसे संगठित क्षेत्र में अनुबंधित कार्य कहते हैं।

5. दिहाड़ी मजदूरों को काम मिलना: दिहाड़ी मजदूरों के काम की ठेकेदारी व्यवस्था ज्यादातर भवननिर्माण कार्य के स्थान पर या ईंट बनाने के स्थान पर दिखाई देती है। ठेकेदार गाँव जाता है और वहाँ काम चाहने वालों से इसके बारे में पूछता है। वह उन्हें कुछ पैसा उधार भी देता है, उधार दिए गए पैसों में काम के स्थान तक आने के यातायात के पैसे भी होते हैं। उधार पैसा अग्रिम दिहाड़ी माना जाता है और जब तक उधार नहीं चुक जाता वह बिना पैसे के काम करता है।

प्रश्न 10. 
बढ़ते मशीनीकरण के कारण मजदूरों के लिए कुछ परिणाम क्या हैं ? उदाहरणों सहित विवेचना कीजिए। 
उत्तर:
बढ़ते मशीनीकरण का मजदूरों पर प्रभाव बढ़ते मशीनीकरण के कारण मजदूरों के लिए निम्न प्रमुख परिणाम निकले

1. असुरक्षा की भावना का पैदा होना: बढ़ते मशीनीकरण के कारण मजदूरों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है। उत्पादन में तो वृद्धि हो रही है, लेकिन कारखानों में स्थायी रूप से काम करने वाले लोगों की संख्या घट रही है।

2. रोजगार के लिए खतरा: बढ़ता मशीनीकरण मजदूरों को बेरोजगार करता जा रहा है। इससे मजदूरों के रोजगार के लिए खतरा पैदा हो रहा है।

3. मजदूर का मशीनीकरण: अधिक मशीनों वाले उद्योगों में एक तरफ तो कम लोगों को काम दिया जाता है, तो दूसरी तरफ जो लोग काम में लगे होते हैं, उन्हें भी मशीनी गति से काम किया जाता है। मारुति उद्योग लिमिटेड में प्रत्येक मिनिट में दो कारें तैयार होकर एकत्रित होने वाले स्थान पर आ जाती हैं। पूरे दिन में कामगारों को केवल 45 मिनट का विश्राम मिलता है-दो बार साढ़े सात साढ़े-सात मिनट का चाय पीने का समय और आधा घंटा खाने के लिए समय। पुराने बुनकर रामचन्द्र ने कानपुर कपड़ा मिल में काम करते हुए अपने मशीनीकरण का उल्लेख करते हुए कहा है कि 'आपको ऊर्जा की आवश्यकता होती है गर्दन, आँखें, टाँगें, हाथ और शरीर का प्रत्येक हिस्सा घूमता है। बुनाई के काम में लगातार टकटकी लगानी पड़ती है, आप कहीं नहीं जा सकते, आपका पूरा ध्यान मशीन पर केन्द्रित होना चाहिए। जब चार मशीनें चल रही हों तो चारों को चलना चाहिए, उन्हें रुकना नहीं चाहिए।'

4. कामगारों में तनाव तथा अलगाव: निरंतर बिना विश्राम के काम करते रहने से कामगार 40 वर्ष का होने तक थक जाता है तथा स्वैच्छिक अवकाश ले लेता है। दूसरी तरफ, बाह्य स्रोतों से काम कराने से काम अधिक और नियत समय पर हो रहा है तथा वह सस्ता भी पड़ रहा है। इससे कामगारों में तनाव आ रहा है। कामगार का काम से अलगाव हो रहा है।

प्रश्न 11. 
उदारीकरण की आर्थिक नीतियों को स्पष्ट कीजिये। 
उत्तर:
उदारीकरण की आर्थिक नीतियाँ उदारीकरण की आर्थिक नीतियों को अग्र प्रकार स्पष्ट किया गया है।
1. सरकार के लिए आरक्षित क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों के लिए खोला जाना: सन् 1990 के दशक से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति को अपनाया है। इस नीति के तहत निजी कंपनियों, विशेष रूप से विदेशी फर्मों को उन क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिन्हें पहले सरकार के लिए आरक्षित रखा गया था, जैसे-दूरसंचार, नागरिक उडयन एवं ऊर्जा आदि।

2.लाइसेंस से मुक्ति: उदारीकरण की नीति के तहत अब विदेशी कम्पनियों को उद्योगों को खोलने के लिए लाइसेंस वांछित नहीं है।

3. सार्वजनिक कंपनियों को निजी क्षेत्र को बेचना: उदारीकरण की नीति के तहत अब सरकार सार्वजनिक कंपनियों के शेयर्स को निजी क्षेत्र की कंपनियों को बेचने का प्रयास कर रही है। इसे विनिवेश कहा जाता है।

4. आयात शुल्क से मुक्ति: उदारीकरण की नीति के तहत अब सरकार विदेशी वस्तुओं के आयात शुल्क में निरन्तर कमी कर रही है। परिणामतः अब भारतीय दुकानों पर विदेशी वस्तुएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

5. कंपनियों का विस्तार: उदारीकरण की नीति के तहत निजी क्षेत्र का दायरा बढ़ गया है। विदेशी कंपनियों ने भारतीय कंपनियों को खरीद लिया है। साथ ही साथ कुछ भारतीय कंपनियाँ भी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बन गई हैं।

6. रोजगार सम्बन्धी सरकारी सुरक्षा में ढील: उदारीकरण के तहत भारत सरकार का कम्पनियों के कामगारों की नौकरी की सुरक्षा पर नियंत्रण खत्म हो गया है तथा कामगारों में असुरक्षा का भाव घर कर गया है। सरकारी क्षेत्र की सुरक्षित नौकरियाँ कम होती जा रही हैं तथा बड़े उद्योगों में भी सुरक्षित रोजगार कम होता जा रहा है।

7. कृषि पर सब्सिडी तथा समर्थन मूल्य की समाप्ति: उदारीकरण की नीति के तहत सरकार ने कृषि पर सब्सिडी देना तथा समर्थन मूल्य वापस ले लिया है। इससे किसानों के सामने अनेक समस्यायें पैदा हो रही हैं।
 

Prasanna
Last Updated on June 16, 2022, 5:11 p.m.
Published June 7, 2022