RBSE Class 11 Geography Practical Notes Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट

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RBSE Class 11 Geography Practical Notes Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट

→ मौसम का अर्थ (Means of Weather) :
'मौसम' शब्द किसी स्थान विशेष तथा समय पर वायुमण्डलीय दाब, तापमान, आर्द्रता, वर्षण, मेघ एवं पवन की दृष्टि से वायुमण्डलीय दशाओं का प्रदर्शन करता है।

→ धरातलीय वेधशालाएँ (Surface Observatory) :

  • मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मौसम केन्द्रों से प्राप्त प्रेक्षणों के आधार पर मौसम मानचित्र बनाए जाते हैं।
  • भारत में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली में स्थित है।
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना 1875 में की गई थी।
  • विश्व स्तर पर मौसम सम्बन्धी प्रेक्षणों को निम्न दो स्तरों पर अभिलिखित किया जाता है
    • धरातलीय वेधशालाएँ,
    • अंतरिक्ष स्थित प्रेक्षण प्लेटफार्म।
  • धरातलीय वेधशाला अत्याधुनिक मौसमी यंत्रों से सुसज्जित होती है, जबकि अंतरक्षि आधारित वेधशाला उपग्रह से सूचना प्राप्त करती है। 

→ मौसमी यंत्र (Weather Instruments):
विभिन्न मौसमीय यन्त्रों में निम्नलिखित 4 मौसम यन्त्र उल्लेखनीय हैं

  • तापमापी,
  • वायुदाबमापी,
  • पवन वेगमापी,
  • वर्षामापी। 

RBSE Class 11 Geography Practical Notes Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट 

→ तापमापी (Thermometer):

  • तापमापी का उपयोग तापमान ज्ञात करने हेतु करते हैं। इसमें मापनी सेंटीग्रेड व फारेनहाइट में होती है।
  • स्टीवेंसन स्क्रीन का उपयोग तापमापियों को वर्षण व सूर्य की सीधी किरणों से बचाने हेतु करते हैं।
  • वायु में उपस्थित आर्द्रता को मापने के लिए शुष्क बल्ब तापमापी व आर्द्र बल्ब तापमापी का उपयोग किया जाता है। 

→ वायुदाबमापी (Barometer) :

  • वायुमंडलीय दाब को मापने वाला यंत्र वायुदाबमापी कहलाता है।
  • वायुदाबमापी, पारद वायुदाबमापी, निर्द्रव वायुदाबमापी व वायुदाब लेखी यंत्र वायुदाब मापने के प्रमुख यंत्र हैं। 

→ पवन वेगमापी (Animometer):
पवन की गति ज्ञात करने के काम आता है। 

→ वर्षामापी (Rain guage):

  • वर्षा की मात्रा को ज्ञात करने के काम आता है।
  • यह एक धातु या प्लास्टिक का बेलनाकार डिब्बा होता है जिसके मुँह पर कीप लगा होता है।
  • मौसम मानचित्र द्वारा पृथ्वी या उसके किसी भाग की मौसमीय परिघटनाओं का धरातल पर प्रदर्शन होता है।
  • भारत में स्थापित मौसम वेधशालाएँ मौसम सम्बन्धी आँकड़ों को प्रतिदिन दो बार केन्द्रीय वेधशाला पुणे को भेजती हैं। विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त मौसमीय दशाओं के आँकड़ों को एक चार्ट पर कोडिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। इन्हें सिनाप्टिक मौसम चार्ट कहते हैं तथा जो कोड प्रयोग में लाए जाते हैं उन्हें मौसम विज्ञान प्रतीक कहा जाता है। 

→ मौसम प्रतीक (Weather Symbols):

  • मौसम-प्रतीकों की सहायता से मानचित्र पर मौसम की दशाएँ प्रदर्शित की जाती हैं।
  • यह प्रतीक विश्व मौसम विज्ञान संगठन एवं राष्ट्रीय मौसम ब्यूरो से मान्यता प्राप्त होते हैं।
  • जलवायु के बहुत से आँकड़ों को मानचित्र पर समदाब रेखा, समताप रेखा, समवर्षा रेखा, आइसोहेल तथा सममेघ रेखाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।

→ मौसम-एक निश्चित स्थान एवं समय पर वायुमण्डलीय दाब, तापक्रम, आर्द्रता, वर्षण, मेघ एवं पवन की दृष्टि से लघु वायुमण्डलीय दशा, मौसम कहलाती है।

→ मानचित्र-किसी मापनी से लघुकृत हुए आयामों के आधार पर सम्पूर्ण पृथ्वी या इसके किसी भाग का चयनित संकेतात्मक व सामान्य प्रदर्शन मानचित्र कहलाता है।

→ वायुमंडल-पृथ्वी के चारों ओर फैले हुए गैसीय आवरण को वायुमण्डल कहते हैं।

→ वायुदाब- भूतल के किसी क्षेत्रीय इकाई पर पड़ने वाला वायुमण्डलीय दाब जिसकी माप किसी वायुदाबमापी से की जाती है। उसे वायुदाब कहते हैं।

→ आर्द्रता-किसी निश्चित तापमान पर वायु में विद्यमान नमी की मात्रा।

→ मौसम पूर्वानुमान-किसी निश्चित क्षेत्र में आगामी 12 से 48 घण्टों के दौरान मौसम की दशाओं के विषय में तर्कसंगत निश्चितता का पूर्वानुमान, मौसम पूर्वानुमान कहलाता है।

→ तापमापी-वायु के तापमान को मापने में प्रयुक्त यंत्र तापमापी कहलाता है।

→ वायुदाबमापी-वायुमण्डलीय दाब को मापने वाले यन्त्र को वायुदाबमापी कहते हैं।

→ उपग्रह-लघु खगोलीय पिण्ड जो किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।

→ जलवाष्प-वायुमण्डल में वाष्प की दशा में स्थित जल।

→ वाष्पीकरण-एक प्रक्रम जिसके द्वारा कोई पदार्थ तरल से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होता है।

→ मिलीबार-वायुदाब के माप की इकाई जो एक बार के एक हजार वे भाग अथवा 1000 डाइन के बराबर होती है।

→ पवन वेगमापी-वायु की गति ज्ञात करने वाला यंत्र पवन वेगमापी कहलाता है।

→ वर्षामापी-वर्षा की मात्रा को मापने में प्रयुक्त यंत्र वर्षामापी कहलाता है।

RBSE Class 11 Geography Practical Notes Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट

→ मौसम मानचित्र-पृथ्वी या उसके किसी भाग के मौसमी परिघटनाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन करने वाले मानचित्र मौसम मानचित्र कहलाते हैं।

→ अक्षांश-भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण भूतल पर स्थित किसी बिन्दु की पृथ्वी के केन्द्र से मापी गयी कोणिक दूरी।

→ मानसून-ये वे हवाएँ हैं जो मौसम के अनुसार अपनी दिशा में परिवर्तन करती हैं।

→ मौसम प्रतीक-मौसम सम्बन्धी दशाओं को दर्शाने वाले चिह्न।

→ हिमपात-तापमान हिमांक से नीचे होने पर हिम के रूप में होने वाली वर्षा ।

→ तड़ित झंझा-स्थानीय झंझावात या तूफान जिसमें हवाएँ तेजी से ऊपर उठती हैं और पूर्ण विकसित कपासी वर्षा मेघों की रचना करती हैं।

→ वर्षा-एक निश्चित समयावधि में किसी स्थान पर होने वाली वर्षा की मात्रा जिसे वर्षा मापी यंत्र द्वारा मापा जाता है।

→ जलवायु-किसी क्षेत्र विशेष के एक लम्बे समय तक के मौसम के सामान्य तत्व।

→ समदाब रेखाएँ-समान दाब वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समदाब रेखाएँ कहलाती हैं।

→ समताप रेखाएँ-समान ताप वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समताप रेखाएँ कहलाती हैं।

→ सममेघ रेखाएँ-समान औसत मेघावरण वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ सममेघ रेखाएँ कहलाती हैं।

→ समवर्षा रेखाएँ-दिए गए समय में समान औसत वार्षिक वर्षा वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समवर्षा रेखाएँ कहलाती हैं।

→ समप्रकाश रेखा (आइसोहेल)-प्रतिदिन माध्य सूर्य प्रकाश समप्रकाश रेखा की समान अवधि वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समप्रकाश रेखा या आइसोहेल कहते हैं।

Prasanna
Last Updated on Aug. 4, 2022, 10:46 a.m.
Published Aug. 4, 2022