These comprehensive RBSE Class 12 Economics Notes Chapter 1 समष्टि अर्थशास्त्र का परिचय will give a brief overview of all the concepts.
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→ समष्टि अर्थशास्त्र में व्यापक स्तर पर आर्थिक विश्लेषण किया जाता है जिसका सम्बन्ध सभी नागरिकों से होता है अर्थात् अर्थशास्त्र की इस शाखा में सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए, अर्थव्यवस्था से सामान्य कीमत स्तर तथा रोजगार स्तर का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है।
→ समष्टि अर्थशास्त्र में व्यापक स्तर पर एक चर में परिवर्तन का अन्य चरों पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है, जैसे-कीमतें बढ़ने पर रोजगार तथा उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। समष्टि अर्थशास्त्र से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों की परस्पर अन्तर्निर्भरता तथा आपसी सम्बन्ध को समझने में सहायता मिलती है। समष्टि अर्थशास्त्र में हम उन समग्र चरों का अध्ययन करते हैं जिनका पूरी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। समष्टि अर्थशास्त्र में हम अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रकों तथा उनके आपसी सम्बन्धों का अध्ययन करते हैं।
→ व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र आपस में भिन्न होते हैं। व्यष्टि अर्थशास्त्र में वैयक्तिक आर्थिक एजेंट और प्रेरणाओं जिनसे वे चालित होते हैं, की प्रकृति का उल्लेख मिलता है। दूसरे शब्दों में, व्यष्टि अर्थशास्त्र माँग और पूर्ति के व्यक्तिगत बाजारों का अध्ययन है। इसमें यह अध्ययन किया जाता है कि उपभोक्ता अपनी व्यक्तिगत संतुष्टि को अधिकतम कैसे करेंगे तथा उत्पादक किस प्रकार अपने लाभों को अधिकतम करेंगे? समष्टि अर्थशास्त्र में सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था की स्थितियों को सम्बोधित करने का प्रयास किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र में करारोपण, बजट | नीतियों, मुद्रा सम्बन्धी नीतियों, ब्याज दर, मजदूरी, रोजगार आदि का अध्ययन किया जाता है। समष्टि अर्थशास्त्र के एजेण्ट मूल रूप से वैयक्तिक एजेण्टों से अलग होते हैं।
→ समष्टि अर्थशास्त्र का उद्भव: जॉन मेनार्ड कीन्स की प्रसिद्ध पुस्तक 'द जनरल थ्योरी ऑफ इम्प्लॉयमेन्ट, इन्टरेस्ट एंड मनी' के 1936 में प्रकाशन के पश्चात् समष्टि अर्थशास्त्र का एक अलग शाखा के रूप में उद्भव हुआ। 1929 की महामंदी का प्रभाव विश्व स्तर पर पड़ा जिसके सम्बन्ध में कीन्स ने अपनी पुस्तक में पूर्ववर्तियों के विपरीत अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जिससे समष्टि अर्थशास्त्र जैसे विषय का उद्भव हुआ।
→ समष्टि अर्थशास्त्र की वर्तमान पुस्तक का संदर्भ: कक्षा-12 की समष्टि अर्थशास्त्र की इस पुस्तक में विशेष रूप से पूँजीवादी देश की अर्थव्यवस्था के कार्य का परीक्षण किया जाएगा। पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन सम्बन्धी क्रियाकलाप मुख्य रूप से पूँजीवादी उद्यमियों के द्वारा किए जाते हैं। इस अर्थव्यवस्था में उद्यमी उत्पादन के कारकों, जैसे-पूँजी, भूमि, श्रम की सहायता से निर्गत का उत्पादन कर उसे बाजार में बेचते हैं तथा बेचने से प्राप्त कुल संप्राप्ति में से पूँजी को ब्याज, भूमि को लगान तथा श्रम को मजदूरी का भुगतान किया जाता है तथा शेष अंश उद्यमी को लाभ के रूप में प्राप्त होता है।
→ पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में अधिकांश आर्थिक क्रियाकलापों के निम्न लक्षण पाए जाते हैं
इस पुस्तक में उत्पादन इकाइयों को फर्म कहा गया है। विकसित तथा विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के अलावा राज्य द्वारा भी अनेक कार्य किए जाते हैं, जिसके लिए सरकार शब्द का प्रयोग किया जाता है। किसी अर्थव्यवस्था में फर्म और सरकार के अतिरिक्त तीसरा जो बड़ा क्षेत्र होता है, उसे पारिवारिक क्षेत्रक कहते हैं। पारिवारिक क्षेत्रक द्वारा फर्मों को श्रमिकों की पूर्ति की जाती है तथा पारिवारिक क्षेत्रक द्वारा बाजार में वस्तुओं तथा सेवाओं की माँग की जाती है। इन तीनों क्षेत्रकों के अलावा चौथा महत्त्वपूर्ण क्षेत्रक बाह्य क्षेत्र होता है, इसमें बाह्य | व्यापार अर्थात् देश के निर्यातों एवं आयातों का अध्ययन किया जाता है, इसके अतिरिक्त विदेशी पूँजी का भी अध्ययन किया जाता है।