These comprehensive RBSE Class 11 Maths Notes Chapter 6 रैखिक असमिकाएँ will give a brief overview of all the concepts.
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भूमिका (Introduction):
हम एक चर और दो चरों वाले समीकरणों से भली-भाँति परिचित - हैं । हम शाब्दिक प्रश्नों को समीकरणों में परिवर्तित कर हल करना पिछली कक्षाओं में सीख चुके हैं, लेकिन शाब्दिक प्रश्नों को सदैव समीकरण रूप में परिवर्तित करना सम्भव नहीं होता है । इसके स्थान पर हमें ऐसे कथन देखने को मिलते हैं जिसमें < (से कम), > (से अधिक), ≤ (से कम या बराबर) या ≥ (से अधिक या बराबर) चिह्न प्रयुक्त होते हैं । इन्हें हम असमिकाएँ कहते हैं । जैसे - 7 < 8, a ≤ b, a2 + a + 5 ≤ 0 आदि ।
इस अध्याय में, हम एक या दो चर राशियों की रैखिक असमिकाओं का अध्ययन करेंगे। असमिकाओं का अध्ययन विज्ञान, गणित, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान इत्यादि से सम्बन्धित समस्याओं को हल करने पर होता है ।
असमिकाएँ (Inequalities):
समीकरण के दोनों पक्ष बराबर होते हैं, इसलिए मध्य में हम बराबर “=” का चिह्न लगाते हैं । बायीं ओर के व्यंजक को वाम पक्ष तथा दायीं ओर से व्यंजक को दक्षिण पक्ष कहते हैं । लेकिन जब समीकरण के वाम पक्ष तथा दक्षिण पक्ष अर्थात् दोनों ही पक्ष बराबर नहीं हों तथा बराबर > के चिह्न के स्थान पर > (बड़ा ), < (छोटा), ≥ ( बड़ा या बराबर), ≤ (छोटा या बराबर) में से कोई एक चिह्न लगा हो, तो उसे समीकरण न कहकर असमिका कहते हैं । अर्थात् दो बीजीय व्यंजक जिनके बीच में ‘<', ‘>', ‘≤' या ‘≥' प्रयुक्त होता है, असमिका कहलाती है।
उदाहरण - (i) x - y > 10
(ii) x2 + y2 ≥ 10
(iii) x2 + 5x + 2 < 0
(iv) x ≥ 0
एक चर राशि की रैखिक असमिका:
एक ऐसी असमिका जिसमें केवल एक चर राशि हो तथा उसकी अधिकतम घात इकाई हो,
एक चर राशि वाली रैखिक असमिका कहलाती है । जैसे-
(i) 4x + 9 < 5
(ii) \(\frac{x}{7}\) ≥ 3
(iii) 7x – 1 > 13 आदि ।
एक चर राशि की रैखिक असमिकाओं का बीजगणितीय हल और उनका आलेखीय निरूपण (Algebraic Solution of Linear Inequalities in One Variable and Their Graphical Representation):
यदि हम निम्न असमिका पर विचार करें, 4x < 24
यहाँ पर असमिका का बायाँ पक्ष 4x तथा दायाँ पक्ष 24 है । यदि x = 0 के लिए,
बायाँ पक्ष x = 4 × (0) = 0 < 24 दायाँ पक्ष, जो कि सत्य है ।x = 1 के लिए,
बायाँ पक्ष = 4 × 1 = 4 < 24 दायाँ पक्ष, जो कि सत्य है। x = 2 के लिए,
बायाँ पक्ष = 4 × 2 = 8 < 24 दायाँ पक्ष, जो कि सत्य है । x = 3 के लिए,
बायाँ पक्ष = 4 × 3 = 12 < 24 जो कि सत्य है । x = 4 के लिए,
बायाँ पक्ष = 4 × 4 = 16 < 24 दायाँ पक्ष जो कि सत्य है 1 x = 5 के लिए,
बायाँ पक्ष = 4 × 5 = 20 < 24 दायाँ पक्ष, जो कि सत्य है । x = 6 के लिए, बायाँ पक्ष = 4 × 6 = 24 दायाँ पक्ष, जो कि सत्य नहीं है । हम देखते हैं कि असमिका को सत्य कथन करने वाले X के मान केवल, 0, 1, 2, 3, 4 तथा 5 हैं। x के उन मानों को जो दिये गये असमिका को एक सत्य कथन बनाते हों, उन्हें असमिका का हल कहते हैं तथा समुच्चय {0, 1, 2, 3, 4, 5} को हल समुच्चय कहते हैं । अतः चर राशि का वह मान जो एक चर राशि की किसी असमिका को सत्य कथन बनाता है, असमिका का हल कहलाता है । उपर्युक्त असमिका का हल प्रयास और भूल विधि (Trial and error method) से प्राप्त किया गया है, जो कि अधिक समय लेती है और कभी - कभी सम्भव भी नहीं होती है। अतः इन असमिकाओं को हल करने के लिए हम क्रमबद्ध तकनीक अपनाएंगे तथा कुछ नियमों का पालन करेंगे।
एक चर राशि की रैखिक असमिका को हल करने के सामान्य नियम
दो चर राशियों के रैखिक असमिकाओं का आलेखीय हल (Graphical Solution of Linear Inequalities in Two Variables):
निम्न असमिकाएँ ax + by < c, ax + by ≤ c, ax + by > c तथा ax + by ≥ c दो चर राशियों x तथा y में रैखिक असमिका कहलाती हैं ।
दो चर राशियों की रैखिक असमिका का हल आलेखीय विधि द्वारा ज्ञात करने के सामान्य नियम नीचे दिये गये हैं ।
(i) सबसे पहले दी गई असमिका में प्रयोग किये गये चिह्न, <, 2, ≤ को हटाकर उसके स्थान पर "=" चिह्न लगाकर संगत समीकरण में बदलते हैं । जैसे - असमिका ax + by ≤ c को समीकरण ax + by = c में बदलते हैं ।
(ii) अब प्राप्त की गई समीकरण (i) में x = 0 रखकर एक बिन्दु प्राप्त करते हैं जो y-अक्ष पर स्थित वह बिन्दु होता है जहाँ रेखा y-अक्ष को मिलती है। इसी प्रकार से y = 0 रखकर एक अन्य बिन्दु प्राप्त करते हैं, जहाँ रेखा x - अक्ष को मिलती है ।
(iii) पद (ii) से प्राप्त बिन्दुओं को आलेख करने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है जो दी गई असमिका से प्राप्त सरल रेखा को निरूपित करती है । यदि असमिका में अथवा हो तब गहरी काली रेखा खींचते हैं अन्यथा हल्की रेखा खींचते हैं।
(iv) अब दी गई असमिका में मूल बिन्दु के निर्देशांक (0, (0) रखते हैं। यदि ये सन्तुष्ट करते हैं, तब मूल बिन्दु की तरफ असमिका का हल क्षेत्र होता है। नहीं तो असमिका का हल क्षेत्र मूल बिन्दु की विपरीत दिशा की ओर होता है ।
(v) यदि दी गई असमिका में या हो तब रेखा पर स्थित बिन्दु भी हल क्षेत्र में शामिल होते हैं । यदि असमिका में < या > चिह्न हो तो रेखा पर स्थित बिन्दु हल क्षेत्र में शामिल नहीं होते हैं ।
असमिका का हल क्षेत्र:
वह क्षेत्र जिसमें किसी असमिका के सम्पूर्ण हल स्थित हों, उसे उस असमिका का हल क्षेत्र कहते हैं ।
दो चर राशियों की असमिका निकाय का हल (Solution of System of Linear Inequalities in Two Variables)
दो चर राशियों वाली दो या दो से अधिक असमिकाओं द्वारा बने निकाय को दो चर राशियों का असमिका निकाय कहते हैं ।
निकाय में प्रयुक्त प्रत्येक असमिका का हल क्षेत्र पूर्व की प्रश्नमाला में बताई गई विधि द्वारा ज्ञात करते हैं तथा फिर सभी असमिकाओं के हल क्षेत्र का उभयनिष्ठ हल क्षेत्र लेते हैं । यह उभयनिष्ठ हल क्षेत्र ही असमिका निकाय का हल क्षेत्र होता है । यदि कोई भी उभयनिष्ठ हल क्षेत्र नहीं हो तो असमिका निकाय का वास्तविक हल विद्यमान नहीं होता है ।
व्यावहारिक स्थितियों से युक्त कुछ ऐसी असमिका निकाय भी होते हैं जिनमें प्रयुक्त चर राशियाँ x तथा y प्रायः ऋणात्मक नहीं हो सकती हैं।
उदाहरण- खरीदी गई वस्तुओं की संख्या, किसी उद्योग द्वारा उत्पादित इकाइयों की संख्या, किसी कार्य को करने में लगा समय आदि ।
इन स्थितियों में सदैव x ≥ 0 तथा y ≥ 0 में होता है । अत: इनका हल क्षेत्र प्रथम चतुर्थांश में होता है ।
→ एक असमिका, दो वास्तविक संख्याओं या दो बीजीय व्यंजकों में <, >, ≤ या ≥ के चिह्न के प्रयोग से बनती हैं।
→ असमिकाएँ - समीकरण के दोनों पक्ष बराबर होते हैं, इसलिए मध्य में हम बराबर का चिह्न लगाते हैं । बायीं ओर के व्यंजक को वाम पक्ष तथा दायीं ओर के व्यंजक को दक्षिण पक्ष कहते हैं। लेकिन जब समीकरण के वाम पक्ष तथा दक्षिण पक्ष अर्थात् दोनों ही पक्ष बराबर नहीं हों तथा बराबर के चिह्न के स्थान पर > (बड़ा), < (छोटा), ≥ (बड़ा या बराबर), ≤ (छोटा या बराबर) में से कोई एक चिह्न लगा हो, तो उसे समीकरण न कहकर असमिका कहते हैं ।
→ रैखिक असमिका (Linear Inequation) - समीकरण ax + by + c = 0, जहाँ a, b, c वास्तविक संख्याएँ हैं, दो चर x तथा y में एक रैखिक समीकरण कहलाता है । असमिकाएँ ax + by ≤ c, ax + by ≥ c, ax + by < c तथा ax + by > c दो चर x तथा y में रैखिक असमिकाएँ कहलाती हैं ।
→ असमिका के सामान्य गुणधर्म
→ x के उन मानों (Values) को जो दिए गए असमिका को एक सत्य कथन बनाते हों, उन्हें असमिका का हल कहते हैं ।
→ x <a (या x > a) का संख्या रेखा पर आलेख खींचने के लिए संख्या रेखा पर संख्या a पर एक छोटा-सा वृत्त बनाकर, a से बायीं (या दायीं ओर की संख्या रेखा को गहरा काला कर देते हैं ।
→ x<a (या x≥ a) का संख्या रेखा पर आलेख खींचने के लिए संख्या रेखा पर संख्या a पर एक छोटा काला वृत्त बनाकर a से बायीं (या दायीं ओर की संख्या रेखा को गहरा काला कर देते हैं ।
→ यदि दो चरांकों की एक असमिका के चिह्न ≤ या ≥ हों तो रेखा पर स्थित बिन्दु, असमिका के हल में सम्मिलित होते हैं और असमिका का आलेख, समता द्वारा निरूपित गहरी मोटी रेखा के बायीं (नीचे) या दायीं (ऊपर) होता है जो उस क्षेत्र का कोई भी बिन्दु असमिका को सन्तुष्ट करता है
→ यदि दो चरांकों की एक असमिका के चिह्न < या > हों तो रेखा पर स्थित बिन्दु, असमिका के हल में सम्मिलित नहीं होते हैं और असमिका का आलेख, समता द्वारा निरूपित दानेदार रेखा के बायीं (नीचे) या दायीं (ऊपर) होता है जो उस क्षेत्र का कोई भी बिन्दु, असमिका को सन्तुष्ट करता है ।
→ असमिकाओं के निकाय का हल क्षेत्र, वह उभयनिष्ठ क्षेत्र है जो निकाय में सभी दी गई असमिकाओं को सन्तुष्ट करता है ।