These comprehensive RBSE Class 11 Geography Notes Chapter 8 वायुमंडल का संघटन तथा संरचना will give a brief overview of all the concepts.
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→ वायुमंडल का अर्थ (Means of Atmosphere):
→ वायुमंडल का संघटन (Composition of Atmosphere):
→ वायुमंडल की संरचना (Structure of Atmosphere):
→ वायुमण्डल (Atmosphere)-पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु गैस के विस्तृत फैलाव को वायुमण्डल कहते हैं।
→ जलवाष्प (Water Vapour)-वायुमण्डल में उपस्थित परिवर्तनीय गैस जोकि ऊँचाई के साथ घटती है।
→ सौर विकिरण (Solar Radiation)-सूर्य की सतह से लघु तरंगों द्वारा विकीर्ण ऊर्जा जो 1,86,000 मील प्रति सेकण्ड की गति से चलकर धरातल पर पहुँचती है।
→ पार्थिव विकिरण (Earth Radiation)-पृथ्वी से टकराकर पुनः अन्तरिक्ष की ओर दीर्घ तरंगों के रूप में लौटने वाली किरणों को पार्थिव विकिरण कहा जाता है।
→ ग्रीन हाउस प्रभाव (Green House Effect)-वायुमण्डल में ऊष्मा का अवरुद्ध हो जाना न्यून तरंगदैर्ध्य का सूर्य विकिरण वायुमण्डल में प्रवेश करता है लेकिन जाने वाला अधिक तरंगदैर्ध्य का विकिरण हरित गृह गैसों के द्वारा अवशोषित हो जाता है एवं पृथ्वी पर पुनर्विकरित कर दिया जाता है। इसके कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है।
→ जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels)- भूगर्भ में दबे हुए जीवों के अंश से निर्मित ऊर्जा प्राप्ति के साधन (कोयला, पेट्रोल, प्राकृतिक गैस)।
→ पराबैंगनी किरणें (Ultraviolet Rays)-सूर्य से विकीर्ण होने वाली अत्यंत लघु विद्युत चुम्बकीय तरंगें जिनकी लम्बाई एक्सरे तरंगों से अधिक किन्तु दृष्ट प्रकाश के बैंगनी रंग से कम होती है। प्राणियों की त्वचा पर पराबैंगनी किरणें विटामिन 'डी' की उत्पत्ति में सहायक होती हैं। किन्तु अधिक पराबैंगनी विकिरण भूतल पर जीवन के लिए घातक होता
→ उष्ण कटिबंध (Torrid/Tropical Zone)- भूमध्य रेखा के दोनों ओर अयनवृत्तों के मध्य स्थित पृथ्वी का भाग। इस कटिबंध में वर्ष के कुछ महीनों को छोड़कर सूर्य की किरणें लगभग लम्बवत् चमकती हैं।
→ रेगिस्तान (Desert)-वह वीरान क्षेत्र जहाँ नमी के अभाव में वनस्पतियों का विकास नहीं हो पाता है यद्यपि यत्र-तत्र छोटी घासें तथा छोटी-छोटी झाड़ियाँ पायी जाती हैं।
→ विषुवत रेखा (Equator)-ग्लोब पर दोनों ध्रुवों के मध्य से गुजरने वाला काल्पनिक वृत्त जो ग्लोब को दो समान भागों में विभक्त करता है। पृथ्वी के केन्द्र से गुजरने वाला तल जो भूअक्ष पर लम्बवत् होता है।
→ आर्द्रता (Humidity)-किसी निश्चित तापमान पर वायु में विद्यमान आर्द्रता की मात्रा को सामान्यतः प्रतिशत में मापा जाता है।
→ शुष्क प्रदेश (Arid Zone or Arid Land)-वह प्रदेश जहाँ वर्षा की मात्रा इतनी कम होती है कि वह वनस्पतियों के विकास के लिए अपर्याप्त होती है। सामान्यतः उस क्षेत्र को शुष्क प्रदेश माना जाता है।
→ क्षोभमण्डल (Troposphere)-वायुमण्डल का सबसे निचला स्तर जिसकी औसत ऊँचाई 13 किमी. है। इसमें जलवाष्प एवं मेघ पाये जाते हैं।
→ मौसम (Season)-किसी स्थान विशेष पर किसी लघु समय में वायुमण्डलीय दशाओं के योग को मौसम कहते हैं। वायुमण्डलीय दशाओं में तापमान वायुदाब वर्षा, हवाएँ, आर्द्रता आदि को शामिल करते हैं।
→ समतापमण्डल (Stratosphere)-क्षोभ सीमा के ऊपर 50 किमी. की ऊँचाई तक का भाग समतापमण्डल कहलाता है। इसमें ओजोन परत पाई जाती है।
→ क्षोभसीमा (Tropopause)-वायुमण्डल में क्षोभमण्डल और समताप मण्डल के मध्य स्थित विच्छेदन तल जो दोनों मण्डलों को पृथक् करता है। यह एक पतली परत के रूप में मिलता है जिसकी मोटाई लगभग 1.5 किमी. है।
→ ओजोन मण्डल (Ozonosphere)-समताप मण्डल के निचले भाग में भूतल से लगभग 20 और 50 किमी. ऊँचाई के मध्य स्थित वायुमण्डलीय पेटी जिसमें ओजोन गैस की प्रधानता पायी जाती है।
→ मध्य मंडल (Mesosphere)-भूतल से लगभग 50 किमी से 80 किमी की ऊँचाई तक का वायुमण्डल जिसमें ऊँचाई के साथ तापमान में ह्रास होता जाता है। इसके नीचे समताप सीमा और ऊपर मध्य सीमा स्थित है।
→ मध्यमंडल सीमा (Mesopause)-भूतल से लगभग 80 किमी की ऊँचाई पर मध्यमण्डल के ऊपर स्थित पतली परत जिसमें वायुमण्डल का न्यूनतम तापमान पाया जाता है। वायुमण्डल में न्यूनतम तापमान की यह सीमा मध्य मण्डल सीमा कहलाती है।
→ आयनमण्डल (Ionosphere)-समतापमण्डल के ऊपर वायुमण्डल का भाग जिसमें ऐसी विशिष्ट परत पायी जाती है जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों को पुनः पृथ्वी पर परावर्तित करती है।
→ बहिर्मण्डल (Exosphere)-पृथ्वी के वायुमण्डल का सबसे ऊपरी भाग जिसके विषय में अभी विशेष ज्ञात नहीं हो सका है। यह मण्डल धरातल से लगभग 640 किमी. के ऊपर व्याप्त है।
→ जलवायु (Climate)-दीर्घ अवधि (कई वर्ष) के दौरान मौसम सम्बन्धी दशाओं के साधारणीकरण को जलवायु कहते हैं।