RBSE Solutions for Class 11 Geography Chapter 2 संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Geography Chapter 2 संरचना तथा भूआकृति विज्ञान Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Geography Solutions Chapter 2 संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

RBSE Class 11 Geography संरचना तथा भूआकृति विज्ञान Intext Questions and Answers 

प्रश्न 1.
मिट्टी की उर्वरता गठन व स्वरूप अलग क्यों है ?
उत्तर:
विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं। इन्हीं चट्टानों में खनिज तत्व (ऑक्सीजन, सिलिकान, एल्यूमीनियम, लौह, कैल्सियम, सोडियम, पोटैशियम तथा मैग्नीशियम), जीवांश, जैविक जीवधारी (बैक्टीरिया) और जल तथा वायु के अवयव अलग-अलग अनुपात में पाये जाते हैं। इन्हीं अवयवों के आधार पर मिट्टी का स्वरूप, गठन व मिट्टी की उर्वरता निर्धारित होती है। अतः पृथ्वी के धरातल पर मिट्टियों में भिन्नता धरातलीय स्वरूप के अनुसार पाई जाती है।

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प्रश्न 2. 
क्या आप इंडियन प्लेट के उत्तर में खिसकने के परिणामों का अनुमान लगा सकते हैं ?
उत्तर:
इंडियन प्लेट में प्रायद्वीप भारत और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के भाग सम्मिलित हैं जो दो महाद्वीप प्लेटों की सीमा है। लगभग 22.5 करोड़ वर्ष पूर्व टैथीस सागर इसे एशिया महाद्वीप से अलग करता था और लगभग 20 करोड़ वर्ष पूर्व जब पैंजिया अलग हुआ तब भारतीय प्लेट ने उत्तर दिशा की ओर खिसकना प्रारम्भ कर दिया। लगभग 4 से 5 करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय प्लेट एशिया से टकराया और इसके परिणामस्वरूप हिमालय का निर्माण हुआ और इसके उत्तरी किनारों पर भंश पड़ गये।

इन विशाल भ्रंशों से काला भारी अवसाद बहने लगा जो आज भी साँपू तथा ऊपरी सिन्धु घाटी तथा मानसरोवर, लेह, द्रास, कारगिल और अन्य क्षेत्रों में पाया जाता है। धीरे-धीरे टैथीस सागर का जल कम होने लगा और 2 करोड़ वर्ष पूर्व यह सागर सिकुड़कर दक्षिणी भाग में एक छोटे से क्षेत्र तक सीमान्त रह गया और अवसाद के इस मोटे जमाव पर दबाव पड़ता रहा, जिसके परिणामस्वरूप यह संकुचित होता रहा जिससे इसमें अभिक्रान्त (incipient) पर्वत का निर्माण हुआ।

यह अवसाद मोड़ों में लगभग 20-25 लाख वर्ष पूर्व शिवालिक पर्वत श्रेणियों के रूप में ऊँचा उठा। एक गहरी दरार द्वारा शिवालिक श्रेणियाँ लघु हिमालय से अलग हो गईं। वहीं मुख्य सीमान्त भ्रंश (Main boundary fault) है जिसके सहारे अभी भी गति हो रही है। इससे स्पष्ट होता है कि वास्तव में हिमालय पर्वत अभी भी ऊँचा उठ रहा है। साथ ही इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में अभी भी भूकम्पों का आना यह स्पष्ट करता है कि इनमें अभी तक पूर्ण सन्तुलन नहीं है। झीलों के निकटवर्ती क्षेत्रों में पाये जाने वाले बालू और कंकड़, झीलों के वर्तमान जल तल से 700 से 900 मीटर की ऊँचाई पर मिलते हैं। इससे सिद्ध होता है कि धीरे-धीरे हिमालय ऊँचा उठ रहा है। हिमालय की नदियाँ अभी भी युवावस्था में हैं जो घाटियों को गहरा करती हुई आगे बढ़ रही हैं।

प्रश्न 3. 
क्या आप हिमालय से निकलने वाली व प्रायद्वीपीय नदियों की प्रवणता ज्ञात करके उनकी तुलना कर सकते हैं?
उत्तर:
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अधिक प्रवणता को दर्शाती हैं जबकि प्रायद्वीपीय नदियाँ कम प्रवणता को दर्शाती हैं। इसी कारण हिमालय की नदियाँ प्रायद्वीपीय नदियों की तुलना में अधिक अपरदन करती हैं व अवसादों को अपने साथ लेकर आती हैं। इनके द्वारा अधिक घाटियाँ, गार्ज व जलप्रपात बनाये जाते हैं।

प्रश्न 4. 
क्या आप भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के नाम बता सकेंगे? 
उत्तर:
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, चीन, बांग्लादेश तथा श्रीलंका। 

प्रश्न 5. 
क्या आप दक्षिण एशिया के देशों के भू-पर्यावरण पर हिमालय के प्रभाव को बता सकते हैं?
उत्तर:
हिमालय पर्वत पर जहाँ एक ओर आर्कटिक तुल्य शीत जलवायु मिलती है वहीं दूसरी ओर कुछ ही दूर पर गर्म घाटियाँ भी स्थित हैं। हिमालय पर्वत साइबेरिया और रूस की ओर से आने वाली ठण्डी और शुष्क पवनों से भारत की रक्षा करता है। इससे यहाँ न तो पूर्ण मरुस्थलीय और न ही अधिक ठण्डी जलवायु सम्बन्धी विषमता पायी जाती है। हिमालय की खड़ी हिम चोटियाँ तापमान एवं आर्द्रता को प्रभावित करती हैं। मानसूनों के मार्ग में हिमालय के सीधा पड़ने से यह अपनी ऊँचाई और स्थिति के कारण उनकी आर्द्रता को हिम या जल के रूप में ग्रहण कर लेता है इसके कारण हिमालय पर नदियाँ पनपती हैं और ढालों पर होने वाली वर्षा जल के साथ असंख्य झरनों के रूप में नदियों को जन्म देती हैं।

प्रश्न 6. 
प्रौढ़ावस्था में नदियाँ किन भू-आकृतियों का निर्माण करती हैं ?
उत्तर:
प्रौढ़ावस्था में नदियों में जल अधिक मात्रा में होता है साथ ही सहायक नदियाँ भी इसमें आकर मिल जाती हैं और 'यू' आकार की घाटियों का निर्माण कर उनको और भी चौड़ा बनाती हुई चलती हैं। मुख्य नदी के व्यापक और विस्तृत होने से बाढ़ के मैदान पाये जाते हैं, जिसमें घाटी के भीतर ही नदी विसर्प बनाती हुई प्रवाहित होती है। 

प्रश्न 7.
क्या आप कुछ अन्य प्रयागों के नाम बता सकते हैं जो भारत के अन्य भागों में स्थित हैं ?
उत्तर:
देव प्रयाग, विष्णु प्रयाग, कर्ण प्रयाग, रुद्र प्रयाग, प्रयागराज। 

प्रश्न 8. 
प्रायद्वीप पठार की मुख्य नदियों के नाम बताइए जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में गिरती हैं ? 
उत्तर:
प्रायद्वीपीय पठार की बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ अग्रलिखित हैं बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियाँ-महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, स्वर्णरेखा, ब्राह्मणी, वैतरणी, पेन्नार, ताम्रपर्णी आदि। अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ-नर्मदा, ताप्ती, लूनी, साबरमती, माही आदि।

प्रश्न 9. 
क्या आप इस चित्र में दिखाए गए बालू के टिब्बों के प्रकार को पहचान सकते
उत्तर:
हाँ इस चित्र में सामने की ओर उर्मिकाएँ व पश्च भाग की ओर बरखान प्रकार के बालुका स्तूप दिखाई दे रहे हैं।

प्रश्न 10. 
26 दिसम्बर, 2004 को अण्डमान और निकोबार द्वीपों पर एक प्राकृतिक आपदा ने कहर ढाया। क्या आप इस आपदा का नाम बता सकते हैं और इससे प्रभावित बाकी क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं ?
उत्तर:
26 दिसम्बर, 2004 को अण्डमान और निकोबार द्वीपों पर सुनामी नामक प्राकृतिक आपदा ने कहर ढाया था। इस आपदा से प्रभावित अन्य क्षेत्रों में कन्याकुमारी, रामेश्वरम्, केरल और चेन्नई प्रमुख थे। 

प्रश्न 11. 
पूर्वी तट के कुछ पत्तनों के नाम बताइए।
उत्तर:
विशाखापट्टनम्, हल्दिया, पारादीप, मछलीपट्टनम्, रामेश्वरम, चेन्नई, नागापट्टनम् आदि।

RBSE Class 11 Geography संरचना तथा भूआकृति विज्ञान Textbook Questions and Answers 

1. बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर का चयन करें
(i) करेवा भू-आकृति कहाँ पाई जाती है ? 
(क) उत्तरी-पूर्वी हिमालय
(ख) पूर्वी हिमालय 
(ग) हिमाचल-उत्तराखण्ड हिमालय
(घ) कश्मीर हिमालय। 
उत्तर:
(घ) कश्मीर हिमालय। 

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(ii) निम्नलिखित में से किस राज्य में 'लोकताक' झील स्थित है ?
(क) केरल
(ख) मणिपुर 
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) राजस्थान। 
उत्तर:
(ख) मणिपुर 

(iii) अण्डमान और निकोबार को कौन-सा जल क्षेत्र अलग करता है ? 
(क) 11° चैनल
(ख) 10° चैनल 
(ग) मन्नार की खाड़ी
(घ) अण्डमान सागर। 
उत्तर:
(ख) 10° चैनल 

(iv) डोडाबेटा चोटी निम्नलिखित में से कौन-सी पहाड़ी श्रृंखला में स्थित है ?
(क) नीलगिरि
(ख) कार्डामम । 
(ग) अन्नामलाई
(घ) नल्लामाला। 
उत्तर:
(क) नीलगिरि

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए

(i) यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह कौन-से तटीय मैदान से होकर जाएगा और क्यों ?
उत्तर:
यदि एक व्यक्ति को लक्षद्वीप जाना हो तो वह पश्चिमी तटीय मैदान से होकर जाएगा क्योंकि यह द्वीप पश्चिमी तटीय मैदान के मालाबार (केरल) तट से लगभग 280 किमी. की दूरी पर अरब सागर में स्थित है। यही मार्ग सबसे निकटतम दूरी वाला मा. होगा!

(ii) भारत में ठण्डा मरूस्थान कहाँ स्थित है ? इस क्षेत्र की मुख्य श्रेणियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत के 3 रो-पश्चिमी भाग पर विस्तृत कश्मीर हिमालय का उत्तरी-पूर्वी भाग भारत का एक ठण्डा मरुस्थल है। यह ठण्डा मरुस्ल वृहत् हिमालय तथा कराकोरम पर्वत श्रेणियों के मध्य विस्तृत मिलता है। कराकोरम तथा लद्दाख इसकी प्रमुख श्रेणियाँ हैं।

(iii) पश्चिमी तटीय मैदानों पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है?
उत्तर:
पश्चिमी तटीय मैदान एक मग्न तटीय मैदान है तथा इस प्रदेश में विवर्तनिक कारणों से भ्रंश घाटियाँ बनती रहती हैं। नर्मदा तथा ताप्ती आदि नदियाँ इन भ्रंश घाटियों से होकर ही समुद्र में गिरती हैं। इसी कारण ये नदियाँ कोई डेल्टा नहीं बनाती हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए

(i) अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूहों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करें। 
उत्तर:
अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी के द्वीप समूहों की तुलना

अरब सागर के द्वीप

बंगाल की खाड़ी के द्वीप

1. अरब सागर के द्वीप 8° उत्तर से 12° उत्तरी अक्षांश एवं 71° पूर्व से 74° पूर्वी देशान्तर के मध्य बिखरे हुए हैं।

1. बंगाल की खाड़ी के द्वीप 6° उत्तर से 14° उत्तरी अक्षांश एवं 92°  पूर्व से 94° पूर्वी देशान्तर के मध्य बिखरे हुए हैं।

2. ये द्वीप केरल तट से 280 से 480 किमी. दूर स्थित हैं।

2. ये द्वीप मुख्य भूमि से 220 किमी. की दूरी पर स्थित हैं।

3. इन द्वीपों की संख्या लगभग 36 है।

3. इन द्वीपों की संख्या लगभग 572 है।

4. इस द्वीप समूह के अधिकांश द्वीपों का निर्माण प्रवाल निक्षेप द्वारा हुआ है।

4. इस द्वीप समूह के अधिकांश द्वीप समुद्र में जलमग्न पर्वतों का हिस्सा हैं। कुछ द्वीप ज्वालामुखी से भी निर्मित हैं।

5. इस द्वीप समूह पर तूफान निर्मित पुलिन, आबद्ध गुटिकाएँ, शिंगिल, गोलाशिमकाएँ तथा गोलाश्म पाये जाते हैं।

5. इस द्वीप समूह पर असंगठित कंकड़, पत्थर एवं गोलाश्म पाये जाते हैं।

6. अरब सागर में कोई ज्वालामुखी नहीं पाया जाता है।

6. बंगाल की खाड़ी में बैरन आइलैण्ड़ नामक भारत का एकमात्र ज्वालामुखी निकोबार द्वीप पर पाया जाता है।

7. इस द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप मिनिकॉय है जिसका क्षेत्रफल 453 वर्ग किमी. है।

7. इस द्वीप समूह का सबसे बड़ा द्वीप ग्रेट निकोबार है।

8. इस द्वीप समूह पर कोई पर्वत चोटी नहीं पायी जाती है।

8. इस द्वीप समूह पर कई पर्वत चोटियाँ पायी जाती हैं। जिनमें सैडल चोटी प्रमुख है।

9. इस द्वीप समूह के प्रमुख द्वीपों में लक्षद्वीप, मिनिकॉय कनानोरे, अमीनी द्वीप, अलियोवेट आदि हैं।

9. इस द्वीप समूह के प्रमुख द्वीपों में रीची, अण्डमान, निकोबार, गंगा सागर, लवरीन्थ, श्री हरिकोटा आदि हैं।

10. आकार में अरब सागर के द्वीप छोटे हैं।

10. आकार में बंगाल की खाड़ी के द्वीप बड़े हैं।

11. इस द्वीप समूह के कई द्वीपों पर मानव निवास पाया जाता है।

11. इस द्वीप समूह के भी कई द्वीपों पर मानव निवास पाया जाता है।


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(ii) नदी घाटी मैदान में पाई जाने वाली महत्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ कौन-सी हैं ? इनका विवरण दें।
उत्तर:
उत्तर भारत का मैदान नदी घाटी मैदान भी कहलाता है। इस मैदानी भाग में उत्तर से दक्षिण दिशा में निम्नलिखित स्थलाकृतियाँ मिलती हैं-

  1. भाभर क्षेत्र
  2. तराई क्षेत्र
  3. जलोढ़ मैदान
  4. डेल्टाई क्षेत्र।

1. भाभर क्षेत्र-उत्तर भारत के विशाल मैदान की उत्तरी सीमा पर गिरिपाद मैदान मिलते हैं जो महीन मलबे तथा मोटे गोलाश्मों के मिश्रण से निर्मित हैं। इन्हें पंजाब में 'भाभर' तथा असम में 'दुआर' कहा जाता है। भाभर क्षेत्र 8 से 10 किमी. चौड़ाई की पतली पट्टी में शिवालिक गिरिपाद के समानांतर विस्तृत मिलते हैं। इस क्षेत्र के कुछ भागों में हिमालय पर्वतों से आकर प्रवाहित होने वाली नदियाँ भूमिगत हो जाती हैं।

2. तराई क्षेत्र-भाभर के दक्षिण में 10 से 20 किमी. चौड़ाई का तराई क्षेत्र विस्तृत मिलता है। भाभर क्षेत्र की भूमिगत नदियाँ इस क्षेत्र के धरातल पर निकलकर बहने लगती हैं। इन नदियों के सुनिश्चित प्रवाह क्षेत्र न होने के कारण यह क्षेत्र अनूप या दलदली बन जाता है।

3. जलोढ़ मैदान-तराई के दक्षिण में विस्तृत मैदानी भाग जलोढ़ मैदान हैं। इसमें पुराने जलोढ़ों से निर्मित तथा अपेक्षाकृत ऊँची भूमि वाला भाग 'बांगर' कहलाता है, जबकि नवीन जलोढ़ों से निर्मित बाढ़ के मैदान की निम्न भूमि का भाग 'खादर' कहलाता है। इस मैदान में बालू-रोधिका, विसर्प, गोखुर झीलें, गुंफित नदियाँ आदि नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली प्रमुख अपरदनी एवं निक्षेपात्मक स्थलाकृतियाँ पायी जाती हैं।

4. डेल्टाई क्षेत्र-उत्तर भारत के मैदान में बहने वाली नदियाँ अपने मुहाने पर विश्व के बड़े-बड़े डेल्टाओं का निर्माण करती हैं। उदाहरण के लिए-सुंदरवन डेल्टा। डेल्टा सामान्यतः एक सपाट मैदान होते हैं जिनकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई 50 से 100 मीटर होती है। गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने मुहाने के निकट विशाल डेल्टा का निर्माण किया है जो भारत व बांग्लादेश में विस्तृत है। ये मैदान-उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी के बने हुए होते हैं। यहाँ कई प्रकार की फसलें; जैसे- गेहूँ, चावल, गन्ना व जूट आदि उगायी जाती हैं। यहाँ जनसंख्या का घनत्व भी अधिक मिलता है। वास्तव में डेल्टाई क्षेत्र खादर क्षेत्र का ही विस्तृत रूप है।

(iii) यदि आप बद्रीनाथ से सुन्दरवन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो आपके रास्ते में कौन-सी प्रमुख स्थलाकृतियाँ आयेंगी ? ।
उत्तर:
बद्रीनाथ भारत के उत्तरी भाग उत्तराखण्ड हिमालय में स्थित एक पर्वतीय चोटी होने के साथ-साथ हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जिले में फूलों की घाटी के समीप स्थित है। यदि हम बद्रीनाथ से सुन्दरवन डेल्टा तक गंगा नदी के साथ-साथ चलते हैं तो हमें सबसे पहले वृहत् हिमालय तथा लघु हिमालय की वलित पर्वत श्रेणियों के साथ-साथ अलकनंदा नदी पर बसे नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग तथा रुद्रप्रयाग नामक नदी संगमों से होकर गुजरना होगा।

अलकनंदा तथा भागीरथी नामक गंगा की दो सहायक नदियों के मिलन स्थल देव प्रयाग से शिवालिक पर्वत श्रेणियों को पार करते हुए हरिद्वार के समीप हम मैदानी भाग में प्रवेश करेंगे। यहाँ से हम भाभर तथा तराई क्षेत्र से गुजरते हुए ऊपरी गंगा मैदान में प्रवेश करेंगे। पूर्व की ओर मध्यवर्ती गंगा के मैदानी भाग तथा निचले गंगा मैदानी भागों से होते हुए गंगा के डेल्टाई भाग में प्रवेश करेंगे। गंगा के डेल्टाई भाग में नदी विसर्प तथा गोखुर झीलों को पार करते हुए सुन्दरवन के डेल्टाई भाग पर पहुंचेंगे। सुन्दरवन डेल्टा सामान्यतः एक सपाट मैदानी भाग है जिसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई 50 से 100 मीटर के मध्य है। 

परियोजना/क्रियाकलाप 

प्रश्न:
एटलस की सहायता से पश्चिम से पूर्व की ओर स्थित हिमालय की चोटियों को लिखिए। 
उत्तर:
पश्चिम से पूर्व की ओर स्थित हिमालय की मुख्य चोटियाँ 

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पर्वत

ऊँचाई

नंगा पर्वत (पंजाब हिमालय)

8,126 मीटर

के 2 (कराकोरम)

8,611 मीटर

एवरेस्ट पर्वत (नेपाल)

8,848 मीटर

मकालू (नेपाल हिमालय)

8,481 मीटर

कंचनजंगा (नेपाल हिमालय)

8,598 मीटर

नामचा बरवा (असम हिमालय)

7,756 मीटर

 
नोट-नेशनल ज्योग्रॉफी सोसायटी वाशिंगटन (सं. रा. अमेरिका) के जी. पी. एस. सर्वेक्षण मई 2000 के अनुसार माउण्ट एवरेस्ट की ऊँचाई 8,848 मी. से बढ़कर 8,850 मीटर हो गयी है।

(ii) 
आप अपने राज्य में पाई जाने वाली स्थलाकृतियों की पहचान करें और इन पर चलाए जा रहे मुख्य आर्थिक कार्यों का विश्लेषण करें।
उत्तर:
मेरा निवासित राज्य राजस्थान है। यहाँ अनेक स्थलाकृतियाँ मिलती हैं, जिनमें पश्चिम में मरुस्थलीय क्षेत्र की बरखान, वात रन्ध्र, यारडांग, ज्यूजेन, लोएस का मैदान, छत्रक आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अरावली पर्वतीय प्रदेश में गिरिपाद क्षेत्र मिलता है। पूर्वी मैदानी भाग में नदी निर्मित गहरे-गड़े व बीहड़ मिलते हैं। पश्चिमी मैदानी भागों में शुष्क कृषि की जाती है तथा पशुचारण का कार्य मुख्य आर्थिक क्रियाकलाप है। पूर्वी मैदानी क्षेत्र व गिरिपाद क्षेत्र में भी पशुपालन मुख्य आर्थिक क्रिया है।

Prasanna
Last Updated on Sept. 22, 2022, 5:35 p.m.
Published Aug. 5, 2022